क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

Bihar Liquor Ban: क्या बिहार में फिर खुलेंगी शराब की दुकानें? |Bihar Mein Ka Ba
Bihar Mein Ka Ba: बिहार में सत्ता के गलियारों से सड़क तक, जनता का क्या है हाल, जानने के लिए देखिए 'बिहार में का बा?'
बिहार में शराबबंदी बा, शराब पीये और बेचे पर रोक बा, जुर्माना क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास और सजा के प्रावधान बा, लेकिन नेताजी सबके ई मंजूर नय बा. हाजिर है आपका बिहारी पत्रकार, नाम है मोहन कुमार. ऐने-ओने का नहीं, यहां होगा ओनली बिहार.
बिहार में शराबबंदी हटाने की मांग
जनता छोड़िए बिहार में नेता लोग ही शराब से रोक हटाने की मांग कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा सहित कई नेता शराबबंदी पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. इस बार इन तमाम नेताओं से दो कदम आगे बढ़कर कांग्रेस ने बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग कर दी है. राजापाकर से कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी दास ने कहा है कि बिहार में शराब की दुकानें खुलनी चाहिए और खाने-पीने की चीजों पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए.
बिहार में शराबबंदी खत्म करने का मुद्दा लगातार उठता रहता है. ऐसे में चलिए आपको पहले इसका इतिहास बता देते हैं. फिर बताएंगे कि क्यों शराबबंदी खत्म करने की मांग उठती रही है.
नीतीश ने जनता से किया वादा निभाया
नीतीश सरकार जब साल 2005 में सत्ता में आई तो उन्होंने सरकार की शराब नीति को उदार किया. जिससे सरकार के राजस्व में बेहताशा बढ़ोतरी हुई, वहीं शराब की दुकानों का सघन नेटवर्क भी तैयार हुआ. शराब की इस उपलब्धता और गांव के स्तर पर भी शराब की भठ्ठी खुलने से 2015 आते-आते विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. इसके बाद महिलाओं की मांग पर और विधानसभा चुनाव को देखते हुए नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया.
नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव जीत गए. सरकार बनने के बाद 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई. इससे पहले कर्पूरी ठाकुर ने 1977 में शराबबंदी लागू की थी, लेकिन ये पाबंदी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी.
शराबबंदी से राजस्व को नुकसान
हालांकि, नीतीश कुमार के इस फैसले पर भी बीते 6 सालों में सवाल उठते रहे हैं. कभी इसे राजस्व नुकसान से जोड़ कर देखा जाता है तो कभी शराब की बढ़ती तस्करी का तर्क दिया जाता है. पहले बात कर लेते हैं राजस्व नुकसान की. नवंबर 2021 में छपी द हिंदू की खबर ने Confederation of Indian Alcoholic Beverage Companies के हवाले से बताया कि
पिछले पांच सालों में शराबबंदी से बिहार को 30 से 35 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. जिसकी वजह से बिहार में विकास भी प्रभावित हुआ है.
अब आते हैं बढ़ती शराब तस्करी के मुद्दे पर. शराब बंदी की वजह से बिहार में शराब माफिया का उदय हुआ है. प्रदेश में भारी मात्रा में शराब की तस्करी हो रही है. फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 2021 के दौरान प्रवर्तन एजेंसियों ने 45.37 लाख लीटर से अधिक शराब जब्त की. इसमें से 32.14 लाख लीटर भारत निर्मित विदेश शराब थी. वहीं 5.62 लाख लीटर देशी शराब थी.
12 महीने में जहरीली शराब से 157 की मौत- रिपोर्ट
वैध शराब पर रोक की वजह से अवैध शराब की बिक्री बढ़ी है. नकली या जहरीली शराब पीने से मौत की खबरें आती रहती हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2021 से मार्च 2022 के बीच 11 जिलों में जहरीली शराब से 157 लोगों की मौत हुई थी.
एक तरफ जहरीली क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास शराब काल बन गया है तो दूसरी तरफ शराबबंदी की वजह से गांजे की तस्करी भी बढ़ी है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 27 हजार 395 किलो गांजा जब्त किया गया था. 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक 16 हजार 607 किलो गांजा जब्त किया गया था.
RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’ (e₹), समझिए क्या होंगे इसके फायदे
RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 1 नवंबर को अपनी डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपया’ को लॉन्च क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास कर दिया है। केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। शुरुआती दौर में डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
Key Points
– भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की
– 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की
– 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (e₹) लांच
पायलट प्रोजेक्ट
इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।
डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल
थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।
क्या है CBDC
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
डिजिटल रुपया (e ₹) प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।
जानें दीवाली पर गोल्ड या क्रिप्टोकरेंसी में से किसमें करें निवेश
भारत जैसे देश में सोने का बड़ा पुराना इतिहास और हमारी संस्कृति में कहीं गहरे इसकी जगह रही है. सोना निवेश का हमारा पारंपरिक माध्यम होने के साथ-साथ हमारे रीति-रिवाजों तक का हिस्सा रहा है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी के युग में सोने के लिए चीजें कितनी बदली हैं, इसपर चर्चा दिलचस्प हो जाती है. क्रिप्टोकरेंसी बाजार (Cryptocurrency Market) ने पिछले एक-दो सालों में बहुत तेजी से अपनी जगह बनाई है, खासकर 2021 को क्रिप्टोकरेंसी का साल कहें तो बहुत अतिशयोक्ति नहीं होगी. भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी बाजार से करोड़ों नए निवेशक जुड़े हैं और इसमें लाखों का निवेश कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आमतौर पर दीवाली या ऐसे मौकों पर सोने में निवेश करने वाले निवेशक क्या इस बार क्रिप्टो का विकल्प चुनेंगे? आइए जानते है इसपर विशेषज्ञों और क्रिप्टो निवेशकों का क्या कहना है.
सोने से ज्यादा बढ़िया रिटर्न
CoinSwitch क्रिप्टो एक्सचेंज के COO विमल नागर ने कहा कि 'दीवाली, धनतेरस पर यहां सोना खरीदने का चलन रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन, इथीरियम जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी ने सोने से बेहतर रिटर्न दिया है और आज के समय में लोग क्रिप्टोकरेंसी को बेहतर निवेश का माध्यम समझ रहे हैं.' उन्होंने कहा कि 'सबसे दिलचस्प बात ये भी है कि आप बिटकॉइन में बस 100 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं.'
बिटकॉइन और डिजिटल गोल्ड में तुलना के सवाल पर नागर ने कहा कि 'अब बिटकॉइन को भी डिजिटल गोल्ड कहा जाता है. डिजिटल गोल्ड की वैल्यू भी तो सोने की ही वैल्यू रहेगी, ऐसे में बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का रिटर्न उससे बेहतर रहता है.'
दीवाली के दिन क्या क्रिप्टो एक्सचेंज पर क्या ज्यादा हलचल रहती है, सवाल पर नागर ने बताया कि दीवाली क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास पर क्रिप्टो एक्सचेंज पर हलचल देखी जाती है. उन्होंने ये भी बताया कि दीवाली पर पिछले साल कई लोगों ने शगुन के तौर पर 101 रुपये का बिटकॉइन खरीदा था. ऐसे में बिटकॉइन का दीवाली पर निवेश के लिए आकर्षण बढ़ा है.
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास
बड़ी फंडिंग जुटाने के बाद एफटीएक्स सीईओ ने 300 मिलियन डॉलर कमाए
सैन फ्रांसिस्को, 19 नवंबर (आईएएनएस)। सैम बैंकमैन-फ्राइड, अब दिवालिया क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के सीईओ ने पिछले साल एक बड़ी धनराशि जुटाने के बाद 300 मिलियन डॉलर की कमाई की। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, संकटग्रस्त क्रिप्टो एक्सचेंज ने अक्टूबर 2021 में 420 मिलियन डॉलर की कमाई की। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
सैन फ्रांसिस्को, 19 नवंबर (आईएएनएस)। सैम बैंकमैन-फ्राइड, अब दिवालिया क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के सीईओ ने पिछले साल एक बड़ी धनराशि जुटाने के बाद 300 मिलियन डॉलर की कमाई की। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, संकटग्रस्त क्रिप्टो एक्सचेंज ने अक्टूबर 2021 में 420 मिलियन डॉलर की कमाई की। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में एफटीएक्स वित्तीय रिकॉर्ड और स्रोतों का हवाला देते हुए उल्लेख किया गया, लगभग तीन-चौथाई पैसा, 300 मिलियन डॉलर, एफटीएक्स के संस्थापक क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास सैम बैंकमैन-फ्राइड के बदले चला गया, जिन्होंने कंपनी में अपनी कुछ निजी हिस्सेदारी बेच दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकमैन-फ्राइड ने स्पष्ट रूप से एफटीएक्स में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच दी थी, लेकिन इसका मतलब यह था कि उन्हें बहुत पैसा मिला था, जो निवेशक शायद सीधे कंपनी में जाना चाहते थे।
इस बीच, एफटीएक्स के संबंध में अमेरिका में एक नई अदालत की फाइलिंग ने एक क्रिप्टो साम्राज्य कॉरपोरेट नियंत्रण की पूर्ण विफलता का खुलासा किया, जो बड़े पैमाने पर कुप्रबंधित और संभवत: धोखाधड़ी थी।
फाइलिंग के अनुसार, कंपनी की कभी भी बोर्ड मीटिंग नहीं हुई और ग्राहकों द्वारा जमा की गई क्रिप्टोकरंसी को बैलेंस शीट पर दर्ज नहीं किया गया।
फाइलिंग के अनुसार कॉरपोरेट फंड का इस्तेमाल निजी इस्तेमाल के लिए अचल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया था और कर्मचारियों और अधिकारियों ने कंपनी के फंड से खरीदे गए घरों पर अपना नाम रखा।
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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल कल गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल कल गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
धर्मशाला के पास धौलाधार रेंज में ट्रेकिंग के दौरान लापता हुए अमेरिकी नागरिक
हिमाचल प्रदेश | धर्मशाला के पास धौलाधार रेंज में ट्रेकिंग के दौरान लापता हुए अमेरिकी नागरिक मैक्सिमिलियन लोरेंजो का शव पुलिस और बचाव दल को मिला है।
डीसी ने पंत, शॉ, वार्नर, कुलदीप को रिटेन किया; 2 बैकअप विकेटकीपर जारी करें
डीसी ने पंत, शॉ, वार्नर, कुलदीप को रिटेन किया; 2 बैकअप विकेटकीपर जारी करें
सतना में ट्रक की चपेट में आई बाइक, बाइक सवार महिला की मौत, पति गंभीर
सतना। ट्रक की चपेट में आई बाइक। बाइक सवार महिला की मौत, पति गंभीर। आक्रोशित भीड़ ने किया चक्काजाम। कोलगवां थाने के मैहर बाईपास की घटना
बेमेतरा में डाक वाहन से टकराई तेज रफ्तार बाइक, 1 साल की मासूम और पति की मौत, पत्नी गंभीर
बेमेतरा। डाक वाहन से टकराई तेज रफ्तार बाइक। 1 साल की मासूम और पति की मौत, पत्नी गंभीर। घायल महिला का अस्पताल में इलाज जारी। नांदघाट थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे की घटना
बैकुंठपुर में सुरक्षाकर्मियों से पत्थरबाजी और मारपीट, मामले में 3 और आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
बैकुंठपुर- सुरक्षाकर्मियों से पत्थरबाजी और मारपीट। मामले में 3 और आरोपियों को किया गया गिरफ्तार। अब तक 12 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी। 10 से ज्यादा आरोपी अब भी चल रहे फरार। चरचा माइंस से कोयला चोरी करने किया था हमला। चरचा थाना पुलिस की कार्रवाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खूंटी के उलिहातू गांव पहुंची और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी
झारखंड: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खूंटी के उलिहातू गांव पहुंची और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित रहे।
बलरामपुर में धान के अवैध भंडारण और परिवहन का मामला, राजस्व विभाग ने 200 बोरी धान किया जब्त
बलरामपुर। धान के अवैध भंडारण और परिवहन। राजस्व विभाग ने 200 बोरी धान किया जब्त। बसंतपुर और त्रिशूली में राजस्व विभाग की कार्रवाई