किसी देश की मुद्रा क्या है

इंग्लैंड, फ्रांस, चीन और भारत के केंद्रीय बैंकों ने क्रिप्टो करेंसीज में निवेश नहीं करने की सलाह जारी की है। दो अमेरिकी राज्यों अलास्का और इडाहो ने भी नॉर्थ अमेरिकन सिक्योरिटीज एडमिनिस्ट्रेशन के एक सर्वे के आधार पर चेतावनी जारी की है। किसी देश की मुद्रा क्या है यह संस्था अमेरिका के 50 राज्यों, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, प्यूर्टो रिको, यूएस वर्जिन आइलैंड्स, कनाडा और मैक्सिको के कुल 67 राज्यों, प्रांत और क्षेत्रीय सिक्योरिटीज एडमिनिस्ट्रेशन का स्वैच्छिक संगठन है।
भारत की करेंसी से आप इन देशों में भी कर सकते हैं शॉपिंग, जानिए किन देशों में मान्य है रुपया
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 14 Aug 2021 02:03 PM (IST)
अमेरिकी डॉलर को पूरी दुनिया में सबसे ताकतवर करेंसी के रूप में जाना जाता है. दुनिया के काफी सारे देश अमेरिकी डॉलर में ही अपना बिजनेस करते हैं. करीब 85 फीसदी बिजनेस डॉलर के जरिए ही होता है. इसलिए इसे इंटरनेशनल बिजनेस करेंसी भी कहा जाता है. लेकिन किसी देश की मुद्रा क्या है कई लोगों के जहन में ये सवाल अक्सर आता है कि क्या डॉलर की तरह भारतीय रुपया भी किसी देश में मान्य है या नहीं. अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है तो आज हम आपको इसका जवाब देंगे. तो चलिए जानते हैं इसका जवाब क्या है.
इन देशों में चलती है इंडियन करेंसी
दरअसल दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां औपचारिक और अनौपचारिक तरीके से भारतीय करेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. भारतीय रुपया बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव के कई इलाकों में अनौपचारिक तौर पर स्वीकार किया जाता है. हालांकि इन देशों में भारतीय रुपये को लीगल करेंसी की मान्यता प्राप्त नहीं है. इन देशों में भारतीय करेंसी को स्वीकार इसलिए किया जाता है, क्योंकि भारत इन देशों को बड़ी मात्रा में सामान का निर्यात करता है.
भारत की मुद्रा क्या है। Bharat Ki Mudra
जैसा कि हम सब जानते हैं भारत एक विकासशील देश है जो प्रगति की ओर बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। परंतु आज भी यह देश अन्य देशों के मुकाबले बहुत पीछे हैं। अमेरिका, चीन, दुबई, जापान किसी देश की मुद्रा क्या है आदि देश सिर्फ technology में आगे नहीं है बल्कि इनकी मुद्राएं भी भारतीय मुद्रा से आगे रहती हैं। परंतु भारत की मुद्रा और इसका चिन्ह क्या है। इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। इसलिए इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय मुद्रा क्या है और international market में इसकी वैल्यू क्या है। चलिए शुरू करते हैं।
भारत की मुद्रा के बारे में जानकारी
भारत की मुद्रा “भारतीय रुपया” है। भारतीय मुद्रा का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह “₹” है जिसको 15 जुलाई 2010 को जारी किया गया था। इससे पहले भारतीय रुपया को “रु” से दर्शाया जाता था। परंतु 2010 में Indian government ने इसे एक प्रतीक चिन्ह में बदलने की सोची जिसे iit गुवाहाटी के एक प्रोफेसर ने इसे डिजाइन किया। उन प्रोफेसर का नाम डी. उदय कुमार है। जिन्होंने भारत के प्रतीक चिन्ह को डिजाइन किया है।
भारत के भारतीय प्रतीक चिन्ह किसी देश की मुद्रा क्या है को डिजाइन करने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 300 से ज्यादा आवेदन गवर्नमेंट को प्राप्त हुए थे जिनमें से यह प्रतीक चिन्ह चुना गया था।
वर्तमान समय में भारतीय रुपयों को भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नियामक और जारी किया जाता है।
और वर्तमान समय में भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा भारत में एक रुपए के सिक्के ₹2 ₹5 के सिक्के 10 का सिक्का एवं 50, 100, 200, 500, और 2000 का नोट जारी किए गया है।
अवैधानिक मुद्रा में व्यापार
By Sandip Sen
Published: Thursday 15 March 2018
वर्ष 2017 के शुरुआती दिनों में बिटक्वायंस और क्रिप्टो करेंसीज के बारे में लोग बहुत कम जानते थे। ये साल के अंत तक एक बड़ी घटना बन गई। 2017 तक एक बिटक्वायन का मूल्य 900 से 19,000 डॉलर तक हो गया और अब 40 प्रतिशत तक गिर गया है। यह 17 जनवरी को लक्समबर्ग-स्थित बिटस्टैम्प एक्सचेंज में 10,000 डॉलर के बराबर था। इसने तीव्र अस्थिरता दिखाई। हालांकि, इसे किसी भी देश द्वारा मान्यता नहीं दी गई है, फिर भी क्रिप्टो करेंसीज ने अनिवार्य मान्यता प्राप्त कर ली है और विश्व कमोडिटी बाजार में अपना रास्ता मजबूत कर लिया है। आप इससे सिनेमा टिकट से लेकर गैजेट्स किसी देश की मुद्रा क्या है और पेट्रोल तक खरीद सकते हैं।
हिन्दी वार्ता
बड़ा प्रचलित व्यंग है “भारतीय रुपया सिर्फ एक ही समय उपर जाता है और वो है टॉस का समय”
आज कल रुपये के गिरते भाव के कारण काफ़ी हो हल्ला मचा हुआ है! भारतीया मुद्रा यानी रुपया का मूल्य डॉलर के मुक़ाबले काफ़ी कम हो चुका है! पर क्या आप जानते हैं कि क्या है वो वजह जिसकी वजह से रुपया का मूल्य प्रभावित होता है और कैसे आप देशहित में रुपये को मजबूत करने में अपना योगदान दे सकते हैं! चलिए हम आपको बताते हैं ये सारा गणित. वो भी बिलकुल आसान भाषा में!
बड़ा ही सीधी सी थियरी है. भारत के पास जितना कम डॉलर होगा, डॉलर का मूल्य उतना बढ़ेगा! भारत या कोई भी देश अपने ज़रूरत की वस्तुए या तो खुद बनाते हैं या उन्हें विदेशों से आयात करते हैं और विदेशो से कुछ भी आयात करने के लिए आपको उन्हें डॉलर में चुकाना पड़ता है! उदाहरण के तौर पर यदि किसी देश से आप तेल का आयात करना चाहते हैं तो उसका भुगतान आप रुपये में नही कर सकते. उसके लिए आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य किसी मुद्रा का प्रयोग करना होगा. तो इसका मतलब ये है कि भारत को भुगतान डॉलर या यूरो में करना होगा!
रुपये को मजबूत करने के लिए क्या किया जा सकता है
1. निर्यात बढ़ाया जाए जिससे की विदेशी मुद्रा की प्राप्ति हो. उत्पादन बढ़ाए जाएँ जिससे की अधिक से अधिक निर्यात हो सके
2. स्वदेशी अपनाओ- विदेशो में बनने वाली ८० पैसे की ड्रिंक यहाँ १५ से २० रुपये में बेचा जाता है! यदि हम स्वदेशी वस्तुओं या प्रयोग करना शुरू कर दें तो इन विदेशी वस्तुओं को आयात करने का खर्च बच जाएगा.
3. तेल का विकल्प- हम बड़ी मात्रा में तेल का आयात करने पर मजबूर हैं क्युकि देश में तेल का उत्पादन माँग के अनुसार नही है. यदि हम तेल पे आश्रित अपनी अर्थव्यवस्था को बदलने की कोशिश करें तो विदेशी भंडार एक बहुत बड़ा हिस्सा हम बचा सकते हैं और इसके लिए हमें तेल के विकल्पों पर विचार करना चाहिए१
4. भारतीयो का स्वर्ण प्रेम- सोना से लगाव काफ़ी पुराना है. विवाह या पर्व त्योहारो पर सोने की माँग में अत्प्रश्चित वृद्धि देखी जाती है जिससे हमारा आयात बिल बढ़ता है!
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