डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है
आजकल एक नया टर्म क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन बहुत ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। और सभी लोग इसके बारे में जानना चाहते है धीरे धीरे कुछ लोग इस टर्म से परिचित भी हो गए है। पर ज्यादातर लोग अब भी इसे जानने की, समझने की कोशिश कर रहे हैं। तो आज हम इस पोस्ट में इसी के बारे कुछ जानकारी दे रहे है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है ?|Cryptocurrency :-
-क्रिप्टो शब्द का अर्थ है छुपा हुआ, सिक्रेट, राज। और इसी शब्द से बना है क्रिप्टोकरेंसी।
-क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। जो की ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसे हम छू नही सकते, हाथ में पकड़ नही सकते। जैसे की हम रुपए पैसों को छू सकते है हाथ में पकड़ सकते है। लेकिन डिजिटल करेंसी को नहीं छू सकते है। क्योंकि यह एक तरह के डिजिटल कोड होते है जो कुछ स्पेशल कंप्यूटर्स पर बहुत ही जटिल तरीके से तैयार किए जाते है। जिसे डिकोड कर पाना लगभग नामुमकिन है।
अतः हम यह कह सकते है की क्रिप्टोकरेंसी एक तरह के कंप्यूटर प्रोग्राम से जो कोड, एल्गोरिथम बनते है। उन्हे कहते है। लेकिन इसकी वैल्यू होती है। इसे खरीदा, बेचा जा सकता है।
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Bitcoin |
- यह एक अनरेगुलेटेड शेयर मार्केट की तरह है। क्योंकि इसके ऊपर कोई अथॉरिटी नियंत्रण करने के लिए नही है। यह किसी भी केंद्रीय बैंक या किसी देश की सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। या आसान भाषा में कहे तो इसके प्रति किसी की कोई जवाबदेही नही होती है। यह डिसेंट्रलाइज्ड है। यह कंप्यूटर पर ही जनरेट होती है और कंप्यूटर पर ही नेटवर्क के थ्रू दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंच जाती है। जैसे इंटरनेट से आज हर कोई कही से भी जुड़ सकता है ठीक वैसे ही।
- इसीलिए इसमें बहुत ज्यादा रिस्क भी है। क्योंकि इसके दाम खरीदारों के हिसाब से अचानक से बहुत अधिक बढ़ जाते है तो वही अचानक से बहुत नीचे भी गिर जाते हैं।
- आज मार्केट में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है। जैसे -
- बिटकॉइन
- लाइटकॉइन
- पोलकाडॉट
- इथीरियम
- चेनलिंक
-ये सभी क्रिप्टोकरेंसी है जिनमे से बिटकॉइन इस वक्त की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी के रूप में सामने आ रही है। इसकी कीमत भी सबसे ज्यादा है।
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Cryptocurrency |
बिटकॉइन क्या है| Bitcoin kya hai :-
-बिटकॉइन एक तरह कि क्रिप्टोकरेंसी ही है। अर्थात यह एक डिजिटल करेंसी या आभासी मुद्रा है। जो की ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है।
-बिटकॉइन को 2008 में सातोशी नाकामोतो (यह एक व्यक्ति है या समूह है, इसकी जानकारी नहीं है) ने बनाया था। और 2009 में इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में लॉन्च किया गया था। उन्हे इसका फाउंडर माना जाता है।
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Bitcoin |
-बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट को सातोशी कहा जाता है। जैसे एक रुपए में 100पैसे होते है ठीक वैसे ही 1 बिटकॉइन में 10 करोड़़ सातोशी होते है। इसलिए बिटकॉइन खरीदते समय जरूरी नहीं है की पूरा एक बिटकॉइन खरीदा जाए। इसकी छोटी यूनिट भी खरीद सकते है।
-बिटकॉइन की ओर लोगों का रुझान इसलिए भी ज्यादा हो रहा है क्योंकि इसके किसी भी तरह के लेनदेन में किसी बैंक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या किसी अन्य चैनल या माध्यम की आवश्यकता नहीं पड़ती है। क्योंकि इसका ट्रांसेक्शन सीधे peer to peer Network अर्थात लोग एक दूसरे से सीधे लेन देन कर सकते है। इसे ऐसे समझे की यदि एक व्यक्ति (A) है वो दूसरे व्यक्ति (B) को एक बिटकॉइन बेचता है तो वो सीधे A के वॉलेट से B के वॉलेट में ट्रांसफर हो जायेगा, इसके लिए किसी बैंक या थर्ड पार्टी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी है।
बिटकॉइन वॉलेट क्या है:-
बिटकॉइन क्योंकि एक डिजिटल करेंसी है इसलिए इसको सिर्फ electronically स्टोर किया जा सकता है इसके लिए एक वॉलेट की जरूरत होती है जिसे हम bitcoin wallet कहते है। बिटकॉइन वॉलेट कई तरह के होते है जैसे - ऑनलाइन क्लाउड वॉलेट, mobile wallet, web based wallet etc.
इनमें से किसी एक वॉलेट का प्रयोग कर उसमे account क्रियेट करते है। और हमे एड्रेस के रूप में एक unique ID प्रदान की जाती है। इन वॉलेट में क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर कर सुरक्षित रखा जा सकता है।
बिटकॉइन माइनर क्या है:-
बिटकॉइन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसलिए जब भी किसी प्रकार का transaction या लेनदेन होता है तो वो सारे प्राइवेट कंप्यूटर का नेटवर्क जो इस काम में लगे हैं वो सभी काम करना शुरू कर देते है। कुछ मेथेमेटिकली इक्वेशन या क्रिप्टोग्राफिक puzzles होते है उन्हे सॉल्व करने में लग जाते जब तक की ट्रांसेक्शन कंपलीट नही हो जाता है। उसके बाद other नोड पर इसका वेरिफिकेशन होता है और फिर इस ब्लॉक को प्रोसेस कमप्लिट होने के बाद दूसरे ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है। इस तरह ये ब्लॉक चेन बढ़ती जाती है। जो लोग ये काम करते है उन्हे माइनर कहते है। उन्हे इस काम के बदले में कुछ रिवार्ड मिलता है।
इस तरह जो भी transaction होते है उनका रिकार्ड एक पब्लिक Ledger में दर्ज हो जाता है। ये ब्लॉक होते है। क्योंकि यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसलिए सभी ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते है। और यह रिकार्ड एक कंप्यूटर पर नही बल्कि सभी कंप्यूटर पर इनक्रिप्टेड फार्म में स्टोर हो जाते है।
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Block chain |
क्रिप्टोकरेंसी को कैसे खरीदा बेचा जाता है:-
क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने के लिए कई क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म है जैसे :- Wazirx, CoinDCX GO, Zebpay, Coinswitch Kuber. जिनके जरिए इन क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन को खरीदा और बेचा जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान:-
- किसी भी प्रकार का केंद्रीय नियंत्रण न होने से इनका उपयोग गैर कानूनी कार्यों में भी किया जा सकता है।
DeFI कैसे करती है काम? यह क्या है और कितनी सुरक्षित है, जाने इसकी पूरी डिटेल
बिजनेस डेस्कः DeFI एक डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस सुविधा है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होती है। इसमें यूजर्स को कई सुविधाएं मिलती है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी में उधार लेने और उधार देने की सुविधा है। सदियों पुरानी सेंट्रलाइज्ड फाइनेंस सुविधा का एक नया ऑप्शन DeFI है। इसे बैंकिंग सिस्टम की तौर पर समझा जा सकता है। जो DeFI के बारे में नहीं जानते हैं उनके लिए, सेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को बैंकिंग सिस्टम से समझा जा सकता है। बैंकिंग सिस्टम लोगों को अपनी ही संपत्ति पर स्वामित्व और नियंत्रण से प्रतिबंधित रखता है। लेकिन क्रिप्टो करेंसी पर डेफी आपको आपकी संपत्ति का पूरा हक देता है। मतलब बिना किसी लिमिट और बिना किसी दखल के आप पैसे निकालने, उधार लेने और पैसे जमा करने का काम कर सकते हैं।
DeFi का क्या है महत्व
- DeFi लेनेदेन के लिए किसी भी थर्ड पार्टी या फिर ब्रोकर पर भरोसा नहीं करती है। इसमें कोई सेंट्रलाइज्ड अथॉरिटी नहीं शामिल होता है। इसका पूरा लेनदेन एक अलग टेक्नोलॉजी के माध्यम से होता है। वह एल्गोरिदम बेस्ड ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी है।
- फंड्स को तुरंत ट्रांसफर किया जा सकता है। लेनदेन की दरें पुराने बैंकिंग सिस्टम की तुलना में कम होती हैं। यूजर्स की तरफ से DeFi पर किए जाने वाले सभी लेनदेन एक डेटाबेस में स्टोर होते हैं, जिसे हर कोई देख सकता है। इससे लेनदेन करने में ज्यादा पारदर्शिता रहती है। केंद्रीय वित्तीय एजेंसियां इसमें दखल नहीं देती है।
- DeFI लोगों के लेनदेन को सरेआम नहीं करती है। इसमें केवाईसी की जरूरत भी नहीं होती है। यूजर्स के प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखती है। एक क्रिप्टो वॉलेट से आप डेफी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने लग जाएंगे।
कैसे होते हैं साइबर हमले
DeFi में हमेशा एक ओपन सोर्स कोड मौजूद रहता है। इसके प्रोटोकॉल हमेशा पढ़ सकते हैं। लेकिन इसमें बदलाव हो सकते हैं। लेकिन साइबर क्रिमिनल इसका फायदा उठा लेते हैं। कोड में डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है खामियों का फायदा उठाकर फ्रॉड कर लेते हैं। DeFI की सुरक्षा में हुई खामियों को नहीं जांचा जा सकता है। इससे हैकर्स आसानी से निशाना बना सकते हैं।
दो तरह के होते हैं साइबर हमले
- वर्ष 2021 में 'Rug Pull' का मामला सामने आया था। इसमें 36 फीसदी लोगों को 2.8 बिलियन डॉलर (लगभग 280 करोड़ रुपये) से ज्यादा का घाटा हुआ था। Rug Pull एक मैलेशियल प्रैक्टिस है। इसमें क्रिप्टो डेवलपर्स एक प्रोजेक्ट को छोड़ देते हैं और इन्वेस्टर्स के फंड को लेकर भाग खड़े होते हैं।
- हैकर्स ने DeFi प्रोटोकॉल में एक बग की पहचान कर ली है। जो सभी क्रिप्टो वॉलेस तक एक्सेस हासिल कर DeFi से पैसे उड़ा ले जाते हैं।
- DeFi प्लेटफॉर्म पर बाहरी खतरों का रिस्क होता है। डेटा ब्रीच के कारण ऐसा होता है।
DeFi की सुरक्षा कैसे होती है?
DeFi के इस्तेमाल से पहले जांच लें कि प्रोटोकॉल पूरी तरह से टेस्टेड है या नहीं। किसी फेमस ऑडिटेड एजेंसी की तफ से वह ऑडिट की गयी है या नहीं। अपना क्रिप्टो वॉलेट पासकोड किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। यूजर्स को हमेशा बड़े घाटे से बचने के लिए ऐसी जगह पैसा नहीं निवेश करना चाहिए, जो एक दिन में अचानाक बड़े रिटर्न देते हैं। डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है ऐसी जगह निवेश के ज्यादा खतरे होते हैं। यूजर्स को संभावित हनीपोट्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है। यूजर्स को किसी भी स्कैम एडवर्टाइज से दूर रहना चाहिए। यूजर्स को हमेशा अपनी तरह से जांच करनी चाहिए। जांचा परखा गया प्रोटोकॉल ही बेहतर होता है। हमेशा बेसिक सिक्योरिटी चेकिंग करनी चाहिए।
What is futures finance, and how does it work? फ्यूचर्स फाइनेंस क्या है, और यह कैसे कार्य करता है?
पिछले एक दशक में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का विश्वभर में बहुत तेजी से विस्तार हुआ है, जिसका बहुत बड़ा कारण ये रहा की सदियों पुरानी सेंट्रलाइज्ड स्टोरेज सिस्टम में क्रांति ला दी है, जो बिना किसी विफलता के डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम के माध्यम से रिकॉर्ड को सुरक्षित स्टोर करने में सक्षम है, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है, कि लोंगो को अपने डेटा पर नियंत्रण हासिल करने में सक्षम बनाते हुए डेटा सुरक्षा के महत्व को एक नए मुकाम तक पहुंचाया |
2021 और 2022 की बात करे तो बहुत तेजी से विश्वभर के प्रमुछ सेक्टर्स ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाया और कुछ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की भूमिका को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, साथ ही साथ क्रिप्टोकरेंसी जैसे ब्लॉकचेन आधारित प्रोजेक्ट्स भी विश्वभर के लोंगो बीच बहुत प्रसिद्ध है, जिसमे लोंग दिन प्रतिदिन बढ़-चढ़ के हिस्सा ले रहे है, ऐसा ही एक ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट है, जिसका नाम फ्यूचर्स फाइनेंस (FuFi) है, तो आज हम इस ब्लॉग में आपको विस्तार से बताने जा रहे है, कि फ्यूचर्स फाइनेंस क्या है और कैसे कार्य करता है |
Table of Contents
फ्यूचर्स फाइनेंस क्या है?
फ्यूचर्स फइनेंस (FutureFi) एक नए युग का ब्लॉकचेन है, जिसको वेब 3.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी प्रमुख अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को मिलाकर बनाया गया है, आसान भाषा में समझे तो फ्यूचर्स फाइनेंस ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का अपग्रेड वर्शन है, जो नए अपडेट के साथ ब्लॉकचेन स्पेस में डेवेलपमेंट की सुविधा प्रदान करते हुए यूज़र्स को क्रिप्टो स्पेस समेत विभिन्न फाइनेंशियल प्रोडट्स के माध्यम से एक बेहतर और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करता है |
फ्यूचर्स फाइनेंस ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का एक अपग्रेड वर्शन कैसे है?
सभी ब्लॉकचेन का फ्रेमवर्क आमतौर पर एक Consensus Algorithm के माध्यम से कार्य करते है, जिसको शुरुवात में प्रूफ ऑफ़ वर्क (PoW) के रूप में जाना जाता था जिसके बाद विभिन्न ब्लॉकचेन में प्रूफ ऑफ़ स्टेक (PoS) एल्गोरिथ्म को लागु करना शुरू किया जिसका इस्तेमाल लगभग सभी मौजूदा ब्लॉकचेन में किया जा रहा है, पर फ्यूचर्स फइनेंस ब्लॉकचेन ने एक कदम आगे बढ़ाया और प्रूफ ऑफ़ अथॉरिटी (PoA) और प्रूफ ऑफ़ आइडेंटिटी (PoI) के साथ अपने प्लेटफार्म को विकसित किया है |
(PoA) जो माइनिंग पावर यूनिट और होल्डिंग्स यूनिट पर निर्भर करता है, प्रूफ ऑफ़ अथॉरिटी (PoA) एल्गोरिथ्म ट्रांसेक्शन को मान्य करने के लिए एक यूनिट के प्रूफ ऑफ़ आइडेंटिटी (PoI) को हिस्सेदारी के रूप में नियुक्त किया जाता है, जिस वजह से फ्यूचर्स फाइनेंस अपने यूज़र्स को अत्यधिक सुरक्षा के साथ-साथ एक बेहतर और सुविधाजनक सर्विसेस प्रदान करने में सक्षम है |
“फ्यूचर्स फाइनेंस का नेटिव कॉइन FuFi है, जो “LATOKEN” और “INDOEX” जैसे एक्सचेंजेस पर लिस्ट है |”
फ्यूचर्स फाइनेंस की प्रमुख विशेषताएं?
1. तेज ट्रांजेक्शन स्पीड
अधिकांश ब्लॉकचेन फ्रेमवर्क की प्रमुख कमियों में स्लो ट्रांजेक्शन स्पीड और अधिक ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग लोड होने के साथ कम स्केबिलिटी क्षमता और ट्रांजेक्शन में लगने वाली अधिक फीस भी एक बहुत बड़ी समस्या है, फ्यूचर्स फाइनेंस (FUFI) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पावर का इस्तेमाल करके इस मुद्दे का समाधान किया है, जिसमे फ्यूचर्स फाइनेंस प्रति सेकेंड 250k ट्रांसेक्शन की प्रक्रिया कर सकता है, जिसका लक्ष्य आने वाले कुछ समय बाद इसे प्रति सेकेंड 1 मिलियन ट्रांसेक्शन तक बढ़ाना है |
जैसा की आपको पता है, कि ट्रांजेक्शन को ब्लॉकचेन के ब्लॉक में स्टोर किया जाता है, फ्यूचर्स फाइनेंस ब्लॉकचेन को एक नया ब्लॉक बनाने में केवल 1 सेकंड का समय लगता है, जिससे नेटवर्क ट्रैफिक भी कम रहता है |
2. पूरी तरह से सिक्योर और फ्लेक्सिबल
कोई भी टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म हो सबसे ज्यादा जरुरी है, यूज़र्स की प्राइवेसी फ्यूचर्स फाइनेंस dAPP यूज़र्स को सभी सर्विसेस फ्लेक्सिबल तरीके से पेश करता है, वो भी पूरी प्राइवेसी के साथ और फ्यूचर्स फाइनेंस dAPP (डिसेंट्रलाइज्ड एप्लीकेशन) को एक अथॉरिटी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता जिससे कोई भी फ्यूचर्स फाइनेंस इकोसिस्टम का हिस्सा बन सकता है |
3. फ्यूचर्स फाइनेंस मल्टीपल सर्विसेस को होस्ट करता है
फ्यूचर्स फाइनेंस मल्टीपल सर्विसेस को होस्ट करता है, जैसे: TradeKIA, CryptoXIN, TradeBro और FufiEdge
TradeKIA फ्यूचर्स फाइनेंस इकोसिस्टम का डिस्काउंट डेरिवेटिव एक्सचेंज है, जो एक निश्चित ट्रेडिंग फीस की पेशकश करता है, भले ही आप 0.1 BTC का ट्रेडिंग करे या 1000 बीटीसी का TadeKIA में केवल प्रति ट्रेडिंग शुल्क $1 का ही भुगतान करना पड़ेगा |
CryptoXIN ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित एक सोशल कम्युनिटी है, जो एक ऑडियो वा वीडियो कॉल और हबइन ब्रॉडकास्टिंग क्षमताओं से लैस है, इसे इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है, जिससे ये मेटावर्स सहित डिजिटल/वर्चुअल वर्ल्ड में नेक्स्ट जनरेशन की सर्विसेस प्रोवाइड करता है |
TradeBroमौजूदा मार्केट मेकर के अल्टरनेटिव विकल्प के रूप में काम करता है, जिसका उदेश्य प्राइस हेरफेर और सप्लाई डिमांड से सबंधित मुद्दों को हल करके विभिन्न क्रिप्टो प्रोजेक्ट को उसके वॉल्यूम सम्बंधित मुद्दों को हल करता है |
FuFi Edge सभी FuFi होल्डर्स के लिए एक ओनरशिप वॉलेट है, जो सभी के लिए SID (Sole डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है Interest Deployer) और EBP (Edge Block Producer) बनने के सोर्स के रूप में कार्य करता है, साथ ही साथ सभी यूज़र्स के लिए एक ही प्लेटफार्म में FuFi निर्मित सभी असेट्स को उपलब्ध करता है |
conclusion
फ्यूचर्स फाइनेंस ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का एक अपग्रेड वर्शन है, जो मल्टीपल सर्विसेस को होस्ट करके अपने यूज़र्स को सुरक्षित और सुविधाजनक फाइनेंशियल सर्विस प्रदान करता है, क्योंकि फ्यूचर्स फाइनेंस ब्लॉकचेन में थर्ड पार्टी इन्वॉल्वमेंट नहीं है, जिससे ट्रांसेक्शन की प्रक्रिया में लगने वाली लागत भी कम लगने के साथ साथ पूरी तरह से सिक्योर और ट्रांसपेरेंट है |
क्या है क्रिप्टोकरेंसी? दुनियाभर में गिरा क्रिप्टो का मार्केट- जानिए क्रिप्टो से जुड़ी सारी डिटेल
नेशनल डेस्क: बीते मंगलवार और आज बुधवार को एक बार फिर से क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिली। आज सुबह 10 बजे बिटकॉइन 17% से ज्यादा गिरावट देखी गई। वहीं इस बीच सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। बिल डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है।
हालांकि इस बीच लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक ये लगभग तय है कि सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी पर दरवाजे बंद करने के मूड में नहीं है पर इस पर एक अलग दृष्टिकोण और बीच का रास्ता अपनाया जा सकता है।
इनोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक संभव है कि क्रिप्टो को बतौर करेंसी मंजूरी नहीं दी जाए लेकिन इसे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह एक संपत्ति डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है के तौर पर मान्यता दी जाए। करेंसी के तौर पर इसे मंजूरी नहीं देने पर इससे लेन-देन या भुगतान आदि के लिए मुद्रा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के है 1.5 से 2 करोड़ यूजर
जानकारी के लिए आपको बता दें कि शीतकालीन सत्र में डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन 26 नए विधेयकों में से एक है। सरकार के विधायी एजेंडे में कुल 29 विधेयकों में से एक है। लिस्ट में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है। वहीं, भारत में क्रिप्टोकरेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर हैं। इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी पर पीएम मोदी की बैठक में उठे ये सवाल
हाल ही में PM मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे। वहीं, भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता बैठक में आम सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे रेगुलेट किया जाना जरूर है, ताकि इसका इस्तेमाल टैरर फंडिंग और काला धन की आवाजाही में न हो।
दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी का कैसा है हाल
-भारत में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा रखा था लेकिन अमेरिका समेत कई देश इसके अनुकूल स्कीम बना रहे हैं।
- हाल ही में सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर की कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन कानून पास किया।
-दक्षिण कोरिया जैसे ताकतवर देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बना रहे हैं।
-इसके अलावा कई दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देश भी बिटकॉइन को लीगल स्टेटस देने पर काम कर रही है।
आईए जानते हैं क्या है क्रिप्टोकरेंसी और कैसे करती है काम?
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता बनी रहती है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे कोई हैक नहीं कर सकता।
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क्रिप्टो या क्रिप्टो करेंसी क्या है? | What is crypto or crypto currency? crypto coin hindi
आज के इस युग में क्रिप्टो करेंसी एक जाना माना नाम होता जा रहा है। क्रिप्टो करेंसी को हम डिजिटल मनी के नाम से जान सकते हैं। पर इस पैसे को हम छूकर महसूस नहीं कर पाएंगे ।और ना ही हम इसको अपने पर्स में रख कर धनवान महसूस कर पाएंगे।
आइये इसको सरल भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। यह एक डिजिटल मनी है, जो ना तो आपके हाथों द्वारा छुई जा सकती है ,और ना ही आपके पास फिजिकली ही रखी जा सकती है।
जैसे कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार बना रहता है। उसी प्रकार क्रिप्टो के बाजार में भी लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति देखी जा सकती है। बहुत लोगों ने इससे लाभ भी कमाया है, और बहुत लोगों ने इससे नुकसान भी उठाया है।
हमारे देश में अभी क्रिप्टो करेंसी का जादू हर उम्र के इंसान पर सर चढ़कर बोल रहा है। क्रिप्टो पर हर एक उम्र वर्ग का रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है।
हमारी इस पोस्ट में हम आपसे क्रिप्टो में निवेश के तरीके, क्रिप्टो पर सरकार की नीति आदि बातों पर चर्चा करेंगे। हमारी यह पोस्ट आपके लिए लाभदायक साबित हो ऐसी हम आशा करते हैं ।इसका लाभ उठाने के लिए आप हमारी इस पोस्ट पर अंत तक बने रहें।
भारत में क्रिप्टो में निवेश कैसे करें?
सारी दुनिया के साथ भारत में भी क्रिप्टो के कई एक्सचेंज बन चुके हैं। क्रिप्टो में निवेश के लिए यह बिल्कुल जरूरी नहीं है, कि आप बहुत ज्यादा पैसा ही एक साथ लगाएं। आप अपनी कमाई का बहुत छोटा छोटा हिस्सा भी धीरे-धीरे करके क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं। और यह निवेश बिना किसी शारीरिक मेहनत करे हुए आपको एक मोटी कमाई करके भी दे सकता है। कई लोगों ने क्रिप्टो में बहुत पैसा कमाया और लोगों में इसकी दीवानगी बहुत हद तक बढ़ गई।
दुनिया के बड़े से बड़े नामी उद्योगपति भी क्रिप्टो करेंसी के समर्थन में आते हुए दिख रहे हैं। जिसमें जैक डोर्सी, एलन मस्क का नाम सर्वोपरि है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। इसके लिए आप अपने फोन से ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के द्वारा बहुत आसानी से इस में लेनदेन शुरू कर सकते हैं।
इसमें आपको अपना अकाउंट खोलना रहता है, जो कि आपके बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए ।और आप घर बैठे ही बहुत आसानी से इसके लेनदेन को कर सकते हैं।
भारत सरकार की डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है नीति
अभी तक भारत सरकार का क्रिप्टो के मामले में बहुत नरम रुख देखने को नहीं मिला है। शीतकालीन सत्र में भारत सरकार के द्वारा एक नया क्रिप्टो करेंसी विधेयक बनाया गया ।इसके बाद भारत सरकार ने इस पर हुये लाभ पर 30% टैक्स लगाने की घोषणा कर दी। यह भी खबर है कि भारत सरकार जल्द ही खुद की क्रिप्टो करेंसी बाजार में लाने की तैयारी में है। यह करंसी भी टेक्नोलॉजी के द्वारा ही काम में आएगी।
हालांकि टैक्स लोगों को बहुत ज्यादा लग रहा है। लेकिन एक अच्छी बात यह भी है कि यदि आरबीआई किसी भी करेंसी को चलन में लाएगी तो वह बेहद सुरक्षित होगी।
अब हम आपको बताएंगे कि क्रिप्टो करेंसी के खरीदने और बेचने में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका ब्लॉकचेन की रहती है। आइए आपको ब्लॉक चेन के बारे में बताते हैं।
ब्लॉकचेन क्या होती है?
वैसे जो लोग क्रिप्टो करेंसी को जानते हैं उनके लिए ब्लॉकचेन भी एक जाना पहचाना शब्द है। फिर भी हम आपको ब्लॉक चेन के बारे में सरल तरीके से समझा रहे हैं। जिससे आप अपने निवेश को सजगता के साथ करें अच्छा मुनाफा कमाए।
ब्लॉकचेन दो शब्दों से मिलकर बना एक शब्द है ।वास्तव में यह एक टेक्नोलॉजी ही है, जहां पर हर एक क्रिप्टो करेंसी को रिकॉर्ड के रूप में रखते हैं। केवल डिजिटल करेंसी को ही नहीं बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर स्टोर करके उसके रिकॉर्ड को हम ब्लॉकचेन में रख सकते हैं ।यानी कि ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेज़र है।
कहने का तात्पर्य यह है कि ब्लॉकचेन एक सुरक्षित व डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है। जिसको टेंपल करना लगभग नामुमकिन ही होता है।
यदि हम क्रिप्टो करेंसी में निवेश चाहते हैं, तो हमें एक विश्वसनीय सही क्रिप्टो एक्सचेंज का चुनाव करना चाहिए।
निवेश करने के लिए सही क्रिप्टो एक्सचेंज की पहचान कैसे करें?
भारत में बहुत से ऐसे क्रिप्टो करेंसी के एक्सचेंज हैं जिन पर आप अपना अकाउंट बनाकर बहुत आसानी से निवेश कर सकते हैं। पर निवेशक यदि आप हैं तो आपका यह अधिकार है, कि आप सही एक्सचेंज को चुनाव में लाएं ।हम आपको कुछ नाम बता रहे हैं, जो कि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज में अपनी विश्वसनीयता बनाए हुए हैं। Wazir x ,coin dcx, coin swhich Kuberयह कुछ नाम है जो अभी क्रिप्टो मार्केट में काफी लोकप्रिय हैं। इन सभी क्रिप्टो एक्सचेंज के प्लेटफार्म को यूजर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बहुत फ्रेंडली बनाया गया है। जिससे जो व्यक्ति भी निवेश करना चाहे वह आसानी से समझ कर पूरे आत्मविश्वास के साथ इन एक्सचेंज पर जाकर निवेश कर सकता है। और यह सब फोन से ही हो सकता है।
आज के समय की बात करें तो Wazir x हम भारतीयों की पहली पसंद बन चुका है ।उसका एक मूल कारण यह भी है कि इसके शानदार फीचर्स को समझना हर किसी के लिए बहुत सरल व आसान है ।और इस एक्सचेंज का मूल उद्देश्य समझ में आता है कि यह खुद को भारत का सर्वोत्तम विश्वसनीय क्रिप्टो एक्सचेंज बनाए रखना चाहता है, और सफलता की ओर कदम बढ़ा रहा है।
पीर टू पीर क्रिप्टो ट्रांजैक्शन वजीरएक्स भी करता है।
आइए, अब हम आपको बताते हैं कि आप यदि इसमें निवेश करना चाहते हैं तो अपना अकाउंट किस तरह खोलें।
अपना अकाउंट सुरक्षित तरीके से कैसे खोलें?
हमने आपको यह जानकारी देने की कोशिश की, कि यदि आप क्रिप्टो में निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए प्रथम स्टेप है कि आप एक अच्छे क्रिप्टो एक्सचेंज का चुनाव करें ।और उसमें अपना अकाउंट खोलें अब हम आपको बताएंगे अकाउंट कैसे बनाएं।
यह उसी तरह से है जैसे कि आप अपना बैंक में अकाउंट खोलते हैं। इसका प्रोसेस भी उसी तरह से पूरा होता है। इसमें आपको अपने सारे डॉक्यूमेंट ऑनलाइन ही देने होते हैं। आप की डिटेल्स वेरिफिकेशन के लिए, लिए जाते हैं।
- सबसे पहले आप वजीरएक्स ऐप डाउनलोड करें।
- अपनी स्क्रीन पर टॉप राइट स्क्रीन में जो साइड बटन है उस पर क्लिक करें।
- आप अपने लॉगिन ईमेल एड्रेस और पासवर्ड को गोपनीयता रखते हुए चुने।
- इसके बाद रजिस्टर्ड ईमेल आईडी में वेरिफिकेशन ईमेल रिसीव करेंगे तब आपको वेरीफाई ईमेल बटन को क्लिक करना होगा तथा यह केवल 30 मिनट के लिए मान्य होता है।
- इसके बाद आप ओटीपी को एंटर करेंगे।
- अंत में केवाईसी डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
अपनी सभी दी हुई जानकारी को गोपनीय रखना आपके लिए बेहद जरूरी है।
हम उम्मीद करते हैं, कि हमने जो जानकारी आपको देने की कोशिश की है वह आपको जरूर पसंद आई होगी। अपने सुझाव हमें जरूर लिखें ।इस पोस्ट पर अंत तक बने रहने के लिए आपका आभार।