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स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है
शेयर मार्केट एक सार्वजनिक एक्सचेंज है जहां कंपनियों के शेयरों की खरीद और बिक्री होती है और शेयरों की मांग और आपूर्ति के अनुमानों पर काम करता है। लोग एक परिसंपत्ति (स्टॉक, इस मामले में) के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हैं और वे एक निश्चित मूल्य के लिए कुछ बेचने के लिए तैयार हैं। इसलिए, प्रत्येक संपत्ति का एक मूल्य है - जो किसी व्यक्ति की प्राथमिकता और कीमत है - जो कि संपत्ति के मूल्य का बाजार निर्धारण है।

Stock Market क्या है और इससे पैसे कैसे कमाए पूरी जानकारी हिंदी में

नमस्कार दोस्तों आपने कभी न कभी किसी के द्धारा Stock Market के बारे में सुना होगा लेकिन क्या जानते है स्टॉक मार्केट क्या है नहीं तो लेख को पूरा पढ़ें। दोस्तोँ स्टॉक जिसे कई शेयर मार्केट के नाम से भी जानते है , इसमें आप अपना पैसा निवेश कर सकते है लेकिन काफी लोग इसे Risky मानते है और कई तो इसके नाम से ही कतराते है लेकिन आज कहीं कंपनिया इंटरनेट पर उपलब्ध है इसे कम रिस्की और सही बताती है जैसे म्यूच्यूअल फंड्स आदि लेकिन फिर भी स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले हर किसी के मन में पैसे हारने का डर होता है।

दोस्तों Share Market यानि जिस कंपनी के शेयर आपने खरीदे वे अपना कुछ हिस्सा आपको देती है, अब अगर कम्पनी को फायदा होगा तो आपको भी होगा नुकसान होने पर भी आप उसमें शामिल होंगे। दोस्तों अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है तो स्टॉक मार्किट क्या और इससे पैसे कैसे कमाए लेख को अच्छी तरह से पढें और पूरी जानकारी पाने के पश्चात ही निवेश करने या न करने का फैसला ले।

Stock Market क्या है

Stock Market क्या है और इससे पैसे कैसे कमाए पूरी जानकारी हिंदी में

दोस्तों आप पहले ही जान चुके है की शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट एक ही होते है, यह लोगों के नजरिये के ऊपर निर्भर करता है। लेकिन इसका सीधा मतलब शेयर बाजार ही होता है। भारत में दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें पहला 1875 में स्थापित NSE (National stock exchange of India) है और दूसरा 1992 में स्थापित BSE (Bombay Stock Exchange) है NSE demutualized इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंज है। यहाँ पर Shares, Debentures,Derivatives और Mutual Funds और मार्केट में Sale और Buy किया जाता है।

स्टॉक मार्केट में किसी भी धोखाधड़ी रोकने का कार्य SEBI भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्धारा किया जाता है इससे किसी भी तरह का Froud रोका जा सकता है। NSE और BSE में कंपनी SEBI की अनुमति से Initial public offering ( IPO ) जारी करती है।

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है।

दोस्तों जब आप स्टॉक मार्केट से जुड़ जाते है तो आप कई कंपनियों के हिस्सेदारी में जुड़ जाते है, जैसे अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते है तो आपको उस कंपनी में कुछ हिस्सा मिलता है इसे हम उदाहरण के साथ जानते है।

Ex. अगर किसी कंपनी ने शेयर बाजार में 1 लाख शेयर रखें और अगर आप उसमें कंपनी के 10,000 के शेयर खरीद लेते है तो आपको 10% हिस्सेदारी मिलती है। अब अगर कंपनी का लेवल बढ़ता है तो आपने जो शेयर खरीदे थे उनके दाम भी बढ़ते है जिससे आपको फायदा होता है और कंपनी का स्तर कम होने पर शेयर कम हो जाते है और आपको नुकसान उठाना पड़ता है। इस तरह शेयर मार्केट में Profit & Lose कंपनी प्रदर्शन पर निर्भर करता है।

शेयर बाजार में कंपनी कैसे जोड़े

भारत में किसी भी कंपनी को शेयर बाजार में List करने के लिए सबसे पहले कंपनी को SEBI के पास जाना होगा जहाँ पर कंपनी को SEBI के साथ कई लिखित समझौते करने होते है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है Red Herring Prospectus Document जिसमें उस कंपनी पूरी जानकारी जैसे कंपनी के पैसे कहा से आते है आदि इस Document में दर्ज होते है।

जब SEBI की तरफ कंपनी को अनुमति मिल जाती है तो फिर कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है और IPO जारी होती है और फिर कंपनी के शेयर बाजार में आते है और जब कंपनी के सारे शेयर बिक जाते है तो फिर कम्पनी अपने शेयर बेच सकती है और अपने स्तर को बढ़ाती है जिससे ग्रोथ भी काफी देखने को मिलती है और जो भी कंपनी के निवेसकों को भी फायदा मिलता है।

स्टॉक या शेयर कैसे खरीदे

किसी भी कंपनी के शेयर आप स्वतः या फिर किसी ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकते है और उस कपंनी में निवेश कर सकते है। वर्तमान में कई कंपनिया जैसे Zerodha और Angel Broking जैसी कंपनिया है जिससे आप शेयर खरीद सकते है, इसके लिए आपको इनमें एक Account बनाना होगा जिसे Demate Account कहते है।

इससे आपको बाजार की स्थिति, कंपनी के ग्रोथ चार्ट और ट्रेडिंग का अच्छा मार्गदर्शन भी मिलता है। Demate Account में पैसे बैंक अकाउंट से Add करके शेयर खरीद सकते है और जो भी पैसे का आपको Profit होता है उसे आप UPI या अन्य तरीकों से बैंक में Transfer कर सकते है।

दोस्तों कई कंपनिया जहाँ आप Demate अकाउंट बना सकते है लेकिन वहाँ पर इसके लिए आपसे कुछ चार्ज लिया जा सकता है जो 100,200 और 500 कुछ भी हो सकता है। इसलिए आप Free Demate Account बनाने के लिए यहाँ क्लिक करें और बिना कोई चार्ज के अभी Trading स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है करना शुरू करें।

Trading कैसे करें

दोस्तों स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग काफी जाना पहचाना शब्द है , इसमें ट्रेडिंग पर ही काफी हद तक Profit & Lose तय होता है। Trading को सामान्यतः हिंदी अर्थ व्यापार होता है। व्यापार में जब किसी वस्तु को हम कम मूल्य पर खरीदते है और कुछ समय अपने पास रखकर फिर उसे बेच देते है जिससे हमें कुछ लाभ होता है तो इसे Trading के नाम से जाना जाता है।

Stocks Market में भी पैसे कमाने के लिए आपको ट्रेडिंग करनी होगी इसके लिए आपके पास तीन विकल्प मौजूद होते है जिनमें से जो भी विकल्प आपको अच्छा लगे वो ट्रेडिंग कर सकते है।

निम्न 3 प्रकार की ट्रेडिंग ज्यादातर लोगों द्धारा की जाती और आप भी कर सकते है।

Intraday Trading

Intra-day Trading के अंतर्गत आप जो भी शेयर सुबह खरीदते है उन्हें शाम तक बेचना होता है और यह Trading एक दिन में पूरी हो जाती है इसलिए इसे Intra-day Trading के नाम से जाना जाता है। अगर आपने शेयर खरीदे और Market बंद होने पर चाहे आप Profit में हो या lose में आपके शेयर अपने Sale हो जाएंगे। अगर आप नए है तो Intra-day Trading न करें पहले थोड़ा सीखें फिर Try करें।

Scalper Trading

अगर आप कुछ मिनटों में ही पैसे कमाना चाहते है तो आप Scalper Trading कर सकते है , इसमें आप जो भी शेयर खरीदेंगे वो 10 - 20 मिनट में Sale हो जाते है। Scalper Trading में आपको भारी रकम लगानी होती है इसलिए मुनाफा भी काफी बढ़ा होता है लेकिन इसके साथ बड़े नुकसान के लिए भी तैयार रहें , इसलिए इसमें पैसे तब ही लगाए जब आप Profit को लेकर Sure हो।

Swing Trading

नए लोगों के लिए Swing Trading करना एक सही निर्णय साबित हो सकता है इसमें आप किसी भी कंपनी के शेयर खरीद कर अपने पास रख सकते है और जब उनसे आपको कुछ Profit हो तब उन्हें बेच सकते है। Swing Trading को काफी अच्छा माना जाता है की क्यूँकि इसमें आपके अनुसार ही शेयर Sale होते है। हमेशा निफ़्टी फिफ्टी कंपनियों के शेयर ही खरीदे यह टॉप 50 कंपनिया होती है जिन्हें आप NSE की वेबसाइट पर देख सकते है।

दोस्तों शेयर बाजार में निवेश करने से काफी लोग कतराते है उन्हें पैसे खो देने का डर होता है लेकिन अगर पहले काफी कुछ इसके बारे में सीखते है तो आप अवश्य profit अर्जित करेंगे। वर्तमान में Investment का सबसे अच्छा Return शेयर मार्केट में ही मिलता है।

Nifty क्या होती है?

इसे Nifty - Fifty के नाम से भी जानते है यह भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है जिसमें भारत की मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर टॉप 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है। यह NSE में लिस्ट होती है और इन कंपनियों के प्रदर्शन खराब होता है निफ़्टी गिरती है और अच्छा होता है तो Nifty बढ़ती है।

सेंसेक्स क्या होता है ?

सेंसेक्स में लिस्ट कंपनिय BSE के अंतर्गतआती है , मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर Top 30 कंपनिया BSE में लिस्टेड होती है और इनके प्रदर्शन का सूचकांक सेंसेक्स होता है। अगर यह 30 कंपनियों का प्रदर्शन खराब होता है तो सेंसेक्स नीचे गिर जाता है और प्रदर्शन अच्छा होता है तो सेंसेक्स ऊपर चढ़ जाता है।

भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज है ?

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है

NSE ( नेशनल स्टॉक एक्सचेंज )

BSE ( बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज )

निष्कर्ष

दोस्तों उम्मीद है आपको यह लेख Stock Market क्या है पसंद आया होगा और आपको इसके बारे में काफी जानकारी मिली होगी। अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है तो इसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी जरूर ले फिर कोई आगे कार्य करें। इसके अलावा आपके मन में स्टॉक मार्केट से जुड़ा कोई डॉउट है तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें।

दोस्तों इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारी अब फेसबुक पर भी उपलब्ध है आपको पास में नजर आ रहे फेसबुक पेज को लाइक और फॉलो करना है और इसके साथ इंस्टग्राम आइकॉन पर क्लिक करके मेरा साथ देना ताकि ऐसी नई नई जानकारियाँ हिंदी में आप तक पहुंचाते रहुँ।

दोस्तों यह लेख Stock Market क्या है और इससे पैसे कैसे कमाए अपने सभी दोस्तों और परिवार के साथ इंस्टाग्राम , व्हाट्सप्प और ट्विटर पर शेयर करें ताकि उन्हें भी सारी जानकारी हिंदी में मिल सकें।

1 साल का यह कोर्स कर आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानिए- Course के बारे में

1 साल का यह कोर्स कर आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानिए- Course के बारे में

नई दिल्ली, जेएनएन। आज के युग में मार्केटिंग, बैंकिंग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है। साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर मना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है, तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा. ।

फाइनेंशियल शब्दों में स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रॉसेस को ‘स्टॉक ब्रोकिंग’ कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट के फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए अभी बहुत अच्छे करियर ऑप्शंस उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5 से 10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यू 19 से 20 हजार करोड़ के आसपास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग के फील्ड में कैंडिडेट्स स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।

कौन होते हैं स्टॉक ब्रोकर?

स्टॉक ब्रोकर वे होते हैं, जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखना चाहते हैं, तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आपके ये दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है। वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए, यह भी बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो, तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय दे सकता है, जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।

कोर्स एवं योग्यताएं

स्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग ऐंड फाइनेस में पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। यह एक वर्ष का कोर्स होता है, जिसमें बैंकिंग ऑपरेशंस, फाइनेंस मैंनेजमेंट, ट्रेड फाइनेंस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। ग्रेजुएशन कर चुके छात्र या ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को मार्केटिंग, बिजनेस, अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है क्षेत्रों में रुचि होनी चाहिए।

जॉब्स के अवसर

टीकेडब्लूएस इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग ऐंड फाइनेंस के डायरेक्टर अमित गोयल का कहना है कि स्टॉक ब्रोकिंग में यदि अवसरों की बात करें, तो आप फाइनेंशियल एडवाइजर, बैंक ब्रोकर, इंडिपेंडेंट ब्रोकर, इक्विटी एनालिस्ट, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म/कंपनी, इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर भी काम कर सकते हैं। चूंकि यह मार्केटिंग और सेल्स से भी जुड़ा है, इसलिए वहां पर भी आपको काफी अच्छे अवसर मिल सकते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर के तौर पर आप इन्वेस्टमेंट बैंक्स, पेंशन फंड्स ब्रोकिंग फम्र्स, म्यूचुअल फंड्स, फाइनेंशियल/ इंवेस्टमेंट कंसल्टेंसी जैसी जगहों पर कार्य कर सकते हैं।

याद रखने योग्य बातें

भारत में एक स्टॉक ब्रोकर के तौर पर आपका भविष्य काफी आशाजनक है, लेकिन इस फील्ड में अपना करियर शुरू करने से पहले आपके पास स्टॉक मार्केटिंग की गहरी समझ और जानकारी अवश्य होनी चाहिए। आपको यह जानना अति आवश्यक है कि स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है। उसके बाद आपको अपने नाम का रजिस्ट्रेशन सेबी अर्थात सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के पास अवश्य करवाना होगा। इस क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं, जो व्यक्ति को थोड़ा परेशान कर सकते हैं। ऐसे में इन सब चैलेंजेज को फेस करने की काबिलियत होनी आवश्यक है।

शेयर मार्केट क्या है ? कैसे काम करता है ? What Is Share Market In Hindi

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दोस्तों आपने कही न कही शेयर मार्केट (Share Market), सेंसेक्स (Sensex), निफ्टी (Nifty), NSE, BSE जैसे शब्दों के बारे में सुना होंगा। समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनलों आदि में सुना होंगे की आज शेयर मार्केट में गिरावट आई , आज सेंसेक्स इतने अंक ऊपर बंद हुआ , आज निफ़्टी इतने अंक निचे बंद हुआ। तो क्या आपके मन में इन सभी के बारे में जानने की जिज्ञासा होती है। तो आइये आज की इस पोस्ट में जानते है शेयर मार्केट क्या है (What Is Share Market In Hindi), सेंसेक्स (Sensex) क्या है ? निफ्टी (Nifty) क्या है ? NSE, BSE क्या है। शेयर मार्केट कैसे काम करता है (How does stock market work?) जैसे शेयर मार्केट के बारे में बहुत सारी जानकारी।

शेयर मार्केट क्या है (What Is Share Market In Hindi)

दोस्तों हर एक वस्तु विशेष को खरीदने – बेचने के लिए एक बाज़ार (Market) होता है जैसे शब्जी के लिए अलग बाजार , कपड़ो का बाजार , घर के काम की वस्तु के लिए बाजार , इसी तरह से कंपनियों के शेयर (shear) को खरीदने बेचने के लिए शेयर मार्केट (Share Market) होता है। यह दूसरे अन्य बाजारों की तरह ही सामान्य बाजार होता है जंहा से आप शेयर को खरीद और बेच सकते है और बिच का मुनाफा कमा सकते है।

लेकिन शेयर मार्केट (Share Market) में ऐसे दुकाने नहीं लगती बल्कि यह सब ऑनलाइन चलता है. शेयर बाजार में आप अपने हिसाब से शेयर को, पैसे देकर खरीदते है और जब उन शेयर की कीमत बढ़ जाती है तब उन्हें बेचकर पैसे कमा सकते है, इसके अलावा ट्रेडिंग, सेल ट्रेडिंग से भी पैसे कमा सकते है। इसके लिए आपके पास एक बैंक सेविंग अकाउंट, ट्रेडिंग आकउंट और शेयर को खरीदने बेचने के लिए किसी एक ब्रोकरेज कम्पनी में डीमैट खाता खोलना होता है। जैसे की Groww, एंजेल ब्रोकिंग, अप्सटॉक, 5 पैसा, Zerodha आदि ऐसे कई कंपनिया है जहा आप शेयर खरीदने बेचने के लिए खाता खोल सकते है। यह सब कैसे काम करता है इसके बारे में भी हम आगे बात करेंगे। पहले इसके कुछ और जरुरी बातो को समझते है।

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शेयर मार्केट कैसे काम करता है (How does stock market work)

दोस्तों ये तो आप अच्छे से समझते होंगे की किसी भी कंपनी, बिज़नेस को चलाने, तरक्की करने के लिए पैसो की भी ज्यादा जरुरत होती है। जब कोई कंपनी मार्केट में आती है तो उसका एक उद्देश्य होता है। कौन सा प्रोडक्ट बनाना है , कितनी क्षमता और कितनी मात्रा में बनाना है। उसके हिसाब से ही उसे पैसो की जरुरत भी होती है। अब कम्पनी को पैसो के लिए या तो लोन लेना होता है। या तो अपनी कंपनी की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर पैसे बना सकती है और उस हिस्सेदारी को वह शेयर मार्केट में लिस्ट कर सकती है।

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है। लेकिन उस बिज़नेस आइडिआ को परिणाम देने के लिए पैसे नहीं है। ऐसे में वह अपनी कंपनी को SEBI (Securities and Exchange Board of India) के पास जाकर, कागजी कार्यवाही पूरी कर शेयर मार्केट (Share Market) में लिस्ट हो सकती स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है है और वहा से अपने बिजनेस के लिए पैसे जुटा सकती है।

अब यहाँ शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर मार्केट (Share Market) या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी वह बेचती है। जब कोई निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स करते है यह शेयरहोल्डर्स और कंपनी, बाजार में एक महत्पूर्ण कड़ी का काम करते है।

मान लो किसी कम्पनी को अपना बिज़नेस चलाने के लिए 10000 रुपये की जरुरत है। अब कंपनी अपने शेयर, उन्हके भाव के साथ बाजार में पेस करती है। कंपनी उतने ही शेयर बाजार में बेचती है जितने पैसो की उसे जरुरत हो और यह टोटल शेयर वेलु से 50% से कम ही होता है। तभी कंपनी के पास मालिकाना हक़ रहता है। अब जब कोई व्यक्ति उस कंपनी के शेयर खरीदता है तो उसे उस शेयर के भाव स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है के आधार पर पैसे चुकाने होते है। अब यदि कंपनी अच्छा काम करती है, या और अधिक संख्या में लोग उस शेयर को खरीदने की जिज्ञासा जताते है तो उसके शेयर के भाव भी बढ़ते है। और कंपनी अच्छा काम नहीं करती है तो उसके शेयर के भाव कम होते है। ऐसे में शेयर मार्केट में व्यक्ति शेयर खरीदकर और बेचकर पैसे बना सकता है। ऐसे में कंपनी को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए पैसे मिल जाते है और शेयर होल्डर्स को ख़रीदे और बेचे गए शेयर्स के बिच का मुनाफा।

किसी भी कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए अलग अलग मार्केट है उन मार्केट्स के नियमो के मुताबित कंपनी अपने आप को शेयर बाजार में लिस्ट कर सकती है। हमारे देश भारत की बात करे तो यह शेयर बाजार के लिए दो मार्केट उपलब्ध है। आइये इनके बारे में जानते है।

NSE Kya Hai ? एनएसई क्या है ?

NSE का मतलब या Full Form “national stock exchange” है। वर्ष 1992 में स्थापित, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) बाजार पूंजीकरण के मामले में भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। एनएसई भारत में इलेक्ट्रॉनिक और पूरी तरह से स्वचालित व्यापार की प्रणाली में लाया गया पहला स्टॉक एक्सचेंज था। कुछ ही वर्षों में, व्यापार की इस इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली ने प्राकृतिक शेयर प्रमाणपत्रों को शामिल करते हुए कागज आधारित शेयर ट्रेडिंग सिस्टम को पूरी तरह से बदल दिया है।

स्टॉक एक्सचेंज में एक बेंचमार्क इंडेक्स भी होता है जिसे निफ्टी (Nifty) के नाम से जाना जाता है। निफ़्टी के अंतर्गत सबसे अधिक कारोबार वाली 50 कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाता है। और इनके मार्केट के आधार पर निफ़्टी (Nifty) के अंक ऊपर निचे होते है। इसके अलावा, एनएसई को थोक व्यापार की शर्तें पे दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज के रूप में चुना गया है। और नेशनल स्टॉक की ग्लोबल रैंक 11 है।

BSE Kya Hai ? बीएसई क्या है ?

BSE का मतलब या full Form “Bombay stock exchange” होता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से भी पुराना शेयर मार्केट (Share Market) है। बीएसई ने वर्ष 1875 में “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के नाम से अपना परिचालन शुरू किया। यह बीएसई को पूरे एशिया में सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बनाता है। एनएसई के विपरीत, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज केवल ओपन-क्राय सिस्टम से पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग (बोल्ट) में 1995 में स्थानांतरित हो गया।

निफ्टी की तरह ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भी अपना बेंचमार्क इंडेक्स है जिसे सेंसेक्स (Sensex) के नाम से जाना जाता है। इस सूचकांक को पहली बार वर्ष 1986 में पेश किया गया था। इसके अंतर्गत मूलतः कारोबार की 30 कंपनियों के औसतन परिणामो को अंको में पेस कर प्रस्तुत किया जाता है। यह दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है.

शेयर कैसे ख़रीदा और बेचा जाता है (How to sell and buy shares)

दोस्तों शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपके पास Demat Account और ट्रेडिंग आकउंट का होना बहुत जरुरी है। यह डीमैट आकउंट आप किसी भी ब्रोकरेज कंपनी से खोल सकते है आप इन्हे शेयर मार्किट अप्प भी कह सकते है जैसे की –

Stock Market में निवेश करने के लिए बैंक एकाउंट, Demat एकाउंट, Trading एकाउंट का होना अनिवार्य है. किसी भी ब्रोकरेज कंपनी में खाता खोलने के लिए आपको निम्न दस्तावेज लगेंगे।

  • PAN Card
  • Address Proof
  • Passport Size Photos
  • Account Check Book
  • 6 महीनो की अकाउंट ट्रांजेक्शन हिस्ट्री (किसी किसी कंपनी में)

इन दस्तावेजों की मदद से किसी भी ब्रोकरेज कम्पनी में आप अपना डीमैट खाता खुलवा सकते है। और जिसके बाद आपको अपने बैंक खाते से अपने ब्रोकरेज कम्पनी के वॉइलेट में पैसे डालने होंगे जिनसे आप शेयर खरीद और बेच सकते है। और इन पैसो को अपने बैंक खाते में निकाल भी सकते है। कुछ ब्रोकरेज कंपनियों के नाम मैंने आपको ऊपर दिए है जो आपको समय समय पर कौन से शेयर खरीदना है कौन से बेचना है। किस कंपनी में क्या चल रहा है पूरी जानकारिया देते रहते है। जो आपको इन्वेस्टमेंट में मदद करती है।

Share Market Books Hindi & English

शेयर बाजार को अधिक बारीकी से समझने के लिए आपको इन बुक्स को पढ़ना चाहिए।

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आज की इस पोस्ट में आपको शेयर मार्केट क्या है (What Is Share Market In Hindi), सेंसेक्स (Sensex) क्या है ? निफ्टी (स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है Nifty) क्या है ? NSE, BSE क्या है। शेयर मार्केट कैसे काम करता है (How does stock market work?) आदि शेयर बाजार के बारे में बेसिक जानकारिया मिली होंगी। इससे जुड़े आपको कोई सवाल हो तो आप कमैंट्स कर सकते है।

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

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भारतीय शेयर बाजार का समय – Stock Market Timings in India

  • Post last modified: September 22, 2020
  • Post author: Yogesh Singh
  • Post category: Share Market
  • Post comments: 3 Comments

हेलो दोस्तों आज हम Detail में जानेगे की भारत में शेयर बाजार कब खुलता है और कब बंद होता है (Stock Market Timings in India) अगर आपने हमारे शेयर मार्किट क्या होता है पोस्ट नहीं देखी तो आप देख सकते है |
अक्सर भारत में लोग शेयर बाजार के समय के बारे में काफी भ्रमित रहते हैं तो आज हम आपको विस्तार में शेयर बाजार के खुलने और बंद होने के समय बारे में बतायेंगे |

भारत में शेयर बाजार का समय – Stock market timings in India

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है –National Stock Exchange (NSE) और Bombay Stock Exchange (BSE) हैं। हालांकि, NSE और BSE दोनों exchanges का एक ही समय है।

भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के अंत में, यानी शनिवार और रविवार को बंद रहते है और इसके अलावा, यह राष्ट्रीय और स्टॉक एक्सचेंज की छुट्टियों पर भी बंद रहते है | स्टॉक एक्सचैंजेस की छुटियाँ आप यहाँ देख सकते है |

भारत में शेयर बाजार के समय को तीन सत्रों में विभाजित किया जाता है

  1. Pre-open Session (प्री-ओपन सत्र)
  2. Normal Session (सामान्य सत्र)
  3. Post-closing Session (समापन के बाद का सत्र)

Note : बाजार में भारी अस्थिरता से बचने के लिए Pre-open Session यानि पूर्व-खुला सत्र रखा जाता है और यह एक संतुलन मूल्य बनाने के लिए ताकि बाजार को अपनी शुरुआती कीमत मिल सके, आप यहां पा सकते हैं कि एनएसई कैसे अपने शुरुआती मूल्य की गणना करता है।

Pre-open Session को आगे तीन सत्रों में विभाजित किया जाता है –

  1. सुबह 9:00 से 9:08 बजे (Order Entry Session -आदेश प्रवेश सत्र):
  • इस समय में, कोई भी शेयर खरीद और बेच सकता है।
  • आप Orders में परिवर्तन या उसको रद्द भी कर सकते हैं।

Note: आप अपने ऑर्डर को सुबह 9:07 बजे से पहले रखने का प्रयास करें क्योंकि आपको नहीं पता है कि शेयर मार्किट का algorithm कब और कैसे काम करता है और वक़्त पे न होने पर आपका ऑर्डर रद्द भी किया जा सकता है।

2. सुबह 9:08 से 9:12 बजे (मैचिंग ऑर्डर सत्र- Order Matching Session):

  • इस समय में, आप अपने Orders में परिवर्तन , खरीद व बेच या रद्द नहीं कर सकते।
  • इस सत्र का उपयोग Orders का मिलान करके बाजार के लिए शुरुआती मूल्य निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

नोट: यदि आपने पहले अपने ऑर्डर में कोई लिमिट लगाई है तो उस लिमिट को बाजार की तय कीमतों से मेल किया जाता है, और अगर यह लिमिट बाजार की तय हुई कीमत के नीचे आता है तो आपका Order Execute हो जाता है, अन्यथा, यह Execute नहीं होता ।

3. सुबह 9:12 से 9:15 बजे (बफर सत्र-Buffer Session ):

  • इस सत्र का उपयोग बफ़र सत्र के रूप में किया जाता है, यदि प्रारंभिक दो चरणों में कोई भी असामान्यताएं पायी जाती है तो इस सत्र में उसकी जाँच की जाती है।
  • इस सत्र को अगली प्रक्रिया को Smooth करने के लिए भी उपयोग किया जाता है, ताकि दिन का कारोबार सामान्य रूप से चल सके ।

Note: Pre Opening Session में आप केवल निफ़्टी 50 कंपनियों के ही शेयर्स ले व बेच सकते है |

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Normal Session-सामान्य सत्र

  • इस सत्र की अवधि सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक की है।
  • इस सत्र में, अधिकांश ट्रेड होते हैं।
  • आप इस सत्र में स्टॉक खरीद व बेच सकते हैं।

शाम 3:30 से 3:40 बजे के समय में शेयर्स का closing price को calculate किया जाता है और इसमें स्टॉक मार्किट इंडेक्स जैसे की Sensex और Nifty अपनी इंडेक्स मूल्य की गणना करते है जोकि 3.00 बजे से 3.30 बजे के बीच आखरी के 30 minutes में ट्रेड किये शेयर्स के भाव से प्राप्त किये जाते है ।

POST-CLOSING SESSION – समापन के बाद का सत्र:

  • यह सत्र दोपहर 3:40 से 4:00 बजे के बीच में होता है |
  • आप इस सत्र में शेयर्स खरीद व बेच सकते है जिसे (AMO) After Market Orders भी कहते है | इसमें बाजार बंद होने के बावजूद आप अपने ऑर्डर को खरीद या बेच सकते हैं । लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने का भाव मार्किट के closing 3:30 बजे वाले भाव पर होता है |
  • अगर आपने पहले गलती से कोई ट्रेड ले लिया था जैसा की आपने कोई शेयर 1000 की बजाए 10000 शेयर्स ले लिए और आपके पास डिलीवरी के पैसे नहीं है तो आप इस सत्र उन शेयर्स को बेच सकते है शेयर्स बेचने का भाव मार्किट क्लोजिंग वाला ही रहता है |

Note: Pre-opening session और Post-closing session केवल कैश मार्केट के लिए ही उपयोग में लाए जाते है इनको Futures और options में उपयोग नहीं किया जाता ।

Special Trading Day

हालांकि, राष्ट्रीय छुट्टियों पर शेयर बाजार बंद रहता है, लेकिन यह दिवाली त्योहार के दौरान कुछ घंटों के लिए खुला रहता है, जिसे ‘Mahurat Trading‘ के रूप में जाना जाता है। इस विशेष दिन के लिए ट्रेडिंग घंटे का समय दिवाली से कुछ दिन पहले ही तय किया जाता हैं।

Conclusion

दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में सीखा की भारतीय शेयर का समय क्या है (Stock market timings in India) आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमे कमेंट कर सकते है |

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट एक सार्वजनिक एक्सचेंज है जहां कंपनियों के शेयरों की खरीद और बिक्री होती है और शेयरों की मांग और आपूर्ति के अनुमानों पर काम करता है। लोग एक परिसंपत्ति (स्टॉक, इस मामले में) के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हैं और वे एक निश्चित मूल्य के लिए कुछ बेचने के लिए तैयार हैं। इसलिए, प्रत्येक संपत्ति का एक मूल्य है - जो किसी व्यक्ति की प्राथमिकता और कीमत है - जो कि संपत्ति के मूल्य का बाजार निर्धारण है।

शेयर बाजार कैसे काम करता है?

यह समझने के लिए कि शेयर बाजार कैसे काम करता है, आइए पहले आपूर्ति और मांग के अर्थशास्त्र में कुछ हद तक ध्यान दें। आखिरकार, शेयर बाजार एक मांग-आपूर्ति मिलानकर्ता है, और उचित मांग और आपूर्ति के बिना, शेयर बाजार नहीं है।

मांग और आपूर्ति वक्र:

लाइन 'डी' की मांग है, और 'एस' एक क्षैतिज अक्ष के साथ आपूर्ति की जा रही है जो मात्रा (क्यू) और ऊर्ध्वाधर अक्ष (पी) की कीमत है। हम देख सकते हैं कि, जैसे-जैसे कीमत बढ़ती है, आपूर्ति बढ़ती है, और मांग घट जाती है। स्टॉक मार्केट का बिंदु एक मिडपॉइंट ढूंढना और लेनदेन के साथ आगे बढ़ना है।

बाजार मूल्य:

स्टॉक की वर्तमान कीमत;

नीलामी:

शेयर बाजार एक अनाम नीलामी मशीन की तरह काम करता है - एक व्यक्ति अपनी संपत्ति की नीलामी करता है और अन्य लोगों के लिए सही राशि की प्रतीक्षा करता है। जब विक्रय मूल्य क्रय मूल्य से मेल खाता है, तो लेनदेन होता है, और शेयर बाजार में कटौती होती है।

दाम लगाना:

जब कई खरीदार स्टॉक खरीदना चाहते हैं, तो वे स्टॉक के लिए बोली लगाते हैं, और उच्चतम मूल्य को बोली मूल्य कहा जाता है।

मूल्य पूछें:

जब कई विक्रेता स्टॉक बेचना शुरू करते हैं, तो वे एक निश्चित कीमत मांगते हैं। इस तरह की कीमत का सबसे कम मूल्य कहा जाता है।

लेनदेन तब होता है जब उच्चतम बोली मूल्य और निम्नतम पूछ मूल्य मिलते हैं।

स्टॉक मार्केट और उनके आकार का उदाहरण

हम यहां पर शेयर बाजार की पूरी सूची और उनके संबंधित आकार पा सकते हैं। हमारे पास दुनिया के दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं - द न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, जो कुल मिलाकर लगभग 30 ट्रिलियन मार्केट कैप की कंपनियां रखता है और NASDAQ, जो NYSE का एक तिहाई आकार है। जापान NYSE और NASDAQ के बाद शेयरों के कुल पूंजीकरण में लगभग 6.5 ट्रिलियन अमरीकी डालर के साथ आता है, और शंघाई और हांगकांग बाद में 4 और 3 ट्रिलियन के साथ आते हैं। बस उनके शेयर बाजारों के आकार को देखकर, हम मान सकते हैं और यह निर्णय ले सकते हैं कि कंपनियां कितनी बड़ी होने जा रही हैं। यह हमें एक सामान्य विचार देता है कि अर्थव्यवस्था का आकार क्या हो सकता है।

भारत के दो शेयर बाजार हैं - नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, जिनमें से प्रत्येक के पास पूंजीगत शेयरों में 2 ट्रिलियन यूएसडी है। याद रखें कि सिर्फ 2 एक्सचेंज होने का मतलब यह नहीं है कि हम उन्हें उन कंपनियों की कुल संख्या प्राप्त करने के लिए जोड़ सकते हैं जिनके पास IPO'ed है।

इसके अलावा, निजी रूप से कारोबार किए जाने वाले ईवेंट शेयर शेयर बाजार का एक हिस्सा हैं, और एक बार बाजार खुलने के बाद, मूल्य गैर-ओटीसी (ओवर द काउंटर) लेनदेन को दर्शाता है जो गैर-व्यापारिक समय के दौरान हुआ था।

  • शेयर बाजार एक निवेशक और एक कंपनी के बीच का प्राथमिक सेतु है। यह एक दिशा में धन की आवाजाही और दूसरी दिशा में शेयरों के माध्यम से स्वामित्व की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह जानने की क्षमता कि लोग किसी कंपनी को कैसे महत्व देते हैं, कंपनी के मालिकों के लिए उनके भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए एक बहुत ही मूल्यवान जानकारी है। प्रबंधकों को जनता की धारणा इकट्ठा कर सकते हैं; सीईओ रणनीतिक निर्णय ले सकते हैं, और वित्तीय प्रमुख सबसे कुशल तरीके से धन जुटाने के विभिन्न तरीकों की तलाश कर सकते हैं।
  • शेयर बाजार उन विनियमों को संतुलित करता है जो अर्थव्यवस्था के उचित प्रवाह के लिए आवश्यक हैं।
  • यह निवेशक को उनके शेयरों के स्वामित्व की गारंटी देता है।
  • यह बिना किसी पूर्वाग्रह के कार्य करता है - यह जाति, पंथ या वित्तीय स्थिति को नहीं देखता है। यह सभी के लिए समान अवसर रखता है।
  • यह सूचना के प्रवाह के लिए पर्याप्त तरलता बनाए रखता है।

शेयर बाजार की सीमाएं

  • आईपीओ की प्रक्रिया थकाऊ और सांसारिक है - ऋण की प्रक्रिया, तुलनात्मक रूप से, बहुत अधिक सरल और आसान है।
  • प्रक्रिया शुल्क कभी-कभी छोटे होते हैं, लेकिन कभी-कभी बड़े भी होते हैं। सभी लेन-देन स्वतंत्र नहीं हैं।
  • एक कंपनी कैसे कर रही है, इसके विश्लेषण के लिए सूचना प्रवाह आवश्यक है, लेकिन इस तरह के महत्व के कारण, सत्ता में बैठे लोग उस जानकारी में हेरफेर करने की कोशिश करते हैं।
  • ऐसे कई मामले हैं जहां शेयर बाजारों को स्मार्ट के लाभ के लिए और आम आदमी की कीमत पर धोखाधड़ी की गई है।

निष्कर्ष

शेयर बाजार अधिकांश बाजारों की तरह है - नियमों का आदान-प्रदान, और लेनदेन की लागत के कारण - चीजों का आदान-प्रदान करने और अधिकांश बाजारों के विपरीत एक जगह। इसने कंपनियों को बढ़ने और लोगों को अमीर बनने में सक्षम बनाया है। शेयर बाजार ने ऐसे लोगों को बनाया है जो स्मार्ट और धैर्यवान हैं, जो वॉरेन बफे की तरह सबसे अमीर हैं, लेकिन जॉर्डन बेलफोर्ट जैसे लोग भी हैं - एक धोखेबाज, अमीर। इसने जेफ बेजोस को पैसे जुटाकर अपना व्यवसाय संचालित करने में सक्षम बनाया। शेयर बाजार का महत्व समाप्त नहीं हो सकता है, लेकिन इसे नियंत्रण में रखना होगा।

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