ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

एक बार साइन-अप करने के बाद, ट्रेड से जुड़ी जानकारी देने वाला ट्यूटोरियल आपको Binomo प्लेटफॉर्म के बुनियादी फंक्शन से परिचित कराएगा. ट्रेड के अनुमान की कला सीखने और अपने ट्रेडिंग कौशल को निखारने के लिए, आपको वर्चुअल $1000 वाला एक मुफ्त डेमो अकाउंट मिलता है. यह एक ऐसा डेमो अकाउंट है जो आपको अपनी वास्तविक पूंजी को जोखिम में डालने से पहले ट्रेडिंग को आजमाने की सुविधा देता है.
अगर आप नौसीखिए हैं तो जानिए शेयरों में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? | How to Start Online Trading in Hindi
How to Start your Trading Journey: अगर आप भी एक नौसीखिए है और शेयर मार्केट की दुनिया में ट्रेडिंग करना चाहते है तो यहां कुछ पॉइंट्स दिए गए है, जो आपको यह समझाने में मदद करेंगे कि शेयरों में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? (How to Start Online Trading in Hindi)
How to do Share Trading: मिलेनियल्स शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश की ओर रुचि बढ़ा रहे हैं। यह युवा लोगों के बीच भी अधिक लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि बाजार में निवेश करने से पहले किसी को ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? इस बारे में संक्षिप्त जानकारी होनी चाहिए कि बाजार में चीजें कैसे काम करती हैं। शेयर मार्केट एक बहुत ही जटिल संरचना है। लेकिन ज्ञान के द्वारा एक जटिल संरचना को भी सरल बनाया जा सकता है। यहां कुछ पॉइंट दिए गए हैं जो आपके ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने में मदद कर सकते हैं। तो आइए जानते है कि शेयरों में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? (How to Start Online Trading in Hindi)
1) एक रणनीति सीखें
निवेश रणनीतियों से निवेशकों को यह तय करने में मदद मिलती है कि जोखिम, अवधि, रिटायरमेंट, उद्योग की पसंद आदि के अनुसार कहां और कैसे निवेश करना है। निवेशक उद्देश्य के अनुसार अपनी निवेश योजनाओं को सीख और तैयार कर सकते हैं। इनमें से कोई भी रणनीति अपनी ट्रेडिंग यात्रा को शुरू करने के लिए शुरुआत के रूप में सीख सकती है।
2) एक सेल्फ कन्फर्मेशन सिस्टम विकसित करें
किसी भी राशि का निवेश करने से पहले सेल्फ कन्फर्मेशन का अर्थ है खुद को आश्वस्त करना। लागू रणनीति पर लाभ अर्जित करने के लिए आत्मविश्वास और आत्मविश्वास के साथ अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने के लिए सेल्फ कन्फर्मेशन एक ट्रिगर है।
3) रिस्क मैनेजमेंट
हर रणनीति रिस्क और अनिश्चितताओं के साथ आती है। रिस्क हर निवेश में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि कोई भी निवेशक अनावश्यक जोखिम नहीं लेना चाहता और नुकसान में डूबना नहीं चाहेगा। कुछ प्रकार के रिस्क लेने वाले निवेशक हाई रिस्क लेने वाले, मध्यम रिस्क लेने वाले और लो रिस्क लेने वाले निवेशक हैं। रिस्क मैनेजमेंट का अर्थ है न्यूनतम जोखिम लेना और लाभ अर्जित करना। एक बार जब निवेशक जोखिम का प्रबंधन करना जानता है, तो अपने वांछित व्यापार और लाभ के करीब एक कदम आगे बढ़ना आसान हो जाता है। कोई भी चुन सकता है कि हाई रिस्क लेना है, मीडियम रिस्क लेना है या कम रिस्क पर काम करना है।
बाजार में व्यापार शुरू करने से पहले नियमों को जानना बहुत जरूरी है। ट्रेड के नियमों को लिखने से निवेशक को ट्रेडिंग का सहज अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी। बाजार में बने रहने के लिए रूल्स और रेगुलेशन का पालन करना अनिवार्य है।
5) बैक टेस्ट
ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का मूल्यांकन करने में ट्रेडर बैक टेस्टिंग का उपयोग करते हैं। बैक टेस्टिंग सिमुलेशन के लिए रीयल-टाइम डेटा का उपयोग करने के बजाय हिस्टोरिकल डेटा का उपयोग करके लेनदेन का पुनर्निर्माण करता है, जैसा कि व्यापारी पेपर ट्रेडिंग के लिए उपयोग करेंगे। यह देखना है कि अतीत में कोई रणनीति सफल होती है या नहीं। परीक्षण का पूरा उद्देश्य व्यापारियों के लिए यह समझना है कि उनके व्यापारिक जोखिमों को कैसे कम किया जा सकता है और लाभ बढ़ाने के लिए काम किया जा सकता है।
अगर यह सही तरीके से किया जाता है, तो पॉजिटिव बैक टेस्टिंग रिजल्ट यह प्रदर्शित कर सकते हैं कि भविष्य में एक निश्चित रणनीति सफल हो सकती है जो आपको एक ट्रेडिंग मॉडल में अधिक विश्वास दिलाएगी। लेकिन अगर रिजल्ट पॉजिटिव नहीं हैं, तो आप या तो रणनीति को बदल सकते हैं या इसे खत्म कर सकते हैं।
6) नियम को मॉडिफाई करें
निवेशक बाजार में बदलाव के अनुसार नियमों या तैयार की गई रणनीतियों में बदलाव कर सकता है। यहां तक कि अगर कोई विशेष शेयर मौलिक रूप से महान है, तो संभावना है कि यह बाजार के प्रवाह के अनुसार अपनी प्रकृति को बदल सकता है। बाजार के रुझान के अनुसार नियमों को मॉडिफाई करना जरूरी है।
7) फिर से करें बैक टेस्ट
एक बार जब निवेशक नियमों को मॉडिफाई करता है तो निवेशक को फिर से टेस्ट करना पड़ता है। इससे निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने और अपने निवेश को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
8) छोटी पूंजी के साथ लाइव ट्रेडिंग
निवेशक छोटी पूंजी के साथ व्यापार करना शुरू कर सकता है जब वह पर्याप्त रूप से आश्वस्त हो और बाजार में काम करने के लिए हर संभव चीज को जानता हो। छोटी पूंजी के साथ व्यापार करने से निवेशक को लाइव ट्रेडिंग का अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा जो अंततः भविष्य की ट्रेडिंग एक्टिविटीज के लिए मदद करेगा।
9) बड़ी पूंजी के साथ ट्रेडिंग शुरू करें
एक बार जब निवेशक ने छोटे पूंजी निवेश के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है, तो वह बाजार में बड़ी पूंजी निवेश करने और व्यापार का विश्लेषण करने की ओर देख सकता है।
Binomo की मदद से खोलें नए वित्तीय अवसरों के द्वार
Binomo एक सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है और अंतर्राष्ट्रीय वित्त आयोग का "A" कैटगरी का सदस्य है.
पिछले एक दशक में ऐसी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइटों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है जो नए ट्रेडर के अलावा अनुभवी ट्रेडर को भी ए . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 29, 2022, 15:46 IST
मार्केट में नए जमाने के निवेश विकल्पों की भरमार होने से, ज्यादातर लोग पारंपरिक निवेश स्कीम जैसे कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए पैसे की सेविंग करने के बजाय ट्रेडिंग जैसे आधुनिक वित्तीय विकल्पों को अपना रहे हैं.
हमने पिछले कुछ वर्षों में टेक्नोलॉजी में एक जबर्दस्त तरक्की देखी है. बैंक में लंबी कतारों में खड़े होने और थकाऊ कागजी कार्रवाई करने से लेकर, ऐप के जरिए घर बैठे आराम से ऑनलाइन ट्रेडिंग करने तक हमने निवेश करने के तरीकों में भारी बदलाव देखा है.
पिछले एक दशक में ऐसी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइटों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है जो नए ट्रेडर के अलावा अनुभवी ट्रेडर को भी एक प्लेटफॉर्म प्रदान करती हैं. इसके अलावा, इनके जरिए आसानी से और बिना किसी झंझट के डिजिटल रूप से पेमेंट किए जा सकते हैं. इसलिए बहुत से लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग को कमाई का नया जरिया बनाने के लिए उत्सुक हैं.
Binomo ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? ऐसा ही आधुनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसने नए वित्तीय अवसरों के द्वार खोले हैं. आइए हम Binomo.com के बारे में और समझें कि आप इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते/सकती हैं.
Binomo क्या है?
Binomo उन नए ट्रेडर और विशेषज्ञों को एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जो ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं और अपने ट्रेडिंग कौशल को निखारना चाहते हैं. यह आपको, ऐप्लिकेशन की मदद से कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा देता है. Binomo ऐप के एंड्रॉइड वर्शन को Google Play Store से या iOS वर्जन को Apple के App Store से डाउनलोड किया जा सकता है.
Binomo पर ट्रेडिंग, स्टॉक मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग है. Binomo ट्रेडिंग, फिक्स्ड टाइम ट्रेड्स (एफटीटी) सिद्धांतों पर काम करती है, जिसे सटीक पूर्वानुमान के रूप में भी जाना जाता है. यहां, आप अनुमान लगा सकते/सकती हैं कि एक तय समय में किसी एसेट की कीमत बढ़ेगी या घटेगी. आपको अपने अनुमानों के आधार पर ही रिवॉर्ड मिलता है. अगर आपका अनुमान (यानी ट्रेड) सही है, तो आपको ट्रेड वैल्यू का 90% तक मिलेगा.
हालांकि, इस बात को ध्यान में रखा जाना जरूरी है कि सही अनुमान सही निर्णयों का नतीजा होते हैं. सही ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए, आपको चार्ट का विश्लेषण करने का तरीका सीखना होगा. साथ ही, प्रमुख इंडीकेटर और हर महत्वपूर्ण बात को समझना होगा. तार्किक विश्लेषण से ही सही अनुमान लगाए सकते हैं और इससे ही आप अतिरिक्त इनकम पा सकते हैं.
Binomo एक भरोसेमंद ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है
Binomo एक सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है और अंतर्राष्ट्रीय वित्त आयोग का “A” कैटगरी का सदस्य है. यह वेरिफाई माई ट्रेड द्वारा प्रमाणित है और ग्लोबल फाइनेंस और मार्केट में उत्कृष्टता के लिए, इसे 2015 का FE अवार्ड और 2016 का IAIR अवार्ड भी मिल चुका है.
Binomo अपने उपयोगकर्ता के डेटा की सुरक्षा की परवाह करता है. इसीलिए यह प्लेटफॉर्म SSL प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्सनल और फाइनेंशियल यूज़र डेटा एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित रहें.
Binomo प्लेटफॉर्म पर ट्रेड की शुरुआत कैसे की जा सकती है
Binomo प्लेटफॉर्म को इस मकसद से बनाया गया है, ताकि ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? उपयोगकर्ताओं को इसके इस्तेमाल में आसानी हो और ऑनलाइन ट्रेडिंग को ठीक से समझा जा सके. इसके लिए, उपयोगकर्ता के मुताबिक सीधी व चरण-दर-चरण रजिस्ट्रेशन प्रोसेस बनाई गई है.
Binomo पर ट्रेड करने के लिए, आपको बस अपना ईमेल पता दर्ज करना है या अपने Google खाते को Binomo ऐप से लिंक करना है, पासवर्ड सेट करना है, खाते के लिए करेंसी चुनना है, ग्राहक समझौते और गोपनीयता नीति की शर्तों को पढ़ना और उन्हें स्वीकार करना है. इसके बाद, आप ट्रेड कर सकते/सकती हैं.
एक बार साइन-अप करने के बाद, ट्रेड से जुड़ी जानकारी देने वाला ट्यूटोरियल आपको Binomo प्लेटफॉर्म के बुनियादी फंक्शन से परिचित कराएगा. ट्रेड के अनुमान की कला सीखने और अपने ट्रेडिंग कौशल को निखारने के लिए, आपको वर्चुअल $1000 वाला एक मुफ्त डेमो अकाउंट मिलता है. यह एक ऐसा डेमो अकाउंट है जो आपको अपनी वास्तविक पूंजी को जोखिम में डालने से पहले ट्रेडिंग को आजमाने की सुविधा देता है.
ट्रेडिंग की कला में महारत हासिल करने के बाद मात्र ₹350 का निवेश करके डेमो अकाउंट से रीयल ट्रेडिंग अकाउंट में स्विच किया जा सकता है.
निष्कर्ष
ऑनलाइन ट्रेडिंग में स्मार्ट शुरुआत के लिए, Binomo के साथ ऑनलाइन निवेश करने वाले 20 लाख से अधिक लोगों की कम्यूनिटी में शामिल हों.
(यह लेख Binomo की ओर से स्टूडियो 18 द्वारा लिखा गया है.)
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Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.
शेयर बाजार में करनी है एंट्री, ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद, जानें यहां
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं.
Share Market Investment: शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है, निवेशकों की बहार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है.ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट में ब्रोकर के जरिए निवेश करना चाहिए या खुद भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर खुद निवेश करते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन, कैसे निवेश करना चाहिए. निवेश के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी का क्या महत्व है. इन तमाम बातों के बारे में चर्चा कर रहे हैं Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ.ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
कैसे करें निवेश (How to Invest in Share Market)
ऑनलाइन निवेशक खुद ट्रेडिंग कर सकता है. जबकि, ऑफलाइन में ब्रोकर की सेवाएं लेनी पड़ेंगी. ऑफलाइन ट्रेडिंग में विशेष रूप से दलालों को निर्देश देते हैं. दलाल ब्रोकिंग एजेंसी पर निर्भरता बनाते हैं. ऑनलाइन खाते से ये निर्भरता खत्म हो जाती है.
डिस्काउंट ब्रोकर (Broker in Share Market)
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं. आपको निवेश या ट्रेडिंग की सलाह नहीं देते. ईमेल पर इलेक्ट्रोनिक कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलता है.
डिस्काउंट ब्रोकर कब चुनें
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं
फुल सर्विस ब्रोकर (Full Service broker in share market)
फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं. ये निवेश या ट्रेडिंग की सलाह देते हैं और IPO भरने की सुविधा-सलाह भी देते हैं. बाजार से जुड़ी खबरों के बारे में निवेशकों को बताना इनकी ड्यूटी होती है.
आपको बाजार की उथल-पुथल की समझ नहीं है और बाजार की हलचल नहीं समझ पाते हैं तो फुल सर्विस ब्रोकर का चुनाव बेहतर होता है.
ब्रोकिंग चार्जेज (Broking Brokerage Charges)
अक्सर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स रखते हैं. चार्जेज कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. इसलिए ब्रोकर को चुनने से पहले उसके चार्जेज के बारे में अच्छी तरह से पता कर लें.
ब्रोकर को चुनने से पहले उसके बारे में जान लें. बाजार में उसकी छवि कैसे, ये भी देख लें. ब्रोकर की सेवाओं, सुविधाओं से संतुष्ट होने पर ही उसकी सर्विस लें.
पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)
पावर ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? ऑफ अटॉर्नी एक लीगल डॉक्युमेंट होता है. दूसरे व्यक्ति को अकाउंट ऑपरेट करने का अधिकार मिलता है. पावर ऑफ अटॉर्नी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक अधिकार होता है.
शेयर मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? इन्वेस्टमेंट के दौरान कई बार पावर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. आप शेयर बेच रहे हैं या शेयर्स को प्लेज करना है, वहां पावर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? होती है. ऑनलाइन इन्वेंस्टमेंट के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. ऑफलाइन इन्वेस्टेमेंट में इंस्ट्रक्शन स्लिप भेजनी पड़ती थी. ऑनलाइन ब्रोकिंग में ऑफलाइन मेथड प्रभावी नहीं होता है.