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सप्ताहांत पर व्यापार क्यों?

सप्ताहांत पर व्यापार क्यों?

“ग्रेडेड सर्विलांस मीज़र” से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु

यद्यपि यह व्यवस्था उचित हैं, परन्तु इसमें छोटे निवेशकों के लिये एकमात्र चुनौती यह है कि इनके लिये प्रायः छोटा सा नोटिस जारी किया जाता है और इसे अगले ही दिन से लागू कर दिया जाता है। अतः वे लोग जो पहले से ही इस स्टॉक में प्रवेश कर चुके हैं उन्हें इससे बाहर निकलने का भी पर्याप्त सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? समय नहीं मिल पाता है।

बेशक, यह भी एक प्रकार का जोखिम ही है। उदाहरण के लिये, यदि उन्हें पर्याप्त समय दे दिया जाए तो अगले दिन स्टॉक की कीमतें गिर सकती हैं, जिससे मूल्य व्यवस्था में बिखराव आ जाएगा और निवेशकों के लिये बाहर निकलने का कोई मार्ग शेष नहीं बचेगा।

अब भारत के साथ यह देश भी करेगा मुक्त व्यापार

भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद की मंजूरी मिल गयी है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने खुद ट्वीट करके यह जानकारी दी है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रिश्तों की सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? मजबूती को लेकर तमाम प्रयास हो रहे हैं। बीते दिनों जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा था कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने पर चर्चा की है।

पीएम अल्बनीस ने दी जानकारी
अब ऑस्ट्रेलिया की संसद ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दे दी है। यह समझौता संसद से पारित किए जाने की जानकारी ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने ट्वीट कर दी। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया का मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है। इससे पहले सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौता ऑस्ट्रेलियाई सेवा कंपनियों और पेशेवरों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश करने का एक बड़ा अवसर होगा।

ऑस्ट्रेलिया को इससे बड़ी उम्मीद
ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) पर दो अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे। ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि यह समझौता दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था में ऑस्ट्रेलिया की पैठ को मजबूत करेगा। ऑस्ट्रेलिया में उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते के बाद ऑस्ट्रेलिया के व्यापारी सवा अरब से अधिक भारतीय उपभोक्ताओं के बाजार में अपने व्यापार का विस्तार कर सकेंगे।

व्यापार महासंघ ने क्यों रखा इटावा बन्द, कारण देखकर रह जायेंगे दंग देखिए ।

इटावा गत एक सप्ताह पूर्व किराना व्यापारी के मुनीम के साथ तीन लाख की लूट व चोरी की बढ़ती घटनाओं को लेकर सयुक्त व्यापार महासंघ के आव्हान पर इटावा में बाजार पूरी तरह बंद रहे। सुबह से बाजारों में व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे वही व्यापार महासंघ के पदाधिकारी बाजारों में घूमते दिखाई दिए। इटावा नगर में गत दिनों खातोली से कलेक्शन लेकर आ रहे पारेता ट्रेडिंग कम्पनी के मुनीम कृष्णमुरारी नागर के साथ केशोपुरा गांव के यहां अज्ञात लुटेरों ने घटना को अंजाम दिया। और लुटेरों को एक सप्ताह बाद भी पुलिस की पकड़ में नही आने को लेकर व्यापारी क्षेत्र में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर व्यापार महासंघ ने विरोध के तहत बाजार बंद किया।वही जल्द आरोपियों की गिरिफ्तारी नही होने पर आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी। वही नगर में सुबह से ही बाजारों के बन्द के आव्हान के चलते इटावा डीएसपी राजेश मलिक, एसएचओ धनराज मीना सहित खातोली, अयाना सहित अन्य स्थानों का पुलिस जाप्ता शांति व्यवस्था के लिए तैनात है।

भारत-इंग्लैंड के बीच होगी मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा, दोनों देशों को होगा ये.. लाभ

लंदन। भारत और इंग्लैंड के बीच व्यापारिक रिश्तों की मजबूती पर एक कदम आगे बढ़ते हुए इंग्लैंड ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत का ऐलान किया है। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे ब्रिटिश व्यापारियों के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की कतार में सबसे आगे रखने का सुनहरा अवसर करार दिया है।

जॉनसन ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता भारत के साथ ऐतिहासिक व्यापारिक भागीदारी को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने इसके लिए स्कॉच व्हिस्की, वित्तीय प्रबंधन और नवीनीकृत तकनीकी जैसे क्षेत्रों में पर्याप्त अवसरों का उदाहरण दिया। दोनों देशों के बीच वार्ता अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है। इंग्लैंड सरकार द्वारा किसी देश के साथ वार्ता की घोषणा के बाद यह औपचारिक वार्ता की सबसे तेज शुरुआत होगी।

इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि भारत की उभरती अर्थव्यवस्था के साथ मुक्त व्यापार निश्चित रूप से इंग्लैंड के कारोबारियों व उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक साबित होगा। इंग्लैंड के सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? पास विश्वस्तरीय दक्षता है और भारत भी नवोन्मेष में पीछे नहीं है। दोनों देश इस समझौते का लाभ उठा सकते हैं।जॉनसन का यह बयान इंग्लैंड की विदेश मंत्री मेरी ट्रेवेलियान और भारत के उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बीच प्रस्तावित वार्ता से ठीक पहले आया है। ट्रेवेलियान 15वीं भारत-इंग्लैंड संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? की बैठक के लिए दिल्ली में हैं। ट्रवेलियान ने कहा कि 2050 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आ चुका होगा। ऐसे में मुक्त व्यापार समझौता ब्रिटिश कारोबार को सबसे आगे रखने का सुनहरा अवसर है।

सफाई करते तो बहुत हैं पर पता नहीं क्यों, दिखाई नहीं देती

सफाई करते तो बहुत हैं पर पता नहीं क्यों, दिखाई नहीं देती

कैंट बोर्ड ने नालों की सफाई के लिए दो जेसीबी और एक क्रेन की खरीदारी की थी। इनकी कीमत कुल 60 लाख रुपए की थी। अब बारिश का मौसम शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक कैंट विभाग ने नालों व नालियों की सफाई की कोई सुध नही ली है।

मेरठ (ब्यूरो)। हालत यह है कि न तो नालों की सफाई की गई है और न ही नई नवेली जेसीबी और क्रेन को बाहर निकाला गया है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि नालों की सफाई की जा रही है। बावजूद इसके, बजबजाते नाले दावों की हवा निकाल रहे हैं।

पिछले साल आए थे इक्यूपमेंट
दरअसल, कैंट बोर्ड ने पिछले साल 10 लाख रुपए में नाले की सफाई के लिए क्रेन खरीदी थी। इसके साथ ही 50 लाख रुपए की दो जेसीबी मशीन खरीदी थी। हालत यह है कि इन मशीनों को अभी तक निकाला ही नही गया है। एक बार भी विभाग ने इन मशीनों को यूज नहीं किया जा रहा है। वैसे तो विभाग द्वारा स्टाफ कम होने की भी बात कहीं जाती है,लेकिन विभाग की ओर से कांटे्रक्ट बेस पर करीब 25 सौ कर्मचारी शिफ्ट में काम कर रहे हैं।

कर रहे है झूठे दावे यहां
विभाग द्वारा आबूलेन नाले व बोम्बे बाजार, सदर, रजबन आदि विभिन्न स्थानों पर नाला सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? सफाई अभियान का दावा तो किया जा रहा है। काम को शुरू हुए काफी समय हो गया है। दावे के इतर हकीकत की तस्वीर कुछ अलग कहानी बयां कर रही हैं। यहां नालों में न तो सफाई हो रही है न ही आसपास की गंदगी को साफ किया गया है। ऐसे में जाहिर है कि विभाग द्वारा झूठे दावे किए जा रहे हैं। विभाग के सेनेट्री इंचार्ज एसके त्यागी ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही आबूलेन नाले की सफाई का अभियान शुरू किया गया है।

नालों की सफाई का अभियान विभाग द्वारा शुरू सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? करवा दिया गया है। बाकी संबंधित विभाग के सदस्यों से बात कर इसकी जानकारी ली जाएगी।
ज्योति कुमार, सीईओ

हमारी नॉलेज में सफाई शुरू नहीं हुई है सब तरफ गंदगी है ऊपर से बारिश का मौसम है यहां गंदगी होती है।
नरेंद्र, अध्यक्ष, आबूलेन व्यापार संघ

यहां नालों के आसपास गंदा रहता है अब तो बदबू आने लगी है गुजरना मुश्किल हो जाता है।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

कैंट अक्सर दावे करता है लेकिन यहां सफाई नही होती है। कैंट ने इसबार अभी तक सफाई शुरू नहीं की है। बारिश भी आने लगी है।
अमित बंसल, महामंत्री, सदर व्यापार मंडल

नालों व नालियों में कहीं भी सफाई नहीं हुई है, यहां बारिश में बहुत ही गंदगी हो जाती है।
संदीप अग्रवाल, सदर

कैंट बोर्ड को सफाई अभियान चलाने की जरूरत है। विभाग द्वारा दावे किए जाते है पर सफाई नहीं की जाती है ये गलत है।
संजय अग्रवाल, गंज बाजार निवासी

कैंट द्वारा कुछ भी नहीं किया जा रहा है केवल दावे किए जा रहे हैं, जो कि गलत है। नालों की सफाई करना बहुत जरुरी है वरना इससे बीमारियां बढ़ेंगीं।
बृजमोहन, भूसा मंडी निवासी

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