फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग

शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें

शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें

Intraday meaning in hindi

आपने सुना होगा कि लोग अक्सर शेयर बाजार में दीर्घकालिक अवधि के लिए निवेश करते हैं परंतु कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अल्प अवधि में निवेश करके ही अच्छा मुनाफा कमाते हैं शेयर बाजार में इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।

आज भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में जानकारी नहीं है। और लोग intraday meaning in Hindi जानना चाहते हैं।

आज के इस लेख में हम अपने पाठकों को intraday meaning in Hindi बताएंगे साथ ही बताएंगे कि इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें और इसके क्या लाभ हो सकते हैं?

Table of Contents

इंट्राडे ट्रेडिंग किसे कहते हैं? (intraday meaning in Hindi)

इंट्राडे एक प्रकार की ट्रेडिंग होती है जो शेयर बाजार में की जाती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ही दिन के अंदर सभी ट्रेडिंग को खरीदना एवं बेचना शामिल होता है। जो भी लोग इंट्राडे ट्रेडिंग करते है वे शेयर बाजार में निवेश करने के लिए नहीं बल्कि स्टॉक इंडेक्स में उतार-चढ़ाव करने के लिए करते हैं ताकि स्टॉक इंडेक्स के उतार-चढ़ाव के द्वारा लाभ प्राप्त किया जा सके।

इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले लोग दिनभर शेयरों की कीमतों में हो रहे उतार-चढ़ाव को मॉनिटर भी करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आपने शेयर खरीदे हैं तो आपको उसे आपको मार्केट बंद होने से पहले बेचना होगा। वरना आपकी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर दिया जाएगा या आपके व्यापार को डिलीवरी में बदल दिया जाएगा।

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती है? (How intraday trading works?)

इंट्राडे ट्रेडिंग ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के द्वारा किया जाता है जिसमें एक ही दिन में शेयरों की खरीद एवं बिक्री की जाती है। जैसे कि यदि किसी व्यक्ति ने किसी कंपनी के शेयरों को खरीदा तो उसे बताना होगा कि यह इंट्राडे ट्रेडिंग है।

इंट्राडे ट्रेडिंग उपयोगकर्ता को बाजार बंद होने से पहले एक ही कंपनी के शेयरों को उसी दिन समान संख्या में खरीदने एवं बेचने में सक्षम बनाता है। जिसका उद्देश्य है कि मार्केट इंडेक्स के उतार-चढ़ाव के माध्यम से लाभ अर्जित करना।

शेयर बाजार लंबी अवधि के निवेशकों को अच्छा लाभ प्रदान करता है लेकिन जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं उन्हें भी मुनाफा कमाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए यदि आप बाजार खुलते ही ₹500 के 1000 शेयर खरीदते हैं तो शेयरों के दाम एक-दो घंटे में ही ₹550 तक पढ़े जाते हैं।

तो अगर आप अपने उन 1000 शेयरों को ₹550 में बेचते हैं तो आपको ₹50000 का लाभ होता है। ऐसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। कई लोग इसे डे ट्रेडिंग भी कहते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें? (How to do Intraday Trading)

  • इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सर्वप्रथम आपको किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपना एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा जिसके माध्यम से आप शेरों को खरीद बेच पाएंगे।
  • जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि आप ऐसे शेयरों में निवेश करें जिसमें वॉल्यूम ज्यादा हो। ताकि आप जो भी स्टॉक खरीद रहे हैं उनकी तरलता बनी रहे और आप उन्हें जब चाहे तब बेच सकें।
  • कोशिश करें कि जैसे ही शेयरों के दामों पर चढ़े वैसे ही आप उन शेयरों को बेच दे क्योंकि एक ही दिन में आपको सभी शेयरों को बेचना जरूरी होता है।
  • अस्थिर शेयरों को खरीदने से बचें क्योंकि जो अस्थिर शहरों में कोई भी movement नहीं होता है जिसके कारण आप उन शेयरों से लाभ नहीं कमा पाएंगे।
  • जब भी निवेशक इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो ध्यान रहे कि वह पहले से ही सभी शेयरों के बारे में जांच कर ले ताकि जब वह किसी कंपनी के शेयरों में निवेश कर रहे हो तो उन्हें उन शेयरों के बारे में और कंपनी के बारे में सही जानकारियां हो।

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे (Benefits of Intraday Trading)

इंट्रा डे ट्रेडिंग करने के कई फायदे हैं जो कि इस प्रकार है -:

इंट्राडे ट्रेडिंग करने से निवेशकों को अधिक लाभ कमाने का मौका मिलता है। यह निवेशकों के लिए अधिक धन सृजन के लिए जाना जाता है, अगर निवेशक सही रणनीतियों को अपनाते हैं। जो व्यापारी इंट्रा डे ट्रेडिंग में शॉर्ट सेलिंग विधि का उपयोग करते हैं वह अवश्य ही अधिक मुनाफा कमाते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग थोड़ा जोखिम भरा होता है परंतु यह नियमित तौर पर लाभ पाने का भी एक तरीका है। यदि हम केवल दिन भर में कुछ ही घंटे इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो भी हमें काफी अधिक लाभ मिल सकता है जिससे कि लोग हर रोज काफी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

निवेशक जिन ब्रोकर्स के माध्यम से ट्रेडिंग करते हैं उनके द्वारा इंट्राडे ट्रेडिंग का कम कमीशन लिया जाता है। क्योंकि निवेशक के नाम पर सिक्योरिटी ट्रांसफर करने के डिलीवरी खर्च को माफ कर दिया जाता है।

ब्रोकरेज फीस में स्टॉक लेन-देन चार्ज, व्यापार फीस, सर्विस टैक्स इत्यादि सभी शामिल होते हैं। इसके द्वारा निवेशकों के खर्चों में भी कमी आती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में काफी जोखिम होती है इसलिए यह उन लोगों के लिए लाभदायक नहीं है जिन्होंने तुरंत ही शेयर मार्केट में कदम रखा है।

पुराने निवेशक जो कई वर्षों से शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते आ रहे हैं के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग काफी लाभदायक होता है। नए निवेशक बाजार की जानकारी प्राप्त करने के बाद इंट्राडे ट्रेडिंग कर के आप कमा सकते हैं।

  • बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ

इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से निवेशक तेजी और मंदी दोनों बाजारों से ही लाभ कमाते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई भी असर नहीं होता है।

बाजार में तेजी होने से तो निवेशक लाभ कमाते ही है परंतु बाजार में गिरावट आने से निवेशक शॉर्ट सेलिंग के वित्तीय साधनों के माध्यम से लाभ कमा सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है? उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आप इंट्राडे ट्रेडिंग से संबंधित जानकारियां प्राप्त कर पाए होंगे। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें।

FAQ

प्रश्न – शेयर मार्केट में इंट्राडे क्या होता है?

उत्तर – मार्केट में इंट्राडे का अर्थ है कि बाजार बंद होने से पहले एक ही दिन में अपने सभी शेयरों को खरीदना एवं बेचना।

प्रश्न – इंट्राडे अच्छा है या बुरा?

उत्तर – इंट्राडे ट्रेडिंग उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा है जो बहुत समय से शेयर बाजार में निवेश करते आ रहे हैं परंतु नए निवेशकों के लिए यह बुरा साबित हो सकता है।

प्रश्न – इंट्राडे और डिलीवरी शेयर में क्या अंतर है?

उत्तर – इंट्राडे और डिलीवरी शेयर में केवल समय अवधि का एक मुख्य अंतर है। शेयरों की खरीद बिक्री उसी दिन की जाती है तो उसे इंट्राडे कहते हैं और एक समय अवधि के दौरान जब शेयरों को बेचा जाता है तो उसे डिलीवरी शेयर करते हैं।

पैसा इन्वेस्ट करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

tips for investing- My Money Adda

कोई भी निवेश अब एक जटिल या अत्यधिक मांग वाली गतिविधि नहीं रह गयी है। डिजिटल होने के कदम ने नए लोगों के लिए निवेश को आसान और पेशेवर निवेशकों के लिए लाभदायक बना दिया है। ऑनलाइन डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता , बैंक अकाउंट आदि को व्यवस्थित करना 20 मिनट का कार्य है। जो आपको भारत और विदेशों में ऑनलाइन शेयर बाजार तक पहुंच प्रदान करते हैं।निवेश करने में आसानी के बावजूद, वित्तीय बाजारों में निवेश करने में डुबकी लगाने से पहले आपको कुछ चीजें ध्यान रखना चाहिए।

वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें-

अगर आप निवेश करना चाहते हैं । तो निवेश शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें से पहले एक तय लक्ष्य का होना बेहद जरूरी है। आपका लक्ष्य शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म भी हो सकता है। तय लक्ष्य होने से आप बेहतर योजना बनाकर अपनी जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

पर स्टॉक निवेश के अवसरों की व्यापक विविधता के साथ ही साथ यदि आप क्षितिज पर कुछ व्यापक वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित नहीं करते हैं। तो आपको यह नहीं पता होगा कि कब प्रवेश करें या कब बाहर निकलें। तथा वित्तीय लक्ष्य आपको यह निर्धारित करने में सहायता करते हैं कि आपको कितने समय तक और कितना निवेश करने की आवश्यकता है। यह आपको उस निवेश रणनीति बनाने में भी मदद करता है जो आपके पैसे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

आप कितना जोखिम ले सकते है-

जब हम विकास निवेश के विषय पर हैं तो यह अपनी जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए एक अच्छा समय है। आप कितना पैसा बनाना चाहते हैं और इसे बनाने के लिए आप कितना पैसा लगाने के लिए तैयार हैं। और आप कितना जोखिम ले सकती है। निवेश करने से पहले अपनी जोखिम कितना है । यह समझना आवश्यक है। आप किस प्रकार की कंपनियों और वित्तीय संसाधनों में निवेश करना चाहते हैं। यह भी निर्भर करता है। जबकि कोई भी यह सिफारिश नहीं करता है कि आप केवल एक ही प्रकार की सुरक्षा में निवेश करें। इस बात पर निर्भर करते हुए कि आप कितना सुरक्षित या कितना जोखिम लेना चाहते हैं। इस पर निर्भर करते हुए आप अपने अधिक से अधिक बचत को किसी भी प्रकार की प्रतिभूति में निवेश कर सकते हैं।

यदि आप बेहद सुरक्षित अल्पकालिक निवेश और लिक्विडिटी की तलाश में हैं। तो ऋण उपकरण अच्छा चुनाव मार्ग है। यदि आप लंबे समय तक निवेश करने की योजना बनाते हैं और घर खरीदने के लिए पैसे बचा रहे हैं (वित्तीय लक्ष्य!) तो इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड, सुरक्षित स्टॉक विकल्प, गोल्ड आदि आपकी आवश्यकताओं के अनुकूल हो सकते हैं।

संपत्ति में विभिन्नता लाएं –

यह कोई छुपी हुई बात नहीं है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव लगा रहता है। यदि आप खुद को सुरक्षित करने के लिए संपत्ति में वितरित करना तरीका है। आप पूरी तरह से जोखिम से बच नहीं सकेंगे लेकिन कुछ अच्छे चुनाव से आप उसे निश्चित काबू में कर सकेंगे आप निवेश को कई जगह लगे न की एक ही संपत्ति में । यह सुनिश्चित करें कि आपका पोर्टफोलियो किसी एक कंपनी या इंडस्ट्री पर निर्भर नहीं होना चाहिए।

निवेश किसमें करें, इस पर ध्यान दे –

हमेशा बिना सोचे समझे कही भी निवेश नही कर देना चाहिए । निवेशक अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं। और इसके लिए उन्हें निवेश से जुड़े जोखिम का अंदाजा नहीं होता कि जैसे जरा सी असावधानी से उनकी पूंजी डूब सकती है। और यह जाने बिना कई बार तो थोड़ा जोखिम उठाकर वे धन को दोगुना करने की ताक में जुटे होते हैं। कम जोखिम के साथ बेहतरीन रिटर्न नहीं कमाया जा सकता वास्तव में जहां रिटर्न अधिक होगा, वहां जोखिम भी अधिक होगा इस बात को ध्यान मे रख कर ही निवेश करना चाहिए।

कभी भी दूसरों के कहने पर निवेश नहीं करना चाहिए। जब भी आप निवेश की सुरुवात करे तो उस कंपनी या उस प्रॉडक्ट से करे जिसको आप अच्छे से जानते है। बिना सोचे समझे कही भी निवेश नहीं कर देना चाहिए।

एक ही प्लान में न लगाएं सारा फंड-

निवेश के मामले मे विभाजन कामयाबी का मंत्र है। इसके अनुसार किसी को भी अपना पूरा फंड एक ही प्लान में नहीं लगा देना चाहिए। इन्वेस्टर को निवेश किए जा सकने वाले विभिन्न सेक्टरों की स्टडी करनी चाहिए और उसका एक विकल्प निकालना चाहिए। और उसके बाद विभिन्न विकल्प मे अपने फंड का एक निश्चित हिस्सा लगाना चाहिए। डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो पूरा पैसा डूबने के जोखिम को कम कर देता है।

किसी की बातों पर यकीन कर न करें इन्वेस्ट-

ट्रेडिंग मार्केट में सच से ज्यादा प्रचार चलता है। आज कल लोग दूसरों के कहे पर यकीन कर बिना पूरी रिसर्च किए किसी भी प्लान में इन्वेस्ट कर देते हैं। जबकि सही तो यह है कि किसी के बातो मे यकीन करने के बजाय प्लान के बारे में रिसर्च की जाए और अफवाहों व प्रचारों को लेकर अलर्ट रहा जाए।

इन्वेस्टमेंट में भी अनुशासन जरूरी होता है। –

जिस तरह जिंदगी में अनुशासन होना जरूरी होता है। उसी तरह निवेश में भी अनुशासन होना जरूरी होता है। तथा अच्छा रिटर्न देने के बावजूद कई स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने वालों की कमी है। क्योकि इसमे उतार चड़ाव होता रहता है। हालांकि जिन इन्वेस्टर्स ने सिस्टेमेटिक अप्रोच के साथ पैसा लगाया है। उन्हें वक्त के साथ अच्छा रिटर्न मिला है। और इसलिए जरूरी है कि लॉन्ग टर्म सिनेरियो को ध्यान में रखने के अलावा धैर्य के साथ अनुशासनात्मक इन्वेस्टमेंट किया जाये।

अपडेट रहना और मार्केट पर नजर रखना जरूरी-

आज के दौर में विश्व के सभी राष्ट्रों के मार्केट एक साथ आ रहे हैं। दुनिया अब एक मुट्ठी मे है । और सब मिलकर एक ग्लोबल विलेज तैयार कर रहे हैं। ऐसे में विश्व के किसी भी हिस्से में घटित कोई भी घटना या कोई भी महत्वपूर्ण इवेंट, हर देश के फाइनेंशियल मार्केट को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। और इसलिए जरूरी है कि सभी ग्लोबल ईवेंट्स को लेकर अपडेट रहा जाए। हर इवेंट पर ध्यान दिया जाए। और पोर्टफोलियो को लगातार मॉनिटर किया जाए। ताकि आप खुद से पोर्टफोलियो का रिव्यू कर सके यदि नहीं कर सकते तो अच्छा यही होगा कि किसी फाइनेंशियल एडवाइजर या प्लानर को हायर कर लिया जाए।

पैसा इन्‍वेस्‍ट करने से पहले इन 5 बातों पर जरूर दें ध्‍यान.

पैसा इन्‍वेस्‍ट करने से पहले इन 5 बातों पर जरूर दें ध्‍यान.

आज के दौर में अपने मेहनत की कमाई को निवेश करना एक लाइफ स्‍टाइल सा हो गया है। होना भी चाहिए क्‍योंकि पैसा निवेश करना बहुत जरूरी हैं। इससे हम अपना वर्तमान और भविष्‍य दोनों ही मजबूत होते हैं, क्‍योंकि निवेश पर मिलने वाले रिटर्न से बहुत ज्‍यादा फायदा होता है। यहां पैसा निवेश करने से काफी अच्‍छा रिटर्न मिलता हैं। ऐसे में अगर आप इन्‍वेस्‍ट करने जा रहे हैं या फिर इन्‍वेस्‍ट कर चुके हैं तो आपको इन 5 टिप्‍स पर ध्‍यान देना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ आपको अच्‍छा रिटर्न मिलता है बल्‍िक आपका पैसा भी सेफ जोन में रहता है.

अलग अलग जगहों पर करें इन्वेस्ट:

आप इन्वेस्ट में सारे अंडे एक ही बकेट में रखने वाली कहावत का विशेष ध्यान रखें, यानी कि अपना सारा पैसा एक ही जगह पर इन्वेस्ट करने की बजाय अलग अलग जगह पर उसका निवेश करें। जी हां अगर आपके पास अच्छी सोर्स आफ इनकम है या फिर आपके पास काफी पैसा है तो आप उसे कई अलग अलग तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं। ऐसे में पैसे काफी सुरक्षित रहते हैं। जैसे आप अपना पैसा गोल्ड में, रियलस्टेट अथवा प्रापर्टी, एफडी, म्यूचुअल फंड, आरडी, पीपीएफ व शेयर मार्केट आदि में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इन सब जगहों पर इन्वेस्ट करने से अपका पैसा काफी हद तक सेफ रहेगा।

निवेश करते समय टैक्स पर ध्यान रखें:

अपने पैसे को इन्वेस्ट करते समय यह ध्यान में जरूर रखें कि आप जहां पर पैसा इन्वेस्ट करने जा रहे हैं वहां पर आपकों टैक्स बेनिफिट कैसा है, यानी कि आपकों कहां शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें और कितना टैक्स लाभ मिलेगा। हर निवेश क्षेत्र के अलग अलग टैक्स आधार हैं। जैसे सालभर में 30 लाख रुपये से ज्यादा सोने में निवेश पर वेल्थ टैक्स लागू होता है। वहीं गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बीज़ में निवेश फायदेमंद इसलिए होता है क्योकि इसमें में वेल्थ टैक्स नहीं लगता है। वहीं एफडी शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें में पांच साल तक निवेश करने पर ही इनकम टैक्स में छूट मिलती है।ऐसे मे साफ है कि आप जिस फील्ड में निवेश करने जा रहे हैं उसके टैक्स आदि के बारे में ध्यान जरूर दें।

अच्छी तरह से जांच करके ही करें निवेश:

निवेश करने से पहले इस बात पर ध्यान जरूर दे कि आप जिस क्षेत्र में निवेश करने जा रहे हैं वह आपके लिए सेफ है या नहीं।

1-जैसे अगर आप रियल स्टेट या प्रापर्टी में निवेश करते हैं तो आप यह पता जरूर कर ले कि उक्त्ा प्रापर्टी विवादित तो नही है। इसके साथ ही प्रापर्टी का रजिस्ट्री आदि समय पर ओरिजनल दस्तावेजों के साथ करा लें। अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं कि एक ही प्रापर्टी के कई सारे लोग मालिक बन जाते हैं। इतना ही नहीं निवेश में यह भी देख लें कि आप प्रापर्टी किस जगह की ले रहे हैं और वहां से आपकों कितना रिटर्न मिल सकता है।

2- इसके अलावा अगर गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो इसमें फिजिकल गोल्ड की जगह पर आप ईटीएफ गोल्फ को ज्यादा प्रिफर करें। फिजिकल गोल्ड को सुरक्षा से लेकर उसे कहीं लाने ले जाने आदि में काफी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है, जब कि ईटीएफ गोल्ड में ऐसा कोई झंझट नही हैं।

3- इसके साथ ही अगर आप किसी फंड या बॉन्ड में अपना पैसा निवेश करने जा रहे हैं तो सबसे पहले उस कंपनी के बारे में पूरी डिटेल पता कर लें। इसके अलावा वहां पर निवेश करने पर आपको कितना रिटर्न मिलेगा, क्योंकि हर कंपनी के रिटर्न के भी अपने अपने मानक होते हैं।

रेगुलर रखें नजर, पाएं मुनाफा वसूली:

आप ने जिन जिन क्षेत्रों में निवेश किया है उनमें हर दिन नजर रखना आपकी जिम्मेदारी बनती है। इससे आपको मुनाफा वसूली करने का मौका मिलता है।

1-जैसे आपने शेयर मार्केट में पैसा निवेश किया है तो आप पूरी बाजार पर पूरी तहर से सक्रिय रहें। अगर आपने शेयर कम दामों में खरीदें हैं और उसके दाम बढे हैं तो बढ़े हुए दामों में शेयर बेचकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इतना ही नहीं अगर शेयर के गिर रहे हैं तो आप उन्हें सस्ते खरीद कर आगे के लिए सेफ करले।

2-इसके साथ ही गोल्ड में भी आप इन्वेस्ट करने के बाद उसके भाव पर नजर रखें। जब भी दाम बढे आप उसे बेचकर मुनाफा वसूली कर सकते हैं। इसमें भी अगर सोने के भाव गिर रहे हैं तो खरीदना बेहतर होता है। भविष्य में यह निवेश काफी फायदेमंद होता है।

रेगुलर नए क्षेत्र में करते रहें इन्वेस्ट:

कई सारे लोग ऐसा करते हैं कि एक जगह इन्वेस्ट करने के बाद शांत होकर बैठ जाते हैं। जबकि ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। पैसा इन्वेस्ट करने के लिए नए नए क्षेत्र तलाशना चाहिए, क्योंकि जितनी जगह पर आप इन्वेस्ट करेंगे कही तो आपको उतना ही ज्यादा रिटर्न में फायदा होगा। जैसे आपने एक बार प्रापर्टी में इन्वेस्ट कर दिया तो आपका दूसरा लक्ष्य अन्य क्षेत्र होना चाहिए, ताकि अगर आपको अभी प्रापर्टी से अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा है तो आपको दूसरे क्षेत्र से रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है। कुल मिलाकर नए नए क्षेत्र में ज्यादा ज्यादा से इन्वेस्ट करने पर अच्छा प्रॉफिट मिलता है।

Stock Market Investment Tips: निवेश से पहले इन बातों को शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें ध्यान रखें.

आज भारत के युवा निवेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद लाखो लोगो ने स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करना शुरू किया। CDSL की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में डीमैट अकाउंट ओपन करने वाली की सख्या में 50 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमे अधिकतर को 21 से 39 साल के बीच के युवाओं ने खोला है.

हर कोई निवेश इसलिए करता है ताकि उन्हें अच्छा रिटर्न प्राप्त हो सके। मगर निवेश में जितना फायदा है तो उतना ही जोखिम भी है।‌ एक बेहतर निवेश के लिए जरूरी है उससे संबंधित मार्केट का ज्ञान होना। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें वक्त आप कोई भी गलती फैसला नहीं ले सकते हैं क्योंकि यह आपके पैसों को भविष्य में जोखिम में डाल सकता है।‌

आज का हमारा आर्टिकल Stock Market Investment Tips का है जिसमे आपको मार्केट में इन्वेस्ट करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें हैं।‌ इस आर्टिकल में हम आपको स्टॉक मार्केट से संबंधित जानकारी देंगे।

Stock Market Investment Tips

  • बाजार की स्थिति जाने बिना इंवेस्ट न करे

Stock मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपको बाजार की स्थिति का आंकलन जरूर कर लेना चाहिए क्योंकि किसी की देखा-देखी या अपने सगे-संबंधियों की कहने पर स्टॉक मार्केट में पैसे लगाना बेवकूफी से हो सकती है। यदि आप बाजार की स्थिति जानना चाहते हैं तो आप भारत में स्थित मुख्य दो स्टॉक एक्सचेंज जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की अधिकारिक वेबसाइट बाजार की स्थिति को आप लोग कर सकते हैं।

इसीलिए बाजार की स्थिति को देखकर तथा अपने आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टॉक मार्केट में इंवेस्ट करने का फैसला लेना चाहिए।

  • शेयर से केवल लाभ ही मिलेगा इस आधार पर इंवेस्ट न करें

बहुत लोगों के मन‌ में यह बात होती है कि स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से उन्हें बहुत सारा शेयर्स प्राप्त होगा परंतु इसके पीछे कारण है और वो यह है कि स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से कम समय में ज्यादा लाभ केवल उन्हीं लोगों को होता है जो स्टॉक मार्केट की अच्छी समझ रखते हैं तथा उन्हें सालों का अनुभव होता है। नए निवेशकों के लिए बाजार में आते हैं अच्छे शेयर्स को प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल है। परंतु नए निवेशक जैसे-जैसे बाजार की स्थिति तथा शेयर बाजार शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें से संबंधित हर बात को समझते हैं उन्हें भी धीरे-धीरे लाभ प्राप्त होने लगता है।

  • स्टॉक तथा स्टॉक बाजार संबंधित सामान्य ज्ञान जरूरी

स्टॉक बाजार में प्रवेश से पहले आप बाजार में मौजूद प्रत्येक स्टॉक की थोड़ी बहुत जानकारी प्राप्त कर ले इससे आपको बाजार की स्थिति भी पता चल जाएगी तथा आपको अपना पैसा किस स्टॉक में लगाना है इसकी भी समझ हो जाएगी। स्टॉक बाजार में बहुत सारी कंपनियां मौजूद है अतः शुरुआत के लिए आपको बाजार में उपस्थित बेहतर कंपनियों के स्टॉक को खरीदना लाभकारी होगा।

  • Extra Savings को ही स्टॉक में लगाएं

बहुत से नए निवेशक स्टॉक मार्केट से मिलने वाले रिटर्न की चाह में अपनी वह जमा पूंजी स्टॉक में लगा देते हैं जो उनकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ देती हैं। इसीलिए स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते समय केवल Extra Savings को ही लगाएं ताकि अगर आपको जोखिम भी हो तो उसका असर आपकी Primary Savings पर न पड़े।

स्टॉक मार्केट में निवेश के दौरान आपकी मुलाकात ब्रोकर्स तथा स्टॉक मार्केट में स्थित कंपनियों से होती है ऐसे में कंपनियां आपको कई तरह के ऑफर जैसे लोन का प्रस्ताव आपके सामने रखती है इसमें वह आपको स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लिए लोन प्रदान करती है मगर ने निवेशकों के लिए ऐसा फैसला लेना एक बेवकूफी है क्योंकि जब भी स्टॉक मार्केट में मंदी आएगी तो आपके लगाए हुए पूंजी का बिगाड़ तो होगा ही और इसके अलावा ब्रोकर्स या कंपनियों से लिए हुए लोन की ब्याज दर भी आपको चुकानी पड़ेगी |

यदि आप एक अच्छी खासी नौकरी करते हैं तो बेशक ही आप सभी जांच पड़ताल के बाद इस तरह के लोगों को ले सकते हैं अन्यथा आप इस तरह के लोन ना ले।

  • स्टॉक मार्केट में देखा-देखी से मिलेगी हानि

काफी नए निवेशक अपने दोस्तों की शेयर बाजार में अच्छी स्थिति को देखकर स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं तो कुछ लोग दोस्तों तथा रिश्तेदारों के द्वारा स्टॉक मार्केट के केवल लाभ सुनने से स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हो जाते हैं। यह करना बिल्कुल गलत है स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपको उसकी लाभ तथा हानि दोनों बातों से रूबरू होना जरूरी है क्योंकि स्टॉक मार्केट में लगी राशि आपकी है ना कि आपके दोस्तों की या आपके रिश्तेदारों की इसलिए जोखिम से बचने के लिए स्टॉक मार्केट से संबंधित हर छोटी से छोटी जानकारी को समझ लेना आवश्यक है।

नए इन्वेस्टर्स को स्टॉक मार्केट में उपस्थित केवल एक ही स्टॉक पर पैसा नहीं लगाना चाहिए बल्कि अन्य लॉन्ग टर्म तक लाभ देने वाले स्टॉक में भी पैसा लगाना चाहिए ऐसा करने से इससे बेहतर रिटर्न की आशा की जा सकती है।

  • किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें

नए इन्वेस्टर्स मार्केट में पैसा लगाने की बहुत जल्दबाजी दिखाते हैं और रिटर्न मिलने पर वह उतनी ही तेजी में स्टॉक को बेच भी देते हैं परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए स्थिति का आकलन करके ही स्टॉक को बेचना चाहिए।

कई बार निवेशक कंपनी के पुराने स्टॉक की स्थिति को देखकर स्टॉक मार्केट में निवेश कर देते हैं परंतु ऐसा करना गलत है। हमेशा निवेशकों को अपने द्वारा चुनी गई कंपनियों के वर्तमान स्थिति को देखकर ही स्टॉक को खरीदना चाहिए तथा स्टॉक से संबंधित उतार-चढ़ाव को पहले ही समझ लेना चाहिए ताकि जो कम होने पर आपको भावनात्मक रूप से ठेस ना पहुंचे।

  • स्टॉक मार्केट से केवल लाभ होगा ऐसा न सोचें

नए इन्वेस्टर्स को स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने की जितनी तीव्र इच्छा होती है उतने ही अच्छे रिटर्न की वह अपेक्षा भी करते हैं। स्टॉक मार्केट में लाभ होगा यह तो उसकी बाजार स्थिति से ज्ञात होता है मगर हर स्थिति में आपको लाभ होगा यह सोचना बेहद गलत है इसलिए स्टॉक मार्केट से मिलने वाले रिटर्न से आप सामान्य उम्मीद लगा कर चले।

इस आर्टिकल में हमने आपको स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते समय बरतने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी है उम्मीद करते हैं आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा इस आर्टिकल को अपने मित्रों एवं रिश्तेदारों के साथ शेयर करें ताकि वह स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी सावधानियों को हमारे आर्टिकल के माध्यम से अच्छे से समझ सके।

डिविडेंड्स: एक महाशक्ति जिसे पहचाना जाना चाहिए

दो शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें प्रमुख कारकों के कारण, पूरे समय में निवेशकों के बीच इक्विटी निवेश की लोकप्रियता बढ़ी है। सबसे पहले, यह निवेश के एक सीधे और अविश्वसनीय रूप से व्यावहारिक रूप के रूप में कार्य करता है। दूसरा, इक्विटी निवेश का एक मिश्रित रूप है। दूसरे शब्दों में, लंबी अवधि के इक्विटी निवेशक इक्विटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले दो प्रकार के रिटर्न से लाभ प्राप्त करने के लिए खड़े होते हैं। सबसे पहले, वे लाभांश के रूप में निवेशकों को नियमित आय प्रदान करते हैं। दूसरा, निवेशकों को लाभ तब होता है जब उनके शेयरों का मूल्य समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ता है; इसे कैपिटल गेन या कैपिटल एप्रिसिएशन कहा जाता है। अधिकांश निवेशक, लगभग जुनून की हद तक, रिटर्न के अपने पसंदीदा तरीके के रूप में पूंजीगत लाभ को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, इक्विटी मार्केट कैपिटल गेन पर ध्यान देने के कारण, हम अक्सर डिविडेंड को एक अलग घटक और एक अलग प्रकार के रिटर्न के रूप में नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए, मैं इस बात पर चर्चा करने जा रहा हूं कि आज की पोस्ट में पूंजीगत प्रशंसा के रूप में लाभांश कितना आकर्षक हो सकता है।

आगे बढ़ने से पहले लाभांश क्या हैं, इसकी मूलभूत समझ प्राप्त करें। इक्विटी शेयरधारक उन व्यवसायों के पहले और सबसे बड़े मालिक होते शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें हैं जिनकी इक्विटी उनके पास होती है। इसके अतिरिक्त, क्योंकि शेयरधारक भी एक कंपनी के मालिक होते हैं, लाभांश कंपनी के मुनाफे का एक हिस्सा होता है जो शेयरधारकों को उनके व्यवसाय के स्वामित्व के बदले में वितरित किया जाता है। ऐसे शेयरों को खरीदना जो लगातार लाभांश का भुगतान करते हैं, उनका मूल्यांकन नहीं किया जाता है और कभी-कभी उन्हें अनदेखा भी किया जाता है। हालांकि, अगर सही तरीके से उपयोग किया जाता है, तो लाभांश का उपयोग हमारे इक्विटी निवेशों पर रिटर्न में काफी वृद्धि करने के लिए किया जा सकता है।

कंपनी के शेयरों के अंकित मूल्य पर लाभांश का भुगतान किया जाता है। और उनकी आय के प्राथमिक स्रोत ये दो हैं:

° कंपनी के शेयर के प्रति शेयर कर-पश्चात आय

° हाथ में अप्रतिबंधित तरल नकदी जो कंपनी के हाथ में है

आइए अब जांच करें कि लाभांश हमारे इक्विटी रिटर्न को कैसे बढ़ाते हैं। एक काल्पनिक निवेशक के लिए नीचे दी गई जानकारी को ध्यान में रखें, जिसके पास एक विशेष स्टॉक के 1000 शेयर हैं और वार्षिक ईपीएस के 50% का निरंतर लाभांश भुगतान अनुपात है।

इसलिए, भले ही भुगतान अनुपात 50% पर स्थिर रहता है, निवेशक को पहले वर्ष में 5,000 रुपये, दूसरे वर्ष में 7,500 रुपये और तीसरे वर्ष में 10,000 रुपये का शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें लाभांश प्राप्त होगा। यह कंपनी की अपने लाभ और ईपीएस को एक वर्ष से अगले वर्ष तक लगातार बढ़ाने की क्षमता के कारण है। निवेश का एक अलग स्कूल है जो इन व्यवसायों के पोर्टफोलियो को इकट्ठा करने और बनाए रखने की वकालत करता है जो लगातार उनकी कमाई और लाभांश भुगतान में वृद्धि करता है। डिविडेंड ग्रोथ में निवेश करना इसे कहते हैं। रिटर्न फॉर्म और स्टॉक की गुणवत्ता का निर्धारण करने में एक महत्वपूर्ण कारक लाभांश और लाभांश भुगतान की स्थिरता है। यह इस तथ्य के कारण है कि व्यवसाय केवल तभी लगातार लाभांश की घोषणा कर सकते हैं जब आय अधिक हो शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें और नकदी प्रवाह सकारात्मक हो।

तथ्य यह है कि किसी कंपनी का लाभांश भुगतान उसकी कॉर्पोरेट नीति का परिणाम है, न कि बाजार कंपनी को कैसे मानता है, यह लाभांश के बारे में एक और बड़ी बात है। दूसरी ओर, पूंजी वृद्धि कंपनी के मूल सिद्धांतों और इसके स्टॉक के बारे में बाजार की धारणा दोनों पर निर्भर है, जो समय के साथ बदल सकती है। लाभांश रिटर्न इसलिए एक अधिक विश्वसनीय अनुमान है और पूंजी की सराहना के सापेक्ष रिटर्न का एक स्थिर घटक है। यह विशेष रूप से सच है जब अर्थव्यवस्था में मंदी है और स्टॉक और बाजार पूरी तरह से खराब प्रदर्शन करते हैं। लाभांश इन स्थितियों में निवेशकों के लिए एक बफर के रूप में कार्य करता है, शेयर की कीमतों में गिरावट के प्रभाव को कम करता है।

हालाँकि लाभांश भुगतान शुरू में मामूली हो सकता है, लाभांश का भुगतान करने वाले स्टॉक के अधिक शेयरों में लाभांश का पुनर्निवेश स्टॉक के हमारे स्वामित्व को बढ़ाता है और हमें भविष्य में बड़े लाभांश भुगतानों का अधिकार देता है। अंतर्निहित शेयरों से अंतिम पूंजीगत लाभ भी पुनर्निवेश द्वारा बढ़ाया जाएगा। नतीजतन, स्टॉक रिटर्न में लाभांश पुनर्निवेश एक महत्वपूर्ण कारक है। नीचे दी गई जानकारी को देखें, मान लें कि एक निवेशक एक फर्म के 1000 शेयरों का मालिक है जो लगातार रुपये के लाभांश का भुगतान करता है। इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए हर साल 10।

इस स्थिति में ध्यान देने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि निवेशक हमेशा अपने सभी लाभांश को वर्तमान बाजार मूल्य पर पुनर्निवेशित करता है, प्रत्येक गुजरते साल के साथ अपनी शेयरधारिता और लाभांश आय में वृद्धि करता है। यह भी ध्यान दें कि चौथे वर्ष में भी, जब बाजार मूल्य गिरकर 150 रुपये हो जाता है, तो उसे प्रति शेयर समान लाभांश प्राप्त होता रहता है।

मुद्रास्फीति के समय में लाभांश हमारे पैसे के क्रय मूल्य को भी सुरक्षित रखता है। क्योंकि हम जिन वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करते हैं, उनके लिए हमें अधिक भुगतान करना होगा, मुद्रास्फीति हमारे लिए व्यक्तियों के रूप में नकारात्मक है। हालांकि, चूंकि व्यवसायों को अपने सामान और सेवाओं के लिए बिक्री मूल्य में वृद्धि की संभावना है, मुद्रास्फीति उन्हें लाभ देती है। मूल्य वृद्धि उच्च लाभ में तब्दील हो जाती है, जो बदले में उच्च लाभांश भुगतान में बदल जाती है। यह मुद्रास्फीति की अवधि के दौरान हमारी मुख्य चिंताओं में से एक को यह संकेत देकर हल करता है कि हमारे पैसे की क्रय शक्ति महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं होगी।

लाभांश पहले स्टॉकहोल्डर्स के लिए पूरी तरह से कर-मुक्त थे। हालाँकि, भारत सरकार के एक हालिया निर्णय ने 1 अप्रैल 2020 के बाद प्राप्त लाभांश को शेयरधारकों के लिए कराधान की उपयुक्त स्लैब दरों के अधीन कर दिया है। जाहिर है, यह लाभांश प्राप्त करने की संभावना की अपील से अलग हो जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि लाभांश सुनिश्चित नकद भुगतान हैं जो सीधे हमारे बैंक खातों में जमा किए जाते हैं। और हमारे बैंक खातों में ठंडे, कठिन तरीके से पैसा आने के बारे में क्या प्यार नहीं है? कोई राशि न होने से बेहतर यह है कि करों को ध्यान में रखने के बाद कम राशि हो। क्योंकि किसी भी आय का कर घटक बस इतना ही है—एक घटक। हमारे निवेश पर टैक्स बचाना फायदेमंद है, लेकिन इसे फिक्सेशन में नहीं बदलना चाहिए। हमारे निवेश केवल करों को कम करने से कहीं अधिक हैं। इसके अलावा, जब लाभ पर्याप्त रूप से पर्याप्त होते हैं, तो उनका उपयोग हमारे जीवन-यापन के खर्चों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। याद रखें कि लाभांश का भुगतान हमारी फर्मों के धन का उपयोग करके किया जाता है। इस प्रकार, एक निश्चित बिंदु के बाद, हमारी कंपनियां हमारी लागतों को कवर करती हैं। मुझे लाभांश स्टॉक निवेश का एक लाभ दिखाओ जो उससे बेहतर है।

अब तक, यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि लाभांश उतने नीरस और अनाकर्षक नहीं हैं जितना कि उन्हें चित्रित किया गया है। इसके अलावा, लाभांश योग्यता के बिना नहीं हैं, भले ही हमारी संपत्ति पर वित्तीय लाभ निर्विवाद रूप से रोमांचकारी और संतोषजनक हो। और जब हमारे इक्विटी निवेश पर रिटर्न बढ़ाने की बात आती है, तो लाभांश में पूंजीगत लाभ की तुलना में और भी अधिक शक्तिशाली होने की संभावना होती है, अगर इसका सही तरीके से उपयोग और संचालन किया जाए। निवेश की दुनिया में एक कहावत के अनुसार, हमेशा अपने अंडे के लिए एक चिकन, अपने दूध के लिए एक गाय, अपने शहद के लिए मधुमक्खियां और अपने लाभांश के लिए स्टॉक खरीदें।

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