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क्रिप्टोकरसी से नुकसान क्या है

क्रिप्टोकरसी से नुकसान क्या है
क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

Cryptocurrency में निवेश का बना लिया है मन तो Crypto 101 के बारे में जान लें सबकुछ, वरना हो सकती है दिक्कत!

बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह क्रिप्टोकरसी से नुकसान क्या है की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

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क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति हैं- जिनका उपयोग आप निवेश के रूप में और यहां तक ​​कि ऑनलाइन खरीदारी के लिए भी कर सकते हैं। यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है, जिससे नकली या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है। लेकिन यहां पर ये ध्यान देने वाली बात है कि, क्रिप्टोकरेंसी भौतिक रूप से मौजूद नहीं है, जिसका अर्थ है कि आप एक बिटकॉइन नहीं उठा सकते हैं और इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। और भारतीय रुपये के विपरीत, कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य को बनाए रखता है।

इसके अलावा, क्रिप्टोक्यूरेंसी के प्रत्येक सिक्के में प्रोग्राम या कोड की एक अनूठी लाइन होती है। इसका मतलब है कि इसे कॉपी नहीं किया जा सकता है, जिससे उन्हें ट्रैक करना और पहचानना आसान हो जाता है।

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यह कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी को सरकार जैसे केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा समर्थित नहीं किया जाता है। इसके बजाय, ये कंप्यूटर की एक श्रृंखला में चलते हैं। यह बिना किसी बिचौलिए के वेब पर पीयर-टू-पीयर से एक्सचेंज किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी का विकेंद्रीकरण किया जाता है – जिसका मतलब है कि कोई भी सरकार या बैंक यह प्रबंधित नहीं करता है कि वे कैसे बने हैं, उनका मूल्य क्या है, या उनका आदान-प्रदान कैसे किया जाएगा। सभी क्रिप्टो लेनदेन क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित हैं – जिसका अर्थ है कि यह केवल बेचने वाले और खरीदने वाले को इसकी सामग्री देखने की अनुमति होती है।

आप क्रिप्टोकरेंसी को कैसे स्टोर कर सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन ‘वॉलेट’ में स्टोर किया जा सकता है, जिसे आपकी ‘private key’ के यूज से एक्सेस किया जा सकता है। अगर इसे समझा जाए तो एक सुपर-सुरक्षित पासवर्ड के बिना क्रिप्टो को एक्सचेंज नहीं किया जा सकता।

किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है?
बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि क्रिप्टोकरसी से नुकसान क्या है भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। कॉइनमार्केट कैप के अनुसार, वर्तमान में 6,000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?
इस सवाल का जवाब भी अब आसान हो गया है। बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब बाजार में ढेरो क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं। ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं। इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं।

सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा। इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे।

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रूख क्या है?

फिलहाल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कवर करने वाली कोई कानून नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होना अवैध है। इस बीच, भारत को अभी तक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन को प्रस्तुत करना बाकी है, जो “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा” के शुभारंभ के लिए नियामक ढांचा तैयार करेगा, इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन हितधारकों के साथ चर्चा के चलते इसे टाल दिया गया। आपको बता दें अब तक, केवल कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी तौर पर स्वीकार किया है और यह सूची काफी छोटी है।

Cryptocurrency Exchange: सावधान! क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वालों को लगा झटका, इस फर्जीवाड़े के कारण हुआ 1000 करोड़ रुपये का नुकसान

Cryptocurrency In India: नकली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के कारण भारतीय निवेशकों को 128 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा है.

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Cryptocurrency Exchange: सावधान! क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वालों को लगा झटका, इस फर्जीवाड़े के कारण हुआ 1000 करोड़ रुपये का नुकसान

Cryptocurrency List: वर्तमान दौर में निवेश के कई विकल्प सामने आ चुके हैं. इनमें क्रिप्टोकरेंसी निवेश का एक नया विकल्प है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से लोगों को एक झटके में लाखों रुपये कमाते हुए देखा गया है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी से कब झटका लग जाए इसके बारे में भी कहा नहीं जा सकता है. अब क्रिप्टोकरेंसी के कारण लगभग 1000 करोड़ रुपये के नुकसान होने की जानकारी सामने आई है.

झेलना पड़ा नुकसान

वहीं नकली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के कारण भारतीय निवेशकों को 128 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा है. एक नई रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है. साइबर-सुरक्षा कंपनी क्लाउडएसईके के मुताबिक उसने कई फिशिंग डोमेन और एंड्रॉइड-आधारित नकली क्रिप्टो एप्लिकेशन से जुड़े एक चल रहे ऑपरेशन का खुलासा किया है.

गंवा दिए लाखों रुपये

दरअसल, क्लाउडएसईके को एक पीड़ित ने संपर्क किया था. पीड़ित ने बताया कि उसने इस तरह के एक क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में कथित तौर पर जमा राशि, कर इत्यादि जैसी अन्य लागतों के अलावा 50 लाख रुपये यानी करीब 64,000 डॉलर खो दिए थे.

1000 करोड़ रुपये का नुकसान

क्लाउडएसईके के संस्थापक और सीईओ राहुल ससी ने कहा, "लोगों को इस तरह के क्रिप्टो घोटालों के जरिए 128 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1,000 करोड़ रुपये तक का चूना लगाया है. जैसे ही निवेशक क्रिप्टोकरेंसी बाजारों पर अपना ध्यान लगाते हैं तो स्कैमर और धोखेबाज भी उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं."

सोशल मीडिया प्रोफाइल का लेते हैं सहारा

रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह का फर्जीवाड़ा करने के लिए स्कैमर पहले नकली डोमेन बनाते हैं. यह वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की नकल होती है. इस प्लेटफॉर्म को असली वेबसाइट की तरह ही डिजाइन किया जाता है. इसके बाद स्कैम करने वाले लोग पीड़ित से संपर्क करने और उससे दोस्ती करने के लिए सोशल मीडिया पर एक महिला की प्रोफाइल बनाते हैं.

देते हैं क्रेडिट

इस प्रोफाइल के जरिए पीड़ित को क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरसी से नुकसान क्या है में निवेश करने और व्यापार शुरू करने के लिए कहा जाता है. साथ ही फर्जी क्रिप्टो एक्सचेंज गिफ्ट के रूप में 100 डॉलर का क्रेडिट भी देते हैं. वहीं शुरुआत में पीड़ित शख्स की ओर से मुनाफा भी कमाया जाता है. इसके बाद बढ़िया रिटर्न देने का वादा करते हुए स्कैमर की ओर से पीड़ित से बड़ी राशि निवेश करने के लिए कहा जाता है.

खाता कर देते हैं फ्रीज

इसके बाद जब पीड़ित की ओर से नकली एक्सचेंज में रकम बढ़ाई जाती है तो स्कैमर की ओर से उसका खाता फ्रीज कर दिया जाता है. इसके बाद पीड़ित अपना पैसा वापस नहीं ले सकता और पीड़ित के पैसे गायब हो जाते हैं. इसके बाद जब पीड़ित अपने खाते के एक्सेस के लिए शिकायत करता है तो इसी फर्जी एक्सचेंज के जांचकर्ता वहां जांच करने लिए पहुंचते हैं.

मांगते है गोपनीय जानकारी

इसके बाद जांचकर्ता फ्रीज संपत्तियों को हासिल करने के लिए पीड़ितों से ईमेल के जरिए गोपनीय जानकारी जैसे आईडी कार्ड और बैंक विवरण मांगते हैं, जिसका इस्तेमाल अन्य नापाक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है.

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