वित्तीय दलालों

उपरोक्त सुधारों को लागू करने और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए विद्युत मंत्रालय और राज्य सरकारों के साथ-साथ वितरण कंपनियों ने ठोस प्रयास किए है। जिसके परिणामस्वरूप विद्युत व्यवस्था की व्यवहार्यता में सुधार हुआ है। ये सुधार करना आवश्यक भी था क्योंकि बिजली की मांग बढ़ रही है और बढ़ती मांग को पूरा करने और विद्युत क्षेत्र के विस्तार और निवेश के लिए ये आवश्यक भी थे, तभी निवेश भी आएगा और विद्युत क्षेत्र व्यवहार्य भी बना रहेगा।
वित्त वर्ष वित्तीय दलालों 2022 में डिस्कॉम की सकल तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों में उल्लेखनीय कमी आई
सकल तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (एटी एंड सी लॉस) एवं एसीएस-एआरआर गैप (अंतर) डिस्कॉम के कार्य प्रदर्शन के प्रमुख संकेतक होते हैं। पिछले 2 वर्षों में, देश के डिस्कॉम्स की एटी एंड सी हानि 21 से 22 प्रतिशत के बीच रही। विद्युत मंत्रालय ने यूटिलिटीज के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। 96 प्रतिशत से अधिक इनपुट ऊर्जा का योगदान करने वाली 56 डिस्कॉम्स के आंकड़ों का शुरूआती विश्लेषण यह दर्शाता है कि डिस्कॉम्स की सकल तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों में महत्वपूर्ण कमी दर्ज हुई है। ये हानियां जो वित्त वर्ष 2021 में 22 प्रतिशत थी, 2022 में घटकर 17 प्रतिशत हो गई।
एटीएंडसी हानियों में कमी से यूटिलिटीज की वित्तीय दलालों वित्तीय स्थिति बेहतर होती है, जो इन्हें अपनी प्रणाली को बेहतर बनाए रखने और अपनी आवश्यकतानुसार बिजली खरीदने में सक्षम बनाती है। इसके अलावा इससे उपभोक्ता भी लाभान्वित होते है। एटीएंडसी हानियों में कमी से आपूर्ति की औसत लागत (एसीएस) और औसत वसूली योग्य राजस्व (एआरआर) के बीच के अंतर में कमी आई है। एसीएस-एआरआर गैप (सब्सिडी प्राप्त आधार पर, नियामक आय और उदय अनुदान को छोड़कर) में कमी आई है, जो वित्त वर्ष 2021 में 0.69 रुपये किलोवॉट प्रति घंटा से घटकर वित्त वर्ष 2022 में 0.22 रुपये किलोवॉट प्रति घंटा हो गई थी।
कर्तव्य पथ पर हुआ पहली बार ‘दिव्य कला मेले’ का आग़ाज़
दिल्ली के इंडिया गेड के कर्तव्य पथ पर दिव्य कला मेले का केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक भी उपस्थित थी। 2 से 7 दिसंबर तक चलने वाले इस मेले का उद्देश्य देश भर के दिव्यांग कारीगरों, शिल्पकारों और हस्तकारों के उत्पादों और शिल्प कौशल का बड़ा मंच प्रदान करना है। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा मेले का उद्देश्य दिव्यांगजनों के जीवन मे आत्मनिर्भरता लाना है, उन्होंने कहा इस प्रकार के आयोजन से दिव्यांगों का वित्तीय दलालों बड़े मंच के साथ अपने उत्पादों के प्रर्दशन और बिक्री का भी मौक़ा मिलेगा और भविष्य में बड़े-बड़े व्यापारियों से भी जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि देश भर अब दिव्य कला मेला का आयोजन होगा। इस मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले चारो वित्त निगम NHFDC, NBCFDC, NSFDC और NSKDFC k के विभिन्न चैनल सहभागियों के माध्यम से दस्तकारों को सवधि ऋण योजनाओं और माइक्रो फाइनेन्स योजनाओ के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह कार्यक्रम आगंतुकों को जम्मू और कश्मीर एवं पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के विभिन्न भागों के जीवंत उत्पादों, हस्तशिल्प, हथकरघा, एम्ब्रोएडरी के काम और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ आदि को एक साथ देखने का रोमांचक अनुभव प्रदान करेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस विभाग में निकली बंपर वैकेंसी
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में शिक्षित बेरोजगारों के सरकारी नौकरी (Government Job) का सपना पूरा होने वाला है. राज्य सरकार ने अलग अलग विभागों में करीब 5 हजार वित्तीय दलालों वैकेंसी निकालने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने शुक्रवार दूसरे अनुपूरक बजट में इसकी घोषणा की. सर्वाधिक वेकेंसी पुलिस विभाग में निकाली जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 नए आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस कॉलेज खोलने का भी ऐलान किया है.
दरअसल शुक्रवार को छत्तीसगढ़ वित्तीय दलालों विधानसभा विशेष सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर वित्त मंत्री वित्तीय साल 2022-23 के लिए दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया. विधानसभा में 4 हजार 337 करोड़ 75 लाख 93 हजार 832 रूपये का दूसरा अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है. इसमें मुख्यमंत्री ने अलग अलग योजनाओं के लिए बजट में अतिरिक्त प्रावधान किया है. इसी दौरान उन्होंने कुल 4 हजार 784 पदों पर सरकारी भर्ती की घोषणा की है.
सोषल मीडिया यूजर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं -नाबालिग लड़की के दुष्कर्म से संबंधित सभी प्रकार की पहचान कर रहे हे उजागर, पीड़ित पिता ने आरोपीय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की
जबकि दुष्कर्म की पीडित महिला की सभी किस्म की पहचान छुपाने का सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दे रखे हैं। करीब 15 साल की नाबालिग लडकी की किसी युवक के साथ दुष्कर्म की वीडियो वायरल होने के बाद दो दिन पहले ही नाबालिग लड़की के पिता ने आरोपी के खिलाफ नगीना थाने में दुष्कर्म और 4 पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद से ही यूट्यूब और फेसबुक के मैसेंजर आदि सोषल मीडिया पर नग्न वीडियो जमकर वायरल हो रही है। इतना ही नहीं कुछ यूटयूब यूजर लडकी का नाम, गांव, आयु और फोटो के साथ बेखौफ खबर बना रहे हैं।