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Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं?

Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं?
Photo:INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?

क्रिप्टो चार्ट को कैसे पढ़े?

जानिए चार्ट के आधार पर कैसे काम किया जाए, या उनसे मिलने वाले संकेतों को कैसे मुनाफे में बदला जाए

किसी ने भी जिसने क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी तरह का निवेश किया है, वह जानता है कि क्रिप्टोकरेंसी का चार्ट रियल-टाइम में कितनी तेजी से लगातार बदलते रहता है। इस एसेट की विख्यात वोलैटिलिटी के कारण कीमतों में जो भारी उतार-चढ़ाव दिखता है, वह भले ही सांसे थमाने वाला हो, लेकिन अपेक्षाकृत कम ही लोग ऐसे हैं जो वास्तव में समझ पाते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी चार्ट को कैसे पढ़ा जाए और उससे भी कम लोग इस बात को सच में समझ पाते हैं कि चार्ट के आधार पर कैसे काम किया जाए, या उनसे मिलने वाले संकेतों को कैसे मुनाफे में बदला जाए।

चार्ट क्या है?

जो लोग ट्रेडिंग में नए हैं, उनके लिए क्रिप्टो चार्ट लाइन और कैंडलस्टिक पैटर्न का एक ऐसा समूह हैं जो क्रिप्टोकरेंसी का ऐतिहासिक प्राइस परफॉर्मेंस दिखाते हैं। ये बाजार की परिस्थितियों में होने वाले बदलावों और भविष्य के रुझानों का अनुमान लगाने में आपकी मदद कर सकते हैं, जिससे आपको निवेश के बेहतर फैसले लेने में मदद मिल सके।

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यह एक स्नैपशॉट है, सेकेंड से लेकर मिनट, दिन, हफ्ते, महीने और यहां तक कि साल और उससे भी ज्यादा समय के दौरान हुए ऐतिहासिक और मौजूदा प्राइस मूमेंट का। क्रिप्टो चार्ट अप्रशिक्षित आंखों के लिए काफी जटिल मालूम पड़ सकते हैं, इसलिए बेहतर यही होगा कि इसके मूलभूत सिद्धांतों को समझ लिया जाए।

क्रिप्टोकरेंसी चार्ट ट्रेडिंग पेयर, अवधि और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का संकेत करते हैं। अमूमन, चार्ट हर समयावधि में खुलने, बंद होने, उस दौरान छुए गये सबसे ऊंचे और सबसे नीचे के भाव की जानकारी देते हैं। चार्ट के सबसे नीचे और बगल में तारीख और कीमतों में होने वाली वृद्धि दर्शाई जाती है।

चार्ट के आधार पर, वॉल्यूम या मूविंग एवरेज जैसे टेक्निकल संकेत दिखने लग जाएंगे और हर ट्रेडिंग सत्र के खुलने और बंद होने के साथ आगे बढ़ेंगे।

जापानी कैंडलस्टिक चार्ट

जापानी कैंडलस्टिक चार्ट (नीचे की दूसरी तस्वीर में दाईं ओर दिखने वाला) लाइन चार्ट के बाद दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला चार्ट है। विश्लेषक आमतौर पर जापानी कैंडलस्टिक को बेहतर मानते हैं क्योंकि इसमें कई अतिरिक्त आंकड़े भी दिखते हैं।

कैंडल आम तौर पर दो रंगों में दिखते हैं, लाल और हरा।

जब किसी कैंडल का रंग लाल होता है तो इसका मतलब होता है कि आलोच्य समयावधि में बंद होने का भाव खुलने के भाव से नीचे था। इसका मतलब उस समय के दौरान उस एसेट की कीमत में गिरावट आई।

जब कोई कैंडल हरा हो जाता है, तो इसका मतलब है कि उसके बंद होने का भाव खुलने की तुलना में ज्यादा था। नीचे की तस्वीर इसे प्रदर्शित कर रही है:

उदाहरण के लिए, हर कैंडल के खुलने, उच्चतम स्तर, निम्नतम स्तर और बंद होने से अतिरिक्त जानकारियां मिल सकती हैं। यदि कैंडल के दौरान भाव खुलने या बंद होने की सीमा से परे जाते हैं, तो एक शैडो या कैंडल “विक” रह जाता है।

इन कैंडलस्टिक के आकार, स्वरूप, अवधि और रंग तथा जो पैटर्न ये बनाते हैं, उनसे विश्लेषकों, खरीदारों और ट्रेडरों को भाव के भविष्य की चाल का अंदाजा मिल जाता है, जिससे उन्हें संभावना के आधार पर अपनी पोजीशन बदलने या नई पोजीशन लेने की सहूलियत मिल जाती है।

जापानी कैंडलस्टिक एक अकेले कैंडल से कई सारी सूचनाएं देने में समर्थ है। फिर भी, जब एक खास तरह के कैंडल विशेष क्रम में आते हैं, तब ये भविष्य में कीमतों की चाल के बारे में एक सटीक अनुमान दे सकते हैं।

इन्हें मोटे तौर पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है:

1. बुलिश रिवर्सल पैटर्न

2. बियरिश रिवर्सल पैटर्न

कुछ सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली बुलिश रिवर्सल पैटर्न निम्नांकित हैं।

हैमर कैंडल पैटर्न

एक “बुलिश हैमर” ऐसा रिवर्सल पैटर्न होता है जो आम तौर पर गिरावट के रुझान में बॉटम पर बनता है। इसमें कैंडल का बॉडी हैमर के प्रहार वाले हिस्से को इंगित करता है, जबकि उनका लंबा बॉटम विक हैमर का हत्था दर्शाता है।

हरे रंग का हैमर लाल रंग के हैमर से ज्यादा प्रभावशाली होता है, लेकिन जैसा कि 2015 में बिटकॉइन के बॉटम के उदाहरण से दिखता है कि लाल रंग का हैमर भी अपनी तरह से शक्तिशाली संकेत हो सकता है। यह पैटर्न दिखाता है कि किस तरह बिकवालों ने पूरी ताकत से कीमत को नीचे धकेला, लेकिन खरीदारों ने भी उन्हें कड़ी टक्कर दी और आखिरकार उन्हें खरीदारी की ताकत से परास्त कर दिया। इस पैटर्न के वैध होने के Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं? लिए आवश्यक है कि इसके बाद तेजी का रुझान बने।

बुलिश एनगल्पफिंग कैंडल पैटर्न

एक बुलिश एनगल्फिंग कैंडल एक ऐसा रिवर्सल पैटर्न है जिसमें एक हरा कैंडल बॉडी पिछले दिन के कैंडल बॉडी को पूरी तरह निगल जाता है। इससे संकेत मिलता है कि बिकवाल थक गये हैं और खरीदार कहीं ज्यादा जोश से कूद पड़े हैं, जिसके कारण अब रुझान पलटने वाला है। उदाहरण के लिए, नीचे के चार्ट में बुलिश एनगल्फिंग आने वाली तेजी का एक संकेत है।

मॉर्निंग स्टार कैंडल पैटर्न

एक मॉर्निंग स्टार कैंडल तब बनता है जब पहले तो गिरावट के रुझान के बाद बॉटम पर एक दोजी का निर्माण होता है और फिर उसके बाद एक मजबूत तेजी का दौर शुरू हो जाता है। एक दोजी में कैंडल बॉडी या तो बहुत छोटा होता है या फिर नहीं होता है और छोटे विक्स या शैडो होते हैं। यह बिकवाली का मजबूत रुझान दर्शाता है, जिसमें धीरे-धीरे बिकवाल हिचकिचाने लगते हैं और फिर आखिरकार यह ट्रेंड पलट जाता है।

बियरिश रिवर्सल पैटर्न

हर तेजी के पैटर्न के बाद एक मंदी का पैटर्न भी होता है। इस तरह के पैटर्न पलटने से पहले किसी तेजी के बिलकुल शीर्ष पर उभरते हैं। कुछ सबसे आम लेकिन मजबूत बियरिश रिवर्सल पैटर्न निम्नांकित हैं।

शूटिंग स्टार कैंडल पैटर्न

शूटिंग Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं? स्टार कैंडल पैटर्न में एक कैंडल होता है, जिसमें ऊपर की ओर एक लंबा शैडो होता है। उसकी बॉडी छोटी होती है और नीचे या तो कोई शैडो नहीं होता या फिर छोटा शैडो होता है। यह तेजी के रुझान के शीर्ष पर उभरता है और उसके बाद बाजार की दिशा पलट जाती है।

यह कैंडल खरीदारों की ओर से लगाई गई पूरी ताकत दर्शाता है, जिसे जबर्दस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है और इसी कारण ऊपर की ओर एक लंबा शैडो छूटता है।

Cryptocurrency क्या है? कैसे काम करता है? इसके फायदे और नुकसान (Best Cryptocurrencies List)

सभी देशों की अपनी अलग अलग Currency (मुद्रा) होती है जिस तरह भारत में रुपया चलता है उसी तरह अमेरिका में डॉलर और अन्य देशों में अपनी अलग-अलग मुद्राएं चलती है जिन्हें आप जेब, घर अथवा बैंक में रख सकते हैं। परंतु अब बाजार में नई आभासी मुद्रा (Virtual Currency) तेजी से लोकप्रिय हो रही है जिसे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कहा जाता है।

यह एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। यह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग द्वारा निर्मित एक डिजिटल डिजिट है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन बाजार में इसकी वैल्यू सभी भौतिक मुद्राओं से काफी अधिक है।

Top 5 Best Cryptocurrencies

बीते सालों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज लोगों में काफी तेजी से बढ़ा है और लोग इस डिजिटल करेंसी की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं तथा की कीमत में काफी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है ऐसे में लोग इसे इन्वेस्टमेंट का सबसे बढ़िया जरिया बता रहे हैं।

इस Digital Currency को लेकर कई अवैध गतिविधियों के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं, ऐसे में सरकार ने पहले प्राइवेट क्रिप्टो-करेंसी को भारत में बैन करने का फैसला लिया तथा और सरकारी क्रिप्टोकरंसी को लॉन्च करने की बात कही थी। अब सरकार इसके इस्तेमाल को लेकर एक बिल ला रही है।

आज के इस लेख में हम आपको क्रिप्टो-करेंसी या आभासी मुद्रा क्या है? (Crypto currency in Hindi) यह कैसे काम करता है? और Best Cryptocurrencies की जानकारी देने जा रहे हैं जहां इसके फायदे (Benifits) और नुकसान के बारे में भी आपको जानकारी मिलेगी।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (Cryptocurrency in Hindi)

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी एक आभासी मुद्रा है, जो पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम पर काम करती है। इसे कंप्यूटर एल्गोरिथ्म की मदद से बनाया गया है जिसमें क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचैन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है।

यहां होने वाले ट्रांजैक्शन डिजिटल सिगनेचर द्वारा वेरीफाई किये जाते है, और ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से इसका पूरा लेखा-जोखा रखा जाता जिसे ledger (बही खाता) कहते है। यह विकेंद्रीकृत (Decentrallized) प्रणाली पर काम करती है इसलिए अधिकतर क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र होती है और इसे किसी वित्तीय संस्थान या अथॉरिटी द्वारा काबू नहीं किया जाता।

हालंकि इसका कोई भौतिक Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं? आस्तित्व नहीं है इसलिए इसे डिजिटल करंसी (E-currency) के तौर पर जाना जाता है। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल लेन-देन और इन्वेस्टमेंट करने के लिए किया जा सकता है।

दुनिया की पहली Crypto-Currency बिटकॉइन (Bitcoin) थी जिसकी शुरुआत वर्ष 2009 में हुई। इसकी खोज जापान के सतोषी नाकमोतो नामक एक प्रोग्रामर (इंजीनियर) द्वारा की गई। बाद में कई लोगों ने अलग-अलग जगहों से क्रिप्टोकरंसी के संस्थापक (Founder) Satoshi Nakamoto होने का दावा किया।

क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है? (Crypto Mining in Hindi)

क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन में Peer to Peer तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और Crypto currency आम लोगों के बीच बटे Blockchain की मदद से भेजा जाता है, यहाँ सभी लेन-देन का हिसाब इस Blockchain में रखा जाता है।

प्रत्येक लेनदेन पर नजर बनाए रखने और इस ब्लॉकचेन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए इसे वेरीफाई किया जाता है जिसे पावरफुल कंप्यूटर पर बैठे हजारों लोग करते हैं जिन्हें माइनर्स (Crypto Minners) कहा जाता है।

Crypto Mining किसे कहते है: कंप्यूटर की मदद से क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन को हल करके ई-करेंसी ट्रांजैक्शन को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने या CryptoCurrency प्राप्त करने की प्रक्रिया को क्रिप्टो माइनिंग/खनन (Crypto Mining) कहा जाता है।

List Best Cryptocurrencies to Buy in 2021

Bitcoin के अलावा दुनिया भर में 1000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है, जिनमें से कुछ पॉपुलर Cryptocurrencies है: Ethereum, Ripple, Monero, Litecoin, आदि।

Top 5 Best Cryptocurrencies

    Bitcoin (BTC): बिटकॉइन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर आधारित एक डिजिटल करेंसी है जिसका आविष्कार ‘सतोषी नाकमोतो‘ नामक एक प्रोग्रामर ने किया था। इसका आदान-प्रदान पियर-टू-पियर तकनीक के जरिए होता है।

बीते साल 2019 में Facebook ने भी Libra Cryptocurrency को Launch करने का ऐलान किया था।

क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल (Use of Crypto Currency)

  • Remitance: बिटकॉइन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रेमिटेंस (विदेश से आने वाले पैसे) के क्षेत्र में होता है क्योंकि यहाँ बैंक के मुकाबले काफी कम चार्ज लिया जाता हैं। जब विदेशी लोग बैंक के जरिए यह पैसा अपने देश भेजते Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं? हैं तो इस पर बैंक 5% से 30% तक फीस लेती है। तो वही सामान्य मनी ट्रांसफर की फीस 10% होती है।

CryptoCurrency के फायदे (Benifits)

  • क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं? में आसानी होती है।

बिटकॉइन के नुकसान (Disadvantages of Crypto)

  • बिटकॉइन का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि इसे किसी सरकार या अथॉरिटी द्वारा Manage नहीं किया जाता, इसीलिए इसकी कीमत में अचानक उछाल और गिरावट देखने को मिलती है। ऐसे में यहां इन्वेस्ट करना जोखिम भरा हो सकता है।

क्या India में Cryptocurrency Legal है?

दुनिया भर के 90 से अधिक देश आज क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं परंतु कुछ देशों में यह कानूनी रूप से सही (Legal) ठहराया गया है तो इसे कुछ देशों में अवैध (Illegal) घोषित किया गया है। क्योंकि वहां अब तक इसे लेकर कोई कानूनी मान्यता या फैसला नहीं हुआ है। हालाँकि India में Cryptocurrency Legal (मान्य) है।

भारत में वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया गया था, जिसके बाद वर्ष 2019 में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक के ड्राफ्ट में प्रस्ताव पास कर Cryptocurrency की खरीद फरोख करने वालों को 10 साल की सजा का प्रावधान लाया गया। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) पर लगे आरबीआई के बैन को हटाते हुए इससे ट्रेड करने की मंजूरी दे दी गयी।

फरवरी 2021 में सरकार ने प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया है और सरकारी क्रिप्टो करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी में है। यानी अब Bitcoin की तरह ही भारत की अपनी खुद की डिजिटल करेंसी होगी और हो सकता इसके बाद बिटकॉइन को भारत में पूर्ण रूप से बैन कर दिया जाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल करेंसी के संबंध में भारत में तेजी से काम चल रहा है।

अंतिम शब्द

आने वाला युग डिजिटल करेंसी का युग होने जा रहा है ऐसे में यदि आप भी क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करना चाहे तो कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे यह फायदेमंद होने के साथ ही जोखिम भरा भी हो सकता है।

नोट: यदि आपके पास खोने के लिए कुछ पैसे है तो आप उसे यहां इन्वेस्ट कर सकते हैं कभी भी उधार लेकर या लोन पर लिए गए पैसों को इस तरह के इन्वेस्टमेंट में लगाने से बचें। केवल वही राशि निवेश करें जिसका आप वहन कर सकते हैं।

भारत भी अब क्रिप्टो करेंसी को स्वीकार चुका है ऐसे में आपको क्रिप्टोकरंसी क्या है? यह कैसे काम करती है? और कुछ पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी के बारे में तथा इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में भी आपको पता होना चाहिए इसलिए यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें।

बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

Bitcoin: क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खोलने के लिए केवाईसी कराना होता है.

बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh

Updated on: Jun 17, 2021 | 6:49 PM

भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इंडस्ट्री ने तेजी से जगह बनाई है. बहुत कम समय में इसका बाजार बढ़ा है. क्रिप्टो आधारित कंपनियों पर से सुप्रीम कोर्ट की ओर से पाबंदी हटने के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखी जा रही है. आज की तारीख में तकरीबन 1 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टो में निवेश किया है. पिछले एक साल में इन निवेशकों ने अच्छा रिटर्न भी पाया है. निवेशकों के लिए किसी भी क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने का तरीका वैसे ही है, जैसे इक्विटी आदि में लगाते हैं. नए निवेशक चाहें तो 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं.

जियोटस (Giottus) के सीईओ और को-फाउंडर विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी में निवेशक 100 रुपये भी लगा सकते हैं और इसके लिए वे क्रिप्टो आधारित कॉइन या टोकन में बहुत कम मात्रा में खरीदारी कर सकते हैं. अच्छा यह रहता है कि पैसे को अलग-अलग क्रिप्टो में अलग-अलग अवधि के लिए लगाया जाए. किप्टो की तरह मीम कॉइन डोजकॉइन और शिबू इनु मशहूर हैं जिसमें पैसा निवेश किया जा सकता है. विक्रम सुब्बुराज कहते हैं, सही रिटर्न के लिए जरूरी है कि टॉप 10 क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया जाए.

अगर पोर्टफोलियो की बात करें तो 40 परसेंट बिटकॉइन में, 40 परसेंट इथीरियम (अन्य टॉप 10 क्रिप्टो में इस पैसे को बांट सकते हैं) और बाकी बचा 20 परसेंट हाई रिस्क कॉइन में लगा सकते हैं. क्रिप्टो में पैसे लगाएं और कुछ दिन धीरज रखें, बाजार को मैच्योर होने दें. पैसा निकाल कर कहीं और निवेश करने की जल्दबाजी न करें.

क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में जानें

Giottus एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जहां इसकी ट्रेडिंग की जा सकती है. ट्रेडिंग के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है. 5 मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाता है, वह भी भारतीय केवाईसी नियमों के साथ. केवाईसी के तुरंत बाद अगर डॉक्युमेंट दुरुस्त हों तो वेरिफिकेशन हो जाता है और 15 मिनट में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. जियोटस जैसे प्लेटफॉर्म पर एक साथ 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरंसी की जानकारी मिलती है जहां 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म पर पैसा जमा करना होता है. कुछ प्लेटफॉर्म पैसा जमा करने के लिए शुल्क लेते हैं, कुछ नहीं. इसी जमा पैसे से क्रिप्टो में निवेश शुरू होता है.

कैसे खोलें खाता

क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. हालांकि एक पैन से क्रिप्टो के अलग-अलग एक्सचेंज में कई अकाउंट खोल सकते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज में 24 घंटे और सातों दिन ट्रेडिंग कर सकते हैं. नए निवेशकों के लिए सलाह दी जाती है कि जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही क्रिप्टो की ट्रेडिंग करें. क्रिप्टो के दाम उतार-चढ़ाव में या तो तेजी से गिरते हैं या तेजी से चढ़ते हैं. यानी कि भारी मुनाफे के साथ भारी गिरावट का भी खतरा होता है. इसलिए दिल थाम कर क्रिप्टो की ट्रेडिंग में हाथ लगाना चाहिए.

बिटकॉइन से करें शुरुआत

हर क्रिप्टोकरंसी अपने आप में यूनिक है और उसी हिसाब से उसकी ट्रेडिंग होती है. नए निवेशक जब खरीदारी करने चलें तो उसके बारे में ठीक से रिसर्च कर लें. जैसे नंबर टू क्रिप्टोकरंसी इथीरियम एक प्लेटफॉर्म भी है जिसे अलग-अलग ऐप के जरिये खरीदा जा सकता है. ऐसा नहीं है कि किसी खास ऐप से ही इसकी ट्रेडिंग और खरीदारी होगी. जैसे मोबाइल में एंड्रॉयड सिस्टम अलग-अलग मोबाइल कंपनियों में काम करता है, वैसे ही इथीरियम अलग-अलग ऐप पर भी काम करता है. नए निवेशकों को एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बिटकॉइन और इथीरियम में पैसा लगाकर शुरुआत करनी चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे इक्विटी में एसआईपी के जरिये निवेश शुरू करते हैं.

सावधानी के साथ करें निवेश

भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी रेगुलेटेड नहीं है, सरकार और रिजर्व बैंक का अभी रुख साफ नहीं है. ऐसे में कम पैसे में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ट्रेडिंग का मतलब होता है कि खरीदारी पर कितना मुनाफा कमाते हैं. कोई किप्टो कितने में खरीदते हैं, ट्रेडिंग का मकसद यह नहीं होता है. इसी हिसाब से क्रिप्टो में पैसे लगाने और उसे जारी रखने पर फोकस करना चाहिए. नए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 2-3 परसेंट क्रिप्टोकरंसी को रखना चाहिए. बाद में मार्केट की समझ हो जाए तो निवेश बढ़ा सकते हैं.

Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया

Cryptocurrency vs Digital Currency: अगर आप डिजिटल करेंसी को भी क्रिप्टोकरेंसी समझने की भुल करते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है और डिजिटल करेंसी किन मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है।

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 19:38 IST

Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?- India TV Hindi

Photo:INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?

Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य

क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल टोकन

सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में ये है अंतर

केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।

बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं। सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।

जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?

इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में बिटकॉइन है. मगर क्या आप जानते हैं कि क्या है बिटकॉइन? लगातार क्यों चढ़ रही हैं इसकी कीमतें?

जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?

भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.

bitcoin-reuters

बिटकॉइन को आप छू नहीं सकते यानी की यह डिडिटल फॉर्म में ही रहती हैं. यही इसकी सबसे खास बात है. दूसरे शब्दों में आप इसे विकेंद्रीकृत डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं. बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.

कैसे करता हैं यह काम?
बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का कहना है Cryptocurrency बाजार कैसे काम करता हैं? कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन (कृत्रिम सिक्के) हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है.

यदि आपके पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की होती है. आप बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी रख सकते हैं.

बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.

बिटकॉइन का रिटर्न
बिटकॉइन ने अपनी एंट्री के साथ ही गगनचुंबी रिटर्न दिए हैं. सात सालों में बिटकॉइन ने 10 रुपये के निवेश को 6.2 लाख रुपये कर दिया. इस साल बिटकॉइन ने जनवरी से नवंबर के दौरान 900 फीसदी का रिटर्न दिया है.

Bitcoin

Bitcoin is a digital currency that is not tied to a bank or government and allows users to spend money anonymously.

बुधवार को ही अमेरिकी बाजार में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $10,000 के स्तर के पार गई. कमाल की बात यह है कि इसकी मांग और लोगों की बिटकॉइन के लिए दिवानगी का आलम यह था कि चंद ही घंटों में यह करेंसी 20 फीसदी की छलांग लगाकर $11,000 का स्तर भी पार कर गई.

इस करेंसी की अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में इसकी कीमत $11,434 के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद $9,009 तक भी लुढ़क गई. अमेरिकी बाजार पर काफी समय तक इसकी कीमतों में कोई फेरबदल देखने को नहीं मिला.

चिंता के बादल
गौरतलब है कि इस सितंबर के अंत तक इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $4,171.25 थी. कई विशेषज्ञ इस गु्ब्बारे ही हवा निकलने के संकेत दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इतने कम समय में दोगुना रिटर्न देने के बाद असली सवाल यह कि वे निवेशकों को कब बाहर जाने कि सलाह दें.

इसमें कोई दो राय नहीं कि बिटकॉइन के रिटर्न असाधारण हैं. इस बुलबुल के फूटने के संकेत इस बात से भी लगाए जा रहे हैं कि जहां एक तरफ कुछ दिग्गजों को उम्मीद हैं कि बिटकॉइन 2018 के अंत तक $40,000 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, वहीं 2017 में यह तीन दफा एक ही सत्र में 25 फीसदी तक टूट चुका है.

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