निवेश स्थल

ऑफशोर विंड फाउंडेशन ईईडब्ल्यू एसपीसी (जर्मनी) और ब्लाड इंडस्ट्रीज (डेनमार्क) के अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं ने नॉर्थ ईस्ट इंगलैंड के टीसाइड में पूर्व टीएजी एनर्जी फैसिलिटी के अधिग्रहण और समुन्नयन के लिए 3 करोड़ पाउंड का निवेश किया है। यह फैसिलिटी फर्मों के लिए यूरोपीय विनिर्माण केन्द्र का एक अंग बनेगा और इससे इस इलाके में 350 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है और साथ ही स्थानीय सप्लाइ चेन (आपूर्ति श्रृंखला) में भी बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा।
निवेश स्थल
निवेश स्थल (Nivesh sthal ) मीनिंग : Meaning of निवेश स्थल in English - Definition and Translation
- ShabdKhoj
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देश में शीर्ष निवेश स्थल के रूप में उभर रहा है जम्मू-कश्मीर: प्रशासन
श्रीनगर, 23 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में 10,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि 60,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्रशासित प्रदेश की सरकार के सफल अभियान को दर्शाता है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को कहा, ‘‘आजादी के बाद से जम्मू और कश्मीर को केवल 14,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त हुआ था। हालांकि नई औद्योगिक विकास योजना की शुरुआत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेने के बाद केंद्रशासित प्रदेश को लगभग एक वर्ष में 56,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।’’
प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में देश-विदेश की निजी कंपनियां जम्मू-कश्मीर में निवेश कर रही हैं। रियल एस्टेट सम्मेलन के दौरान कई बिल्डरों ने भी यहां निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
देश निवेश स्थल में शीर्ष निवेश स्थल के रूप में उभर रहा है जम्मू-कश्मीर: प्रशासन
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को कहा, ‘‘आजादी के बाद से जम्मू और कश्मीर को केवल 14,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त हुआ था। हालांकि नई औद्योगिक विकास योजना की शुरुआत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेने के बाद केंद्रशासित प्रदेश को लगभग एक वर्ष में 56,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।’’
प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में देश-विदेश की निजी कंपनियां जम्मू-कश्मीर में निवेश कर रही हैं। रियल एस्टेट सम्मेलन के दौरान कई बिल्डरों ने भी यहां निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
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71% मल्टीनेशनल कंपनियां अगले 3-5 वर्षों में भारत में करेंगी भारी निवेश
वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलीकरण में भी भारत को विशेष सफलता मिली है। भारत की मजबूत होती इकोनॉमी ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। CII-EY MNC सर्वे 2022 रिपोर्ट निवेश स्थल के मुताबिक 71% मल्टीनेशनल कंपनियां अगले 3-5 वर्षों में भारत में भारी निवेश करने जा रही है। सर्वे रिपोर्ट की मानें तो 64% मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में बिजनेस के अनुकूल बेहतर माहौल बनाने का श्रेय केंद्र सरकार को देती है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की लगातार कोशिशों से देश में ”ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में भारी बढ़ोतरी हुई है। तो वहीं डिजिटलीकरण से सहुलियत भी बढ़ी है और पारदर्शिता से भरोसा बढ़ा है। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी भारत अब तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने ओर तेजी से निवेश स्थल अग्रसर है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलीकरण में भी भारत को मिली सफलता
इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलीकरण में भी भारत को बड़ी सफलता मिली है। भारत सरकार का लक्ष्य भारत के सामान्य लोगों को इस बेस पर इंपावर करना है, यानि कि उसे पावरफुल बनाना है। इसलिए, भारत ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर अपनी नीतियां बनाई, और पूरी सरकार उसकी सुविधा और प्रगति के रास्ते पर चली। भारत ने इसके लिए दो चीजों पर एक साथ काम किया। पहला-बैंकिंग व्यवस्था को सुधारना उसे मजबूत करना उसमें पारदर्शिता लाना और दूसरा- वित्तीय समावेश करना। ये दोनों ही उपाय सफल साबित हुए।
आज भारत के 99 प्रतिशत से अधिक गांवों में 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंक शाखा, बैंकिंग आउटलेट या ‘बैंकिंग मित्र’ है। आम नागरिकों को बैंकिंग की जरूरतें पूरी करने के लिए इंडिया पोस्ट बैंकों के माध्यम से व्यापक डाकघर नेटवर्क का भी उपयोग किया गया है। आज भारत में प्रति एक लाख वयस्क नागरिकों पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वह जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से अधिक है।
डिजिटल भागीदारी से भारत के लिए खुला संभावनाओं का नया संसार
कहते हैं कि वित्तीय भागीदारी जब डिजिटल भागीदारी से जुड़ जाती है तो संभावनाओं का एक नया संसार खुलने लगता है। जी हां, यूपीआई (UPI) ने भारत के लिए विकास के नई द्वार खोलने का कार्य किया है। यूपीआई जैसा बड़ा उदाहरण आज हमारे सामने है और भारत को इस पर गर्व है क्योंकि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली तकनीक है। आज 70 करोड़ स्वदेशी रुपे कार्ड उपयोग कर रहे हैं, जो विदेशी कंपनियों और उच्च वर्गों के ऐसे उत्पादों के इस्तेमाल की तुलना में बहुत निवेश स्थल बड़ा बदलाव है। “प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था का यह संयोजन गरीबों के लिए गरिमा और सामर्थ्य को बढ़ा रहा है और मध्यम वर्ग को सशक्त बना रहा है, साथ ही यह देश के डिजिटल विभाजन को भी खत्म कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि निवेश को प्रोत्साहित करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी ‘इन्वेस्ट इंडिया’ को साल 2020 का संयुक्त राष्ट्र निवेश संवर्धन पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। इस पर पीएम मोदी ने कहा था कि हमारी सरकार भारत को निवेश के लिए दुनिया का पसंदीदा स्थल बनाने और कारोबार करना अधिक सुगम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वास्तव में सरकार ऐसा करके जनता से किए अपने वादों को पूरा भी कर रही है। तभी तो महामंदी के दौर और कोरोना संकट में भी भारत की गाड़ी ट्रैक से नहीं उतरी और देश का विकास का पहिया निरंतर घूमता रहा है।
आगे की जानकारी:
यूकेटीआई आंतरिक निवेश की सम्पूर्ण रिपोर्ट यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
ब्रिटेन में निवेश करने वाले सर्वोच्च 20 देश हैं:
यूकेटीआई विलय और अधिग्रहण सहित व्यापक प्रकार की आंतरिक निवेश परियोजनाओं तथा उन परियोजानाओं जिनकी घोषणा विदेशी निवेशकों द्वारा सार्वजनिक रूप से नहीं की जाती है, का रिकॉर्ड रखता है। इस प्रकार, यूकेटीआई द्वारा प्रस्तुत एफडीआई परियोजनाओं के आंकड़े ईवाय और एफटी जैसे बाहरी संगठनों के आंकड़ों से भिन्न होते हैं जो एफडीआई प्रवाह पर प्रमुख रूप से निवेश घोषणाओं के आधार पर नजर रखते हैं। ये बाहरी संगठन कैलेंडर वर्ष के आधार पर रिपोर्ट पेश करते हैं जबकि यूकेटीआई द्वारा वित्तीय वर्ष का अनुसरण किया जाता है।
यूकेटीआई एक सरकारी विभाग है जो ब्रिटिश कंपनी को वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफल होने में सहायता करता है। हम बाहर की कंपनियों को भी ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में- जिसे वैश्विक व्यवसाय में सफलता पाने के लिए यूरोप की सबसे अच्छी जगह माना जाता है, उच्च गुणवत्ता के निवेश करने में सहायता करता है। ब्रिटेन में और दुनिया भर के ब्रिटिश दूतावासों तथा अन्य राजनयिक कार्यालयों में विशेषज्ञों के अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए यूकेटीआई द्वारा विशेषज्ञता और संपर्क उपलब्ध कराई जाती है। हम कंपनियों को वे साधन उपलब्ध कराए जाते हैं जिनकी आवश्यकता उन्हें विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा करने में पड़ती है।