दलाल कैसे बने?

Broker kya hai | Stock Broker Meaning in Hindi
हेल्लो दोस्तों, आज हम इस post में जानगे की, stock broker kya hai in hindi और stock broker meaning in Hindi का मतलब क्या है ! आज के समय सभी लोग अपने पैसे को बढ़ने के लिए कही न कही निवेश कर देते है ! ऐसे में जिन लोगो को स्टॉक मार्किट के बारे में अच्छे से जानकारी होती है वो आसानी से शेयर मार्किट में पैसा लगाकर ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा लेते है ! जिसके लिए वो स्टॉक ब्रोकर का सहारा लेते है !
ऐसे में यदि आप भी FD, RD व् insurance से आगे बढ़कर अपने पैसे को स्टॉक मार्किट में निवेश करना चाहते हो, जिसके लिए आपको एक stock broker in hindi की जरुरत होगी ! ऐसे में यदि आपको नही पता की stock broker kya hai और stock broker meaning in hindi तो आप इस post के शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे ! जिससे की हम आपको आसानी से समझा सके की stock broker kya hota hai और broker meaning in hindi क्या होता है !
Broker kya hota hai ?
Broker hindi meaning को हम हिंदी में दलाल या बिचोलिये के नाम से जानते है ! Broker कोई एक व्यक्ति या कोई एक बड़ी फर्म भी हो सकती है जोकि निवेशक को उनके शेयर को खरीदने और बेचने में उनकी मदद करता है ! जिसके उपर वो आपसे कमीशन लेता है ! यदि हम इसको आसन शब्दों में समझे की कोशिश करे तो स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है ! जिसके चलते शेयर की खरीद बेच आदि सभी चीज़े शेयर मार्किट में इन्ही की वजह से चलती है यानि की स्टॉक मार्किट में सारा काम स्टॉक ब्रोकर की मदद से होता है ! जिसे हम ब्रोकर या स्टॉक ब्रोकर के नाम से जानते है !
Broker meaning in hindi ?
meaning of broker in hindi दलाल कैसे बने? का मतलब दलाल होता है जो आपकी शेयर को खरीदने और उसको बेचने में आपकी मदद करते है ! जिसके बिना आप शेयर को खरीद और बेच नही सकते, क्युकी आप सीधे स्टॉक एक्सचेंज फर्म में नही जा सकते हो ! यदि आप स्टॉक मार्किट में निवेश के लिए कोई खाता भी खुलवाते है तो उसके लिए भी आपको इन्ही स्टॉक ब्रोकर के पास आना होगा ! इसके अलवा आप किसी और से demate और trading account नही खुलवा सकते हो !
Broker से जुड़े फायदे और नुक्सान क्या है ?
यदि आप पैसे निवेश करते है तो आपको पता ही होगा की पैसे निवेश करने के लिए आपको एक broker की जरुरत होती है ! जिसके चलते ऐसे में आप broker से जुड़े फायदे और नुक्सान के बारे में जानना चाहते हो लेकिन आपको नही पता की broker से जुड़े फायदे और नुक्सान क्या है तो आप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित points को step by step follow कर सकते है ! जिससे की आपको आसानी से जान सकते है की broker से जुड़े फायदे और नुक्सान क्या है !
- Broker इन्वेस्टमेंट के समय आपको सिर्फ ऑफर ही नही बल्कि किस शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिये और किन शेयर में नही इन्वेस्ट करना चाहिये ! इसके बारे में भी बताते है ! इसके अलवा ये आपको आने वाले फ्यूचर के हिसाब से भी आपके लिए कौन कौन सी कंपनी best है ! जिसमे आप आगे निवेश कर सकते है पूरी जानकारी प्रदान करते है !
- यदि आप अपने लिए broker का चयन कर रहे है जिससे की आपको best deal आसानी से मिल सके तो ऐसे में आपको सबसे पहले broker के charges के बारे में जरुर जान ले ! क्युकी कई बार ये fixed charges लेने की बजाये आपके इन्वेस्टमेंट की वॉल्यूम के हिसाब से भी चार्ज करते है !
- यदि आप घर बैठे online निवेश करना चाहते है और ऐसे में आप अपने लिए एक broker की तलाश कर रहे है तो ऐसे में आप सबसे पहले जिस भी broker को चुन रहे है उससे ये जरुर पूछ ले की आप कौन कौन सी services देते हो ! क्युकी सभी ब्रोकर online और offline दोनों services नही देते है ! ये दोनों प्रकार की services सिर्फ हाइब्रिड ब्रोकर ही देते है !
मैं आशा करता हूँ, आप सभी को broker kya hai और stock broker meaning in hindi का मतलब क्या है अच्छे से समझ आया होगा ! यदि अभी भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट्स में जरुर बता सकते है ! हमें आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है !
Syan Gyan काफी समय से Money Investment , Money Management , Finacial , Share market , Mutual Fund रिलेटेड जानकारी के लिए बुक्स स्टडी कर रहे है और Finance related आर्टिकल लिख रहे है। यह हमारा मकसद आसान भाषा में Share market , Finace रेलतद जानकारी देना है। धन्यावाद।
राधाकिशन दमानी कौन हैं? और इतने सफल बिजनेस मैन कैसे बने? | डी मार्ट स्टोर क्या है? और इतना सस्ता क्यों है
राधाकिशन दमानी का जन्म 1954 में हुआ था। इनके पिता शिवकिशन दमानी शुरू में एक इन्वेस्टर थे जो बाद में एक बड़े बिजनेसमैन बने व डी मार्ट के संस्थापक बने। डी मार्ट एक स्टोर हैं जो जहां आप खाने पीने से सम्बंधित चीजों को सस्ते दामों पर खरीद सकते हैं।
राधाकिशन दमानी का जन्म एक मारवाड़ी गरीब परिवार में हुआ। ये एक सेल्फ मेड बिलियनर बने। इनके पिता दलाल स्ट्रीट में काम करते थे। शुरूआत में राधाकिशन भी एक ब्रोकर थे जो बाद में एक इन्वेस्टर बने। राधाकिशन जब एक स्टोक ब्रोकर थे तो ये सीख गये थे कि ब्रोकर बनकर तो पैसा नही कमाया जा सकता और मुझे अपना ही पैसा लगाना पड़ेगा।
इन्हे ये पता चल गया था कि इन्बेस्टर बनकर ही पैसा कमाया जा सकता है। आगे चलकर ये इतने बड़े इन्वेस्टर बन गये कि राकेश झुनझुनवाला भी इनको अपना गुरू मानने लगे।
इनका जीवन बहुत साधारण है। ये हमेशा सफेद कपड़े पहनना ही पसंद करते हैं। ये मिस्टर व्हाइट के नाम से जाने जाते हैं। राधाकिशन कभी किसी पब्लिक इवेंट में भी नही जाते। ये ना तो किसी को अपना इन्टरव्यू देते हैं ना ही किसी से मिलते हैं। राधाकिशन पब्लिक और मीडिया से बहुत दूर रहते हैं।
राधाकिशन इतने सफल बिजनेसमैन कैसे बने। इसके लिए आपको समझना होगा कि राधाकिशन अपने पैसे को कैसे इन्वेस्ट करते है। आपको यहां ये समझने चाहिए कि किसी शेयर को खरीदते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
किसी शेयर को कैसे खरीदना चाहिए?
राधा कष्ण किसी भी कम्पनी के शेयर खरीदते समय पहले कम्पनी की स्टडी करते हैं और कुछ चीजों का विश्लेषण करते हैं जैसे
- P/E Ratio
- EBITDA
- Net Margin
- Return On Capital Employed
- Year On Year Growth
- Quarterly Financial Ratio
अगर आप शेयर मार्केट में शेयर खरीदना चाहते हैं और इन्वेस्टर बनना चाहते हैं तो आपको कम्पनी की इन चीजों का विश्लेषण करना चाहिए।
डी मार्ट स्टोर इतना सफल स्टोर कैसे बना?
डी मार्ट में ये अपना सामान बहुत सस्ता बेचते हैं। ये अपना सामान इतना सस्ता बेचते हैं इनके स्टोर पर बहुत ज्यादा ग्राहक आ जायें। जब ज्यादा ग्राहक आयेंगे तो बहुत माल बिकेगा, और बहुत ज्यादा कैश आयेगा। जब बहुत ज्यादा कैश आयेगा तो बहुत सारा सामान बल्क में खरीदा जायेगा।
जब आप बल्क में बहुत सारा सामान खरीदोगे तो सामने वाला आपको सस्ता सामान देगा। क्योंकि आप जानते हैं एक किलो माल का रेट अलग होता है और 100 किलो माल का रेट अलग होता है। जब माल सस्ता मिलेगा तो ग्राहकों को ज्यादा सस्ता बेच दिया जाता है।
जब ग्राहकों को इतना सस्ता डिस्काउंट मिलता है तो ग्राहक दोवारा सामान खरीदने जाता है और फिर बहुत सारा सामान खरीदता है और इनके पास फिर से बहुत सारा कैश आ जाता है और ये फिर बहुत सारा सामान सस्ते में खरीद लेते हैं। इस प्रकार डी मार्ट एक सफल स्टोर बनता चला गया।
D Mart Income :
- Revenue per Year- 24000 crore
- Profit- 1300 crore
- Inventory- 2000 Crore
- Sales Cycle- 30 Days
- Accounts Receivables: 20 Crore
डी मार्ट बिजनेस स्ट्रेटजी क्या है?
1- Strong Fundamentals:
राधाकिशन इन्वेस्टर होने के कारण ये जानते थे कि बाजार में पैसा कैसे लगाना है। शुरू में 1999 में इन्होने अपना बाजार की फ्रेन्चाइजी ली थी परन्तु जब ये सफल नही हुआ तो इन्होने इसे छोड़ दिया और ये अमेरिका चले गये और इन्होने वाल मार्ट को स्टडी किया।
फिर इसको समझकर भारत आये और अपनी कम्पनी डी मार्ट 2002 में खोल दी। शुरूआत में 2002 में इनके 25 स्टोर थे और आज 2021 में इनके 200 स्टोर है। ये अपने बिजनेस में बहुत सफल हुए।
2017 में ये 1870 करोड़ का आईपीओ भी लेकर आये। इनका आईपीओ बहुत सफल हुआ। आज की तारीख में इनका 2 लाख करोड़ का मार्केट कैप हो चुका है।
राधाकिशन कम्पनी का पूरा स्टडी करने के बाद अपना पैसा स्टोक में लगाते थे। इनका फन्डामेन्टल बहुत स्ट्रोंग था इसलिए ये क्वालिटी स्टोक को बहुत सस्ते में खरीदते थे।
2- Slotting Fees:
ये स्लोटिंग फीस क्या है। इसको ऐसे समझते है मानो कोई साबुन बनाने वाली कोई कम्पनी है। कम्पनी का मालिक डी मार्ट से कहता है कि तुम मेरा साबुन अपने स्टोर में रख लो। तो डी मार्ट उस कम्पनी का साबुन अपने यहां रखने के लिए उससे फीस लेगा।
जब डी मार्ट उससे फीस लेगा तो डी मार्ट उस प्रोडक्ट को बाजार की तुलना में और सस्ता बेचेगा क्योकि बह अपना मार्जिन उससे लेने वाली फीस में एडजस्ट कर लेगा। इससे इनके यहां वो साबुन और दुकान की तुलना में सस्ता मिलेगा और इनके यहां ज्यादा ग्राहक आयेगें।
3- Strong Control On Operating Expenditure
इसका मतलब है कम्पनी को चलाने का खर्चा। इन्होने डी मार्ट का इन्टीरियर बहुत लो रखा। ये अपने स्टोर में एयर कन्डीशनर का यूज नही करते। ये डी मार्ट स्टोर को कभी भी मॉल जैसी महंगी जगह में नही चलाते।
इनके म़ॉल में कभी आपने सोफा, टेवल, चेयर नही देखी होगी। डी मार्ट अपना सामान सस्ता बेचने के चक्कर में अपने सारे खर्च कम रखता है। ये कम स्पेस में ज्यादा माल रखते हैं।
बिलिंग काउन्टर कम रखते हैं इससे कम मैन पॉवर की जरूरत पड़ेगी और कम मशीन की जरूरत पड़ेगी। ये स्टोरएवल फूड आइटम बेचते हैं।
4- Partner with the partner
ये अपने बिजनेस पार्टनर के साथ एक अच्छा ऱिश्ता बनाकर चलते हैं। ये अपने पार्टनर को पैसा टाइम पर देते हैं। कम्पनी से बल्क में सामान खरीदते हैं। ये अपने पार्टनर को 7 दिन में बापस कर देते हैं इससे इनको कैश डिसकाउंट भी मिलता है और ये सामान को और सस्ता बेच पाते हैं।
ये अपना सारा माल सीधे मैनुफेक्चरर से खरीदते हैं। इससे डिस्ट्रीव्यूटर की कॉस्ट भी बच गयी और होल सेलर की कॉस्ट भी बच गयी। सीधा सामान मैनुफेक्चरर से रिटेलर के पास आ गया। इससे ये अपने सामान की कॉस्ट बहुत सस्ती रखते हैं।
5- Soradic Spike V/S Sustained Success
ये अपना सामान पूरे साल बेचते हैं। मतलब और स्टोर जैसे कुछ विशेष समय जैसे दीवाली, होली, नया साल जैसे दिनो ग्राहकों को सस्ते ऑफर देते है। परन्तु डी मार्ट अपने ग्राहकों को पूरे साल सस्ते ऑफर देते हैं जिससे इनकी सेल साल भर एक जैसी ही चलती है।
इनको जो ग्राहक है वो ज्यादातर मिडिल क्लास कस्टमर है। इन कस्टमर के पास सामान खरीदने के लिए पर्याप्त समय होता है। इनके स्टोर में भीड़ बहुत होती है इसलिए ग्राहक सोचता है कि बार-बार कौन आयेगा, इतना सस्ता सामान मिल रहा है, टाइम लग रहा है तो लगने दो पर सामान बहुत सारा खरीद लो। इसलिए सस्ते के चक्कर में लोग ज्यादा सामान खरीदते हैं।
6-GO with Local
डी मार्ट अपने स्टोर पर उस क्षेत्र का लोकल आईटम जरूर बेचता है। क्योंकि लोगों को लोकल सामान बहुत पसंद होता है इसलिए ये लोकल सामान को सस्ते में बेचते हैं।
7- Organic Expansion
डी मार्ट के 80 प्रतिशत स्टोर अपने खुद के हैं। ये अपने स्टोर को शहर के अन्दर नही खरीदते बल्कि शहर के बाहर खरीदते हैं। इससे प्रोपर्टी सस्ती मिलती है। इसका एक और फायदा है जब स्टोर शहर से दूर होगा तब ग्राहक तभी स्टोर पर जायेगा जब उसे बहुत सारा सामान खरीदना होगा।
इसलिए इनके स्टोर पर ग्राहक महीने में एक बार जायेगा पर सस्ते के चक्कर में खूब सारा सामान खरीदेगा।
बलिया का जिला अस्तपाल बना ‘दलालों’ का अड्डा, डॉक्टर की जगह खुद लिख रहे दवाईयां!
बलिया का जिला अस्तपाल दलालों का अड्डा बन गया है। आप चाहें अस्पताल में इलाज कराने जाएं या दवाईयां लेने जाएं, इन दलालों से सामना हो ही जाता है। दिन प्रतिदिन दलाल अपना एरिया बढाते जा रहे हैं। पहले अस्पताल के गेटों पर डटे रहने वाले दलाल अब चिकित्सकों की ओपीडी में तक हावी हो चुके हैं।
आलम यह है कि पर्ची पर डॉक्टर की बजाय दलाल ही दवा लिख रहे हैं। जब मरीज या उनके तीमारदार विरोध करते हैं तो दलाल अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। कई बाद दलालों और तीमारदारों में कहासुनी व हाथापाई तक हो जाती है, लेकिन दलालों के जोर के चलते अस्पताल प्रशासन इन विवादों में हस्तक्षेप नहीं करता।
सरकार स्वास्थ्य विभाग को आधुनिक उपकरण व विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती जिला अस्पतालों में धीरे-धीरे कर रही है। जिसके तहत जिला अस्पताल में सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे, पैथालाजी शुरू हो चुकी है। उधर, जिला अस्पताल प्रशासन के उदासीनता के कारण चिकित्सक दलाल कैसे बने? मनमाने ढंग से ओपीडी में बैठते हैं।
चिकित्सकों की ही लापरवाही का नतीजा है कि दलाल अस्पताल के ओपीडी में तक हावी हैं और आधे डॉक्टर बन बैठे हैं। मरीजों को सुई-दवा लिखने का काम कर रहे हैं। वहीं प्रभारी सीएमएस डा. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। अगर इस तरह का मामला है तो प्रत्येक ओपीडी तथा अस्पताल परिसर में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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November 16, 2022
बलिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन कार्ययोजना पर काम कर रहा है। खास बात यह है कि दिसंबर से जिले में क्रूज का संचालन शुरु हो जाएगा। 11 नवंबर को जिले में पहली जेटी का उद्घाटन हो चुका है। अब शहर के नजदीक कंसपुर में जेटी लगाई जाएगी।
बता दें कि जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत बलिया जिले में मालवाहक जहाजों, वातानुकूलित क्रूज को ठहरने के लिए अभी तीन जगह सामुदायिक जेटी लगानी है। मेहुली घाट पर भी जेटी लगाने की मांग सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने की है। पहली जेटी सरयां में स्थापित कर दी गई है। अब मझौवां, कंसपुर और शिवपुर गंगा तट पर जेटी लगाई जानी है।हालांकि सरायकोटा में अभी जेटी पर सहमति नहीं बन पाई है। जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक ने बताया कि जेटी का निर्माण वाराणसी में हो रहा है। इसे शहर के गंगा तट पर स्थापित किया जाएगा। इसकी जानकारी पर्यटन विभाग को जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।
उजियार घाट पर जाने के बाद बलिया की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल से बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि बलिया के एतिहासिक, धार्मिक महत्व को जानकर वह भी आशान्वित हैं कि बलिया जल्द ही सैलानियों से गुलजार होने वाला है। जल परिवहन से किसानों को भी फायदा मिलेगा।
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बलिया में मुर्गी फॉर्म संचालक की हत्या का खुलासा, भाजपा नेता का बेटा निकला क़ातिल !
November 15, 2022
बलिया। बेलथरा रोड के भीमपुरा थाना क्षेत्र में पुलिस ने 21 दिन बाद मुर्गी फॉर्म संचालक की हत्या का खुलासा किया। हत्या का मास्टरमाइंड भाजपा नेता का पुत्र और मृतक का भतीजा ही निकला। मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, 2 की तलाश जारी है। आरोपियों से एक अवैध तमंचा व कारतूस, दो चाकू, दो बाइक, 6 मोबाइल, दो डंडा बरामद किया।
बता दे कि लखुबरा गांव निवासी चंद्रभान का 25 अक्तूबर की रात को अपने मुर्गिफार्म पर सोते समय जघन्य हत्या की कोशिश की थी। जिसकी इलाज के दौरान वाराणसी में मौत हो गयी थी। परिजनों से तहरीर मिलने के बाद मुकदमा दर्ज करते हुए हत्यारों की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी। इस दौरान निर्दोष युवको को थाने लाकर पूछताछ करने पर ग्रामीणों ने थाने में धरना प्रदर्शन भी किया था।
मंगलवार को 21 दिन बाद पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए 6 युवकों को गिरफ्तार किया है। जिसमें मास्टरमाइंड मृतक का भतीजा गौरव चौहान उर्फ बजरंगी ही निकला। उसके पिता भाजपा के नेता हैं। पुलिस के मुताबिक मृतक के चचेरे भाई ने ननिहाल में रहने वाले युवक रजनीश चौहान के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। फिलहाल लखुबरा गांव के विराट चौहान, गौरव चौहान, सुमित चौहान और मऊ के घोसी कोतवाली क्षेत्र के रजनीश चौहान और विनित भारती और मधुबन थाना क्षेत्र के अंकुर चौहान को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मऊ जनपद के ही दो हत्यारे अभी भी फरार है।
घर के हत्यारे को ढूढने में पुलिस को लगे 21 दिन- मुर्गी फॉर्म संचालक की हत्या के पीछे पारिवारिक विवाद ही रहा। लेकिन हत्या में शामिल हत्यारों तक पहुँचने में पुलिस को 21 दिन लग गए। जबकि निर्दोष युवकों को थाने लाकर पूछे जाने से नाराज ग्रामीण दबी जुबान यह कहते रहे कि पुलिस घर के मामलों की जांच करे तो मामला साफ हो जाएगा। फिर पुलिस को इतना समय लगा। कहीं इसके पीछे हत्यारों में भाजपा नेता के पुत्र का शामिल होना इस समय का कारण तो नहीं।पुराने विवाद में हत्या- चंद्रभान की हत्या के पीछे परिवारिक रंजिश रही जो पैसे के लेनदेन से शुरु हुई और जमीन बंटवारे तक मौत के खेल में बदल गयी। इस दौरान चंद्रभान की मोबाइल चोरी और उसके बीबी बच्चों के मारपीट से लेकर घर मे खड़ी भाजपा नेता की बाइक फूंकने तक की घटनाएं घट चुकी हैं। मृतक अपने मुर्गिफार्म पर अवैध रुप से बिजली जलाता था। जिसके पकड़े जाने पर विभाग ने लाखों का फाइन ठोका था। विभाग की कार्रवाई के पीछे भाजपा नेता और मृतक के चाचा का हाथ बताते थे। इन सारी घटनाओं को पकड़े जाने के बाद साजिशकर्ताओं ने कबूल किया है।
हत्या करने की धमकी की दी तहरीर- मृतक के पुत्र चंद्रमणि चौहान ने अपने चाचा सुरेंद्र चौहान और उनके दोनों पुत्रों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इसकी लिखित तहरीर भी थाने पर देने के बाद एसओ ने गांव में पुलिस बल तैनात कर दी।
सेंसेक्स, निफ़्टी और बिटक्वाइन क्या है
हम अक्सर समाचार पत्रों, टीवी न्यूज़, यहाँ तक कि लोगो को आपस में शेयर बाजार से सम्बंधित सेंसेक्स और निफ्टी आदि के बारें में चर्चा करते हुए सुनते और देखते है | दरअसल शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहाँ पर दुनियाभर के लोग बहुत ही कम समय में लाभ कमानें के उद्देश्य से पैसा लगाते है | यदि हम भारतीय शेयर मार्केट की बात करे, तो यहाँ सबसे पहले सेंसेक्स और निफ्टी का नाम लिया जाता है |
ऐसे में स्वाभाविक है, कि सेंसेक्स और निफ्टी को लेकर आपके मन में अनेक प्रकार के प्रश्न उठ रहे होगे | सेंसेक्स (Sensex), निफ़्टी (Nifty) और बिटक्वाइन (Bitcoin) क्या है ? इसके प्रयोग और कीमत के बारें में आज हम इस बात को लेकर चर्चा करेंगे |
भारतीय शेयर बाजार से सम्बंधित जानकारी (Information Related To Indian Share Market)
Table of Contents
सेंसेक्स और निफ्टी के बारें में चर्चा करनें से पहले आपके लिए बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) के बारें में जानना आवश्यक है | आपको बता दें, कि बीएसई एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार है, जिसकी स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी | बीएसई को पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता था | वर्तमान में इसका कार्यालय मुंबई के दलाल स्ट्रीट में स्थित है |
यदि हम एनएसई (NSE) की बात करे तो इसका पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) है | एनएसई की स्थापना वर्ष 1972 में हुई थी | हालाँकि बीएसई सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, परन्तु प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रेड और टर्नओवर अधिक होनें के कारण वर्तमान समय में एनएसई की इम्पोर्टेंस काफी अधिक हो गयी है |
सेंसेक्स क्या है (What Is Sensex)
जैसा की हम जानते है, कि बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) स्टॉक एक्सचेंज हैं, जबकि सेंसेक्स और निफ्टी इसके प्रमुख संकेतक हैं | सेंसेक्स सेंसिटिव और इंडेक्स से लिया गया है और यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का दलाल कैसे बने? सूचकांक है | सेंसेक्स में 30 कंपनियां शामिल हैं, और इन्हें कंपनी की तरलता, बाजार पूंजीकरण, राजस्व और विविधीकरण के आधार पर चुना जाता है |
इसके अलावा, सेंसेक्स पर एक कंपनी के लिए बीएसई में सूचीबद्ध होना आवश्यक होता है।यह भारत के सबसे पुराने सूचकांकों में से एक है, और लोग इसे मार्केट के प्रदर्शन और भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रतिबिंब का एक उपाय मानते हैं | इसका उपयोग भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्योग में वृद्धि और विकास को मापने और शेयर बाजार की प्रवृत्ति को समझने के लिए एक बेंचमार्क के रूप में किया जाता है |
सेंसेक्स 30 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयरों पर आधारित सूचकांक होता है | सूचकांक का मूल्य अंतर्निहित प्रतिभूतियों के मूल्य पर निर्भर करता है | अधिकांश प्रतिभूतियों की कीमत में वृद्धि के कारण सेंसेक्स के मूल्य में वृद्धि होती है जबकि अधिकांश अंतर्निहित प्रतिभूतियों की कीमत में गिरावट के कारण सूचकांक के मूल्य में कमी होती है |
निफ्टी क्या है (What Is Nifty)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (निफ्टी) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का शेयर बाजार सूचकांक है | इसे NIFTY 50 और CNX Nifty के रूप में भी जाना जाता है| इसमें 50 स्टॉक शामिल हैं, जो NSE पर सक्रिय रूप से कारोबार करते हैं, और इसका स्वामित्व और प्रबंधन NSE की सहायक कंपनी India Index Services and Products Ltd. (IISL) द्वारा किया जाता है |
निफ्टी 50 में शीर्ष 50 स्टॉक 12 विभिन्न क्षेत्रों से हैं | इनमें से कुछ में सूचना प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता सामान, वित्तीय सेवाएं, ऑटोमोबाइल, दूरसंचार आदि शामिल हैं। इसके अलावा, सूचकांक का आधार मूल्य 1000 है, और यह मुक्त-फ्लोट बाजार पूंजीकरण भारित विधि का उपयोग करके गणना की जाती है |
बिटक्वाइन क्या है (What Is Bitcoin)
दरअसल बिटक्वाइन एक वर्चुअल अर्थात आभासी मुद्रा है | यह एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है | जिसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है अर्थात बिटक्वाइन को न ही आप छू सकते है और न ही देख सकते है | बिटकॉइन को वर्ष 2008 में सातोशी नकामोति ने बनाया था | हालाँकि सातोशी नकामोति कोई व्यक्ति है या संस्था है, इसकी कोई जानकारी नहीं है | इस क्रिप्टोकरेंसी को सबसे पहले वर्ष 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था |
इस मुद्रा पर किसी भी बैंक या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, हालाँकि भारतीय रिज़र्व बैंक नें इसे मान्यता नहीं दी है, परन्तु उच्च न्यायालय नें वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की स्वीकृति दे दी है | यदि किसी के पास बिटक्वाइन है, तो वह आम करेंसी की भांति सामान की खरीद-फरोख्त कर सकता है |
बिटक्वाइन कैसे बनता है (How DoesBitcoin Become)
बिटक्वाइन एक डिजिटल करेंसी है, जिसकी शुरुआत सतोशी नाकामोतो द्वारा की गयी थी | आपको बता दें, कि बिटक्वाइन की सबसे छोटी इकाई (Unit) सतोशी है | 1 बिटक्वाइन 10,00,00,000 करोड़ (सतोशी) होता है | जिस प्रकार भारतीय मुद्रा के 1 रुपये में 100 पैसे होते है, ठीक उसी प्रकार 10 करोड़ सतोशी से मिलकर 1 बिटक्वाइन बनता है |
बिटक्वाइन का लेन-देन डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के माध्यम से किया जाता है | इस वर्चुअल करेंसी पर पूरी तरह से डिजिटली कंट्रोल होता है | दुनियाभर में एक समय में बिटक्वाइन की कीमत एकसमान होती है, हालाँकि गतिविधियों के अनुसार इसकी कीमते घटती, बढ़ती रहती है और इसका कोई निर्धारित मूल्य नहीं होता है |
गेहूं के आटे से बने पास्ता कैसे पकाएं रेसिपी | गेहूं के आटे से बने पास्ता पकाने की विधि | गेहूं के पेन्ने पास्ता कैसे पकाएं | गेहूं के पास्ता पकाने का सबसे अच्छा तरीका | How To Cook Whole Wheat Pasta
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गेहूं के आटे से बने पास्ता कैसे पकाएं रेसिपी एक स्टेप बाय स्टेप तरीका है पूरे तौर पर पकाने तक। जानें कि पूरी गेहूं पास्ता को आसानी से कैसे उबालें ।
पूरी तरह से पकाया हुआ पास्ता एक सफल पास्ता डिश बनाने का पहला कदम है। घर पर गेहूं के पास्ता पकाने का सबसे अच्छा तरीका उबलने के लिए पर्याप्त पानी और एक गहरे पैन का उपयोग करना है।
पका हुआ पास्ता 'अल दन्ते' या "काटने के लिए फर्म" होना चाहिए। अंडरकुक्ड पास्ता अवांछनीय है और इसमें कच्चे आटे का स्वाद है, जबकि ओवरकुक्ड पास्ता नरम और चिपचिपा होगा। इसलिए पास्ता को तब तक पकाएं जब तक कि वह ९०% पक न जाए। और पास्ता पेन्ने को और पकाने से रोकने के लिए तुरंत ठंडे पानी में ताज़ा करें।
गेहूं के आटे से बने पास्ता पकाने के लिए, एक बड़े पैन में १ टी-स्पून नमक और १ टेबल-स्पून जैतून का तेल डालकर पानी उबालें। उबलते पानी में एक बार में कुछ गेहूं के पास्ता के स्ट्रैंड्स या पास्ता की एक शीट डालें। पास्ता को निविदा होने तक बीच-बीच में हिलाते हुए खुला पकाएं। पकाने का समय पास्ता के आकार और मोटाई के साथ भिन्न हो सकता है। बहुत छोटा पास्ता (जैसे मैकरोनी, फ्यूसिली, कोंचिग्ले, पेन्ने) ५ से ७ मिनट में पक सकता है। बड़ी आकृतियों वाले पास्ता (जैसे स्पेगेटी, फेत्यूचिनी, लसानिया शीट) को १० से १२ मिनट की आवश्यकता हो सकती है। पके हुए गेहूं के पास्ता को तुरंत एक छलनी या एक कोलंडर में डालकर छान दें। इसे ताज़ा करने के लिए ठंडे पानी की एक कटोरी में डालें। फिर से छान दें और अलग रखें। अगर पके हुए गेहूं के पास्ता को तुरंत इस्तेमाल नहीं करना है, तो इसमें १ टेबल-स्पून जैतून का तेल मिलाएं और इसे टॉस करें।
इस पके हुए पास्ता का उपयोग तुरंत या एक घंटे के भीतर करें। यदि आप इसे तुरंत उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो इसे थोड़ा जैतून का तेल जोड़ने और अच्छी तरह से टॉस करने के लिए याद रखें। होल व्हीट पास्ता इन टमॅटो सॉस और लो कैलोरी व्हाइट सॉस होल व्हीट पास्ता की तरह इटैलियन पसंदीदा बनाएं।
पूरी गेहूं पास्ता को आसानी से कैसे उबालें के लिए टिप्स। 1. यह सुनिश्चित करें कि पास्ता को जोड़ने से पहले पानी को अच्छी तरह से उबाला जाए। 2. पानी के साथ हमेशा नमक मिलाएं ताकि पास्ता खाना बनाते समय नमक का स्वाद सोख ले। 3. पास्ता को खुला और अधिमानतः मध्यम से उच्च आंच पर पकाएं।
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