Unlisted Shares क्या होते है?

सीएसके के शेयरों की कुल संख्या 308 मिलियन होने का अनुमान Unlisted Shares क्या होते है? है, जिनमें से लगभग 5-7% स्टॉक ही ऐसा है, जिन्हें लोग खरीदते-बेचते Unlisted Shares क्या होते है? हैं. ऐसी लिक्विडिटी इन गैर-सूचीबद्ध शेयरों (Unlisted Shares) पर अतिरिक्त सैकेंडरी मार्केट ट्रांजेक्शन्स के लिए रास्ते खोलती है.
Syrma SGS IPO: बाजार में 3 महीनों बाद आ रहा पहला आईपीओ, ग्रे मार्केट प्रीमियम भी मजबूत, Unlisted Shares क्या होते है? जानिए डिटेल
दलाल स्ट्रीट पर करीब तीन महीनों के अंतराल के बाद पहला इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आने जा रहा है। चेन्नई मुख्यालय वाली इंजीनियरिंग और डिजाइन कंपनी सिरमा एसजीएस (Syrma SGS) शुक्रवार 12 अगस्त को अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लॉन्च करेगी, जिसे 18 अगस्त तक सब्सक्राइब किया जा सकता है।
अनलिस्टेड मार्केट में भी Syrma SGS को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया दिख रही है। डीलर्स ने बताया कि अनलिस्टेड मार्केट में Syrma SGS Unlisted Shares क्या होते है? के शेयर फिलहाल 20 रुपये के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने ताया कि 6 अगस्त को Syrma SGS के शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 25 रुपये था, जो 8 अगस्त को बढ़कर 28 रुपये पर पहुंच गया। हालांकि 9 अगस्त को GMP घटकर 20 रुपये पर आ गया।
अनलिस्टेड मार्केट में कारोबार करने वाली कंपनी Unlisted Arena के को-फाउंडर अभय दोषी ने हमारे सहयोगी CNBCTV18 को बताया, "लंबे अंतराल के बाद Syrma SGS के IPO के साथ प्राइमरी मार्केट में एक बार फिर से हलचल दिखने वाली है। कंपनी के कस्टमर बेस और प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में विविधता है। सिरमा का रेवेन्यू लगातार बढ़ता रहा है, हालांकि उसके मार्जिन में हाल में थोड़ी कमी आई है।" उन्होंने कहा, "वैल्यूएशन के मोर्चे पर, यह इश्यू सयंमित या पूरा प्राइस वाला लगता है।"
चेन्नई सुपर किंग्स का शेयर बना निवेशकों की पसंद, एक साल में दिया अच्छा रिटर्न
बड़े निवेशक राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) के पास भी CSK के शेयर हैं.
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का शेयर प्राइमरी मार्केट में पिछले एक साल में 25% रिटर्न दे चुका है. फिलहाल सीएसके के शेयर्स 2 . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 23, 2022, 14:15 IST
नई दिल्ली. आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के शेयर बिलकुल उसी अंदाज में दहाड़ रहे हैं, जैसे कि इस टीम के क्रिकेटर मैदान में दहाड़ते हैं. यह फ्रेंचाइजी निवेशकों के लिए एक हॉट-स्पॉट बनी हुई है, क्योंकि इसने प्राइमरी मार्केट में पिछले एक साल में 25% रिटर्न दिया है. फिलहाल सीएसके के शेयर्स 200-205 रुपये के बीच में ट्रेड किए जा रहे हैं, जबकि पिछले साल इसके शेयर की कीमत 160-165 रुपये थी. बात करें फ्रेंचाइज़ी के वेल्यूएशन की तो ये भी Unlisted Shares क्या होते है? बढ़कर 6,300 करोड़ रुपये हो चुकी है.
आपके लिए ये हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए कि देश के बड़े-बड़े मार्केट बुल्स इस स्टॉक में अपना स्टेक लिए बैठे हैं. इनमें से एक हैं राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani), जोकि बिग बुल राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के गुरु कहे जाते हैं.
IPO से बड़े मुनाफे की उम्मीद
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक खबर के अनुसार, सर्फिन फाइनेंशियल एडवाइज़र्स के डायरेक्टर राहुल थालिया ने कहा, आईपीएल सीजन से पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने एक बढ़िया अपट्रेंड दिखाया है. उम्मीद है कि इस फ्रेंचाइजी का मुनाफा (Profit) बढ़ेगा. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि चूंकि ये कोई दूसरी स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़ फ्रेंचाइजी कॉमर्स या ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं है, तो निवेशक इसके IPO से बड़ा मुनाफा कमाने की उम्मीदें लगाए बैठे हैं.
जानकार बताते हैं कि ट्रेडर्स के लिए CSK एक अच्छा अवसर है, क्योंकि इसका प्राइस-अर्निंग रेश्यो (PE Ratio) अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़ फ्रैंचाइजीज़ के मुकालबे में बेहतर है. यह अपनी मर्चेंडाइज़ की बिक्री, रॉयल्टीज़ और स्पॉन्सरशिप से अपनी आय को लगातार बढ़ रही है और भविष्य में भी इसमें बड़ा मनी-फ्लो इसी तरीके से आते रहने की संभावनाएं हैं.
चेन्नई सुपर किंग्स के अनलिस्टेड शेयर्स की भारी मांग
मुंबई- अगले महीने से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 से पहले, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के अनलिस्टेड शेयरों की भारी डिमांड है। CSK एकमात्र IPL टीम है जिसके शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं।
2018 में CSK के शेयरों की कीमत 12-15 रुपए थी। बीते दिनों IPL ऑक्शन के दौरान कोटक महिंद्रा AMC ने CSK के 1 लाख शेयरों को बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थी। ये बोली 14 फरवरी से 30 दिनों के लिए है। पिछले साल शेयर की कीमत 70-80 रुपए थी, जो अब 205-210 रुपए पर ट्रेड Unlisted Shares क्या होते है? कर रहे हैं। यानी एक साल में 150% से ज्यादा का रिटर्न चेन्नई सुपर किंग्स ने दिया है।
CSK IPL इतिहास की सबसे सफल टीम में से एक है। 2008 में स्थापित, एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम ने चार बार IPL खिताब जीता है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) इस साल 26 मार्च से शुरू होगी। फाइनल 29 मई को खेला जाएगा।
जब स्टॉक डिलीस्टेड होता है तो क्या होता है?
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स्टॉक एक्सचेंज में कई नियम और विनियम हैं जो एक कंपनी को पूरा करना पड़ता है यदि वह चाहता है कि उसके स्टॉक , एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो। यह विनिमय के मानक को बनाए रखने और सदस्यता को विनियमित करने के लिए किया जाता है। शेयर बाजार की स्थिरता निवेशकों के आत्मविश्वास पर काफी हद तक निर्भर करता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विश्वास बनाए रखा गया है , केवल सार्वजनिक कंपनियां जो आवश्यकताओं को पूरा करती हैं उन्हें ही एक्सचेंज पर खुद को सूचीबद्ध करने की अनुमति है।
शेयरों की डिलीस्टिंग वह प्रक्रिया है जिसमें सूचीबद्ध स्टॉक को स्टॉक एक्सचेंज से हटा दिया जाता है , और इस प्रकार वो कंपनी अब Unlisted Shares क्या होते है? कारोबार नहीं कर सकती है। डिलीस्टिंग का मतलब स्टॉक एक्सचेंज से स्थायी रूप से कंपनी के स्टॉक को हटाना है।
डिलिस्टेड शेयरों का क्या होता है?
डीमैट फार्म में बदले जाएंगे अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर
नई दिल्लीः काले धन के खिलाफ मुहिम के तहत सरकार अब अनलिस्टेड कंपनियों (जो कंपनियां शेयर बाजार में नहीं हैं) के शेयर भी डीमैट फार्म में रखना अनिवार्य बनाने जा रही है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह बड़ा काम है। पहले सरकारी लिमिटेड कंपनियों के लिए इसे लागू Unlisted Shares क्या होते है? किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी अनलिस्टेड कंपनियों के लिए डीमैट फार्म में शेयर रखना अनिवार्य नहीं, ऑप्शनल है। इस सिलसिले में कंपनी मामलों का मंत्रालय सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) और डिपॉजिटरीज से बात कर रहा है।
देश में 70,000 पब्लिक लिमिटेड कंपनियां अनलिस्टेड
एक अन्य सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने अनौपचारिक तौर पर इस बारे डिपॉजिटरीज से बात की है। इसकी समय सीमा तय करने और दूसरे मामलों पर अगले हफ्ते पहली औपचारिक बैठक होगी। सेबी के नियमों के मुताबिक सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए शेयरों को डीमैट फार्म में करना जरूरी है। देश में 70,000 पब्लिक लिमिटेड कंपनियां अनलिस्टेड हैं और 10 लाख से अधिक प्राइवेट कंपनियों ने कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। इस बारे सुवन लॉ एडवाइजर्स के पार्टनर सुमित अग्रवाल ने बताया कि बंद पड़ी कंपनियों, टैक्स प्रोविजन के दुरुपयोग पर सख्ती और काले धन के खिलाफ एक्शन के बाद कंपल्सरी डीमैट पॉलिसी से शेयर कहां से कहां गए, इसका पता लगाना आसान हो जाएगा। इससे अनलिस्टेड कंपनियों में इंस्टीच्यूशनल इन्वैस्टमैंट की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। अग्रवाल ने बताया, ‘‘कई ऐसे मामले देखे गए जिनमें अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरों की कीमत काफी बढ़ाई गई और उस आधार पर शेयर गिरवी रखकर फंड जुटाया गया। काले धन को सफेद में बदलने के लिए ऐसा किया जाता है। कंपनियों के लिए भी उनका पता लगाना आसान नहीं होता। इन मामलों में कई एफ.आई.आर. भी दर्ज करवाई जा चुकी हैं।’’