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दलाल कैसे बने?

दलाल कैसे बने?
बता दें कि जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत बलिया जिले में मालवाहक जहाजों, वातानुकूलित क्रूज को ठहरने के लिए अभी तीन जगह सामुदायिक जेटी लगानी है। मेहुली घाट पर भी जेटी लगाने की मांग सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने की है। पहली जेटी सरयां में स्थापित कर दी गई है। अब मझौवां, कंसपुर और शिवपुर गंगा तट पर जेटी लगाई जानी है।हालांकि सरायकोटा में अभी जेटी पर सहमति नहीं बन पाई है। जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक ने बताया कि जेटी का निर्माण वाराणसी में हो रहा है। इसे शहर के गंगा तट पर स्थापित किया जाएगा। इसकी जानकारी पर्यटन विभाग को जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।

दलाल कैसे बने?

जिस जनता के दिल में
सपनों का लोकतंत्र पहले था आया,
उसके ही दिल गर धंसे हुए हों,
आज़ाद व्योम के संघर्षों में सुख न पाते अब
स्वावलंबी स्वर्णिम स्वराज से ऊबचुके हों,
कनक बेड़ियों में बौराए. डूब चुके हों,
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

जिस जनता का भाल तिलक बन,
लोकतंत्र बल पाता है,
उस जनता के शीश झुके हों,
कमर झुकी और पैर डिगे हों,
हाथ कटोरा लेकर अर्पण को,
चारण बन चरणन पे नयन टिके हों,
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

फूस झोपड़ी में जनता और
प्रतिनिधि राजा से राजमहल में बसें हुए हों,
पैसा लेकर पूछें सवाल औ
दल की व्हिप से कसे हुए हों,
तिस पर तुर्रा हो रुआब का,
अपनी ही जनता से कटे हुए हैं,
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

कोई बलात्कार का आरोपी,
कोई कालिख का पक्का दलाल,
कोई नफ़रत का सौदागर तो
कोई बाहुबली कालों का काल,
ये प्रतिनिधियों की दलाल कैसे बने? सभा चुनी हैं
या चुना नुक्कड़-ए-बदख्याल,
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

टोपी, तिलक, तराजू लेकर,
अगड़ी-पिछड़ी बाजू लेकर,
फसल काटने कई हैं आए,
कटने को तैयार खडे़ हम,
हम को चुनना था प्रतिनिधि हम,
जाति औ मजहब चुन आए,
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

सतरंगी हैं इन्द्रधनुष हम,
सुर-सागर सा देश हमारा,
सप्तम-पंचम जितने सुर हैं,
अंतिम-प्रथम सभी सुर प्यारे,
हर सुर का हर गान हमारा
एकरंगी-एकताला होकर
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

जनता खातिर, जनता द्वारा,
जनता की सरकार है प्यारे,
तुम तो सिर्फ प्रतिनिधि हमारे,
जनता खातिर चुने गए हो,
जन सपनों से बुने गए हो,
इस परिभाषा में आशा के जो बीज छिपे हैं,
ग़र वे बरगद न बनने पाए तो
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

न राजनीति न सत्ता कोई,
न नेता न जनता कोई,
चौखम्भों पर खड़ा राष्ट्र जो,
लोकनीति पर बढ़ा राष्ट्र जो,
वही पथिक लोकतंत्र कहाए,
जब तक बात बने न ऐसी
बोलो, लोकतंत्र कैसे बल पाए ?

लेखक संपर्क

अरुण तिवारी
146, सुन्दर ब्लाॅक, शकरपुर, दिल्ली -110092
[email protected]
9868-793-799

दलाल कैसे बने?

लाइसेंस हेतु नियम एवं शर्तें

  • लाइसेंस धारी उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 और तदैन बनायी गई नियमावली और लाइसेंस जारी करने वाली मण्डी समिति की उपविधियों के उपबन्धों का पालन करेगा।
  • लाइसेंस धारी अधिनियम नियमावली तथा मण्डी समिति की उपविधियों के किन्हीं भी उपबन्धों के उपवचन दलाल कैसे बने? अथवा् उल्लंघन की अनुज्ञा न देना और को भी उपवचन या उल्लंघन जो उसकी जानकारी में आये उसकी लिखित सूचना मण्डी समिति को देगा।
  • लाइसेंस धारी अपने कारोबार का संचालन न्यायगत व्यवहार के सिद्धान्तों के आधार पर ईमानदारी और उचित रूप से करेगा
  • लाइसेंस धारी निर्दिष्ट कृषि उत्पादन के सम्बन्ध में ऐसे प्रपत्रों में ऐसे लेखे रखेगा और ऐसी विवरणियाँ प्रस्तुत करेगा जो समय-समय पर मण्डी समिति द्वारा निर्दिष्ट की जाय।
  • लाइसेंस धारी समस्त सौंदों को जैसे ही वह हो जायें अभिलेखों में दर्ज करेगा तथा स्टाफ की स्थिति के अनुसार अभिलेखों को अद्यावधि रखेगा।
  • लाइसेंस धारी लाइसेंस के अधीन किसी कारोबार के सौदों के लिए जिसमें कृषि उत्पादन के संग्रह अथवा् प्रक्रिया भी सम्मिलित है। लाइसेंस के लिए दिये गये प्रार्थना पत्र में उल्लिखित भू-गृहादि के अतिरिक्त जब कभी कोई भू-गृहादि बढ़ायेगा अथवा् उसमें परिवर्तन करेगा तो उसकी लिखित सूचना मण्डी समिति को देगा।
  • लाइसेंस धारी मण्डी समिति को पूर्व लिखित सूचना दिये बिना किसी भी व्यक्ति को जिसका नाम लाइसेंस के लिए दिये गये प्रार्थना पत्र में न हो अपने नियमित प्रदत्त रोजगार में नहीं लेगा।
  • लाइसेंस धारी सचिव तथा किसी भी अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी का जो मण्डी समिति द्वारा लाइसेंस धारी के लेखों और स्टाफ की जांच करने के लिए प्राधिकृत किया गया हो, समस्त उचित सुविधायें देने की व्यवस्था करेगा।
  • लाइसेंस धारी मांगने पर अपना लाइसेंस सभापति सचिव अथवा् मण्डी समिति द्वारा तदर्थ प्राधिकृत अन्य किसी व्यक्ति को प्रस्तुत करेगा।
  • लाइसेंस धारी ऐसी कार्यवाहियों अथवा् व्यवहारों में निरत न होगा जो निर्दिष्ट कृषि उत्पादन के विक्रय तथा क्रय विनियम के लिए हानिकर हो।
  • लाइसेंस धारी किसी लाइसेंस प्राप्त दलाल, तोलक, मापक या पल्लेदार को अपने नियमित प्रदत्त कर्मचारी के रूप में न तो रखेगा न बने रहने देगा।
  • लाइसेंस धारी अपनी दुकान पर विक्रय अथवा् संग्रह के लिए लाये गये निर्दिष्ट कृषि उत्पादन की सुरक्षित अभिरक्षा तथा उसके संरक्षण के लिए उत्तरदायी होगा।
  • लाइसेंस धारी प्रतियोगिता को हटाने के लिए क्रेताओं के साथ मिलकर कोई समुच्चय (चववस) अथवा् संयोजन नहीं बनायेगा तथा विक्रेता को उसके उत्पादन के उचित मूल्य से वंचित करने के लिए ऐसा करने का न कोई प्रयास करेगा और न उसके लिए उकसायेगा।
  • लाइसेंस धारी यदि वह व्यापारी है मण्डी स्थल में निर्दिष्ट कृषि उत्पादन के लिए किये गये नीलामों में उपस्थिति होने से न तो स्वयं जानबूझकर अलग रहेगा और न अपने प्राधिकृत किसी प्रतिनिधि को अलग रहने देगा।
  • लाइसेंस धारी अपने कारोबार के भू-गृहादि के किसी प्रमुख स्थान पर अपना लाइसेंस प्रदर्शित करेगा।
  • लाइसेंस धारी मण्डी स्थल में निर्दिष्ट कृषि उत्पादन की बिक्री तथा क्रय के सम्बन्ध में न तो स्वयं बहिष्कार करेगा और न किसी अन्य लाइसेंस धारी के बहिष्कार को प्रोत्साहित करेगा।
  • लाइसेंस धारी अधिनियम नियमावली तथा उपविधियों के अधीन मण्डी समिति के सभापति या सचिव द्वारा समय-समय पर जारी किये गये आदेषों तथा निर्देषों का पालन करेगा।
  • लाइसेंस धारी से जब मण्डी समिति अथवा् उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा अपेक्षा की जाय तो अपने कारोबार से समयबद्ध विशयों पर ठीक-ठीक सूचना देगा।
  • लाइसेंस धारी यदि उसके पास मण्डी स्थल का लाइसेंस है निर्दिष्ट कृषि उत्पादन को केवल मण्डी स्थल में ही क्रय करेगा। मण्डी स्थल के बाहर मण्डी क्षेत्र में निर्दिष्ट कृषि उत्पादनों के विक्रय, क्रय, संग्रह, तौलने या प्रक्रिया हेतु किसी स्थान व्यवस्था करने के लिए पृथक लाइसेंस लेना आवष्यक होगा।
  • लाइसेंस धारी यदि वह फुटकर व्यापारी है किसी भी निर्दिष्ट कृषि उत्पादन को किसी एक समय में उपविधि की धारा 20 के अन्तर्गत से अधिक न तो क्रय करेगा न संग्रह करेगा।
  • लाइसेंस धारी यदि ग्राम व्यापारी है निर्दिष्ट कृषि उत्पादन को मण्डी क्षेत्र में कहीं भी सिवाय मण्डी स्थल के विक्रय नहीं करेगा।

उद्देश्य

  • मण्डी विनियमन का उद्देश्य व्यापार में असुविधा उत्पन्न करना नहीं बल्कि उससे उत्पादन कर्ता एवं व्यापारी तथा उपभोकता के हित में चलाना है।
  • विनियमित मण्डी में उत्पादन की शुद्धता एवं सफाई पर विषेश ध्यान दिया जाता है, जिससे वह आकर्षक बनकर अधिक मूल्य ही प्राप्त नहीं करती वरन् मण्डी को दूर-दूर तक प्रतिष्ठित भी करती है।
  • मण्डी में विक्रेता से आढ़त, धर्मादा, कर्दा, मण्डी शुल्क फालतू तौल या कोई अन्य कटौती लेना या आरोपित करना जुर्म है।

इस वेबसाइट पर सामग्री राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित और प्रबंधित की जाती है। इस वेबसाइट के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए, "वेब सूचना प्रबंधक" से संपर्क करें

बलिया का जिला अस्तपाल बना ‘दलालों’ का अड्डा, डॉक्टर की जगह खुद लिख रहे दवाईयां!

बलिया का जिला अस्तपाल दलालों का अड्डा बन गया है। आप चाहें अस्पताल में इलाज कराने जाएं या दवाईयां लेने जाएं, इन दलालों से सामना हो ही जाता है। दिन प्रतिदिन दलाल अपना एरिया बढाते जा रहे हैं। पहले अस्पताल के गेटों पर डटे रहने वाले दलाल अब चिकित्सकों की ओपीडी में तक हावी हो चुके हैं।

आलम यह है कि पर्ची पर डॉक्टर की बजाय दलाल ही दवा लिख रहे हैं। जब मरीज या उनके तीमारदार विरोध करते हैं तो दलाल अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। कई बाद दलालों और तीमारदारों में कहासुनी व हाथापाई तक हो जाती है, लेकिन दलालों के जोर के चलते अस्पताल प्रशासन इन विवादों में हस्तक्षेप नहीं करता।

सरकार स्वास्थ्य विभाग को आधुनिक उपकरण व विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती जिला अस्पतालों में धीरे-धीरे कर रही है। जिसके तहत जिला अस्पताल में सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे, पैथालाजी शुरू हो चुकी है। उधर, जिला अस्पताल प्रशासन के उदासीनता के कारण चिकित्सक मनमाने ढंग से ओपीडी में बैठते हैं।

चिकित्सकों की ही लापरवाही का नतीजा है कि दलाल अस्पताल के ओपीडी में तक हावी हैं और आधे डॉक्टर बन बैठे हैं। मरीजों को सुई-दवा लिखने का काम कर रहे हैं। वहीं प्रभारी सीएमएस डा. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। अगर इस तरह का मामला है तो प्रत्येक ओपीडी तथा अस्पताल परिसर में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

बलियाः टोंस नदी के कटान से बचाने के लिए 7 करोड़ की लागत से हो रहा है काम

शेर-ए-बलिया चित्तू पांडेय पार्क की बदलेगी तस्वीर, सौंदर्यीकरण का हो रहा काम

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बलियाः खराब सड़कों की फोटो खींचेंगे रोडवेज के कर्मचारी, जिला मुख्यालय भेजी जाएगी रिपोर्ट

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बलिया- 17 नवंबर से लगेगा ददरी मेला, होगा कृषक संगोष्ठी का आयोजन

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बलिया में दिसंबर से होगा क्रूज का संचालन, लगेगा सैलानियों का मेला!

November 16, 2022

बलिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन कार्ययोजना पर काम कर रहा है। खास बात यह है कि दिसंबर से जिले में क्रूज का संचालन शुरु हो जाएगा। 11 नवंबर को जिले में पहली जेटी का उद्घाटन हो चुका है। अब शहर के नजदीक कंसपुर में जेटी लगाई जाएगी।

बता दें कि जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत बलिया जिले में मालवाहक जहाजों, वातानुकूलित क्रूज को ठहरने के लिए अभी तीन जगह सामुदायिक जेटी लगानी है। मेहुली घाट पर भी जेटी लगाने की मांग सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने की है। पहली जेटी सरयां में स्थापित कर दी गई है। अब मझौवां, कंसपुर और शिवपुर गंगा तट पर जेटी लगाई जानी है।हालांकि सरायकोटा में अभी जेटी पर सहमति नहीं बन पाई है। जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक ने बताया कि जेटी का निर्माण वाराणसी में हो रहा है। इसे शहर के गंगा तट पर स्थापित किया जाएगा। इसकी जानकारी पर्यटन विभाग को जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।

उजियार घाट पर जाने के बाद बलिया की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल से बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि बलिया के एतिहासिक, धार्मिक महत्व को जानकर वह भी आशान्वित हैं कि बलिया जल्द ही सैलानियों से गुलजार होने वाला है। जल परिवहन से किसानों को भी फायदा मिलेगा।

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बलिया में मुर्गी फॉर्म संचालक की हत्या का खुलासा, भाजपा नेता का बेटा निकला क़ातिल !

November 15, 2022

बलिया। बेलथरा रोड के भीमपुरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने 21 दिन बाद मुर्गी फॉर्म संचालक की हत्या का खुलासा किया। हत्या का मास्टरमाइंड भाजपा नेता का पुत्र और मृतक का भतीजा ही निकला। मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, 2 की तलाश जारी है। आरोपियों से एक अवैध तमंचा व कारतूस, दो चाकू, दो बाइक, 6 मोबाइल, दो डंडा बरामद किया।

बता दे कि लखुबरा गांव निवासी चंद्रभान का 25 अक्तूबर की रात को अपने मुर्गिफार्म पर सोते समय जघन्य हत्या की कोशिश की थी। जिसकी इलाज के दौरान वाराणसी में मौत हो गयी थी। परिजनों से तहरीर मिलने के बाद मुकदमा दर्ज करते हुए हत्यारों की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी। इस दौरान निर्दोष युवको को थाने लाकर पूछताछ करने पर ग्रामीणों ने थाने में धरना प्रदर्शन भी किया था।

मंगलवार को 21 दिन बाद पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए 6 युवकों को गिरफ्तार किया है। जिसमें मास्टरमाइंड मृतक का भतीजा गौरव चौहान उर्फ बजरंगी ही निकला। उसके पिता भाजपा के नेता हैं। पुलिस के मुताबिक मृतक के चचेरे भाई ने ननिहाल में रहने वाले युवक रजनीश चौहान के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। फिलहाल लखुबरा गांव के विराट चौहान, गौरव चौहान, सुमित चौहान और मऊ के घोसी कोतवाली क्षेत्र के रजनीश चौहान और विनित भारती और मधुबन थाना क्षेत्र के अंकुर चौहान को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मऊ जनपद के ही दो हत्यारे अभी भी फरार है।

घर के हत्यारे को ढूढने में पुलिस को लगे 21 दिन- मुर्गी फॉर्म संचालक की हत्या के पीछे पारिवारिक विवाद ही रहा। लेकिन हत्या में शामिल हत्यारों तक पहुँचने में पुलिस को 21 दिन लग गए। जबकि निर्दोष युवकों को थाने लाकर पूछे जाने से नाराज ग्रामीण दबी जुबान यह कहते रहे कि पुलिस घर के मामलों की जांच करे तो मामला साफ हो जाएगा। फिर पुलिस को इतना समय लगा। कहीं इसके पीछे हत्यारों में भाजपा नेता के पुत्र का शामिल होना इस समय का कारण तो नहीं।पुराने विवाद में हत्या- चंद्रभान की हत्या के पीछे परिवारिक रंजिश रही जो पैसे के लेनदेन से शुरु हुई और जमीन बंटवारे तक मौत के खेल में बदल गयी। इस दौरान चंद्रभान की मोबाइल चोरी और उसके बीबी बच्चों के मारपीट से लेकर घर मे खड़ी भाजपा नेता की बाइक फूंकने तक की घटनाएं घट चुकी हैं। मृतक अपने मुर्गिफार्म पर अवैध रुप से बिजली जलाता था। जिसके पकड़े जाने पर विभाग ने लाखों का फाइन ठोका था। विभाग की कार्रवाई के पीछे भाजपा नेता और मृतक के चाचा का हाथ बताते थे। इन सारी घटनाओं को पकड़े जाने के बाद साजिशकर्ताओं ने कबूल किया है।

हत्या करने की धमकी की दी तहरीर- मृतक के पुत्र चंद्रमणि चौहान ने अपने चाचा सुरेंद्र चौहान और उनके दोनों पुत्रों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इसकी लिखित तहरीर भी थाने पर देने के बाद एसओ ने गांव में पुलिस बल तैनात कर दी।

खाना बाहर से ऑर्डर कर रहीं हैं? तो यहां जानिए हेल्दी फूड चुनने का तरीका

अपने स्वास्थ्य के साथ बिना समझौता किए यदि आप बाहर का खाना खाने या घर पर कुछ खाना मंगवाने की सोच रही हैं, तो फिर आपको इन अहम बातों का ध्यान रखना चाहिए।

bahar se hmesha healthy food order mangaye

कुछ आसान टिप्स अपनाकर बाहर से आनलाइन हेल्दी फूड मंगाएं। चित्र : शटरस्टॉक

क्या आप खाना बनाने के मूड में नहीं हैं और खाना बाहर खाने की सोच रही हैं या फिर बाहर से मंगवाने की? जो भी हो, अगर आप सिर्फ खाना बनाने से बचना चाहती है या रोज-रोज एक ही खाना खाने से ऊब गई हैं और उसमें कुछ बदलाव चाहती हैं, तो इस काम में ऑनलाइन ऑर्डर से आपकी मदद हो सकती है। हाल के दिनों में आप ऐसे खाना मंगाने वाले इकलौते नहीं हैं। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन के मुताबिक, 65 फीसदी से अधिक लोग आज के समय में रोजाना ऑनलाइन फूड ऑर्डर कर रहे हैं। बिल्कुल और ऐसा करने के लिए लोगों के पास ढेर सारे विकल्प भी मौजूद हैं। भले ही इन ऑनलाइन ऑर्डर लेने वाले फूड स्टोर की छवि बेहद खराब हो। अगर हम आप से पूछें कि क्या बाहर का खाना मंगवाकर खाने से आपका स्वास्थ्य बेहतर रह सकता है? जवाब होगा हां, बिल्कुल संभव है।

यदि आप मनमुताबिक खाना बाहर से मंगवाते समय उसमें मौजूद न्यूट्रीशनल क्वांटिटी को ध्यान में रखकर ऑर्डर करती हैं, तो वह फूड भी आपके स्वास्थ के लिहाज से हेल्दी हो सकता है।
बाहरी फूड को लेकर हेल्थशॉट्स की टीम ने फरीदाबाद स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स की सीनियर डायटिशियन डॉ किरण दलाल से बात की। बातचीत के दौरान उन्होंने टीम को बताया कि बाहर के फूड में से हेल्दी फूड का चुनाव कैसे किया जा सकता है। सामाजिक जीवन में बिना किसा बाधा के आप इन माध्यमों से भी अपने खानपान को हेल्दी बनाए रख सकती हैं। इसके लिए ये कुछ टिप्स आपके काम आ सकती हैं।

ये 7 टिप्स बाहर के खाने को हेल्दी बनाने रखने में मदद कर सकती हैं

1 बाहरी फूड की मात्रा कम रखें

लोगों को अपनी फूड लेने की क्षमता का सही अंदाजा नही होता है। इसलिए उनके लिए ये चुनौतियों से भरा हो जाता है कि वह कितना खाना खा सकते हैं। ऐसे में वह बाहर से खाना आनलाइन आर्डर कर रहे हैं तो खाना आने के बाद खाने के शुरुआत में सलाद जरुर खाना चाहिए । फिर उसके बाद मेन फूड को खाएं।

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के अनुसार, जो लोग अपने मुख्य भोजन को खाने से पहले फाइबर से भरपूर हेल्दी सलाद खाते हैं, वे उन लोगों की तुलना में कम कैलोरी ले पाते हैं जिन्होंने सलाद नहीं खाया है। फाइबर से लबरेज सलाद खाने के बाद आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है और तो और ये आपके भूख को कम कर देता है। खैर, आपने अगर अपनी क्षमता से ज्यादा खाना ऑर्डर कर दिया है, तो अपने उसका आधा हिस्सा दूसरे के लिए बचाने की कोशिश करें या किसी और को खाने के लिए दे दें।

Healthy food hi hamesha khayen

2 खाना आर्डर करने से पहले मेन्यू को ध्यान से पढ़ें

यदि आप फूड मेनू से परिचित नहीं हैं, तो रेस्तरां में जाने के बाद सबसे पहले उसे देख लें। डॉ दलाल बताती हैं कि जब आप ज्यादा भूखी होती हैं या खाने के लिए परेशान होती हैं, तो जल्दबाजी में गलत निर्णय ले बैठती हैं। खाने को देखने और सूंघने के बाद डाइट प्लान कर पाना थोड़ा और मुश्किल हो जाता है, खासकर तब जब आपको भूख ज्यादा तेज लगी हो।

रेस्तरां में पहुंचने के बाद आपको जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए और खाना यानी व्यंजन का चयन करने से पहले फूड मेनू पर एक सरससी नजर डाल लेना चाहिए ताकि बाद में जब आप तक खाना आए तो पछताना न पड़े अगर ऐसा नहीं कर पाती हैं तो पछताना पड़ सकता है।
यदि आप आए दिन बाहर का खाना खाती हैं या बार-बार बाहर का खाना आर्डर करती हैं तो जिस भी रेस्तरां से आर्डर कर रही हैं उसके वेबसाइट पर जाकर फूड मेनू और फूड की पोषण संबंधी पूरी जानकारी (यदि उपलब्ध हो तो) देख लेना चाहिए।

3 हेल्दी स्नैक को वरीयता दें

यदि आप ज्यादा भूखी हैं, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है कि आप थोड़ा बहुत अधिक खाना खा सकती हैं या ज्यादा खाना लेती हैं। अधिक खाना खाने से बचने के लिए आप एक ये भी तरीका अपना सकती हैं कि रात में पेट भर खाना खाने से पहले फल, बादाम, या सूप जैसे कुछ हेल्दी स्नैक्स लेने के बाद ही शुरु करें । ऐसा करके आप अधिक खाना खाने से बच सकती हैं। डॉ दलाल कहती हैं कि दही जैसे स्नैक जो लो-कैलोरी, हाई-प्रोटीन से भरपूर है, को खाने से पेट भरा-भरा महसूस होता है और तो और ये आपको क्षमता से अधिक खाना खाने से भी बचाने में भी मदद करता है।

4 खाना पकाने और तैयार दलाल कैसे बने? करने के तौर-तरीके भी जांच लें

खाना में कैलोरी की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि उसे कैसे तैयार किया गया है। आपने जिस खाने का चुनाव किया है यदि वह स्टीम्ड, ग्रिल्ड, रोस्टेड या पोच्ड फूड है तो फिर बेहतर है। दरअसल इन तरीकों से पकाए गए खाना पकाने में औसतन कम फैट का इस्तेमाल किया जाता है और तो और उसमें कैलोरी कम होती है। जबकि तले भुने, फ्राइड, कुरकुरे में आमतौर पर फैट और कैलोरी ज्यादा होती है।

fried food n ke barabar khayen

5 सब्जियों और प्रोटीनयुक्त आहार को ज्यादा वरीयता दें

यदि आप खाना आर्डर कर रही हैं तो ये सुनिश्चित कर लें कि उस खाने में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा है और उसमें ढेर सारी सब्जियां मिलाई गई हैं। लेग्यूम्स, होल ग्रेन्स और चिकपीज ये सभी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। ब्रोकोली, सलाद, टमाटर और गाजर से बने फूड को आर्डर करें। फ्राइज़, पनीर और सॉस जैसे अनहेल्दी फूड आइटम से दूरी बनाए रखें।

6 खाने के साथ मीठा पेय लेने से स्किप करें

हम में ज्यादातर लोग अपने खाने के साथ कुछ मीठा भी पीने की इच्छा रखते हैं, लेकिन ये एक हेल्दी आदत नहीं है। डॉ दलाल कहती हैं कि यदि आप हेल्दी फूड मंगा रही हैं, तो उसे खाने की शुरुआत करने से पहले पानी पी लें या खाते समय पानी पी सकती हैं लेकिन इस दौरान कुछ मीठा पेय लेना ठीक नहीं है। पानी की जगह कुछ मीठा में जैसे कोला, आइस टी, नींबू पानी और सोडा जैसे या पौष्टिक ऐपेटाइज़र ले सकती हैं क्योंकि इसमें कैलोरी और शुगर दोनों कम मात्रा में होते हैं।

7 डेजर्ट जैसी मीठी चीजों को खाने से परहेज करें

खाना खाने के बाद भी अगर आपको भूख हो तो मीठी चीजें खाने के बजाय आप ग्रीन टी, फल या दही लें। लेकिन अगर आप डेजर्ट जैसी मीठी चीजें खाने से परहेज नही सकती हैं, तो एक पीस ऑर्डर कर लें और उसे अकेले खाने के बजाय अपने दोस्तों या परिवार के लोगों के साथ बांटकर खाएं।

ये भी याद रखें

भूख का एहसास मिटाने के लिए आराम से धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाएं

सोडियम यानी नमक ज्यादा न खाएं

मनमुताबिक आहार लें और मन लगाकर खाएं

हेल्दी स्वैप मंगाए (फ्राइज के बजाय सलाद देने के लिए बोलें)

खाना मंगाने से पहले रेस्तरां के मेनू और फूड के न्यूट्रीशनल वैल्यू को चेक कर लें

फूड मेनू जानने के लिए सर्वर की में मदद लें

ज्यादा कैलोरी वाला पेय लेने से परहेज करें

अगली बार जब भी आप बाहर से खाना आर्डर करें इन टिप्स को ध्यान में अपने हेल्दी फूड का लुफ्त उठाएं।

लेखक के बारे में
टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं।

20 साल में 13,000 फीसदी का रिटर्न, 1 लाख रुपये बन गए 1.28 करोड़, जानें कैसे इस कंपनी में पैसा लगाने वाले बने मालामाल?

पिछले 20 साल में इस कंपनी के शेयर्स ने निवेशकों को करीब 13,000 फीसदी का रिटर्न दिया है. इस दौरान कंपनी की रेवेनयू और सेल्‍स में भी भारी इजाफा हुआ है. पिछले वित्‍त वर्ष में ही कंपनी को 1,277 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.

20 साल में 13,000 फीसदी का रिटर्न, 1 लाख रुपये बन गए 1.28 करोड़, जानें कैसे इस कंपनी में पैसा लगाने वाले बने मालामाल?

Updated on: Jun 25, 2021 | 8:01 AM

शेयर बाजार में निवेश का नया-नया पाठ पढ़ने वाले निवेशक हमेशा तलाश में रहते हैं कि उन्‍हें कोई ऐसा स्‍टॉक मिल जाए, जिससे वे मालमाल हो जाएं. लेकिन निवेश करने का सबसे पहला नियम ही यही होता है कि आपको अच्छा रिटर्न पाने के लिए लंबा इंतजार करना होगा. ऐसे बहुत कम स्‍टॉक्‍स होते हैं, जो निवेशकों को कम समय में मोटी कमाई का मौका देते हैं. इस तरह के स्‍टॉक्‍स के साथ कई तरह के जोखिम भी जुड़े होते हैं. लेकिन लंबे समय में कम जोखिम में ज्‍यादा रिटर्न कमाना तुलनात्‍मक रूप से आसान होता है. आज हम आपको एक ऐसे ही शेयर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने पिछले 20 साल में निवेशकों को करीब 13,000 फीसदी का रिटर्न दिया है.

फिलहाल ये स्‍टॉक भारतीय शेयर बाजार का सबसे महंगा स्‍टॉक है. अब तक शायद आपने अंदाजा भी लगा लिया होगा. जी हां, ये स्‍टॉक मद्रास रबर फैक्‍ट्री (MRF) का है. बीते दो दशक से दलाल स्‍ट्रीट पर इस स्टॉक का जो दबदबा है, वो भविष्‍य में भी बहुत कम स्‍टॉक्‍स के साथ देखने को मिलेगा. कम से कम फिलहाल तो ऐसा ही लग रहा है. इस स्‍टॉक का इतना जबरदस्‍त दबदबा होना भी लाजिमी है, क्‍योंकि बीते 20 साल में इस स्‍टॉक ने निवेशकों को जबरदस्‍त रिटर्न भी दिया है.

20 साल में 12,800 फीसदी का रिटर्न

इसका अंदाजा केवल इस बात से लगा सकते हैं कि जून 2001 में MRF का भाव 640.65 रुपये प्रति शेयर था. अब 15 जून 2021 को इस कंपनी की शेयर का भाव बढ़कर 82,638 रुपये हो गया है. यानी इसमें तकरीबन 12,800 फीसदी का रिटर्न मिला है.

इसका मतलब है कि अगर किसी व्‍यक्ति ने जून 2001 में एक लाख रुपये खर्च कर इस कंपनी के शेयर खरीदे होंगे और इसे अब तक होल्‍ड किया होगा तो उन्‍हें कुल 1.28 करोड़ रुपये का रिटर्न मिलेगा.

MRF कंपनी के बारे में जान लीजिए

MRF कंपनी तमिलनाडु के चेन्‍नई स्थित टायर कंपनी है. ये कंपनी भारत की सबसे बड़ी टायर निर्माता है और भारतीय टायर बाजार में अभी भी इसकी अच्‍छी पकड़ है. दो पहिया वाहनों के लिए सबसे ज्‍यादा इसी कंपनी के टायर बिकते हैं. जबकि, ट्रक और बसों के टायर से लेकर पैसेंजर वाहनों के टायर के सेग्‍मेंट ये कंपनी टॉप 3 कंपनियों में शामिल है.

इस कंपनी की रेवेन्‍यू का सबसे बड़ा हिस्‍सा ट्रक और बसों के टायर की बिक्री से आता है. इसके बाद रेवेन्‍यू के मामले में पैसेंजर वाहनों के टायर और दोपहिया वाहनों के टायर भी शामिल हैं.

सचिन तेंदुलकर के बल्‍ले पर MRF का स्टिकर

घरेलू बाजार के अलावा विदेशों में भी इस कंपनी के टायर की मांग होती है. 9 मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्‍लांट्स में बनने वाले ये टायर आपको देश के हर कोने में खरीदने को मिल जाएंगे. इसके 7 मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्‍लांट तो दक्षिण भारत में ही मौजूद है. बीते कुछ सालों में इस कंपनी ने टायर के अलावा पेन्‍ट्स एंड कोट्स, खिलौने, मोटरस्‍पोर्ट्स से लेकर क्रिकेट ट्रेनिंग तक के क्षेत्र में विस्‍तार किया है.

आपको सचिन तेंदुलकर के बल्‍ले पर MRF का स्टिकर तो याद ही होगा. फिलहाल भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान विराट कोहली भी अपने बल्‍ले पर MRF के स्टिकर का इस्‍तेमाल करते हैं. इसके लिए वे कंपनी से मोटी फीस वसूलते हैं.

कैसा रहा है इस कंपनी का परफॉर्मेंस?

पिछले 20 साल में MRF का शुद्ध मुनाफा सालाना 20 फीसदी की दर से बढ़ा है. वित्‍त वर्ष 2001 में कंपनी को 31.74 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था, जोकि वित्‍त वर्ष 2021 में बढ़कर 1,277 करोड़ रुपये हो गया है. इस प्रकार कंपनी के प्रोडक्‍ट्स की बिक्री भी बीते 20 सालों में करीब 11 फीसदी सालाना दर से बढ़ी है.

हालांकि, दलाल कैसे बने? लॉकडाउन और कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच कंपनी को पिछली तिमाही में कुछ खास लाभ नहीं हुआ है.

क्‍यों इतना महंगा है MRF का शेयर?

MRF और दुनिया के दिग्‍गज निवेशक वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे में एक समानता है. इन दलाल कैसे बने? दोनों कंपन‍ियों ने अपने शेयरों को अब तक विभाजित (Splitting of Shares) नहीं किया है. शेयरों को विभाजित करने का मतलब है कि कंपनी अपने स्‍टॉक्‍स को छोटे-छोटे नये शेयरों में बांट देती है.

इससे कंपनी के कुल स्‍टॉक्‍स की वैल्‍यू में कोई बदलाव नहीं होता है, लेकिन प्रति शेयर का भाव कम हो जाता है. कई कंपनियां लिक्विडिटी के लिए समय-समय पर अपने शेयरों को विभाजित करती हैं. MRF ने अपने शेयरों के साथ ऐसा कभी नहीं किया है.

बाजार जानकारों का कहना है कि इसके पीछे यह वजह हो सकती है कि कंपनी के प्रोमोटर्स अपने शेयरहोल्‍डर बेस को नहीं बढ़ाना चाहते हैं या वे चाहते हों कि केवल गंभीर निवेशक ही उनकी कंपनी में निवेश करें. इन वजहों से एमआरएफ के स्‍टॉक का भाव इतना ज्‍यादा है.

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