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सिग्नल विदेशी मुद्रा

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#MumbaiLocal अंधेरी आणि जोगेश्वरी दरम्यान सिग्नल यंत्रणेत बिघाड, पश्चिम रेल्वेची वाहतूक विस्कळित, अप आणि डाऊन फास्ट लाईनवर पॉइंट फेल झाल्यानं सिग्नल यंत्रणेत बिघाड, दोन्ही मार्गावरील फास्ट लोकल रखडल्या #WesternRailway @Akkibhatkar https://t.co/lxMFqHR8Hs pic.twitter.com/EJvgQuBIPQ — ABP माझा (@abpmajhatv) November 9, 2022

Mumbai Local Train Update: अंधेरी और जोगेश्वरी के बीच सिग्नल सिस्टम फेल होने से लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित, ऑफिस जानें वाले यात्रियों को दिक्कत

अंधेरी और जोगेश्वरी के बीच सिग्नल फेल होने की सूचना के बाद बुधवार को वेस्टर्न लाइन पर लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं. सूत्रों के मुताबिक, सुबह की व्यस्तता के दौरान पश्चिम रेलवे की कई स्थानीय सेवाएं देरी से चल रही थीं.

अंधेरी और जोगेश्वरी के बीच सिग्नल फेल (Andheri -Jogeshwari Signal Failure) होने की सूचना के बाद बुधवार को वेस्टर्न लाइन पर लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं. सूत्रों के मुताबिक, सुबह की व्यस्तता के दौरान पश्चिम रेलवे की कई स्थानीय सेवाएं देरी से चल रही थीं.

#MumbaiLocal अंधेरी आणि जोगेश्वरी दरम्यान सिग्नल यंत्रणेत बिघाड, पश्चिम रेल्वेची वाहतूक विस्कळित, अप आणि डाऊन फास्ट लाईनवर पॉइंट फेल झाल्यानं सिग्नल यंत्रणेत बिघाड, दोन्ही मार्गावरील फास्ट लोकल रखडल्या #WesternRailway @Akkibhatkar https://t.co/lxMFqHR8Hs pic.twitter.com/EJvgQuBIPQ

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मुंबई की यातायात समस्या सुधारेगा ये नया ट्रैफिक सिग्नल!

प्रतिकात्मक तस्वीर - PTI

मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने जाम की समस्या निपटने के लिए पहला पोर्टेबल सिग्नल बनाया गया है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 09, 2017, 07:36 IST

मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने जाम की समस्या निपटाने का तरीका ढूंढ लिया है. जाम से निजात पाने के लिए मुंबई का पहला पोर्टेबल सिग्नल बनाया गया है.

पोर्टेबल सिग्नल यानि इस सिग्नल को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से मूव किया जा सकता है. इसके साथ ही इस तरह के सिग्नल को इलाके से दूसरे इलाके में भी ले जाया जा सकता है.

पोर्टेबल सिग्नल की बैटरी को 8 घंटे तक चार्ज करना होता है, जिसके बाद यह 24 घंटे तक काम कर सकता है. मुंबई में ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी संजय जाधव ने बताया कि पोर्टेबल सिग्नल की कई खूबियां हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये सिग्नल पोर्टेबल है और जहां इसकी जरूरत है इनस्टॉल किया जा सकता है.

आपको बता दें कि मुंबई शहर में लगभग 1200 पर्मानेंट सिग्नल हैं. ये 2000 किलोमीटर के एरिया में 28 लाख गाड़ियों को नियंत्रित करते हैं. लेकिन, प्रशासन और पुलिस ने माना है कि इतने सिग्नल भी कहीं न कहीं नाकाफी हैं.

इसके अलावा शहर में चल रहे मेट्रो के काम, रोड रिपेयर, यूटिलिटी काम की वजह से काफी सड़कों पर वन-वे या डायवर्जन करना जरूरी होता है. ऐसे में ये नए सिग्नल मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल में काफी सहायक होंगे.

जानकारी के अनुसार, फिलहाल 13 पोर्टेबल सिग्नल ट्रैफिक डिपार्टमेंट के पास हैं. इनमें से 11 सिग्नल अलग-अलग जगह लगाए गए हैं.

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रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और ट्रैफिक सिग्नल पर दिखने वाले हजारों बच्चे लॉकडाउन में हो गए गायब, आखिर गए कहां ?

यह किस्सा है तो कानपुर का लेकिन कहीं का भी हो सकता है। सुषमा (बदला हुआ नाम) नौ साल की है। उसने दो दिनों से अन्न का एक दाना भी मुंह में नहीं डाला। उसके पिता दैनिक मजदूरी कर परिवार का गुजारा करते रहे थे लेकिन लाकॅडाउन के दौरान उसका काम-धाम ठप है।

फोटो: सोशल मीडिया

विश्वजीत बनर्जी

यह किस्सा है तो कानपुर का लेकिन कहीं का भी हो सकता है। सुषमा (बदला हुआ नाम) नौ साल की है। उसने दो दिनों से अन्न का एक दाना भी मुंह में नहीं डाला। उसके पिता दैनिक मजदूरी कर परिवार का गुजारा करते रहे थे लेकिन लाकॅडाउन के दौरान उसका काम-धाम ठप है। वे लोग शहर में स्वयंसेवी संगठनों या सरकार द्वारा संचालित कम्युनिटी किचेन से मिलने वाले भोजन के भरोसे रहते हैं। दो दिनों से वे नहीं आए, तो उनके पेट में भी कुछ नहीं गया। भूख बर्दाश्त से बाहर हो गई, तो सुषमा ने अपनी मां से कुछ भी खाने देने को कहा। बेबसी- निराशा-हताशा में ही सही, उसकी मां ने उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी। सुषमा की चीखों ने आसपास के लोगों का ध्यान खींचा और उनलोगों ने एक एनजीओ को उसके बारे में सूचना दे दी।

दरअसल, निर्दोष बच्चे इस लाकॅडाउन के सबसे अधिक शिकार हैं। इस तरह के आय वर्ग वाले परिवारों के बच्चे तो सबसे अधिक। अगर वे सड़कों पर रह रहे हैं, तब तो हाल समझा ही जा सकता है, अगर उनके सिर पर किसी तरह की छत है, तब भी भूखे रहना और इस वजह से उनका लगातार चिड़चिड़े होते जाना स्वाभाविक ही है। सामान्य दिनों में भी ऐसे सभी बच्चों को खाना-पानी के लिए किस तरह भटकना पड़ता है, शायद इसका अंदाजा हम सबको है। यह बात भी छिपी नहीं है कि इनके साथ किस तरह का शाब्दिक और शारीरिक अत्याचार होता है- खास तौर से बालिकाओं के साथ।

लखनऊ में बाल कल्याण समिति की सदस्य संगीता शर्मा कहती भी हैं कि ये बच्चे परिवार के अंदर भी हिसां के निशाना सबसे अधिक बनते हैं। बंद दरवाजों के पीछे हिसां बढ़ती ही है लाकॅ डाउन में। वह कहती हैं कि ये बच्चे अपने हमउम्र बच्चों की कमी इन दिनों सबसे अधिक महससू कर रहे हैं। सामान्य दिनों में उनके मां-बाप इतने समय तक इनके साथ नहीं रहते। लेकिन ऐसे वक्त ने उनकी लाइफस्टाइल बदल दी है। एक तरह से, सिग्नल विदेशी मुद्रा उनकी आजादी ही खत्म हो गई है और उन पर तरह-तरह की पाबंदियां लाद दी गई हैं। मां-बाप खुद तनाव में हैं और इसीलिए वे बच्चों पर चिल्लाते हैं, उन्हें पीटते हैं। वह कहती हैंः शहर के हर लेन, हर हिस्से का यही हाल है लेकिन हम चाहकर भी इन बच्चों की कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं।

विशेषज्ञ लाकॅ डाउन के दौरान बच्चों पर बढ़ती हिसां के लिए गरीबी, घरेलू हिसां, बच्चों के समय बिताने के लायक जगहों की कमी और शराब को जिम्मेवार ठहराते हैं। घरेलू हिसां का प्रभाव बच्चों के मनोविज्ञान पर भी पड़ रहा है। वे हर वक्त भय के आगोश में रह रहे हैं।

और ऐसा ऐसा लगभग सभी वर्गों के बच्चों के साथ हो रहा है। घरेलू हिसां की घटनाएं निरंतर बढ़ती ही जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में 1090 विमेन पावरलाइन का नेतृत्व कर रहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अंजु गुप्ता कहती हैं कि पहले हम महिलाओं के साथ घरेलू हिसां से संबंधित लगभग 7,100 काॅल रोज रिसीव कर रहे थे जिनकी संख्या इस लाकॅ डाउन के दौरान बढ़कर करीब 8,700 हो गई है। उन्होंने कहाः यह सच है कि लाकॅ डाउन के दौरान बच्चों के साथ हिसां की शिकायतें ज्यादा नहीं आ रही हैं, पर इसका मतलब यह नहीं है कि उनके साथ हिसां की घटनाएं कम हो गई हैं। हमें इनकी संख्या अधिक होने का संदेह है, पर इस वक्त हमारे पास सूचना नहीं है और इसलिए हम उनकी तात्कालिक मदद के लिए उनके पास नहीं पहुंच पा रहे हैं।

सेव द चिल्ड्र्ने के सुरोजीत चटर्जी ने कहा कि लाकॅ डाउन को बढ़ाए जाने से बच्चों के लिए जीवन अधिक कठिन हो गया है। सामान्य बच्चों को भी पढ़ने के अलावा तो कोई काम है नहीं- स्कूल में सिर्फ पढ़ाई नहीं होती, बच्चे खेलते- कूदते हैं, आपस में बातचीत करते हैं, छोटे बच्चे भी अपने दोस्तों से मन की बात कहते हैं। लेकिन इन दिनों वे, बस, चारदीवारियों में कैद हैं- वहां भी रोज एक ही रूटीन है। सरिता (बदला हुआ नाम) पढ़ने के लिए लखनऊ आई थी और हाॅस्टल में रहती थी। लाकॅ डाउन अचानक ही लग गया, तो वह अपनी एक परिचित आंटी के यहां चली सिग्नल विदेशी मुद्रा गई। थोड़े दिनों बाद ही वहां उसके साथ व्यवहार बदल गया और उसकी पिटाई भी हो गई। उसने पुलिस को काॅल कर दिया। पुलिस ने चाइल्डलाइन को सूचना दी और उसने मामले को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया।

एक अन्य मामला 12 साल के रमेश (बदला हुआ नाम) का है। वह ऐसे गरीब परिवार का है जिसे दो जून की रोटी के लिए भी संघर्ष सिग्नल विदेशी मुद्रा करना पड़ता है। हाल में उसके पिता नशे में घर लौटे और पति-पत्नी में किसी बात पर बहस हो गई। जब रमेश ने हस्तक्षेप किया तो धुत बाप ने उसकी पिटाई कर सिग्नल विदेशी मुद्रा सिग्नल विदेशी मुद्रा दी।

चाइल्डलाइन इंडिया के अनुसार, लाकॅ डाउन के शुरुआती 21 दिनों में उसने 4.6 लाख शिकायतें दर्जकीं। इनमें से 9,385 मामलों में ही प्रत्यक्ष तौर पर हस्तक्षेप किया जा सका। इनमें से 20 प्रतिशत मामले बच्चों से दुर्व्यवहार के थे। चाइल्डलाइन के लोग भी मानते हैं कि बड़ी संख्या ऐसे बच्चों की होगी जो किसी तरह कहीं भी शिकायत करने की हालत में नहीं होंगे- हो सकता है, उनके पास मोबाइल फोन नहीं हों या फिर, दोस्त, शिक्षक या संबंधित वयस्कों तक उनकी पहुंच ही नहीं हो। संगठन के एक प्रवक्ता ने कहाः न सिर्फ हमें कम सूचनाएं मिल रही हैं बल्कि बच्चों को राहत पहुंचाना भी कठिन हो गया है; कहीं आना-जाना और संपर्क साधना मुश्किल है; लोग अपने आप को सीमित दायरे में रख रहे हैं और बाहरी लोगों को आना भी लोगों ने प्रतिबंधित कर रखा है।

दिल्ली में स्ट्रीट चिल्ड्रेन के बीच काम कर रहे सलाम बालक ट्रस्ट (एसबीटी) के अंजनी तिवारी का कहना है कि किसी भी तरह की हिसां बच्चों के संपूर्ण विकास पर गहरा असर डालती है। दुर्व्यवहार बच्चोंके स्वास्थ्य, जिजीविषा, विकास और सम्मान पर वास्तविक या संभावित असर डालता है। तिवारी कहते हैं कि इन बच्चों के लिए स्टेडियम, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन ही घर होते हैं। वे वहीं रहते हैं, आसपास झाड़ू वगैरह लगाकर या मांग कर रोटी का जुगाड़ करते हैं। अपने आसपास होने वाले लड़ाई-झगड़े के बीच ही वे पलते-बढ़ते और जीते हैं।

तिवारी ने बताया कि लाकॅ डाउन के तीसरे दिन उन्होंने जमुना बाजार के पास इन बच्चों को आसपास से गुजरने वाली गाड़ियों पर पत्थर फेकते देखा। यह विदड्राॅवल सिम्पटम है। उन्हें नशे का सामान दो दिनों तक नहीं मिला, तो वे अपना गुस्सा इस तरह निकालने लगे। ऐसे बच्चे इन दिनों नहीं दिख रहे और तिवारी इसे लेकर चितिं त हैं। वह कहते हैं कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर- सब बंद हैं, तो, आखिर, वे गए भी कहां होंगे। ऐसे बच्चों को मेडिकल मदद की तत्काल जरूरत है। पर यह देगा कौन

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सबसे अच्छा फॉरेक्स सिग्नल ऐप कौन सा है?

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से लोगों को इसकी आवश्यकता हो सकती है a विदेशी मुद्रा संकेत ऐप. कुछ लोगों को अधिक कुशलता से व्यापार करने में मदद करने के लिए फॉरेक्स सिग्नल ऐप की आवश्यकता हो सकती है, जबकि अन्य अपने निवेश को ट्रैक करने और अपने समग्र प्रदर्शन पर नज़र रखने के लिए ऐप का उपयोग कर सकते हैं।

एक ऐप जो विदेशी मुद्रा संकेत प्रदान करता है उसे निम्न कार्य करना चाहिए:

- अमेरिकी डॉलर, यूरो, ब्रिटिश पाउंड और जापानी येन जैसी प्रमुख मुद्राओं सहित विभिन्न मुद्रा जोड़े के लिए वास्तविक समय के विदेशी मुद्रा संकेत प्रदान करें।
-उपयोगकर्ताओं को उनके सिग्नल विदेशी मुद्रा अनुकूलित करने की अनुमति दें जोखिम को समायोजित करके ट्रेडिंग रणनीतियाँ स्तर और ट्रेडिंग पैरामीटर।
-एक ऐसा यूजर इंटरफेस पेश करें जो उपयोग में आसान और देखने में आकर्षक हो।

    • 1.1 FXCM
    • 1.2 एमटी4ट्रेडर
    • 1.3 एफएक्ससीएम प्रो
    • 1.4 NinjaTrader
    • 1.5 मेटाट्रेडर 4
    • 1.6 TradeStation
    • 1.7 ई * व्यापार वित्तीय निगम

    सबसे अच्छा विदेशी मुद्रा संकेत ऐप

    FXCM का एक वैश्विक प्रदाता है ऑनलाइन ट्रेडिंग और निवेश सेवाएं. कंपनी विदेशी मुद्रा, सीएफडी, स्टॉक, विकल्प और वस्तुओं सहित विभिन्न प्रकार के व्यापारिक उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करती है। FXCM अपने ग्राहकों को शैक्षिक संसाधन और सहायता भी प्रदान करता है। कंपनी के 2 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और 190 से अधिक देशों में काम करते हैं।

    एमटी4ट्रेडर

    एमटी4 ट्रेडर एक शक्तिशाली और उपयोगकर्ता के अनुकूल प्लेटफॉर्म है जो आपको स्टॉक, विकल्प, वायदा और अन्य व्यापार करने की अनुमति देता है वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स. यह उपकरणों का एक व्यापक सेट प्रदान करता है जो आपको अपने निवेश का सिग्नल विदेशी मुद्रा विश्लेषण करने और सूचित व्यापारिक निर्णय लेने की अनुमति देता है। MT4 ट्रेडर कई प्रकार की सुविधाएँ भी प्रदान करता है जो इसे अनुभवी व्यापारियों के साथ-साथ शुरुआती लोगों के लिए भी सही विकल्प बनाती हैं।

    एफएक्ससीएम प्रो

    एफएक्ससीएम प्रो एक शक्तिशाली, उपयोगकर्ता के अनुकूल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो व्यापारियों को वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्रदान करता है। FXCM Pro व्यापारियों को रीयल-टाइम प्रदान करता है स्ट्रीमिंग डेटा, आदेश प्रविष्टि और निष्पादन, चार्टिंग और विश्लेषण उपकरण, और विश्लेषणात्मक संकेतकों की एक विस्तृत श्रृंखला। एफएक्ससीएम प्रो कई तरह के ट्रेडिंग टूल भी प्रदान करता है, जिसमें स्टॉप-लॉस और टेक प्रॉफिट, मार्जिन ट्रेडिंग और लीवरेज शामिल हैं।

    NinjaTrader

    निन्जाट्रेडर एक सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को स्टॉक, विकल्प और वायदा व्यापार करने की अनुमति देता है। निन्जाट्रेडर पोर्टफोलियो के प्रबंधन के लिए टूल भी प्रदान करता है और ट्रैकिंग प्रदर्शन.

    मेटाट्रेडर 4

    मेटा ट्रेडर 4 एक शक्तिशाली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो उपयोगकर्ताओं को स्टॉक, कमोडिटी और फॉरेक्स का व्यापार करने की अनुमति देता है। यह रीयल-टाइम मार्केट डेटा, चार्टिंग टूल और स्वचालित ट्रेडिंग सहित कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करता है। मेटा ट्रेडर 4 विंडोज, मैकओएस और लिनक्स सहित कई प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है।

    TradeStation

    ट्रेडस्टेशन एक वैश्विक व्यापार योग्य डिजिटल एसेट एक्सचेंज है जो उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेंसी और टोकन खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। मंच बाजार, सीमा और स्टॉप ऑर्डर सहित कई प्रकार के व्यापारिक विकल्प प्रदान करता है। ट्रेडस्टेशन मार्जिन ट्रेडिंग और कई प्रकार की पेशकश भी करता है भुगतान की विधि, क्रेडिट कार्ड, बैंक हस्तांतरण और SEPA हस्तांतरण सहित।

    ई * व्यापार वित्तीय निगम

    E*TRADE Financial Corporation एक वित्तीय सेवा कंपनी है जो ऑनलाइन और मोबाइल ट्रेडिंग, निवेश सलाह, और अन्य वित्तीय उत्पाद और सेवाएं। कंपनी अपने उत्पादों को अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से पेश करती है। E*TRADE Financial Corporation की स्थापना 1994 में हुई थी और इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है।

    इंटरएक्टिव ब्रोकर्स ग्रुप, इंक 9.

    इंटरएक्टिव ब्रोकर्स ग्रुप, इंक। (आईबीजी) ऑनलाइन ट्रेडिंग का अग्रणी प्रदाता है और निवेश सेवाएं. कंपनी विभिन्न प्रकार के उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करती है, जिसमें कमीशन-मुक्त . भी शामिल है स्टॉक और विकल्प ट्रेडिंग, रीयल-टाइम स्ट्रीमिंग स्टॉक मूल्य, बाज़ार विश्लेषण टूल और वैश्विक निवेश संसाधन. आईबीजी अपने ग्राहकों को ब्रोकर-डीलरों और निवेश सलाहकारों के अपने व्यापक वैश्विक नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करता है। इसके मूल के अलावा दलाली का धंधाआईबीजी दो पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों का संचालन करता है: आईबी कैपिटल मार्केट्स एलएलसी (आईबी कैपिटल) और आईबी ट्रेडिंग टेक्नोलॉजीज एलएलसी (आईबी ट्रेडिंग)। आईबी कैपिटल संस्थागत बाजार के लिए तरलता समाधान प्रदान करता है, जबकि आईबी ट्रेडिंग नवीन प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करता है जो व्यक्तिगत निवेशकों के लिए व्यापारिक अनुभव को बढ़ाता है। कंपनी की स्थापना 1986 में हुई थी और इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है।

    सबसे अच्छा फॉरेक्स सिग्नल ऐप कौन सा है?

    फॉरेक्स सिग्नल ऐप चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें

    -ऐप में चुनने के लिए संकेतों की एक विस्तृत श्रृंखला होनी चाहिए।
    -ऐप का उपयोग करना और नेविगेट करना आसान होना चाहिए।
    -ऐप को सिग्नल के बारे में स्पष्ट और संक्षिप्त जानकारी देनी चाहिए।
    -ऐप विश्वसनीय होना चाहिए और अच्छी ग्राहक सेवा टीम होनी चाहिए।

    अच्छी विशेषताएं

    1. एक साथ कई मुद्राओं को ट्रैक करने की क्षमता।
    2. महत्वपूर्ण बाजार स्थितियों में परिवर्तन होने पर रीयल-टाइम अलर्ट प्राप्त करने की क्षमता।
    3. संकेतक और फिल्टर का उपयोग करके अपनी ट्रेडिंग रणनीति को अनुकूलित करने की क्षमता।
    4. समुदाय में अन्य व्यापारियों के साथ व्यापार और विश्लेषण साझा करने की क्षमता।
    5. आगे के विश्लेषण और सीखने के लिए ऐतिहासिक डेटा और विश्लेषण तक पहुंचने की क्षमता

    सबसे अच्छा ऐप

    1. FXCM सबसे लोकप्रिय फॉरेक्स सिग्नल ऐप है और इसका एक बड़ा उपयोगकर्ता आधार है।
    2. ऐप रीयल-टाइम अलर्ट, मूल्य ट्रैकिंग और तकनीकी विश्लेषण टूल सहित कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करता है।
    3. ऐप का उपयोग करना आसान है और अलर्ट और ट्रेडिंग रणनीतियों को स्थापित करने के लिए स्पष्ट निर्देश प्रदान करता है।

    Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बावजूद पैसे को मोहताज ही रहेगा तालिबान, अमेरिका ने लिया ये एक्शन

    Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा है कि देश का करीब 9 अरब डॉलर का रिजर्व मुद्रा भंडार विदेशों में है. उन्होंने कहा कि नकदी के तौर पर कोई विदेशी मुद्रा उपलब्ध नहीं है.

    By: एबीपी न्यूज, एजेंसी | Updated at : 18 Aug 2021 05:20 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल तस्वीर)

    Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान के ऊपर कट्टरपंथी संगठन तालिबान का अब पूर्ण रूप से कब्जा हो चुका है. अमेरिकी सैनिकों की तय समय-सीमा पर वापसी से पहले ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि तालिबान की कंगाली सत्ता में आने के बावजूद खत्म होने वाली है. बाइडेन सरकार ने अफगानिस्तान सरकार की तरफ से अमेरिकी बैंकों में जमा कराए गए पैसों को रविवार को फ्रीज कर दिया है. इसके बाद अरबों डॉलर की ये रकम अब तालिबान की पहुंच से दूर ही रहेगी. वाशिंगटन पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.

    उसने बताया कि यह फैसला ट्रेजरी सचिव जेनेट एल. येलेन और ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय के अधिकारियों की तरफ से किया गया था. अमेरिकी विदेश विभाग भी वीकेंड में हुई चर्चा में शामिल था, जिसमें व्हाइट सिग्नल विदेशी मुद्रा हाउस के अधिकारी घटनाक्रम की निगरानी कर रहे थे.

    अमेरिकी कदम के बाद तालिबान बना रहेगा कंगाल

    वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, आधिकारिक बयान में यह कहा गया- अमेरिका स्थित अफगानिस्तान सरकार की किसी भी सिग्नल विदेशी मुद्रा संपत्ति पर तालिबान का कोई अधिकार नहीं होगा. हालांकि, रिपोर्ट् में यह कहा गया है कि सरकार ने अफगानिस्तान को लेकर नीतियों को अभी सार्वजनिक नहीं किया है.

    News Reels

    अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद ऐसा स्वभाविक तौर पर माना जा रहा है कि आर्थिक स्तर पर अमेरिका की ओर से कई कदम उठाए जा सकते हैं, उनमें से बाइडेन सरकार की तरफ से यह पहला कदम है. गौरतलब है कि अफगानिस्तान दुनिया के गरीब देशों में से एक है और वह अमेरिकी सहयता पर निर्भर है. ऐसे में इस कदम से उसकी मुश्किलें अब काफी बढ़ जाएंगी.

    अफगानिस्तान केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा- देश में विदेशी मुद्रा भंडार उपलब्ध नहीं

    न्यूज़ एजेंसी एपी के मुताबिक, अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा है कि देश का करीब नौ अरब डॉलर का आरक्षित मुद्रा भंडार विदेशों में है. उन्होंने कहा कि देश में नकदी के तौर पर कोई विदेशी मुद्रा उपलब्ध नहीं है. अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के प्रमुख अजमल अहमदी ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि देश की करीब नौ अरब डॉलर की राशि में से सात अरब डॉलर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बांड, संपत्तियों और सोने में जमा है.

    उन्होंने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान के पास अमेरिकी मुद्रा का भंडार ‘शून्य’ है. उन्होंने कहा कि तालिबान द्वारा देश पर कब्जे के बीच देश को नकदी का भंडार नहीं मिल पाया है. उन्होंने लिखा है कि नकदी की अगली खेप नहीं आ पाई. गवर्नर ने कहा है कि अमेरिकी डालर की कमी से अफगानिस्तान की मुद्रा का मूल्य गिरेगा और महंगाई बढ़ेगी. इसका सीधा असर गरीब जनता पर पड़ेगा.

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    Published at : 18 Aug 2021 05:12 PM (IST) Tags: Taliban Afghan reserves Afghanistan Fund Afghanistan Financial crisis हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

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