शेयर बाजार में लाभ के टोटके

शेयर की कीमतों को लक्षित करें

शेयर की कीमतों को लक्षित करें
मूल्य निवेशक( Value investors ) निवेशकों का वह प्रकार हैं जो ऐसी कंपनियों शेयर की कीमतों को लक्षित करें के शेयरों में निवेश करते हैं, जिनके बारे में उनका मानना होता है कि ये अपने काम के कारण बहुत ही मूल्यवान हैं।वे इन शेयरों में निवेश करते हैं क्योंकि उन्होंने कंपनी का संपूर्ण वित्तीय विश्लेषण किया होता है – राजस्व, नकदी प्रवाह, लाभ, ऐतिहासिक प्रदर्शन और स्टॉक का ऊपर जाना या शेयर की कीमतों को लक्षित करें फिर जब यह अपने बुक मूल्य या वास्तविक मूल्य से नीचे ट्रेड कर रहा हो। इसका कारण यह है कि मूल्य निवेशक अच्छी ठोस बुनियादी बातों वाली कंपनियों की तलाश में होते हैं, क्योंकि वे शर्त लगाते हैं कि लंबे समय इनका प्रदर्शन बहुत अच्छा होगा। फिर, वे इस तरह के शेयरों की कीमत उनकी वास्तविक कीमत से नीचे गिरने का इंतजार करते हैं और उन्हें जल्दी से चुन लेते हैं और उन्हें तब तक होल्ड करके रखते हैं, जब तक कि ये उनके दिमाग में मौजूद मूल्य को न छू लें।

शेयरों में निवेश करने से पहले ध्यान में रखने योग्य बातें

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शेयर बाजार में निवेश अब एक जटिल या अत्यधिक मांग वाली गतिविधि नहीं है। डिजिटल होने के कदम ने नए लोगों के लिए ट्रेडिंग को आसान और पेशेवर निवेशकों के लिए ट्रेडिंग को सक्षम किया है। डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता व्यवस्थित करना 20 मिनट का कार्य है, जो आपको भारत और विदेशों शेयर की कीमतों को लक्षित करें में ऑनलाइन शेयर बाजार तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरों में निवेश करने शेयर की कीमतों को लक्षित करें में आसानी के बावजूद, वित्तीय बाजारों में निवेश करने में डुबकी लगाने से पहले आपको कुछ चीजें याद रखना चाहिए।

वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें

निवेश शुरू करने से पहले वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करना बेहद महत्वपूर्ण है।आप अपने पैसे कैसे खर्च करना चाहते हैं और आपको कितनी बचत करने की जरूरत हैं, इस पर एक उचित योजना के बिना निवेश एक उद्देश्यहीन मेहनत है। आप सोच सकते हैं कि अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्रतीक्षा करने में,अपने पैसे को अपने बचत खाते में बेकार रखे रहने के बजाय शेयर बाजार में निवेश करना शेयर की कीमतों को लक्षित करें बेहतर है, ताकि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को तैयार कर सकें। लेकिन स्टॉक निवेश के अवसरों की व्यापक विविधता के साथ, यदि आप क्षितिज पर कुछ व्यापक वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित नहीं करते हैं तो आपको यह नहीं पता शेयर की कीमतों को लक्षित करें होगा कि कब प्रवेश करें या कब बाहर निकलें।वित्तीय लक्ष्य आपको यह निर्धारित करने में सहायता करते हैं कि आपको कितने समय तक और कितना निवेश शेयर की कीमतों को लक्षित करें करने की आवश्यकता है। यह आपको उस निवेश रणनीति को भी सूचित करता है जो आपके पैसे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। जिन कंपनियों और शेयरों में आप निवेश करना चुनते हैं, वे स्पष्ट वित्तीय लक्ष्यों के उप-उत्पाद हैं।

स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट के बाद कीमतें हुई आकर्षक, क्या निवेश का है सही मौका, जानिए एक्सपर्ट की राय

बाजार की रिकवरी में सबसे पहले लार्ज कैप शेयर ऊपर जाते हैं.

बाजार की रिकवरी में सबसे पहले लार्ज कैप शेयर ऊपर जाते हैं.

इस साल लॉर्जकैप और मिडकैप शेयरों में 5-7 फीसदी की तेजी आ गई है. हालांकि, इस बीच स्मॉलकैप शेयर 10 फीसदी गिर गए हैं. फिनो . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 19, 2022, 17:25 IST
जानकार कहते हैं कि जब बाजार में बिकवाली शुरू होती है तो सबसे पहला असर स्मॉलकैप शेयरों पर होता है.
स्मॉलकैप शेयरों में निवेश कर छोटी अवधि में मुनाफा कमाने के लिए रिस्क लेने की क्षमता भी होनी चाहिए.
स्मॉलकैप शेयरों पर लंबी अवधि में उतार-चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं होता और वे बेहतर रिटर्न देते हैं.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में इस साल काफी उठा-पटक देखने को मिली है. जुलाई तक को बाजार में हाहाकार मचा रहा लेकिन उसके बाद शेयर मार्केट में थोड़ी हरियाली नजर आनी शुरू हुई. मनीकंट्रोल में छपे एक लेख के अनुसार, इस साल लॉर्जकैप और मिडकैप शेयरों में 5-7 फीसदी की तेजी आ गई है. हालांकि, इस बीच स्मॉलकैप शेयर शेयर की कीमतों को लक्षित करें 10 फीसदी गिर गए हैं.

उतार-चढ़ाव के बीच शेयर की लक्षित कीमतों में कटौती

आर्थिक हालात में गिरावट और आय में कमजोरी ने ब्रोकरेज फर्मों को स्मॉलकैप व मिडकैप शेयरों की लक्षित कीमतों में कमी लाने के लिए प्रोत्साहित किया है। बीएसई-500 में शामिल तीन चौथाई से ज्यादा शेयरों की लक्षित कीमतें पिछले तीन महीने में घटी है और 98 शेयरों में 10 फीसदी से ज्यादा की कमी की गई है। बीएसई मिडकैप व स्मॉलकैप सूचकांकों के मामले में भी यही प्रवृत्ति नजर आ रही है, जहां ज्यादातर शेयरों की लक्षित कीमतें घटाई गई हैं। लक्षित कीमतों में कटौती ऐसे समय में हुई है जब इन शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव है। ब्रोकरेज कंपनियां अपने क्लाइंटों को लगातार सलाह दे रही है कि वह मिडकैप शेयरों में नई खरीदारी न शेयर की कीमतों को लक्षित करें करें जबकि इस श्रेणी में कई शेयर साल 2017 के अपने सर्वोच्च स्तर से काफी नीचे आ गए हैं।

छोटे शेयरों में बिकवाली का दबाव तब देखने को मिला जब बाजार के सूचकांकों ने लगातार तीन साल तक सेंसेक्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। साल 2018 में अब तक बीएसई 500, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है जबकि सेंसेक्स एक फीसदी टूटा है। विश्लेषकों ने कहा, आय के मोर्चे पर निराशा और कमजोर वैश्विक संकेतों ने ब्रोकरेज कंपनियों के अपने रुख में बदलाव के लिए प्रोत्साहित किया है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (रणनीति) विनोद कार्की ने कहा, फरवरी में वैश्विक पूंजी बाजारों में उतारचढ़ाव में हुई बढ़ोतरी के ब ाद लार्जकैप व मिडकैप के प्रदर्शन का अंतर साल 2017 की शुरुआत के मुकाबले घटकर शून्य पर आ गया। मिडकैप में गिरावट ने भी मिडकैप व लार्जकैप के बीच मूल्यांकन का अंतर कम कर दिया।

कोरोनाकाल में शेयर बाजार के निवेशकों के लिए क्या हैं फायदे की बातें

bear

  • अस्थिरता सूचकांक नवंबर 2008 के ग्लोबल फाइनैंशल क्राइसिस के हाई लेवल को पार कर गया है
  • पिछले महीने की बात करें तो निफ्टी में 30% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है
  • मौजूदा संकट कोई घटना नहीं है, बल्कि एक तेजी से बदल जाने वाली परिस्थिति है
  • करंट अकाउंट, फिस्कल बैलेंस, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के लिए भी अच्छा अच्छा है तेल का फिसलना

क्या है आज शेयर बाजार का हाल?

परेशानी में दो पॉजिटिव बातें

इतनी ज्यादा नेगेटिव बातों के बीच उभरी दो पॉजिटिव बातों शेयर की कीमतों को लक्षित करें का नजरअंदाज हो जाना भी स्वाभाविक है। सबसे पहले, तेल की कीमतें बहुत गिर गई हैं। यह भारत के लिए बेहद पॉजिटिव है। यह करंट अकाउंट, फिस्कल बैलेंस, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के लिए भी अच्छा है। सरकार को वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए लक्षित खर्च करने हेतु बहुत जरूरी उधार लेने की सुविधा देता है। दूसरी बात, शेयर की कीमतों में भारी गिरावट के चलते मूल्यांकन आकर्षक हो रहे हैं। कुल मिलाकर लंबे अरसे से लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग औसत के मामले में एक प्रीमियम पर कारोबार करता चला आ रहा निफ्टी कमाई के पूर्वानुमान में संभावित कटौती के कैलकुलेशन के बाद भी काफी डिस्काउंट पर उपलब्ध है।

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  • मौजूदा संकट कोई घटना नहीं है, बल्कि एक तेजी से बदल जाने वाली परिस्थिति है
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इतनी ज्यादा नेगेटिव बातों के बीच उभरी दो पॉजिटिव बातों का नजरअंदाज हो जाना भी स्वाभाविक है। सबसे पहले, तेल की कीमतें बहुत गिर गई हैं। शेयर की कीमतों को लक्षित करें यह भारत के लिए बेहद पॉजिटिव है। यह करंट अकाउंट, फिस्कल बैलेंस, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के लिए भी अच्छा है। सरकार को वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए लक्षित खर्च करने हेतु बहुत जरूरी उधार लेने की सुविधा देता है। दूसरी बात, शेयर की कीमतों में भारी गिरावट के चलते मूल्यांकन आकर्षक हो रहे हैं। कुल मिलाकर लंबे अरसे से लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग औसत के मामले में एक प्रीमियम पर कारोबार करता चला आ रहा निफ्टी कमाई शेयर की कीमतों को लक्षित करें के पूर्वानुमान में संभावित कटौती के कैलकुलेशन के बाद भी काफी डिस्काउंट पर उपलब्ध है।

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