कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश

यह है एक करोड़ के फंड की कैलकुलेशन
अगर आप 10 साल की एसआईपी से एक करोड़ रुपये की राशि जुटाने की योजना बना रहे हैं, तो आप एन्युअल स्टेप-अप को 20 फीसदी पर रख सकते हैं। एसआईपी कैलकुलेटर (SIP calculator) के अनुसार, यहां 12 फीसदी वार्षिक रिटर्न के हिसाब से आपको 21,000 रुपये की मासिक एसआईपी (Monthly SIP) के साथ शुरुआत करनी होगी। मंथली एसआईपी 21,000 रुपये हो, अनुमानित एन्युअल रिटर्न रेट 12 फीसदी हो और एन्युअल स्टेप-अप 20 फीसदी हो और अवधि 10 वर्ष रखी जाए, तो एक करोड़ रुपये का फंड (Fund of 1 Crore) आप जमा कर सकते हैं। एसआईपी कैलकुलेटर के अनुसार, दस वर्ष बाद कुल निवेश राशि 65,41,588 रुपये होगी और रिटर्न अमाउंट 38,34,556 रुपये होगा। इस तरह आपके पास 1,03,76,144 रुपये का फंड जमा हो जाएगा। इस तरह आप कम अवधि में ही करोड़पति बन सकते हैं।
Investment Tips: म्यूचुअल फंड में निवेश की करनी है शुरुआत तो यहां करें Invest! मिलेंगे कई बड़े फायदे
Mutual Fund Tips: अगर आप किसी भी सेक्टर की बड़ी कंपनियों में पैसा लगाते हैं तो आपको इस निवेश से ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. इसके साथ ही नुकसान होने के संभावना कम हो जाती है.
By: ABP Live | Updated at : 03 Sep 2022 08:47 PM (IST)
म्यूचुअल फंड में निवेश
Mutual Fund कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश Investment Tips: आजकल के समय में लोग छोटे निवेश में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं. ऐसे में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेश करना एक बेहतर ऑप्शन है. वैसे तो आजकल हर तरह के निवेश ऑप्शन मौजूद हैं. पहला बैंक एफडी, पोस्ट ऑफिस स्कीम आदि. इस सभी में आपका निवेश सेफ रहता है, लेकिन आपको बहुत कम रिटर्न प्राप्त होता है. वहीं शेयर बाजार में निवेश (Share Market Investment) करने पर बहुत ज्यादा रिस्क रहता है. मगर आप ऐसे निवेश ऑप्शन की तलाश कर रहे हैं जिसमें ज्यादा रिटर्न के साथ ही कम से कम जोखिम हो जो म्यूचुअल फंड ए शानदार निवेश ऑप्शन है. इसमें आपके निवेश को कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश प्रोफेशनल मैनेज करते हैं. ऐसे में मार्केट की उठापट का इस पर कम से कम असर पड़ता है. अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश (Mutual Fund Investment Tips) करके ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो लार्ज कैप फंड्स (Large Cap Funds) निवेश का बढ़िया ऑप्शन है. आइए इसके डिटेल्स के बारे में कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
लार्ज कैप फंड्स निवेशकों को दे रहा बेहतरीन रिटर्न
अगर आप किसी भी सेक्टर की बड़ी कंपनियों में पैसा लगाते हैं तो आपको इस निवेश से ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. इसके साथ ही नुकसान होने के संभावना कम हो जाती है. लार्ज कैप फंड्स एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जिसमें आपके पैसों को लार्ज कैप (Large Cap Funds Investment) कंपनियों में निवेश किया जाता है. इन फंड्स में उन कंपनियों को चुना जाता है जो पिछले कई सालों से अपने निवेशकों को तगड़ा मुनाफा दे रही हैं. अगर आप इस फंड में लंबे वक्त तक निवेश करते हैं तो यह आपके लिए बाद में मल्टीबैगर निवेश का फायदा दे सकता है.
लंबे वक्त में मिलता है बड़ा लाभ
जो लोग अपने पैसों को किसी ऐसे म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं जो कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश उन्हें लंबे वक्त में ज्यादा रिटर्न दे तो लार्ज कैप फंड्स उनके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता है. ज्यादातर लोगों को यह बड़ी अवधि के बाद उनके वित्तीय गोल पाने में मदद करता है. आप इस फंड में पैसे लगाने के बाद 5 से 7 सालों में बेहतर रिटर्न की उम्मीद रख सकते हैं. ऐसे में आप अपने भविष्य के बड़े वित्तीय जरूरतों को लार्ज कैप फंड्स में निवेश करके प्राप्त कर सकते हैं.
मिडकैप और स्मॉल कैप के मुकाबले नुकसान कम
बता दें कि मिडकैप और स्मॉल कैप में बाजार की उठापटक का असर बहुत ज्यादा होता है. वहीं लार्ज कैप फंड्स में इसका असर बहुत कम होता है. इसके साथ ही बाजार में तेजी आने के साथ ही इसमें ज्यादा बड़ा फायदा प्राप्त होता है.वहीं इस फंड पर लगने वाले टैक्स की बात करें तो यह एक इक्विटी फंड है यानी कुल निवेश राशि का 65% हिस्सा शेयर बाजार में लगता है. अगर आप पैसे 12 महीने के अंदर निकालते हैं तो आपको Short Term Capital Gain टैक्स लगता है. इसमें 1 लाख रुपये तक का गेन टैक्स फ्री है. वहीं उसके बाद 10% के हिसाब से DDT देना होगा.
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Disclaimer: यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधित सभी दस्तावेजों को सावधानी से पढ़ें.
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Published at : 03 Sep 2022 08:47 PM (IST) Tags: Mutual fund investment tips Large cap funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
कैसे खुद तय करें बेस्ट म्यूचुअल फंड्स और करें निवेश
जब म्यूचुअल फंड लोगों के बीच इतना मजबूत से अपनी पैठ बना रहा है तब यह जरूरी हो जाता है कि यह सभी को जान लेना चाहिए कि कोई म्यूचुअल फंड लेने से पहले उसकी पहचान कैसे की जाए.
म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual fund investment) पर प्रतीकात्मक फोटो
समय बदल रहा है और करीब एक दशक होने के आया है जब से म्यूचुअल फंड्स लोगों के बीच काफी लोकप्रिय निवेश का माध्यम बन गया है. 1963-64 से आरंभ होकर म्यूचुअल फंड्स करीब पांच दौर देखें हैं. वर्तमान में पांचवां दौर जारी है जो मई 2014 से माना जा रहा है. सेबी के प्रयास रंग लाने लगे और टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में भी लोगों ने कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश म्यूचुअल फंड में निवेश का लाभ लेना आरंभ कर दिया था. 31 मई 2014 तक म्यूचुअल फंड का AUM करीब 10 ट्रिलियन रुपये को पार कर गया था. इसके बाद दो साल के कार्यकाल में ही AUM दो गुना से ज्यादा हो गई यानि करीब 20 ट्रिलियन रुपया (20 लाख करोड़़). यह आंकड़ा अगस्त 2017 में छुआ गया और नवंबर 2020 तक यह आंकड़ा 30 ट्रिलियन रुपया को पहली बार छू गया. 31 अक्टूबर 2017 करीब 6.32 करोड़ लोगों के फोलियो रजिस्टर्ड थे और 31 अक्टूबर 2022 तक इसमें भी दोगुना से ज्यादा का उछाल आया और यह करीब 14 करोड़ के आस पास पहुंच गया.
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अक्टूबर 2017 के बाद से हर महीने लगभग 12.65 लाख फोलियो हर महीने जुड़े हैं. म्यूचुअल फंड में लोगों के इस बढ़े रुझान के पीछे केवल दो कारण सबसे अहम रहे. एक SEBI द्वारा नियमों में बदलाव कर लोगों के विश्वास को बहाल करते रहने का प्रयास और दूसरा म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा समय पर दिया गया सपोर्ट. इतना कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश ही नहीं अप्रैल 2016 तक SIP खाता धारक जहां एक करोड़ पार कर गए थे वहीं, 31 अक्टूबर 2022 तक SIP खाताधारकों की संख्या करीब 6 करो़ड़ तक पहुंच गई.
जब म्यूचुअल फंड लोगों के बीच इतना मजबूत से अपनी पैठ बना रहा है तब यह जरूरी हो जाता है कि यह सभी को जान लेना चाहिए कि कोई म्यूचुअल फंड लेने से पहले उसकी पहचान कैसे की जाए.
अमूमन म्यूचुअल फंड को एक्सपर्ट ही मैनेज करते हैं. इन लोगों को फंड मैनेजर कहा जाता है. यह फंड मैनेजर यह देखते हैं कि कहां निवेश करने से निवेशकों को ज्यादा लाभ होगा यानि ज्यादा रिटर्न मिलेगा. म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है जो निवेश का जोखिम खुद उठाने में सक्षम नहीं होते. ये लोग बाजार के बारे में और कंपनियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के चलते ऐसे फंड मैनेजरों की राय पर काम कर सकते हैं.
बेस्ट म्यूचुअल फंड वो होते हैं जो ज्यादा और लगातार रिटर्न देते हैं यानि निवेश करने पर लगातार बेहतर परिणाम देते हैं. ऐसे म्यूचुअल फंड चुनने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए. माना जाता है कि बेस्ट म्यूचुअल फंड पहचानने के लिए सबसे पहले इन तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए. परफॉरमेंस, रिस्क और कॉस्ट. इन तीनों के जोड़-तोड़ से एक फंड तैयार किया जाता है. इक्वीटी के लिए अलग रेशियो का अलग सेट होता है वहीं डेब्ट के लिए अलग होता है. कुछ फंड मैनेजर इसमें सबकैटेगरी पर भी स्टडी कर अपनी राय बनाते हैं.
Performance Score (प्रदर्शन स्कोर) - यह सूचना अनुपात, अप कैप्चर अनुपात, YTM आदि जैसे कई अनुपातों से बना है। यह रिटर्न उत्पन्न करने में फंड की स्थिरता को मापने में मदद करता है, बेंचमार्क के संबंध में बेहतर प्रदर्शन, बेंचमार्क को मात देने में स्थिरता और ऋण के लिए अपेक्षित रिटर्न फंड अगर परिपक्वता तक आयोजित किया जाता है.
Risk Management Score (जोखिम प्रबंधन स्कोर) - जोखिम प्रबंधन स्कोर में सॉर्टिनो, मानक विचलन, डाउन कैप्चर अनुपात, क्रेडिट रेटिंग आदि जैसे अनुपात शामिल होते हैं. यह फंड की नकारात्मक जोखिम की संभावना का आकलन करने में मदद करता है, चाहे फंड बाजार सुधार और इसकी साख के दौरान अपने नुकसान को कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश नियंत्रित करने में सक्षम हो.
Cost Score (लागत स्कोर) यह फंड के व्यय अनुपात को ध्यान में रखता है.
हम इनमें से प्रत्येक पैरामीटर के लिए स्कोर की गणना करते हैं और एक श्रेणी के लिए इन स्कोर को सामान्य करते हैं. हम प्रत्येक प्रदर्शन स्कोर, जोखिम स्कोर और लागत स्कोर को वेटेज देते हैं और एक अंतिम स्कोर पर पहुंचते हैं. इन अंतिम अंकों का उपयोग किसी फंड की श्रेणी के भीतर रैंकिंग करने के लिए किया जाता है.
Equity Mutual Funds (इक्विटी म्युचुअल फंड)
इन फंडों का पोर्टफोलियो मुख्य रूप से इक्विटी पर केंद्रित होता है. इस प्रकार, एक निवेशक अपने इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश से जो रिटर्न कमाता है, वह मुख्य रूप से फंड की इक्विटी होल्डिंग्स के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण इक्विटी में उचित मात्रा में जोखिम होता है. जोखिम बाद में इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी परिलक्षित होता है. हालांकि, म्यूचुअल फंड के रिटर्न में उतार-चढ़ाव कुछ समय के लिए ही रहता है. इक्विटी आधारित म्युचुअल फंड का लंबे समय में रिटर्न के मामले में एक उत्कृष्ट प्रदर्शन इतिहास रहा है.
Mutual Fund Investment: कितने 'सही' हैं म्यूचुअल फंड; कैसे लगाएं पैसा और कितना मिलेगा फायदा, जानें सभी डिटेल
Mutual Fund Investment म्यूचुअल फंड आपको कम जोखिम स्टाक और बांड खरीदने की सुविधा देता है। म्यूचुअल फंड निवेश में अलग-अलग जगह पैसा लगाया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने के बावजूद अन्य क्षेत्रों से लाभ कमाया जा सके।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क : शेयर बाजार में निवेश करने के कई तरीके हैं। निवेशक सीधे तौर पर डीमैट अकांउट या फिर म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए आसानी से निवेश कर सकते हैं। जानकारों का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति को शेयर बाजार (Stock Market) की समझ है तो ही उसे सीधे डीमैट अकांउट (Demat Account) के जरिए निवेश करना चाहिए। ऐसे निवेशक जो नए हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual Fund Investment) का सबसे अच्छा तरीका है।
म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड खरीदने की सुविधा देता है। म्यूचुअल फंड निवेश में किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है, बल्कि अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है, ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने के बावजूद अन्य क्षेत्रों से लाभ कमाया जा सके।
म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा चलाया जाता है और फंड मैनजेर इसे मैनेज करते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं। जोखिम के आधार पर इन्हें इक्विटी फंड, हाइब्रिड फंड और डेट फंड बांटा गया है। इक्विटी फंड में सबसे अधिक जोखिम होता है, जबकि डेट फंड में सबसे कम जोखिम होता है।
म्यूचुअल फंड चुनने का तरीका
म्यूचुअल फंड का चयन करने में जोखिम की बड़ी भूमिका होती है। अधिक जोखिम लेने वाले निवेशकों को इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए। ऐसे निवेशक जो मध्यम जोखिम उठाना चाहते हैं, तो वे हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। वहीं, ऐसे निवेशक जो कम से कम जोखिम उठाना चाहते हैं, वे डेट फंड में निवेश कर सकते हैं। यहां इस बात का भी कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश पूरा ध्यान रखना चाहिए कि फंड को मैनेज करने वाले फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है। बाजार में उन्हें कितने साल का अनुभव है। ऐसे म्यूचुअल फंड जहां एएमसी बार-बार फंड के मैनेजर को बदल रही हो, उनसे दूर रहना चाहिए। एक्सपेंस रेश्यो को भी ध्यान में रखना चाहिए। एक्सपेंस रेश्यो, जिस म्यूचुअल फंड का जितना कम होता है, वह उतना ही अच्छा माना जाता है।
म्यूचुअल फंड में न्यूनतम निवेश
म्यूचुअल फंड में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। आपके पास केवल आधार कार्ड और पैन कार्ड होना अनिवार्य है। आप किसी भी एएमसी की वेबसाइट पर जाकर सीधे निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर 500 रुपये के मासिक निवेश में किसी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। NRI भी इसमें पैसा लगा सकते हैं। आप जीवनसाथी या बच्चों की तरफ से भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी होगी।
कभी भी कर सकते हैं निकासी
निवेश के साथ-साथ म्यूचुअल फंड से निकासी करना भी बेहद आसान है। ज्यादातर में कोई भी लॉक-इन पीरियड नहीं होता है। आप जरूरत पड़ने पर कभी भी म्यूचुअल फंड से पैसे की निकासी कर सकते है। अगर क्लोज एंड स्कीम है तो लॉक-इन अवधि 3-4 वर्ष की होती है। अगर आप एक साल से कम अवधि में अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचते हैं तो फिर आपको एक फीसदी का एग्जिट लोड देना पड़ेगा। वहीं, एक साल की अवधि के बाद बेचने पर कोई भी चार्ज नहीं लगेगा।
कितना मिलता है फायदा
म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम से जुड़े होते हैं, इसलिए आपको कितना रिटर्न मिलेगा, यह ठीक-ठीक बता पाना मुश्किल है। हो सकता है कि आपको एक निवेश में खूब फायदा हुआ हो, लेकिन ध्यान रहे, किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम का पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है। इतना जरूर है कि यह निवेश के बाकी तरीकों से कहीं अधिक सुरक्षित है।
टैक्स-फ्री नहीं है यह निवेश
म्यूचुअल फंड शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियमों के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड पर मिलने वाले लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार TDS काटा जाता है।
How to become Rich : सिर्फ 10 साल में आप बन जाएंगे करोड़पति, म्यूचुअल फंड में इस तरह करना होगा निवेश
How to become Rich : एक्सपर्ट्स वेतनभोगी कर्मचारियों (Salaried) को अपनी पहली सैलरी से ही निवेश (Investment) करने की सलाह देते हैं। इससे आप कम उम्र में एक अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं। अगर आप सबसे अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो इक्विटी में निवेश (Equity Investment) कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में एसआईपी (SIP) के माध्यम से ऐसा करना काफी आसान है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड आपको बना सकता है करोड़पति
हाइलाइट्स
- म्यूचुअल फंड में निवेश करके भी आप बन सकते हैं करोड़पति
- इक्विटी म्यूचुअल फंड में मिलेगा बेहतर रिटर्न
- एन्युअल स्टेप-अप के जरिए बढ़ाएं अपना निवेश
इस तरह बढ़ाएं अपना निवेश
इक्विटी म्यूचुअल फंड में आप 10 वर्षों का लक्ष्य लेकर भी चल सकते हैं। इन दस वर्षों के निवेश से आप एक करोड़ रुपये का फंड जमा कर सकते हैं। इस टार्गेट को पाने के लिए आप मंथली एसआईपी में एन्युअल स्टेप-अप (Annual Step-up) का उपयोग कर सकते हैं। स्टेप-अप एसआईपी का एक ऐसा फीचर है, जो एसआईपी में आपके योगदान कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश को एक विशेष अवधि के बाद बढ़ा देता है। आप हर साल अपनी एसआईपी की राशि में कुछ फीसदी की बढ़ोतरी कर सकते हैं। इस तरह आप अपनी आय में सालाना इंक्रीमेंट ( Yearly Increments) और अपने वित्तीय गोल (Financial Goals) के अनुसार एसआईपी की राशि में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
Mutual Fund से भी होती है तगड़ी कमाई, 18 साल पहले जिन्होंने इस फंड में 10 लाख लगाया, आज है 2.5 करोड़ का मालिक
यह है एक करोड़ के फंड की कैलकुलेशन
अगर आप 10 साल की एसआईपी से एक करोड़ रुपये की राशि जुटाने की योजना बना रहे हैं, तो आप एन्युअल स्टेप-अप को 20 फीसदी पर रख सकते हैं। एसआईपी कैलकुलेटर (SIP calculator) के अनुसार, यहां 12 फीसदी वार्षिक रिटर्न के हिसाब से आपको 21,000 रुपये की मासिक एसआईपी (Monthly SIP) के साथ शुरुआत करनी होगी। मंथली एसआईपी 21,000 रुपये हो, अनुमानित एन्युअल रिटर्न रेट 12 फीसदी हो और एन्युअल स्टेप-अप 20 फीसदी हो और अवधि 10 वर्ष रखी जाए, तो एक करोड़ रुपये का फंड (Fund of 1 Crore) आप जमा कर सकते हैं। एसआईपी कैलकुलेटर के अनुसार, दस वर्ष बाद कुल निवेश राशि 65,41,588 रुपये होगी और रिटर्न अमाउंट 38,34,556 रुपये होगा। इस तरह आपके पास 1,03,76,144 रुपये का फंड जमा हो जाएगा। इस तरह आप कम अवधि में ही करोड़पति बन सकते हैं।