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निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न

निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न
तीन महीने में 5 म्‍यूचुअल फंड ने बैंक एफडी के मुकाबले 5 गुना से ज्‍यादा रिटर्न दिया है। जिसमें एक फंड एसबीआई का शामिल है। ( Express Photo by Anand Singh )

पैसे जमा करने का सबसे आसान तरीका, पोस्ट ऑफिस की इन सात योजनाओं में करें निवेश

यहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न

पैसा तो हर कोई कमाना चाहता है लेकिन बार फाइनेंशल प्लानिंग के बावजूद हम अपना वित्तीय लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते। ऐसे में अगर आपको घर बैठे ही पैसा कमाने का मौका मिले, तो आप क्या कहेंगे। देश में कई ऐसी सरकारी योजनाएं हैं, जिनमें निवेश कर लोग मुनाफा कमा रहे हैं। पोस्ट ऑफिस में निवेशकों के लिए तमाम तरह की जमा योजनाएं उपलब्ध हैं। इन्हें छोटी बचत स्कीम भी कहते हैं। इन स्कीम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इन पर सरकार का हाथ है और कुछ योजनाओं में सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है।

सरकार हर तिमाही में इनकी ब्याज दरें तय करती है। इन योजनाओं पर ब्याज दरों की समय-समय पर समीक्षा की जाती है। आइए जानते हैं पोस्ट ऑफिस की सात लाभदायक योजनाओं के बारे में।

पीपीएफ

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)
पीपीएफ में निवेश सबसे ज्यादा सुरक्षित बताया जाता है। आयकर कानून की धारा 80सी के तहत पीपीएफ में निवेश और उस पर मिलने वाले ब्याज करमुक्त होता है। इस योजना की अवधि 15 साल होती है जिसे हर पांच साल में बढ़ाया जा सकता है।

पीपीएफ पर पहले 7.9 फीसदी का ब्याज मिलता था जो अब घटकर 7.1 फीसदी हो गया है। कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया। इस योजना में न्यूनतम 500 रुपये से लेकर अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं।

High Return Investment: सोना नहीं, चांदी करायेगा मोटी कमाई, 3 साल में मिलेगा 250 फीसदी तक का तगड़ा रिटर्न

कम समय में ज्यादा पैसे कमाने हैं, तो सोना या म्यूचुअल फंड नहीं, चांदी में करें निवेश. जानें क्यों सिल्वर में इन्वेस्ट करने की सलाह दे रहे हैं एक्सपर्ट.

मोटा मुनाफा कमाना है, तो चांदी में कर सकते हैं निवेश

High Return Investment: सुरक्षित और अच्छे रिटर्न के लिए लोगों के पास कई विकल्प होते हैं. शेयर बाजार में जब मंदी आती है, तो लोगों को सबसे ज्यादा सोना (Gold) ही आकर्षित करता है. सुरक्षित निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड का विकल्प चुनते हैं. चांदी (Silver Price) में भी बड़े पैमाने पर निवेश होता है, लेकिन यह सफेद धातु लोगों को उतना आकर्षित नहीं करता, जितना सोना (Gold Price) या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund).

तीन साल में 250 फीसदी का रिटर्न देगी चांदी

अब वक्त आ गया है कि सोना और म्यूचुअल फंड का मोह छोड़कर आप चांदी में निवेश करें. बाजार के विशेषज्ञ यही कह रहे हैं. मार्केट एक्सपर्ट कहते हैं कि सोना भले आने वाले दिनों में 52,000 रुपये के स्तर को छू ले, लेकिन चांदी (Silver Price) महज तीन साल में आपके निवेश को ढाई गुणा कर देगा. यानी चांदी (Silver Rate) में अगर अभी निवेश किया, तो तीन निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न साल बाद आपको 250 फीसदी का बंपर रिटर्न मिलेंगे.

साल के अंत तक 80 हजार हो जायेगी चांदी की कीमत

बाजार के जानकारों का कहना है कि काफी दिनों से मंदी के दौर से गुजर रही चांदी इसी साल के अंत तक 80,000 रुपये के स्तर को छू लेगी. यानी चांदी की कीमत दिसंबर 2022 तक 80 हजार रुपये प्रति किलो हो सकती है. इस स्तर को पार करने के बाद भी चांदी की रफ्तार थमेगी नहीं. वर्ष 2024 तक चांदी की कीमत प्रति किलोग्राम 1.50 लाख रुपये तक हो जायेगी. यानी वर्तमान कीमत से ढाई गुणा ज्यादा.

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चांदी में निवेश करके हो जायेंगे मालामाल

मार्केट एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अभी अगर चांदी में निवेश किया, तो आने वाले कुछ ही सालों में आप मालामाल हो सकते हैं. म्यूचुअल फंड और सोना के मुकाबले चांदी कई गुणा ज्यादा रिटर्न देगी. महंगाई को देखते हुए माना जा रहा है कि भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी प्रमुख देशों में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं. इसका नतीजा यह होगा कि इक्विटी मार्केट में गिरावट आयेगी. यानी निवेश पर मुनाफा कम होगा.

गोल्ड में निवेश घटेगा, सिल्वर में बढ़ेगा

कोरोना महामारी की तीसरी लहर आ चुकी है. यह दौर जब निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न खत्म होगा, तो बाजार में अनिश्चितता कम होगी. इसके बाद गोल्ड में निवेश घटने और सिल्वर में तेजी आने की उम्मीद बाजार के जानकार जता रहे हैं. यह चांदी अगले कुछ वर्षों तक जारी रहने की उम्मीद है. अगर चांदी 1.50 लाख रुपये के स्तर तक चली जाती है, तो निवेशकों को 250 फीसदी रिटर्न मिलना तय है. चांदी की कीमत अभी 61 हजार रुपये के आसपास है.

चांदी में तेजी की वजह

बाजार के जानकार बताते हैं कि चांदी की डिमांड में जितनी तेजी है, उस हिसाब से सफेद चमकीली धातु जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसके खनन में अभी उतनी तेजी नहीं आयी है. वर्ष 2018 से 2020 के बीच चांदी के उत्पादन में लगातार कमी देखी गयी है. दरअसल, ऑटोमोबाइल, सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री में चांदी की मांग तेजी से बढ़ रही है. पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी में चांदी का इस्तेमाल हो रहा है, जिसकी वजह से इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है.

Posted By: Mithilesh Jha

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एसबीआई के यह पांच म्‍यूचुअल फंड करा सकते हैं एफडी से ज्‍यादा कमाई, जानिए कितना मिलेगा ब्‍याज

म्‍यूचुअल फंड में वैसे लांग टर्म में निवेश की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर आप एक साल के लिए भी निवेश करते हैं तो एफडी से ज्‍यादा कमाई कराते हैं। आज हम आपको स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया के पांच ऐसे में म्‍यूचुअल फंड के बारे में बताएंगे जिन्‍होंने बीते एक साल में अच्‍छा रिटर्न दिया है।

एसबीआई के यह पांच म्‍यूचुअल फंड करा सकते हैं एफडी से ज्‍यादा कमाई, जानिए कितना मिलेगा ब्‍याज

तीन महीने में 5 म्‍यूचुअल फंड ने बैंक एफडी के मुकाबले 5 गुना से ज्‍यादा रिटर्न दिया है। जिसमें एक फंड एसबीआई का शामिल है। ( Express Photo by Anand Singh )

एसबीआई डेट फंड्स द्वारा डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का निवेश किया जाता है। ये फंड निवेशकों को आयमें स्थिरता लाने के साथ-साथ उनके रुपयों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशकों के लिए भी यह फंड काफी अच्‍छे हैं। एसबीआई म्यूचुअल फंड में भारत के कुछ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले डेट फंड हैं। सर्वश्रेष्ठ एसबीआई योजनाओं को उनके पिछले प्रदर्शन, एयूएम और अन्य कारकों के आधार पर चुना गया है। जो निवेशक निवेश करना चाहते हैं, वे इन फंडों में ऐसा कर सकते हैं और स्थिर आय बनाने के लिए डेट मार्केट से लाभ उठा सकते हैं।

डेट म्यूचुअल फंड आपके पैसे का एक बड़ा हिस्सा फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज जैसे सरकारी बांड, डिबेंचर, कॉरपोरेट बांड और अन्य निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न मनी-मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। डेट म्यूचुअल फंड ऐसे आउटलेट में निवेश करके निवेशकों के लिए जोखिम तत्व को काफी कम करते हैं। यह अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश विकल्प है जो आपको धन बनाने में मदद कर सकता है। आइए आपको भी बताते हैं किे आख‍िर एसबीआई के ऐसे कौन से फंड हैं।

एसबीआई मैग्नम मीडियम ड्यूरेशन फंड डायरेक्ट : एसबीआई मैग्नम मीडियम ड्यूरेशन फंड का डायरेक्ट रिटर्न पिछले साल के दौरान 6.67 फीसदी रहा है। अपने डेब्यू के बाद से इसने हर साल औसतन 9.98 फीसदी निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न का रिटर्न दिया है। फंड का व्यय अनुपात 0.68 फीसदी है, और आप इसमें न्यूनतम 1000 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं। फंड की शीर्ष होल्डिंग्स भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, महिंद्रा रूरल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, टाटा रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर में हैं। लिमिटेड, फ्लोमेटेलिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के पास है। एसबीआई मैग्नम मीडियम ड्यूरेशन फंड का एयूएम 9,412 करोड़ रुपए है।

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एसबीआई बैंकिंग एंड पीएसयू फंड : 17 जुलाई, 2021 तक इस फंड का एयूएम 14,078 करोड़ रुपए और एनएवी 2,597.98 रुपए था। एसबीआई बैंकिंग और पीएसयू फंड डायरेक्ट-ग्रोथ पर 1 साल का रिटर्न 4.16 फीसदी है। इसने अपनी स्थापना के बाद से प्रति वर्ष औसतन 8.77 फीसदीका रिटर्न दिया है। फंड की शीर्ष होल्डिंग ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्प लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, राष्ट्रीय आवास बैंक, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम। लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड के पास है। बैंकिंग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) फंड मुख्य रूप से बैंकों, पीएसयू और सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी बांड में निवेश करते हैं। वे दो से तीन साल के निवेश के साथ-साथ लंबी अवधि के पोर्टफोलियो में एक निश्चित आय अनुपात के लिए उपयुक्त हैं। निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न आप बैंक सावधि जमा से अधिक रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। फंड का एक्‍सपेंस रेश्‍यो 0.34 फीसदी है, जो कि अधिकांश अन्य बैंकिंग और सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन फंडों के बराबर है।

एसबीआई मैग्नम इनकम फंड : मध्यम से लंबी अवधि के डेट फंड ज्यादातर बांड में निवेश करते हैं क्योंकि वे समान अवधि के बैंक एफडी की तुलना में अधिक रिटर्न देने का प्रयास निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न करते हैं। इन फंडों में निर्दिष्ट समय अवधि के दौरान पैसे डूबने की संभावना कम होती है, लेकिन ब्याज दर में बदलाव के जवाब में उन्हें कुछ अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। एसबीआई मैग्नम इनकम डायरेक्ट प्लान पर पिछले एक साल का ग्रोथ रिटर्न 5.76 फीसदी था। इसकी स्थापना के बाद से इसका औसत वार्षिक रिटर्न 8.85 फीसदी रहा है। फंड की शीर्ष होल्डिंग्स भारतीय रिजर्व बैंक, इंडियन बैंक, एम्बेसी ऑफिस पार्क्स आरईआईटी, टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में हैं। SBI मैग्नम इनकम फंड के डायरेक्ट प्लान का एक्सपेंस रेशियो 0.8 फीसदी है।

एसबीआई सेविंग फंड : इसका एयूएम 22,380.83 करोड़ रुपए है, और 17 जुलाई 2021 तक घोषित नवीनतम एनएवी 34.591 करोड़ है। फंड एक्‍सपेंस रेश्‍यो 0.75 फीसदी जो कि अधिकांश अन्य मनी मार्केट फंडों से अधिक है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक, एक्सिस बैंक लिमिटेड, नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट और आरबीएल बैंक लिमिटेड फंड की शीर्ष होल्डिंग्स में से हैं। इसकी स्थापना के बाद से इसका औसत वार्षिक रिटर्न 7.25 प्रतिशत निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न रहा है। मनी मार्केट डेट फंड एक साल की मैच्योरिटी वाले शॉर्ट टर्म बॉन्ड में निवेश करते हैं। वे बैंक खाते या अल्पकालिक एफडी की तुलना में कुछ अधिक रिटर्न अर्जित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन फंडों के पास निर्दिष्ट अवधि के दौरान पैसे खोने की न्यूनतम संभावना होती है, लेकिन वे रिटर्न या पूंजी सुरक्षा की गारंटी नहीं देते हैं।

एसबीआई क्रेडिट रिस्क फंड : एसबीआई क्रेडिट रिस्क फंड-ग्रोथ अपनी श्रेणी में एक मध्यम आकार का फंड है, जिसका एयूएम 3,473 करोड़ रुपए निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न है। फंड का व्यय अनुपात 1.54 प्रतिशत है, जो कि अधिकांश अन्य क्रेडिट जोखिम फंडों द्वारा लगाए गए व्यय अनुपात से अधिक है। एसबीआई क्रेडिट रिस्क फंड का 1 साल का ग्रोथ रिटर्न 6.98 फीसदी है। इसकी स्थापना के बाद से इसका औसत वार्षिक रिटर्न 7.64 प्रतिशत रहा है। जीओआई, IndInfravit Trust, टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, फ्लोमेटालिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, और गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड फंड की शीर्ष होल्डिंग्स में से हैं।

EPFO Latest Update : अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने की तैयारी कर रहा है EPFO, जानें निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न क्या है पूरा माजरा

EPFO Latest Update

EPFO Latest Update : EPFO से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है। EPFO अपने कर्मचारियों को बेहतर रिटर्न देने की तैयारी कर रहा है। EPFO अपने उपभोक्ताओं को उनके जोखिम लेने की क्षमता तथा उम्र के आधार पर निवेश के विकल्प देने की योजना बना रहा है। जिन EPF तथा पेंशन धारकों की उम्र कम है उनके कुल निवेश में से बड़े भाग को शेयर बाजारा में निवेश का विकल्प दिया जा सकता है।

निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न

ऐसा इसलिए किया जा सकता है क्योंकि निवेशकों को इससे ज्यादा रिटर्न मिलेगा। वहीं जिन खाता धारकों की उम्र अधिक है उनके पैसे को सुरक्षित डेट में निवेश का विकल्प पेश किया जा सकता है। इस प्रकार निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देने के उद्देश्य से EPFO अपने नियमों में बदलाव करने का विचार कर रहा है।

EPFO बना रहा है ये योजना

फिलहाल की अगर बात करें तो EPFO महज 15 प्रतिशत ही फंड के कुल कॉरपस का हिस्सा इक्विटी यानि शेयर बाजार में निफ्टी 50, भारत 22 इंडेक्स तथा सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेश कर सकता है। वहीं अपने खाताधारकों को अधिक रिटर्न देने के लिए EPFO कॉरपस का 25 फीसदी भाग शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है।

EPFO ने खाताधारकों को दिया 8.10 प्रतिशत रिटर्न

EPFO ने 2021-22 में अपने खाताधारकों को 8.10 प्रतिशत रिटर्न दिया है। यह रिटर्न बैंक की तरफ से दिए गए रिटर्न से अधिक है। वहीं लंबे समय तक इस तरह के निवेश के तरीके से अधिक रिटर्न देना संभव नहीं है। इसीलिए अब नियमों में परिवर्तन करने की तैयारी की जा रही है।

वहीं अब पीएफ कर्मचारियों को EPFO के द्वारा 8.1 फीसदी ब्याज के हिसाब से पैसा दिया जाएगा। इससे पहले कर्मचारियों को 8.5 फीसदी ब्याज के पैसे का लाभ मिल रहा था लेकिन अब उन्हें 8.1 फीसदी ब्याज का लाभ मिलेगा।

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