इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

शेयर की तरह मिलेगा सोना, समझें-गोल्ड एक्सचेंज में निवेश का क्या होगा तरीका?
हिन्दुस्तान 11-01-2022 लाइव हिन्दुस्तान
गोल्ड में निवेश का एक और नया प्लेटफॉर्म मिलने वाला है। ये प्लेटफॉर्म गोल्ड एक्सचेंज का है। गोल्ड एक्सचेंज में ठीक उसी तरह निवेश किया जा सकेगा, जिस तरह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई या एनएसई में किया जाता है। उदाहरण से समझें तो बीएसई या एनएसई में लिस्टेड कंपनी के स्टॉक को खरीदा जाता है। ठीक इसी तरह गोल्ड एक्सचेंज में भी निवेश किया जा सकेगा। बीएसई और एनएसई की तरह इसे भी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) रेग्युलेट करेगी।
हाल ही में सेबी ने गोल्ड एक्सचेंज के परिचालन की रूपरेखा जारी की है। सेबी के मुताबिक गोल्ड एक्सचेंज में सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (ईजीआर) के रूप में होगा। जो शेयर बाजार ईजीआर में कारोबार शुरू करने के इच्छुक हैं, वे इसके लिये आवेदन कर सकते हैं। मतलब ये कि आने वाले दिनों में निवेशकों को बीएसई या एनएसई में भी इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (ईजीआर) ट्रेडिंग का मौका मिल सकता है।
तीन चरण में कारोबार: सेबी के मुताबिक बीएसई जैसे शेयर बाजार, कारोबार या ईजीआर को स्वर्ण में बदलने को लेकर विभिन्न मात्रा के साथ अनुबंध शुरू कर सकते हैं। नई रूपरेखा के तहत, पूरा सौदा तीन चरण में होगा। पहला चरण ईजीआर तैयार करने का होगा तो वहीं दूसरे चरण के दौरान शेयर बाजार में ईजीआर में कारोबार होगा। आखिरी चरण में ईजीआर को फिजिकल रूप से सोने में बदलने की प्रक्रिया होगी।
किसका क्या काम होगा: सेबी के मुताबिक डिपॉजिटरीज एक साझा मंच विकसित करेंगे। इस मंच पर सबकी पहुंच होगी। इसमें डिपॉजिटरीज, शेयर बाजार, समाशोधन निगम, ‘वॉल्ट’ प्रबंधक शामिल हैं। ‘वॉल्ट’ यानी तिजोरी या ‘स्ट्रांग रूम’ प्रबंधक का काम मान्यता प्राप्त भंडारण स्थानों पर सोने को रखना है। ‘वॉल्ट’ प्रबंधक को सोना सेबी द्वारा निर्धारित तरीकों से रखना होगा। साथ ही गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी उनकी ही होगी। सेबी ने कहा कि नया विधान तत्काल प्रभाव से अमल में आएगा।
इससे पहले सरकार ने प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) कानून, 1956 के तहत 24 दिसंबर को एक अधिसूचना के जरिये इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को प्रतिभूति के रूप में घोषित किया था। नियामक ने अलग से 31 दिसंबर को ‘वॉल्ट’ प्रबंधकों के लिये नियम अधिसूचित किये थे।
सोने की आपूर्ति कैसे: सेबी के मुताबिक फिजिकल रूप से सोने की आपूर्ति स्वर्ण की ताजा जमा राशि होगी। इसे ईजीआर में परिवर्तित किया जाएगा। सोने की आपूर्ति या तो आयात के माध्यम से या शेयर बाजार से मान्यता प्राप्त घरेलू रिफाइनरियों के माध्यम से तिजोरी या स्ट्रांग रूप में की जाएगी। तिजोरी में जमा सोने को ईजीआर में तब्दील करने पर विचार किया जा सकता है। ‘वॉल्ट’ प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि सोने को ईजीआर में बदलने पर वे सभी मानदंडों को पूरा करे।
जानिये ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए DMAT अकाउंट के महत्त्व के बारे में यहां सब कुछ
वित्तीय प्रतिभूतियों की ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए आपके पास DMAT अकाउंट जरुर होना चाहिए. देश की फाइनेंशियल मार्केट में प्रवेश करने से पहले, अपना DMAT अकाउंट जरुर खोलें. DMAT अकाउंट के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को बड़े ध्यान से पढ़ें.
आपके लिए, एक बैंक अकाउंट की तरह ही, जहां व्यक्ति इन्वेस्टमेंट करके अपना धन अपने भविष्य के लिए बचा सकते हैं, वित्तीय बाजार में, DMAT अकाउंट होता है, जो शेयर बाजार में शेयरों के कारोबार के लिए एक आवश्यक माध्यम है. वित्तीय प्रतिभूतियों की ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए आपके पास DMAT अकाउंट जरुर होना चाहिए. देश की फाइनेंशियल मार्केट में प्रवेश करने से पहले, आप अपना DMAT अकाउंट जरुर खोलें.
अब, अगर आप वित्तीय प्रतिभूतियों अर्थात फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ के ऑनलाइन कारोबार के लिए DMAT अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आपको इस आर्टिकल को पढ़कर सारी जरुरी जानकारी पहले जुटा लेनी चाहिए. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
आखिर यह DMAT अकाउंट है क्या?
देश के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शेयर बाजार में इक्विटी शेयरों में इन्वेस्टमेंट करने के लिए DMAT अकाउंट अनिवार्य होता है. आपका DMAT अकाउंट डिमैटीरियलाइज्ड या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में आपके शेयरों और प्रतिभूतियों/ सिक्योरिटीज़ का ट्रैक रिकॉर्ड रखता है. कुछ वर्ष पहले तक, शेयरों का भौतिक रूप में कारोबार होता था और जिसके लिए शेयर सर्टिफिकेट जारी किए जाते थे.
हालांकि, आजकल यह शेयर ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक मोड से, DMAT अकाउंट संख्या के माध्यम से की जा रही है. यहां उन वित्तीय साधनों की सूची दी गई है जिनका आप DMAT अकाउंट के माध्यम से लेन-देन कर सकते हैं:
- इक्विटी शेयर
- एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs)
- म्युचुअल फंड (MF)
- बॉन्ड
- सरकारी प्रतिभूतियां.
एक इन्वेस्टर के तौर पर, इन्वेस्टमेंट के किसी भी एक साधन पर निर्भरता के जोखिम को कम करने के लिए कई प्रकार के इन्वेस्टमेंट मोड्स में अपना धन इन्वेस्ट करने की सलाह आपको अक्सर दी जाती है. अगर लोग कुछ कम इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो DMAT अकाउंट ऐसे इन्वेस्टर्स को अकाउंट में शून्य शेष या जीरो बैलेंस रखने की भी अनुमति देता है.
DMAT अकाउंट प्रदान करता है ये सुविधाएं
यहां ऐसी सुविधाओं की सूची दी जा रही है जो DMAT अकाउंट के माध्यम से आपको प्रदान की जाती हैं:
शेयरों की ट्रेडिंग - शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक DMAT अकाउंट का उपयोग किया जाता है.
ऋण सुविधा - इन्वेस्टर DMAT अकाउंट के माध्यम से ऋण सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. एक इन्वेस्टर विभिन्न बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए अपने DMAT अकाउंट में निहित प्रतिभूतियों को संपार्श्विक के तौर पर गिरवी रख सकता है.
डिमैटीरियलाइजेशन और रिमैटीरियलाइजेशन - शेयरों के भौतिक प्रमाणपत्र को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में परिवर्तित करना एक महत्वपूर्ण सुविधा है जिसे इन्वेस्टर्स DMAT इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अकाउंट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं. दरअसल, इन्वेस्टर अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक प्रतिभूतियों को वापस भौतिक रूप में परिवर्तित करवा सकते हैं. जिस ब्रोकर के माध्यम से आप DMAT अकाउंट की सुविधा हासिल कर रहे हैं, उसकी मदद लें.
मल्टीपल एक्सेस प्लेटफॉर्म - एक DMAT अकाउंट होल्डर शेयरों के कारोबार के लिए कई प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने अकाउंट का उपयोग कर सकता है. एक इन्वेस्टर कंप्यूटर, स्मार्टफोन या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करके DMAT अकाउंट पर ट्रेडिंग, ट्रैक और एक्सेस कर सकता है.
जानिये आप अपना DMAT अकाउंट कैसे खोल सकते हैं?
यहां कुछ ऐसी पूर्व-आवश्यकताएं दी गई हैं जिन्हें, हरेक व्यक्ति को अपना DMAT अकाउंट खोलने के लिए जरुर फ़ॉलो करना चाहिए:
आपके लिए DMAT अकाउंट खोलने के लिए जरुरी दस्तावेज़
आपके लिए अपना DMAT अकाउंट खोलने के लिए जरुरी दस्तावेजों की सूची निम्नलिखित है:
आय का प्रमाण (निम्नलिखित में से कोई एक)
• आयकर रिटर्न (ITR) पावती पर्ची की एक फोटोकॉपी.
• नेट वर्थ का प्रमाणपत्र या चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित अकाउंट्स के वार्षिक विवरण की फोटोकॉपी.
• वर्तमान माह की सैलरी स्लिप या फॉर्म 16.
• पात्र डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के पास DMAT अकाउंट होल्डिंग्स का विवरण.
• बैंक अकाउंट का नवीनतम विवरण जिसमें पिछले 06 महीनों के इनकम डिटेल्स शामिल हों.
• ऐसा कोई भी दस्तावेज जो स्व-घोषणा के माध्यम से संपत्ति के स्वामित्व को साबित करता हो.
• पहचान का सबूत.
• वैध फोटो वाला पैन कार्ड.
• पहचान प्रमाण - आधार कार्ड/ वोटर ID कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेंस/ पासपोर्ट.
पते का प्रमाण (निम्न में से कोई एक)
• पासपोर्ट/ मतदाता पहचान पत्र/ राशन कार्ड/ पंजीकृत पट्टा या निवास का बिक्री समझौता/ ड्राइविंग लाइसेंस/ फ्लैट रखरखाव बिल/ बीमा प्रति.
• यूटिलिटी बिल जैसे लैंडलाइन टेलीफोन बिल, बिजली/ गैस बिल जो 03 महीने से अधिक पुराना न हो.
• बैंक पासबुक जो 03 महीने से अधिक पुरानी न हो.
• पति/ पत्नी के नाम से दिया गया पता प्रमाण.
DMAT अकाउंट खोलने की प्रक्रिया
आप अपना DMAT अकाउंट खोलने के लिए, नीचे दिए गए चरणों को फ़ॉलो करें:
चरण 1- DMAT अकाउंट खोलने के लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनें.
चरण 2 - अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें और ऊपर बताए गए दस्तावेजों की फोटोकॉपी और एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर संलग्न करें
चरण 3- DMAT अकाउंट खोलने के लिए मूल दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के पास ले जाएं.
चरण 4 - डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट द्वारा आपके दस्तावेजों का व्यक्तिगत सत्यापन किया जाएगा. फिर, आप अपना KYC करवाएं और DMAT अकाउंट के लिए वार्षिक रखरखाव शुल्क/ इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मेंटेनैंस फ़ीस का भुगतान करें.
*अस्वीकरण - इस आर्टिकल में दी गई यह जानकारी केवल आपके वित्तीय ज्ञान और समझ बढ़ाने के लिए प्रदान की गई है. इसे किसी भी व्यक्ति के द्वारा वित्तीय सलाह के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए.
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स लॉन्च करने की तकनीक के साथ BSE तैयार
EGR: एक्सचेंज बहुत लंबे समय से टेक्नोलॉजी तैयार कर रहा था और इसे आगे ले जाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी का इंतजार कर रहा था.
- Money9 Hindi
- Publish Date - October 4, 2021 / 04:58 PM IST
फिजिकल गोल्ड में ट्रेडिंग को सक्षम करने के लिए, ईजीआर का ट्रेड किया जाएगा और स्टॉक एक्सचेंजों पर इसका सेटलमेंट किया जाएगा.
EGR: प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई (BSE) अपने प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स (EGR) पेश करने के लिए अपनी टेक्नोलॉजी के साथ तैयार है. ये देश भर में पीली धातु (yellow metal) की एक समान मूल्य संरचना (uniform price structure) बनाने में मदद करेगा. बीएसई के चीफ बिजनेस ऑफिसर (chief business officer) समीर पाटिल ने रविवार को ये बात कही. उन्होंने कहा कि एक्सचेंज आवश्यक आंतरिक मंजूरी (internal approvals) लेगा और अपने प्लेटफॉर्म इसे लॉन्च करने के लिए बाजार नियामक सेबी (markets regulator Sebi) को आवेदन करेगा.
सेबी के बोर्ड ने मंगलवार को गोल्ड एक्सचेंज के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसके बाद बीएसई की तरफ से ये जानकारी सामने आई है. गोल्ड एक्सचेंज में ईजीआर के रूप में पीली धातु का कारोबार किया जाएगा.
वर्तमान में, भारत में केवल गोल्ड डेरिवेटिव और गोल्ड ईटीएफ में ट्रेडिंग की अनुमति है. जबकि कई देशों में सोने में फिजिकल ट्रेड के लिए स्पॉट एक्सचेंज होते हैं.
गोल्ड को रिप्रजेंट करने वाले इंस्ट्रूमेंट्स को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट्स (EGR) कहा जाएगा और इसे सिक्योरिटीज के रूप में नोटिफाई किया जाएगा. ईजीआर में अन्य सिक्योरिटीज के समान ट्रेडिंग, क्लीयरिंग और सेटलमेंट फीचर्स होंगे जो वर्तमान में भारत में उपलब्ध हैं.
क्या कहा पाटिल ने?
पाटिल ने कहा कि एक्सचेंज बहुत लंबे समय से टेक्नोलॉजी तैयार कर रहा था और इसे आगे ले जाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी का इंतजार कर रहा था.
एक्सचेंज ने सरकार और नियामकों को कई प्रजेंटेशन दिए कि प्रक्रिया कैसे काम करेगी. इस इकोसिस्टम में बैंक, वॉल्ट, होलसेलर, रिटेलर, इंपोर्टर्स, एक्सपोर्टर्स सहित विभिन्न पार्टिसिपेंट कैसे शामिल होंगे.
पाटिल ने कहा, शेयरों की तरह ये EGR’s डीमैट फॉर्म में होंगे और जरूरत पड़ने पर उन्हें फिजिकल गोल्ड में बदला जा सकेगा.
पूरी ट्रेडिंग तीन चरणों में की जाएगी
फिजिकल गोल्ड में ट्रेडिंग को सक्षम करने के लिए, ईजीआर का ट्रेड किया जाएगा और स्टॉक एक्सचेंजों पर इसका सेटलमेंट किया जाएगा.
पाटिल ने कहा कि पूरी ट्रेडिंग तीन चरणों में की जाएगी जिसमें फिजिकल गोल्ड से ईजीआर में कनवर्शन, ईजीआर का ट्रेड और फिर से ईजीआर का फिजिकल गोल्ड में कनवर्शन शामिल है.
शुरुआत करने के लिए, बीएसई 1 किलो और 100 ग्राम मूल्यवर्ग के ईजीआर लॉन्च करने की योजना बना सकता है और इसे फिजिकल गोल्ड में परिवर्तित किया जा सकेगा.
खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 50 ग्राम, 10 ग्राम और 5 ग्राम के छोटे मूल्यवर्ग के ईजीआर को भी चरणबद्ध तरीके से लॉन्च किया जाएगा.
डिलीवरी सेंटर पर होगा एक्सचेंज
ग्राहक डिलीवरी सेंटर पर फिजिकल गोल्ड जमा करके इसे ईजीआर में परिवर्तित कर सकेंगे. एक्सचेंज सेबी की ओर से निर्धारित दिशानिर्देशों के आधार पर वॉल्ट सर्विस प्रोवाइडर्स (वीएसपी) को सूचीबद्ध करेगा.
इसी तरह, ग्राहक ईजीआर को फिजिकल गोल्ड में रिडीम कर सकेंगे. वॉल्ट मैनेजर (फिजिकल गोल्ड के), डिपॉजिटरी (जो डीमैट में ईजीआर रखते हैं) और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्टॉक एक्सचेंज और क्लियरिंग कॉरपोरेशन के बीच एक इंटरफेस विकसित किया जाएगा.
गोल्ड मोनेटाइजेशन के मौजूदा कार्यक्रमों में मिलेगी मदद
इस कदम से बुलियन ट्रेड मार्केट की कमियां दूर होने की उम्मीद है. स्पॉट और डेरिवेटिव दोनों के लिए सिंगल पॉइंट ट्रेडिंग कॉस्ट और साइकिल टाइम को कम करके सभी बाजार सहभागियों की मदद करेगा.
इसके अलावा, ईजीआर में ट्रेड गोल्ड मोनेटाइजेशन के मौजूदा कार्यक्रमों जैसे कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (जीएमएस), गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड डिपॉजिट में योगदान देगा.
वर्चुअल ट्राई-ऑन टेक्नोलॉजी: क्या यह ई-कॉमर्स का भविष्य हो सकता है?
वर्चुअल ट्राई-ऑन टेक्नोलॉजी: क्या यह ई-कॉमर्स का भविष्य हो सकता है?
वर्चुअल ट्राई-ऑन ग्राहकों को अपने डिजिटल उपकरणों के कैमरे के माध्यम से वस्तुतः कपड़े, आभूषण, या मेकअप जैसे विभिन्न उत्पादों पर आज़माने की अनुमति देते हैं। यह तकनीक न केवल उपयोगकर्ताओं के अनुभव को वैयक्तिकृत करती है, बल्कि ब्रांड को अपने ग्राहकों की सबसे बड़ी अपेक्षाओं को पूरा करने में भी मदद करती है।
1। वर्चुअल मेकअप ट्राई-ऑन
ऐसी कई कंपनियां हैं जो निर्देशित वर्चुअल ट्राई-ऑन समाधान प्रदान करती हैं, जिन्हें आसानी से और जल्दी से आपके ऐप या वेबसाइट में एकीकृत किया जा सकता है। इस तरह के समाधानों के सबसे चमकीले उदाहरणों में से एक बानुबा द्वारा विकसित गाइडेड वर्चुअल ट्राई-ऑन और एआर ट्राई-ऑन हो सकता है। उनके वर्चुअल ट्राई-ऑन के साथ, आप अपने ग्राहकों को सबसे यथार्थवादी कॉस्मेटिक खरीदारी का अनुभव प्रदान कर सकते हैं और अपने उत्पाद को पूरी तरह से प्रदर्शित कर सकते हैं। इसमें एक स्मार्ट AI-सलाहकार और एक विशाल मेकअप डेटाबेस शामिल है जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लगातार विस्तार कर रहा है।
बानुबा एआर तकनीकों के साथ कई ऑफ-द-शेल्फ समाधान भी प्रदान करता है जो आपके व्यवसाय का लाभ उठाएंगे। उनके पास वीडियो एडिटर एसडीके और फेस एआर एसडीके हैं जो उपयोगकर्ताओं को नए सौंदर्य प्रभावों को आजमाने और आपकी गो-टू-मार्केट रणनीति को बढ़ाने का मौका देते हैं।
2। ज्वेलरी और आईवियर
ज्वैलरी और आईवियर सेक्टर वर्चुअल ट्राई-ऑन का उपयोग करने के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उदाहरण के लिए, माइकल कोर्स के चश्मे का वर्चुअल ट्राई-ऑन ग्राहकों को यह देखने देता है कि वे अपने कैमरे की मदद से अपने नए चश्मे में कैसे दिखेंगे। दरअसल, यह विश्व-प्रसिद्ध फैशन ब्रांड समाचार फ़ीड में अपने AR विज्ञापनों का परीक्षण करने के लिए Facebook के साथ सहयोग करने वाला पहला ब्रांड था।
3। फर्नीचर उद्योग
साथ ही, फर्नीचर उद्योग भी ऊपर बताए गए क्षेत्रों की उंगलियों पर कदम रख रहा है। उनके वर्चुअल ट्राई-ऑन आपको यह कल्पना करने देंगे कि वास्तव में इसे खरीदने से पहले फर्नीचर का एक टुकड़ा आपके स्थान और डिज़ाइन में कैसे फिट होगा। और यह न केवल ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अच्छा है। यहां तक कि जब कोई व्यक्ति ईंट-और-मोर्टार स्टोर में एक सोफा खरीदता है, तो वे इसे घर ला सकते हैं और देख सकते हैं कि यह उनके लिविंग रूम में पूरी तरह से अच्छा नहीं दिखता है। लेकिन सौभाग्य से, वर्चुअल फ़र्नीचर ट्राई-ऑन की मदद से, ग्राहकों को एक तस्वीर में सामान्य तस्वीर देखने का अवसर मिलता है। कोई आश्चर्य नहीं कि फर्नीचर क्षेत्र में इस तकनीक की लोकप्रियता हर गुजरते दिन के साथ फलफूल रही है। IKEA , Houzz , और Wayfair ने पहले ही ऐसे ऐप विकसित कर लिए हैं जिनमें वर्चुअल ट्राई-ऑन फ़ंक्शन है।
4। कपड़ों का उद्योग
अजीब बात यह है कि कपड़ों का उद्योग थोड़ा पीछे चल रहा है। कारण यह है कि प्रत्येक व्यक्ति का शरीर अद्वितीय होता है। इसलिए, वर्चुअल कपड़ों के ट्राई-ऑन को शरीर की सभी विशेषताओं को ध्यान में रखना चाहिए। इसके अलावा, एक आदर्श परिदृश्य में, आभासी कपड़ों को एक व्यक्ति के साथ मिलकर चलना चाहिए, जिससे उन्हें यह देखने में मदद मिल सके कि यह वास्तविक जीवन में कैसा दिखेगा। इस तरह, एक योग्य वर्चुअल कपड़ों को ट्राई-ऑन बनाना बहुत अधिक जटिल काम है। हालांकि, बॉडी ट्रैकिंग और बॉडी सेगमेंटेशन तकनीकों के विकास के साथ, AR वर्चुअल कपड़ों के ट्राई-ऑन अधिक से अधिक बार पॉप अप होने लगे हैं। उदाहरण के लिए, प्रादा ने स्नैपचैट के ट्राई-ऑन टूल के साथ प्रयोग किया है। अभी, यूज़र अलग-अलग प्रादा बैग पर यह देखने की कोशिश कर सकते हैं कि वे अपने सामान्य लुक को कैसे फिट करेंगे।
ई-कॉमर्स की धारणा
ई-कॉमर्स (इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स) इंटरनेट के माध्यम से उत्पादों और सेवाओं को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है। इसमें ऑनलाइन किए गए सभी वित्तीय ऑपरेशन भी शामिल हैं। इसलिए, न केवल इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग ई-कॉमर्स का एक अभिन्न अंग है। इलेक्ट्रॉनिक पैसा, बैंकिंग, मार्केटिंग और यहां तक कि बीमा भी इस विशाल प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
इसका मुख्य लाभ यह है कि यह कंपनियों और ब्रांडों को दुनिया भर में अपना व्यवसाय चलाने और कई लागतों को काफी कम करने की अनुमति देता है, जबकि ग्राहकों को उत्पादों का व्यापक विकल्प मिलता है और अपने घरों के आराम से सबसे आकर्षक ऑफ़र खोजने के उद्देश्य से कीमतों की तुलना करने की संभावना मिलती है।
शीर्ष 3 ई-कॉमर्स रुझान
ई-कॉमर्स का उद्योग लगातार बदल रहा है। एक बात निश्चित है: यदि आप प्रतिस्पर्धी बने रहना चाहते हैं, तो नवीनतम ई-कॉमर्स रुझानों को बनाए रखना आवश्यक है।
1। ऑनलाइन शॉपिंग
महामारी का समय वह मोड़ बन गया जिसने ऑनलाइन शॉपिंग को लोगों की सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन गतिविधि बना दिया। शुरुआत में, उपभोक्ता ऑनलाइन सामान खरीदने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन बाद में, ब्रांड और कंपनियां वेबसाइटों की ग्राहक मित्रता में सुधार करने में कामयाब रहे। इस तरह, ऑनलाइन शॉपिंग ने दुनिया भर में विश्वास हासिल किया। वैसे, ऑनलाइन शॉपिंग का मतलब कंप्यूटर का उपयोग करना जरूरी नहीं है। मोबाइल डिवाइस हमेशा हाथ में होते हैं, और व्यावहारिक रूप से हर ब्रांड के पास अपनी वेबसाइट का ऐप या मोबाइल संस्करण होता है जो खरीदारी की प्रक्रिया को बहुत आसान बनाता है। इसलिए, ऑनलाइन खरीदारी के लिए ई-कॉमर्स (मोबाइल कॉमर्स) पहले से ही पसंदीदा चैनल बन गया है।
2। सोशल कॉमर्स
सोशल कॉमर्स ई-कॉमर्स की बिक्री बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जैसे TikTok, Instagram, Facebook) का उपयोग है। सच्चाई यह है कि ग्राहक खरीदारी के सुझाव, विकल्प और छूट खोजने के लिए अपने सामाजिक फ़ीड का उपयोग करना पसंद करते हैं। इसलिए, सोशल कॉमर्स आपके ब्रांड को संभावित खरीदार खोजने और आपके दर्शकों का विस्तार करने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, आप Instagram इन्फ्लुएंसर की मदद से अपने ब्रांड का प्रचार कर सकते हैं। इसके अलावा, TikTok ने शॉपिंग विज्ञापन पेश किए हैं, जो इस प्लेटफ़ॉर्म के दर्शकों तक पहुंचने में ब्रांडों की सहायता करते हैं।
3। विस्तारित वास्तविकता (XR)
विस्तारित वास्तविकता में संवर्धित वास्तविकता (AR) और आभासी वास्तविकता (VR) शामिल हैं। AR और VR ब्रांड्स को ऑनलाइन उत्पाद खरीदने के बारे में ग्राहकों की अनिश्चितता और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इसे खरीदने के उनके बहादुर निर्णय के बीच की खाई को पाटने में मदद करते हैं। इस तकनीक को ई-कॉमर्स की दुनिया में एक वास्तविक गेम चेंजर कहा जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संवर्धित और आभासी वास्तविकता का उपयोग करते हुए, उपभोक्ताओं के पास उत्पादों को उसी तरह से जांचने और देखने का एक सही मौका होता है, जैसे वे वास्तविक स्टोर में करते हैं। और यहां, वर्चुअल ट्राई-ऑन पहले ही सबसे आगे आ चुके हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उनके ई-कॉमर्स का भविष्य होने की संभावना है। लेकिन क्या सच में ऐसा है?इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
लेकिन जैसा कि आप देख रहे हैं, वर्चुअल ट्राई-ऑन पहले ही ई-कॉमर्स को अगले स्तर पर ले जाना शुरू कर चुके हैं। अभी के लिए, अधिकांश ग्राहक AR को एक प्रकार की विलासिता के रूप में देखते हैं, लेकिन जल्द ही, उन्हें इसकी आदत हो सकती है और वे इसे मूलभूत आवश्यकता के रूप में देखते हैं। इसलिए, वर्चुअल ट्राई-ऑन निश्चित रूप से ई-कॉमर्स का भविष्य हैं। और अगर आप चाहते हैं कि आपका ब्रांड शानदार ऊंचाइयों को हासिल करे, तो आपको अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने के लिए इस टूल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।