व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद

-आगामी जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 28 मई होने वाली मीटिंग में दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के सामने ऑटो पार्ट्स पर 28 फीसदी जीएसटी (GST) दर को संशोधित कर कम दर की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव भेजें.
Lockdown से व्यापारियों की हालत खराब, बोले- केजरीवाल सरकार टैक्स का पैसा मुफ्त नहीं बांट सकती, हमें भी मदद चाहिए
नई दिल्ली: CAIT On Lockdown: कोरोना महामारी की दूसर लहर से देश के व्यापारी भी काफी चिंतित हैं। कारोबारी गतिविधियां थमने का असर देश के 8 करोड़ व्यापारियों पर पड़ा है। दिल्ली में लॉकडाउन के चलते अब व्यापारियों का धैर्य जवाब देने लगा है। ट्रेडर्स ने अब केजरीवाल सरकार से मदद देने की मांग की है।
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने दिल्ली सरकार के 17 मई, 2021 तक लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले को सही दिशा में लिया गया कदम बताया है। मगर खंडेलवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है कि जिस तरह उन्होंने अन्य क्षेत्रों के लिए वित्तीय और दूसरी सहायताओं की घोषणा की है उसी तरह दिल्ली के व्यापारियों को भी वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है।
‘टैक्सपेयर्स का पैसा मुफ्त में नहीं बांट सकते’
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले तीन हफ्ते से दुकानें और बाजार बंद हैं और व्यापारियों को पैसे की कोई आमदनी नहीं है। जबकि परिवार की आवश्यकताओं और व्यापार में कर्मचारियों के वेतन, बिजली के बिल, पानी के बिल, संपत्ति कर, EMI के भुगतान, कर्जों पर ब्याज के रूप में व्यापारियों का खर्चा लगातार जारी है। व्यापारी सरकार के लिए टैक्स कलेक्टर है। इसलिए हमें सरकार से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का अधिकार है। करदाताओं से पैसे लेकर उस पैसे को दूसरे लोगों को मुफ्त में देने या उनकी मदद करने के नाम पर खर्च नहीं किया जा सकता लिहाजा व्यापारियों को भी उनके हक़ की वित्तीय सहायहता अवश्य मिलनी चाहिए।
6.25 लाख करोड़ का बिजनेस का नुकसान
राज्य सरकारों ने कोविड की इस दूसरी लहर की रफ्तार को घटाने के लिए कर्फ्यू या लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा दी हैं। CAIT का कहना है कि कारोबार नहीं होने से 8 करोड़ व्यापारियों व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद पर इसका असर पड़ा है। CAIT के मुताबिक, अप्रैल 2021 के दौरान कारोबारियों को 6.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है। कैट का दावा है कि उसने 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 हजार से ज्यादा संगठनों से ये डाटा जुटाया है।
Delhi Lockdown: ठप हुआ ऑटो पार्ट्स कारोबार, व्यापारियों ने CM को पत्र लिख मांगी वित्तीय मदद
- News18Hindi
- Last Updated : May 24, 2021, 13:24 IST
नई दिल्ली. दिल्ली में अब कोरोना (Corona) संक्रमण के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं. और दिल्ली अब अनलॉक की तरफ बढ़ रही है. लेकिन फिलहाल दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से 31 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि को बढ़ाने का फैसला किया गया है.
इस बीच दिल्ली के व्यापारी (Traders) इसको लेकर काफी चिंतित हैं कि लॉकडाउन के दौरान कारोबार पूरी तरीके से ठप हो चुका है. दिल्ली सरकार की ओर से उनको कोई रियायत स्कीमों का लाभ देने जैसी कोई घोषणा नहीं की गई है.
Union Budget 2022 : दिल्ली के व्यापारियों को बजट से क्या है उम्मीदें, जानिए
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट (Union व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद Budget 2022) पेश करेंगी. व्यापारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार के बजट से न सिर्फ राहत दे, बल्कि इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) भी बढ़ाए. साथ ही साथ व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद जीएसटी कर प्रणाली (GST Tax System) का सरलीकरण करके जो कंफ्यूजन है, उसे केंद्र सरकार की तरफ से दूर किया व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद जाए. इसके अलावा व्यापारियों को वित्तीय सहायता भी मुहैया कराई जाए, जिससे व्यापार को दोबारा खड़ा करने में मदद मिले.
Lockdown से व्यापारियों की हालत खराब, बोले- केजरीवाल सरकार टैक्स का पैसा मुफ्त नहीं बांट सकती, हमें भी मदद चाहिए
CAIT On Lockdown: कोरोना महामारी की दूसर लहर से देश के व्यापारी भी काफी चिंतित हैं. कारोबारी गतिविधियां थमने का असर देश के 8 करोड़ व्यापारियों पर पड़ा है. दिल्ली में लॉकडाउन के चलते अब व्यापारियों का धैर्य जवाब देने लगा है.
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व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद: CAIT
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने दिल्ली सरकार के 17 मई, 2021 तक लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले को सही दिशा में लिया गया कदम बताया है. मगर खंडेलवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है कि जिस तरह उन्होंने अन्य क्षेत्रों के लिए वित्तीय और दूसरी सहायताओं की घोषणा की है उसी तरह दिल्ली के व्यापारियों को भी व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है.
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले तीन हफ्ते से दुकानें और बाजार बंद हैं और व्यापारियों को पैसे की कोई आमदनी नहीं है जबकि परिवार की आवश्यकताओं और व्यापार में कर्मचारियों के वेतन, बिजली के बिल, पानी के बिल, संपत्ति कर, EMI के भुगतान, कर्जों पर ब्याज के रूप में व्यापारियों का खर्चा लगातार जारी है. व्यापारी सरकार के लिए टैक्स कलेक्टर है, इसलिए हमें सरकार से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का अधिकार है. करदाताओं से पैसे लेकर उस पैसे को दूसरे लोगों को मुफ्त में देने या उनकी मदद करने के नाम पर खर्च नहीं किया जा सकता लिहाजा व्यापारियों को भी उनके हक़ की वित्तीय सहायहता अवश्य मिलनी चाहिए.
विस्तार
नए कृषि कानून लागू होने के बाद से प्रदेश की मंडियों में कृषि उत्पाद और मंडी शुल्क में 50 प्रतिशत से भी अधिक गिरावट आई है। इसके चलते मध्यमवर्गीय व्यापारियों से लेकर किसानों तक की चिंता बढ़ गई है। मंडी समिति के कर्मचारियों को भी वेतन न मिलने का भय सताने लगा है।
वहीं, मंडी से बाहर कृषि उत्पाद बेचने वाले किसानों को फसल का उचित दाम न मिलने की शिकायतें तो पहले से ही हैं। वहीं कुछ किसान और व्यापारी इसे नए कृषि कानूनों से जोड़ रहे हैं। उनका मानना है कि नए व्यापारियों को मिले वित्तीय मदद नियम कायदे मंडियों से जुड़े किसानों और व्यापार के अनुकूल नहीं हैं।
नए कृषि कानूनों में सरकार ने व्यापारियों को अधिक भंडारण की छूट दी है, वहीं किसानों को अपनी फसल मंडियों से बाहर कहीं पर भी बेचने का अधिकार दिया है। मंडी से जुड़े सूत्रों के अनुसार नए कानूनों का डर और आंदोलन के असर के साथ ही मौजूदा परिस्थितियों में कृषि उत्पादों की आवक और आय पर बड़ा असर पड़ रहा है।