विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे

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स्पर्श अस्पताल बैंगलोर में दांत दर्द उपचार लागत
दांत दर्द दांत में या उसके आसपास दर्द या सूजन है, जो अक्सर दांतों की सड़न या संक्रमण के कारण होता है। दांत दर्द के ऐसे कारण हो सकते हैं जो अंतर्निहित बीमारी की वजह से नहीं हों. उदाहरणों में शामिल हैं किसी सख्त चीज को काटना, फ्लॉसिंग करना, दांतों या ब्रेसिज़ के बीच विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे में कुछ फंस जाना। . और दिखाओ
दांत दर्द दांत में या उसके आसपास दर्द या सूजन है, जो अक्सर दांतों की सड़न या संक्रमण के कारण होता है। दांत दर्द के ऐसे कारण हो सकते हैं जो अंतर्निहित बीमारी की वजह से नहीं हों. उदाहरणों में शामिल हैं किसी सख्त चीज को काटना, फ्लॉसिंग करना, दांतों या ब्रेसिज़ के बीच में कुछ फंस जाना।
दांत दर्द के लिए उपचार में चिड़चिड़े खाद्य कणों को हटाने के लिए नियमित रूप से फ्लॉसिंग और ब्रश करना शामिल है। दर्द निवारक का उपयोग करने से अस्थायी राहत भी मिल सकती है, लेकिन बेंज़ोकेन युक्त सामयिक दवाओं के उपयोग को सीमित करना सबसे अच्छा है।
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स्पर्श अस्पताल बैंगलोर में दांत दर्द के इलाज के लिए 1 अस्पताल और डॉक्टर दिखा रहा है
अस्पताल के बारे में
- NABH के साथ मान्यता प्राप्त है, विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे हॉस्पिटल्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स हैं बैंगलोर में 4 केंद्र - यशवंतपुर, इन्फैंट्री रोड, बोम्मसंद्रा और दावणगेरे।
- इन चार अस्पतालों में से, यशवंतपुर की शाखा 17+ विभागों के साथ सुपर स्पेशियलिटी है, इन्फैंट्री रोड की शाखा उन्नत सर्जरी के लिए गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित है, बॉम्बे.
- NABH के साथ मान्यता प्राप्त विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे है, हॉस्पिटल्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स हैं बैंगलोर में 4 केंद्र - यशवंतपुर, इन्फैंट्री रोड, बोम्मसंद्रा और दावणगेरे।
- इन चार अस्पतालों में से, यशवंतपुर की शाखा 17+ विभागों के साथ सुपर स्पेशियलिटी है, इन्फैंट्री रोड की शाखा को उन्नत सर्जरी के लिए गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है, बोम्मसंद्रा को आर्थोपेडिक्स, प्लास्टिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी के लिए जाना जाता है और डेवनगेरे की शाखा एक्सीडेंट बोन एंड जॉइंट केयर के लिए प्रतिष्ठित है।
- इसकी पहली शाखा 2006 में बोम्मसंद्रा में स्थापित की गई थी और इसकी सुपर-स्पेशियलिटी शाखा यशवंतपुर (SPARSH सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल) में 2015 में स्थापित की गई थी।
- इस केंद्र ने उस जटिल मामले को संभाला जिसने इसे एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी - 27 घंटे की सर्जरी में 8 अंगों के साथ जन्म लेने वाले बच्चे और दूसरे बच्चे का मामला था जो पैर के साथ पैदा हुआ था।
- यह गुरु नमन और स्पार्श वचना जैसी पहल की भी मेजबानी करता है।
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SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा, मौत के आंकड़ों में कमी कोई अनोखी बात नहीं
मुंबईः कोविड19 से हुई मौतों की सरकारी सूचनाओं पर जारी बहस के बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने अपनी एक एक ताजा शोधपरक रिपोर्ट में बुधवार को कहा कि भारत में मौतों के आंकड़ों में कमी कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि कम रिपोर्टिंग के प्रमुख कारणों में एक यह है कि कई मौतें बिना किसी चिकित्सकीय निगरानी के होती हैं और इस हालात में बदलाव के लिए स्वास्थ्य सवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार जरूरी है।
एसबीआई की यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है, जब देश में कोविड-19 महामारी से हुई मौत के आंकड़ों को कम करके बताने को लेकर बहस चल रही है। खासतौर से गंगा नदी में शवों को देखे जाने के बाद इस आशंका को बल मिला है। कुछ अनुमानों के मुताबिक वास्तविक आंकड़ा बताए गए आंकड़े के मुकाबले 10 गुना अधिक हो सकता है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने रिपोर्ट मे कहा, ‘‘यह भी काफी हद तक संभव है कि कोई जांच ही न हुई हो और भारत में बीमारी तथा मौत के सरकारी आंकड़ों में कमी होना कोई नई घटना नहीं है। यह नागरिक पंजीकरण के जरिए भारत में कोविड से हुई मौतों के बारे में पता लगाने को लेकर जारी हालिया बहस के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।''
रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ बेहतर चिकित्सा व्यवस्था से भारत में बीमारी की उचित जानकारी रखी जा सकती है और जीवन की रक्षा हो सकती है। इसके लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना और स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे में बढ़ोतरी जरूरी है। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘‘ऐसा साफतौर पर लगता है'' कि भारत जैसे निम्न आय वाले देशों में कोविड-19 की तबाही (जितनी बताई गई है उससे) ‘‘अधिक भयावह होनी चाहिए।'' जन्म और मृत्यु पंजीकरण के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने 1969 में एक कानून के जरिए दोनों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में मृत्यु पंजीकरण आज भी 75 प्रतिशत से नीचे है।
रिपोर्ट विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे में यह भी कहा गया है कि 2019 में देश में कुल जन्म में एक तिहाई केवल उत्तर प्रदेश और बिहार में पंजीकृत किए गए थे जबक एक तिहाई मौतें उत्तर प्रदेश, हमाराष्ट्र और तमिलनाडु में पंजीकृत थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जन्म और मृत्यु में इस तरह की असंगति आने वाले वर्षों में इन राज्यों के जननांकीय स्वरूप के लिए ठीक नहीं है।
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जनरल आसिम मुनीर ने पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला
करेंट अफेयर्स – 25 फरवरी 2022
बैंगनी क्रांति (Purple Revolution) –
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में लैवेंडर (lavender) की खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘बैंगनी क्रांति’ शुरू करने की योजना बनाई है। यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के माध्यम से CSIR-IIIM के अरोमा मिशन (Aroma Mission) के तहत तैयार एक योजना है जो युवाओं की आय के स्रोत बढ़ाने में मदद करेगी। इसे
डोडा और रियासी की तर्ज पर शुरू किया जा रहा है। डोडा और रियासी में अभी तक 500 से अधिक युवाओं ने बैंगनी क्रांति का लाभ उठाया और अपनी आय में वृद्धि की है। बैंगनी क्रांति के तहत जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में पहली बार किसानों को मुफ्त में लैवेंडर के पौधे दिए गए। पहले लैवेंडर की खेती कर चुके लोगों को 5-6 की दर से प्रति पौधा दिया गया। आयातित सुगंधित तेलों से घरेलू किस्मों की विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे ओर बढ़ते हुए घरेलू सुगंधित फसल पर आधारित कृषि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए यह क्रांति शुरू की गई थी। भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान, IIIM जम्मू तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने इस योजना में संयुक्त रुप से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह के नए अध्यक्ष –
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह (IRSG) के अध्यक्ष पद पर भारतीय रबड़ बोर्ड के कार्यकारी निदेशक, के.एन. राघवन (K.N. Raghavan) को चयनित किया गया है। अध्यक्ष के रूप में राघवन अगले दो सालों तक IRSG में सेवाएँ देंगे। वह इस वर्ष की 31 मार्च को सिंगापुर में होने वाले प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। भारत रबड़ का उत्पादक होने के साथ-साथ उपभोक्ता भी है।
अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह (IRSG) के बारे में:
यह विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे प्राकृतिक और सिंथेटिक रबड़ उत्पादक और उपभोग करने वाले देशों का एक अंतर सरकारी संगठन है। इस समूह का गठन वर्ष 1944 में हुआ था। इसका मुख्यालय सिंगापुर में स्थित है। अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह, प्राकृतिक रबड़ (NR) और सिंथेटिक रबड़ (SR) उत्पादकों और उपभोक्ताओं के लिए विश्व स्तर पर रबड़ उद्योग के मामलों पर चर्चा करने व सरकार और उद्योग के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करने का मंच है। कैमरून, कोटे डी आइवर, यूरोपीय संघ, भारत, नाइजीरिया, रूस, सिंगापुर और श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह के सदस्य है। वर्तमान में सल्वाटोर पिनिज़ोटो अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह के महासचिव है।
RBI के केंद्रीय बोर्ड के नए निदेशक –
हाल ही में केंद्र ने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड में निदेशक के रूप में नामित किया है। मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी है। मल्होत्रा की यह नियुक्ति 16 फरवरी, 2022 से अगले आदेश तक प्रभावी है। इससे पहले वे आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। मल्होत्रा से पहले देबाशीष पांडा (Debashish Panda) इस पद पर कार्यरत थे, उन्होंने दिनांक 31 जनवरी, 2022 को अपना कार्यकाल पूरा किया।
RBI के केंद्रीय बोर्ड के बारे में:
रिजर्व बैंक का पूरा कार्य RBI के केंद्रीय बोर्ड के निर्देशकों की देख-रेख में होता है। बोर्ड का गठन केंद्रीय सरकार के द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट के तहत किया जाता है। सरकार द्वारा निर्देशक की नियुक्ति 4 साल के लिए होती है। रिजर्व बैंक बैंकों के कामकाज को सुचारू रुप से चलाने, वित्तीय बाजारों का विकास और विनियमन, बैंकों के बैंक और सरकारी बैंकर के रूप में कार्य, विदेशी मुद्रा का प्रबंधन, कर्ज प्रबंधन जैसे कार्यों को RBI बोर्ड की मदद से पूरा करता है।
PMAYG का dashboard लॉन्च किया गया –
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने दिनांक 22 फरवरी, 2022 को प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAYG) का डैशबोर्ड लॉन्च किया। PMAYG के हितधारकों द्वारा योजना की निगरानी और प्रबंधन के लिए इस डैशबोर्ड का उपयोग किया जाएगा। यह योजना पर कड़ी निगरानी रखने में मदद करेगा।
योजना के क्रियान्वयन में यह डैशबोर्ड पूर्ण पारदर्शिता प्रदान करेगा। योजना की निगरानी के लिए गाँवों के सरपंचों से लेकर निर्वाचन क्षेत्रों के सांसदों तक इस डैशबोर्ड का लिंक उपलब्ध करा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) के बारे में:
वर्ष 2024 तक सभी को आवास” प्रदान करने के उद्देश्य से अप्रैल, 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) को अप्रैल, 2016 में शुरू किया गया था। सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ यह योजना 2 करोड़ से अधिक PMAY-G घरों का लक्ष्य ले कर चल रही है। वर्तमान तक घरों के आवंटित संचयी लक्ष्य में से कुल 1.73 करोड़ PMAY-G घरों को पूरा किया जा चुका है।
नौकरी बचाने के लिए ऑफिस में बिस्तर डालकर सो रहे कर्मचारी! नहीं जा रहे घर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर
नवभारत टाइम्स 10-11-2022
नई दिल्ली:
दुनियाभर में कई कंपनियां इन दिनों छंटनी कर रही हैं। कई जगहों पर नई हायरिंग भी नहीं हो रही है। ऐसे में नौकरी जाने का डर और नई जॉब नहीं मिलने की चिंता से लोग परेशान हैं। लोग किसी न किसी तरह बस अपनी नौकरी बचाने में लगे हुए हैं। बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक कर्मचारी को ऑफिस में ही बिस्तर डालकर सोते हुए देखा जा सकता है। इसमें बताया गया है कि वर्क लोड के चलते नौकरी बचाने के लिए कर्मचारी अब ऑफिस में ही सो रहे हैं।
ट्विटर के एक कर्मचारी ने ट्ववीट की है तस्वीर
बीते दिनों एवन नामक ट्विटर के एक कर्मचारी ने यह तस्वीर ट्ववीट की है। इसमें बताया गया कि वर्क लोड की वजह से कर्मचारी कंपनी में ही सो रहे हैं। एलन मस्क पहले ही ट्विटर के लिए कई बड़े बदलाव की घोषणाएं कर चुके हैं, उन्होंने ट्विटर के कर्मचारियों को इसके लिए डेडलाइन भी दिया है। ट्विटर के कर्मचारियों पर डेडलाइन पूरा न होने पर नौकरी जाने का खतरा है। इसी कड़ी में यह ट्ववीट सामने आया है। हालांकि जिस कर्मचारी की ऑफिस में सोते हुए फोटो वायरल हो रही है उसकी नौकरी नहीं गई है।
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कर्मचारियों पर काम का दबाव
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ट्विटर पर कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे हैं क्योंकि मस्क ने प्रमुख परियोजनाओं पर सख्त समय सीमा निर्धारित की है। प्रबंधकों को विदेशी मुद्रा दरें दावणगेरे कर्मचारियों को अब मस्क की समय सीमा को पूरा करने के लिए अतिरिक्त घंटे लगाने के लिए भी कहा गया है। यह सब तब हुआ है जब एलन मस्क ने ट्विटर पर लगभग 3,700 कर्मचारियों या 50 फीसदी कर्मचारियों की कटौती करने की योजना बनाई थी।
12 घंटे काम करने की हिदायद
बता दें कि हाल ही में एलन मस्क ने कहा था कि कर्मचारियों को सप्ताह के सातों दिन और रोज 12 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना होगा, वरना उनको नौकरी हाथ धोना पड़ेगा। एलन मस्क ने 27 अक्टूबर को 44 बिलियन डॉलर की डील में ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कंपनी के चार शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया था। इनमें CEO पराग अग्रवाल, फाइनेंस चीफ नेड सेगल और लीगल एग्जीक्यूटिव्स विजया गड्डे और सीन एडगेट शामिल हैं। इसके बाद चीफ मार्केटिंग ऑफिसर लेस्ली बेरलैंड, चीफ कस्टमर ऑफिसर सारा पर्सनेट और ग्लोबल क्लाइंट सॉल्यूशंस के वाइस प्रेसिडेंट जीन-फिलिप महू को बाहर कर दिया गया था।