विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं?

घरेलू परिचालन
एसआईटीबी द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले उत्पाद और सेवाएं अंतर-बैंक बाजार और बैंक के कॉर्पोरेट ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करते हैं. बैंक सभी उत्पादों के लिए अंतर-बैंक और कॉर्पोरेट्स दोनों, बाज़ारों में एक सक्रिय भागीदार है.
बैंक अपने ग्राहकों सहित फर्मों, कंपनियों, कॉर्पोरेट निकायों, संस्थाओं, भविष्य निधि ट्रस्टों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के अनुरूप गैर-प्रतिस्पर्धी बिडिंग हेतु सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के अवसर प्रदान करता है.
बैंक की निम्नलिखित शाखाएं इस उद्देश्य के लिए अधिकृत हैं और इच्छुक निवेशक हमारी सेवाओं के लिए संपर्क कर सकते है.
शहर | शाखा का नाम | फोन नंबर |
---|---|---|
अहमदाबाद | नवरंगपुरा | 079-27541494, 27540095, 27541936 |
चेन्नई | नॉर्थ बीच रोड | 044-23454247, 23454243, 23454244 |
कोलकाता | इंडिया एक्स्चेंज | 033-22214468, 2220676 |
मुंबई | फोर्ट यूनिवर्सिटी | 022-22704524 |
मुंबई | पी एम रोड | 022-43408600, 22663348 |
नई दिल्ली | पार्लियामेंट स्ट्रीट | 011-23321849, 23325557, 23328666 |
डेरिवेटिव
ओटीसी उत्पाद के रूप में, बैंक स्वीकार्य बेंचमार्क दरों के संदर्भ में ब्याज दर स्वैप (आईआरएस), फॉरवर्ड रेट एग्रीमंट (एफ़आरए) या मुद्रा स्वैप उपलब्ध कराते हुए ब्याज दर जोखिम या मुद्रा जोखिम की हेजिंग की व्यवस्था करता हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा विनिमय और या /ब्याज दर में प्रतिकूल उतार चढ़ाव से सुरक्षा प्रदान करने तथा अनुकूल उतार चढ़ाव से उच्च लाभ प्राप्त करने के लिए डेरिवेटिव उत्पाद जैसे कि ऑप्शन एवं स्वैप ऑप्शन भी ऑफर करता है.
बैंक की सभी “बी” श्रेणी की विदेशी मुद्रा अधिकृत शाखाएं, इस उद्देश्य के लिए अधिकृत हैं. ग्राहक “बी” श्रेणी की अधिकृत शाखाओं या ट्रेजरी शाखा, बड़ौदा सन टॉवर, 4थीं और 5 वीं मंजिल, सी -34, जी- ब्लॉक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व), मुंबई 400051
फ़ॉरेक्स क्या है
यह अनुमान है कि विश्व फ़ॉरेक्स बाजारों में औसतन 3.6 ट्रिलियन डॉलर का ट्रेड हर दिन होता है। फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग का अधिकांश हिस्सा किसी एक केंद्रीकृत या संगठित विनिमय पर नहीं बल्कि इंटरबैंक मुद्रा बाजार में ब्रोकरों के माध्यम से होता है। इंटरबैंक मुद्रा बाजार चौबीस घंटे का बाजार है जो दुनिया भर में सूर्य का अनुसरण करता है। ऑस्ट्रेलिया में खुलने और यू.एस. में बंद होने के बावजूद, विनिमय जोखिम युक्त संगठनों के लिए बाजार मौजूद है, सट्टेबाज भी विनिमय दरों में बदलाव के संबंध में उनकी अपेक्षाओं से लाभ के प्रयास में फ़ॉरेक्स बाजारों में भाग लेते हैं।
फ़ॉरेक्स का ट्रेड कौन करता है
प्रारंभिक भाग में, फ़ॉरेक्स बाजार का उपयोग संस्थागत निवेशकों द्वारा किया जाता था जो वाणिज्यिक और निवेश उद्देश्यों के लिए बड़ी मात्रा में लेनदेन करते थे। आज हालांकि, आयातकों और निर्यातकों, अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो प्रबंधकों, बहुराष्ट्रीय निगमों, सट्टेबाजों, दैनिक ट्रेडर, लंबी अवधि के धारकों और हेज फंड सभी फ़ॉरेक्स बाजार का उपयोग करते हैं ताकि वे माल और सेवाओं के भुगतान कर सकें, वित्तीय आस्तियों में लेन-देन कर सकें और सट्टेबाजी के माध्यम से अपने जोखिम की हेजिंग या अपने जोखिम को बढ़ाकर मुद्रा की गति के जोखिम को कम करना या सट्टेबाजी कर सकें।
आज के सूचना सुपरहाइवे में फ़ॉरेक्स बाजार अब केवल संस्थागत निवेशक के लिए नहीं है। गत 10 वर्षों में गैर-संस्थागत ट्रेडरों में फ़ॉरेक्स बाजार तक पहुंचने और इससे मिलने वाले लाभों में वृद्धि देखी गई है। मेटाकोट्स मेटाट्रेडर जैसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को विशेष रूप से निजी निवेशक के लिए विकसित किया गया है और शैक्षिक सामग्री अधिक आसानी से उपलब्ध हो गई है। इन सभी ने निजी निवेशक के लिए फ़ॉरेक्स बाजार के आकर्षण को बढ़ाया है।
पिछले दशक में फ़ॉरेक्स बाजार में वृद्धि से निजी निवेशक को कई फायदे हुए हैं। ट्रेडर को शिक्षित करने के लिए ट्रेडिंग सामग्री कहीं अधिक आसानी से उपलब्ध हो गई है। फोरम के माध्यम से सहायता सेवाएं तेजी से लोकप्रिय हो गई हैं और इस मामले में कि आप निजी निवेशक अब स्वयं खाते में ट्रेड नहीं करना चाहते हैं, आपके पास पेशेवर धन प्रबंधक हैं जो प्रबंधित खातों के माध्यम से कार्यभार संभाल लेंगे। संक्षेप में निजी निवेशक और लघु अवधि के ट्रेडर के लिए मुख्य लाभ हैं:
विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं?
एकीकृत कोषागार :
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास अत्याधुनिक ट्रेजरी है, जो नरीमन पॉइंट, मुंबई में बैंक के केंद्रीय कार्यालय भवन की तीसरी मंजिल से संचालित होती है। नवीनतम ट्रेजरी प्रबंधन अवधारणा के अनुरूप, बैंक ने अपने ट्रेजरी संचालन को पूरी तरह से एकीकृत कर दिया है और ट्रेजरी अपने वर्तमान स्वरूप में सभी विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? वित्तीय बाजारों जैसे मुद्रा बाजार, ऋण बाजार, पूंजी बाजार, विदेशी मुद्रा बाजार और डेरिवेटिव बाजार में एक साथ काम करता है। ट्रेजरी एक उन्नत सॉफ्टवेयर सिस्टम से लैस है, जो नवीनतम सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों से भरपूर है और प्रशिक्षित, अनुभवी और समर्पित अधिकारियों की एक चुनिंदा टीम द्वारा संचालित है।
घरेलू संचालन
एकीकृत कोषागार में घरेलू परिचालन का मुख्य उद्देश्य चलनिधि प्रबंधन है अर्थात पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के लिए अल्पावधि और दीर्घकालिक दोनों उद्देश्यों में निधियों का इष्टतम परिनियोजन। निधियों विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? और तरलता के प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों के अलावा, ट्रेजरी की घरेलू शाखा वित्तीय विलेख को भी संभालती है जैसे कि:
- वाणिज्यिक पत्र (सीपी)
- जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
- सरकारी प्रतिभूतियां
- ट्रेजरी बिल (टीबी)
- बांड और डिबेंचर
- इक्विटी और विभिन्न अन्य विलेख
ट्रेजरी द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पाद और सेवाएं बैंक के कॉर्पोरेट ग्राहकों के साथ-साथ अंतर-बैंक बाजार के लिए भी उपलब्ध हैं। बैंक अपने ग्राहकों को फर्मों, कंपनियों, कॉर्पोरेट निकायों, संस्थानों, भविष्य निधि ट्रस्टों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित गैर-प्रतिस्पर्धी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमत सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के अवसर प्रदान करता है।
विदेशी मुद्रा संचालन
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया,भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है,जिसका सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय केंद्रों पर 300 से अधिक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैंकों के साथ एक संपर्की संबंध है। बैंक ने 23अंतर्राष्ट्रीय बैंकों औ र मध्य पूर्व में 13 एक्सचेंज गृहों के साथ रुपया आहरण व्यवस्था(आरडीए) में प्रवेश किया है। बैंक ने यूके और यूएसए में अनिवासी भारतीयों के साथ-साथ मध्य पूर्व में एक्सचेंज हाउसों के लिए इंटरनेट आधारित 'यूनियन ई-रेमिट उत्पाद' भी शुरू किया है। मुंबई में अपनी एकीकृत ट्रेजरी शाखा में नवीनतम अत्याधुनिक डीलिंग रूम अपने ग्राहकों के एक्सचेंज व्यवसाय को संभाल रहा है । बैंक ने विदेशी मुद्रा एक्सचेंज बाजारों के साथ-साथ हाजिर और वायदा दोनों बाजारों में अग्रणी बाजार निर्माता के रूप में अपनी प्रधानता बरकरार रखी है। ट्रेजरी में विदेशी मुद्रा डीलिंग डेस्क सभी आधुनिक संचार सुविधाओं के साथ प्रदान की जाती है और रॉयटर्स ऑटोमेटेड डीलिंग प्रणाली (आरईटीएडी) के माध्यम से विदेशी मुद्रा लेनदेन हेतु ऑन-लाइन डैम लगाने के लिए इसकी सभी अधिकृत शाखाओं से जुड़ी होती है। बैंक निर्यात और आयात ट्रेडिंग में लगे 159 अधिकृत डीलिंग शाखाओं के अपने बड़े नेटवर्क के माध्यम से, अपने ग्राहकों की विदेशी मुद्रा की जरूरतों को पूरा करता है और अमेरिकी डॉलर, स्टर्लिंग पाउंड, यूरो, स्विस फ़्रैंक, जापानी येन और अन्य विदेशी मुद्राओं जैसी सभी प्रमुख विश्व मुद्राओं का रूपांतरण ट्रेजरी के लिए दरें प्रदान करता है। बैंक के ग्राहकों के लिए सेवाओं में फॉरवर्ड कवर और विभिन्न व्युत्पन्न उत्पाद प्रदान करके विदेशी मुद्रा जोखिमों की हेजिंग शामिल है। बैंक रणनीतिक स्थानों पर नियुक्त ग्राहक संबंध प्रबंधकों (सीआरएम) के चुनिंदा पूल के माध्यम से अपने एनआरआई ग्राहकों को अपने उत्पादों को तुरंत और कुशलता से वितरित करने की स्थिति में है। उत्पादों की श्रेणी में धन प्रेषण सुविधाएं और भारतीय रुपये (एनआरई/एनआरओ) के साथ-साथ नामित विदेशी मुद्राओं (एफसीएनआर) में जमा की स्वीकृति शामिल है। निवासी और साथ ही लौटने वाले भारतीय निवासी विदेशी मुद्रा खाते (आरएफसी) जैसे लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी व्युत्पन्न उत्पाद जैसे कि ब्याज दर स्वैप (आईआरएस), हेतु फॉरवर्ड रेट एग्रीमेंट (एफआरए) ब्याज दर जोखिमों और मुद्रा जोखिमों, मुद्रा स्वैप, मुद्रा वायदा और विकल्प प्रदान करता है।
मध्य कार्यालय:
मध्य-कार्यालय ट्रेजरी के तहत काम करता है; मध्य-कार्यालय की भूमिका उपयुक्त नियंत्रण कार्य और एमआईएस प्रदान करने के लिए है। मध्य-कार्यालय ट्रेडिंग लेनदेन के लिए निर्धारित विभिन्न सीमाओं के अनुपालन पर ट्रेजरी हेड, निवेश समिति और शीर्ष प्रबंधन को जानकारी प्रदान करता है।
धन प्रेषण सेवाएं :
उपरोक्त सभी के अलावा, ट्रेजरी रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली लेनदेन के लिए गेट वे के रूप में भी कार्य करता है और सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटर-बैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस (स्विफ्ट) के लिए मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है, जिससे बैंक देश भर में फैली डीलिंग शाखाओं का विनिमय करते हैं जुड़े हुए हैं। संदेश और प्रेषण व्यवस्था में भी ट्रेजरी एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। आरटीजीएस गेटवे का उपयोग करते हुए "यूनियन बुलेट" को बैंक के ग्राहकों के लिए एक सुविधाजनक उपयोगकर्ता के अनुकूल उत्पाद के रूप में उपलब्ध कराया गया था। बैंक की सभी सीबीएस शाखाओं में आरटीजीएस सुविधा उपलब्ध हैं।
संपर्क ट्रेजरी
कार्यपालक का नाम - श्री एमवी बालसुब्रमण्यम
मुख्य महाप्रबंधक, ट्रेजरी और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग
पता - ट्रेजरी शाखा यूनियन बैंक भवन,
तीसरी मंजिल, 239, विधान भवन मार्ग,
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
टेलीफोन नंबर 022-22023952
कार्यपालक का नाम - श्री सुदर्शन भट
महाप्रबंधक
यूनियन बैंक भवन,
तीसरी मंजिल, 239, विधान भवन मार्ग
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
टेलीफोन नंबर 022-22892104
कार्यपालक का नाम - श्री अखिलेश कुमार
उप महाप्रबंधक, कोषागार (बैक ऑफिस - प्रभारी)
तीसरी मंजिल, 239, विधान भवन मार्ग,
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
टेलीफोन नंबर 022-22892102
कार्यपालक का नाम - श्री सरोज कुमार दास
उप महाप्रबंधक, ट्रेजरी (फ्रंट ऑफिस - घरेलू और विदेशी मुद्रा)
तीसरी मंजिल,239, विधान भवन मार्ग,
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
कार्यपालक का नाम - श्री अजय शंकर सिंह
सहायक महाप्रबंधक, ट्रेजरी (विदेशी मुद्रा बैक ऑफिस)
तीसरी मंजिल, 239, विधान भवन मार्ग,
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
कार्यपालक का नाम - श्री सुब्रत कुमार मैती
सहायक महाप्रबंधक, ट्रेजरी (मुख्य डीलर - विदेशी मुद्रा)
पता - ट्रेजरी शाखा
यूनियन बैंक भवन,
तीसरी मंजिल, 239, विधान भवन मार्ग
नरीमन पॉइंट, मुंबई
400021 टेलीफोन नंबर 022-22857226
ई-मेल: [email protected]
कार्यपालक का नाम - श्री राकेश कटारिया
सहायक महाप्रबंधक, ट्रेजरी संबंध
पता - ट्रेजरी शाखा
15, मित्तल चैंबर,
पहली मंजिल, सीआर 2 मॉल के सामने
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
कार्यपालक का नाम - श्री वीएस मुरुगन
सहायक महाप्रबंधक, ट्रेजरी (देशीय बैक ऑफिस)
पता - ट्रेजरी शाखा
यूनियन बैंक भवन,
तीसरी मंजिल, 239, विधान भवन विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? मार्ग
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
तो क्या यह है रुपये के गिरने की असली वजह?
बताजा जा रहा है कि लीरा की पिटाई के चलते रुपया लुढ़क रहा है.मगर दुनिया के दूसरे उभरते बाजारों की करेंसी पिटी, तब रुपया क्यों नहीं टूटा.
इसका जवाब एक नया वित्तीय इनोवेशन है, जिसकी शुरुआत करीब एक दशक पहले हुई थी. यह उभरते हुए बाजारों की मुद्राओं में होने वाले उतार-चढ़ाव के असर को बढ़ा देता है. इस इनोवेशन को ओवरसीज मार्केट फॉर नॉन-डेलिवरेबल फॉरवर्ड्स (विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? एनडीएफ) विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? कहते हैं.
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यह ओवर दी काउंटर मार्केट है, जिसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को हेजिंग का विकल्प मिलता है. यह घरेलू डेरिवेटिव मार्केट के मुकाबले एक बड़ा फायदा है. आपके डेरिवेटिव सौदे पर विदेशी बैंक उस तरह की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए नहीं कहते हैं, जैसा भारत में कही जाता है. शर्त यह है कि विदेशी बैंक आपको जानता हो.
एनडीएफ बाजार दुनिया भर में 24x7 (हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे) सक्रिय रहता है. यह सबसे ज्यादा सिंगापुर, हांगकांग, दुबई, लंदन, अमेरिकी और यूरोप के कुछ इलाकों में सक्रिय है.
एनडीएफ बाजार हेजिंग और सट्टेबाजों के दांव लगाने का मंच है. हम इसे ऐसे समझ सकते हैं. जब तुर्की का लीरा गिर रहा है तो हेजिंग या सट्टेबाजी विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? करने वाले रुपये में कमजोरी पर दांव लगाएंगे, क्योंकि डॉलर में मजबूती की उम्मीद है. वे अपेक्षाकृत महंगे डॉलर को एनडीएफ में बेचेंगे. वे भारत के घरेलू हाजिर बाजार में सस्ता डॉलर खरीदकर मुनाफा कमाएंगे.
लगातार बढ़ा है एनडीएफ
एनडीएफ का आकार लगातार बढ़ रहा है. दो बाजारों के बीच भाव में अंतर से मुनाफा कमाने का मौका मिलता है. यह अंतर जितना ज्यादा होगा सट्टेबाजों के लिए उतने ज्यादा मौके बनेंगे. वे लोकल बाजार में डॉलर खरीदेंगे, जिससे रुपये पर दबाव विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? बढ़ेगा.
एनडीएफ 24x7 काम करता है. वैश्विक स्तर पर सक्रियता के चलते ऐसे दांव खेल पाना आसान हो जाता है. एनडीएफ लगातार बढ़ा है. इसके आंकड़े आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, मगर विदेशी करेंसी कारोबारियों के अनुसार, यह बाजार तेजी से फैला है.
सार्वजनिक वित्त और नीति के राष्ट्रीय संस्थान के शोध के अनुसार, एनडीएफ का टर्नओवर साल 2016 में $16.5 बिलियन था, जो साल 2013 के स्तर से 16.7 फीसदी अधिक था. साल 2016 में ब्रिक्स देशों की एनडीएफ में हिस्सेदारी 35 फीसदी थी.
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पांच अरब का आश्चर्य
पिछले दिनों मुद्रास्फीति ठीक स्तर पर रही है लेकिन औद्योगिक उत्पादन कमजोर रहा है और आने वाले महीनों में भी इसके ऐसे ही रहने के आसार हैं जिससे आरबीआइ नीतिगत दरों में और कमी कर सकता है.
एम.जी. अरुण/संध्या द्विवेदी/मंजीत ठाकुर
- नई दिल्ली,
- 26 मार्च 2019,
- (अपडेटेड 26 मार्च 2019, 4:49 PM IST)
रिजर्व बैंक ने पहली दफा पिछले हफ्ते पांच अरब डॉलर (लगभग 35,000 करोड़ रुपए) के रुपया-डॉलर मुद्रा-विनिमय के अवसर की घोषणा करके चैंका दिया. इसे बैंकों को धन उपलब्ध कराकर ब्याज दरें नीची रखने में मदद करने वाले प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इसके तहत आरबीआइ 26 मार्च को बाजार में नीलामी के जरिए कुल पांच अरब डॉलर खरीदेगा, जो सभी बैंकों के डॉलर के रूप में धारित निधियों का लगभग एक-चौथाई है. इन डॉलरों को रिजर्व बैंक इन्हीं बैंकों को 2022 में वापस बेचेगा.
इस कदम से बैंक न केवल आपाद स्थिति के लिए सुरक्षित रखे डॉलरों को प्रचलित मुद्रा में बदल सकेंगे, बल्कि इससे सरकारी बॉन्ड का लाभार्जन भी कम होगा और कंपनियों के लिए बाहरी वाणिज्यिक उधारों के माध्यम से संसाधन जुटाना आसान होगा. फरवरी में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद मुद्रास्फीति की दर नीची रहने के पूर्वानुमान के साथ इस कदम का नतीजा आरबीआइ की ब्याज दरों में और कटौती दिख सकता है. केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार, अर्थव्यवस्था में लंबे समय से नकदी की कमी रही है (चार्ट देखें) क्योंकि जमा और ऋणों की वृद्धि दर समान नहीं रही है.
इसीलिए रेपो दर से (जिस पर आरबीआइ बैंकों को ऋण देता है) हस्तक्षेप करने और खुले बाजार की गतिविधियों (जिनमें रिजर्व बैंक समूचे बैंकिंग तंत्र में मुद्रा की मात्रा बढ़ाने या घटाने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री करता है) के अलावा रिजर्व बैंक एक नए तरीके से बाजार में मुद्रा प्रवाह बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. सबनवीस कहते हैं कि इससे 35,000 करोड़ रु. मूल्य की विदेशी मुद्रा तीन साल के लिए आरबीआइ के पास चली जाएगी, जो इसे बाजार दरों पर वापस करेगा.
पिछले दिनों मुद्रास्फीति ठीक स्तर पर रही है लेकिन औद्योगिक उत्पादन कमजोर रहा है और आने वाले महीनों में भी इसके ऐसे ही रहने के आसार हैं जिससे आरबीआइ विदेशी मुद्रा में हेजिंग के अवसर क्या हैं? नीतिगत दरों में और कमी कर सकता है. कारखानों की उत्पादन वृद्धि दर पिछले साल के 7.5 फीसदी से घटकर जनवरी में 1.7 फीसदी रह गई थी क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग और बिजली उत्पादन पिछड़ गया. हालांकि, फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति चार महीनों के सर्वोच्च स्तर 2.6 फीसदी पर पहुंच गई थी.
अमूमन, आरबीआइ खुले बाजार से हर हफ्ते लगभग 12,500 करोड़ रु. की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करता है. लेकिन इसने मुद्रा-परिवर्तन गतिविधि के लिए मार्च महीना चुना है जब बाजार में धन की भारी मांग रहती है. विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा करने से आश्वस्त किया जा सकेगा कि ब्याज दरें ऊपर न जाएं तथा रिजर्व बैंक को बाजार से और प्रतिभूतियां खरीदने की जरूरत न पड़े और विदेशी मुद्रा बाजार की अस्थिरता में कमी लाई जा सके.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में भी रिजर्व बैंक ने गिरते हुए बाजार में रुपये की कमजोरी को थामने के लिए विदेशी मुद्रा विनिमय का उपयोग करते हुए बैंकों से कहा था कि वे अप्रवासी भारतीयों से डॉलर के रूप में जमाएं हासिल करें. कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के मुद्रा विश्लेषक अनिंद्य बनर्जी कहते हैं, ''रिजर्व बैंक बाजार से कह रहा है कि वह रुपये की मौजूदा मजबूती के प्रति सहज नहीं है.
साथ ही, वह वित्त वर्ष के समापन के दिनों में तरलता की आवश्यकता के प्रबंधन के लिए मुद्रा की आपूर्ति बढ़ा रहा है.'' इस कदम से हेजिंग की लागत घटने पर भारतीय निगमों के बॉंडों में विदेशी रुचि बढ़ सकती है. आईडीएफसी असेट मैनेजमेंट लि. के स्थिर आय विभाग के प्रमुख सुयश चैधरी का मानना है कि ''इससे मुख्यतः कॉर्पोरेट बॉंडों के रूप में भारतीय 'अग्रेषित' संपत्तियों में विदेशी निवेश को क्रमिक रूप से प्रोत्साहन मिलना चाहिए.'' हालांकि सबनवीस का मानना है कि ऐसी गतिविधियां लगातार जारी नहीं रखी जा सकतीं.