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शीबा इनु सिक्का इतना लोकप्रिय क्यों है

शीबा इनु सिक्का इतना लोकप्रिय क्यों है

क्या सीएक्ससी कॉइनबेस पर है?

सीएक्ससी सार्वजनिक श्रृंखला का उद्देश्य निचले स्तर की क्रॉस-चेन, पीओए खनन, परमाणु व्यापार, एक अपस्फीति आर्थिक मॉडल, क्लाउड स्टोरेज और अनाम सोशल नेटवर्किंग को एकीकृत करना है।.

क्या आप सीएक्ससी कॉइन खरीद सकते हैं? "मार्केट" टैब चुनें क्योंकि यह ऑर्डर खरीदने का सबसे आसान तरीका है। एक बार जब आप सब कुछ कन्फर्म कर लें, तो “Buy CXC” पर क्लिक करें।. अब आप अपने सीएक्ससी के मालिक हैं!

इसके अलावा, एक्सआरपी आज कैसा प्रदर्शन कर रहा है?

एक्सआरपी है इस सप्ताह बढ़ रहा है.

पिछले एक घंटे में कीमत में 0.98% की वृद्धि हुई। मौजूदा कीमत $0.773233 प्रति एक्सआरपी है। एक्सआरपी $ 79.86 के सर्वकालिक उच्च स्तर से 3.84% नीचे है। वर्तमान परिसंचारी आपूर्ति 48,135,209,660 XRP है।

मुझे शीबा इनु कॉर्नर कैसे मिलेगा?

यहां अमेरिकी निवासियों के लिए कॉइनबेस ऐप के साथ शीबा इनु को खरीदने का तरीका बताया गया है।

  1. एक कॉइनबेस खाता बनाएं। कॉइनबेस ऐप डाउनलोड करें और साइन अप प्रक्रिया शुरू करें। …
  2. कोई भुगतान विधि जोड़ें। …
  3. एक व्यापार शुरू करें। …
  4. संपत्ति की सूची से शीबा इनु का चयन करें। …
  5. वह राशि दर्ज करें जिसे आप खरीदना चाहते हैं। …
  6. अपनी खरीदारी को अंतिम रूप दें।

सबसे अधिक XRP का मालिक कौन है? वर्तमान रिपल सीईओ है ब्रैड गार्लिंगहाउस, जिसके पास कंपनी में रिपोर्ट की गई 6.3% हिस्सेदारी है, साथ ही अतिरिक्त XRP टोकन भी हैं। वर्तमान दर के आधार पर उनकी कुल संपत्ति लगभग 10 बिलियन डॉलर होगी, जो उन्हें फोर्ब्स की सबसे धनी अमेरिकियों की सूची में 50 के दशक के मध्य में रखती है।

उच्चतम एक्सआरपी क्या रहा है? XRP की कीमत जितनी अधिक हो गई है $ 2.7585 (जो कि एक्सआरपी का सर्वकालिक उच्च स्तर है)।

एक्सआरपी की कीमतें इतनी कम क्यों हैं? वास्तव में, एक्सआरपी की कीमत में वृद्धि अपेक्षाकृत देर से हुई – केवल 2021 की शुरुआत में, 2020 के अंत में अधिकांश अन्य क्रिप्टो के लिए – के बाद यूएस एसईसी ने नवंबर 2020 में रिपल के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज की. इस कानूनी कार्रवाई के कारण XRP की कीमत लगभग 0.70 अमेरिकी डॉलर से गिरकर 0.20 अमेरिकी डॉलर हो गई।

मैं शिंजा क्रिप्टो कैसे प्राप्त करूं?

क्या शीबा इनु 1 प्रतिशत तक पहुंच पाएगी? तकनीकी रूप से बोल रहा हूं, यदि कुत्ते-थीम वाली क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करने के लिए पर्याप्त पूंजी हो तो शिबा इनु एक पैसा तक पहुंच सकता है. लेकिन चूंकि शीबा इनु को 0.01 डॉलर तक पहुंचने के लिए खरबों पूंजी की आवश्यकता होगी, इसलिए संस्थानों और सरकारों को SHIB खरीदने की आवश्यकता होगी, जिसकी संभावना बहुत कम है।

क्या शीबा सिक्का एक अच्छा निवेश है?

यह आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है, लेकिन अगर आपके पास अधिक सुरक्षित निवेश में पैसा नहीं है, तो जोखिम इसके लायक नहीं हो सकता है। हेनरी स्टेटर के अनुसार, " शीबा इनु किसी भी तरह से एक निश्चित या सुरक्षित निवेश नहीं है; हालांकि, इसने साबित कर दिया कि यह इस मई में अपने 2,500% रन के साथ आश्चर्यजनक रिटर्न के साथ निवेशकों को आश्चर्यचकित कर सकता है। »

क्या बैंक कभी एक्सआरपी का इस्तेमाल करेंगे? रिपल के नेटवर्क का उपयोग करने वाले वित्तीय संस्थान अभी भी परीक्षण के चरण में हैं. हालांकि अंतरराष्ट्रीय भुगतान क्षेत्र में एक्सआरपी की क्षमता है, लेकिन बड़े, मुख्यधारा के बैंकों द्वारा इसका पूरी तरह से परीक्षण किया जाना बाकी है।

क्या बैंक एक्सआरपी का उपयोग कर रहे हैं?

रिपल दुनिया भर के वित्तीय संस्थानों के साथ सहयोग करता है; 100 से अधिक वित्तीय संस्थान RippleNet में शामिल हुए हैं, सहित: सेंटेंडर (यूएसए)

क्या एक्सआरपी का खनन किया जा सकता है?

Ripple (XRP) ब्लॉकचेन तकनीक के समान क्रिप्टो-लेजर के माध्यम से उत्पन्न होता है और आमतौर पर वित्तीय संस्थानों और भुगतान प्रोसेसर नेटवर्क द्वारा फ़ेडरेटेड होता है। जबकि यह निरपेक्ष है कि रिपल (XRP) खनिकों द्वारा खनन नहीं किया जा सकता, यह अन्य क्रिप्टोकाउंक्शंस के उपयोग के माध्यम से तकनीकी रूप से अभी भी संभव हो सकता है।

क्या 2021 में एक्सआरपी एक अच्छा निवेश है? एक ही समय पर, वित्तीय क्षेत्र में विषयगत निवेशकों के लिए एक्सआरपी भी एक अच्छा निवेश है एक्सआरपी के रूप में देखना मुख्यधारा के वित्तीय संस्थानों के उद्देश्य से एक सिक्का है। इसका मतलब यह है कि जो लोग लेनदेन और भुगतान के भविष्य में निवेश करना चाहते हैं, उनके पास एक्सआरपी को देखने का एक अच्छा शॉट होगा।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले जान लीजिए ये कैसे करती है काम

Cryptocurrency: क्रिप्टो के फ्लक्चुएशन के कई कारण हो सकते हैं. उसमें से एक कारण बिज़नेस आईडिया के इम्प्लीमेंटेशन को सपोर्ट देने के लिए पैसे जुटान

  • Teena Jain Kaushal
  • Publish Date - August 30, 2021 / 04:14 PM IST

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले जान लीजिए ये कैसे करती है काम

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) आज कल काफी चर्चा का विषय बनी हुई है युवाओं से लेकर प्रोफेशनल ट्रेडर्स तक हर कोई हर कोई इसी में निवेश की बातें करता दिख रहा है. क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) का इतना पॉपुलर होने का एक कारण ये भी है कि पिछले एक साल में क्रिप्टो करेंसी द्वारा निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया गया है. अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो शार्प करेक्शन के बाद भी इस साल जनवरी की शुरुआत के बाद से सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (bitcoinn) ने 66% का रिटर्न दिया है. इसी तरह मार्केट कैप के मामले में दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम (Ethereum) ने 342% का रिटर्न दिया है. ऐसे में जो लोग अच्छे रिटर्न के लिए क्रिप्टो में निवेश करने की सोच रहे है उनके लिए ये जानना भी बहुत जरुरी है कि क्रिप्टो करेंसी काम कैसे करती हैं.

बिज़नेस आईडिया के इम्प्लीमेंटेशन को सपोर्ट देने के लिए पैसे जुटाना

आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के फ्लक्चुएशन के कई कारण हो सकते हैं. उसमें से एक कारण बिज़नेस आईडिया के इम्प्लीमेंटेशन को सपोर्ट देने के लिए पैसे जुटाना भी है.

उदाहरण के लिए बिटकॉइन सबसे पुरानी क्रिप्टोक्यूरेंसी को 2009 में पेमेंट एनाब्लर के रूप में लॉन्च किया गया था. इसी तरह कंपनियां ऑपरेशनल और ट्रांसक्शनल पर्पस के लिए क्रिप्टो या टोकन इंट्रोडूस करती हैं.

उदाहरण के लिए वज़ीरएक्स द्वारा बिनेंस कॉइन ( Binance Coin) और डब्लूआरएक्स (Wrx) जैसी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग फीस का भुगतान करने और रिवॉर्ड देने के लिए किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टो टोकन के लिए अंडरलाइंग टेक्नोलॉजी एक ब्लॉकचेन है. यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो प्रकृति में डिसेंट्रलाइज है.

यह क्रिप्टोक्यूरेंसी को किसी भी अथॉरिटी से इंडिपेंडेंट बनाता है ताकि कोई भी क्रिप्टोक्यूरेंसी डेवलपर्स और मालिकों के लिए नियमों को डिक्टेट न कर सके.

बिटबन्स के सीईओ और सह-संस्थापक गौरव दहाके Google या ऐप्पल के ऐप स्टोर का एक उदाहरण लेते हुए कहते हैं कि एप्प स्टोर्स इकोसिस्टम का हिस्सा बनने के लिए किसी को Google या ऐप्पल द्वारा दिए गए मैकेनिज्म और नियमों का पालन करना होगा.

ये कंट्रोल्ड एंड सेंट्रलाइज्ड नेटवर्क्स हैं. जो वेरियस इश्यूज को जन्म देते हैं. साथ ही ऐसा जरूरी नहीं की ये हर किसी को समझ आये.

इसीलिए डिसेंट्रलाइज नेटवर्क चलन में आते हैं जो सेंट्रलाइज्ड और कंट्रोल्ड नेटवर्क की सभी महत्वपूर्ण समस्याओं को दूर करते हैं.

दहाके के मुताबिक जिस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग जो आज ओमनीप्रेजेंट हो गई है. उसी प्रकार क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) हर किसी के आगे बढ़ने की रणनीति का हिस्सा बनने जा रही है.

अगर आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी के क्रिएशन के पीछे की मैट्रिक्स के बारे में समझना चाहते हैं तो यहां उसकी डिटेल दी गयी है.

जानिए कंपनी अपना क्रिप्टो कैसे बनाती है?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मोटे तौर पर दो तरह की होती है. वर्चुअल टोकन का एक सेट प्रोजेक्ट द्वारा सपोर्टेड होता है जबकि कई बिना किसी प्रोजेक्ट के लॉन्च किए जाते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के उद्देश्य और इन्हेरेंट वैल्यू को समझना महत्वपूर्ण है.

जियोटस क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज के सह-संस्थापक और सीईओ विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक एक क्रिप्टोकुरेंसी (Cryptocurrency) लॉन्च करना अन्य मेट्रिक्स के साथ कैपिटल जुटाने के समान है.

यह उस विचार शीबा इनु सिक्का इतना लोकप्रिय क्यों है की पहचान के साथ शुरू होता है जो क्रिप्टोकुरेंसी का समर्थन करता है. क्रिप्टोक्यूरेंसी का इन्हेरेंट वैल्यू आमतौर से यह है कि एक निवेशक इससे जुड़े उपयोग के मामलों के मूल्य को कैसे मानता है. कई टोकन बिना किसी सेट प्रोजेक्ट के लॉन्च किए जाते हैं.

(उदाहरण के लिए शीबा इनु) और ज्यादातर टाइम टेस्टिंग पर खरे नहीं उतरते. अगला यह सुनिश्चित करना है कि लोकल जूरिस्डिक्शन ऐसे लॉन्च की अनुमति देता है कि कंपनी कैपिटल जुटाने के संबंध में कुछ रेगुलेटर नियमों का उल्लंघन कर सकती है.

अगला स्टेप यह तय करना है कि कितने टोकन जारी किए जाएंगे. इनिशियल शेयर किसे मिलेंगे , कब जारी किया जाएगा और यूजर द्वारा उन्हें कैसे एक्सेस किया जा सकता है.

इसके साथ ही क्रिप्टोक्यूरेंसी के फ्लक्चुएशन के लिए किसी को एक विशिष्ट ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर एक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट करना होगा. बिटबन्स के सीईओ और सह-संस्थापक गौरव दहाके मुताबिक एथेरियम सबसे लोकप्रिय ब्लॉकचेन में से एक है और इसके लिए कॉन्ट्रैक्ट लिखने के लिए टोकन स्टैण्डर्ड को ARC Twenty कॉन्ट्रैक्ट कहा जाता है.

ARC Twenty कॉन्ट्रैक्ट आमतौर पर सॉलिडिटी भाषा में पढ़ा जाता है. जिससे कॉन्ट्रैक्ट टोकन बन जाता है. और इसे ही क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) कहा जाता है.

खुद के ब्लॉकचेन पर शीबा इनु सिक्का इतना लोकप्रिय क्यों है टोकन लॉन्च करना जेब पर भारी हो सकता है, इसलिए लोकप्रिय ब्लॉकचेन जैसे एथेरियम, बिनेंस चेन, ट्रॉन, सोलाना आदि का उपयोग कंपनियां अपने खुद के क्रिप्टो लॉन्च करने के लिए करती हैं.

तुरंत बाजार क्रिएट हो जाता है

एक बार जब आप क्रिप्टो बनाते हैं तो अगला आवश्यक कदम ड्राइव के wider एडॉप्शन के लिए एक प्रमुख एक्सचेंज के साथ साझेदारी करना है.

जियोटस क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज के सह-संस्थापक और सीईओ विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक यह अक्सर बिज़नेस प्लान के वेलिडेशन, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स में कन्वर्शन और ऑडिट के साथ आता है.

कंपनियां एक्सचेंज के साथ साझेदारी करके और अपने यूजरबेस को टोकन गिफ्ट/बेचकर इनिशियल एक्सचेंज ऑफरिंग (IEO) कर सकती हैं. जिससे तुरंत बाजार क्रिएट हो जाता है.

दूसरा ऑप्शन एक DEX (डिसेंट्रलाइज एक्सचेंज) के माध्यम से लिस्टेड होना है, जहां इसे मुख्य रूप से मार्केटिंग, पार्टनरशिप्स और अन्य प्रमुख घोषणाओं के माध्यम से चलाया जाता है.

नकली सिक्कों से रहें दूर

बिटकॉइन और शीबा इनु सिक्का इतना लोकप्रिय क्यों है अन्य क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता पर सवार कई MLM (मल्टी लेवल मार्केटिंग) प्लेयर्स ने अपनी क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की हैं. उन्होंने नेटवर्क में लोगों को जोड़ने पर कंट्रीब्यूशन के अलावा हर महीने 10-15% के हाई रिटर्न का वादा किया है.

आपको बता दें ऐसी कई योजनाएं अब तक फ़र्ज़ी निकल चुकी हैं जिनमें निवेशकों को बहुत भारी नुक्सान भी हुआ है. इसलिए आपको हाई रिटर्न का झांसा देकर नकली क्रिप्टोकरेंसी बेचने वाले एजेंटों से सावधान रहना चाहिए.

विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक निवेशकों को निवेश से पहले वाइट पेपर पढने की आदत डालनी होगी. वाइट पेपर उस आईडिया को डिस्‍क्राइब करता है जिसपर तोकेनोमिक्स के साथ-साथ एक टोकन बनाया जाता है.

एक बार जब आईडिया एक स्ट्रांग विएबल फ्यूचर के साथ रेसोनत हो जाता है. तो निवेशकों को यह इवैल्‍यूएट करना होगा कि क्या टोकन के पीछे की टीम सुझाव के अनुसार रोडमैप को एक्सेक्यूट करने में सक्षम है.

इसका अनुमान इंटरव्यू , पार्टनरशिप्स , न्यूज़ , रिव्यू आदि से लगाया जा सकता है.

Sir M Visvesvaraya Terminal: बेंगलुरु का पहला एयरपोर्ट जैसा रेलवे स्टेशन, जानें किन सुविधाओं से है लैस

Sir M Visvesvaraya Terminal: बेंगलुरु का पहला एयरपोर्ट जैसा रेलवे स्टेशन, जानें किन सुविधाओं से है लैस

आप में से ज्यादातर लोग जब भी एयरपोर्ट जाते होंगे, तो कभी न कभी आपके मन ये विचार आता ही होगा, कि काश हमारे देश के रेलवे स्टेशनों में भी ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हों. क्यों न हमारे देश में भी विदेशों की तरह ही सेंट्रलाइज्ड एयर कंडिशन्ड रेलवे स्टेशंस हों.

अगर आप भी ऐसी सोच रखते हैं, तो आपको बता दें, कि आपके सपनों ने भी सच का रूप लेना शुरू कर दिया है. हर तरह की एडवांस सुविधाओं से लैस, एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाला रेलवे स्टेशन अब बेंगलुरु में खुल गया है. इस रेलवे स्टेशन का नाम सिविल इंजीनियर, भारत रत्न सर एम विश्वश्वरैया (Sir M Visvesvaraya) के नाम पर रखा गया, जिसका संचालन 6 जून से शुरू हो गया है. सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल (Sir M Visvesvaraya Terminal), भारत का तीसरा ऐसा आधुनिक स्टेशन है. हबीबगंज, मध्य प्रदेश और गांधीनगर गुजरात में भी ऐसे ही 2 आधुनिक स्टेशनों का उद्घाटन हो चुका है.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस

314 करोड़ रुपए की लागत से बना, सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल का संचालन बिना किसी धूमधाम के शुरू हुआ. हालांकि, इसका औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री (Narendra Modi) बाद में कर सकते हैं. भारत रत्न सर एम विश्वेश्वरैया के नाम पर बेंगलुरु के बैयप्पनहल्ली क्षेत्र में स्थित यह रेलवे टर्मिनल, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एयरपोर्ट जैसी झलक पेश करता है.

देश का पहला सेंट्रलाइज्ड एसी रेलवे टर्मिनल

सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल का निर्माण 4,200 वर्ग मीटर में किया गया है. इस सेंट्रलाइज्ड एयर कंडिशन्ड रेलवे टर्मिनल में दो सब-वे के साथ, एक फुट ओवरब्रिज है, जो सभी प्लेटफार्मों को एक-दूसरे से जोड़ेगा. केवल इतना ही नहीं, यात्रियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा भी प्लेटफार्मों के साथ जोड़ी जाएगी.

हवाई अड्डे की तरह किया गया है डिजाइन

आपको बता दें, कि सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल को बेंगलुरु हवाई अड्डे की तरह डिजाइन किया गया है. इस टर्मिनल में वेटिंग रूम, जिसमें आपकी सीट के बिलकुल पास ही लैपटॉप या मोबाइल चार्ज करने की जगह दी गयी हुई है, एक डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली के साथ-साथ, एक वीआईपी लाउंज और विशाल फूड कोर्ट भी बनाया गया है. साथ ही, रेस्ट रूम की सुविधा भी अवल दर्जे की बनायी गयी है, जो किसी आम रेलवे स्टेशन से बिल्कुल ही अलग है. इतना ही नहीं, इस टर्मिनल के कोने-कोने पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग स्टेशंस बने हुए हैं.

वहीं, यात्रियों को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए सर एमवी टर्मिनल पर चार लाख लीटर की क्षमता वाला रीसाइक्लिंग यूनिट भी लगा है. इसके साथ ही, प्लेटफार्म पर बैठने और मोबाईल, लैपटॉप चार्ज करने की सुविधा भी दी गई है. इस बात का भी पूरा ख्याल रखा गया है कि यहाँ साफ़ सफाई लगातार बनी रहे और इसलिए आपको हर कोने में कचड़े के डब्बे रखे हुए मिलेंगे और साथ ही सफाई कर्मचारी भी लगातार मेहनत करते हुए नज़र आएंगे.

जहाँ जनरल पब्लिक के लिए एक अलग किस्म का टिकट काउंटर बना, तो वहीं, दिव्यांगों की सुविधा के लिए अलग से टिकट काउंटर भी बनाया गया है. स्टेशन की विशाल पार्किंग में 250 कार, 900 दोपहिया, 50 ऑटो रिक्शा, पांच बीएमटीसी बसें और 20 टैक्सी पार्क की जा सकती हैं.

साउथ वेस्ट रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, लगभग 30 लंबी दूरी की ट्रेनों को सर एम वी टर्मिनल पर स्थानांतरित कर दिया गया है. आपको बता दें, कि रेलवे बोर्ड ने पहले ही 28 लंबी दूरी की ट्रेनों को नए टर्मिनल पर स्थानांतरित करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन यह अलग-अलग चरणों में किया जाएगा. वहीं रेलवे मौजूदा ट्रेनों के अलावा, टर्मिनल से कुछ नयी ट्रेनों का भी संचालन करेगी.

रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और सौन्दर्यीकरण

आपको बता दें, कि पिछले कुछ सालों से भारत सरकार रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण पर जोर दे रही है. जिससे रेलवे स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो. वहीं, कुछ सालों से ज्यादातर रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा चुका है.

इनमें महाराष्ट्र का लोनावला स्टेशन और गुजरात का वलसाड स्टेशन शामिल है, जिनका आधुनिकीकरण करके उन्हें और भी खूबसूरत बना दिया गया है. इसके अलावा, शिरडी रेलवे स्टेशन भी यात्रियों को बेहतरीन सुविधा प्रदान कर रहा है.

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