एमएसई को डॉलर

केंटकी इंक के एमएसई
केंटकी इंक के एमएसई एक सिविल इंजीनियर है एवं यह लेक्सिंग्टन, केवाई 40503 में स्थित है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में 1649 नागरिक अभियंता में से एक है एवं इसका पता केंटकी इंक के एमएसई 624 वेलिंगटन वे # ए, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका3, है। केंटकी इंक के एमएसई की वेबसाइट http://mselex.com/ है। केंटकी इंक के एमएसई को 18592235694 पर संपर्क किया जा सकता है। केंटकी इंक के एमएसई 2 समीक्षको द्वारा वेब पर 5 रेटेड है।(5 सितारों में से)
केंटकी इंक के एमएसई के आसपास के कुछ स्थान हैं -
क्रैंक एंड बूम क्राफ्ट आइसक्रीम (क्लेज़ मिल) (आइसक्रीम की दुकान) ३१०१ क्ले मिल रोड #३०१, लेक्सिंगटन, केवाई ४०५०३, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 240 meters)
सौदा शिकार (डिस्काउंट स्टोर) 3101 क्ले मिल रोड #114, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 320 meters)
वेलिंगटन किंडरकेयर (दिन देखभाल केन्द्र) 628 वेलिंगटन वे, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 146 meters)
पेल्फ्रे कायरोप्रैक्टिक (हाड वैद्य) 616 वेलिंगटन वे सूट ए, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 135 meters)
रोजर्स एंड एसोसिएट्स Associate (इंजीनियर) 586 बकिंघम एलएन, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 321 meters)
डीवाई मार्केट (एशियाई किराने की दुकान) 3101 क्ले मिल रोड, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 219 meters)
डॉलर का पेड़ (डॉलर की दुकान) 3101 क्ले मिल रोड स्टी 113, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 253 meters)
अभिजात वर्ग बीमा समाधान (बीमा कंपनी) 616 वेलिंगटन वे सी, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य एमएसई को डॉलर एमएसई को डॉलर अमेरिका (लगभग 136 meters)
वोल्फ्राम होल्डिंग कंपनी (निवेश कंपनी) ३१०१ क्ले मिल रोड #२०५ए, लेक्सिंगटन, केवाई ४०५०३, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 232 meters)
ला मार्किसा (मेक्सिकन रेस्टोरेंट) 3101 क्ले मिल आरडी सूट 400, लेक्सिंगटन, केवाई 40503, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 160 meters)
केंटकी इंक के एमएसई के आधे किलोमीटर से भी कम के भीतर, नॉर्थ लाइम कॉफी और डोनट्स - क्ले मिल, चेंग्सो, डोमिनो पिज्जा, ला मार्क्वेसा मैक्सिकन रेस्टोरेंट, एस्टेप का फ्रेंडली शेल, इंक क्लेज़ मिल, ब्लूग्रास बेकिंग कंपनी, पीपुल्स एक्सचेंज बैंक, किचन शिफ्ट, , डीएसआरके कंसल्टिंग इंक, साख, बेला खिलता है फूलवाला और उपहार, लोको आइस, लुमेनफ्लेक्स, स्थानीय एजेंट-रियल एस्टेट, स्थानीय एजेंट-ब्रैड मॉर्गन, रियाल्टार, जे.जे. मैकब्रूस्टर का एवं और भी कई स्थान है।
पीजी कोर्स की परीक्षाएं 15 दिसंबर से होंगी, एचपीयू ने जारी की अधिसूचना
एक साथ चालीस हजार स्टूडेंट्स देंगे एग्जाम, प्रशासन ने पूरी की तैयारियां
Update: Wednesday, November 23, 2022 @ 4:12 PM
शिमला। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (HPU) में पोस्ट ग्रेजुएट (Postgraduate) की परीक्षाएं 15 दिसंबर से शुरू होंगी। इसके लिए एक शेड्यूल तैयार किया जा रहा है। जानकारी मिली है कि इस बार पीजी के करीब चालीस हजार छात्र परीक्षा (Exam) एक साथ देंगे। वहीं पीजी कॉलेज की परीक्षाएं भी यूनिवर्सिटी (University)की ओर से निर्धारित किए गए नियमों के अनुसार करवाई जाएंगी। वहीं इन परीक्षाओं के लिए पीजी के पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के लिए तीन दिसंबर तक एग्जाम फॉर्म भरे जा सकते हैं। इस संबंध में एचपीयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ जेएस नेगी (Dr JS Negi) ने बताया कि परीक्षाओं के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार दिसंबर में परीक्षाएं करवाने की तैयारी है।
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वहीं इसके लिए छात्रों को तीन दिसंबर को फार्म भरने होंगे। इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई। वहीं एचपीयू में एमएसई (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी, जूलॉजी, ज्योग्राफी, मैथेमेटिक्स ) एमए (फिजिकल एजुकेशन, इंग्लिश, सोशल वर्क), एमईएड, डीएचआरडी, पीजीडीएमसी, एलएलबी (एमएसई को डॉलर 3 वर्षीय), एमएबीई एमए(हिंदी ट्रांसलेशन, संस्कृत, म्यूजिक, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान, साइकोलॉजी, इतिहास, विजुअल आर्ट (पेंटिंग) योगा स्टडीज, ग्रामीण विकास और एमकॉम कोर्स के लिए एग्जाम होंगे।
एमएसई को डॉलर
नई दिल्ली । देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से गिरावट आई है। 13 मई , 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में यह 2.676 अरब डॉलर घटकर 593.279 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक ( आरबीआई ) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले के सप्ताह में यह 1.774 अरब डॉलर घटकर 595.954 अरब डॉलर रह गया था। 29 अप्रैल , 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर रह गया था।
गौरतलब है कि 6 मई को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 596 अरब डॉलर था जो वर्ष 2022-23 के लगभग 10 महीने के लिए प्रोजेक्टेड इंपोर्ट के बराबर था। आरबीआई के जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक , 13 मई को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट ( एफसीए ) एमएसई को डॉलर में आई कमी की वजह से हुई जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि रिपोर्टिंग सप्ताह में भारत की एफसीए 1.302 अरब डॉलर घटकर 529.554 अरब डॉलर हो गई। डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो , पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है। आंकड़ों के मुताबिक समाप्त सप्ताह में गोल्ड रिजर्व का मूल्य भी 1.169 अरब डॉलर बढ़कर 40.57 अरब डॉलर रह गया।
एमआईएफ में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट 16.50 करोड़ डॉलर घटकर 18.204 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3.एमएसई को डॉलर 9 करोड़ डॉलर घटकर 4.951 अरब डॉलर रह गया।
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मेक इन इंडिया कार्यक्रम के पूरे हुए 8 साल, जानिए देश को कितना हुआ फायदा
विश्व अर्थव्यवस्था में सेमी कंडक्टरों के महत्व को देखते हुए, केंद्र सरकार ने देश में सेमीकंडक्टरों, डिस्प्ले, डिजाइन इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए 100 बिलियन डॉलर की प्रोत्साहन स्कीम लांच किया हैं।
भारत सरकार का महत्वकांक्षी कार्यक्रम मेक इन इंडिया जो निवेश को सुगम बनाने का काम करता है। और नए रोजगार को बढ़ावा देने वाले को मदद करता है। इस परियोजना के तहत कौशल विकास में मदद कर विनिर्माण अवसंरचना वर्ग को सर्वश्रेष्ठ करने वाले को सहयाता प्रदान करता है।
कब हुई कार्यक्रम की शुरुआत
बीते 25 सितंबर 2022 को एमएसई को डॉलर पथ प्रदर्शक सुधारों के अपने गौरवशाली आठ साल पूरे कर लिया। पीएम मोदी के नेतृत्व में इस कार्यक्रम ने 2014 एमएसई को डॉलर में लांच होने के बाद मेक इन इंडिया कार्यक्रम में देश को अग्रणी वैश्विक विनिर्माण तथा गंतव्य के रुप में रुपांतरित कर रहा है। यह पहल विश्व भर के निवेशकों को नए भारत की विकास गाथा में भाग लेने एमएसई को डॉलर के लिए कुला आमंत्रण है। इस कार्यक्रम ने देश के 27 सेक्टरों में पर्याप्त उपलब्धियां हासिल की हैं। जिसमें देशकी विनिर्माण तथा सेवाओं जैसे रणनीतिक सेक्टर भी मौजूद हैं।
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विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए
विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है। जिसमें अधिकांश सेक्टर ऑटोमैटिक रुट के जरिए FDI प्राप्त कर चुकी है। बता दें कि इस योजना में बीते वृत्त वर्ष 2021-22 में 83.6 बिलियन डॉलर की सर्वाधिक एफडीआई दर्ज किया गया है। यह एफडीआई विश्व के 101 देशों से प्राप्त हुआ है। जिसे देश के 31 राज्यों सहित केंद्र शासित राज्यों में निव्श किया गया है। हाल के बीते सालों में आर्थिक सुधारों और व्यवसाय करने की सुगमता के कारण देश में 100 बिलियन एफडीआई हासिल करने की तरफ अग्रसर है।
14 प्रमुख विनिर्माण में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम मेक इन इंडिया पहल के लिए एक बड़े प्रोत्साहन स्कीम के रुप में पिछले साल 2020-21 में लांच की गई। पीएलआई स्कीम के जरिए देश के विभिन्न सेक्टरों में देश ने जहां वृद्धि दर्ज की है। वहीं घरेलु उत्पादन को प्रोतसाहित भी कर रही है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विनिर्माण को सुदृढ़ बनाना देश के उद्धोगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनना तथा निर्गत क्षमता को बढ़ावा देना शामिल है। पीएलआई स्कीम से उत्पादन एंव उत्पादन एंव रोजगार के लिए उल्लेखनीय लाभ पैदा होने की उम्मीद होने के साथ कहा जा रहा है कि इससे एमएसई सेक्टरों को भी लाभ पहुंच सकता है। इसके जरिए सरकार की मंशा है कि लचीली आपूर्ति श्रृंखला का भी निर्माण किया जाए।
सेमीकंडक्टरों के महत्व पर ध्यान
विश्व अर्थव्यवस्था में सेमी कंडक्टरों के महत्व को देखते हुए, केंद्र सरकार ने देश में सेमीकंडक्टरों, डिस्प्ले, डिजाइन इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए 100 बिलियन डॉलर की प्रोत्साहन स्कीम लांच किया हैं। साथ ही सरकार ने इसे बेहतर ढ़ंग से चलाने के लिए कई अनय पहल को लागू किया है। जिसमें कानून में बदलाव कर उद्धोग लगाने वाले को सुविधा देना, अनावश्यक अनुपालन बोझ कम करने के लिए कदम उठाए गए।
इन कामों को बनाया गया आसान
दिशा-निर्देशों एंव विनियमनों का उदारीकरण लागत में कमी लाना तथा भारत में व्यपार करने में गमता प्रदान करना। नियमों एंव विनियमों में बोझिल अनुपालनों को सरलीकरण, विवेकीकरण, गैरअपराधीकरण, एंव डिजिटाइजेशन कर कम कर दिया गया है। जिससे देश में व्यपार करना आसान हो पाए। इसके अतिरिक्त श्रम सुधारों से भर्ती और छंटनी में लचीलापन लाया गया है।
खिलौना उद्योग में 636 फीसदी की बढ़ोतरी
मेक इन इंडिया प्रोग्राम के कारण खिलौना उद्योग में 2013 के मुकाबले 2022 में 636 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2018-19 में देश में 371 मिलियन डॉलर (2960 करोड़ रुपये) के बराबर के खिलौनों का आयात हुआ करता था। अब इसमें, 2021-22 में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है और ये 110 मिलियन डॉलर (877.8 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है।