विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश

विदेशी मुद्रा बाजार को अन्य वित्तीय बाजारों की तुलना में अधिक अपारदर्शी माना जाता है। ओटीसी बाजारों में मुद्राओं का कारोबार होता है, जहां प्रकटीकरण अनिवार्य नहीं विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश है। संस्थागत फर्मों से बड़े तरलता पूल बाजार की एक प्रचलित विशेषता है। कोई यह मान सकता है कि किसी देश के आर्थिक मानदंड उसकी कीमत निर्धारित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानदंड होने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। 2019 के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि बड़े वित्तीय संस्थानों के उद्देश्यों ने मुद्रा की कीमतों को विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश निर्धारित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
करेंसी वारः एक नवीन वैश्विक आर्थिक संघर्ष
चीन की नीति का अनुसरण और ‘प्रतिस्पर्द्धी अवमूल्यन’ जैसा कोई भी कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये निरर्थक ही होगा क्योंकि कठोर व्यापार नीतियों, प्रशुल्क और गैर-प्रशुल्कीय बाधाओं की वजह से इस तरह के अवमूल्यन का प्रभाव अंततः नगण्य ही हो जाएगा।
पिछले एक साल के आँकड़े दर्शाते हैं कि भारतीय रुपये में खास उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया तथा बाजार आधारित विनिमय दर के आधार पर विश्व जी.डी.पी. में भारत का योगदान भी सतत् बना रहा है। इसके अलावा चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा भी एक चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में कोई भी अव्यावहारिक करेंसी वार किसी अन्य देश की तुलना में भारत की व्यापार स्थिति के लिये अधिक मुसीबतें खड़ी कर सकता है।
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FX बाजार वह जगह है जहां मुद्राओं का कारोबार होता है। यह दुनिया में एकमात्र सही मायने में निरंतर और नॉनस्टॉप ट्रेडिंग मार्केट है। अतीत में, विदेशी मुद्रा बाजार में संस्थागत फर्मों और बड़े बैंकों का वर्चस्व था, जो ग्राहकों की ओर से काम करते थे। लेकिन हाल के वर्षों में यह अधिक खुदरा-उन्मुख हो गया है, और कई आकार के व्यापारियों और निवेशकों ने इसमें भाग लेना शुरू कर दिया है।
Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर, एक साल की विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश सबसे बड़ी तेजी
देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर हो गया। सितंबर 2020 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में यह सबसे बड़ी तेजी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले दिनों देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का रुख देखा गया। इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 3.84 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया था। एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑल टाइम विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश हाई पर पहुंच गया था।
देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (foreign currency assets) 5.77 अरब डॉलर बढ़कर 470.84 अरब डॉलर हो गयीं।
ऊंची बाजार का नियंत्रण कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंयदि वह ऊँची कीमत निश्चित करता है तो वस्तु की कम मात्रा की मांग होगी। (iv) नई फर्म के प्रवेश पर रोक : नई फर्मों के लिये बाजार में प्रवेश कर अकेले विक्रेता से प्रतियोगिता करना सम्भव नहीं होता है। अकेला विक्रेता अथवा फर्म होने के कारण, एकाधिकार में फर्म तथा उद्योग में कोई भेद नहीं होता है।
शेयर मार्किट का चार्ट कैसे देखे?
इसे सुनेंरोकेंChart देखने के लिए प्लेटफार्म: शेयर मार्केट का चार्ट देखने के लिए आपको सबसे पहले कोई ऐसा प्लेटफार्म चाहिए जहां पर आप चार्ट देख पाए। मैं जो प्लेटफार्म यूज करता हूं और आप सभी को भी रेकमेंड करता हूं वह है tradingview.com यहां पर आप बहुत ही अच्छे तरह से चार्ट को देख पाएंगे और एनालाइज कर पाएंगे।
विदेशी बाजार की पहचान का क्या अर्थ है सामान्य विश्लेषण और विशिष्ट विश्लेषण पर चर्चा करें?
अति अल्पकालीन बाजार क्या है?
इसे सुनेंरोकेंअति अल्पकालीन बाजार या दैनिक बाजार:- जब किसी वस्तु की मांग बढ़ती विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश है तो उसकी पूर्ति बढ़ाने का समय नहीं मिल पाता तब ऐसे बाजार को अति अल्पकालीन बाजार कहते विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश हैं। जैसे:- शीघ्र नष्ट हो जाने वाली वस्तुएँ दूध, सब्जी मछली आदि। इनका भंडारण ज्यादा समय तक नही किया जा सकता। ये दैनिक बाजार के अंतर्गत आते है।
विदेशी बाजार की पहचान का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंविदेशी विनिमय बाजार एक विकेन्द्रीकृत वैश्विक बाजार है जहां सभी दुनिया की मुद्राओं का कारोबार होता है एक दूसरे, और व्यापारी मुद्राओं के मूल्य परिवर्तन से लाभ या हानि बनाते हैं। विदेशी मुद्रा बाजार को विदेशी मुद्रा बाजार, FX या मुद्रा ट्रेडिंग मार्केट के रूप में भी जाना जाता है।
विदेशी व्यापार से आप क्या समझते हैं इसके लाभों का वर्णन कीजिए?
रुपया अब तक सबसे निचले स्तर पर, विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया लगभग 20 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 78.13 (अस्थायी) प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया। घरेलू शेयर बाजार के कमजोर होने तथा विदेशों में डॉलर के मजबूत होने से निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई जो गिरावट का मुख्य कारण था। बाजार सूत्रों ने कहा कि एशियाई मुद्राओं के कमजोर विदेशी मुद्रा बाजार में प्रवेश होने तथा विदेशी पूंजी की बाजार से सतत निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ। इसके साथ ही विपक्ष दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर कटाक्ष करना शुरू कर दिया है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला। दिन के कारोबार में यह 78.02 के उच्च स्तर और नीचे में 78.29 तक गया। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव 77.93 रुपये के मुकाबले 20 पैसे की गिरावट के साथ 78.13 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो अबतक का रिकॉर्ड सबसे निचला स्तर है।