बाजार का लगातार अध्ययन

'बाजार में 2022 में आंख बंद करके पैसा लगाने से बचें'- शंकर शर्मा
शर्मा ने कहा कि जिन क्वालिटी कंपनियों के स्टॉक्स गिरे हैं उसमें निवेश का मौका है
पिछली दिवाली बाजार के लिए काफी शुभ रही। दिवाली बाजार का लगातार अध्ययन से इस दिवाली के बीच निफ्टी ने 45 परसेंट के धमाकेदार रिटर्न दिए। पिछले कई सालों से पिटे सेक्टर भी जगमगाने लगे। बाजार और निवेशकों का जोश फुल हाई है। इस बार की तेजी विदेशी नहीं बल्कि घरेलू रिटेल निवेशकों के दम पर बनी हुई है। रिटेल निवेशक बाजार में जमकर पैसा डाल रहे हैं।
कई निवेशकों को लग रहा है कि कहीं गाड़ी छूट तो नहीं गई, क्या बाजार में अब भी निवेश किया जा सकता है। तेजी के बाजार में कहां पैसा बन सकता है। दिवाली से पहले निवेश पर सीएनबीसी-आवाज़ के साथ दिग्गज निवेशक और First Global के Co Founder Shankar Sharma ने चर्चा की।
ये हैं शंकर शर्मा से बातचीत की प्रमुख झलकियां
शंकर शर्मा ने कहा कि बाजार में लॉन्ग टर्म के डेटा का अध्ययन करके ट्रेड लेने चाहिए। लॉन्ग टर्म में निवेश करना निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए अच्छा होता है। रही बात मार्केट की तेजी पर तो यदि आपका बाजार पिछले 2 सालों से लगातार 15 से 20 प्रतिशत की तेजी दिखा रहा है तो तीसरे साल में इसमें तेजी की संभावना 50 प्रतिशत ही रहती है। वहीं यदि कोई भी मार्केट लगातार 3 सालों तक ऊपर की ओर बढ़ता रहा है तो चौथे साल उस मार्केट में करेक्शन आता हुआ दिखाई देगा।
2022 में कमजोर रह सकते हैं अमेरिकी बाजार
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शर्मा ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि अमेरिकी बाजार 2019 में मजबूत रहे। उसके बाद 2020 में भी अमेरिकी शेयर बाजारों में रौनक रही। अब ये साल यानी कि 2021 भी अमेरिका के लिए अब तक काफी अच्छा रहा है इसलिए बहुत संभावना है कि अगला साल यानी कि 2022 में अमेरिकी बाजार कमजोर रह सकते हैं।
2022 में भी अच्छे रह सकते हैं भारतीय बाजार
वहीं भारतीय बाजारों के परिप्रेक्ष्य में अपना विश्लेषण साझा करते हुए शंकर शर्मा ने कहा कि भारतीय बाजारों पर नजर डालें तो यहां साल 2018 खराब रहा। उसके बाद साल 2019 भी बहुत अच्छा नहीं रहा। इसके बाद साल 2020 अच्छा रहा जिसके बाद अगले साल 2021 में भारतीय बाजारों में चमक लौटी है। बाजार का लगातार अध्ययन इसका मतलब है कि दो साल लगातार भारतीय बाजार मजबूत रहे हैं इसलिए अगले साल भी यानी कि 2022 में भी बाजार में तेजी नजर आने की संभावना 50 प्रतिशत तक बनती है।
130 करोड़ की जनसंख्या भारतीय बाजारों के लिए बाजार का लगातार अध्ययन बाजार का लगातार अध्ययन हैं इंजन
ग्लोबल मार्केट खराब रहने के बावजूद भारतीय बाजार अच्छे रह सकते हैं इसके पीछे का लॉजिक बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या 130 करोड़ के करीब है और ये इकोनॉमी के लिए अच्छा साबित हो सकता है। लेकिन फिर भी साल 2022 में आंख बंद करके पैसा लगाने से बचना चाहिए। निवेशकों को वैल्यूशन की बजाय मोमेंटम वाले ट्रेड लेने की सलाह होगी।
कहां हैं निवेश के मौके
शंकर शर्मा ने कहा कि निवेश पर मुनाफा कमाने के लिए आपको लंबी अवधि का नजरिया अपनाना होगा। फिलहाल बाजार में आये हुए करेक्शन में जिन क्वालिटी कंपनियों के स्टॉक्स गिर चुके हैं उसमें निचले स्तरों पर निवेश का मौका है। इसके अलावा खपत वाली कंपनियों में भी निवेश करना चाहिए। इस साल खपत वाली कंपनियों ने अच्छा मुनाफा कमाकर दिया है और आगे भी इन कंपनियों के शेयर दौड़ते हुए नजर आ सकते हैं।
पोर्टफोलियो में नये जमाने की कंपनियों और बैंकिंग शेयर भी करें शामिल
निवेश पर अपनी राय देते हुए शर्मा ने कहा कि इस साल बाजार में नये जमाने की कंपनियों के आईपीओ लॉन्च होते हुए दिखाई दिये हैं। इन कंपनियों के शेयर्स को भी पोर्टफोलियों में रखना चाहिए। इसमें आगे मोमेंटम नजर आ सकता है। इसके अलावा बैंकिंग शेयरों को भी निवेश करें और बैंक शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में जरूर रखना चाहिए। उन्होंने खुलासा करते हुए हमने स्वयं और क्लाइंट्स को एसबीआई के शेयर खरीदवाए हैं।
इस साल यानी 2021 में अब तक कैसा रहा बाजार
2021 में अब तक बाजार में शानदार रिटर्न में किस इंडेक्स का कितना रहा योगदान
NIFTY 50 - 31%
SENSEX - 29%
NIFTY MIDCAP 100 - 51%
NIFTY SMALLCAP 100 - 57%
साल 2021 में अब तक सबसे ज्यादा दौड़ने वाले सेक्टर
NIFTY METAL- 77%
NIFTY PSU BANKS - 64%
NIFTY PSE - 50%
NIFTY IT- 47%
NIFTY ENERGY - 44%
NIFTY MEDIA - 43%
NIFTY INFRA - 42%
NIFTY BANK - 30%
साल 2021 में अब तक सबसे ज्यादा दौड़ने वाले निफ्टी शेयर
TATA MOTORS - 167%
BAJAJ FINSERV - 110%
TATA STEEL - 99%
HINDALCO - 94%
GRASIM - 85%
SBI - 83%
WIPRO - 76%
ONGC - 69%
साल 2021 में अब तक मिडकैप ने जमाया रंग
JSW ENERGY - 455%
ADANI TRANS - 305%
HAPPIEST MINDS - 292%
ADANI TOTAL GAS - 275%
IEX - 237%
GUJARAT FLUORO - 225%
ADANI ENT - 222%
TATA ELXSI - 224%
अध्ययन: शराब पीने के मामले में बंगाल दूसरे नंबर पर, पहले नंबर पर है ये राज्य
आर्थिक अनुसंधान एजेंसी आईसीआरआईईआर और लॉ कंसल्टिंग फर्म पीएलआर चैंबर्स के एक संयुक्त अध्ययन के मुताबिक शराब का सेवन करने वालों की संख्या के मामले में पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
अध्ययन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में लगभग 1.4 करोड़ लोग शराब पीते हैं और इसी के साथ बंगाल तीन ऐसे राज्यों में शामिल हो गया है जो ज्यादा राजस्व अर्जित करते हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि राज्य में मूल्य मॉडल को हाल ही में एक मुक्त बाजार से न्यूनतम एक्स-डिस्टिलरी मूल्य (ईडीपी) में बदल दिया गया है और करों में वृद्धि देखी गई है, जो उद्योग के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।
साथ ही अध्ययन में पता चला है कि बाजार में खुदरा मूल्य में भारी बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप राज्य में भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया की अगर बात करें तो वैश्विक स्तर पर मादक पेय पदार्थ का बाजार सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। इसका बाजार आकार 52.5 बिलियन डॉलर है।
भारत में पेय पदार्थों का बाजार 2020 से 2030 के बीच में लगभग छह फीसदी से ज्यादा वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2015-16 और 2018-19 के बीच की अवधि के दौरान मादक पेय पदार्थों के उत्पादन में लगभग 23.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हालांकि अच्छी बात ये रही है इस क्षेत्र में लगभग 10 लाख बाजार का लगातार अध्ययन से ज्यादा नौकरियां सृजित हुई है और आने वाले समय में खपत बढ़ेगी और लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार बाजार का लगातार अध्ययन मिलेगा। इतना राजस्व प्राप्त करने के बाद भी भारत चिली, अर्जेंटीना या चीन से निर्यातक नहीं है।
विस्तार
लगातार राजनैतिक हिंसा की मार झेल रहे पश्चिम बंगाल के नाम एक और रिकॉर्ड जुड़ गया है। एक अध्ययन में पता चला है कि बंगाल शराब पीने वालों में दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश पपहले नंबर पर है।
आर्थिक अनुसंधान एजेंसी आईसीआरआईईआर और लॉ कंसल्टिंग फर्म पीएलआर चैंबर्स के एक संयुक्त अध्ययन के मुताबिक शराब का सेवन करने वालों की संख्या के मामले बाजार का लगातार अध्ययन में पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
अध्ययन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में लगभग 1.4 करोड़ लोग शराब पीते हैं और इसी के साथ बंगाल तीन ऐसे राज्यों में शामिल हो गया है जो ज्यादा राजस्व अर्जित करते हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि राज्य में मूल्य मॉडल को हाल ही में एक मुक्त बाजार से न्यूनतम एक्स-डिस्टिलरी मूल्य (ईडीपी) में बदल दिया गया है और करों में वृद्धि देखी गई है, जो उद्योग के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।
साथ ही अध्ययन में पता चला है कि बाजार बाजार का लगातार अध्ययन में खुदरा मूल्य में भारी बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप राज्य में भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया की अगर बात करें तो वैश्विक स्तर पर मादक पेय पदार्थ का बाजार का लगातार अध्ययन बाजार का लगातार अध्ययन बाजार सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। इसका बाजार आकार 52.5 बिलियन डॉलर है।
भारत में पेय पदार्थों का बाजार 2020 से 2030 के बीच में लगभग छह फीसदी से ज्यादा वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2015-16 और 2018-19 के बीच की अवधि के दौरान मादक पेय पदार्थों के उत्पादन में लगभग 23.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हालांकि अच्छी बात ये रही है इस क्षेत्र में लगभग 10 लाख से ज्यादा नौकरियां सृजित हुई है और आने वाले समय में खपत बढ़ेगी और लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। इतना राजस्व प्राप्त करने के बाद भी भारत चिली, अर्जेंटीना या चीन से निर्यातक नहीं है।
शराब पीने के मामले में यूपी टॉप पर, लगातार बढ़ रहा बाजार
एक अध्य्यन में पता चला है कि शराब के शौकीनों के मामले में यूपी नंबर वन है। पूरे देश में यूपी में सर्वाधिक मदिरापान होता है.
लखनऊ. आबकारी विभाग (Excise Department) से सरकार को खूब राजस्व (Revenue) प्राप्त होता है। कोरोनाकाल में भी जब सब कुछ बंद था, तब शराब ही थी, जिसकी बिक्री से सरकार खजाना भरता गया। यूपी भी इस मामले में पीछे नहीं रहा। एक अध्य्यन में पता चला है कि शराब के शौकीनों के मामले में यूपी नंबर वन है। पूरे देश में यूपी में सर्वाधिक मदिरापान होता है। दूसरे नंबर पर है पश्चिम बंगाल। एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है। इस क्षेत्र में लाखों लोगों को रोजगार भी मिला है। आने वाले दिनों में खपत बढ़ेगी और लोगों को इस क्षेत्र में ज्यादा रोजगार मिलेगा।
उत्पादन 23.8 प्रतिशत बढ़ा-
एक अध्ययन के अनुसार, देश में 2015-16 से 2018-19 के दौरान शराब का उत्पादन करीब 23.8 प्रतिशत बढ़ा है। अध्ययन में कहा गया है कि क्षेत्र ने करीब 15 लाख लोगों को रोजगार दिया है। 2019 में इस क्षेत्र का बिक्री कारोबार 48.8 अरब डॉलर था।
सबसे तेजी से बढ़ता बाजार-
रिपोर्ट में कहा गया है बाजार का लगातार अध्ययन कि भारत अल्कोहलिक पेय के मामले में दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। 2020 में इस बाजार का आकार 52.5 बिलियन डॉलर था। शराब के बाजार में 2020 से 2023 के दौरान सालाना 6.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
अध्ययन के अनुसार पश्चिम बंगाल में करीब 1.4 करोड़ लोग ऐसे है, जो शराब पीते हैं। यह राज्य के तीन प्रमुख राजस्व कमाई वाले क्षेत्रों में है। अध्ययन में कहा गया है कि राज्य में मूल्य मॉडल में हाल में बदलाव किया गया है। इसे मुक्त बाजार से निचला एक्स-डिस्टिलरी मूल्य (ईडीपी) किया गया है। शराब पर करों में बढ़ोतरी हुई है जो उद्योग के लिए एक प्रमुख चिंता की वजह है। अध्ययन में कहा गया है कि खुदरा कीमतों में भारी बढ़ोतरी से राज्य में देश में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
आर्थिक शोध एजेंसी इक्रियर तथा विधि परामर्शक कंपनी पीएलआर चैंबर्स के एक संयुक्त अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गणना का तरीका हालांकि निचला ईडीपी है, लेकिन आबकारी शुल्क बढ़ा दिया गया है। मूल्य में बदलाव पर उपभोक्ताओं प्रतिक्रिया के लिहाज से इस मुद्दे की समीक्षा करने की जरूरत है।
शेयर बाजारों में लगातार छठे दिन तेजी, सेंसेक्स 172 अंक उछला
सेंसेक्स में हिंदुस्तान यूनिलीवर, डॉ रेड्डीज, टाइटन, टाटा स्टील, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और महिंद्रा एंड महिंद्रा बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर मारुति, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व और एशियन पेंट्स में गिरावट हुई।
अन्य एशियाई बाजारों में सोल, शंघाई और हांगकांग के बाजार बाजार का लगातार अध्ययन हरे निशान में थे, जबकि तोक्यो में गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स सोमवार को 211.16 अंक या 0.34 प्रतिशत चढ़कर 62,504.80 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी 50 अंक या 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,562.75 पर बंद हुआ, जो इसका नया रिकॉर्ड स्तर है। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 935.88 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।