बाजार ज़ोखिम

सवाल उठता है कि रुपये की गिरती क़ीमत आपकी और हमारी साख कैसे कम करती है? सीधे शब्दों में कहूं तो हमारे-आपके जीवन को कैसे प्रभावित करती है? हम विदेश से कच्चा तेल आयात करते हैं. रुपये के कमज़ोर होने से हमें ज़्यादा पैसे देने होंगे. नतीजा महंगाई बढ़ेगी. सब्जियां हों, दाल चावल या तेल. सभी खाद्य पदार्थ महंगे होंगे. जो भी सामान हम दूसरे देशों से खरीदते हैं हमें उसके बदले ज्यादा पैसे देने होंगे. क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार डॉलर में होता है.
Dollar vs Rupee: रुपये का गिरना आपकी ज़िदगी कैसे करता है तबाह?
भारत में रुपया है कि संभलने का नाम ही नहीं ले रहा. शुक्रवार को रुपया 20 साल के सबसे निम्नतम स्तर 81 के पार पहुंच गया. सवाल यह है कि रुपये के गिरने से भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
- 20 साल के सबसे निम्नतम स्तर पर रुपया
- डॉलर के मुकाबले 81 से नीचे गया रुपया बाजार ज़ोखिम
- विदेशी बाजारों में क्यों मज़बूत हो रहा डॉलर?बाजार ज़ोखिम
- भारत में क्यों नहीं संभल पा रहा है रुपया?
Rupee hits record low vs US dollar: बाजार ज़ोखिम आज एक वक़्त ऐसा भी आया जब भारतीय रुपया, डॉलर के मुक़ाबले (rupee vs dollar) 20 साल के सबसे निम्नतम स्तर पर जा पहुंचा. शुक्रवार सुबह डॉलर के मुकाबले रुपया 62 पैसे गिरकर 81.09 के स्तर पर पहुंच गया. जानकार बताते हैं कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा (US Dollar) की मज़बूती, घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट और कच्चे तेल (Crude oil) के दामों में बढ़ोतरी, रुपये को प्रभावित कर रही है. एक सच यह भी है कि इन दिनों पूरी दुनिया में आसमान छूती महंगाई है. जिसे कंट्रोल करने के लिए दुनियाभर की बैंक ब्याज़ दरें बढ़ा रही हैं. लेकिन यह प्रयास कहीं दुनिया को मंदी को तरफ तो नहीं धकेल रहा?
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निर्माण क्षेत्र में बड़ा नाम कमा चुके मुंबई के पटेल इंजीनियरिंग समूह को दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़ी वॉटरफ्रंट परियोजना विकसित करने का ठेका मिला है।
यह परियोजना मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुई में करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है। लगभग 24 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जाने वाली इस परियोजना में 40 फीसदी से भी अधिक क्षेत्र में वॉटरफ्रंट ब्रॉड वॉक्स और मरीन गार्डन्स होंगे। इसके अलावा इस टाउनशिप में होटल, कैसिनो का भी निर्माण किया जाएगा।
इस बारे में पटेल इंजीनियरिंग के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल से बातचीत नहीं हो पाई। लेकिन इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से मुकाबले के बाद ही कंपनी को यह परियोजना मिली है। सूत्रों ने बताया, 'पटेल इंजीनियरिंग को इस परियोजना का ठेका देने के लिए चुन लिया गया है और इस बारे में औपचारिक घोषणा कभी भी हो सकती है।'
AAJ Ka Mandi Bhav 6 April: प्रमुख फसलों के आज के दाम, अलग-अलग राज्यों की मंडियों की पड़ताल
( Mandi Bhav Today Updates): नमस्कार किसान भाइयों आइये जाने ! आज देश की प्रमुख अनाज मंडियों में नरमा/कॉटन , देशी कपास , चना , ग्वार ( Guar), सरसों ( Mustard), सरसों तेल , तिलहन , दलहन , सोयाबीन , धनिया , मसूर , मुंग , मोठ , मूंगफली , गेहूं , जौ , तुवर , मक्का , अरण्डी , जीरा , ईसबगोल बाजार ज़ोखिम इत्यादि फसलों का राजस्थान , हरियाणा , पंजाब , MP, UP की प्रमुख अनाज मंडियों का लेटेस्ट लाइव मंडी भाव ( Mandi Rate) क्या रहा ?
Mandi ka bhav aaj ka: Daily Bhav Update Anaj Mandi Rates Today, 6 April 2022 Grain Market Live Online Commodity Prices (Agricultural Produce Market Committee- APMC Report) आज के लेटेस्ट हाजिर बाजार भाव , कृषि उपज मंडियों की ताजा तेजी-मंदी की लाइव दैनिक रिपोर्ट ( Taja Bhav 2022) यहाँ पर प्रकाशित की जा रही है।
‘क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा’ निगम सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन करता है
‘हरियाणा कौशल रोजग़ार निगम’ मज़दूरों के साथ धोखा है
सत्यवीर सिंह
‘हमारी सेवाओं को नियमित करो, समान काम-सामान वेतन लागू करो, 4000 रु ज़ोखिम भत्ता दो और हमें कौशल विकास निगम का झुनझुना नहीं चाहिए, कोरोना बाजार ज़ोखिम बाजार ज़ोखिम के दौरान जो सफ़ाई कर्मचारी ड्यूटी करते मारे गए उन्हें 50 लाख रु की मदद दो’, इन मांगों को पूरा कराने के लिए, हरियाणा में नगर निगम सफ़ाई कर्मचारी, अग्नि शमन कर्मचारी एवं अन्य नगर निगम कर्मचारी 19 अक्तूबर से हड़ताल पर हैं.नगर निगम दफ़्तरों के प्रवेश द्वारों में ताले लगे पड़े हैं.
साइन बोर्ड बना जान का ज़ोखिम
जीरकपुर/मनीमाजरा, 24 फरवरी (निस)चंडीगढ़-दिल्ली सड़क पर जीरकपुर में नेशनल हाईवे अथार्टी की ओर से लगाए गए साइन बोर्ड के नट-बोल्ट गायब होने के कारण साइन बोर्ड कभी भी गिर कर जानी नुकसान पहुंचा सकता है। दुकानदारों का कहना है कि कई दिनों से बाजार ज़ोखिम बोर्ड थोड़ा-थोड़ा करके नीचे जा रहा है लेकिन रोजाना इस मार्ग से एनएचआई के अधिकारी निकलते है लेकिन किसी ने भी आज तक इसकी ओर ध्यान नहीं दिया जिसके कारण हादसे की संभावना बनी हुई है।चंडीगढ़ से जीरकपुर जाते समय फ्लाईओवर से पहले रास्ता दर्शाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉर्टी की ओर से एक बड़ा बोर्ड लगाया हुआ है।मोटे पाइपों से बने इस भारी बोर्ड को जोडऩे के लिए ज्वाइंट प्लेटों को नट-बोल्ट के साथ जोड़ा हुआ है। गत कुछ दिनों से इस बोर्ड के कई नट-बोल्ट या तो टूट गए हैं या फिर गिर गए हैं, जिसके कारण यह बोर्ड लगातार थोड़ा-थोड़ा करके नीचे को झुक रहा है। तकनीकि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर इस बोर्ड की शीघ्र मरम्मत न की गई तो यह बोर्ड कभी भी नीचे गिर सकता है।