शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं?

बिटकॉइन की बहार, आखिर क्या है वजह?
इन दिनों बिटकॉइन को लेकर चर्चा काफी तेज है. आए दिन खबर आती है कि बिटकॉइन की कीमत आसमान को छू रही है या इसे लेकर किसी बड़ी कंपनी ने कोई घोषणा की है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि बिटकॉइन के दिन फिर गए.
कोरोना महामारी बिटकॉइन के लिए वरदान साबित हुई है. बिटकॉइन यानी डिजिटल करेंसी है जिस पर किसी बैंक या सरकार का नियंत्रण नहीं है. पिछले एक साल में बिटकॉइन ने गजब की तरक्की दिखाई है. मार्च 2020 में बिटकॉइन की कीमत $4,000 के नीचे थी, आज करीब $60,000 है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2021 के अंत तक कीमत $1,00,000 को छू लेगी. इस तरक्की की एक बड़ी वजह ये है कि लोग निवेश के लिए विकल्प खोज रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम आम हो चला और अपने मोबाइल पर एक क्लिक से बिटकॉइन खरीदने-बेचने का सिलसिला शुरू हो गया. कहा गया कि जब जिदंगी ही जूम और गूगल मीट पर डिजिटल हो चुकी है, तो करेंसी डिजिटल क्यों न हो.
इस बदलते ट्रेंड को बड़ी टेक कंपनियों ने कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में ही पहचान लिया था. हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर शख्स और इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क ने घोषणा की कि अब टेस्ला कार भी बिटकॉइन में खरीदी जा सकेगी. इसके पहले उन्होंने करीब डेढ़ अरब डॉलर का निवेश बिटकॉइन के लिए किया था. मस्क उन शख्सियतों में से रहे हैं जिन्होंने डिजिटल करेंसी का हमेशा से समर्थन किया है. तब भी जब बड़े अर्थशास्त्री और टेक कंपनियां इसके विरोध में थीं.
ब्लॉकचेन का इस्तेमालतस्वीर: Imago/Reporters/Eureka
बैंकों का समर्थन
डिजिटल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी के एक अन्य समर्थक ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी हैं. उन्होंने हाल ही में अपना पहला ट्वीट एनएफटी (नॉन फंजिबल टोकन--एक किस्म की डिजिटल करेंसी) के जरिए करीब 29 लाख डॉलर में बेचा है. यही नहीं, बैंकिग सिस्टम को खुली चुनौती देने वाली डिजिटल करेंसी को अब बैंकों का ही समर्थन हासिल होने लगा है. अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स ने पिछले दिनों घोषणा की कि वह अपने खास क्लाइंट्स को बिटकॉइन ऑफर करेगी. एक साल पहले तक ऐसा सोचना नामुमकिन था क्योंकि गोल्डमैन सैक्स का मानना था कि बिटकॉइन सिर्फ एक बुलबुला है जो जल्दी फूट जाएगा और इसे शेयर, बॉन्ड या सोने में निवेश के तौर पर न देखा जाए.
डिजिटल करेंसी को बड़ी टेक कंपनियों और बैंकों का समर्थन मिलना बताता है कि उन्होंने ब्लॉकचेन, यानि वह तकनीक जिस पर बिटकॉइन व अन्य डिजिटल करेंसी काम करती हैं, को समझा है. आसान भाषा में ब्लॉकचेन वह तकनीक है जिस पर डेटा सेव होता है और उससे छेड़छाड़ नामुमकिन है और इसलिए यह भरोसेमंद है. टेस्ला और ट्विटर के समर्थन ने बिटकॉइन की इमेज बदल कर रख दी है.
डिजिटल करेंसी की छवि
बिटकॉइन के ट्रांजेक्शन के वक्त क्योंकि बैंक जैसा कोई बिचौलिया नहीं होता है, इसलिए इसकी छवि हमेशा से संदेह के दायरे में रहती थी. बिटकॉइन को डार्क वेब, आतंकी गतिविधियों, ड्रग्स के लेन-देन जैसे कारनामों में भी इस्तेमाल होते देखा गया है. इसके अलावा, टैक्स को लेकर कोई एक राय न बन पाने से सरकारें इसे रेगुलेट नहीं कर पा रही हैं.
इसके अलावा, जो सबसे चिंताजनक बात है, वह है बिटकॉइन के निर्माण के दौरान खर्च होने वाली बिजली. जिस तरह रुपये या डॉलर के नोट को सेंट्रल बैंक ईश्यू करता है, उसी तरह बिटकॉइन को भी क्रिएट किया जाता है. इसे बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं. बिटकॉइन माइनिंग के दौरान अलग-अलग कंप्यूटरों पर एक खास किस्म के हार्डवेयर के साथ दुनियाभर में हो रहे बिटकॉइन ट्रांजेक्शन को वेरिफाई किया जाता है. इसे करने वाले आईटी एक्सपर्ट होते हैं जो करीब 10 मिनट के अंदर मैथमैटिकल प्रॉब्लम को सुलझा कर हर लेन-देन को वेरिफाई करते हैं. इसके बदले उन्हें पैसे मिलते हैं, जो बिटकॉइन में होते हैं. इस तरह, हर बिटकॉइन के लेन-देन के वेरिफिकेशन के बाद कई अन्य बिटकॉइन पैदा होते हैं.
टेस्ला और बिटकॉइनतस्वीर: STRMX/STRF/STAR MAX/IP/picture alliance
पर्यावरण को नुकसान
यह प्रक्रिया सुनने में जितनी दिलचस्प लगती है, हकीकत में उतनी ही खर्चीली और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली होती है. बिटकॉइन के निर्माण में एक-दो नहीं बल्कि हजारों कंप्यूटर एक साथ इस्तेमाल किए जाते हैं. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक, बिटकॉइन माइनिंग इतनी बिजली खपाता है जितनी स्विट्ज़रलैंड एक साल में बिजली पैदा करता है.
क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण को लेकर मुखर लोग बिटकॉइन के पूरी थ्योरी को ही नकारते हैं. उन्हें इसका इस्तेमाल समझ नहीं आता क्योंकि दुनियाभर में अमीरी-गरीबी की खाई इतनी गहरी है और समाज का एक हिस्सा ऐसा भी है जहां तक अभी तक बिजली जैसी बुनियादी जरूरत नहीं पहुंच पाई है. पर्यावरणविदों का मानना है कि डिजिटल करेंसी को लेकर ऐसा पागलपन और एक खास तबके का बिजली का यूं लापरवाही से इस्तेमाल करना, अन्याय है. इसमें कोई हैरानी नहीं होगी अगर अगले क्लाइमेट समिट में बिटकॉइन के विरोध में नारे लगें.
टेस्ला और बिटकॉइन का मेल
लेकिन पर्यावरणविदों के इन अभियान पर टेस्ला के मालिक इलान मस्क ने पानी फेर दिया है. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाले कंपनी टेस्ला हमेशा से ग्रीन एनर्जी की समर्थक रही है. क्रिप्टो एक्सपर्ट प्रो. डेविड येरमैक का कहना है कि आज किसी भी करोड़पति का लगाव टेस्ला कार और बिटकॉइन दोनों के लिए है और वह दोनों को रखना चाहता है. उनका मानना है कि जल्द ही बिटकॉइन को लेकर आम लोगों की धारणा और शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं? बदलेगी. बिटकॉइन माइनिंग के लिए हाइड्रो इलेक्ट्रिक या जियो थर्मल पावर का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो सराहनीय है.
इसमें कोई शक नहीं है कि बिटकॉइन जिसे भविष्य की करेंसी कहा जाता है, अब अपने ऊंचाई की ओर बढ़ चला है. इसकी कीमत में तेजी से उछाल और ढलान ही इसकी खासियत है. आने वाले दिनों में टेक कंपनियों के दखल से इसे मुख्यधारा में आने का मौका मिलेगा और यह पारंपरिक बाजार के नक्शे को बदल सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी में आपको कितना करना चाहिए निवेश ?
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने जा रहे हैं तो बहुत ही छोटी राशि से शुरुआत करें. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन बैकिंग से अलग है
कम पैसे से शुरुआत करें ?
सबसे पहले यह बात दिमाग में रखें कि जब आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने जा रहे हैं तो बहुत ही छोटी राशि से शुरुआत करें. जब मैं छोटी रकम की बात कर रहा हूं तो मेरा मतलब है कुछ सौ रुपये (ध्यान रहे कि बिटकॉइन का कुछ हिस्सा भी खरीद सकते हैं).
कम पैसे लगाने पर आप बिटकॉइन में ट्रेडिंग की प्रक्रिया, ट्रांसफर की प्रक्रिया और क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने के तरीके से वाकिफ हो जाएंगे. जब आप इन सबसे परिचित हो जाएंगे तो बड़े लॉट में कारोबार कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना, स्टोर करना और पूरी प्रक्रिया को समझना ऑनलाइन बैंकिंग की तरह नहीं होता है, बल्कि काफी अलग होता है.
क्रिप्टो की दुनिया में एक गलती आप पर भारी पड़ सकती है. आपका पैसा डूब सकता है. अगर आपने गलत पते पर बिटकॉइन भेज दिये तो आपको भारी नुकसान हो सकता है. अगर आपने गलत पते पर भेज दिये तो किसी दूसरे व्यक्ति को मिल जाएगा. वह व्यक्ति कह सकता है कि मैं पासवर्ड भूल गया हूं.
उतना ही निवेश करें जितना आप नुकसान शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं? झेल सकते हैं
अगर आप किसी रोज सुबह नींद से जागें और आपको पता चले कि आपकी क्रिप्टोकरेंसी बेकार हो गई है तो आपकी प्रतिक्रिय क्या होगी? हो सकता है कि आपको बड़ा झटका लगे. अगर आप बहुत उत्साही क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हैं तो आपको अपनी कुल निवेश पोर्टफोलियो का एक फीसदी से ज्यादा इसमें निवेश करने की जरूरत नहीं है.
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फीचर आर्टिकल: 100 रुपए जैसी छोटी रकम से भी कर सकते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश
पिछले कुछ वर्षों से दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर लोगों का रुझान बढ़ा है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी ने लोगों को हजारों गुना तक रिटर्न दिया है। भारत में भी शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं? क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। हालांकि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसियों के दाम हजारों डॉलर में होने की वजह से लोग इन्हें खरीदने में हिचकते हैं, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए आपके पास लाखों रुपए होना जरूरी नहीं है, कॉइनस्विच कुबेर पर महज 100 रुपए जितनी कम राशि के माध्यम से भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
हमारा रुपया या अमेरिकन डॉलर या ब्रिटिश पाउंड एक कागजी नोट या सिक्कों वाली मुद्रा है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है। क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य तो होता है लेकिन इसे देखा और छुआ नहीं जा सकता। यह आधुनिक समय की डिजिटल करेंसी है जिसका लेन-देन ऑनलाइन ही किया जा सकता है। यह मुद्रा इनक्रिप्टेड, यानी कोडेड होती है, इसलिए इन्हें क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। करेंसी शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं? के जानकारों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी भविष्य की मुद्रा है। दुनियाभर में क्रिप्टो, यानी डिजिटल करेंसी की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है।
क्रिप्टोकरेंसी में कैसे होता है व्यापार और लेनदेन?
पूरी दुनिया में 110 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार एक्सचेंज यानी विनिमय संस्था के माध्यम से हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसी की ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं, जिनमें कॉइनस्विच कुबेर एक प्रमुख प्लेटफार्म है। यह भारत का सबसे बड़ा और भरोसेमंद ट्रेडिंग प्लेटफार्म है। 1 करोड़ से भी ज्यादा भारतीय इसके जरिए क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करते हैं।
क्रिप्टो करेंसी में निवेश है एकदम आसान
बिटकॉइन, ईथर या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए आपको एलन मस्क के स्तर का अरबपति होने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप छोटी सी रकम से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। यह शेयर, गोल्ड, रियल एस्टेट जैसे किसी भी माध्यम में निवेश करने जितना ही सरल और उससे कहीं ज्यादा सुरक्षित है। बस आपको कॉइनस्विच कुबेर ऐप डाउनलोड करना है और कुछ जरूरी निर्देशों और आवश्यकताओं का पालन करना है और आप भी कॉइनस्विच कुबेर के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं। भारत के 60 लाख से ज्यादा यूजर कॉइनस्विच कुबेर ऐप डाउनलोड कर चुके हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
कॉइनस्विच कुबेर पर क्यों है लोगों का भरोसा?
छोटी रकम से भी कर सकते हैं शुरुआत- कॉइनस्विच पर आप 100 रुपए जैसी छोटी रकम से भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
एक क्लिक पर इंस्टेंट ट्रेडिंग- कॉइनस्विच कुबेर पर 100 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसीज में एक क्लिक के जरिए खरीद, बिक्री और ट्रेडिंग कर सकते हैं।
कोई लॉक इन पीरियड नहीं- कॉइनस्विच कुबेर में कोई लॉकइन पीरियड नहीं है, आप जब चाहे तुरंत विथड्रॉ कर सकते हैं।
जीरो ब्रोकरेज- कॉइनस्विच कुबेर में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने के लिए जीरो ब्रोकरेज चार्ज है।
बेस्ट प्राइस- कॉइनस्विच कुबेर आपको सर्वोत्तम कीमतों पर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेज करने की सुविधा प्रदान करता है।
भरोसा- भारत के इस सबसे बड़े ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने के लिए 1 करोड़ से भी ज्यादा लोग भरोसा करते हैं।
क्या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न
2017 से अब तक बिटकॉइन दुनिया की दूसरी क्रिप्टोकरेंसी मुकाबले काफी ज्यादा उतार-चढाव देखने को मिल चुका है। बीते चार महीने की बात करें तो 53 फीसदी टूटने के बाद एक हफ्ते में 32 फीसदी का उछाल किसी से छिपा नहीं है।
बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )
बीते कुछ समय से बिटकॉइन फिर से फोकस में है। 16 अप्रैल से 21 जुलाई के बीच अपने चरम से करीब 53 फीसदी गिरने के बाद महज एक हफ्ते में इसकी कीमतों में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की सबसे बडी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतें अत्यधिक अस्थिर रही हैं। 2009 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से इसमें कई उतार-चढ़ाव आए हैं। बिट्कॉइन की लांचिंग से बने रहने वाले निवेशकों ने अब तक अविश्वसनीय लाभ प्राप्त किया है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2010 के मध्य में बिटकॉइन में निवेश किया था, तो आपका रिटर्न अरबों में हो सकता है, क्योंकि बिटकॉइन का शुरुआती मूल्य 0 डॉलर के करीब था।
देर से निवेश करने वालों को भी मिला बडा रिटर्न : यदि आपने बिटकॉइन में थोड़ी देर बाद निवेश करने का फैसला किया है, उदाहरण के लिए तीन या पांच साल बाद, और कीमतों में उतार-चढ़ाव इसी तरह से जारी रहा तो आपको क्रमशः 174 प्रतिशत और 224 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न अर्जित होगा। वहीं आपने अगर और देर बाद बिटकॉइन में निवेश किया है, यानी पिछले ही आपने इसमें कदम रखा है तो भी आपको एक साल में 411 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न हासिल किया है।
पिछले साल बिटकॉइन की कीमतें क्यों बढ़ीं? : बिटकॉइन के उछाल के पीछे एक मुख्य कारण पिछले साल आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। दूसरा कारण यह था कि कुछ बड़े संस्थानों ने बिटकॉइन का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उदाहरण के लिए, पेपाल अब अपने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। यह अपने ग्राहकों को बिटकॉइन में भुगतान करके 26 मिलियन विक्रेताओं के अपने नेटवर्क से आइटम खरीदने की अनुमति देता है।
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2010 से अब तक बिटकॉइन का हाल : – अगस्त 2010 में बिटकॉइइन के दाम 0.3 डॉलर पर थे।
– नवंबर 2013 में पहली बार बिटकॉइन ने 1000 डॉलर के स्तर को पार किया था।
– दिसंबर 2017 को बिटकॉइन के दाम 19800 डॉलर पर आ गए थे।
– उसके बाद बिटकॉइन में लगातार उतार चढाव आता रहा और मार्च 2020 में बिटकॉइन के दाम क्रैश होकर 3870 डॉलर पर आए थे।
– यहां से फिर बिटकॉइन की शुरुआत हुई और एक साल में बिटकॉइन की कीमत यानी अप्रैल 2021 में 65000 डॉलर के आसपास पहुंच गई।
– उसके बाद बिटकॉइन करीब तीन महीने में 53 फीसदी तक टूट गया।
– करीब एक हफ्ते में बिटकॉइन के दाम में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
क्या बिटकॉइन में निवेश करने में बहुत देर हो चुकी है? : क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज बिटबन्स के संस्थापक और सीईओ गौरव दहाके के अनुसार हालिया तेजी में, बिटकॉइन में विकसित निवेशकों से धन की अधिक आमद देख रहे हैं। यदि यह जारी रहता है, तो हम जल्द ही साल के अंत तक रिकॉर्ड उच्च स्तर को पार कर सकते हैं। लेकिन इस बात को बता पाना संभव नहीं है कि इसमें निवेश करने अभी सही समय है या नहीं। बिटकॉइन, अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी की तरह, सबसे अधिक अस्थिर निवेश है।
समय-समय पर कीमत के गिरने के दौरान एकमुश्त राशि का निवेश करें, क्योंकि वे लंबे समय में आकर्षक रिटर्न दे सकते हैं। जब कीमतों में 5 फीसदी, 10 फीसदी और इसी तरह की गिरावट आती है तो क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वॉल्ड आपको एक सूचना भेजते हैं। मोबाइल ऐप पर अपडेट के लिए आपको कीमत में गिरावट की सूचना को प्रतिशत के साथ सेट करना होगा। यदि आप अपना नुकसान कम करना चाहते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं तो यह आपको सचेत करता है।
बिटकॉइन में कर सकते हैं एसआईपी : वैकल्पिक रूप से, आप बिटकॉइन में निवेश करने के लिए एक व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी का ऑप्शन चुन सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में विविधता लानी होगी। कुल मिलाकर, आपको अपने पोर्टफोलियो का 5 फीसदी से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए।
Crypto Currency में निवेश कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर है कन्फ्यूजन तो जानिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल करेंसी से होनेवाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. तो Crypto Currency में निवेश करना आपके लिए कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर अगर आपके मन में है किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन, तो पढ़ें ये शुरुआती लोग बिटकॉइन में कैसे निवेश करते हैं? रिपोर्ट.
Updated: February 3, 2022 10:31 AM IST
Crypto Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल का बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए बड़ा ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने भारत में भी डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही और कहा कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का TAX लगेगा. यह म्युचुअल फंड या यहां तक कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे कहीं अधिक है.अब क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं.
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राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार डिजिटल करेंसी को स्पेकुलेटिव असेट मानती है. यही कारण है कि अन्य स्पेकुलेटिव असेट जैसे हॉर्स रेसिंग की तरह ही क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही टोटल अमाउंट पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान है.
इसके साथ ही राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बड़ी बात कही है कि अगर क्रिप्टो करेंसी से किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने साफ किया कि अगर किसी वित्त वर्ष में आपको क्रिप्टो में निवेश से घाटा होता है तो आप इसे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते.
वहीं, टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू कोई नहीं जानता. इनके रेट्स में बदलाव होते रहता है. सरकार की नई नीति है कि क्रिप्टो पर होने वाली कमाई पर अब 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
Crypto Currency से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा. आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और बेचते हैं तो 5,500 रुपये में केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर.
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के खिलाफ अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं. यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है. हालाँकि, क्रिप्टो आय के मामले में यह संभव नहीं होगा.
वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि केवल Crypto Currency प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा. इसलिए, अगर आप अपने दोस्त को 1 Bitcoin गिफ्ट कर रहे हैं, तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा. हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह विरासत में मिली क्रिप्टो पर लागू होता है या नहीं.
भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो कानून नहीं है. नया कराधान बस क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार को सभी लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देता है. इसे सरल शब्दों में समझें तो, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी बनाता है. हालांकि, वे अभी भी अनियंत्रित हैं.
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है.इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है.
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