भारत में बिटकॉइन का भविष्य

वो आगे कहते हैं, "इन कंप्यूटरों को नोड कहा जाता है, और उनका मुख्य काम हर लेन-देन को मान्यता देना और दर्ज करना होता है. हर कोई एक नोड हो सकता है, फिर भी नेटवर्क पर किसी का पूरा नियंत्रण नहीं हो सकता है इसलिए ब्लॉकचैन एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली है".
भारत में बिटकॉइन का भविष्य
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क्रिप्टो करेंसी का नाम जब भी हम लेते हैं उसमे सबसे पहले बिटकॉइन का नाम आता है। क्यूँकी लोग बिटकॉइन की बढ़ती महंगाई को नजर अंदाज नहीं कर सकते थे। लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है की क्या आने वाले दिन बिटकॉइन Survive कर पाएगा? ओर अगर इसका जवाब ” हाँ ” है तो भारत में बिटकॉइन का भविष्य कैसा रहेगा?
जब बिटकॉइन की भारी रिटर्न्स के बारे में लोगों को पता चल तो सभी लोग कूद गए। लेकिन यह भी सच है क जो चीज जल्दी ऊपर बढ़ता है संभावना है की वो उसी गति से नीचे भी आएगा। ओर बिटकॉइन के साथ भी ठीक ऐसा ही हुआ।
साल 2020 से 2021 के बीच में बिटकॉइन का मूल्य आसमान छूँ रहा था। 1 बिटकॉइन का मूल्य 50 लाख भारतीय मुद्रा से भी अधिक पहुँच गया था। पर ज्यादा तर देशों के सरकार इसके पक्ष में न होने के कारण बिटकॉइन में तेजी से गिरावट आया। भारत सरकार भी क्रिप्टो करेंसी को समर्थन नहीं देने के कारण भारत में भी इसका मार्केट काफी डाउन चल गया था ।
बिटकॉइन क्या है
दोस्तों बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है इसे हम एक तरह से डिजिटल करेंसी भी कह सकते है। जबसे क्रिप्टो करेंसी एआहे तबसे बस एक ही नाम छाया हुआ है वो है बिटकॉइन। तो बिटकॉइन क्या है?
हमारे भारत में जैसे रुपए अमेरिका में डॉलर रूस में जैसे यूरो होता है बस उसी तरह का ये भी एक करेंसी है। पर बिटकॉइन ओर बाकी करेंसी में थोड़ा अंतर होता है।
जैसे की हम अपने देश के पैसे को कोई बैंक या ATM से निकाल सकते है लेकिन बिटकॉइन को नहीं निकाल सकते। कहना का मतलब है की हमारे भारतीय मुद्रा के साथ साथ अन्य देशों के अपने करेंसी डिजिटल ओर Cash दोनों तरह से Exist करते है।
लेकिन बिटकॉइन सिर्फ वर्चुअल रूप में ही Exist करता है यानि उसे नहीं हम बाहर निकाल सकते है ना हीं छूँ सकते है। बिटकॉइन सिर्फ अनलाइन ही Exist करता है। बिटकॉइन को हम केबल एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट को ट्रैन्स्फर कर सकते है।
भारत में बिटकॉइन का भविष्य
2020 ओर 2021 में भारत के कोने कोने से बहत सारे भारतीय बिटकॉइन पर निवेस कीये है। उन साल के बीच बिटकॉइन से लोगों ने काफी बढ़िया पैसा बनाया ओर बहत सारे नए निवेसक अपना पैसा गवाये भी।
बर्तमान के समय भारत में बिटकॉइन पर निवेस करने वाला सबसे ज्यादा युबा ही है। एक आँकड़े के मुताबिक 20 से 35 साल के 65% युबा बिटकॉइन तथा अन्य क्रिप्टो पर निवेस कीये है। जो की पूरे विश्व में कीये जाने वाला निवेसको में से सबसे ज्यादा है। तो आप अंदाज लगा सकते है भारत में क्रिप्टो मार्केट कितना बड़ा है।
भारत सरकार के कीये गए के सर्वे के मुताबिक वर्तमान भारत के लगभग 2 करोड़ लोगों के 70 हजार कोरोड रुपया क्रिप्टो करेंसी पर निवेस कीये है। ओर जिसमे सबसे ज्यादा लोगों का Long Term Invest Bitcoin पर ही कीये गए है। जो की एक बहत बड़ी रकम है तो इसके हिसाब से देखा जाए तो भारत में बिटकॉइन का भविष्य आने वाले दिन अच्छा ही रहेगा।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
- क्रिप्टोकरेंसी रुपया या अमेरिकी डॉलर की ही तरह विनिमय का एक माध्यम है, लेकिन यह प्रारूप में डिजिटल है जो मौद्रिक इकाइयों के सृजन को नियंत्रित करने और धन के विनिमय को सत्यापित करने भारत में बिटकॉइन का भविष्य के लिये एन्क्रिप्शन तकनीकों (Encryption techniques) का उपयोग करती है।
- बिटकॉइन (Bitcoin) विश्व की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोरेंसी है जो बाज़ार पूंजीकरण के अनुसार विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी भी है।
- अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी को राष्ट्रीय सरकारों द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है; उन्हें वैकल्पिक मुद्रा या वित्तीय विनिमय के साधन के रूप में देखा जाता है जो राज्य की मौद्रिक नीति के दायरे से बाहर होते हैं।
- सितंबर 2021 में अल साल्वाडोर विश्व का ऐसा पहला देश बन गया जिसने बिटकॉइन को वैध मुद्रा/लीगल टेंडर के रूप में मान्यता प्रदान की।
क्रिप्टोकरेंसी से संबद्ध संदिग्ध क्षेत्र
- अस्थिर प्रकृति: क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का सट्टा है। इसमें अधिक मात्रा में निवेश बाज़ार अस्थिरता (Market Volatility) उत्पन्न करता है, यानी कीमतों में उतार-चढ़ाव को अवसर देता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी नुकसान हो सकता है।
- विश्वसनीयता और सुरक्षा: चूँकि क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन का एक डिजिटल मोड है, यह हैकर्स, आतंकी वित्तपोषण और ड्रग लेनदेन के लिये एक अत्यंत आम मंच बन गया है।
- उदाहरण के लिये, अपराधियों द्वारा बिटकॉइन में फिरौती का भुगतान करने के लिये ‘वन्नाक्राई’ वायरस का उपयोग किया गया था।
- इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, वस्तु या प्रतिभूति के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है।
- उदाहरण के लिये, भारत में केवल RBI के पास ही नकदी सृजन का अधिकार है जिसे वह न्यूनतम रिज़र्व सिस्टम बनाए रखते हुए करता है। यह मांग और आपूर्ति का एक संतुलन बनाए रखता है।
- लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय संस्थागत नियमों पर निर्भर नहीं होती बल्कि एन्क्रिप्टेड और प्रोटेक्टेड होती है जिससे पूर्वनिर्धारित एल्गोरिथम रेट पर धन की आपूर्ति में वृद्धि करना कठिन हो जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:
प्रश्न:“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)
- यह एक सार्वजनिक बहीखाता है जिसका निरीक्षण हर कोई कर सकता है, लेकिन जिसे कोई एकल उपयोगकर्त्ता नियंत्रित नहीं करता है।
- ब्लॉकचेन की संरचनाऔर डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें मौजूद सारा डेटा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ही होता है ।
- ब्लॉकचेन की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर एप्लीकेशन बिना किसी की अनुमति के विकसित किये जा सकते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3उत्तर: (d)
प्रश्न. हाल ही में कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द 'वानाक्राई, पेट्या और इंटर्नलब्लू' निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं (2018)
बिटकॉइन जैसी करेंसी का भविष्य भारत में कब तय करेगी सरकार?
पिछले कुछ सालों से डिजिटल मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है जिन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए उन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं.
दुनिया भर में मुद्राओं को देश के केंद्रीय बैंक नियंत्रित करते हैं लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है, इसका नियंत्रण इसकी ख़रीद-बिक्री करने वाले लोगों के हाथों में सामूहिक तौर पर होता है.
यही वजह है कि ज़्यादातर देशों की सरकारें या तो इन्हें ग़ैर-कानूनी मानती हैं या इन्हें किसी न किसी रूप में नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं.
भारत और क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं जिनमें वज़ीरएक्स का नाम पिछले दिनों सुर्ख़ियों में था.
केंद्र सरकार के एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने वज़ीरएक्स के संस्थापक और निदेशक निश्चल शेट्टी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के क़ानून के तहत 2,971 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का हिसाब देने को कहा है.
ईडी ने वज़ीरएक्स पर अपने उपयोगकर्ताओं की 'नो योअर कस्टमर' (केवाईसी) यानी ग्राहक वेरिफ़िकेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ नहीं लेने का आरोप लगाया है. ईडी के अनुसार, वज़ीरएक्स का इस्तेमाल कुछ चीनी नागरिकों ने अपने वज़ीरएक्स वॉलेट में राशि जमा करके किया. वज़ीरएक्स के संस्थापक शेट्टी ने जवाब में तीन ट्वीट किए और इस इल्ज़ाम को नकारते हुए ईडी के साथ पूरा सहयोग का वादा किया.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून मौजूद नहीं हैं. यही वजह है कि वज़ीरएक्स जैसे मामलों में अभी सिर्फ़ केवाईसी के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर नोटिस भेजा गया है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
देश और दुनिया की बड़ी ख़बरें और उनका विश्लेषण करता समसामयिक भारत में बिटकॉइन का भविष्य विषयों का कार्यक्रम.
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
दुनिया में रुपए, डॉलर और यूरो जैसे नोटों की तरह पिछले 10-12 सालों में वर्चुअल दुनिया में कई मुद्राएँ सामने आई हैं और इनकी लोकप्रियता और संख्या दोनों तेज़ी से बढ़ती जा रही है. खास तौर पर युवा पीढ़ी में ये काफ़ी लोकप्रिय हैं.
मोटे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है जो टोकन या डिजिटल "सिक्कों" के रूप में होता है, क्रिप्टोकरेंसी को डिज़ाइन ही इस तरह किया गया है कि वह सरकारी नियमों और नियंत्रण से मुक्त रहे.
इस तरह की करेंसियों में सबसे चर्चित बिटकॉइन है, पिछले हफ़्ते एक बिटकॉइन की क़ीमत लगभग 30 लाख रुपए थी. दुनिया भर में दो करोड़ के क़रीब बिटकॉइन चलन में हैं जिनमें से दो हज़ार भारत में बताए जाते हैं.
इसकी क़ीमत में लगातार भारी उतार चढ़ाव दिख रहा है, कुछ जानकारों का कहना है कि यह अगले कुछ महीनों में इसकी वैल्यू 50 प्रतिशत गिर सकती है, तो कुछ दूसरे विशेषज्ञों का मानना है कि यह 30 लाख से बढ़कर 75 लाख तक हो सकता है.
क्रिप्टो और ब्लॉकचेन
क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नामक टेक्नोलॉजी पर आधारित है. प्रवीन विशेष सिंगापुर में एक बड़े हेज फंड के पोर्टफ़ोलियो मैनेजर हैं. उनका काम करेंसी व्यापार से जुड़ा है.
बीबीसी से बातचीत में भारत में बिटकॉइन का भविष्य वो कहते हैं, "ब्लॉकचेन भविष्य का टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म है. ये वो मंच है जिस पर क्रिप्टो मुद्राओं का लेन-देन होता है. ब्लॉकचेन जानकारी को रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है जिसमें जानकारी को बदलना या हैक करना लगभग असंभव है."
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में लियोनार्ड कुकोस क्रिप्टोकरेंसी के विकास के समर्थक और निवेशक हैं. इस काम में वो बहुत सक्रिय हैं. वो ब्लॉकचेन जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ भी हैं.
उन्होंने बीबीसी के सवालों के जवाब में कहा, "सरल शब्दों में, ब्लॉकचेन एक विशेष प्रकार का डेटाबेस है जिसे डिस्ट्रीब्यूटेड खाता कहा जाता है जो डिजिटल लेनदेन को रिकॉर्ड करता है ताकि इसे बदलना, हैक करना या फ्रॉड करना लगभग असंभव हो. यह विशेष है क्योंकि सभी लेन-देन कंप्यूटरों के विशाल नेटवर्क में एन्क्रिप्टेड, कॉपीड और ड्रिस्ट्रीब्यूटेड होते हैं."
बिटकॉइन का भविष्य 2022 में कैसा रहेगा ? स्पर्ट की भविष्यवाणी
खासकर भारत की बात करें तो, बिटकॉइन का भविष्य 2022 में थोड़ा सा स्थिर हो सकता है ऐसा स्पर्ट का मानना है। 2021 की आखिरी तिमाही में क्रिप्टो करेंसी के बाजार में बहुत गिरावट आयी है क्योंकि भारत सरकार इसे रेगुलेट करने की योजना बना रही है।
लोगों को लगा कि सरकार क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगा सकती है। इसलिए बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी बेंचने की होड़ मच गई, जिससे बाजार तेजी से नीचे गिरा !
बिटकॉइन का भविष्य 2022 में
अगर हम स्पर्ट की माने तो बिटकॉइन का भविष्य 2022 में अच्छा रहने वाला है। इसकी वे कुछ वजह भी बताते हैं।
बिटकॉइन नई टेक्नोलॉजी पर आधारित
बिटकॉइन का अच्छा भविष्य मानने की सबसे बड़ी वजह है कि, यह एक नई टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसे कि भविष्य की टेक्नोलॉजी के रूप में देखा जा रहा है।
यह अभी नया है इसलिए इसमें कुछ खामियाँ नजर आ रही हैं। जैसे कि, आपराधिक तत्व इसे भारत में बिटकॉइन का भविष्य यूज करते हैं क्योंकि लेन देन करने वाले की जानकारी छिपी रहती है।
इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार योजना बना रही है। अब इसमें KYC को अनिवार्य बना दिया जायेगा और भी टेक्नोलॉजी को शामिल करके इसे और बेहतर बनाया जायेगा।
क्रिप्टो करेंसी का भविष्य 2022 में
2022 में भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करना शुरू कर सकती है। जैसा कि भारत में बिटकॉइन का भविष्य सरकार ने पहले बताया है कि, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन किया जायेगा लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि, सरकार प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी किसे मानती है।
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यह भी 2022 में सबकी नजर में आ जायेगा और सभी चीजों स्पष्ट हो जायेगी।
इसके बाद बाजार में उछाल आने की उम्मीद बनती है क्योंकि लोगों का डर निकल चुका होगा।
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एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बहुत सारी अटकलें चल रही हैं… ये बिल्कुल ठीक बात नहीं हैं.’’ क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का नियमन विधेयक, 2021 को लोकसभा के बुलेटिन-भाग दो में शामिल किया गया है. इसे शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जाएगा. बुलेटिन में कहा गया है कि यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक रूपरेखा तैयार करने से संबंधित है.
इसमें देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध का प्रावधान भी है. हालांकि यह क्रिप्टोकरेंसी भारत में बिटकॉइन का भविष्य में अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने और उसके इस्तेमाल के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देता है. इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में सीतारमण ने कहा था कि नए विधेयक में वर्चुअल मुद्रा के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का ध्यान रखा जाएगा और इसमें पुराने विधेयक की उन चीजों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले नहीं लिया जा सका था.