फोरेक्स रणनीति

खरीदारी की मुद्रा

खरीदारी की मुद्रा
Key Points ग्रेहम का नियम:

3 शेयरों में दिख रही 'सबसे ज्यादा आक्रामक' एफआईआई खरीदारी!

जब भी विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) किसी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हैं, तो वे अक्सर उचित परिश्रम के बाद ऐसा करते हैं क्योंकि उनके दांव हजारों करोड़ रुपये के होते हैं। उनके पास अनुसंधान करने के लिए सर्वोत्तम संसाधन भी होते हैं जो आमतौर पर छोटे निवेशकों की पहुंच से बाहर होते हैं। इसलिए, उनके राडार पर मौजूद स्टॉक्स को सड़क पर बारीकी से देखा जाता है।

उस क्रम में, यहां मैं आपको निफ्टी 500 इंडेक्स की शीर्ष तीन कंपनियों के बारे में बताने जा रहा हूं, जिन्होंने पिछले 6 महीनों में सबसे ज्यादा एफआईआई ब्याज हासिल किया है, जैसा कि उनके शेयरधारिता पैटर्न द्वारा दर्शाया गया है।

मैक्स हेल्थकेयर लिमिटेड

मैक्स हेल्थकेयर (NS: MAXE ) सूची में पहली कंपनी है और अनिवार्य रूप से 40,861 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ एक अस्पताल श्रृंखला है। वित्त वर्ष 2012 में कंपनी के मुनाफे में चौंका देने वाली वृद्धि शायद एफआईआई ब्याज का एक बड़ा निर्धारक था, क्योंकि शुद्ध आय 539.8% से बढ़कर 605.05 करोड़ रुपये हो गई। वित्त वर्ष 2017 में यह आंकड़ा महज 15.79 करोड़ रुपये था, जो 5 साल के सीएजीआर 107.3% को दर्शाता है। अब यह कुछ है!

मार्च 2022 तक कंपनी में 14.23% की हिस्सेदारी रखने वाले FII ने सितंबर 2022 तक 49.27% ​​तक अपनी रुचि बढ़ा दी है, जिससे यह पिछले 6 महीनों में इन संस्थागत निवेशकों के बीच पसंदीदा बन गया है। दूसरे शब्दों में, इस अस्पताल श्रृंखला का खरीदारी की मुद्रा लगभग आधा हिस्सा अब FII के स्वामित्व में है।

ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड

सूची में अगला स्थान एक स्मॉल-कैप कंपनी है जो डिजिटल मार्केटिंग सेवाएं प्रदान करती है, और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और सेवाओं के विकास में लगी हुई है - ब्राइटकॉम ग्रुप (NS: BRIH ), जिसका बाजार पूंजीकरण INR 7,265 करोड़ है। कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 22 में सालाना आधार पर 74.4% बढ़कर 5,017.37 करोड़ रुपये हो गया, जिसके परिणामस्वरूप शुद्ध आय में 88.8% की वृद्धि के साथ 912.21 करोड़ रुपये हो गई, जो अब तक का सबसे अधिक है।

सेक्टर के 6.खरीदारी की मुद्रा 58 के औसत की तुलना में स्टॉक भी 1.37 के पी / बी अनुपात के साथ काफी कम मूल्य वाला लगता है। शेयरधारिता के मोर्चे पर, एफआईआई ने दिसंबर 2021 तक अपनी रुचि को 1.87% से बढ़ाकर जून 2022 तक 13.55% कर दिया, जो 6 महीनों में 11.68% की वृद्धि दर्शाता है। सितंबर 2022 तिमाही का विवरण अभी सामने नहीं आया है।

डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड

डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड (NS: REDY ) तीसरी कंपनी है जिसने पिछले 6 महीनों में ( निफ्टी 500 से) सबसे अधिक FII खरीदारी देखी है। यह 75,001 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण और 0.67% की लाभांश उपज के साथ एक दवा कंपनी है। पिछले 5 वर्षों में, कंपनी का शुद्ध लाभ क्षेत्र के औसत 3.92% की तुलना में 11.05% की वार्षिक दर से बढ़ा है, और इसने वित्त वर्ष 22 में INR 2,182.5 करोड़ का लाभ कमाया है, जो वित्त वर्ष 2015 के बाद से सबसे अधिक है।

मार्च 2022 तिमाही तक, FII का कंपनी में 25.16% का ब्याज था जो सितंबर 2022 तिमाही तक बढ़कर 36.34% हो गया। वास्तव में, डीआईआई की भी अच्छी 11.86 फीसदी हिस्सेदारी है, जो एक साल पहले 9.23% थी।

Haj Yatra : सऊदी अरब में हज यात्री बेफिक्र कर सकेंगे खरीदारी, विदेशी मुद्रा के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान

हज यात्रियों के बेफिक्र सफर और खरीदारी के लिए भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में बदलने की व्यवस्था हज हाउस में ही की गई है। प्रत्येक यात्री यहां 10 हजार डालर यानी करीब 7 लाख 60 हजार रुपये को सऊदी रियाल में बदलवा सकता है।

हज यात्रा

सऊदी अरब में हज यात्रियों को खरीदारी करने के लिए विदेशी मुद्रा के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। हज यात्रियों के बेफिक्र सफर और खरीदारी के लिए भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में बदलने की व्यवस्था हज हाउस में ही की गई है। प्रत्येक यात्री यहां 10 हजार डालर यानी करीब 7 लाख 60 हजार रुपये को सऊदी रियाल में बदलवा सकता है।

गौरतलब है कि हज कमेटी ऑफ इंडिया देश भर से हज पर जाने वाले प्रत्येक यात्री को सऊदी अरब में विदेशी मुद्रा की जरूरत को पूरा करने के लिए 2100 सऊदी रियाल खर्च के लिए मुहैया कराती है। हालांकि ये रियाल हज यात्रियों से लिए किए जाने वाले हज खर्च की धनराशि में पहले ही जोड़ लिया जाता है।

यूपी से हज पर जाने वाले प्रत्येक यात्री को 2100 रियाल देने की जिम्मेदारी बाम्बे मर्केंटाइल बैंक को दी गई है। बैंक ने हज यात्रियों को सऊदी रियाल वितरित करने के लिए हज हाउस के मुख्य हॉल में काउंटर खोला है। यहां पर हज यात्रियों के पासपोर्ट व टिकट देखकर रियाल वितरित किए जा रहे हैं। बैंक कर्मचारी नूर आजमी ने बताया कि बैंक ने हज यात्रियों को करेंसी एक्सचेंज की सुविधा दी है।

हज यात्री 10 हजार डालर के बराबर की रकम के बदले सऊदी रियाल ले सकते हैं। वर्तमान समय में एक डालर की विनिमय दर करीब 76 रुपये है। ऐसे में प्रत्येक हज यात्री अधिकतम 7 लाख 60 हजार रुपये तक की मुद्रा को सऊदी रियाल बदलाव सकता है।

बुधवार को 278 हज यात्री मदीना रवाना
हज यात्रा के तीसरे दिन बुधवार को 278 हज यात्रियों को दोपहर 3.25 बजे उड़ान संख्या एसवी 5737 से मदीना के लिए रवाना किया गया। हज कमेटी सचिव एसपी तिवारी ने बताया कि हज यात्रियों के ग्रुप में 156 पुरुष और 122 महिलाएं शामिल हैं।

विस्तार

सऊदी अरब में हज यात्रियों को खरीदारी करने के लिए विदेशी मुद्रा के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। हज यात्रियों के बेफिक्र सफर और खरीदारी के लिए भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में बदलने की व्यवस्था हज हाउस में ही की गई है। प्रत्येक यात्री यहां 10 हजार डालर यानी करीब 7 लाख 60 हजार रुपये को सऊदी रियाल में बदलवा सकता है।

गौरतलब है कि हज कमेटी ऑफ इंडिया देश भर से हज पर जाने वाले प्रत्येक यात्री को सऊदी अरब में विदेशी मुद्रा की जरूरत को पूरा करने के लिए 2100 सऊदी रियाल खर्च के लिए मुहैया कराती है। हालांकि ये रियाल हज यात्रियों से लिए किए जाने वाले हज खर्च की धनराशि में पहले ही जोड़ लिया जाता है।

यूपी से हज पर जाने वाले प्रत्येक यात्री को 2100 रियाल देने की जिम्मेदारी बाम्बे मर्केंटाइल बैंक को दी गई है। बैंक ने हज यात्रियों को सऊदी रियाल वितरित करने के लिए हज हाउस के मुख्य हॉल में काउंटर खोला है। यहां पर हज यात्रियों के पासपोर्ट व टिकट देखकर रियाल वितरित किए जा रहे हैं। बैंक कर्मचारी नूर आजमी ने बताया कि बैंक ने हज यात्रियों को करेंसी एक्सचेंज की सुविधा दी है।

हज यात्री 10 हजार डालर के बराबर की रकम के बदले सऊदी रियाल ले सकते हैं। वर्तमान समय में एक डालर की विनिमय दर करीब 76 रुपये है। ऐसे में प्रत्येक हज यात्री अधिकतम 7 लाख 60 हजार रुपये तक की मुद्रा को सऊदी रियाल बदलाव सकता है।


बुधवार को 278 हज यात्री मदीना रवाना
हज यात्रा के तीसरे दिन बुधवार को 278 हज यात्रियों को दोपहर 3.25 बजे उड़ान संख्या एसवी 5737 से मदीना के लिए रवाना किया गया। हज कमेटी सचिव एसपी तिवारी ने बताया कि हज यात्रियों के ग्रुप में 156 पुरुष और 122 महिलाएं शामिल हैं।

किन देशों में भारतीय करेंसी मान्य है और क्यों?

क्या आप जानते हैं कि दुनिया का लगभग 85% व्यापार अमेरिकी डॉलर की मदद से होता है? दुनिया भर के लगभग 39% क़र्ज़ अमेरिकी डॉलर में दिए जाते हैं और कुल डॉलर की संख्या के 65% का इस्तेमाल अमेरिका के बाहर होता है. इसलिए विदेशी बैंकों और देशों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर की ज़रूरत होती है. यही कारण है कि डॉलर को 'अंतरराष्ट्रीय व्यापार करेंसी' भी कहा जाता है.

Indian Currency

डॉलर को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल करेंसी कहा जाता है. कोई भी देश डॉलर में भुगतान लेने को तैयार हो जाता है. लेकिन खरीदारी की मुद्रा क्या इस तरह का सम्मान भारत की मुद्रा रुपया को मिलता है. जी हाँ, भले ही ‘रुपये’ को डॉलर जितनी आसानी से इंटरनेशनल ट्रेड में स्वीकार ना किया जाता हो लेकिन फिर भी कुछ ऐसे देश हैं जो कि भारत की करेंसी में आसानी से पेमेंट स्वीकार करते हैं. आइये इस लेख में इन सभी देशों के नाम जानते हैं.

भारतीय रुपया नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव के कुछ हिस्सों में अनौपचारिक रूप से स्वीकार किया जाता है. हालाँकि भारतीय रुपये को लीगल करेंसी के रूप में जिम्बाब्वे में स्वीकार किया जाता है.

भारत की करेंसी को इन देशों में करेंसी के रूप में इसलिए स्वीकार किया जाता है क्योंकि भारत इन देशों को बड़ी मात्रा में वस्तुएं निर्यात करता है. यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि जब कोई करेंसी "अंतरराष्ट्रीय व्यापार करेंसी" बनती है तो उसके पीछे सबसे बड़ा मूल कारण उस देश का 'निर्यात' होता है 'आयात' नहीं.

इस लेख में यह बताना जरूरी है कि नीचे दिए गए देशों में जिम्बाब्वे को छोड़कर किसी अन्य देश ने भारत की मुद्रा को ‘लीगल टेंडर’ अर्थात वैधानिक मुद्रा का दर्जा नहीं दिया है लेकिन भारत के पड़ोसी देश केवल आपसी समझ (mutual understanding) के कारण एक दूसरे की मुद्रा को स्वीकार करते हैं. इन देशों में मुद्रा का लेन देन मुख्यतः इन देशों की सीमाओं से लगने वाले प्रदेशों और उनके जिलों में ही होता है.

आइये अब विस्तार से जानते हैं कि किन-किन देशों में भारतीय रुपया मान्य/स्वीकार किया जाता है और क्यों?

1. जिम्बाब्वे: वर्तमान में जिम्बाब्वे की अब अपनी मुद्रा नहीं है. वर्ष 2009 में दक्षिणी अफ्रीकी देश ने अपनी स्थानीय मुद्रा, जिम्बाब्वे डॉलर को त्याग दिया था क्योंकि इस देश में हाइपर-इन्फ्लेशन के कारण देश की मुद्रा के मूल्य में बहुत कमी आ गयी थी. इसके बाद इसने अन्य देशों की मुद्राओं को अपने देश की करेंसी के रूप में स्वीकार किया है. वर्तमान में इस देश में अमेरिकी डॉलर, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, चीनी युआन, भारतीय रुपया, जापानी येन, दक्षिण अफ़्रीकी रैंड और ब्रिटिश पाउंड का इस्तेमाल किया जाता है. इस देश में भारत की मुद्रा रुपया को लीगल करेंसी के रूप में वर्ष 2014 से इस्तेमाल किया जा रहा है.

zimbawbe market

2. नेपाल: भारत के एक रुपये की मदद से नेपाल के 1.60 रुपये खरीदे जा सकते है. भारत के नोट नेपाल में कितनी बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किये जाते हैं इसका अंदाजा सिर्फ इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि जब 2016 में भारत ने नोट्बंदी की थी तब वहां पर लगभग 9.48 अरब रुपये मूल्य के भारतीय नोट चलन में थे. भारत के व्यापारी को एक भारतीय रुपये के बदले ज्यादा नेपाली मुद्रा मिलती है इसलिए भारत के व्यापारी नेपाल से व्यापार करने को उत्सुक रहते हैं.

nepal

यदि दोनों देशों के बीच व्यापार की बात करें तो वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 11 महीनों के दौरान नेपाल से भारत में भेजा गया कुल निर्यात लगभग 42.34 अरब रुपये का था जबकि भारत द्वारा नेपाल को इसी अवधि में लगभग 731 अरब रुपये का निर्यात भेजा गया था.

नेपाल ने दिसम्बर 2018 से 100 रुपये से बड़े मूल्य के भारतीय नोटों को बंद कर दिया है लेकिन 200 रुपये से कम के नोट बेधड़क स्वीकार किये जा रहे हैं.

3. भूटान: इस देश की मुद्रा का नाम ‘नोंग्त्रुम’ (Ngultrum ) है. यहाँ पर भारत की मुद्रा को भी लेन-देन के लिए स्वीकार किया जाता है. भूटान के कुल निर्यात का लगभग खरीदारी की मुद्रा 78% भारत को निर्यात किया जाता है. सितम्बर 2018 तक भूटान की ओर से भारत को तकरीबन 14,917 मिलियन नोंग्त्रुम का आयात भेजा गया था जबकि इस देश द्वारा भारत से लिया गया निर्यात लगभग 12,489 मिलियन नोंग्त्रुम था. भारत का पड़ोसी देश होने के कारण इस देश के निवासी भारत की मुद्रा में जमकर खरीदारी करते हैं क्योंकि इन दोनों देशों की मुद्राओं की वैल्यू लगभग बराबर है और इसी कारण दोनों मुद्राओं के बीच विनिमय दर में उतार चढ़ाव से होने वाली हानि का कोई डर नहीं होता है.

4. बांग्लादेश: इस देश की मुद्रा का नाम टका है. वर्तमान में भारत के एक रुपये के बदले बांग्लादेश के 1.14 टका खरीदारी की मुद्रा खरीदे जा सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार तकरीबन 9 अरब डॉलर के पार चला गया था. बांग्लादेश के द्वारा भारत को किया जाने वाला व्यापार भी लगभग 900 मिलियन डॉलर के करीब पहुँच गया था. इस प्रकार स्पष्ट है कि बांग्लादेश में भारत का रुपया बहुत बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है.

5. मालदीव: ज्ञातव्य है कि 1 भारतीय रुपया 0.21 मालदीवियन रूफिया के बराबर है. मालदीव के कुछ हिस्सों में भारत की करेंसी रुपया को आसानी स्वीकार किया जाता है. भारत ने 1981 में मालदीव के साथ सबसे पहली व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किए थे. विदेश व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी) की हालिया अधिसूचना के अनुसार, मालदीव को भारत का 2017-18 में कुल निर्यात लगभग 217 मिलियन डॉलर था, जो पिछले वर्ष में लगभग $197 मिलियन था.

maldive

इस प्रकार ऊपर लिखे गए लेख से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत की मुद्रा को उसके पडोसी देशों में आसानी से स्वीकार किया जाता है. इसके पीछे मुख्य कारण इन देशों की एक दूसरे पर व्यापार निर्भरता है. हालाँकि रुपये को लीगल टेंडर का दर्जा सिर्फ जिम्बाब्वे ने दिया है.

ग्रेशम का नियम स्पष्ट करता है कि

Key Points ग्रेहम का नियम:

  • ग्रेहम का नियम कहता है कि " बुरी मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है जब दोनों पूर्ण कानूनी निविदा होती हैं"।
  • "बुरी मुद्रा" शब्द का अर्थ नकली सिक्के नहीं है। यह उन सिक्कों को संदर्भित करता है जो टूटे हुए, कटे हुए या कम भार के होते हैं।
  • जब "अच्छी मुद्रा" और "बुरी मुद्रा" दोनों उपयोग में होती हैं, तो लोग "अच्छी मुद्रा" की जमाखोरी करते हुए "बुरी मुद्रा" का उपयोग खरीदारी के लिए करेंगे।
  • मनुष्यों की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है कि वे अच्छे सिक्के रखते हैं और कुछ पुराने और खराब हो चुके सिक्कों को त्याग देते हैं।

Share on Whatsapp

Last updated on Sep 22, 2022

UP TGT (Trained Graduate Teacher) application window closed on 16th July 2022. In this year's recruitment cycle a total of 3539 vacancies were released. Willing candidates having the required UP TGT Eligibility Criteria can apply for the exam. This is a golden opportunity for candidates who want to get into the teaching profession in the state of Uttar Pradesh.

रेटिंग: 4.95
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 758
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *