स्मार्ट निवेश

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स्मार्ट निवेश गाइड
हर दिन कोई न कोई अपने पैसों को नए तरीक़े से इन्वेस्ट करता है, लेकिन यदि आप इस बारे में एक्सपर्ट नहीं हैं और जोखिम भी नहीं उठाना चाहती हैं तो ऐसे तरीक़ों से दूर रहना ही बेहतर है. क्यों न आप उन योजनाओं में निवेश करें, जो हमेशा से ही अच्छे रिटर्न्स देती रही हैं? आइए, ऐसी योजनाओं के बारे में जानें
इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड
भारत स्मार्ट निवेश में है: वर्ष 1963 से
हालांकि वर्ष 2008 में आई गिरावट की वजह से लोगों का म्यूचुअल फ़ंड्स से भरोसा डिग गया है, लेकिन मुंबई स्थित फ्रीडम फ़ायनांशियल स्मार्ट निवेश स्मार्ट निवेश प्लैनर्स के संस्थापक सुमीत वैद को भरोसा है कि ये फिर लोकप्रिय होंगे. क्योंकि ये आपको इक्विटी मार्केट में निवेश करने और उससे होनेवाले हाई रिटर्न्स का फ़ायदा पहुंचाते हैं.
‘‘हालांकि सभी को सेल पसंद है. कोई भी छूट के मूल्य पर ख़रीदने का मौक़ा छोड़ना नहीं चाहता. लोग इक्विटी मार्केट का फ़ायदा तब बहुत कम उठा पाते हैं, जब यहां सेल चलती है और अभी यहां सेल चल रही है,’’ सुमीत कहते हैं. यदि आप तीन से पांच वर्षों के लिए निवेश करती हैं तो इक्विटी में निवेश करने से आपको सालाना 14-15 प्रतिशत तक रिटर्न मिलता है.
काम का है: यदि आपका कोई निश्चित लक्ष्य है, जिसे पाने के लिए आपको हाई रिटर्न्स की ज़रूरत है तो इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड्स की उपेक्षा नहीं की जा सकती. लक्ष्य पाने के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड
भारत में है: वर्ष 1968 से
यह एक लंबी अवधि की, टैक्स बचानेवाली योजना है और ये उनके लिए अच्छी है, जिनकी बचत में अचानक ही कमी आ जाती है, क्योंकि यह आपमें ऐसी आदत डाल देती है कि हर साल एक निश्चित राशि बचत के लिए अलग करनी ही है. आप इसमें प्रतिवर्ष रु. 1 लाख तक निवेश कर सकती हैं, जिस पर 8.6 प्रतिशत की दर से रिटर्न मिलता है.
काम का है: ‘‘टैक्स-प्रभावी निवेश है,’’ कहना है माई फ़िन एड्वाइज़र नामक गुड़गांव स्थित कंसल्टेंसी की पार्टनर शिप्रा अग्रवाल का. ‘‘और पीपीएफ़ स्कीम में पांच वर्ष निवेश करने के बाद आप इसमें से पचास फ़ीसदी राशि निकाल सकती हैं, वो भी किसी तरह के टैक्स के बोझ में फंसे बिना.’’ 15 वर्षों के बाद पूरी राशि निकाली जा सकती है.
डेब्ट इंस्ट्रुमेंट्स
भारत में है: वर्ष 1971 से
डेब्ट इंस्ट्रुमेंट आपके उधार को चुकाने का एक लिखित वादा होता है. इसके तहत बिल्स, बॉन्ड्स, नोट्स और बैंकर्स एक्सेप्टेंस आदि आते हैं. आजकल कुछ डेब्ट इंस्ट्रुमेंट्स जैसे म्यूचुअल फ़ंड्स द्वारा दिए जानेवाले फ़िक्स्ड मैच्योरिटी प्लैन्स और फ़िक्स्ड डिपॉज़िट्स पर 10 प्रतिशत तक का भी रिटर्न मिल रहा है. अत: डेब्ट इंस्ट्रुमेंट्स में अपने निवेश का कुछ हिस्सा डालना अच्छा आइडिया है, क्योंकि आनेवाले समय में ब्याज की दरों का कम होना तय है और तब आपको औसत रिटर्न ही मिल सकेगा.
काम का है: डेब्ट इंस्ट्रुमेंट्स में, जहां आपका पैसा 100 फ़ीसदी सुरक्षित रहता है, निवेश करना महत्वपूर्ण है. ये आपके पोर्टफ़ोलियो को संतुलित बनाता है. शिप्रा मानती हैं कि हमारे देश जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था में इक्विटी इन्वेस्टमेंट बहुत ज़रूरी है, पर इसे लंबी अवधि को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए.
सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लैन
भारत में है: वर्ष 1995 से
यदि आप युवा हैं और समय इजाज़त देता है तो एसआईपी में ज़रूर निवेश करें. ‘‘यह निवेश आप डाइवर्सिफ़ाइड इक्विटी फ़ंड या टैक्स सेविंग फ़ंड के ज़रिए कर सकती हैं. लंबी अवधि के दौरान देखा गया है कि इक्विटी का प्रदर्शन काफ़ी अच्छा रहा है,’’ बताती हैं ब्रेन पॉइंट इन्वेस्टमेंट सेंटर के फ़ायनांशियल एड्वाइज़र सोनी कर्तारी.
काम का है: योजनाबद्ध तरीक़े से पैसे कैसे बढ़ते हैं ये देखकर आप अचरज से भर जाएंगी. यदि प्रतिमाह रु. 10,000 निवेश किए जाएं तो 18 वर्षों में वे एक करोड़ रुपए (15 प्रतिशत प्रतिवर्ष का रिटर्न माना जाए तो) में तब्दील हो जाएंगे! इसके अलावा एसआईपी के ज़रिए इक्विटी में निवेश करने से आप बाज़ार के नीचे जाने पर ज़्यादा यूनिट्स ख़रीदने का फ़ायदा ले पाएंगी और ऊपर जाने पर कम यूनिट्स ख़रीद पाएंगी. अत: लॉन्गटर्म में आपको औसत फ़ायदा तो मिलेगा ही.
लिक्विड फ़ंड
भारत में है: वर्ष 1997 से
फ़िक्स्ड डिपॉज़िट्स के ज़रिए मिलनेवाले रिटर्न पर काफ़ी टैक्स लगता है अत: ये ज़रूरी है कि थोड़े पैसे आकस्मिक निधि में अलग रख दिए जाएं. चेन्नई स्थित फ़ायनेंशियल कंसल्टेंसी फ़र्म के फ़ायनांशियल प्लैनर विवेक करवा कहते हैं,‘‘आपातकालीन ज़रूरतों के समय पैसे निकालने के लिए लिक्विड फ़ंड में निवेश एक अच्छा तरीक़ा है. इनमें ज़रूरत के समय निवेश की राशि को निकालने से आपको किसी भी तरह का फ़ाइन नहीं देना पड़ता है. इसके अलावा इनमें फ़िलहाल 9 से 9.5 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिल रहा है, जबकि फ़िक्स्ड डिपॉज़िट्स से यदि टैक्स की राशि निकाल दी जाए तो केवल 7 प्रतिशत सालाना ही रिटर्न मिलता है.’’
काम करता है: ये टैक्स-प्रभावी तरीक़ा है-डिविडेंड का विकल्प लेने पर इस फ़ंड से होनेवाली आपकी आय पर टैक्स नहीं लगता. साथ ही, आप जब चाहें तब राशि निकाल सकती हैं. ज़रूरत पड़ने पर आप पूरी राशि या फिर उसका एक हिस्सा निकाल सकती हैं.
मंथली इनकम प्लैन
भारत में है: वर्ष 1997 से
इस प्रोडक्ट के दो महत्वपूर्ण हिस्से हैं, पहला-डेब्ट/बॉन्ड और दूसरा इक्विटी. यह फ़िक्स्ड डिपॉज़िट्स से कहीं ज़्यादा अच्छा स्मार्ट निवेश विकल्प है, क्योंकि इससे होनेवाली आपकी आय को डिविडेंड ही माना जाता है.
काम का है: सामान्यत: 80 और 20 के अनुपात में (अक्सर 80 प्रतिशत बॉन्ड्स में और 20 प्रतिशत इक्विटी में निवेश किया जाता है और समय-समय पर इसे संतुलित किया जाता है), जहां पांच वर्ष के फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में आपको प्रतिवर्ष 10 से 11 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है, वहीं मंथली इनकम प्लैन्स में आपको 15 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज मिल सकता है और वो भी टैक्स-प्रभावी डिविडेंड के रूप में. अपनी आर्थिक ज़रूरत के मुताबिक़ आप ये डिविडेंट हर महीने या हर तिमाही पर पाने का विकल्प भी चुन सकती हैं.
बिना घर खरीदे करें रियल एस्टेट में निवेश, प्रॉपर्टी से बनाना है पैसा ही पैसा, तो जान लें इन्वेस्टमेंट के 4 'स्मार्ट ऑप्शन'
रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट के जरिए भी इस सेक्टर में निवेश किया जा सकता है.
प्रॉपर्टी में निवेश दो तरीकों से किया जा सकता है. इनमें घर-प्लॉट या संपत्ति खरीदने के अलावा, बिना खरीदे भी अन्य माध्यमो . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 27, 2022, 11:53 IST
हाइलाइट्स
रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश से पहले सलाहकारों से संपर्क बढ़ाएं.
आरईआईटी, रियल एस्टेट फंड या मॉर्गरेज बॉन्ड भी निवेश के बेहतर विकल्प हैं.
कमर्शियल या रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदकर किराए पर देकर कमाई करें.
नई दिल्ली. आज के दौर में युवा समेत हर उम्र के लोगों के लिए निवेश के कई विकल्प हैं और प्रॉपर्टी में पैसा लगाना हर वर्ग की पहली पसंद है. कम उम्र में अचल संपत्ति में निवेश करना पैसा बनाने का एक स्मार्ट तरीका है. आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति ने पिछले कुछ सालों में बहुत बेहतर रिटर्न दिए हैं. इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश को लेकर लोगों की रूचि बढ़ी है. अपने करियर की शुरुआत करने वाले युवा भी प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट स्मार्ट निवेश करके काफी अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
प्रॉपर्टी में निवेश दो तरीकों से किया जा सकता है. इनमें घर-प्लॉट या संपत्ति खरीदने के अलावा, बिना खरीदे भी अन्य माध्यमों के जरिए निवेश करने की सुविधा है. आइये जानते हैं रियल एस्टेट में निवेश के बेहतर तरीके और कैसे करें इन्वेस्टमेंट की तैयारी…
निवेश सलाहकारों से बढ़ाएं संपर्क
रियल एस्टेट में निवेश से पहले आपको इस सेक्टर और प्रॉपर्टी की जुड़ी समझ होना जरूरी है. इसलिए रियल एस्टेट सलाहकार से संपर्क करना या अपने नेटवर्क को बढ़ाना एक अच्छा तरीका हो सकता है ताकि आपको समय-समय पर निवेश के नए अवसरों के बारे में जानकारी हासिल हो सके.
प्रॉपर्टी खरीदकर किराए से करें कमाई
घर खरीदना अचल संपत्ति में निवेश करने का सबसे सर्वोत्तम तरीका है. हालांकि, युवाओं के लिए घर खरीदने में सबसे बड़ी परेशानी स्मार्ट निवेश डाउन पेमेंट के लिए पर्याप्त पैसा बचाना है. लेकिन, एक बार जब आप घर के मालिक हो जाते हैं, तो आप संपत्ति या उसके एक हिस्से को किराए पर देकर चीजों को आसान बना सकते हैं.
इसके लिए कई युवा निवेशक हाउस हैकिंग नामक रणनीति का उपयोग करना पसंद करते हैं, जिसमें उनके घर का उपयोग किराये की आय उत्पन्न करने के लिए भी किया जाता है ताकि आपके कुछ या सभी आवासीय खर्चों को ऑफसेट किया जा सके.
बिना प्रॉपर्टी खरीद ऐसे करें निवेश
घर या प्रॉपर्टी खरीदने के अलावा अचल संपत्ति में निवेश के कुछ अन्य विकल्प भी हैं जिनका युवा निवेशक लाभ उठा सकते हैं. ये आकर्षक और आसान है क्योंकि बहुत से युवाओं के पास घर खरीदने के लिए एकमुश्त पैसा नहीं होता है. आरईआईटी, रियल एस्टेट फंड या मॉर्गरेज स्मार्ट निवेश बॉन्ड जैसे विकल्प आपको अच्छा रिटर्न प्रदान कर सकते हैं.
क्या है रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs)
आरईआईटी, स्पेशलाइज्ड बिजनेस है जो अचल संपत्तियों का स्वामित्व, संचालन, प्रबंधन और लाभ प्राप्त करते हैं. अधिकांश आरईआईटी स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार करते हैं, जिससे आप पूरी तरह से ऑनलाइन और कम पूंजी के साथ खरीदारी कर सकते हैं. एक रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) उन युवा निवेशकों के लिए बेहतर हैं जो पारंपरिक रियल एस्टेट लेनदेन के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं.
पोर्टफोलियो को करें डाइवर्सीफाई
युवा निवेशकों को कमर्शियल, रिटेल और रेजिडेंशियल अचल संपत्ति में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए. कमर्शियल रियल एस्टेट एसेट्स रिटर्न के मामले में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज को मात देने के लिए जाने जाते हैं.
रियल एस्टेट में निवेश से पहले रिसर्च करना जरूरी है इसलिए यहां इन्वेस्टमेंट करना थोड़ा मुश्किल होता है. लेकिन अगर युवा जितनी जल्दी इसकी शुरुआत करेंगे, तो लंबी अवधि में उतना ही बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाएगी.
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Smart Investment
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए उनकी म्यूचुअल फंड योजनाओं को ट्रैक और मॉनिटर करने, पोर्टफोलियो रिपोर्ट के लिए अनुरोध करने, लेनदेन विवरण देखने, आगामी एसआईपी जानने और बहुत कुछ करने के लिए स्मार्ट निवेश बनाया गया है। यह विशिष्ट रूप से बनाया गया ऐप केवल उन ग्राहकों तक ही सीमित है जिनके एमएफडी स्मार्ट निवेश के पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं।
स्मार्ट निवेश ऐप की मुख्य विशेषताएं:
1. म्यूचुअल फंड डैशबोर्ड
2. एसेट-वार म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो दृश्य
3. आवेदक के अनुसार पोर्टफोलियो दृश्य
4. एसआईपी डैशबोर्ड
5. योजनावार पोर्टफोलियो स्थिति
6. ऑनलाइन लेनदेन सुविधा (एक्सचेंज एकीकृत)
7. अपने पोर्टफोलियो में किसी भी योजना के लिए एनएवी ट्रैक करें
8. सारांश रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए ईमेल अनुरोध
अस्वीकरण:
एमएफडी के उन ग्राहकों के लिए है जो ओएफए के साथ पंजीकृत हैं। म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाज़ार के खतरों के अधीन हैं। निवेश करने से पहले योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें। हालांकि उचित सावधानी बरती गई है, हम जानकारी की सटीकता, पूर्णता और प्रामाणिकता की गारंटी नहीं देते हैं। यह केवल एक उपयोगिता है और इसे किसी निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाएगा। हम किसी भी मामले में किसी भी विसंगतियों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। जानकारी की विश्वसनीयता, सटीकता या पूर्णता के संबंध में कोई प्रतिनिधित्व या वारंटी नहीं दी जाती (व्यक्त या निहित)। ओएफए को इस मोबाइल ऐप और इसकी वेबसाइट पर प्रदर्शित होने वाली किसी भी जानकारी के उपयोग, या उस पर की गई किसी भी कार्रवाई से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। अधिक जानकारी के लिए आप कृपया संबंधित एएमसी वेबसाइट देखें।
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