शेयर बाजार में लाभ के टोटके

ADR क्या है

ADR क्या है

Gujarat Election 2022: गुजरात में BJP और कांग्रेस उम्मीदवारों पर कितने आपराधिक मामले हैं दर्ज? चौंका देगी ये रिपोर्ट

Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में दो चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव से पहले जानिए किस पार्टी के नेताओं पर कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं.

By: ABP Live | Updated at : 08 Nov 2022 02:01 PM (IST)

(गुजरात विधानसभा, फाइल फोटो)

Association of Democratic Reforms: एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और गुजरात इलेक्शन वॉच (जीईडब्ल्यू) के विश्लेषण के मुताबिक, 2004 के बाद से, कांग्रेस ने बीजेपी की तुलना में गुजरात में चुनाव लड़ने के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिक उम्मीदवारों को नामित किया है. 2004 से गुजरात से या तो संसदीय या राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कुल 6,043 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया है. इसी तरह, राज्य से 2004 के बाद संसद या राज्य विधानसभा में सीटों पर कब्जा करने वाले कुल 685 सांसदों/ विधायकों का भी विश्लेषण किया गया.

किसके खिलाफ सबसे अधिक मामले?
2004 से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 684 उम्मीदवारों में से 162 (24 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए यह संख्या अधिक है, कांग्रेस के पास 659 में से 212 (32 फीसदी) आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार हैं. इसके अलावा, बसपा के 533 उम्मीदवारों में से 65 (12 फीसदी), आप के 59 उम्मीदवारों में से 7 (12 फीसदी) और 2,575 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 291 (11 फीसदी) ने भी अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

राज्य में 2004 के बाद से हुए विभिन्न चुनावों में विजयी होने वाले उम्मीदवारों में, बीजेपी के टिकट पर चुने गए 442 सांसदों/विधायकों में से 102 (23 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 226 सांसदों में से 80 (35 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. विज्ञप्ति में कहा गया है कि कांग्रेस के टिकट पर चुने गए विधायकों और पांच निर्दलीय सांसदों/विधायकों में से 3 (60 फीसदी) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

किसके ADR क्या है पास कितनी संपत्ति?
राष्ट्रीय दलों में बीजेपी के 442 सांसदों/विधायकों की औसत संपत्ति 5.87 करोड़ रुपये है, जबकि कांग्रेस के 226 सांसदों/विधायकों की औसत घोषित संपत्ति 6.32 करोड़ रुपये है. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी में आपराधिक मामलों वाले सांसदों/विधायकों की औसत संपत्ति 9.19 करोड़ रुपये थी, जबकि कांग्रेस की 8.79 करोड़ रुपये थी. हालांकि, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले राकांपा सांसद/विधायक 19.97 करोड़ रुपये के साथ सबसे अमीर ADR क्या है थे.

News Reels

कितनी है महिला और पुरुष नेताओं की संख्या?
एडीआर-जीईडब्ल्यू की विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि विश्लेषण किए गए 6,043 उम्मीदवारों में से केवल 383 या 6 फीसदी महिलाएं हैं, जबकि 2004 से गुजरात में चुनाव लड़ने वाली 383 महिलाओं में से पांच फीसदी (21 उम्मीदवारों) ने आपराधिक मामले घोषित किए थे. दूसरी ओर, 17 फीसदी पुरुष उम्मीदवारों (951) ने आपराधिक मामले घोषित किए थे. पुरुष सांसदों/विधायकों की औसत संपत्ति 6.02 करोड़ रुपये है, जबकि उनकी महिला समकक्षों की औसत संपत्ति 5.62 करोड़ रुपये है.

ये भी पढ़ें:

Published at : 08 Nov 2022 02:00 PM (IST) Tags: Gujarat Election ADR report Gujarat Assembly Election 2022 Gujarat Election 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

Adverse Event Reporting

1) What is ADR ?
Noxious and unintended response to a medicinal product if a medicine properly prescribed (normal dose, route etc.) and administered.

ए.डी.र. क्या है?
यदि किसी दवा को ठीक से निर्धारित (सामान्य खुराक, मार्ग आदि) और प्रशासित किया जाता है, तो एक ADR क्या है औषधीय उत्पाद के लिए हानिकारक और अनपेक्षित प्रतिक्रिया।

2) What to Report ?

a) All types of suspected adverse reactions like known or unknown, serious or non-serious and frequent or rare.
b) Reactions from pharmaceutical products.

क्या रिपोर्ट करें?
ए) सभी प्रकार की संदिग्ध प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं जैसे ज्ञात या अज्ञात, गंभीर या गैर-गंभीर
और अक्सर या दुर्लभ।
ख) दवा उत्पादों से प्रतिक्रियाएं।

3) How to Report ADR?
Use the “Suspected Adverse Drug Reaction Reporting Form/Medicine side effect Reporting Form which are available on the official website of IPC (www.ipc.gov.in) to report any ADR
Link for ADR form http://ipc.nic.in/showfmkl;ile.asp?lid=416&EncHid=
Filled ADR form submitted to the nearest ADR Monitoring Centres (AMCs) or directly to the NCC-PvPI.
A reporter can also email the suspected ADR form at
[email protected] or [email protected]

ए.डी.र. की रिपोर्ट कैसे करें ?
किसी भी ए.डी.र. की रिपोर्ट करने के लिए आई.पी.सी. की आधिकारिक वेबसाइट (www.ipc.gov.in) पर उपलब्ध ” संदिग्ध प्रतिकूल दवा रिएक्शन रिपोर्टिंग फॉर्म” या “मेडिसिन साइड इफ़ेक्ट रिपोर्टिंग फॉर्म” का उपयोग करे।
पूर्ण रूप से भरा हुआ फॉर्म अपने नजदीकी ए.डी.र. निगरानी केंद्र (AMC’s) पर जमा कर सकते है या फिर सीधे NCC-PvPI पर जमा कर सकते हैं।

4) ADR क्या है Who can Report ?
All healthcare professionals (Clinicians, Dentist, Pharmacist, Nurses, Physician, Physiotherapist etc) and all non-healthcare professionals including ADR क्या है consumers/patients can report ADRs.
A reporter can report ADR via helpline number i.e.
1800-180-3024 (Monday to Friday, 9:00 AM to 5:30 PM)

ए.डी.र. कौन रिपोर्ट कर सकता है ?
सभी तरह के हैल्थकेयर प्रोफेशनल्स जैसे की क्लिनिस्ट, डेंटिस्ट, फार्मासिस्ट, नर्स, फिजिशियन, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट आदि या फिर गैर हैल्थकेयर प्रोफेशनल्स जिनमे उपभोगता और और मरीज शामिल हैं। यह सब ए.डी.र. की रिपोर्ट कर सकते हैं ।
ए.डी.र को नीचे दी गयी हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से रिपोर्ट कर सकते हैं:-
१८००-१८०-३०२४ (सोमवार से शुक्रवार, सुबह ९:०० से शाम ५:०० बजे तक)

Gujarat Election 2022: गुजरात में दागी उम्मीदवारों को लेकर जानिए क्या कहती है ADR की रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और गुजरात इलेक्शन वॉच (GEW) ने 2004 से सांसदों, ADR क्या है ADR क्या है विधायकों एवं उम्मीदवारों के वित्तीय तथा आपराधिक मामलों का विश्लेषण किया है. इस रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हुए है.

Gujarat Assembly Elections 2022: दागी उम्मीदवारों को लेकर ADR Report में हुआ ये खुलासा

Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. इसी के साथ, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से गुजरात के कई विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों ADR क्या है के नामों की घोषणा भी कर दी गई है. वहीं, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और गुजरात इलेक्शन वॉच (GEW) ने 2004 से सांसदों, विधायकों और उम्मीदवारों के वित्तीय एवं आपराधिक मामलों का विश्लेषण किया है. इस रिपोर्ट में कई अहम जानकारियां सामने आई है.

रिपोर्ट के हाइलाइट्स

- एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और गुजरात इलेक्शन वॉच (जीईडब्ल्यू) द्वारा 2004 से अब तक लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कुल 6043 उम्मीदवार का विश्लेषण किया गया है.

- इनमें 685 सांसद और विधायक ऐसे है, जिन्होंने 2004 से संसद या राज्य विधानसभा में सीटों पर कब्जा किया है.

- कुल 6043 उम्मीदवारों में से 972 यानि 16 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

- विश्लेषण किए गए 6043 उम्मीदवारों में से 511 यानि 8 फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

- 2004 से विश्लेषित 685 सांसदों और विधायकों में से 191 यानि 28 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं, 109 यानि 16 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं.

वित्तीय मामले

- चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संपत्ति: 2004 से विश्लेषण किए गए सभी 6043 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.71 करोड़ रुपये है.

- 2004 से विश्लेषण किए गए सभी सांसदों और विधायकों (685) की औसत संपत्ति 5.99 करोड़ रुपए है.

- आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि चुनावी नतीजों पर धनबल और बाहुबल का बड़ा असर पड़ता है.

- 972 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति (2004 से विश्लेषण) आपराधिक मामले में 3.81 करोड़ रुपये हैं और गंभीर आपराधिक मामलों वाले 511 उम्मीदवारों के लिए 5.34 करोड़ रुपये हैं. जबकि, औसत संपत्ति 191 रुपये है.

- घोषित आपराधिक मामलों वाले सांसदों और विधायकों (2004 से विश्लेषण) के लिए 8.96 करोड़ रुपये और घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले 109 सांसदों एवं विधायकों के लिए 11.42 करोड़ रुपये है.

उम्मीदवारों का पार्टीवार विश्लेषण

2004 से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 684 उम्मीदवारों में से 162 (24 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए है. वहीं, 2004 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 659 उम्मीदवारों में से 212 (32 फीसदी), बसपा के 533 में से 65 (12 फीसदी) उम्मीदवारों, 59 आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों में से 7 (12 फीसदी), 166 जीपीपी उम्मीदवारों में से 37 (22 फीसदी) और 2575 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 291 (11 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की घोषणा की है.

आपराधिक मुकदमा

2004 से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 684 उम्मीदवारों में से 98 (14%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किया हैं. वहीं, 2004 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 659 उम्मीदवारों में से 106 (16%), 59 आप उम्मीदवारों में से 4 (7%), 166 जीपीपी उम्मीदवारों में से 17 (10%) और 2575 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 133 (5%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित है.

गंभीर आपराधिक मामला

2004 से बीजेपी के टिकट पर चुने गए 442 सांसदों और विधायकों में से 61 (14%) ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले की घोषणा की है. वहीं, 2004 से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए 226 सांसदों/विधायकों में से 41 (18%) और 5 निर्दलीय में से 3 (60%) सांसदों/विधायकों ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

Himachal Election 2022: हिमाचल में दोबारा चुनाव लड़ रहे 49 MLA की संपत्ति बढ़ी, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

Himachal Election 2022: हिमाचल में दोबारा चुनाव लड़ रहे 49 MLA की संपत्ति बढ़ी, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट और राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें ADR क्या है यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

WIPRO के नतीजे अनुमान से कम रहे, ऐसे में ब्रोकरेजेस से जानें स्टॉक को खरीदें, बेचें या करें होल्ड

तीसरी तिमाही में विप्रो के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे

तीसरी तिमाही में विप्रो (WIPRO) के नतीजे अनुमान से कम रहे। कंपनी की डॉलर आय में उम्मीद से कम 2.3% की बढ़ोतरी नजर आई। अमेरिका में WIPRO का ADR करीब 9% फिसला। कंपनी की वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमारी में डॉलर आय बढ़कर 2,63.97 करोड़ रुपये रही जबकि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमारी में कंपनी की डॉलर आय 2,58 करोड़ डॉलर रही। जानते हैं रिजल्ट के बाद क्या है ब्रोकरेज हाउसेज की निवेश रिपोर्ट

एडीआर भवन की जमीन का निरीक्षण

लखीसराय | हिन्दुस्तान संवाददाता जिला विधिज्ञ सेवा प्राधिकार के लिए बनने वाले एडीआर.

एडीआर भवन की जमीन का निरीक्षण

लखीसराय | हिन्दुस्तान संवाददाता

जिला विधिज्ञ सेवा प्राधिकार के लिए बनने वाले एडीआर भवन की जमीन का सोमवार को जिला जज सह डालसा अध्यक्ष डीके जायसवाल, डालसा सचिव राजीव रंजन एवं एसडीजेएम तनवीर कौर के द्वारा निरीक्षण किया गया। इनके साथ जिला विधिज्ञ संघ अध्यक्ष ओम प्रकाश वर्मा, सचिव सुबोध कुमार भी थे।

जिला विधिज्ञ संघ भवन के पीछे एडीआर भवन के लिए जिला जज एमके कौशिक की अध्यक्षता में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नीलू अग्रवाल के द्वारा तीन मार्च, 2019 को भूमि पूजन किया गया था। बताया जाता है कि एडीआर भवन के लिए निर्धारित जमीन 17 हजार वर्ग फीट से काफी कम मात्र आठ हजार वर्ग फीट होने के कारण अब तक भवन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

रेटिंग: 4.42
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 157
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *