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Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

Traders Diary: इंट्राडे में ये 20 Stocks दिखाएंगे दम ! मुनाफे के लिए बना लें अपनी लिस्‍ट

बाजार की इंट्राडे ट्रेडिंग में रोज की तरह आज भी कुछ शेयर खबरों या किसी नए सेंटीमेंट के चलते जोरदार तेजी दिखा सकते हैं. आज किन स्‍टॉक में आपको पैसा लगाना चाहिए, इसके लिए ज़ी बिज़नेस के रिसर्च टीम से आशीष और कुशल ने अपने Traders Diary प्रोग्राम में निवेशकों के लिए ऐसे ही कुछ एक्शन वाले स्टॉक्स चुनें हैं.

Xplained: शेयर बाजार में आज मूहुर्त ट्रेडिंग, जानिए पिछली दिवाली से अब तक बाजार ने दिया कितना रिटर्न

Xplained: Diwali 2021 से संवत 2078 नए साल की शुरुआत हो रही है. शेयर बाजार में इस मौके पर शाम 6.15 बजे से 7.15 बजे के बीच मूहुर्त ट्रेडिंग सत्र (Muhurat Trading Session) होगा.

By: abp news | Updated at : 04 Nov 2021 08:36 AM (IST)

Muhurat Trading Session: दिवाली ( Diwali 2021) का दिन भारतीय शेयर बाजार ( Indian Share Market) और उसके निवेशकों ( Investors) के लिये बेहद खास होता है. क्योंकि दिवाली पर लक्ष्मी की पूजा होती है, तो बाजार के हर निवेशक की यही ख्वाईश होती है कि उसने बाजार में जिन शेयरों में निवेश किया है, उसपर ना केवल उसे शानदार रिटर्न मिले बल्कि उसका निवेश दिन दोगुनी रात चौगुनी की रफ्तार से बढ़ती रहे. जिस शेयर में वो निवेश कर रहा है वो मल्टीबैगर ( MultiBagger ) साबित हो.

दीपावली के दिन वैसे तो शेयर बाजार में दिन में तो कारोबार नहीं होता. बाजार बंद होता है. लेकिन शाम को बाजार में लक्ष्मी पूजा के संपन्न होने के बाद एक घंटे के लिये मूहुर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading ) का आयोजन होता है. गुरुवार को दिवाली के शुभ अवसर पर शेयर बाजार तो बंद रहेंगे लेकिन शाम में एक घंटे के लिए मूहुर्त ट्रेडिंग का सत्र होगा. दिवाली से Samvat 2078 की शुरुआत हो रही है और नए साल की शुरुआत पर कोई भी नया काम करना या नया निवेश करना बेहद शुभ माना जाता है. हिन्‍दू मान्‍यता के मुताबिक इस दिन शेयर बाजार में मूहुर्त ट्रेडिंग पर निवेश बेहद शुभ माना जाता है. इसलिए हर साल दिवाली पर एक घंटे के लिये शेयर बाजार खुलता है, जिससे निवेशक दिवाली पर शेयरों की खरीद फरोख्त कर सकें.

कब है मूहुर्त ट्रेडिंग

दिवाली के दिन 4 नवंबर को शेयर बाजार में शाम 6.15 बजे से 7.15 बजे के बीच मूहुर्त ट्रेडिंग सत्र (Muhurat Trading Session) होगा. संवत 2078 नए साल की शुरुआत हो रही है. इस दौरान बाजार में निवेश से सुख और समृद्धि आती है.

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एक साल में निवेशक हुये मालामाल

ये दिवाली शेयर बाजार और उसके निवेशकों के लिये वैसे ही बेहद खास है. इस दिवाली पर Samvat 2078 की शुरुआत हो रही है, और पिछले दिवाली से इस दिवाली के बीच शेयर बाजार ने जो रिटर्न दिया है वो अद्भूत है. सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछली दिवाली के बाद नई उचाईयों को छूआ है. सेंसेक्स पहली बार 50,000 और 60,000 को आंकड़े को पार कर गया, तो निफ्टी ने 15,000 के आंकड़े को पार किया जो अब 18,000 के करीब कारोबार कर रहा है. पिछली दिवाली पर सेंसेक्स 43,637 अंकों पर तो 12,780 अंकों पर ट्रेड कर रहा था. यानि पिछली दिवाली से इस दिवाली तक सेंसेक्स में 38 फीसदी तो निफ्टी में 40 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है. इसलिये ये दिवाली शेयर बाजार के निवेशकों के लिये बंपर दिवाली है क्योंकि बीते एक साल कोरोना की दूसरी लहर आने के बावजूद निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला है. धन की देवी माता लक्ष्मी निवेशकों पर मेहरबान रही है. चाहे वो शेयर बाजार में परोक्ष तौर पर निवेश करने वाले निवेशक हो या फिर अपरोक्ष तौर पर म्यूचुअल फंड या फिर बीमा कंपनियों के यूलिप प्लान में निवेश करने वाले निवेशक, सभी को बीते एक साल में जबरदस्त मुनाफा हुआ है. तो कई शेयर ऐसे हैं जिन्होंने निवेशकों को 100 से 500 फीसदी तक का भी रिटर्न दिया है.

सेंसेक्स के एक लाख छूने की भविष्यवाणी

बीते एक साल में शेयर बाजार के निवेशकों की तादाद में जबरदस्त इजाफा हुआ है. कोरोना की लहर शुरु होने के बाद से घर में बैठकर कई लोगों ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरु Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है कर दी. कम उम्र के युवा शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिये डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हैं. फरवरी 2020 में देश में 4 करोड़ डीमैट खाते ( Demat Accounts ) हुआ करते थे, जिसकी संख्या कोरोना काल ( Covid 19) Pandemic) में बढ़कर 6 करोड़ को पार कर चुका है. डीमैट अकाउंट्स की संख्या को बढ़ाने में Zerodha, Upstox जैसे स्टॉक ब्रोकिंग एप ( Stock Broking App) का बड़ा योगदान है. बीते एक साल में रिटेल इन्वेस्टर्स ( Retail Investors) का शेयर बाजार में बोलबाला रहा है. एक अनुमान के मुताबिक हर दिन बाजार के टर्नओवर ( Turnover) में रिटेल निवेशकों की भागीदारी 70 फीसदी के करीब है. जिस प्रकार रिटेल निवेशकों की तादाद बढ़ रही, विदेशी निवेशक ( Foreign Investors) भारत की तरफ रुख कर रहे हैं और घरेलू संस्थागत निवेशक ( Domestic Financial Institution) जिस प्रकार निवेश बढ़ा रहे हैं ऐसे में कई जानकार सेंसेक्स के अगले 5 सालों में 1,00,000 ( एक लाख ) तक छूने की भविष्यनाणी कर रहे है.

निवेशकों को ज्यादा सावधान रहने की जरुरत

शेयर बाजार में तेजी है तो निवेशकों को निवेश के दौरान ज्यादा सावधानी बरतने की भी जरुरत है. अच्छे जानकारों की सलाह से बाद ही शेयर बाजार में निवेश करना चाहिये. जब बाजार लगातार उपर की ओर जा रहा तो बाजार में दिग्गज कंपनियों के शेयरों की ही खरीदारी करनी चाहिये. जिससे बाजार में बड़ी गिरावट आये भी तो निवेशकों को बड़ा नुकसान ना हो. Penny Stocks से दूरी बनाये रखना चाहिये.

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डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

Published at : 03 Nov 2021 12:35 PM (IST) Tags: indian stock market Muhurat Trading diwali 2021 Sensex above 60000 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्‍यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा

Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्‍ड्स, म्‍यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्‍स छोटी फीस वसूलते हैं.

इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्‍स ही किन्‍हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्‍या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्‍योंकि हम आपको इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

Demat and Trading अकाउंट की पूरी जानकारी

Photo of Rishika Mukherjee

जैसा कि हम सभी जानते है कि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। प्राचीन काल से लेकर आज तक हमारे रहन सहन, काम करने के तरीकों आदि में भारी बदलाव आया है तथा टेक्नोलॉजी की वजह से दुनिया लगातार बदल रही है। इसके कारण शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने तथा इन्वेस्टिंग करने के तरीकों में भी काफी बदलाव आया है।

मार्च 2020 के बाद से ही बड़ी संख्या में डीमैट अकाउंट खुलने लगे है तथा विशेष रूप से हमारे देश के युवा लोग इस क्षेत्र की और काफी आकर्षित हो रहे है लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अभी भी बहुत सरे लोगों को शेयर मार्केट तथा इससे जुडी बहुत सारी बेसिक डिटेल्स का भी पता नहीं है।

तो आज के इस ब्लॉग में हम डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

Demat Account क्या है ?

हम सभी बैंक अकाउंट के नाम तथा इसके उपयोग के बारे में परिचित है। हमारे बैंक अकाउंट में हम पैसे रख सकते है तथा निकाल सकते है तथा जमा भी करवा सकते है। एक डीमैट अकाउंट भी हमारे बैंक अकाउंट की तरह सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में होल्ड करने के काम आता है।

अगर आपके पास फिजिकल शेयर्स है तथा आप उनको इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एक सुरक्षित जगह पर रखना चाहते है Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है तो उस स्थिति में आप एक डीमैट अकाउंट खुलवाकर अपने शेयर्स को सुरक्षित रूप से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रख सकते है। इसके अलावा आप इस खाते में पैसे भी रख सकते है जिनकी मदद से आप शेयर्स खरीद सकते है। लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको यहां पर बैंक अकाउंट की तरह किसी प्रकार के मिनिमम शेयर्स या पैसे रखने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर आपके पास 0 शेयर्स है तो भी आपका डीमैट अकाउंट एक्टिव रह सकता है।

लेकिन इस अकाउंट की मदद से आप सिक्योरिटीज की खरीददारी तथा बिकवाली नहीं कर सकते अर्थात ट्रेडिंग नहीं कर सकते।

डीमैट अकाउंट के प्रकार -

हमने यह तो समझ लिया कि एक डीमैट अकाउंट क्या होता है तो आइये अब यह समझ लेते है कि ये कितने प्रकार के होते है तथा उनमें क्या क्या फर्क होता है -

1. Regular Demat Account -

अगर आप एक सामान्य भारतीय नागरिक है तो यह अकाउंट आपके लिए एक आदर्श अकाउंट है जिसमे आप अपनी सिक्योरिटीज तथा इक्विटीज को होल्ड करके रख सकते हो तथा इसकी मदद से आप IPOs में भी इन्वेस्ट कर सकते हो।

लेकिन समस्या तब खड़ी होती है जब आप उन शेयर्स को बेचना चाहते है और उसके लिए आपको एक डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ेगी।

सेबी के नए नियम के अनुसार आपको 50 हजार रूपये से कम की होल्डिंग्स के लिए किसी भी प्रकार के Maintenance Charges देने की भी जररूत नहीं पड़ेगी।

2. Repatriable Demat Account -

अगर आप एक NRI है तथा आप जिस देश में रहते है उस देश से भारत में फण्ड ट्रांसफर करना चाहते है तो ये अकाउंट आपके लिए ही बना है जिसमे आप एक साल में अधिकतम 1 मिलियन USD तक का फण्ड ट्रांसफर कर सकते है लेकिन इस प्रकार का डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको एक NRE Bank Account की जरूरत पड़ेगी।

Non - Resident External या NRE अकाउंट एक बैंक अकाउंट है जो एक NRI द्वारा उसके वर्तमान देश से भारत में पैसे ट्रांसफर करने के काम आता है तथा यह अकाउंट रूपये के Denominations पर आधारित है।

3. Non - Repatriable Demat Account -

यह अकाउंट भी उन लोगों के लिए है जो भारत से बाहर रहते है लेकिन Repatriable Account की तरह आप इसमें विदेश से हमारे देश में पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकते। अगर आप इस प्रकार का अकाउंट खुलवाना चाहते है तो आपके पास एक NRO अकाउंट होना चाहिए।

अगर आप वर्तमान में विदेश में रह रहे है लेकिन आप जब भारत में थे तब आपने कुछ शेयर्स खरीदे थे तथा अब आप उन शेयर्स को होल्ड करना चाहते है तो यह अकाउंट आपके लिए बिल्कुल सही है।

Trading क्या है?

जैसे कि हमने पहले भी चर्चा की थी कि एक डीमैट अकाउंट में आप केवल सिक्योरिटीज को होल्ड करके रख सकते है लेकिन अगर आप इनकी खरीददारी तथा बिकवाली करना चाहते है तो इसके लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए इसको भी हम निम्नलिखित प्रकारों में बाँट सकते है -

1. Equity तथा Derivatives Trading Account

यह सबसे आम ट्रेडिंग अकाउंट है जिसकी मदद से आप Shares , Futures तथा Options में ट्रेड कर सकते है। ये सारे Transactions आप अपने घर से ही कर सकते हो या फिर अपने ब्रोकर को कॉल करके भी बता सकते हो तथा आपका ब्रोकर आपका ये काम कर देगा। आपके सभी अकाउंट T+1 Day के हिसाब से Execute हो जाएंगे।

अगर आप केवल Futures and Options में ही ट्रेड करते है तो आपको डीमैट अकाउंट की भी जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह ट्रेड एक विशेष समय में ही ख़तम हो जाता है लेकिन स्टॉक्स के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ सकती है।

2. Commodity Trading Account

अगर आप Multi Commodity Exchange (MCX) में ट्रेड करना चाहते है तो आपको एक कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी इस अकाउंट को खुलवाने के बाद आप आसानी से कमोडिटी futures and Options में ट्रेड कर सकते है।

यहां पर भी transactions T+1 Day के आधार पर ही Execute होते है।

3. Discount Trading Account

जो लोग भारी संख्या में स्टॉक्स का Transactions करते है तो इस प्रकार के अकाउंट में फीस काफी कम लगती है लेकिन ये किसी भी प्रकार की एडिशनल सर्विसेज प्रदान नहीं करते है लेकिन Call and Trade जैसी सर्विसेज का फायदा आप कुछ एक्स्ट्रा फीस देकर उठा सके है।

एक इन्वेस्टर के तौर पर आप उपरोक्त तीनों में से किसी भी प्रकार का अकाउंट खुलवा सकते हो। कई बैंक्स आपको 3-in-1 की भी सुविधा भी प्रदान करती है। जो भी ब्रोकिंग फर्म्स बैंकों से जुडी होती है उनमें आप इस प्रकार के अकाउंट का फायदा उठा सकते हो इसमें आपको बैंकिंग सर्विसेज के साथ-साथ ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट की सर्विसेज भी मिलती है।

डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट में अंतर :-

आधार

डीमैट अकाउंट

ट्रेडिंग अकाउंट

उपयोग

शेयर्स तथा सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में स्टोर करने के लिए एक डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है

सिक्योरिटीज को खरीदने तथा बेचने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है

पहचान

डीमैट अकाउंट खुलने के बाद इन्वेस्टर को एक यूनिक ID नंबर दिया जाएगा

इसमें आपको अकाउंट खुलवाने के बाद एक ट्रेडिंग ID दी जाएगी

उद्देश्य

शेयर्स की सुरक्षा के लिए

शेयर्स तथा सिक्योरिटीज की खरीददारी तथा बिकवाली की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए


एक ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट कैसे खुलवाएं?

एक ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए या Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है फिर आपको अभिभावकों की कानूनी परमिशन चाहिए होगी तथा उसके बाद आप शेयर्स तथा सिक्योरिटीज की खरीददारी तथा बिकवाली कर सकते है।

इसके अलावा आपको एक पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी तथा इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा -

1 डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको Depository Participant या DP से संपर्क करना होगा जिसके बारे में आप Central Depository Services या फिर National Securities Depository Limited से जानकारी प्राप्त कर सकते है। ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको एक ब्रोकर या ब्रोकिंग फर्म से संपर्क करना होगा।

2 अपने एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड, ID प्रूफ आदि देने के बाद आपको एक KYC भरनी पड़ेगी।

3 डीमैट अकाउंट की स्थिति में आपको एक एग्रीमेंट साइन करना होगा। इसकी एक कॉपी अपने पास जरूर रखें।

4 ट्रेडिंग अकाउंट के लिए आपको एक वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होगा।

5 थोड़े समय बाद आपके डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाएंगे तथा आप उनका उपयोग कर सकते है।

निष्कर्ष -

हम आशा करते है कि इस आर्टिकल में लिखी गयी बातें आपके ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट से सम्बंधित सारे डाउट्स दूर कर देगी तथा आपको एक सही डीमैट तथा ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने में सहायता मिलेगी।

शेयर मार्किट एक ऐसी जगह है जहां आप अगर बिना नॉलेज काम करते है तो आपको नकारात्मक परिणाम मिल सकते है। इसलिए आपको हमेशा इसके बारे में कुछ नया सीखते रहना चाहिए।

शेयर बाजार की जानकारी | Share Market in Hindi | Stock Market ki Jankari

इंटरनेट से पैसा कमाने के कई तरीके हैं इन्ही में एक तरीका शेयर मार्किट (Share Market) का हैं, इसे Stock Market भी कहते हैं, जहा से आप घर बैठे पैसा कमा सकते हैं। आइये जाने शेयर मार्किट क्या हैं और इससे पैसा कैसे कमाते हैं..

शेयर बाजार की जानकारी | Share Market in Hindi | Stock Market ki JankariShare Market या Stock Market क्या हैं – What is Share Market in Hindi?

शेयर का मतलब ही होता हैं हिस्सा, शेयर मार्केट एक ऐसा मार्केट है जहाँ बहुत से कम्पनीज के शेयर्स ख़रीदे और बेचे जाते हैं। शेयर बाजार की भाषा में बात करें तो शेयर का अर्थ है कंपनियों में हिस्सा। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं। आप कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने अंश खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने का मालिकाना हक हो गया जिसे आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें बेच सकते हैं। यह एक ऐसी जगह है जहाँ कुछ लोग या तो बहुत पैसे कमा लेते हैं या तो अपने सारे पैसे गवा देते हैं। आप जितने पैसे लगायेंगे उसी के अनुसार से कुछ प्रतिशत के मालिक आप उस कंपनी के हो जाते हैं। जिसका मतलब ये है की अगर उस कंपनी को भविष्य में मुनाफा होगा तो आपके लगाये हुए पैसे से दुगना पैसा आपको मिलेगा और अगर घाटा हुआ तो आपको एक भी पैसे नहीं मिलेंगे यानि की आपको पूरी तरह से नुकसान होगा। आप जितने चाहे कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं।

शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे – Share Market Share Kaise Kharide?

Share Market / शेयर मार्किट में शेयर आप डायरेक्ट अपने बैंक अकाउंट के जरिये नहीं खरीद सकते। इसके लिए आपको एक Demate Trading account खुलवाना होगा। इसके भी दो तरीके हैं, पहला किसी Broker यानि की दलाल के पास जाकर एक Demat account खोल सकते हैं। दूसरा आप बैंक में खुलवा सकते हैं। इसके लिए आपके पास किसी बैंक एक सेविंग अकाउंट रहना चाहिए, जोकि आपके Demate account से लिंक रहेगा। Demat account में हमारे Share के पैसे रखे जाते हैं जिस तरह की हम किसी बैंक के खाते में अपना पैसा रखते हैं ठीक उसी तरह। अगर आप शेयर मार्किट में निवेश कर रहे हैं तो आपका Demat account होना बहुत ही जरुरी है। क्यूंकि कंपनी को मुनाफा होने के बाद आपको जितने पैसे मिलेंगे वो सारे पैसे आपके Demat account में जायेंगे। यहाँ से आप अपने बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।

शेयर आप तीन तरीको से खरीद सकते हैं – Stock Market se Share Kaise Kharide

  1. खुद ऑनलाइन खरीद सकते है.
  2. दलाल (Broker) के जरिये.
  3. Indian Public Offering (IPO) के जरिये.

शेयर मार्किट में शेयर कब ख़रीदे –

शेयर मार्किट में पैसा लगाने से पहले शेयर मार्किट की पूरी जानकारी आपके पैसा होनी चाहिए, क्यूंकि ये एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहा पर जितना प्रतिशत पैसा कमाने का चांस रहता हैं उतना ही पैसा गवाने का भी रहता हैं। इन्वेस्ट करने से पहले उस कंपनी की जानकारी रहना चाहिए, की किस कंपनी का शेयर बढ़ रहा या घट रहा हैं। इसलिए शुरुआत में छोटा-छोटा इन्वेस्ट करे और एक्सपीरियंस ले। सबसे महत्वपूर्ण बात की इस क्षेत्र में भी कई कम्पनिया फ्रॉड रहती हैं। जो की शेयर इन्वेस्ट करने के बाद पैसा लेके भाग जाती हैं। इसलिए संभल के पैसा लगाए।

हालाँकि इसमें भी कई ब्रोकर्स होते हैं जो की स्टॉक मार्किट का ही सदस्य होते हैं। ये आपको सुझाव देंगे की किस में पैसा लगाए। कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना हैं यह उसका विवेकाधीन अधिकार है। बाजार से शेयर बाजार खरीदने/बेचने के लिए कई शेयर ब्रोकर्स होते हैं जो उनके तय पारिश्रमिक (लगभग 2 फीसदी) लेकर अपने ग्राहकों को यह सेवा देते हैं।

शेयर में कब और कैसे बदलते हैं प्राइस?

सबसे पहले आईपीओ लाते वक्त शेयर्स के Price कंपनी निर्धारित करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य निर्धारित करने में कंपनी का कोई Role नहीं होता और Shares के मूल्य स्वतन्त्र रूप से shares की Deemand और Supply के आधार पर Stock एक्सचेंज द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।

अगर ख़रीदे जाने वाले शेयर की तुलना में बेचे जाने वाले शेयर की संख्या कम होगी तो शेयर के Price बढ़ेंगे और अगर बेचे जाने वाले शेयर की तुलना में ख़रीदे जाने वाले शेयर की संख्या कम होगी तो Share Price कम होगी।

शेयर बाजार में लिस्टेड होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पडता है, जिसके तहत कंपनी अपनी हर हरकत की जानकारी बाजार को समय-समय पर देती रहती है, खासकर ऐसी जानकारियां, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों। इन्हीं जानकारियों के आधार पर कंपनी का मूल्यांकन होता है और इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता है। अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते के नियमों का पालन नहीं करती, तो उसे डीलिस्ट करने की कार्रवाई सेबी करता है।

भारत में 2 Stock Exchange है – Stock Exchange in India

  • NSE – National Stock Exchange
  • BSE – Bombay Stock Exchange

शेयर मार्किट में SENSEX और NIFTY क्या हैं? What is SENSEX and NIFTY in Hindi

Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं। Sensex BSE की टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता हैं। अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड अधिकांश कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं।

Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) आधार पर किया जाता हैं। अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं।

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती हैं – Types of Trading in Stock Market in Hindi

1). इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading) – इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है। मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं।

2). स्कैल्पर ट्रेडिंग (Scalper Trading) – यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है है। यह बहुत जोखिम भरा होता हैं।

3). स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग – स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है। इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है। इसे कुछ दिनों के अंदर बेचा जाता हैं।

4). LONG TERM ट्रेडिंग – जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं। स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है। यह थोड़ा सेफ होता हैं।

बात पते की

शेयर मार्किट में पैसा बनाना बहुत आसान है उसी प्रकार शेयर बाजार में पैसा खोना भी बहुत आसान है। इससे बचा जा सकता है अगर आप स्वंय शेयर बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें,शोध करें और दूसरों के दिये टिप्स पर न जायें। शेयर बाजार एक खतरनाक खेल है, इसमें कूदने से पहले इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले लेना बहुत आवश्यक है। मगर इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए कोई अलग तरह की प्रतिभा या योग्यता ही चाहिए। कोई भी कोशिश करके शेयर बाजार की जानकारी ले सकता है।

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