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पूंजी बाजार

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डेली न्यूज़

व्यापार लागत को कम करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय एक्सचेंज सदस्यों के संघ (Association of National Exchanges Members of India-ANMI) ने भारत सरकार से दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर (Long Term Capital Gains Tax) और प्रतिभूति लेन-देन कर (Securities Transaction Tax-STT) को वापस लेने का आग्रह किया है।

कच्चे पूंजी बाजार तेल की कीमतों में मजबूती से रुपया सात पैसे टूटकर 81.33 प्रति डॉलर पर

मुंबई, दो दिसंबर (भाषा) डॉलर के कमजोर होने के बावजूद स्थानीय बाजारों में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह से शुक्रवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 81.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी पूंजी की बाजार पूंजी बाजार से निकासी बढ़ने के कारण भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.11 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपये का लाभ लुप्त हो गया और अंत में यह सात पैसे की गिरावट दर्शाता 81.33 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 81.08 के उच्चस्तर और 81.35 के निचले स्तर को छुआ। पिछले सत्र में रुपया चार पैसे की तेजी के साथ 81.26 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक, पूंजी बाजार अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘कमजोर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स ने रुपये का समर्थन किया। हालांकि, कमजोर घरेलू बाजार, कच्चे तेल में उछाल और एफआईआई की धन निकासी से रुपया नुकसान में बंद हुआ।’’

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.53 पर आ गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.17 प्रतिशत बढ़कर 87.03 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 415.69 अंक टूटकर 62,868.50 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को 1,565.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा राजेश राजेश अजय

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

बैठकों का सिलसिला खत्म, अब तैयार होगा बजट, आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार को मिले सुझाव

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 के लिए 21-28 नवंबर तक वर्चुअल मोड में बजट पूर्व परामर्श बैठकों की अध्यक्षता की. ये प्री-बजट बैठकें सोमवार को पूरी हो गई हैं. इस दौरान आयोजित आठ मीटिंग्स में 7 हितधारक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 110 से ज्यादा आमंत्रित अतिथियों ने भाग लिया. इन बैठकों में सभी हितधारकों ने कृषि, रोजगार, व्यापार और अन्य अहम मुद्दों पर सरकार को सुझाव दिए हैं, ताकि आम आदमी को महंगाई समेत अन्य परेशानियों से राहत दी जा सके.

वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इन स्टैक होल्डर ग्रुप में कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग, इंडस्ट्री, बुनियादी ढांचा और जलवायु परिवर्तन, वित्तीय क्षेत्र, पूंजी बाजार, सेवाओं और व्यापार, सामाजिक क्षेत्र, ट्रेड यूनियनों और श्रम के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हैं. इसके अलावा अन्य संगठन और अर्थशास्त्री भी मौजूद रहे.

राज्यों ने सरकार के सामने रखीं अपनी मांगें
इस बीच राज्य के वित्त मंत्रियों ने अपने बजट पूर्व परामर्श के दौरान अधिक धन, केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) के कार्यान्वयन पर अधिक नियंत्रण और खनन रॉयल्टी के लिए उच्च भुगतान को लेकर अपनी मांगें रखीं. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व चर्चा के दौरान कहा कि रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच मूल्यह्रास से निर्यात से जुड़ी गतिविधियां प्रभावित हो रही है और इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र को और अधिक मदद की आवश्यकता है.

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रोजगार निर्माण और आयकर के मुद्दे पर मिले सुझाव
हितधारक समूहों के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट के लिए कई सुझाव दिए जिनमें एमएसएमई की मदद के लिए हरित प्रमाणन के लिए तंत्र, शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम, आयकर का युक्तिकरण, इनोवेटिव ग्रुप्स का निर्माण और सुधारों के लिए कई योजनाएं शामिल हैं. डॉमेस्टिक सप्लाई चैन, इलेक्ट्रिक वाहन पर करों में कमी, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति की शुरुआत और भारत को हरित हाइड्रोजन के केंद्र के रूप में बढ़ावा देने जैसे उपाय भी शामिल हैं.

वहीं, उद्योग समूहों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक के दौरान रोजगार निर्माण, घरेलू विकास और खपत को बढ़ावा देने के लिए आयकर में कटौती करने की अपील की है. उन्होंने अस्थिर अंतरराष्ट्रीय माहौल और उच्च मुद्रास्फीति को देखते हुए वित्तीय संयम बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया है.

विदेशी निवेशक ने मई में भारतीय पूंजी बाजार में 9,000 करोड़ रुपये पूंजी बाजार से अधिक का कारोबार किया

विदेशी निवेशकों ने अधिक व्यवसाय-अनुकूल उपायों की अपेक्षाओं पर पिछले महीने में भारतीय पूंजी बाजारों में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया.

नवीनतम डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पूंजी बाजार पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 2 मई से 31 मई के दौरान 7,920 करोड़ रुपये इक्विटी और 1,111 करोड़ रुपये के ऋण बाजार में खर्च किए, जिससे संचयी निवेश लगभग 4,031 करोड़ रुपये हो गया.इससे पहले, इसके द्वारा अप्रैल में शुद्ध 16,093 करोड़ रुपये, मार्च में 45,981 करोड़ रुपये और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपये पूंजी बाजार (इक्विटी और ऋण दोनों) में निवेश किए थे.

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