प्रीमियम ब्रोकर्स

LIC के शेयर का ग्रे मार्केट में प्रीमियम टॉप लेवल से 90 फीसदी फिसला
सरकार ने एलआईसी के आईपीओ की साइज घटा दी थी। यह इश्यू करीब 21,000 करोड़ रुपये का था। शुरुआत में सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने का प्लान बनाया था
LIC का आईपीओ सोमवार को बंद हो गया। आईपीओ बंद होने के साथ ही ग्रे मार्केट में इसके शेयरों की डिमांड घट गई। इस वजह से ग्रे मार्केट में इस शेयर का प्रीमियम बहुत ज्यादा घट गया।
ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर पर प्रीमियम घटकर 8-10 रुपये रह गया है। एक हफ्ते पहले ग्रे मार्केट में इस शेयर पर प्रीमियम 100-105 रुपये तक पहुंच गया था। बताया जाता है कि एलआईसी के शेयरों से बड़े इनवेस्टर्स ने दूरी बनाए रखी। उधर, स्टॉक मार्केट में पिछले एक-दो हफ्ते से हालात खराब बने हुए हैं। इसका असर ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर के प्रीमिमय पर पड़ा।
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इस आईपीओ में सबसे ज्यादा दिलचस्पी एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स ने दिखाई। इसके चलते पॉलिसीहोल्डर्स कोटा 6.12 गुना सब्सक्राइब हुआ। एलआईसी के कर्मचारियों ने भी इस आईपीओ में जमकर बोली लगाई। इस वजह से एंप्लॉयीज कोटा 4.40 गुना सब्सक्राइब हो गया। रिटेल इनवेस्टर्स का पोर्शन 1.99 गुना सब्सक्राइब हुआ। नॉन-इंस्टीट्यूशनल कैटेगरी 2.91 सब्सक्राइब हुई। क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल प्रीमियम ब्रोकर्स बायर्स का कोटा 2.83 गुना सब्सक्राइब हुआ।
सरकार इस आईपीओ के जरिए एलआईसी के अपने 20,557 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेच रही है। इसके मुकाबले आईपीओ में इनवेस्टर्स ने करीब 60,000 करोड़ मूल्य के शेयरों के लिए बोली लगाई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर स्टॉक मार्केट में हालात खराब नहीं होते तो एलआईसी के शेयरों को अच्छा रिस्पॉन्स मिलता।
अनलिस्टेडएरेना के को-फाउंडर अभय दोषी ने इकोनॉमिक टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि सही वैल्यूएशन के बावजूद यह एलआईसी का आईपीओ लॉन्च करने का सही वक्त नहीं था। बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव और प्रमुख सूचकांकों में लगातार गिरावट का असर इस आईपीओ पर पड़ा।
सरकार ने एलआईसी के आईपीओ की साइज घटा दी थी। यह इश्यू करीब 21,000 करोड़ रुपये का था। शुरुआत में सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने का प्लान बनाया था। उसने एलआईसी की वैल्यूएशन भी करीब 17 लाख करोड़ रुपये लगाई थी। आईपीओ के लिए इसे घटाकर 6 लाख करोड़ रुपये कर दी थी।
LIC के शेयर 17 मई को बीएसई और एनएसई में लिस्ट होंगे। इससे पहले इनवेस्टर्स को शेयर एलॉट कर दिए जाएंगे। उम्मीद है कि इनवेस्टर्स के डीमैंट अकाउंट में 16 मई को शेयर आ जाएंगे। जिन इनवेस्टर्स को शेयर एलॉट नहीं होंगे, उनके पैसे अकाउंट में रिलीज कर दिए जाएंगे।
ये है दलालों का 'प्रीमियम' फर्जीवाड़ा
KANPUR: दलालों पर लगाम लगाने और पैसेंजर को कंफर्म सीट दिलाने के लिए रेलवे ने प्रीमियम तत्काल कोटा शुरू किया। बड़ी बात ये है कि यह कोटा सिर्फ नार्मल पैसेंजर के लिए है, जो इसे अपनी पर्सनल आईडी से ही बुक करा सकता है, लेकिन दलालों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। खास बात यह है कि दलाल रेलवे की डायनेमिक फेयर स्कीम के तहत किराया फिक्स न होने का फायदा भी उठा रहे हैं और पैसेंजर्स की जेब पर डाका डाल रहे हैं।
प्रीमियम तत्काल कोटे में दलालों की सेंधमारी
दलालों ने प्रीमियम तत्काल कोटे में सेंधमारी किसी शातिर तरीके से नहीं बल्कि बेहद आसान तरीके से की है। उन्हें मालूम है कि एजेंट आईडी से तत्काल प्रीमियम टिकट की बुकिंग नहीं होती है। यह सिर्फ पर्सनल आईडी से बुक होती है। ऐसे में दलाल पर्सनल आईडी से ही प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत बुकिंग कर रहे हैं। बुकिंग कराने तक तो ठीक था, लेकिन जो टिकट पैसेंजर को दिया जा रहा है, उसमें किराये की रकम को बदल दिया जाता है। दरअसल तत्काल प्रीमियम टिकट जिस डायनेमिक फेयर स्कीम के तहत बनाए जाते हैं, ये दलाल उसका फायदा उठा रहे हैं। क्योंकि इसमें किराया हमेशा बदलता रहता है।
फर्जीवाड़े को इस तरह समझे
प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत होने वाली बुकिंग की खासियत यही है कि डायनेमिक फेयर स्कीम में सीटों का किराया उसकी उपलब्धता के अनुसार तय होता है। रेलवे ने ज्यादा भीड़ भाड़ वाली ट्रेनों में ही यह कोटा लागू किया है। ऐसे में तत्काल प्रीमियम कोटे में होने वाली टिकट बुकिंग में किराया तत्काल कोटे के किराए से दो गुने से भी ज्यादा हो सकता है। अगर बतौर उदाहरण इसे समझाया जाए तो यदि तीन पैसेंजर्स को 9 मई को कानपुर से दिल्ली श्रमशक्ति एक्सप्रेस से जाना है। वह तत्काल प्रीमियम कोटे के तहत टिकट बुक कराते हैं तो जरूरी नहीं कि इन तीनों का किराया एक ही हो। एक टिकट बनने पर भी तीनों के किराए में अंतर हो सकता है, लेकिन अगर आप दलाल से प्रीमियम तत्काल कोटे में टिकट बुक कराते हैं, जिसका उसे अधिकार भी नहीं है। फिर भी वो पर्सनल आईडी बनाकर प्रीमियम कोटे की टिकट बुक करता है और इन तीन टिकटों के किराए के फर्क में ही खेल करता है।
दलालों ने ऐसे उठाया तत्काल प्रीमियम कोटे का फायदा
मो। अयान ने म् मई को कानपुर सेंट्रल से मुंबई सीएसटी के लिए एक दलाल से पुष्पक एक्सप्रेस के स्लीपर कोच के तीन टिकट तत्काल प्रीमियम कोटे से बुक कराए। इस कोटे से फ् कंफर्म टिकटों के लिए उन्होंने प्रीमियम ब्रोकर्स फ्म्97 रुपए किराया अदा किया। जिसमें ख्ख्.ब्7 रुपए सर्विस चार्ज भी जुड़ा था। इस हिसाब से एक टिकट की कीमत क्ख्ख्भ् प्रीमियम ब्रोकर्स रुपए के करीब पड़ी। ए-ब् साइज के जिस कागज को उन्हें टिकट बता कर दिया गया, उसमें ट्रांजेक्शन नंबर आईडी, पीएनआर नंबर दिया था, लेकिन रेलवे का कोई सिम्बल नहीं बना था, जिससे यह स्पष्ट हो कि वह रेलवे का टिकट है। सिर्फ नीचे किराया दिया गया था। वहीं उसी दिन प्रीमियम तत्काल कोटे में पुष्पक एक्सप्रेस की स्लीपर सीट का किराया रेलवे की वेबसाइट प्रीमियम ब्रोकर्स से चेक किया गया तो पता चला कि एक सीट का किराया 7भ्0 रुपए ही था। दलाल से कराए टिकट के बदले प्रीमियम ब्रोकर्स प्रीमियम ब्रोकर्स मो। अयान को भ्00 रुपए ज्यादा देने पड़े।
प्रीमियम तत्काल कोटे में बुकिंग के नियम
क्- एजेंट आईडी से नहीं सिर्फ पर्सनल आईडी से प्रीमियम ब्रोकर्स ही होगी बुकिंग
ख्- डायनेमिक फेयर स्कीम के तहत इस कोटे में सीटों की उपलब्धता के अनुसार ही किराया घटेगा या बढ़ेगा
फ्- सिर्फ ई टिकट की ही होगी बुकिंग
ब्- सिर्फ कंफर्म टिकट ही मिलेगा आरएसी या वेटिंग लिस्ट नहीं होगी
भ्- बच्चों का भी पूरा किराया वसूला जाएगा
म्- इस कोटे में किराए पर कोई कंसेशन नहीं मिलेगा
7- बुकिंग के समय एक यात्री के आईडी पू्रफ नंबर को भी दर्ज किया जाएगा
8- इस कोटे के तहत बुक सीटों में कैंसिलेशन पर कोई रिफंड नहीं मिलेगा
9- तत्काल कोटे की इंटरनेट बुकिंग के ही सारे नियम इस कोटे में भी लागू होंगे।
तत्काल प्रीमियम कोटे के तहत दलाल तो दूर एजेंट भी टिकट बुक नहीं कर सकते। दलालों को दूर रखने के लिए ही यह सुविधा शुरू की गई है। ऐसे में अगर इस कोटे के टिकट में अगर कोई गड़बड़ी है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
LIC IPO: धीरे-धीरे बढ़ रहा क्रेज? 4 दिनों में 5 गुना बढ़ा GMP, जानें- कितनी हो सकती है कमाई
केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह सोमवार को बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास एलआईसी आईपीओ का संशोधित ड्राफ्ट (LIC IPO DRHP) जमा किया था. पहले सरकार इस आईपीओ के जरिए एलआईसी की अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाली थी. हालांकि अब इसका साइज घटा दिया गया है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 मई 2022,
- (अपडेटेड 02 मई 2022, 11:37 AM IST)
- एंकर इन्वेस्टर्स के लिए खुल गया LIC IPO
- बुधवार से बोली लगा सकेंगे रिटेल इन्वेस्टर्स
इस सप्ताह सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का बहुप्रतीक्षित आईपीओ (LIC IPO) ओपन मार्केट में आने वाला है. आज यानी सोमवार से यह आईपीओ एंकर इन्वेस्टर्स के लिए खुल चुका है. रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए यह आईपीओ 4 मई को खुलेगा और 9 मई तक इसमें बोली लगाई जा सकेगी. इस बीच ग्रे मार्केट (Grey Market) में एलआईसी आईपीओ के प्रीमियम (LIC IPO GMP) में सुधार देखने को मिला है. आज ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम बढ़कर 85 रुपये पर पहुंच गया है.
पांच गुने से ज्यादा चढ़ गया जीएमपी
आईपीओ वॉच (IPO Watch) के अनुसार, एलआईसी का आईपीओ अभी 85 रुपये यानी करीब 10 फीसदी के प्रीमियम पर ग्रे मार्केट में ट्रेड कर रहा है. वहीं टॉप शेयर ब्रोकर्स (Top Share Brokers) के हिसाब से भी एलआईसी आईपीओ का जीएमपी अभी करीब 10 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेडिंग कर रहा है.
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एलआईसी आईपीओ का जीएमपी 23 अप्रैल को महज 15 रुपये था. जिस तरह से ग्रे मार्केट में एलआईसी आईपीओ का प्रीमियम चढ़ा है, अगर यह ओपन मार्केट में भी रिफ्लेक्ट हुआ तो आईपीओ के इन्वेस्टर्स को ठीक-ठाक कमाई हो सकती है.
इतनी हिस्सेदारी बेच रही सरकार
केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह सोमवार को बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास एलआईसी आईपीओ का संशोधित ड्राफ्ट (LIC IPO DRHP) जमा किया था. पहले सरकार इस आईपीओ के जरिए एलआईसी की अपनी प्रीमियम ब्रोकर्स 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाली थी. हालांकि अब इसका साइज घटा दिया गया है. संशोधित ड्राफ्ट के हिसाब से अब सरकार एलआईसी प्रीमियम ब्रोकर्स में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी ही बेचने जा रही है. इस तरह एलआईसी का आईपीओ अब 21 हजार करोड़ रुपये का होने वाला है. हालांकि इसके बाद भी यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बन जाएगा. अभी तक यह रिकॉर्ड पेटीएम के नाम था, जिसने पिछले साल 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ पेश किया था.
एक साल तक नहीं आएगा FPO
सरकारी बीमा कंपनी के इस मेगा आईपीओ (LIC Mega IPO) का प्राइस बैंड 902 रुपये से 949 रुपये तय किया गया है. इस प्रीमियम ब्रोकर्स प्रीमियम ब्रोकर्स आईपीओ के एक लॉट में 15 शेयर रखे गए हैं. बोर्ड ने एलआईसी आईपीओ में कर्मचारियों के लिए 45 रुपये का और एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स के लिए 60 रुपये का डिस्काउंट तय किया है. शेयर मार्केट में एलआईसी आईपीओ की लिस्टिंग 17 मई को होने वाली है. सरकार ने ये भी साफ किया है कि आईपीओ के अगले एक साल तक कोई फॉलो-ऑन इश्यू (FPO) लाने की योजना नहीं है.
1 रुपये से भी कम में बेची जा रही आपकी निजी जानकारी
इंटरनेट पर हैकर आपकी निजी जानकारी को दूसरों को बेच रहें हैं वो भी 1 रुपसे से कम में। आपके घर का पता, आपका फोन नंबर, इमेल आईडी, आप ऑनलाइन क्या खरीदते हैं, कहां से खरीदते हैं, आपकी उम्र, आप शादी-शुदा हैं या कुंवारें, कितना कमाते हैं, आपसे जुड़ी ऐसी सभी जानकारी हैकरों के हाथ में हैं और वे इसे एक रुपये से भी कम की कीमत में बेच रहें हैं।
इकॉनामिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इंटरनेट पर डाटा ब्रोकर लोगों की निजी जानकारियों को हैक करते हैं और फिर इसे बेचते हैं। आप यह जानकार हैरान रह जाएंगे कि ये हैकर महज 10 से 15 हजार रुपये में बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली में रहने वाले लगभग एक लाख लोगों की निजी जानकारी को बेचने में को तैयार हैं।
एक डाटा ब्रोकर से बात करने पर उसने बताया कि अगर उसे थोड़ा वक्त मिले तो वह बंगलूरू में उंची तनख्वाह पाने वाले लोग, अधिकारी, क्रेडिट कार्ड रखने वाले, और कार मालिकों की पूरी लिस्ट निकाल सकता है।
कुछ ब्रोकर्स तो पहले मुफ्त में सैंपल भी भेजते हैं। इस सैंपल में एक ऐक्सेल शीट होती है जिसमें में ये कुछ लोगों की निजी जानकारी, पता और आय की पूरी जानकारी देते हैं। साथ ही एक शख्स के पास कौन से कार्ड हैं जैसे क्रेडिट, डेबिट और प्रीमियम कार्ड इसकी भी जानकारी मुहैया कराई जाती है।
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