शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है?

शेयर ब्रोकर क्या है, Stock broker meaning in Hindi
यदि आप शेयर मार्केट में काम करते है या करना चाहते है तो आज के इस पोस्ट में हम आप सभी को स्टॉक ब्रोकर के बारे में जानकारी देंगे की शेयर ब्रोकर क्या है और इनका काम क्या होता है यदि कोई शेयर ब्रोकर बनना चाहे तो इसके लिए क्या प्रोसेस है योग्यता क्या होनी चाहिए आदि कुछ महत्वपूर्ण जानकारी शेयर ब्रोकर के बारे में। Stock broker kya hai
stock broker kya hai in Hindi
शेयर ब्रोकर एक वित्तीय पेशेवर होता है और इसका काम इनके ग्राहकों की ओर से बाजार में ऑर्डर एक्सीक्यूट करना होता है, यानि जब हम किसी भी शेयर को Buy या sell करते है तो हमारा ब्रोकर हमारे शेयर के आर्डर को एनएसई या बीएसई एक्सचेंज पर हमारे दिए गए आर्डर को मार्केट में एक्सीक्यूट करना होता है, शेयर मार्केट में एक शेयर ब्रोकर को एक रजिस्टर्ड प्रतिनिधि या एक निवेश सलाहकार के रूप में भी जाना जाता है।
या एक तरह से ऐसा भी कह सकते है की उस ब्रोकर या दलाल उस व्यक्ति या संस्था को कहते हैं, जो शेयर लेने वाले और शेयर बेचने वाले बीच शेयर की खरीददारी या बिकवाली कराने में मदद करता है, और जब शेयर की डिल तय हो जाती है, तो इसके बदले में शेयर ब्रोकर को इसके लिए तय commission मिलता है।
ब्रोकर प्रत्येक शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? क्षेत्र में होते है जहा भी किसी भी चीज की खरीददारी या बिकवाली होती है तो वहां पर कोई न कोई ब्रोकर होता है, जिसके माध्यम से चीजों को ख़रीदा और बेंचा जाता है।
Share broker ki jarurat kab padti hai
मै आपको जानकारी के लिए बता दूँ की जब भी आप वित्तीय बाजार में शेयर ट्रेडिंग या किसी भी शेयर में पैसे इन्वेस्ट करने जाते है तो आप डायरेक्ट किसी भी कंपनी का शेयर buy या sell नहीं कर सकते है इसके लिए आपको इस शेयर ब्रोकर की आवस्यकता होती है आपको किसी भी प्रमाणित शेयर ब्रोकर के पास अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवाते है और आप अपने ब्रोकर से किसी भी शेयर को buy या sell करने के लिए कहते है।
तो आपका ब्रोकर आपके बताय शेयर को उसके प्राइस पर खरीदता है और आपके द्वारा ओपन करवाए गए डीमैट अकाउंट में आपके शेयर को रखता है और जब आप अपने शेयर को sell करना चाहते है तो आपको फिर से शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? अपने शेयर ब्रोकर के आप पर या उसको फोन करके sell के लिए कहना होता है तो आपका ब्रोकर आपके शेयर को एनएसई या बीएसई एक्सचेंज पर आपके शेयर को किसी दूसरे ग्राहक को बेच देता है।
Share broker kaise bane
यदि कोई भी ब्यक्ति शेयर ब्रोकर बनना चाहते है तो आप बहुत ही आसानी से एक ब्रोकेट बन सकते है इसके लिए पहले आपको ये समझना होगा की शेयर मार्केट में कितने तरह से ब्रोकर होते है, तो मै आपको जानकारी के लिए बता दूँ की शेयर मार्केट ,में शेयर ब्रोकर मुख्यतः दो ही प्रकार से होते है पहला ब्रोकर और दूसरा शेयर ब्रोकर।
ब्रोकर
शेयर मार्केट में ब्रोकर बनने के लिए किसी भी व्यक्ति को सब पहले सेबी से रजिस्टर्ड होना पड़ता है, सेबी में रजिस्टर्ड होने के लिए जब आप आवेदन करते है तो सेबी बहुत कुछ चेक करती है , जैसे जो ब्यक्ति रेजिस्ट्रेशन किया है उसके पास ऑफिस है या नहीं, और ब्रोकर के लिए जो भी ग्राहक को देने वाली सभी सुविधा के लिए माध्यम है, और सेबी में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पूरा करने के बाद सेबी की तरफ से आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है
फिर आपको स्टॉक एक्सचेंज पर एनएसई और बीएसई में मेम्बर सिप लेनी होती है , इसके लिए आपको मेंबर सिप फीस और सेक्योरिटी डिपोसिट भरना होता है, और इसके लिए आपको उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए और आपके पास किसी भी ब्रोकर के पास काम करने का 2 वर्ष का एक्सपीरियंस प्रमाण पत्र होना चाहिए।
ब्रोकर
सब ब्रोकर के पास किसी भी प्रकार का ब्रोकिंग फर्म नहीं होता यह शेयर ब्रोकर के हिसाब पर काम करता है, इसमें पेपर वर्क कम लगता है और पैसे भी बहुत कम लगते है, इसके लिए आपको बस स्टॉक एक्सचेंज के साथ रजिस्टर्ड होना पड़ता है, और ये भी आपको खुद से रजिस्ट्रेशन नहीं करना होता आपका रजिस्ट्रेशन आपका ही करवा का देता है जिसके पास आप सब ब्रोकर बनने जा रहे है।
इसके लिए आपको 12 पास होना जरूरी है, और आपके पास आपकी बेसिक डिटेल होनी चाहिए तभी आप सब ब्रोकर के लिए आवेदन कर सकते है, और इसके लिए आपको 2 से 3 हजार रुपये भी देना होता है।
सब ब्रोकर बनने के बाद आप जितने ज्यादा अपने अंडर में डीमैट अकाउंट ओपन करवाते है तो उस अकाउंट से जनरेट ब्रोक्रेज में से आपको कुछ कमीशन आपका ब्रोकर देता है।
भरतीये शेयर बाजार के कुछ लोकप्रिय शेयर ब्रोकर
क्र.सं. | Zerodha |
1. | Upstox |
2. | ICICIdirect |
3. | Angel Broking |
4. | 5paisa |
5. | Sharekhan |
6. | Motilal Oswal |
7. | Alice Blue |
8. | HDFC Securities |
9. | Groww |
10. | Kotak Securities |
Zerodha
Zerodha शेयर ब्रोकर को भारत का नंबर 1 शेयर ब्रोकर माना जाता है, और ये भारत के साथ साथ और भी देशों में फैला है, इसी स्थापना 15 August 2010 को हुई थी, और इसमें लगभग 1100+ इम्प्लॉय है और इस ब्रोकर को 5 मिलियन से भी ज्यादा लोग इस्तेमाल करते है, और इसका मुख्यालय भारत में बंगलौर में और कर्नाटक में है और इसकी ऑफिसियल वेबसाइट https://zerodha.com/ है।
Upstox
upstox भी भारत के प्रमुख ब्रोकर कंपनीयों में से एक है, और यह लगभग 15 वर्षो से ब्रोकिंग की सेवा प्रदान कर रहा है upstox में आप aap के माध्यम से ट्रेडिंग कर सकते है और इसके लिए लगभग 5 ;मिलियन से भी ज्यादा एक्टिव यूजर है।
upstox के मालिकाना हक़ मुंबई के एक RKSV Securities Pvt Ltd कंपनी के पास है और उसके फाउंडर व सीओ रवि कुमार और रघु कुमार जी है।
ICICIdirect
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ब्रोकर की गिनती भी भारत के बड़े ब्रोकरेज हाउस में की जाती है, इसके करीब 50 लाख ग्राहक हैं, और इसके लिए एमडी और सीईओ विजय चंडोक जी है, और इस कंपनी में अपना कारोबार मई 1995 में शुरू किया था।
Angel Broking
angel ब्रॉकिंग ब्रोकर की गिनती भी भारत के बड़े ब्रोकरेज हाउस में की जाती है, इसकी स्थापना 8 August 1996 में की गई थी और इसके संस्थापक Dinesh D. Thakkar जी है और इसका मुख्यालय Ackruti Trade Center, Andheri (E), Mumbai, Maharashtra India में है। इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://www.angelone.in/ है।
ऊपर जो भी ब्रोकर आपको बताये गए है सभी फिलहाल टॉप पर काम कर रहे है, आपको जिस भी ब्रोकर के पास अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवाना चाहते है आप इनकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जा कर उनसे संपर्क कर सकते है और आपके अकाउंट को ओपन करवाने का प्रोसेस जान सकते है।
इस लेख में आपने सीखा Share broker kya hai और Stock broker meaning in Hindi हमें उम्मीद है ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा
अक्सर बहुत सारे शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले लोगों के मन में ये सवाल जरूर आता है। अगर (Broker भाग जाए तो) Upstox, Zerodha, Groww, Paytm Money भाग जाए या बंद हो जाए तो Demat Account में पड़े आपका शेयर का क्या होगा।
लोग अपना पैसा शेयर मार्केट इस कारण लगाते है कि आने वाले समय में उसको अच्छा मुनाफा कमाई। लेकिन जब आपका Stock Broker जहा पर आप Trading & Demat Account खोला है, भाग जाता है या बंद हो जाता हैं तो ऐसे में आपका शेयर का क्या होगा। आज हम इस पोस्ट की माध्यम से जानेंगे शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा।
आपको सबसे पहले जानना बहुत जरूरी है Demat और Trading Account होता क्या है
Demat और Trading Account दोनों अलग अलग अकाउंट होता हैं। जब आप किसी Stock Broker के पास Demat & Trading Account खोलते है तो आपको एक ही डॉक्यूमेंट से दोनों अकाउंट खोल देते हैं।
Trading Account का काम होता है शेयर खरीदना और बेचना। लेकिन Demat Account का काम होता है जो होल्डिंग में खरीदा गया शेयर उसको स्टोर करना।
आपका स्टॉक ब्रोकर आपके जो Demat Account है उसको Stock Depository के पास ले जाकर खोल देता हैं। भारत के अंदर दो Stock Depository है एक CDSL और दूसरा NSDL। आपका Stock Broker जिस भी Stock Depository से जुड़ा होगा उसमे Demat Account खोलेगा। आप जब शेयर खरीदेंगे और बेचेंगे उसके 2 दिन बाद देखेंगे आपको CDSL या NSDL से Mail आएगा। जिससे आपको Mail आ रहा है आप समझ जाए उसमे आपका Demate Account खुला हैं।
Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा:-
आपको पता चल ही गया होगा आपने जो भी शेयर खरीदा वो स्टॉक ब्रोकर के पास नहीं होता Stock Depository (NSDL, CDSL) के पास जाता हैं। अगर आपका Stock Broker भाग जाए तो आपको बिल्कुल चिंता करने की जरुरत नहीं हैं। आपका शेयर सही सलामत Stock Depository के पास हैं।
शेयर कैसे अपने पास लाए:-
जब आपका स्टॉक ब्रोकर भाग जाता है तब आपको एक नया Demat Account खोलना है उसके बाद आप Stock Depository के पास एक एप्लीकेशन भेजेंगे। आपके पास Pard Card और DP id होना चाहिए. आप Pan card और DP id के आधार पर DIS Slip भरने के बाद आप Stock Depository भेजेंगे पुराने अकाउंट से नए Demat Account में शेयर को ट्रांसफर करने के लिए। इस एप्लीकेशन देने के बाद आपका शेयर नए Demat Account में आ जायेगा. उसके बाद आप जब साहे शेयर बेच सकते हैं।
Trading बैलेंस का क्या होगा:-
मान लीजिये आपने शेयर खरीदने के लिए Trading Account में पैसा भरा लेकिन शेयर खरीदने से पहले ही Broker भाग गया या बंद हो गया। इसके लिए SEBI ने बनाया है Investor Protection Fund अगर आप ज्यादा समय खर्च करे बिना तुरंत Claim कर दोगे तो आपको Maximum 15 लाख तक मिल सकता हैं। आपने यदि Claim थोड़ा देर से किया लेकिन 3 साल के पहले तो आपको claim देना चाहिए या नहीं फैसले लेने के बाद ही होगा। 3 साल बाद आप यदि Claim करोगे तो आपको कोई भी पैसा नहीं मिलेगा।
ज्यादातर ट्रेडर का पैसा हर समय Trading Account में रहता हैं। इन्वेस्टर को इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
Demat और Trading Account खोलने से पहले ध्यान रखे:-
बड़े ब्रोकर को ही सुने:-
आपको ऐसे ब्रोकर के साथ Demat Account बिल्कुल नहीं खुलाना चाहिए जिसका ग्राहक कम हो ऐसे ब्रोकर कभी भी बंद हो सकता हैं। जिसका नाम और काम अच्छा है आपको एसी ब्रोकर के साथ अपना Demat और Trading Account खोल सकते हैं।
Demat Account खोलने के लिए भरोसेमंद Broker Upstox पर अकाउंट खोल सकते हैं। Open Account here
रजिस्टर ब्रोकर है या नहीं:-
Demate Account खोलने के लिए आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए SEBI के साथ ब्रोकर का रजिस्टर हुआ है या नहीं। आपको Broker का रजिस्टर नंबर जरुर देखना चाहिए।
किसी भी Broker के साथ जुड़ने से पहले आपको जागृत होना बहुत जरुरी है। आपको पता होना चाहिए शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा। कैसे अपना पैसा निकाल सकते हैं।
आशा करता हु आप पोस्ट की जरिये अच्छी तरह से समझ गयी हैं। शेयर मार्केट से जुडी और भी बातें सीखने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें
मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं. इस साल अब तक 3 ब्रोकर डिफॉल्टर हुए हैं.
ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ये डिफॉल्ट ज्यादातर ब्रोकरों द्वारा क्लाइंट सिक्योरिटीज और फंड के दुरुपयोग का परिणाम है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तरह की प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए और कड़े मानदंडों की शुरुआत की है. जिसके बाद ये ब्रोकर उसकी अनुपालन नहीं कर सके और डिफॉल्टर हो गए.
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने वाले हैं तो ब्रोकर चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.
1. अपने मार्जिन पर ट्रेड करें
सबसे पहले, जिस बात का निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए वो क्लाइंट मार्जिन के अलगाव और आवंटन से जुड़ा है. रेगुलेटर द्वारा यह एक बड़ा कदम है जो 2 मई से प्रभावी होगा.
वर्तमान में ग्राहकों की व्यक्तिगत सीमा तय करना ब्रोकर के हाथ में है. ब्रोकर देखता है कि पिछले सप्ताह तीन ग्राहकों ने लेन-देन नहीं किया है, तो वह सात ग्राहकों के बीच अपनी 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित कर सकता है. इसे ऐसे समझें, ब्रोकर ग्राहकों के एक समूह से संबंधित धन का उपयोग दूसरों के लेन-देन के लिए कर सकता है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए नियम इस तरह के मामलों पर नजर रखेगी. 2 मई से ब्रोकरों को CCIL की बेवसाइट पर एक फाइल अपलोड करनी होगी. जिसमें शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? प्रत्येक ग्राहक को दी जाने वाली सीमा का ब्रेक-अप देना होगा. इस जानकारी के आधार पर CCIL यह सुनिश्चित करेगा कि कोई ग्राहक अपनी व्यक्तिगत सीमा से अधिक पोजीशन न लें.
Zerodha के COO वेणु माधव कहते हैं, "इन मानदंडों की शुरूआत का मतलब यह होगा कि कोई ग्राहक दूसरे ग्राहकों की सीमा का उपयोग करके उसके द्वारा जमा किए गए मार्जिन से अधिक की पोजीशन नहीं ले सकेगा."
2. फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा
अब फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा पेश की गई है. ब्रोकरों को न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा फ्लोटिंग नेट वर्थ भी शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? मेंटेन करना होगा. मान लीजिए की एक ब्रोकर का एवरेज कैश बैलेंस 10,000 करोड़ रुपये है, उसे अब 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ बनाए रखना होगा. ब्रोकरों को फरवरी 2023 तक इस मानदंड का पालन करना होगा.
3. भुगतान में देरी से सावधान रहें
ब्रोकर के साथ खाता खोलने से पहले ऑनलाइन रिव्यू जरूर पढ़ें. एक्सचेंजों की वेबसाइटों पर ब्रोकर के खिलाफ शिकायतों की जांच करें. यदि आपको भुगतान में देरी, धन के गलत प्रबंधन, या अनधिकृत ट्रेडों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं, तो उस ब्रोकर से बचें. हाई लीवरेज के वादे के साथ ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करने वाले किसी भी ब्रोकर से बचना चाहिए.
4. ब्रोकिंग चार्जेज का ध्यान रखें
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
5. अन्य सेवाओं की जानकारी
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.
क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।
उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।
दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार
जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।
अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।
इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।
शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार
तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।
अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।
इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।
10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?
जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।