बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है

Tax Saving Tips: 50 हजार सैलरी वाले को कितना देना होगा इनकम टैक्स, एक रुपया भी नहीं. ये है गणित
आज तक 22 घंटे पहले aajtak.in
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अपनी कमाई पर सभी को टैक्स (Income Tax) भरना होता है, ये हर एक नागरिक का फर्ज है. नागरिकों के दिए टैक्स के पैसे से सरकार स्कूल, सड़क और तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है. साथ ही सरकार नागरिकों को कानूनी रूप से टैक्स बचाने के भी अधिकार देती है. कानूनी रूप से टैक्स बचाने (Tax Saving) के तमाम तरीकों को अपनाकर 50 हजार रुपये की मंथली सैलरी को भी टैक्सफ्री (Tax Free) किया जा सकता है. सरकार ने इनकम टैक्स के लिए दो ऑप्शन दिए हैं.
कौन से हैं दो विकल्प?
भारत के मौजूदा टैक्स सिस्टम में दो तरह के ऑप्शन उपलब्ध हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) का ऐलान किया था. इस तरह टैक्स के दो ऑप्शन मौजूद हैं और टैक्सपेयर्स इनमें से किसी एक चुन सकते हैं. पुराने टैक्स स्ट्रक्चर (Old Tax Regime) में कई तरह के डिडक्शन (Tax Deductions) के ऑप्शन हैं. वहीं, नए स्ट्रक्चर में इनमें से अधिकतर को हटा लिया गया है.
6 लाख की सालाना कमाई टैक्स फ्री
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपकी मंथली सैलरी 50 हजार रुपये है. इसके अलावा कमाई के कोई और सोर्स आपके पास नहीं हैं, तो आपकी सालाना आमदनी कुल 6 लाख रुपये हो जाती है. इस स्थिति में अगर आप पुराने टैक्स स्ट्रक्चर को चुनते हैं, तो इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी (IT Act 80C) के तहत 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन का लाभ मिल जाता है. इसके अलावा सैलरी क्लास को 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिल जाता है.
नए टैक्स स्ट्रक्चर पर देनदारी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए टैक्स स्ट्रक्चर को चुनने से नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस टैक्स स्ट्रक्चर में 2.50 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री है. इसके बाद के 2.5 लाख रुपये पर 5 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगता है, जो 12,500 रुपये बनता है. वहीं, 6 लाख रुपये की सालाना सैलरी पर 23,400 रुपये की टैक्स देनदारी बनती है.
अगर आमदनी पांच लाख रुपये से एक लाख रुपये अधिक है, तो एक लाख की रकम 10 फीसदी के ब्रैकेट में आती है. इसलिए इसपर 10 हजार रुपये की टैक्स की देनदारी बनती है. इसके अलावा कैलकुलेटेड टैक्स पर 4 फीसदी सेस लगता है. अगर 12,500 रुपये टैक्स है तो सेस 900 रुपये हो जाता है.
डेढ़ लाख रुपया तक बचा सकते बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है हैं.
आप 80C के तहत 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं. इसके लिए EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश करना होता है. अगर आप अलग से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सालाना 50,000 रुपये तक निवेश करते हैं, तो सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आपको अतिरिक्त 50 हजार रुपये Income Tax छूट का लाभ उठा सकते हैं. होम लोन (Home Loan) वाले अतिरिक्त 2 लाख रुपये बचा सकते बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है हैं.
- आमदनी 6,00,000-1,50,000 (PPF, EPF)= 4,50,000
- 4,50,000-50,000 (NPS)= 4,00,000
- 4,00,000-2,00,000 (होम लोन) = 2,00,000 (टैक्स फ्री)
पुराने टैक्स स्ट्रक्चर पर देनदारी
अब अगर पुराने टैक्स स्ट्रक्चर की बात करें, तो इसमें 2.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री है. इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख की आमदनी पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. लेकिन सरकार की ओर से 12,500 रुपये का रिबेट मिलने से यह भी शून्य हो जाता है. इसका मतलब ये हुआ है कि पुराने टैक्स स्ट्रक्चर में पांच लाख रुपये की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना होता है.
कैसे होगा 0 टैक्स?
आयकर नियम साफ कहता है कि 5 लाख रुपये की कमाई पर टैक्स 12,500 रुपये (2.5 लाख का 5%) बनता है. आयकर सेक्शन 87A के तहत 12,500 रुपये के मिलने वाल रिबेट से आपको कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 5 लाख वाले स्लैब में शून्य टैक्स का भुगतान करना होगा.
(आमदनी) 5,00,000- 5,00,000 (कुल टैक्स डिडक्शन)= 0 टैक्स
वही, पांच लाख रुपये से ऊपर की आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है. लेकिन बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है आप 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. यह व्यवस्था 6.5 लाख रुपये तक की इनकम को आसानी से टैक्स फ्री बना देती है.
Bitcoin: 2030 तक 1 करोड़ पर पहुंच जाएंगे बिटकॉइन: ZebPay के राहुल पगड़ीपति
सुप्रीम कोर्ट के बैन हटाने के बाद मार्च 2020 से बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतों में 300% का इजाफा दर्ज हुआ है . ZebPay के सीईओ राहुल पगड़ीपति ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन – देन , लीगल स्टेटस और उससे जुड़े खतरों पर मनी 9 से बात की .
भारत में बिटकॉइन का लीगल स्टेटस क्या है ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भारत में कभी भी अवैध नहीं रही है , और आरबीआई ने खुद कहा है कि क्रिप्टो करेंसी कानूनी है ( वास्तव में , RBI ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ट्रेडिंग के प्रति आगाह किया है ). हम इसको लेकर रेग्युलेरिटी क्लेरिटी ( नियम – कानून ) समझने के लिए तैयार हैं . लेकिन कई मौजूदा कानून क्रिप्टो पर लागू होते हैं , भले ही उनमें क्रिप्टो शब्द शामिल न हो . हमारी लीगल टीम इस बात का विश्वास दिलाती है कि हम ईमानदारी से कानून का पालन करेंगे . हमारा मानना है कि जब तक क्रिप्टो फर्म को रेग्युलेट नहीं किया जाता , ग्राहकों और जनता की सुरक्षा के लिए उन्हें सेल्फ रेग्युलेट करना चाहिए . और एक ऐसा मॉडल पेश करना चाहिए जिसे भविष्य की नीति के तौर पर देखा जाए . भारतीय निवेशकों को जानना चाहिए कि क्रिप्टो भारत में कानूनन है लेकिन उन्हें एक विश्वसनीय एक्सचेंज के माध्यम से निवेश करना चाहिए जो उचित KYC और मनी – लॉन्ड्रिंग विरोधी नीतियों का पालन करता है .
क्या आगे भी बढ़ेंगी बिटकॉइन की कीमतें ?
इस छोटे समय में बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतों को लेकर कुछ कहना बेहद कठिन होगा . लेकिन लॉन्ग टर्म में इसकी कीमत में इजाफा होने की काफी संभावनाएं हैं . हम उम्मीद कर रहे हैं कि बिटकॉइन 2030 तक 1 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा .
बिटकॉइन की कीमतों को कौन नियंत्रित करता है ?
ये पूरी तरह वैश्विक निवेशकों की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है . बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत रुपये के एक अंश से बढ़कर वर्तमान में 17 लाख रुपये से अधिक हो गई है .
भारत में बिटकॉइन यूजर्स बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है कितने हैं ? और उनका ऐज प्रोफाइल क्या है ?
भारत में अनुमानित रूप से 50 लाख क्रिप्टो निवेशक मौजूद हैं . ZebPay के पास अकेले 35 लाख क्रिप्टो निवेशक हैं . इन निवेशकों की उम्र 25 से 40 साल के बीच की है . कुल भारतीय निवेशकों में महिलाओं की बात करें तो उनकी संख्या करीब 8% है . ZebPay के पास 15% महिला क्रिप्टो निवेशक हैं .
बिटकॉइन में ट्रेड कैसे करें ?
बिटकॉइन (Bitcoin) प्राप्त करने का सबसे सरल तरीका , रुपये की औसत लागत है , जिससे कि निवेश की गई औसत कीमत बेस्ट पॉसिबल प्राइज साबित हो . ZebPay की तरफ से हम आपको सलाह देंगे कि लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करें . निवेशकों को बिटकॉइन की स्टोरी वैल्यू समझनी चाहिए , बजाए कि शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और अटकलों के . 3.5 सालों तक बिटकॉइन (Bitcoin) को रखना 99.9% फायदे का सौदा साबित हो सकता है . जो ऐसा किसी भी अन्य निवेश में अभी तक नहीं देखा गया है .
आप किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन के साथ ही शुरुआत कर सकते हैं . रजिस्ट्रेशन को पूरा करने में सिर्फ पांच मिनट का वक्त लगेगा . शुरुआत 100 रुपये से करें , जिसे आप हर दिन , सप्ताह या महीने में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध करते हैं .
इसमें कौन से खतरे शामिल हैं ?
किसी भी दूसरे मार्केट के जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत में अस्थिरता रहती है . निवेशकों को उतार चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए और केवल जोखिम पूंजी के साथ निवेश करें .
ऐसी रिपोर्ट्स हैं , जिसमें एक्सचेंज बिटकॉइन (Bitcoin) के विड्रॉल की अनुमति नहीं दे रहे हैं . ये क्या मामला है ?
ZebPay पर विड्रॉल आसान और जल्दी संभव है . हम दूसरे एक्सचेंज के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं .
बिटकॉइन पर टैक्स कैसे लगता है ?
मौजूदा टैक्स कानून की गाइडलाइन को इस्तेमाल किया जा सकता है . और हम अपने सदस्यों को क्रिप्टो से होने वाली आय को दिखाने के लिए प्रोत्साहित कर , पेशेवर सलाह लेने की बात कहते हैं . इससे आगे रेग्युलेटरी क्लेरिटी ( नियामक स्पष्टता ) लोगों की मदद करेगी .
ऐसी रिपोर्ट्स है कि अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की राशि बिटकॉइन में मांगी थी , यै कैसे काम करता है ?
ऐसे केस मीडिया की सुर्खियां बनते हैं लेकिन रिसर्च बताती है कि 1% से भी कम बिटकॉइन ट्रांजेक्शन में क्रिमिनल एक्टिविटी शामिल होती है . अपराधियों के रुपए , डॉलर या दूसरी परंपरागत करेंसी मांगने की ज्यादा संभावनाएं हैं . और हमारे जैसे एक्सचेंज जो सख्त KYC और मनी – लॉन्ड्रिंग विरोधी नीतियों का कानूनी समर्थन करते हैं .
Disclaimer: कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
बिटकाॅइन से नहीं है किसी भी मुद्रा को नुकसान (Bitcoin is Not Harmful For Any Currency)
बिटकॉइन से किसी देश की मुद्रा को कितना नुकसान?
जब से बिटकॉइन बना है तब से यह मुद्दा भी सामने आने लगा है कि क्या बिटकॉइन किसी देश की स्थानीय मुद्रा की जगह ले सकता है? क्या आने वाले समय में बिटकॉइन इतना मजबूत हो जाएगा की सभी देशों की मुद्रा को खत्म कर देगा?
इस विषय को गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि जैसे जैसे बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो के साथ क्रिप्टो क्षेत्र आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके बारे में गलत जानकारी भी भ्रम पैदा कर रही हैं। पिछले कुछ समय में कई देशों ने अलग अलग तरीके से अपने देश में बिटकॉइन को मान्यता दी है। किसी देश में आप बिटकॉइन से टैक्स दे सकते हैं, कई देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो से खरीदारी कर सकते हैं। केवल एक देश ऐसा है जिसने बिटकॉइन को अपनी अधिकारिक मुद्रा होने का दर्जा दिया है और इसका नाम है एल सल्वाडोर। कुछ देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है और कुछ जगहों की सरकार इस विषय पर अभी विचार कर रही है।
बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
इस विषय में सबसे पहले समझने वाली बात है कि ‘बिटकॉइन और मुद्रा में’ क्या फर्क है? बिटकॉइन एक विकेन्द्रीयकृत तकनीक पर आधारित है और इसका नियंत्रण किसी एक व्यक्ति या समुदाय के हाथ में नहीं है! बिटकॉइन की कार्य प्रणाली पहले से ही निर्धारित कोडिंग पर चलती है और इसे बदला नहीं जा सकता और न ही इस से छेड़छाड़ की जा सकती है। बिटकॉइन की मात्रा को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता।
इसके विपरीत हर देश की मुद्रा पर वहां की सरकार का नियंत्रण होता है और मुद्रा से सम्बंधित सभी निर्णय उस देश की सरकार लेती है। स्थानीय मुद्रा का नियंत्रण सरकार के हाथ में होने के कारण वह इसके विषय में समय समय पर कानून बनाती रहती है और जरुरत पड़ने पर मुद्रा की मात्रा को बढ़ाया जाता है।सरकार चाहे तो कभी भी अपने देश की मुद्रा को बंद कर सकती है। अगर आपके पास बिटकॉइन है तो आप 100% उसके मालिक हैं लेकिन मुद्रा पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण हम मुद्रा का इस्तेमाल तो कर सकते हैं लेकिन हम उसके मालिक नहीं बन सकते।
मुद्रा और बिटकॉइन के इस्तेमाल में फर्क
बिटकॉइन पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है और इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर का होना अनिवार्य है। इन दो सुविधाओं के बिना बिटकॉइन का लेनदेन संभव नहीं है। अगर हम मुद्रा की बात करें तो यहाँ पर कई तरीके हैं लेनदेन को मुद्रा से पूरा करने के। अगर इंटरनेट और फ़ोन है तो एप्लीकेशन के द्वारा इसका लेनदेन किया जा सकता है लेकिन अगर यह सुविधाएं नहीं है तब भी कैश लेनदेन किया जा सकता है। कैश लेनदेन की एक समस्या है कि इस से सीमित मात्रा में ही लेनदेन किया जा सकता है और इसका दायरा सीमित है यानि जहां आप हैं वहीं लेनदेन कर सकते हैं किसी और जगह नहीं। बिटकॉइन से असीमित लेनदेन किया जा सकता है और कही भी लेनदेन कि कीमत बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है को चुकाया जा सकता है। इसके इलावा बैंक भी चेक द्वारा लेनदेन को पूरा करने कि सुविधा देते हैं। बिटकॉइन कि कीमत स्थिर नहीं है इस लिए बिटकॉइन से खरीदारी करने और बेचने वाले को फायदा और नुकसान दोनों कि सम्भावनाएं है लेकिन मुद्रा कि कीमत स्थिर है इस लिए मुद्रा के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है।
बिटकॉइन से खरीद कितनी आसान
जैसा हमने पहले बताया कि बिटकॉइन के लिए फ़ोन या कंप्यूटर के साथ साथ इंटरनेट भी जरुरी है और इसका इस्तेमाल करने के लिए एक हद तक शिक्षा कि भी जरुरत है। आज भी दुनिया की बहुत बड़ी आबादी तक फ़ोन और इंटरनेट बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है कि सुविधा नहीं पहुंच पाई है, ऐसी जगहों पर बिटकॉइन या क्रिप्टो का इस्तेमाल मुश्किल है। बिटकॉइन से लेनदेन के मामले में सबसे बड़ा मुद्दा है इसकी कीमत में होने वाले उतर चढ़ाव और इसकी ट्रांजक्शन फीस। अगर किसी वस्तु कि कीमत 100 डॉलर निर्धारित कर दी जाए और बिटकॉइन से यह कीमत दी जाए तो सबसे पहले तो यह कीमत देने वाले को अगर एक डॉलर भी फीस देनी पड़े तो यह 1% महंगा हो जाएगा। इसके बाद अगर बिटकॉइन की कीमत नीचे आ जाए तो बेचने वाले को नुकसान होगा और कीमत ऊपर चली जाए तो खरीदार को लगेगा कि उसको नुकसान हो गया। जैसे 10000 बिटकॉइन से दो पिज़्ज़ा खरीदने वाला आज सोच रहा होगा। जैसे जैसे बिटकॉइन कि माइनिंग बढ़ती जाएगी वैसे वैसे कीमत के साथ साथ इसकी फीस भी बढ़ती जाएगी और बिटकॉइन से खरीदारी कम व्यावहारिक रह जाएगी।
बिटकॉइन की ट्रांजक्शन का देर के पूरा होना भी एक बड़ी समस्या है। अगर कोई लेनदेन बिटकॉइन से किया जा रहा है तो यह तब तक पूरा नहीं होगा जब तक बिटकॉइन उस व्यक्ति के एकाउंट में नहीं आ जाता जिसने इसके बदले में कोई सुविधा दी है या कोई वस्तु दी है। आमतौर पर दुकानों, मॉल, रेलवे टिकट काऊंटर, हवाई अड्डे जैसी सार्वजनिक जगहों पर लम्बी लाइन लगी होती है और ऐसे में अगर लेनदेन जल्द पूरा न हो तो इस से बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी। इसका समाधान क्रिप्टो के कई प्रोजेक्ट निकल रहे हैं जहां पर ट्रांजक्शन बहुत तेज़ है और फीस भी बहुत ही कम है। इन बातों को देखें तो बिटकॉइन से लेनदेन थोड़ा मुश्किल ही लगता है।
अभी बिटकॉइन और क्रिप्टो को बहुत सारी समस्याओं को खत्म करना जरुरी है फिर हम बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है यह कह सकते हैं कि क्रिप्टो से लेनदेन संभव हो सकता है। आज दुनिया के कई देश अपनी खुद की CBDC ला रहे हैं और यह लेनदेन को और आसान बनाएगी। अगर हम सभी मुद्दों को देखें तो अंत में हम यह कह सकते हैं कि बिटकॉइन से किसी भी देश की मुद्रा को कोई खतरा नहीं है और न ही भविष्य में कभी ऐसा हो सकता है। बिटकॉइन एक तकनीक है जो सभी नियंत्रणों से आजाद है और इसी लिए लोग यहाँ पर अपने निवेश को सुरक्षित समझते हैं। बिटकॉइन से एक हद तक कुछ सेवाओं या वस्तुओं का लेनदेन संभव है लेकिन सभी सुविधाओं के लिए बिटकॉइन और क्रिप्टो का इस्तेमाल कम व्यवाहरिक है।
WazirX Warrior – CryptoNewsHindi
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अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
भारत सरकार बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है ?
अगर सरकार के नए क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री भारत में गैरकानूनी हो जाएगी. सरकार के इस प्रस्ताव के बाद क्रिप्टोकरेंसी औंधे मुंह गिर रही है.
हैदराबाद : 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में सरकार 26 नए विधेयकों को विचार के लिए संसद में पेश करेगी. इन नए विधेयकों में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' भी शामिल है. अभी इस बिल का मसौदा सार्वजनिक नहीं किया गया है, मगर यह माना जा रहा है कि इस बिल को संसद से मंजूरी मिल जाती है, तो भारत में क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है. इसके बाद इथेरियम और बिटकॉइन बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है जैसी करेंसी में निवेश करना गैर-कानूनी हो जाएगा.
लोकसभा बुलेटिन के 10वें नंबर पर 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' शामिल है.
सरकार के फैसले से लुढ़क गई क्रिप्टो करेंसी : लोकसभा की बुलेटिन में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' की लिस्टिंग होने की खबर से क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी की बिकवाली शुरू हो गई. बाद डॉगकॉइन, शीबा इनू, इथेरियम और बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी के रेट में जबर्दस्त गिरावट हुई. Bitcoin की कीमत 9 नवंबर को 68,327.99 डॉलर थी. बुधवार को इसकी वैल्यू वजीरएक्स पर 25.51 प्रतिशत घटकर 46,601 डॉलर (लगभग 34 लाख रुपये) हो गई. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी आज 22.86 फीसदी गिर गई थी. इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी रिप्पल, डोगेक्वाइन, कारडानो और शीबा इनू में भी 25 से 30 फीसदी की गिरावट आई है.
अब सरकार ने यह फैसला क्यों किया ? : सरकार ने दो नवंबर, 2017 को आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई में एक समिति गठित की थी. समिति ने वर्चुअल करेंसी से संबंधित मुद्दों बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है पर अध्ययन करने के बाद सरकार को जुलाई 2021 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. समिति के अन्य सदस्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, सेबी के चेयरमैन और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल थे. समिति ने निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों, उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर इन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी. साथ ही देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि के लिए जुर्माना लगाने का भी सुझाव दिया था.
भारत सरकार लाएगी अपनी वर्चुअल करेंसी ? : आरबीआई (RBI) चरणबद्ध तरीके से भारत में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करेगा. यह करेंसी रिटेल और होलसेल दो तरीके से उपलब्ध होगी. रिटेल डिजिटल करेंसी का उपयोग आम जनता और कंपनियां करेंगी जबकि होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाएगा. भारत सरकार और रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री पर लगाम लगाने जा रहा है ताकि डिजिटल करेंसी को सही तरीके से लॉन्च किया जा सके और बाजार में इसकी प्रमाणिकता बनी रहे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में 70 लाख भारतीयों के पास करीब एक अरब डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी है. पिछले साल 2020 के मुकाबले इसमें सात गुना उछाल आया है.
इससे पहले रिजर्व बैंक ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की लेनदेन पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2020 को यह पाबंदी हटा दी थी.
किन देशों में क्रिप्टो करेंसी को मान्यता मिली है : अभी मध्य अमेरिका के देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को लेकर सुर्खियों में हैं. अल सल्वाडोर ने दुनिया की पहली 'बिटकॉइन सिटी' बनाने की घोषणा की है. राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि इस शहर के निवासियों को कोई आय, संपत्ति, पूंजीगत लाभ या पेरोल कर भी नहीं देना होगा. वहां की सरकार 'बिटकॉइन सिटी' के लिए 1 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन बॉन्ड जारी करेगी. हालांकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बिटक्वाइन से जुड़े जोखिमों को देखते हुए अल सल्वाडोर को बिटकॉइन को वैध मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है.
इससे पहले कनाडा ने फरवरी 2021 में बिटकॉइन-ट्रेडेड फंड को मंजूरी दी थी. ब्रिटेन में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति का दर्जा प्राप्थ है और निवेशक क्रिप्टो मुनाफे पर इनकम टैक्स भरते हैं. अधिकतर यूरोपीय संघ (ईयू) देशों में क्रिप्टोकरेंसी भी कानूनी है. नेपाल में बिटकॉइन पर बैन है. वियतनाम में इसकी खरीद-बिक्री पर भारी जुर्माना लगता है. चीन में भी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है पर प्रतिबंध लगाया गया है.
क्रिप्टोकरेंसी के प्रति टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की दीवानगी अक्सर दिखती है. कुछ दिन पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि टेस्ला को बिटकॉइन के माध्यम से भी बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है खरीद सकते हैंं.
क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन कैसे बनता है : क्रिप्टो करेंसी का वर्चुअल सिक्का माइनिंग के जरिये बनता है. इसके लिए माइनर को जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिकल पहेली सुलझानी होती है. बिटकॉइन ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर को मैथ्स से जुड़े समीकरण सुलझाने की इजाजत दी जाती है. क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर वाले कम्प्यूटर की जरूरत होती है. जब माइनर एक इक्वेशन सुलझा लेता है, तो एक बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है क्रिप्टोकरेंसी का जारी किया जाता है. बदले में माइनर को क्रिप्टोकरेंसी ही दी जाती है. बिटकॉइन के डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की अनुमति है.