क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? | भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य | What is Cryptocurrency? | Future of Cryptocurrency in India
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति का एक नया रूप है। क्रिप्टोकरेंसी, क्रिप्टोग्राफी द्वारा निर्मित की जाने वाली सुरक्षित डिजिटल/ वर्चुअल करेंसी है। हर क्रिप्टोकरेंसी की अपनी अलग वैल्यू होती है, जिसे कई कारक डिसाइड करते हैं। यह करेंसी कई कंप्यूटरों के नेटवर्क पर आधारित है।
क्रिप्टोकरेंसी सरकारों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। अवैध गतिविधियों में उपयोग एवं विनिमय दर में अस्थिरता के कारण क्रिप्टोकरेंसी की आलोचना की जा रही है।
क्रिप्टोग्राफी
यह कोड के उपयोग से सूचना और संचार को सुरक्षा प्रदान करने की एक विधि होती है। क्रिप्टोग्राफी के कारण जालसाजी नहीं की जा सकती
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग
क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वेबसाईट और एप्स के जरिए की जाती है। इन प्लेटफॉर्म पर साइन अप (रजिस्ट्रेशन) के बाद बैंक खाते या डेबिट/ क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान करके इन्वेस्ट किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री के लिए दूसरा विकल्प P2P (पर्सन टू पर्सन) है ।
मार्केट मेँ ढेरों क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स मौजूद हैं जैसे- WazirX, Coinswitch Kuber, Zebpay, CoinDCX GO आदि।
शेयर मार्केट के उलट, ये सभी प्लेटफॉर्म 24 घंटे काम करते है। यहाँ किसी भी दिन और दिन के किसी भी वक्त पैसे का इनवेस्टमेंट और निकासी संभव है ।
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी यानि वर्चुअल करेंसी या आभासी मुद्रा है। बिटकॉइन का उल्लेख सबसे पहले जापानी प्रोग्रामर सातोशी नकामोतो द्वारा किया गया ।
बिटकॉइन के क्लाइंटस केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं। बिटकॉइन करेंसी पर किसी देश का अधिकार नहीं है।
वर्तमान मेँ देश में प्रमुख बिटकॉइन एक्सचेंज Zebpay, Unocoin, BTCXIndia और Coinsecure हैं।
ब्लॉकचेन तकनीक
एक सुरक्षित नेटवर्क पर लेन-देनों का विकेंद्रीकृत डेटाबेस होता है। नेटवर्क पर उपस्थित किसी भी व्यक्ति द्वारा डेटाबेस पर जानकारी देखना संभव है।
डेटा ब्लॉकों की एक शृंखला को ब्लॉकचेन कहते है। डेटा ब्लॉक एन्क्रिप्शन (Encryption) के माध्यम से सुरक्षित होती है। लेन-देनों को पूरा करने के लिए किसी मध्यस्थ (जैसे-बैंक) की क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी आवश्यकता नहीं होती ।
बिटकॉइन माइनिंग
बिटकॉइन माइनिंग आभासी दुनिया में बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया है ।
बिटकॉइन माइनिंग दो प्रकार से की जाती है-
भारत में क्रिप्टोकरेंसी
- देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर अनिश्चितता का माहौल है।
- PayTM ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन की इजाजत देने से किया मना।
- बीते दिनों क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट कैप मेँ करीब $1 ट्रिलियन का नुकसान हुआ, कई बड़े प्लेटफॉर्म क्रैश हुए।
- वित्तीय और भुगतान संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी सेवाएं देने से बैन करने का चीन ने फैसला किया है ।
- कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में; जैसे- बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी ईथर, रिप्पल, लाइटकॉइन आदि।
- भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण के लिए Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Bill 2021 पेश करेगी।
- यह विधेयक भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए लाया जा रहा है।
- यह विधेयक RBI को डिजिटल करेंसी जारी करने का अधिकार भी देगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी गैरकानूनी नहीं है; लेकिन अभी तक इसकी सुरक्षा या देखभाल के लिएकोई गवर्निंग बॉडी नहीं है।
अन्य तथ्य
- क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षित ऑनलाइन पेमेंट की एक प्रणाली है।
- इस प्रकार मेँ वर्चुअल टोकन का उपयोग किया जाता है। Bitcoin क्रिप्टोकरेंसी का उदाहरण है।
- हाल ही में एल सल्वाडोर (El Salvador) ने इसे legal tender (मान्यता) दी है ।
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी चुनौतियाँ
- पूरी व्यवस्था के ऑनलाइन होने के कारण सिक्योरिटी का मसला बना रहता है और इसके हैक होने का खतरा भी बना रहता है। इसीलिए इसे असुरक्षित करेंसी माना जा रहा है।
- क्यूंकि ज्यादातर बैंक, क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं हैं,जिसने इस लेन-देन की प्रक्रिया को और भी मुश्किल बना दिया है।
- बिटकॉइन की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव होने के कारण अक्सर यह सवाल भी उठता है कि क्या यह एक करेंसी के रूप में काम करने में सक्षम है?
- चूंकि यह किसी केन्द्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है इसलिए केवल निजी तौर पर इसका लेन-देन किया जा सकता है।
- इस क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी करेंसी को माइनिंग नामक प्रक्रिया के द्वारा जेनरेट किया जाता है जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है। सॉफ्टवेयर पे काम करने के लिए एक बेहतर प्रोसेसर और निर्बाध बिजली आपूर्ति की आवश्यकता होती है जो हमारे देश में अभी मुश्किल है।
- क्रिप्टोकरेंसी को बेहद अस्थिर माना जाता है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
- मसलन क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य जनवरी 2021 मेँ बढ़कर $45,000 हो गया था और फिर $30,000 तक गिर गया। फिर एक हफ्ते बाद फिर से बढ़कर $40,000 हो गया था।
- ऐसे में निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ जाता है, और निवेशक एक बार में भारी मुनाफा कमा भी सकता है और अचानक से भारी नुकसान भी हो सकता है।
- यूजर्स के लिए क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग भी यूजर फ़्रेंडली नहीं है, क्योंकि इसकी ट्रेडिंग किसी वेबसाईट या एप्प के जरिए होती है।
- यदि आपकी फाइल सर्वर से हट जाए या पासवर्ड गलत हो जाए तो संभव है कि आपके पैसे हमेशा के लिए खो जाए।
- हाल ही में मीडिया में भी कुछ ऐसी ही खबरें देखने को मिली की कुछ लोगों ने अपने लाखों के बिटकॉइन इसीलिए खो दिए क्यूंकि उनके पास पासवर्ड नहीं था या वह अपना पासवर्ड भूल गए हैं।
- बड़ी मुश्किल यह है कि अगर कोई गड़बड़ी हुई तो आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते, क्योंकि इस करेंसी का कोई रेगुलेटर या गारंटर नहीं है।
- शेयर बाजार में किसी भी व्यावसायिक इकाई की कीमत का निर्धारण बाजार में मांग के आधार पर किया जाता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में कीमत की पारदर्शिता नहीं और इसकी अस्थिरता को देखते हुए इसे एक बेहतर ऑप्शन नहीं समझा जा सकता।
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क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं
केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा. The post क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए तीस प्रतिशत कर के क्या मायने हैं appeared first on The Wire - Hindi.
केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है, ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा.
(प्रतीकात्मक इलस्ट्रेशन: रॉयटर्स)
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की.
क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है. यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है.
दूसरी ओर, भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर) की वसूली की है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन, कॉइन स्विच कुबेर, अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था. हालांकि, ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था, जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था.
जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है.
30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हुआ है, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा. इसके लिए आयकर अधिनियम, 1961 में एक नई धारा 115 BBH जोड़ी गई है.
वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस, कोई बुनियादी छूट नहीं, किसी नुकसान पर कोई सेट-ऑफ नहीं, होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं.
भारत में स्टॉक और इक्विटी फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर-इक्विटी विकल्प, संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर लगाया जाता है. वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है.
वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन, डॉगकोइन आदि, नॉन-फंजीबाल टोकन (एनएफटी) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है, शामिल हैं. गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं. यहां परिभाषा, कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है.
यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं.क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी. सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है, लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है.
क्रेबैको के अनुसार, 105 मिलियन से अधिक लोग, जो भारत की कुल आबादी का 7.90 प्रतिशत है, वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है. उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी, जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र, जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे, अब प्रभावित होंगे.
देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना है कि ‘अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट-ऑफ करने के विकल्प के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है.’
1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती (टीडीएस) लागू होगा. हालांकि यह कटौती कुल देयता (liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है. लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी, जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद-बिक्री में शामिल होते हैं, बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है, तो उसकी पूरी पूंजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी टीडीएस में लॉक हो सकती है.
इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है. पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ट्रांसफर’ के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी क्या-क्या आता है.
उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है, बल्कि एयरड्रॉप, फोर्किंग, स्टेकिंग, पी2पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन-देन होता है. इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या ट्रांसफर के ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी, के दायरे में आएंगे.
2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी. हालांकि, खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है.
भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी. इसी तरह, ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति पर कर लगाते समय किसी भी छूट पर विचार नहीं किया जाएगा, चाहे उनकी आय या उम्र कुछ भी हो.
हितधारकों ने इन टैक्स प्रावधानों को निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है. ऐसा कहा जा रहा है कि इंडेक्सेशन जैसे उपायों के माध्यम से निवेशकों को इस तरह के निवेश को लंबी अवधि के लिए प्रोत्साहित करने के बजाय सरकार एक प्रतिशत टीडीएस के नियम के जरिये बार-बार व्यापारियों को सजा-सी दे रही है.
ओकेएक्स डॉट कॉम (OKX.com) के सीईओ जय हाओ के अनुसार, ‘क्रिप्टोकरंसी एसेट्स से 30% पर लाभ का कर सभी हितधारकों को समान रूप से खुश नहीं कर सकता है. उच्च कर निवेशकों को क्रिप्टो को निवेश के तरीके के रूप में चुनने के लिए हतोत्साहित कर सकते हैं और इससे भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर जनता द्वारा अपनाए जाने में भी देरी हो सकती है.’
उद्योग से जुड़े पर्यवेक्षकों को डर है कि इस तरह के कदम से उद्योग या तो अंडरग्राउंड हो जाएगा, या भारत से बाहर थाईलैंड, यूएई और जापान जैसे देशों, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी हब बनने के लिए अपनी कर दरों को कम कर दिया है, में स्थानांतरित हो जाएगा. डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी आगे चलकर अर्थव्यवस्था के हर पहलू को परिभाषित करेगी, और यदि भारत सुगम शासन के माध्यम से इस तरह के नवाचारों को अपनाने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान नहीं करता है, तो यह प्रमुख व्यवसायों और निवेशों को खो सकता है.
(वैशाली बसु शर्मा रणनीतिक और आर्थिक मसलों की विश्लेषक हैं. उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट के साथ लगभग एक दशक तक काम किया है.)
Budget 2022: क्या क्रिप्टोकरेंसी जैसा ही होगा भारत का Digital Rupee, यहां जानें पूरी जानकारी
टीआरपी डेस्क। क्रिप्टो या डिजिटल मुद्राओं को लेकर दुनियाभर में दीवानगी है और भारत में भी एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में इसका देशी संस्करण पेश किया जाएगा, जो भौतिक रूप से प्रचलित करेंसी के डिजिटल रूप को रिफ्लेक्ट करेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलावर को संसद में बजट 2022-23 (Budget 2022-23) पेश करते हुए ब्लॉक चेन और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए डिजिटल रुपी (Digital Rupee) लाने की घोषणा की, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2022-23 से जारी किया जाएगा। इसे भौतिक मुद्रा के साथ बदला जा सकेगा। इस केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (CBDC) को नियंत्रित करने वाले विनियमन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
CBDC की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
सीबीडीसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, लेकिन इसकी तुलना प्राइवेट वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है, जिनका चलन पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। प्राइवेट डिजिटल करेंसी किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है। वे निश्चित रूप से करेंसी नहीं हैं। आरबीआई निजी क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध कर रहा है क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल करेंसी से एक अधिक दक्ष तथा सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी।’’
डिजिटल करेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर विचार-विमर्श जारी है और उसके बाद हम इस पर कायदे-कानून बनाने पर विचार करेंगे। बजट के बाद मीडिया से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी पर हाल में विचार-विमर्श शुरू किया गया है। इसमें जो निष्कर्ष आता है, उसके आधार पर हम कानून लाने या अन्य किसी प्रस्ताव पर गौर करेंगे।’’ उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य प्राइवेट डिजिटल Assets पर टैक्सेशन को स्पष्ट किया। उन्होंने प्राइवेट डिजिटल करेंसी के लेनदेन से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की।
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Facebook Libra Cryptocurrency Kya Hai Meaning In Hindi
Facebook Libra Cryptocurrency Kya Hai Meaning In Hindi हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब दोस्तों आज हम आपको Facebook की Libra Crypto Currency के बारे में बताने वाले हैं जी हाँ दोस्तों फेसबुक ने अगले साल (2020) तक लिब्रा डिजिटल करंसी को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है. आपको बता दें Libra Digital Coin में अकेले फेसबुक ही नहीं बल्कि कई बड़ी बड़ी दिग्गज कंपनियों ने भी पैसा Invest किया है तो आप समझ सकते हैं कि इस Virtual की Value क्या होने वाली है.
दोस्तों आज किस पोस्ट में हम आपको Facebook Libra Crypto Currency के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं और इसकी तुलना हम Bitcoin से भी करने वाले हैं यानी Libra Vs Bitcoin तो आइए आपको सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी क्या होती है और Libra Cryptocurrency Kya Hai इसके बारे में बताते हैं.
Libra Crypto Currency Kya Hai |
CryptoCurrency Kya Hai – क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
दोस्तों आपने भारत और दूसरे देशों में कई अलग अलग तरह की Currency (मुद्रा) देखी होगी जैसे भारत में रुपया चलता है अमेरिका में डॉलर पाकिस्तान में पाकिस्तानी रुपया और इसी तरह दूसरे अलग अलग देशों में अलग अलग तरह के करेंसी चलती है जोकि नोट या फिर सिक्कों के रूप में होती है लेकिन मैं आपको बता दूं कि क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल करेंसी है यह फिजिकल करेंसी नहीं है यानी कि आप इसे केवल देख सकते हैं छू नहीं सकते क्योंकि यह कंप्यूटर कोड के डिजिटल साइन की तरह मौजूद होती है.
What Is Libra Cryptocurrency In Hindi
लिब्रा एक नई क्रिप्टोकरंसी है जिसे Stability और Relaibility के लिए डिजाइन किया गया है, दोस्तों क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल करेंसी होती है जिसमें सेंट्रल या किसी भी अथॉरिटी का का कोई रोल नहीं होता, यह एक तरह की वर्चुअल करेंसी है जिससे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की जाती है वैसे तो बहुत सारी क्रिप्टोकरेंसीज वर्ल्ड वाइड अवेलेबल है लेकिन जो सबसे ज्यादा पॉपुलर Cryptocurrency है वह है कि Bitcoin लेकिन अब बिटकॉइन को टक्कर देने के लिए फेसबुक ने लिब्रा क्रिप्टोकरंसी को लॉन्च करने की बात कही है.
दोस्तों लिब्रा को भी दूसरी करंसी उसकी तरह इस्तेमाल किया जा सकता है आप लिब्रा करेंसी को भी उसके एक्सचेंज रेट के हिसाब से लोकल करंसी में कन्वर्ट कर सकते हैं जब आप किसी ट्रैवलिंग या फिर दूसरे देश से आते हैं. हालाँकि अभी इसके Exchange Rate के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
दोस्तों फेसबुक लिब्रा 1 Wallet App भी विकसित करने जा रही है जिसमें आप इन Coins को स्टोर करके रख सकेंगे यह करेंसी आपको केवल दिखाई देगी जिसे आप एक्सचेंज और ट्रांसफर कर सकते हैं.
What Is Blockchain In Hindi
दोस्तों ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो ट्रांजैक्शन रिपोर्ट को सुरक्षित तरीके से एक लोकेशन पर ना होकर अलग-अलग नेटवर्क पर Store करती है यानी कि P2P Network (पीयर टू पीयर नेटवर्क) का इस्तेमाल करती है दुनिया भर के इंडिपेंडेंट Servers जिन्हें Nodes भी कहा जाता है यह ब्लॉकचेन संचालित करने वाले नेटवर्क का निर्माण करते हैं.
फेसबुक लिब्रा क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन से मजबूत कैसे हैं?
दोस्तों लिब्रा भी उन्हीं सिक्योरिटी नियमों का पालन करती है जिन्हें बिटकॉइन द्वारा फॉलो किया जाता है लेकिन बिटकॉइन के मुकाबले लिब्रा को अकेले फेसबुक ही नहीं बल्कि इसके साथ 28 और कंपनियां भी साझेदारी करके अपना पैसा इनवेस्ट करेंगी तो आप समझ सकते हैं कि यह कितनी मजबूत करेंसी होने वाली है.
और इन कंपनियों की बात करें तो इनमें सभी बड़ी बड़ी दिग्गज कंपनियां जैसे वोडाफोन, मास्टर कार्ड, पे पाल, इबे, वीजा, शोपिफाई, कैलिबरे, और उबर, जैसी कंपनियां शामिल है अगर हम लिब्रा में की गई इनकी Invested Value की बात करें तो इसके हर एक फोल्डिंग मेंबर ने मिनिमम 10 मिलियन डॉलर इसमें इन्वेस्ट किए हैं फेसबुक का कहना है कि यह सभी 10 Million Doller Reserve रखे जाएंगे जो कि लिब्रा क्रिप्टोकरंसी का बैक एंड बनेगा.
..तो क्रिप्टोकरेंसी से 'गजवा-ए-हिन्द' को मिल रहा था फंड, मरगूब ने 'बिहार टेरर मॉड्यूल' के उगले राज
मरगूब दानिश उर्फ ताहिर ने फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. देश विरोधी गतिविधियों के लिए उसे कतर के एक संगठन 'अल्फाल्ही' से क्रिप्टो करेंसी के रूप में फंड दिया जा रहा था. कैसे क्रिप्टो करेंसी के जरिए देश में जहर घोलने की साजिश हो रही थी, पढ़ें पूरी रिपोर्ट..
पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इन खुलासों ने जांच एजेंसियों को भी हिलाकर रख दिया है. मरगूब दानिश उर्फ ताहिर ने अबतक कई राज खोले हैं. उसने अब एक राज उगला है, क्रिप्टो करेंसी (Funds from Qatar As Cryptocurrencies) का. इस खुलासे के साथ ही अब भारत में फिर से क्रिप्टो करेंसी को लेकर बहस छिड़ गई है. अब एनआईए मामले की तह तक जाने की कोशिश करेगा.
'कतर से क्रिप्टो करेंसी के रूप में मिल रहा था फंड': पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों से पता चला है कि मरगूब दानिश को कतर स्थित संगठन 'अल्फाल्ही' (Qatar Based Organization Alfalhi) से क्रिप्टो करंसी के रूप में धन प्राप्त (Money From Qatar In Cryptocurrency) हुआ था." फिलहाल मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रहा है. अधिकारी ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी जांच से यह भी पता चला है कि दानिश पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़ा था. वह एक पाकिस्तानी नागरिक फैजान के नियमित संपर्क में भी था."
कौन है मरगूब दानिश उर्फ ताहिर: अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ताओं ने पाया है कि ग्रुप (गजवा-ए-हिंद) पर राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक का अपमान करने वाले संदेश साझा किए जा रहे थे. उन्होंने कहा कि दानिश ग्रुप का एडमिन था और कई अन्य विदेशी समूहों के संपर्क में भी था. पुलिस ने 14 जुलाई को तीन लोगों को गिरफ्तार कर इस आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था. मरगूब पाकिस्तान के लोगों के संपर्क में था. लगातार उन्मादी और भड़काऊ भाषण फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट करता था. ताहिर द्वारा WhatsApp पर दिनांक 27.02.2022 को गजवा-ए-हिन्द नाम से एक और ग्रुप भी बनाया गया था, जिसमें कुल 10 सदस्य हैं, जिसमें 08 सदस्य बांग्लादेश के 01 पाकिस्तान का एवं 01 ये स्वयं है. इस ग्रुप के आईकॉन के रूप में भी भारत के नक्शे को हरा रंग से रंगकर उसपर पाकिस्तान का झंडा लगाया हुआ दिखलाया गया है. इस तरह से उसकी देश के प्रति नफरत साफ देखने को मिल रही थी.
वित्त मंत्री ने क्रिप्टो करेंसी पर कही थी ये बात : वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भी क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) के दुरुपयोग को लेकर चिंता जाहिर की थी. सीतारमण ने कहा था कि हमारा इरादा किसी भी तरह से इसे (क्रिप्टो से जुड़े नवोन्मेष) प्रभावित करना नहीं है. उन्होंनें कहा कि मनी लांड्रिंग या आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर क्रिप्टो करेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये कुछ चिंताएं हैं. ये चिंताएं केवल भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की हैं. इस पर विभिन्न मंचों पर चर्चा भी हुई है. साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत इस डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) के नियमन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ: अर्थशास्त्री विकास विद्यार्थी बताते हैं कि आमतौर पर क्रिप्टो करेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं. यानी यह मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होता है. क्रिप्टो करेंसी या हवाला एक माध्यम होता है. लेकिन इस आतंकवादी घटनाओं के साथ जोड़ना सही नहीं है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी संदिग्धों से जांच में कई बातें अबतक सामने आ चुकी हैं. वित्त मंत्री ने भी इसको लेकर बयान दिया था. ऐसे में नियमावली बनाने की जरूरत है.
"तीन महीने पहले अगर वित्त मंत्री कहतीं हैं कि क्रिप्टो करेंसी का दुरुपयोग हो सकता है तो इस पर रेगुलेशन लाना चाहिए था. क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियमावली बनाने की जरूरत है. यह एक डिजिटल करेंसी है जिसे कोई रेगुलेट नहीं करता है. पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ी है. इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है. क्रिप्टोग्राफी की मदद से इसका रिकॉर्ड रखा जाता है. भारत में यह ना ही पूरी तरह से प्रतिबंधित है और ना ही पूरी तरह से चालू है. क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार कंफ्यूज है."- विकास विद्यार्थी, अर्थशास्त्री
रक्षा विशेषज्ञ की राय: वहीं रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह का कहना है कि फुलवारी प्रकरण में जिस तरह से जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और एनआईए और एटीएस की जांच के दौरान पता चला कि ताहिर के पास क्रिप्टो करेंसी की मदद से पैसे पहुंचते थे उससे साफ हो गया है कि उसका संबंध विदेशों से जुड़ा हुआ है. यहीं कारण था कि वह क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहा था.
"क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड है जिसका इस्तेमाल बहुत सारे देशों में हो रहा है. क्रिप्टो करेंसी में जब भी कोई ट्रांजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है. अगर ये बात कंफर्म है कि ताहिर के पास क्रिप्टो करेंसी आ रहा था तो ये कोई छोटी बात नहीं है बहुत बड़ा मामला है. हो सकता है कि इसका इस्तेमाल और भी लोग कर रहे हों."- ललन सिंह रक्षा विशेषज्ञ
फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल का अबतक का अपडेट: आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पूछताछ के बाद अबतक कुल आठ संदिग्धों को पकड़ा गया है. एक की गिरफ्तारी लखनऊ से की गई थी. सभी से लगातार पूछताछ जारी है. अतरह परवेज, अरमान मलिक, नूरुद्दीन जंगी (लखनऊ से गिरफ्तारी) और शमीम अख्तर से पूछताछ जारी है. वहीं अभी भी कई संदिग्धों की तलाश की जा रही है.
क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक वर्चुअल और डिजिटल करेंसी है. इसे डिसेन्ट्रलाइज तरीके से मैनेज किया जाता है. इसके प्रत्येक लेन देने का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है. इसे कॉपी करना लगभग नामुमकिन है. ये Peer to Peer कैश प्रणाली है जो कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है.