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व्यापार तकनीक क्या है

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उत्तर : मैं, उर्दू भाषा विकास परिषद का निर्देशक हूं इसलिए मैं यह कहना चाहता हूं कि उर्दू भाषा इंसान के तमाम भाषाओं में विशेष महत्व रखती है क्योंकि सिर्फ हिन्दुस्तान की ही नहीं बल्कि दुनिया में कई ऐसी भाषाएं हैं जिनमें उर्दू का प्रयोग होता है। हिन्दुस्तान में जितने भी धर्म हैं उन धर्मों का प्रचार-प्रसार शुरुआत में उर्दू भाषा के माध्यम से ही होता था। सिख धर्म, हिन्दू धर्म के कई ग्रंथावली उर्दू भाषा में मौजूद हैं। उर्दू व्यापार तकनीक क्या है के कवि चाहे वह गालीब हों या अन्य कोई उन सभी का नाम विश्वभर के कवियों में शुमार है। इनकी कविताओं को दुनियाभर की कई भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है। इसलिए उर्दू अब सिर्फ एक भारतीय भाषा ही नहीं है बल्कि विश्व स्तरीय भाषा के क्रम में खड़ी है। भारतवर्ष में कोई ऐसा राज्य या कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां उर्दू भाषा को पढ़ने और समझने वाले मौजूद न हों। भाषा कोई भी हो चाहे वह उर्दू हो हिन्दी हो या विश्व की कोई भी भाषा हो सभी को बढ़ावा देना चाहिए और इसके लिए साहित्य उत्सव जैसे कार्यक्रम बेहद खास होते हैं।

हरियाणा सरकार ने सूचना तकनीक के क्षेत्र में की महत्वपूर्ण प्रगति

चंडीगढ़, 19 नवंबर -(अर्चना सेठी) ‘हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन’ द्वारा ‘साइबर -सिक्योरिटी , ड्रोन्स एंड हरियाणा आईटी सिनेरियो’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने सूचना तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है,परंतु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को समय-समय पर इस क्षेत्र के अपने कौशल को और अधिक अपग्रेड करने की आवश्यकता है।

सेमिनार में ‘इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम’ (सीईआरटी-इन) के डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशन एस.एस शर्मा ने वर्तमान समय में साइबर-सिक्योरिटी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। कुछ असामाजिक तत्व हमारे देश की सेवा और सुरक्षा पर साइबर अटैक कर रहे हैं जिसके प्रति सबको सचेत होने की आवश्यकता है। आज सबसे ज्यादा साइबर-अटैक हमारे डिफेंस के डाटा पर हो रहा है जोकि देश की सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है, हैकर्स हमारी अमूल्य-सूचना को चुरा रहे हैं व उसके साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे देश के हैल्थ-डाटा पर भी साइबर-क्रिमिनल्स की नजर है।

आईआईटी-हैदराबाद स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक करता है विकसित

प्रौद्योगिकी एक ड्राइव-बाय-वायर वाहन के रूपांतरण को सक्षम करेगी जो धारणा, स्थानीयकरण और नेविगेशन के लिए विभिन्न सेंसर को एकीकृत करके एक स्वायत्त स्व-ड्राइविंग कार में इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण प्रणाली के साथ चलती है।

प्राथमिक प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करने के लिए, IITH और SMC ने 2021 में एक ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जो सड़क सुरक्षा में योगदान दे सके और भारत में सड़क दुर्घटनाओं को कम कर सके।

एक बयान में, IIT-H ने कहा कि DST NM-ICPS टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन एंड डेटा एक्विजिशन सिस्टम्स (TiHAN), IITH में परीक्षण किए गए अत्याधुनिक स्वायत्त वाहन का उपयोग प्रौद्योगिकी के परीक्षण और सत्यापन के लिए किया जाएगा। .

जी-20 शिखर सम्मेलन: मोदी ने कहा-डिजिटल तकनीक में गरीबी, जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने का सामर्थ्य

G-20 Summit: Modi said - Digital technology has the ability to combat poverty, climate change

बाली (एजेंसी/वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल प्रौद्योगिकी को समावेशी बना कर गरीबी, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने और मानव जाति के सामाजिक आर्थिक परावर्तन करने के सामर्थ्य को आज रेखांकित किया और कहा कि अगले एक साल में भारत ‘विकास के लिए डाटा’ के सिद्धांत पर व्यापार तकनीक क्या है काम करते हुए इसे कार्यान्वित करने का प्रयास करेंगे।

मोदी ने यहां विश्व के आर्थिक रूप से शक्तिशाली 20 देशों के समूह जी-20 के शिखर सम्मेलन के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। डिजिटल परावर्तन विषय पर आधारित तीसरे एवं अंतिम सत्र में श्री मोदी ने व्यापार तकनीक क्या है कहा कि डिजिटल परावर्तन हमारे दौर का सबसे उल्लेखनीय बदलाव है। डिजिटल तकनीकों का उचित उपयोग, गरीबी के खिलाफ दशकों से चल रही वैश्विक लड़ाई मे हमारी ताकत को कई गुना बढ़ा सकता है। डिजिटल समाधान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई मे भी सहायक हो सकते हैं – जैसा हम सब ने कोविड के दौरान सुदूर कार्यवहन और कागज़ रहित हरित कार्यालय के उदाहरणों मे देखा।

नई शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने वाली: प्रो. अकील अहमद

केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई है जो देशभर की क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने वाली है। इसके जरिए छात्र-छात्राएं व्यापार तकनीक क्या है मातृ भाषाओं में प्राइमरी से लेकर उच्चतम स्तर तक तालीम हासिल कर सकेंगे। कोलकाता में आयोजित हुए तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में विशेष अतिथि के तौर पर शामिल होने पहुंचे प्रो. अकील व्यापार तकनीक क्या है अहमद ने हिंदुस्थान समाचार को दिए एक साक्षात्कार में यह बातें कही हैं। वर्तमान में प्रो. अकील अहमद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के निदेशक हैं।
प्रो.अकील अहमद ने भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर इसके शैक्षणिक महत्व को स्थापित करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से बताया है। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश…

प्रश्न : वैश्विक शिक्षा के मद्देनजर भारतीय भाषाओं में शिक्षा-दीक्षा कम होती जा रही है। इस पर क्या कहेंगे ?

उत्तर : केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का प्रावधान हैं। हमारे यहां लोगों को यह लगने लगा है कि अगर हम वैश्विक स्तर पर कोई शिक्षा हासिल करना चाहते हैं तो बगैर अंग्रेजी के ऐसा नहीं कर सकते। जैसे विज्ञान है, तकनीक है, इंजीनियरिंग या डॉक्टरी की व्यापार तकनीक क्या है पढ़ाई है, उसके लिए अंग्रेजी जानना जरूरी माना जाता है। नौकरी के लिए भी अंग्रेजी की जरूरत है। इस तरह की एक सोच पूरे हिंदुस्तान के अंदर घर कर गई है, लेकिन जो नई शिक्षा नीति बनी है उसमें इस बात का ख्याल रखा गया है कि भारतीय भाषाओं को न केवल बढ़ावा दिया जाए बल्कि उन्हें बड़े पैमाने पर विकसित भी किया जाए। इसमें इस बात के प्रावधान हैं कि प्राइमरी से लेकर आठवीं तक बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकते हैं। उसके बाद भी चाहे तो स्नातकोत्तर तक उसी भाषा में पठन-पाठन कर सकते हैं। कई राज्यों में इंजीनियरिंग और मेडिकल की किताबें भी हिंदी में प्रकाशित हो गई हैं। हाल ही में आपने मध्य प्रदेश में ऐसा देखा है। यह एक अच्छी पहल है। इससे वैश्विक स्तर पर भारतीय भाषाओं को एक पहचान मिलेगी।

प्रश्न : तकनीक का हाथ पकड़कर तेजी से डिजिटल हो रही दुनिया में साहित्य उत्सव का आयोजन आज के दौर में कितना प्रासंगिक है?

उत्तर : आज यहां वर्ल्ड लैंग्वेज सेलिब्रेशन किया जा रहा है। भारत में जितनी भी भाषाएं हैं उन तमाम भाषाओं के बारे में बातचीत होगी। इसके अलावा हिन्दुस्तान से बाहर जितनी भाषाएं हैं उन भाषाओं के बारे में भी बातचीत होगी। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का बहुत महत्व है। यह महत्व इसलिए है क्योंकि संवाद करने के लिए हमारे भारतीय दर्शन का यह मानना है कि भाषाएं कहीं की भी हों, वे पूजनीय होती हैं। क्योंकि इन्हें इंसानों ने नहीं बल्कि स्वयं भगवान ने बनाया है। हिन्दुस्तानी दर्शन का यह भी कहना है कि दुनिया के अंदर तीन चीजें ऐसी हैं जो कि पूजनीय हैं। उसमें मातृभाषा, मां और मातृभूमि है। सबसे पहले हम मातृभूमि को नमन करेंगे, फिर हम मां को और फिर मातृभाषा को। हमें इसके महत्व को समझना चाहिए। दूसरी बात यह कि दुनिया में जितनी भी फिलॉसफी या ज्ञान है उसे व्यक्त करने के लिए हमें किसी न किसी भाषा का सहारा लेना पड़ता है। जब तक हम भाषा का सहारा नहीं लेते तब तक हम अपनी बातों को दुनिया तक नहीं पहुंचा पाते हैं। हमारी रीति, हमारी संस्कृति, हमारा दर्शन हम भाषा के जरिए ही दुनिया तक पहुंचा सकते हैं। भाषाओं की बहुत ज्यादा अहमियत है। आज तकनीक के जमाने में भी साहित्य उत्सव के जरिए दुनियाभर के लोग एक जगह आते हैं और भाषाओं की विविधता के बीच वैश्विक एकरूपता को महसूस करते हैं। इसलिए साहित्य उत्सव का आयोजन बेहद प्रासंगिक है।

प्रश्न : क्षेत्रीय भाषाओं के स्कूल बंद हो रहे हैं जबकि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है?

उत्तर : क्षेत्रीय भाषाओं के स्कूलों के बंद होने और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बढ़ावा मिलने का मुख्य कारण यह है कि हमारे यहां लोगों को ऐसा लगता है कि यदि उन्हें विश्व स्तर व्यापार तकनीक क्या है का ज्ञान हासिल करना है तो उसके लिए अंग्रेजी पढ़ना अनिवार्य है, लेकिन हमारी भारतीय भाषाएं दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं और इनमें हासिल हुई शिक्षा वैश्विक स्तर पर खुद को स्थापित करने में मददगार बनेंगी। इसलिए सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति पर व्यापार तकनीक क्या है जोर दे रही है।

उत्तर : आम लोगों को भारतीय भाषाओं के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक एवं भाषा संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन कर हम लोगों में मातृभाषा के प्रति जागरूकता फैला सकते हैं। स्कूल के बच्चों और विशेषकर उनके माता-पिता को यह समझाने की आवश्यकता है कि उनकी जो मातृभाषा है वह अति पूजनीय है। उसका आदर करने की जरूरत है और महत्व समझने की जरूरत है। दूसरी भाषाओं की चमक-दमक से दूर होने की जरूरत है। अपनी मातृभाषा के अंदर भी छात्र बहुत कुछ कर सकते हैं। मुझे लगता है कि लोग व्यापार तकनीक क्या है अब धीरे-धीरे अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूक हो रहे हैं।

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फ्रांस- रक्षा पर जोर
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) के साथ मुलाकात में दोनों नेताओं ने रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश के क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग की समीक्षा की और नये क्षेत्रों में आर्थिक व्यापार तकनीक क्या है साझेदारी बढ़ाने के प्रस्ताव का स्वागत किया।

इटली- व्यापार की बात
इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री जिओर्जिया मेलोनी के साथ मुलाकात में दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, आतंकवाद से मुकाबले तथा जनता के बीच संपर्क बढ़ाने के बारे में चर्चा की।

जर्मनी- परिवहन व वित्तीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ मोदी ने व्यापक द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की तथा परिवहन, आव्रजन, वित्तीय एवं रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर भी चर्चा की।

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