फोरेक्स रणनीति

मौलिक और तकनीकी विश्लेषण में अंतर

मौलिक और तकनीकी विश्लेषण में अंतर
कुछ key lesson जो इस किताब में उन ट्रेडर्स के ट्रेडिंग स्टाइल में कॉमन हैं
1.Different Unique Trading style
2.Discipline in trades
3.Follow own Trading system
4.Risk Management

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का अर्थ, परिभाषाएं एवं क्षेत्र


साधारण शब्दों में तकनीकी का अर्थ है- शिल्प कला की क्रिया, शिल्प ज्ञान प्रणाली, ढंग अथवा विधि। शैक्षिक तकनीकी शब्द शिक्षा जगत में अपेक्षतया एक नया प्रत्यय है। इसको वर्तमान विचार धारा लगभग पिछले 12 वर्षों में हमारे सामने आयी है। शैक्षिक प्रौद्योगिकी का शब्द अंग्रेजी भाषा के एजूकेशनल टेक्नोलॉजी (Educational Technology) का हिन्दी रूपांतरण है। यह शब्द सर्वप्रथम वर्ष 1950 में नेशनल कौंसिल आल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी (National Council of Educaitonal Technology:NCET) ने इस शब्द की विस्तार से व्याख्या की।

NCET के अनुसार- ‘‘मानव अधिगम की प्रक्रिया का विकास विनियोग प्रणाली के मूल्यांकन, प्रविधियों एवं सहायक सामग्रियों के माध्यम से विकसित करना ही शैक्षिक तकनीकी है।’’


डॉ. एस.एस. कुलकर्णी के शब्दों में- ‘‘विज्ञान एवं तकनीकी के नियमों एवं नये-नये आविष्कारों को शिक्षा की प्रक्रिया में प्रयोग करने को शैक्षिक तकनीकी के रूप में जाना जाता है।’’

शैक्षिक तकनीकी का क्षेत्र

  1. शैक्षिक लक्ष्यों या उद्देश्यों का निर्धारण
  2. अध्यापन अधिगम प्रक्रिया का विश्लेषण
  3. व्यूह रचनाओं और युक्तियों का चयन
  4. दृश्य-श्रव्य सामग्री का चयन, उत्पादन और उपयोग
  5. पृष्ठ-पोषण में सहायक
  6. प्रणाली उपागम का उपयोग
  7. शैक्षिक तकनीकी और शिक्षक प्रशिक्षण
  8. सामान्य व्यवस्था, परीक्षण और अनुदेशन में प्रयोग
  1. सीखने की विधियों तथा प्रविधियों का क्रमबद्ध रूप में अधुनिकीकरण करना।
  2. निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए समुचित व्यूह रचनाओं का चयन एवं प्रयोग करना।
  3. प्रयोग के पश्चात मूल्यांकन करना।
  4. पाठ्य-वस्तु का विश्लेषण कर तत्वों एवं अंगों को क्रमबद्ध रूप प्रदान करना।
  5. शिक्षण-अधिगम की संपूर्ण प्रक्रिया में सुधार लाना।

शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व

जनसंख्या एवं ज्ञान के विस्फोट ने शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक तकनीकी के प्रवेश को अनिवार्य सा बना दिया है, विश्व के सभी देश आज शैक्षिक तकनीकी को अपनी को अपनी शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान दे रहे है। भारत में भी इसके महत्व को स्वीकार किया जा चुका है।

कोबरी कमीशन ने कहा है- ‘‘पिछले कुछ वर्षों में भारतीय स्कूलों में कक्षा अध्ययन को पुन: अनुप्राणित करने की प्रविधि पर काफी ध्यान दिया गया है। बुनियादी शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य, प्राथमिक स्कूलों के समूचे जीवन तथा कार्य-कलापों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना तथा बालक के शरीर, मन एवं आत्मा का उत्कृष्ट और सर्वांगीण विकास है।’’

Best books to learn stock market

ट्रेडिंग और निवेश की दुनिया में, ट्रेडिंग या चार्ट विश्लेषण के लिए अच्छी किताबें और सर्वश्रेष्ठ चार्टिंग सॉफ्टवेयर का होना जरूरी है। क्योंकि अगर कोई एक अच्छा निवेशक बनना चाहता है तो उसे निवेश से संबंधित किताबें पढ़नी चाहिए ताकि वे वहां नॉलेज हासिल कर सकें और एक निवेशक के रूप में अधिक जानकार बन सकें और उसे एक बेहतर निवेशक बना सकती है। निवेश, व्यापार और मौलिक/तकनीकी विश्लेषण पर बहुत सारी किताबें लिखी गई हैं। लेकिन निवेश के लिए कुछ अहम् किताबें जिसे कई निवेशक पढ़ना चाहते हैं।

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Best Books 2022 On Invest ing

Investment के लिए वैसे तो बहुत सी किताबें लिखी जा चुकी हैं और हर एक किताब से सीखने को मिलता हैं पर कुछ बेहद पॉपुलर और बेस्ट बुक्स के बारे में हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेगे !!

The Intelligent Investor -Investing की दुनिया में सबसे पॉपुलर और अच्छी किताबो में “The Intelligent Investor” शुमार हैं। यह किताब Mr.Benjamin Graham द्वारा लिखी गयी हैं।Benjamin Graham को Father of Value Investing के नाम से भी जाना जाता हैं । इस किताब में Stock Market के Value Investing में दी गयी सबसे अच्छी किताबो में से एक हैं इस किताब में कुछ गहरी बातें बताई गयी हैं जो वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में बताती हैं और स्टॉक कैसे चुनने चाहिए एक वैल्यू इन्वेस्टर के तौर पर। यह किताब एक वैल्यू इन्वेस्टर के तोर पर स्टॉक के फंडामेंटल के बारे में बताती हैं और Investing और Speculation के अंतर को समझाती हैं मुख्यत इस किताब में तीन अहम् बिंदु हैं जो के इस प्रकार हैं।

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Trading पे काफी किताबें लिखी जा चुकी हैं क्यूंकि एक कामयाब ट्रेडर बनने के लिए टेक्निकल के साथ ट्रेडिंग psychology और रिस्क मैनेजमेंट बहुत मायने रखता हैं। और ये सब सही नॉलेज और एक्सपीरियंस से आता हैं और किताबें नोलेज का भंडार होती हैं। एक नए ट्रेडर के लिए अपनी ट्रेडिंग स्किल को बेहतरीन करेने के लिए किताब एक अच्छा माध्यम हो सकती हैं।ऐसे ही कुछ ट्रेडिंग बुक्स जो इस सेक्शन में बताई जा रही हैं।

Trading For A मौलिक और तकनीकी विश्लेषण में अंतर Living-Trading For A Living किताब स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के ऊपर लिखी गयी किताबो में से एक हैं यह किताब Mr.Alexander Elder द्वारा लिखी गयी हैं जो की एक प्रोफेशनल ट्रेडर हैं । यह किताब इंडिविजुअल की ट्रेडिंग और साइकोलॉजी के बारे में बताती हैं। इस किताब में तीन अहम् बिंदु हैं जो इस प्रकार हैं

व्यापार और निवेश मौलिक और तकनीकी विश्लेषण में अंतर के बीच अंतर!

शेयर बाजार में दो सेगमेंट हैं, यानी प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार। प्रश्न: व्यापार और निवेश के बीच क्या अंतर है? द्वितीयक बाजार में, मूल रूप से जारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री होती है। द्वितीयक बाजार के प्रतिभागियों को व्यापारियों, निवेशकों और सट्टेबाजों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। व्यापार और निवेश के बीच सीमांकन की एक पतली रेखा है जो पैसा खर्च करते समय प्रतिभागी के इरादे में निहित है, यानी एक निवेशक पैसे के बारे में एक निश्चित विचार के साथ पैसा निवेश करता है वापसी, या उत्पादन उत्पन्न किया। तो अब, पूरी तरह से पढ़ें, व्यापार और निवेश के बीच अंतर!

दूसरी चरम पर, पैसा कमाने के उद्देश्य से व्यापारियों द्वारा व्यापार किया जाता है। उनके पास खरीदारी या बिक्री के साथ कुछ लेना देना नहीं है, वे सभी खरीदना चाहते हैं जब सुरक्षा की कीमत कम हो और जब कीमत बढ़ जाती है तो लाभ कमाने के लिए बेचते हैं।

तुलना – व्यापार और निवेश के बीच:

तुलना के लिए आधार व्यापार निवेश
अर्थ व्यापार, मूल्य के लिए स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से, दो पक्षों के बीच वित्तीय उपकरणों की खरीद और बिक्री को संदर्भित करता है। निवेश का मतलब योजना, परियोजना, नीति या योजना में धन आवंटित करना है, जो भविष्य में रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम है।
अवधि मध्यम से कम अवधि मध्यम से लंबी अवधि
साधन तकनीकी विश्लेषण मौलिक विश्लेषण
से संबंधित दिन-प्रतिदिन बाजार की प्रवृत्ति दीर्घकालिक लाभप्रदता क्षमता
जोखिम शामिल उच्च तुलनात्मक रूप से कम
खर्च करने का समय स्टॉक की नियमित निरंतर ट्रैकिंग की आवश्यकता होती है। निवेश पर सक्रिय घड़ी की आवश्यकता है।
कर लगाना अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर योग्य नहीं है, निवेश के अधीन एक वर्ष से अधिक के लिए आयोजित किया जाता है।

गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा

7 year old Laxmi (left) with her best friend and classmate Swapna (right), at Government Secondary School in Chitri Block, Dungarpur District, Rajhastan. They love coming to school as they get to spend time with one another.

शिक्षा की खराब गुणवत्‍ता से भारत में शिक्षा के खराब परिणाम आ रहे हैं, जिससे अंतत: बच्‍चे शिक्षा प्रणाली से बाहर हो जाते हैं और उनके बाल श्रमिक बनने, शोषण और हिंसा का शिकार होने की संभावनाएं बढ़ती हैं। अनेक कक्षाएं अब भी अध्‍यापक केन्द्रित हैं - जिनमें बच्‍चों को रटाना, शारीरिक दण्‍ड देना और उनके साथ भेदभाव आम बात है।

शिक्षा संबंधी मूल्‍यांकन दर्शाते हैं कि स्‍कूलों मौलिक और तकनीकी विश्लेषण में अंतर में पढ़ने वाले अधिकांश बच्‍चों में पढ़ने-लिखने और गणना का बुनियादी कौशलनहीं हैअथवा वे शिक्षा काअधिकार अधिनियम में निर्धारित सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी ज्ञान और कौशल नहीं सीख रहेहैं।

मौलिक और तकनीकी विश्लेषण में अंतर

सा.का.नि. 1052 --राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थातः-

  1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ--
    1. इन नियमों का संक्षिप्त नाम राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 है।
    2. इनका विस्तार, तमिलनाडु राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है।
    3. ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे।
    1. 'अधिनियम' से राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) अभिप्रेत है;
    2. 'केन्द्रीय सरकार के कार्यालय' के अन्तर्गत निम्नलिखित भी है, अर्थातः-
    3. केन्द्रीय सरकार का कोई मंत्रालय, विभाग या कार्यालय;
    4. केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किसी आयोग, समिति या अधिकरण का कोई कार्यालय; और
    5. केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में या नियंत्रण के अधीन किसी निगम या कम्पनी का कोई कार्यालय;
    6. 'कर्मचारी' से केन्द्रीय सरकार के कार्यालय में नियोजित कोई व्यक्ति अभिप्रेत है;
    7. 'अधिसूचित कार्यालय' से नियम 10 के उपनियम (4) के अधीन अधिसूचित कार्यालय, अभिप्रेत है;
    8. 'हिन्दी में प्रवीणता' से नियम 9 में वर्णित प्रवीणता अभिप्रेत है ;
    9. 'क्षेत्र क' से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड़, उत्तराखंड राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
    10. 'क्षेत्र ख' से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;
    11. 'क्षेत्र ग' से खंड (च) और (छ) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
    12. हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान' से नियम 10 में वर्णित कार्यसाधक ज्ञान अभिप्रेत है ।
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