क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है?

इन्वेस्टोपीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य आम लोगों को एक लीगल और सुविधाजनक डिजिटल करेंसी मुहैया कराना है, ताकि उन्हें सुरक्षा संबंधी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
भास्कर एक्सप्लेनर: कैसा होगा RBI का 'डिजिटल रुपया', क्या ये लेगा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की जगह? जानिए सब कुछ
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा की है। यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यानी CBDC होगी। RBI इस डिजिटल करेंसी को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉन्च करेगा। डिजिटल रुपया, या CBDC को डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही भारत इस तरह से आधिकारिक तरीके से अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा।
ऐसे में आइए जानते हैं कि CBDC क्या है? सरकार को इसकी जरूरत क्यों पड़ी? आम लोगों के लिए यह कितना सुरक्षित और फायदेमंद होगा?
सवाल : डिजिटल करेंसी CBDC को कौन लॉन्च करेगा?
Budget 2022 Digital currency: डिजिटल करेंसी का आप लोगों को क्या फायदा? जानें क्रिप्टो करेंसी से यह कैसे अलग
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 02 फरवरी 2022, 10:16 AM IST)
- डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है
- डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है- रिटेल और होलसेल
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बजट के दौरान कई बड़े ऐलान किए. इसमें एक बड़ा ऐलान है डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का. बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी यानी 'डिजिटल रुपी' की बात कही. वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-2023 की शुरुआत में ही RBI की डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा. इस पर RBI की तरफ से काम जारी है. सरकार का मानना है कि डिजिटल इकनॉमी के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा. लेकिन ये डिजिटल करेंसी क्या है. इसका इस्तेमाल कैसे होगा. इसे लेकर आमजन के मन में कई सवाल हैं. 8 प्वॉइंट में समझते हैं डिजिटल करेंसी और इसके फायदे.
ये होती है डिजिटल करेंसी , ऐसे होता है इस्तेमाल
1- डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है
2- इसे रिजर्व बैंक जारी करता है, इसे सरकार की मान्यता मिलती है
3 - ये केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है
4 - इसकी खासियत ये है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है
5 - भारत के मामले में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं
6 - क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है-रिटेल और होलसेल
7 - रिटेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं
8- होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं के ज़रिए किया जाता है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिजिटल करेंसी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और दूसरी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए पेश किया जाएगा. ये डिजिटल इकोनॉमी को बिग बूस्ट देगा. साथ ही करेंसी मैनेजमेंट को ज्यादा इफीशिएंट और कम लागत वाला बनाएगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही लॉन्च कर दिया जाएगा.
डिजिटल करेंसी के क्या हैं फायदे
- ये कम खर्चीली है. ट्रांजैक्शन भी तेजी से हो सकते हैं.
- डिजिटल करेंसी के मुकाबले करंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च और लेन-देन की लागत अधिक है
- डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक खाते की जरूरत नहीं है, ये ऑफलाइन भी हो सकता है
- डिजिटल करेंसी पर सरकार की नजर रहेगी. डिजिटल रुपी की ट्रैकिंग हो सकेगी, जो कैश के साथ संभव नहीं है
- रिजर्व बैंक के हाथ में होगा कि डिजिटल रुपया कितना और कब जारी करना है.
- मार्केट में रुपए की अधिकता या कमी को मैनेज किया जा सकेगा.
1- डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है
2 - क्रिप्टो करेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट है, ये किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं है
3 - बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है
RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया
रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए. यानी डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए इंटर मीडियरीज की जरूरत होगी.
मार्च से शुरू होने जा रहे नए वित्त वर्ष में शॉपिंग करने के लिए पर्स में कागज के नोट रखकर बाजार जाने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि आप डिजिटल रुपी के ज़रिए सभी तरह के पेमेंट कर सकते हैं. (आजतक ब्यूरो)
क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत की अधिकारिक मुद्रा
डिजिटल करेंसी
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 फरवरी 2022,
- (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)
भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी
2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते हैं.
क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
Digital Rupee-सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 01, 2022, 18:48 IST
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में डिजिटल रुपी लाने की घोषणा की थी.
होलसेल सेगमेंट के लिए रुपी पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया गया है.
डिजिटल रुपी को बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.
नई दिल्ली. भारत का पहला सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) पायलट प्रोजेक्ट आज यानि मंगलवार, 1 नवंबर से शुरू हो गया है.भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) मंगलवार को होलसेल सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए डिजिटल रुपी का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. आरबीआई की रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट चुनिंदा जगहों में एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी.