प्लैटफॉर्म

प्लैटफॉर्म पर चलेगी ई-कार, अक्षम यात्री होंगे सवार
झाँसी : रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे ने एक और ़कदम आगे बढ़ाया है। इसके लिए निजी सेवा प्रदाताओं को भी पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में शामिल कर उनका सहयोग यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लिया जा रहा है। उपचार या फिर अन्य किसी कारण से दिव्यांग और बुजुर्ग यात्री भी ट्रेन से यात्रा करने को ही महत्व देते हैं। चलने में अक्षम यात्रियों को प्लैटफॉर्म पर आकर अपनी ट्रेन के कोच तक पहुँचने में मुश्किल प्लैटफॉर्म न हो, इसके लिए झाँसी मण्डल ने अपने दो महत्वपूर्ण स्टेशन पर बाहरी सहयोगियों से सहायता लेते हुए ई-कार सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। इस व्यवस्था का लाभ यात्रियों के साथ ही सेवा प्रदान करने वालों को भी मिलेगा।
झाँसी रेल मण्डल का वीरांगना लक्ष्मीबाई और ग्वालियर रेलवे स्टेशन उत्तर-मध्य रेलवे के बड़े और यात्रियों के हिसाब से व्यस्त रहने वाले स्टेशन की सूची में शामिल है। इन दोनों स्टेशन से हर तरह के यात्रियों का आवागमन होता है। इसके अलावा झाँसी मण्डल रेल अस्पताल से दिल्ली और अन्य बड़े राज्यों के अस्पतालों में उपचार कराने जाने वाले लोगों को भी जाना होता है। प्रतिदिन वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग यात्री भी दोनों स्टेशन से बड़ी संख्या में यात्रा करते हैं। लेकिन चलकर लम्बी देरी तय करने वाले उक्त श्रेणी के यात्रियों को ट्रेन में सवार होने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। कभी-कभी तो बुजुर्ग और मरी़ज जब तक अपने कोच के पास पहुँचते हैं, उनकी ट्रेन चलने लगती है। उक्त श्रेणी के यात्रियों के लिए रेल मण्डल ने अब बीच का रास्ता निकाल लिया है। इससे यात्रियों को कम समय में कोच तक पहुँचा दिया जाएगा। इस सेवा के लिए न तो रेलयात्रियों को मशक्कत करनी पड़ेगी और न रेलवे को इस पर कोई पैसा खर्च करना पड़ेगा। अच्छी बात यह है कि एक स्कीम से यहाँ तीन वर्ग को सीधा लाभ मिल जाएगा। मण्डल के वाणिज्य विभाग ने रेलवे बोर्ड की योजना के तहत वीरांगना लक्ष्मीबाई और ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर ई-कार चलाने की योजना को हरी झण्डी दे दी है। इससे यह सुविधा देने वाले प्रदाता को व्यापार मिल जाएगा तो यात्रियों को मुफ्त में ई-कार सेवा मिलेगी।
पीपीपी मॉडल पर चलेंगी प्लैटफॉर्म पर ई-कार
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी, पीपीपी मॉडल के तहत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम या सरकारी संगठन, व्यावसायिक फर्म और कॉरपोरेट कम्पनि, गैर सरकारी संगठन या कोई भी व्यक्ति इस सुविधा को प्रदान करने की जिम्मेदारी ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें रेलवे को किसी तरह का शुल्क या लाइसन्स फीस भी नहीं देना होगा। उन्हें दोनों स्टेशन पर कम से कम एक-एक ई-कार उपलब्ध करानी होगी और इसका संचालन और रखरखाव उन्हें ही करना होगा।
सेवा प्रदाता को ऐसे मिलेगा लाभ
वाणिज्य विभाग की योजना के अर्न्तगत जो भी फर्म, कम्पनि, संगठन या व्यक्ति ई-कार का संचालन रेलवे स्टेशन के प्लैटफॉर्म पर करेगा, वह लभार्थी यात्रियों से इसका कोई शुल्क नहीं लेगा। वाणिज्य विभाग ने उन्हें आर्थिक लाभ कमाने के लिए इस बात की अनुमति प्रदान की है कि वह उस ई-कार पर निर्धारित माप अनुसार विज्ञापन कर पैसा कमा सकते हैं। यह सुविधा उन्हें एक साल के लिए मिलेगी।
दुर्घटना से भी बचेंगे यात्री
ऐसा कोई दिन ही हो जब मण्डल के वीरांगना लक्ष्मीबाई और ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के साथ ट्रेन पकड़ने की जल्दी में कोई छुटपुट दुर्घटना न होती हो। यह दुर्घटना अक्सर इसी कारण से होती है कि जब बुजुर्ग और ते़जी से चलने में अक्षम यात्री अक्सर चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हैं। ई-कार चलने से ऐसे यात्री कम समय में आसानी से ट्रेन तक पहुँच जाएंगे और दुर्घटना की सम्भावना भी समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही मरी़जों को प्लैटफॉर्म प्लैटफॉर्म भी इस सुविधा का बड़ा लाभ मिलेगा।
Metaverse बन सकता है वर्चुअल सेक्सुअल हैरेसमेंट का अड्डा, FB के VR प्लैटफॉर्म पर महिला के साथ छेड़छाड़
Meta (पहले फेसबुक) के वर्चुअल रियलिटी प्लैटफॉर्म पर एक महिला के साथ वर्चुअली छेड़छाड़ की खबर है. महिला ने Meta से इसकी शिकायत की है. महिला के मुताबिक VR स्पेस में छेड़छाड़ इंटरनेट से भी ज्यादा बदतर है.
Munzir Ahmad
- नई दिल्ली,
- 20 दिसंबर 2021,
- (अपडेटेड 20 दिसंबर 2021, 7:52 PM IST)
- Meta के VR प्लैटफॉर्म पर महिला के साथ छेड़छाड़
- महिला ने की Meta से शिकायत, कंपनी ने जांच शुरू की
मेटावर्स पर इन दिनों दुनिया की बड़े टेक कंपनियां अरबो डॉलर्स का निवेश कर रही हैं. फेसबुक ने हाल ही में अपना नाम बदल कर Meta कर लिया है. क्योंकि मार्क जकरबर्ग को लगता है कि मेटावर्स ही फ्यूचर है.
Meta ने हाल ही में Horizon World प्लैटफॉर्म लॉन्च किया है. एक महिला बीटा टेस्टर ने आरोप लगाया है कि फेसबुक के वर्चुअल रियलिटी प्लैटफॉर्म पर उनके साथ छेड़-छाड़ हुई है.
Meta और Metaverse में आप कन्फ्यूज न हों. Meta दरअसल फेसबुक का नया नाम है, जबकि Metaverse एक कॉन्सेप्ट है जिसे इंटरनेट का फ्यूचर माना जा रहा है. मेटावर्स पर सेक्सुअल हैरेसमेंट एक बड़ा चैलेंज बन सकता है और इसकी शुरुआत हो चुकी है.
रिपोर्ट के मुताबिक महिला बीटा टेस्टर ने Meta को कहा है कि उन्हें Horizon Worlds में कुछ अनजान लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की है. उन्होंये ये भी कहा कि इस Meta के वर्चुअल में हुई उनकी साथ बदसलूकी को दूसरे लोगों ने भी सपोर्ट किया.
विक्टिम ने द वर्ज से कहा है, 'सेक्सुअल हैरेसमेंट नॉर्मल इंटरनेट के लिए कोई मजाक नहीं है, लेकिन अगर यही चीज वर्चुअल रियलिटी में होता है तो ये और भी बदतर हो जाता है'
उन्होंने ये भी कहा है कि Meta के वर्चुअल रियलिटी प्लैटफॉर्म पर न सिर्फ उनके साथ बदसलूकी की गई, बल्कि वर्चुअल स्पेस के दूसरे लोगों ने भी उस शख्स के इस बिहेवियर का सपोर्ट किया है.
वर्चुअल स्पेस में भी सेक्सुअल हैरेसमेंट का डर.
मेटावर्स एक वर्चुअल दुनिया की तरह है. यहां लोग अपना अवतार बना कर वर्चुअल रियलिटी हेडसेट और टूल्स के जरिए खुद को मेटावर्स के अलग अलग जगहों पर ले जाते हैं. वर्चुअल गैदरिंग और मेटावर्स में इन दिनों कॉन्सर्ट्स हो रहे हैं.
ऐसे में मेटावर्स में सेक्सुअल हैरेसमेंट भी एक बड़ा चैलेंज बन सकता है. इसका उदाहरण ये ताजा केस है जहां महिला बीटा टेस्टर के साथ Meta के Horizon Worlds में बदसलूकी की गई और उन्हें गलत तरीके से टच किया गया.
अब आप सोच रहे होंगे कि वर्चुअल स्पेस में कोई किसी को गलत या सही तरीके से टच कैसे कर सकता है? मेटावर्स में दरअसल ये संभव है.
क्योंकि मेटावर्स में लोगों के अवतार होते हैं जो वर्चुअल स्पेस में एक दूसरे से मिलते हैं और बाते करते हैं. हैडशेक करना और हग करना कॉमन है. ऐसे में सेक्सुअल हैरेसमेंट आने वाले समय में मेटावर्स के लिए बड़ा चैलेंज हो सकता है.
फेसबुक के वर्चुअल रियलिटी प्लैटफॉर्म Horizon Worlds की बात करें तो ये दरअसल एक वर्चुअल रियलिटी वर्ल्ड है. ये फिलहाल अमेरिका और कनाडा में अवेलेबल है. यहां 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोग जा सकते हैं.
फेसबुक के मुताबिक Horizon Worlds मेटावर्स में एंटर करने का शुरुआती स्टेप है. Meta के इस प्लैटफॉर्म के जरिए यूजर्स अपना अवतार बना कर वर्चुअल स्पेस में एक दूसरे के साथ सोशलाइज हो सकते हैं और गेमिंग भी कर सकते हैं.
महिला बीटा टेस्टर के साथ Horizon Worlds में हुई बदसलूकी के बाद खबर है कि Meta ने इस मामले की इंटर्नल जांच शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि ये घटना 26 नवंबर को हुई और महिला ने 1 दिसंबर को फेसबुक पर पोस्ट के माध्यम से अपने साथ हुई बदसलूकी के बारे में बताया. 9 दिसंबर को Horizon Worlds पब्लिक के लिए लॉन्च किया गया. इससे पहले इसकी बीटा टेस्टिंग हो रही थी और ये महिला भी इसकी हिस्सा थीं.
Meta Horizon के वाइस प्रेसिडेंट विवेक शर्मा ने इस घटना को शर्मनाक बताया है. उन्होंने वर्ज से कहा है कि ये एक अच्छा फीडबैक है, क्योंकि वो सेफ जोन ब्लॉकिंग टूल बनाना चाहते हैं.
क्या ओटीटी प्लैटफॉर्म के चलते भारत में सिनेमा हॉल्स पर लग जाएगा ताला?
"ओवर-द-टॉप" (ओटीटी) मीडिया सेवाएं मूल रूप से ऑनलाइन सामग्री प्रदाता हैं जो स्ट्रीमिंग मीडिया को केवल उत्पाद के रूप में वितरित करती हैं। इसे वीडियो-ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म के रूप में भी समझा जा सकता है। भारत समेत दुनिया भर में ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लैटफॉर्म दर्शकों के बीच अपनी खास जगह बना रहे हैं, लेकिन यही प्लैटफॉर्म मीडिया के पारंपरिक माध्यमों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। भारत में ओटीटी प्लैटफॉर्म के पास बड़ा यूजर बेस है और इन प्लैटफॉर्म पर किसी भी समय अपना मन-पसंद कंटेन्ट देख पाना ही दर्शकों को और करीब लेकर आ रहा है, लेकिन क्या ओटीटी प्लैटफॉर्म के चलते मीडिया वितरण के पारंपरिक साधन जैसे सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स का भविष्य खतरे में हैं?
गौरतलब है कि पश्चिमी देशों में ओटीटी प्लैटफॉर्म को खास जगह मिल रही है। दर्शकों का बड़ा वर्ग इन प्लैटफॉर्म को प्राथमिकता दे रहा है। भारत में भी यह संख्या कम नहीं है, हालांकि अभी भारत प्लैटफॉर्म में ओटीटी प्लैटफॉर्म पर दर्शकों की संख्या में उतनी अधिक वृद्धि दिखाई नहीं दी है, लेकिन यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
घरेलू बाज़ार में हो रहा विस्तार
भारत में नेटफ्लिक्स और वाल्ट डिज्नी (हॉटस्टार) अपने कंटेन्ट विस्तार के लिए कई मिलियन डॉलर का निवेश कर रहे हैं। इन सभी ओटीटी दिग्गज भारत जैसे बड़े बाज़ार में अपनी जगह सुनिश्चित करना चाहते हैं। इनके अलावा ज़ी5, ऑल्ट बालाजी, टीवीएफ़ जैसे घरेलू प्लैटफॉर्म भी घरेलू दर्शकों को रिझाने के लिए रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस सभी प्लैटफॉर्म क्षेत्रीय भाषाओं में कटेंट का निर्माण कर रहे हैं और घरेलू प्लैटफॉर्म पर सब्स्क्रिप्शन भी औसतन सस्ता है।
भारत की वीडियो स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री अब तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। बीते साल प्रकाशित हुई प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वीडियो स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री 21.82 प्रतिशत की रफ्तार के साथ साल 2023 तक 11 हज़ार 977 करोड़ रुपये की इंडस्ट्री बन जाएगी। आज उपभोक्ता स्मार्ट उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से अपने स्वयं के मीडिया की खपत को नियंत्रित कर सकते हैं और ओटीटी सेवाओं का उपयोग करके चैनलों को लेकर अपने व्यक्तिगत चयन को क्यूरेट कर सकता है।
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और तेज़ होगी रफ्तार
भारत में 4जी के बाद सस्ते इंटरनेट ने वीडियो स्ट्रीमिंग की खपत को कई गुना बढ़ा दिया है और यही कारण है कि भारत का बाज़ार ओटीटी प्लैटफॉर्म के लिए बड़ी तेजी से तैयार हो रहा है। नजदीक भविष्य में भारत 5जी की ओर से भी बढ़ रहा है, जिसके बाद ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग की दर में और तेजी से बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
हो रहा है बड़ा निवेश
ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों के लिए भारत में बढ़ते दर्शकों के साथ, ओटीटी प्लैटफॉर्म के लिए कंटेन्ट निर्माण और वितरण के लिए इस क्षेत्र में लगभग 250 करोड़ रुपये का निवेश करने की संभावना है। इस समय 30 से अधिक ओटीटी प्लेयर और 10 म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप के साथ विभिन्न मनोरंजन और मीडिया मांगों को पूरा कर रहे हैं।
सिनेमा हॉल होंगे खाली?
अभी यह कहना मुश्किल है कि नजदीक भविष्य में ओटीटी प्लैटफॉर्म सिनेमा हॉल के लिए ख़तरा बनकर उभरेंगे, हालांकि किसी निर्माता के लिए अपनी फिल्म या कंटेन्ट को ओटीटी प्लैटफॉर्म को बेंचना कम रिस्क भरा है, जबकि थिएटर में फिल्म लगने के साथ उसे उस रिस्क के लिए भी तैयार रहना पड़ता है, हालांकि बड़े अभिनेता या बैनर की फिल्म थिएटर पर आमतौर पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं। इसी के साथ अभी भारत में ओटीटी प्लैटफॉर्म में रुझान दिखाने वाले यूजर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, ऐसे में नजदीक भविष्य में ओटीटी प्लैटफॉर्म से सिनेमा हॉल को कोई नुकसान होता नहीं दिख रहा है। इसी के साथ पश्चिमी देशों में जहां इन प्लैटफॉर्म दर्शकों की संख्या काफी अधिक है, वहाँ भी सिनेमा परोसने के पारंपरिक तरीकों में कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है।
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वनीला Vivo V25 गीकबेंच प्लैटफॉर्म पर आया सामने, भारत में जल्द होगी लॉन्चिंग
MySmartPrice की रिपोर्ट के मुताबिक वीवो V25 को गीकबेंच पर स्पॉट किया गया है, जहां इसका मॉडल नंबर V2202 देखा गया है. गीक . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : July 31, 2022, 11:00 IST
हाइलाइट्स
MySmartPrice की रिपोर्ट के मुताबिक वीवो V25 को गीकबेंच पर स्पॉट किया गया है.
गीकबेंच लिस्टिंग से पता चलता है कि वीवो वी25 मॉडल नंबर MT6877V वाले चिपसेट से पावर लेता है.
लिस्टिंग से ये भी पता चलता है कि चिप को 8GB रैम और 128GB इंटरनल स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है.
वीवो भारत में अपनी नई सीरीज़ वीवो V25 लॉन्च करने के लिए तैयार है. इस सीरीज़ में वनीला V25 औप V25 प्रो होने की उम्मीद है. इस फोन को हाल ही इंडियन क्रिकेटर विराट कोहली के हाथ में देखा गया था, और अब वीवो V25 को बेंचमार्किंग प्लैटफॉर्म गीकबेंच पर स्पॉट किया गया है. MySmartPrice की रिपोर्ट के मुताबिक वीवो V25 को गीकबेंच पर स्पॉट किया गया है, जहां इसका मॉडल नंबर V2202 देखा गया है.
गीकबेंच लिस्टिंग से पता चलता है कि वीवो वी25 मॉडल नंबर MT6877V वाले चिपसेट से पावर लेता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह मीडियाटेक डाइमेंशन 900 एसओसी है जिसे माली-जी68 जीपीयू के साथ जोड़ा गया है. लिस्टिंग से ये भी पता चलता है कि चिप को 8GB रैम और 128GB इंटरनल स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है.
वीवो V25 एंड्रॉयड 12 पर काम करेगा जिसके ऊपर फनटच ओएस की एक लेयर होगी. लिस्टेड फोन ने गीकबेंच पर 700 अंकों के सिंगल-कोर स्कोर और 1997 के मल्टी-कोर स्कोर पाया है.
इस दिन लॉन्च हो सकता है फोन
हालांकि वीवो ने भारत में वी25 सीरीज के लॉन्च की तारीख को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट से पता चलता है कि V25 और V25 प्रो 17 अगस्त या 18 अगस्त को भारत में लॉन्च किया जा सकता है.
कीमत की बात करें तो भारत में वीवो वी25 की कीमत 30 हजार के आस-पास होने की उम्मीद की जा रही है, वहीं V25 प्रो की कीमत 40,000 रुपये से शुरू हो सकती है.
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