स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

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स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है
शेयर मार्किट में बनें सब ब्रोकर, बनाएं मजबूत कॅरियर
- मैगज़ीन
- 03 December, 2022 09:34 PM
अगर आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आपको पता होगा कि कैसे कोरोना महामारी के दौरान जब सारे बिजनेस ठप पड़े थे, कारखाने बंद थे, तब भी शेयर बाज़ार दिन दूनी, रात चौगुनी कमाई कर रहा था। मजे की बात यह है कि महामारी खत्म होने के बाद भी शेयर बाज़ार में विकास का माहौल कमजोर नहीं हुआ। लगातार शेयर मार्किट में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। इससे साफ पता चलता है कि आने वाले दिनों में शेयर मार्किट का बिजनेस काफी ज्यादा बढ़ेगा। पिछले दो तीन सालों के भीतर देश में करोड़ों की तादाद में नये डिमैट एकाउंट और ऑनलाइन ट्रेडिंग एकाउंट खुलवाये गये हैं, जिससे साफ पता चलता है कि देश में लगातार शेयर बाज़ार प्रगति कर रहा है। इस प्रगति का अगर आप फायदा लेना चाहते हैं तो सब ब्रोकर बनकर आप अच्छी तरह से इसके लाभ हासिल कर सकते हैं। क्योंकि इस मार्किट में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी का मतलब है कि उन्हें ऐसे लोगों की बड़ी संख्या में जरूरत है जो शेयर बाज़ार को अच्छी तरह से जानते हों और ऐसे लोगों को गाइड कर सकें।
शेयर बाज़ार में सब ब्रोकर आम निवेशकों को निवेश के तौर तरीके सिखाता है और उनके लिए निवेश प्रक्रिया आदि को सम्पन्न कराने का काम भी करता है। यह निवेशकों को सिक्योरिटीज यानी प्रतिभुतियां खरीदने और उनकी बिक्री में मदद करता है। सब ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग मैंबर नहीं होता, लेकिन वह ग्राहकों को सेवाएं देने में स्टॉक ब्रोकरों की मदद करता है। एक तरह से वह निवेशकों और स्टॉक ब्रोकरों के बीच की कड़ी होता है, जो निवेशकों की तमाम परेशानियां उसके ब्रोकर तक पहुंचने के पहले ही दूर कर देता है। सवाल है इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए हमें क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए?
इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए कम से 12वीं तक पढ़ाई होनी चाहिए। हालांकि आजकल कई ब्रोकर अपने सब ब्रोकर के लिए कम से कम स्नातक डिग्री पसंद करते हैं। हालांकि इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि आपको वित्तीय बाज़ार की जानकारी हो। इसके लिए कई सर्टिफिकेट कोर्स किये जा सकते हैं मसलन- एनसीएफएम वास्तव में यह एनएसई सर्टिफिकेशन इन फाइनेंशियल मार्किट का सर्टिफिकेट कोर्स है। इसी तरीके से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बीएसई सर्टिफिकेशन ऑन सिक्योरिटीज मार्किट भी है तथा एनआईएसएन कोर्स के जरिये भी आप शेयर बाज़ार के लिए सब ब्रोकर बनने की योग्यता पा जाते हैं।
इसके अलावा शेयर बाज़ार में शेयर ब्रोकर बनने के लिए आपके पास कुछ दास्तावेज होने चाहिए। मसलन- पैन कार्ड, आधार कार्ड और एजुकेशन प्रुफ। आपके इन दस्तावेजों में आपके निवास और कार्ययालय के पते का प्रमाण भी होना चाहिए और सीए के रिफ्रेंस लेटर की भी जरूरत पड़ती है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर कुछ और दस्तावेज भी मांगे जा सकते हैं, जो आमतौर पर हर किसी के पास होते हैं। सवाल है इस क्षेत्र में बुद्धिमान तरीके से कैसे आगे बढ़ें? हालांकि शेयर बाज़ार के लिए कोई स्थायी और एक्सक्लूसिव नियम अथवा फार्मूला नहीं होता, जिसकी बदौलत हम शेयर बाज़ार में अपनी कामयाबी हासिल कर सके, लेकिन काम करते-करते ऐसा अनुभव हो जाता है जिससे हम यह जान जाते हैं कि कौन सी सिक्योरिटीज़ बेचने में फायदा है और कौन सी नहीं। जानकार कहते हैं कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे बेचने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़े यानी उसे कोई खरीदने के लिए ही तैयार न हो। मगर यह समझ रातोंरात नहीं आती, अनुभव से और शेयर बाज़ार में निरंतर की जाने वाली रिसर्च से आती है।
आपको एक सब ब्रोकर के तौर पर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड की इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। तभी आपसे नये ग्राहक बनते हैं। सब ब्रोकर बनने के लिए आपको ब्रोकर्स के पास कुछ शुल्क जमा करना होता है और जीएसटी के साथ सेबी में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। इसके अलावा आईसीआईसी सिक्योरिटीज़, एचडीएफसी सिक्योरिटीज़, एक्ससेज सिक्योरिटीज़ और एंजेल ब्रोकिंग जैसे ब्रोकर आपको सब ब्रोकरशिप, बिजनेस, अप्रोचयूनिटी मुहैय्या कराते हैं। जिन्हें आप हाज़िर कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास अपना ऑफिस होना चाहिए, जिसमें कम्प्यूटर, डेस्कटॉप जैसी सुविधाएं हों और हां, आपके ऑफिस में तेज़ और विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन भी हो। अगर आपके पास कम से कम छह से आठ महीने किसी ब्रोकर के साथ असिस्टेंट के रूप में काम करने का अनुभव न हो तो पहले इस तरह के अनुभव लेने के फायदे होते हैं।-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर
शेयर बाजार में कैरियर की अपार संभावनाएं
शेयर बाजार में Broker sub broker या शेयर बाजार की ब्रोकर्स कंपनियों में नौकरी करके अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है यदि आप शेयर मार्केट में अपना कैरियर बनाना चाह रहे हैं तो यह सही कदम हो सकता है भारतीय शेयर बाजार में कैरियर की अपार संभावनाएं हैं शेयर बाजार में नौकरी या स्वतंत्र एजेंट के
रूप में कार्य कर सकते हैं शेयर बाजार में नौकरी के लिए पहले आपको कुछ कोर्स करने पड़ेंगे हैं इसलिए आपकी योग्यता 12वीं कॉमर्स अर्थशास्त्र वित्त विषय के साथ आवश्यक है शेयर बाजार के ऊंचे पदों पर पहुंचने के लिए आपकी योग्यता ग्रेजुएशन होना आवश्यक है शेयर बाजार में नौकरी के लिए शेयर बाजार के नियमों की जानकारी होना आवश्यक है.
- ब्रोकर बनके शेयर मार्केट में कैरियर
- सब ब्रोकर बनके शेयर मार्केट में कैरियर
- ट्रेडिंग करके शेयर मार्केट में कैरियर
- ब्रोकर कंपनियों में नौकरियां
- Stock exchanges jobs
- चार्टर्ड फाइनेंशियल अकाउंट एनालिस्ट इक्विटी रिसर्च
- BSE सर्टिफिकेशन ऑन करेंसी फ्यूचर
- BSE सर्टिफिकेशन आफ सेंट्रल डिपॉजिटरी
- BSE सर्टिफिकेशन ऑन डेरिवेटिव्स एक्सचेंज
- BSE सर्टिफिकेशन ऑन सिक्योरिटी मार्केट्स
- NSE सर्टिफिकेट इन फाइनेंसियल मार्केट्स
- पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कैपिटल मार्केट एंड फाइनेंसियल सर्विस
- पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन फंडामेंटल आफ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट
शेयर बाजार में आप अकाउंटेंट कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट अर्थशास्त्री इक्विटी विश्लेषक वित्त प्रबंधक वित्त सलाहकार वित्तीय योजना कर या स्वतंत्र एजेंट के स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है रूप में ब्रोकर्स कंपनियों में मैचुअल फंड की कंपनियों में नौकरी कर सकते हैं जिनकी मंथली सैलेरी 30000से ₹40000 कम से कम हो सकती है
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के ब्रोकर कैसे बने
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में ब्रोकर बनने के लिए आपको सेबी में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा और ऑनलाइन आपका पोर्टल होना चाहिए जिससे आप अपने ग्राहकों को शेयर खरीदने और बेचने के लिए आमंत्रित कर सके यह प्रक्रिया काफी महंगी हो सकती है
दूसरा सरल और आसान तरीका सब ब्रोकर बनने का स्टॉक एक्सचेंज में पहले से लिस्टेड ब्रोकर्स कंपनियों के सब ब्रोकर बनकर आप अपनी आमदनी और अपना कैरियर बना सकते हैं इसके लिए आपको स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड कंपनियों से संपर्क करना होगा
सब ब्रोकर के कार्य
सब ब्रोकर के यह कार्य होते हैं कि कंपनी के बिजनेस को बढ़ाने के लिए नए ग्राहकों को ढूंढना उनके अकाउंट खोलना ट्रेडिंग सिखाना ट्रेडिंग के बारे में जागरूक करना जितने ही ग्राहक आप कंपनी को खोल के देंगे उसी हिसाब से आपको कमीशन मिलेगा सब ब्रोकर बन कर भी आप अच्छी खासी इनकम कर सकते हैं
यदि आपके पास ग्रेजुएशन 12 वीं या संबंधित विषय के साथ योग्यता नहीं है फिर भी आप शेयर मार्केट से कमाई कर सकते हैं आप स्वयं ट्रेडिंग करें आपको ट्रेडिंग करने के लिए ना शेयर बाजार का कोई कोर्स करना पड़ेगा और ना ही किसी कंपनी के साथ जुड़कर कार्य करना पड़ेगा यह कार्य सिर्फ आपका ही होगा और नफा नुकसान भी आपका ही होगा शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको मार्केट का अनुभव होना भी जरूरी है प्रोफेशनल ट्रेडर शेयर मार्केट से अच्छी कमाई कर रहे हैं जिन की मंथली इनकम लाखों में है
शेयर बाजार में कैरियर
Jobs in share market
शेयर मार्केट की ब्रोकर्स कंपनियां अपने एम्पलाई को ट्रेडिंग में सपोर्ट कॉल ऑन ट्रेड या टेक्निकल फाल्ट और कंपनी का प्रचार प्रसार कस्टमर की सहायता करने के लिए जॉब पर रखती हैं स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य बनने का के लिए आपको संबंधित कोर्स के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री और किसी ब्रोकरेज कंपनी का 6 महीने का प्रशिक्षण कोर्स होना अनिवार्य होता है
शेयर बाजार में कैरियर
भारतीय स्टॉक मार्केट में रजिस्टर कुछ कंपनियां जो जॉब दे सकती हैं शेयर बाजार की ब्रोकरेज कंपनियों में नौकरी के लिए कैसे करें आवेदन
5paisa.com पर जाकर आप carrier ऑप्शन का चुनाव करें
https://www.5paisa.com/careers jobdetails?
लिंक पर क्लिक करके 5 Paisa शेयर बाजार की ब्रोकर्स कंपनी में जॉब के
लिए अप्लाई कर सकते हैं
यदि आप शेयर बाजार की ब्रोकरेज कंपनी का sub broker बनना है तो आप एंजल ब्रोकिंग की वेबसाइट पर जाकर सब ब्रोकर के लिए आवेदन कर दें और भी ऑनलाइन आपको शेयर बाजार के ब्रोकरेज कंपनियों के नाम और पते मिल जाएंगे जिन पर आप जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं
शेयर बाजार में कैरियर
शेयर मार्केट कैसे कार्य करता है
शेयर मार्केट में सभी कंपनियों के शेयर ग्राहकों के लिए खरीदने और बेचने के लिए लिस्टेड है शेयर मार्केट में ऑनलाइन शेयरों की खरीदारी और बिक्री की जाती है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत के दो महत्वपूर्ण स्टॉक एक्सचेंज है BSE का सूचकांक सेंसेक्स है और NSE का सूचकांक निफ्टी फिफ्टी है
और सभी ग्राहक ब्रोकर के माध्यम से भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में खरीद और बिक्री करते हैं
भारतीय शेयर बाजार स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है का पूरा संचालन सेबी की देखरेख में होता है सभी प्रकार की ब्रोकर्स कंपनियां सभी प्रकार की शेयर लिस्टेड कंपनियां सेबी की देखरेख में कार्य करती हैं
उपयुक्त तरीकों से आप शेयर बाजार में कैरियर बना सकते हैं
शेयर मार्केट के बारे में संपूर्ण जानकारी
ऑनलाइन गोल्ड कैसे खरीदें
स्टॉक ब्रोकिंग के बारे मे कितना जानते हैं आप? शेयर मार्केट की जानकारी रहती है इनके पास
आज के युग मे मार्केटिंग, बैंकिग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर माना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा।
दरअसल, स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रोसेस को 'स्टॉक ब्रोकिंग' कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट की फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए बहुत अच्छे करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5-10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यु 19-20 हजार करोड़ के आस-पास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग की फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।
स्टॉक ब्रोकर किसे कहते हैं?
स्टॉक ब्रोकर वो होता है जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखता है। एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखना चाहते हैं तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और आपके यह दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है।
वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहें उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए यह भी बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय दे सकता है जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।
कोर्सेसस्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग एंड फाइनेंस में डिप्लोमा कर सकते है। यह एक वर्ष का कोर्स होता है। इसमें बैंकिंग आपरेशंस, फाइने फाइनेस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
योग्यता
ग्रेजुएशन कर चुके छात्र और ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंक के साथ उर्तीण होना चाहिए। इस फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को बिजनेस अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्रा में रूचि होनी चाहिए।
प्रमुख संस्थान
गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
www.ignou.ac.in
टीकेडब्ल्यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली,
www.tkwsibf.edu.in -
आज के युग मे मार्केटिंग, बैंकिग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर माना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा।
दरअसल, स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रोसेस को 'स्टॉक ब्रोकिंग' कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट की फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए बहुत अच्छे करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5-10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यु 19-20 हजार करोड़ के आस-पास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग की फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।
स्टॉक ब्रोकर किसे कहते हैं?
स्टॉक ब्रोकर वो होता है जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखता है। स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखना चाहते हैं तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और आपके यह दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है।
वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहें उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए यह भी स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय दे सकता है जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।
कोर्सेसस्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग एंड फाइनेंस में डिप्लोमा कर सकते है। यह एक वर्ष का कोर्स होता है। इसमें बैंकिंग आपरेशंस, फाइने फाइनेस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
योग्यता
ग्रेजुएशन कर चुके छात्र और ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंक के साथ उर्तीण होना चाहिए। इस फील्ड स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है में करियर बनाने वाले छात्रों को बिजनेस अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्रा में रूचि होनी चाहिए।
जानिए कैश मार्केट में शेयरों की प्लेजिंग और अपफ्रंट मार्जिन का मतलब क्या है?
सेबी ने शेयरों को गिरवी रखने और अपफ्रंट मार्जिन के नियमों में बदलाव किया है. इसे पूंजी बाजार के लिए बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
नए नियम में शेयर को गिरवी रखना अनिवार्य कर दिया गया है. निवेशक नियामक के इस कदम के महत्व को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
नए नियम में शेयर को गिरवी रखना अनिवार्य कर दिया गया है. निवेशक नियामक के इस कदम के महत्व को समझने की कोशिश कर रहे हैं. वे जानना चाहते हैं कि इसका क्या मतलब है और यह व्यवस्था कैसे काम करेगी.
शेयर गिरवी रखने का मतलब अपने डीमैट खाते में रखे गए शेयरों को अपने ब्रोकर के खाते में ट्रांसफर से है. उदाहरण के लिए, यदि आपके पास अपने डीमैट खाते में कोल इंडिया के 200 शेयर हैं, तो उसे आप अपने ब्रोकर के पास आंशिक या पूर्ण गिरवी रख सकते हैं. इस गिरवी के आधार पर, ब्रोकर व्यापार के लिए सीमा बढ़ाता है.
इस नियम से पहले, स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को उनके ट्रेडिंग अकाउंट में कैश बैलेंस के अलावा उनके डीमैट अकाउंट होल्डिंग्स के आधार पर ट्रेडिंग की सीमा तय करते थे.
ब्रोकर इन्हें मार्जिन के लिए कोलेट्रल के रूप में मानते थे, क्योंकि यदि आवश्यक हो, तो वे ग्राहकों के डीमैट खातों से शेयरों को स्वाइप करने का अधिकार रखते थे. यह अधिकार खाता खोलने के समय ग्राहक द्वारा हस्ताक्षरित पीओए पर आधारित था.
नियामक ने इस व्यवस्था को जोखिम भरा माना था. इसलिए निवेशकों के लिए इस व्यवस्था में बदलाव किया गया. नई प्रणाली के तहत, ग्राहक द्वारा अपने ब्रोकर के माध्यम से गिरवी रखने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. इसे एनएसडीएल व सीडीएसएल द्वारा पूरा किया जाता है. निवेशक को ओटीपी के जरिए इसकी पुष्टि करनी होती है.
अपफ्रंट मार्जिन क्या है?
नियामक ने निवेशकों के लिए ऑर्डर प्लेस करने से पहले न्यूनतम 20% का मार्जिन बनाए रखना अनिवार्य कर दिया है. आम तौर पर, व्यापार का निपटान टी+2 आधार पर (ट्रेड करने के दिन से 2 दिन) होता है.
- शेयर ग्राहक के डीमैट खाते में रहते हैं, जब तक कि उन्हें बेचा नहीं जाता है.
- जब तक ग्राहकों के डीमैट खाते में स्टॉक होता है, तब तक गिरवी के माध्यम से उनकी पहुंच मार्जिन तक होती है.
- गिरवी रखने की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सहज है.
- निवेशक अपने गिरवी रखे गए शेयरों पर अर्जित लाभांश आदि जैसे सभी कॉर्पोरेट कार्यों के लिए पात्र होते हैं, क्योंकि स्टॉक उनके डीमैट खाते में रहते हैं.
- कार्यान्वयन में शुरुआती मुद्दों को छोड़कर, जब तक कि सिस्टम स्थिर न हो जाए, कोई नुकसान नहीं है. वास्तव में, यह पंजी बाजार के विकास और इसके कुशल कामकाज के लिए एक आधार हो सकता है.
- हर महत्वपूर्ण बदलाव नई शुरुआत और बेहतर परिणामों की आशा को बढ़ाता है. सेबी सभी हितधारकों के लिए एक सुरक्षित और अधिक पारदर्शी स्टॉक ट्रेडिंग माहौल के लिए तत्पर है.
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