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क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं?

क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं?

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार पहुंचा

मुंबई– देश का विदेशी मुद्रा भंडार यानी फॉरेक्स रिजर्व पहली बार 600 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है। रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक 4 जून के समाप्त हफ्ते में यह 605 अरब डॉलर रहा, जो 28 मई तक 598 अरब डॉलर था। इस लिहाज से हफ्तेभर में फॉरेक्स रिजर्व में 6.84 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज की गई।

भारत का फॉरेक्स रिजर्व बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। दुनियाभर में फॉरेक्स रिजर्व के लिहाज से भारत 5वें स्थान पर है, जबकि चीन पहले पायदान पर है। अगर रिजर्व में लगातार बढ़ोतरी जारी रही तो भारत दुनियाभर के टॉप-3 देशों में शुमार हो जाएगा।

भारत का विदेश मुद्रा भंडार इसलिए बढ़ा है क्योंकि एक्सपोर्ट बढ़ा है। वहीं, इंपोर्ट घटा है। इसके लिए अलावा डॉलर के मुकाबले रुपए की मजबूती भी सपोर्ट कर रही है। खाने के तेल और कच्चे तेल दोनों के इंपोर्ट में भी कमी आई है। फॉरेक्स बढ़ने से आम लोगों को भी फायदा मिलता है। इससे सरकारी योजनाओं में खर्च करने के लिए पैसा मिलता है। बता दें कि हर सप्ताह RBI विदेशी मुद्रा रिजर्व के आंकड़े जारी करता है। इसमें डॉलर के साथ पाउंड और येन रिजर्व के आंकड़े को भी शामिल किया जाता है।

सौंदर्य, स्वास्थ्य और जीवन शैली विकल्प

क्या आप कभी घर से काम करना और ऑनलाइन पैसा कमाना चाहते हैं ? अगर ऐसा है , तो आप शायद ही अकेले हों। बहुत से लोग एक सस्ता ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने का तरीका खोजना पसंद करेंगे , लेकिन बहुत क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? कम लोग वास्तव में इसका पालन करते हैं और अपने सपनों को पूरा होते देखते हैं। ऐसा क्यों ? वैसे इसके दो कारण हैं।

1. अधिकांश लोग मानते हैं कि कोई भी ऑनलाइन व्यवसाय बेहद जटिल और स्थापित करने और चलाने में कठिन होने वाला है। यह गलत है , वास्तव में , यह वास्तव में काम करने में आसान हो सकता है।

2. दूसरा कारण यह है कि लोग इतने डरे हुए हैं और महसूस करते हैं कि एक ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करना बहुत कठिन है , इसलिए वे विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के बारे में कभी नहीं सीखते हैं जिन्हें वे शुरू कर सकते हैं।

तो , जब घर से काम करने और ऑनलाइन पैसा कमाने का तरीका खोजने की बात आती है तो आपके पास क्या विकल्प हैं ? एफिलिएट मार्केटिंग एफिलिएट मार्केटिंग क्या है ? खैर , सहबद्ध विपणन शायद सबसे रोमांचक और संभावित रूप से आकर्षक ऑनलाइन व्यापार अवसर है जो वहाँ है। संबद्ध विपणन कई लाभ प्रदान करता है जो इसे घर से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक पसंदीदा प्रकार का व्यवसाय बनाता है। सबसे पहले , इसे शुरू करना सस्ता है , आपको वास्तव में एक डोमेन नाम खरीदना है , वेब होस्टिंग के लिए भुगतान करना है , फिर अपनी वेबसाइट डिजाइन करने के लिए किसी को किराए पर लेना है , या यदि आप सक्षम महसूस करते हैं तो इसे स्वयं करें।

एफिलिएट मार्केटिंग कैसे काम करती है ? सबसे सरल व्याख्या यह है कि आप किसी अन्य कंपनी के उत्पादों का प्रचार करते हैं , फिर जब कोई बिक्री की जाती है तो आप कमीशन कमाते हैं। उदाहरण के लिए , यदि आप कैंपिंग के बारे में बहुत कुछ जानते हैं तो आप कैंपिंग के बारे में एक वेबसाइट शुरू कर सकते हैं। आप इसे बार - बार पोस्ट करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके द्वारा प्रदान की जाने वाली सामग्री खोज इंजन अनुकूलित है , और दिलचस्प भी है और आपकी साइट पर आने वाले आगंतुकों को मूल्य प्रदान करती है। यहां आपका अंतिम लक्ष्य आपकी साइट पर आने वाले लोगों के लिए स्वयं को एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित करना है। आप चाहते हैं कि वे आप पर भरोसा करें और आपकी राय को महत्व दें। समय के साथ आपको दर्शकों को आकर्षित करने में सक्षम होना चाहिए , यही वह समय है जब पैसा आना शुरू हो जाना चाहिए। आप अपनी वेबसाइट पर नियमित आगंतुकों को आय में कैसे बदल सकते हैं ? आप अपनी खरीदारी की आदतों को प्रभावित करने के लिए अपने आला में एक विशेषज्ञ के रूप में अपनी स्थिति का उपयोग करके ऐसा करते हैं। आप उत्पादों की अनुशंसा करते हैं , इन उत्पादों को बेचने वाली कंपनी को लिंक प्रदान करते हैं , फिर आप अपना कमीशन एकत्र करते हैं। क्योंकि पूरी दुनिया संभावित ग्राहक है , जब आप संबद्ध बाज़ारिया के रूप में काम करते हैं तो आपके पास कमाई की संभावना वास्तव में असीमित होती है।

एक सस्ता ऑनलाइन व्यवसाय चाहते हैं जो चलाने में आसान और मज़ेदार हो ? यदि आप शुरू करने के लिए एक आसान ऑनलाइन व्यवसाय की तलाश कर रहे हैं तो वे ब्लॉगिंग से ज्यादा आसान नहीं हैं। ब्लॉग क्या है ? एक ब्लॉग एक निजी वेबसाइट है जहाँ आप अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं , विभिन्न विषयों के बारे में लिख सकते हैं , और अपनी इच्छानुसार कुछ भी कर सकते हैं। ब्लॉगिंग बहुत अच्छा है , क्योंकि करने में आसान होने के अलावा , आप बिना एक पैसा खर्च किए इसमें शामिल हो क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? सकते हैं। Google जैसी कई बड़ी कंपनियाँ आपको एक मुफ्त ब्लॉग देकर बहुत खुश हैं , फिर आप काम शुरू कर सकते हैं। यदि आप ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीके के रूप में ब्लॉगिंग के बारे में गंभीर हैं तो आपको शायद पैसे खर्च करने चाहिए और अपना खुद का डोमेन नाम खरीदना चाहिए। यह आपको संपूर्ण रचनात्मक नियंत्रण प्रदान करता है , जो तब महत्वपूर्ण होता है जब आप एक ऑनलाइन व्यवसाय चला रहे होते हैं। आखिरी चीज जो आप चाहते हैं वह एक ब्लॉग शुरू करना है , क्या यह व्यापक रूप से सफल हो गया है , फिर जिस साइट ने आपको अपना मुफ्त ब्लॉग दिया है , वह आपको बंद कर देगी।

जिन चीजों में आपकी रुचि है , उनके बारे में पोस्ट लिखते समय काफी सरल है , आप सोच रहे होंगे कि यह आपको पैसे कैसे कमा सकता है। यह आपको विज्ञापन राजस्व के माध्यम से पैसा कमाता है। एक बड़े दर्शकों के साथ एक टेलीविज़न शो की तरह , कंपनियां अपने सामान और सेवाओं का विज्ञापन करने के लिए आपके प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए भुगतान करने को तैयार हैं। यदि आपका ब्लॉग सफल है तो आप वास्तव में विज्ञापन राजस्व के माध्यम से काफी पैसा कमा सकते हैं।

आप घर से काम कर सकते हैं और एक ऑनलाइन व्यवसाय के साथ पैसा कमा सकते हैं। बहुत से लोग जो बेहद सफल ऑनलाइन व्यवसायों के साथ समाप्त होते हैं , पहले इसे अंशकालिक नौकरी की तरह मानते हैं। फिर , समय के साथ , जैसे - जैसे उनका राजस्व बढ़ता है , वे धीरे - धीरे परिवर्तन करना शुरू करते हैं , जब तक कि यह उनका पूर्णकालिक करियर नहीं बन जाता। क्या आपके साथ ऐसा होगा ? हो सकता है , शायद नहीं , लेकिन जब तक आप कोशिश नहीं करेंगे तब तक आपको पता नहीं चलेगा।

भारत के विदेशी मुद्रा भण्‍डार में रिकॉर्ड बढ़त, जानें कौन-सी नीतियों ने निभाई अहम भूमिका

कोविड-19 ने सबकुछ अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस आपदा ने पूरी दुनिया के विकास पर ब्रेक लगा दी। पूरी दुनिया उन्नति के मामलों में वर्षों पीछे चली गई। दुनियाभर के कई देशों में आज अर्थव्‍यवस्‍था की हालत खस्ता हो चुकी है और उन्‍हें इससे उबरने में कई साल लग जाएंगे। अर्थव्यवस्था के मामले में भारत की वर्तमान स्‍थ‍िति उतनी अच्छी नजर भले ही नहीं आ रही हो,लेकिन दुनिया की बड़ी संस्थाओं ने माना है कि आने वाला समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कमाल का रहने वाला है। इसके संकेत कोरोना काल के महासंकट में भी दिखने लगे हैं।

आर्थिक क्षेत्र में भारत तेजी से बढ़ रहा आगे

कोरोना के कारण देश में व्‍यापार-व्‍यवसाय की स्‍थ‍िति कितनी खराब रही है, यह किसी से छिपा नहीं है, लेकिन इसके बाद भी यदि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार चार जून को खत्म सप्ताह में 600 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड को पार कर गया,जिससे अवश्‍य ही एक नए उत्‍साह का संचार हुआ है। यह सीधे तौर पर बता रहा है कि भारत दुनिया के देशों के बीच आर्थ‍िक रूप से आगे बढ़ने के लिए सतत प्रयासरत है, जिसमें कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व के साथ राज्‍य सरकारों का निरंतर मिलनेवाला अहम योगदान महत्‍वपूर्ण है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आया बीते सप्ताह 6.842 अरब डॉलर का उछाल

दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि बीते सप्ताह में 6.842 अरब डॉलर का उछाल भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आया है, जिसके बाद अब यह 605.008 अरब डॉलर का हो गया है। यदि इस एक वर्ष का ही इसमें विकास का गणित देखें तो यह विदेशी मुद्रा भंडार 100 अरब डॉलर ऊपर की ओर गया है। वास्‍तव में यह जो विदेशी मुद्रा भण्‍डार बढ़ता हुआ दिख रहा है, वह इसलिए है क्‍योंकि देश की जनता का अपनी सरकार में और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर वैश्‍विक इन्‍वेस्‍टर्स का भरोसा बना हुआ है। सरकार की लोककल्‍याण कारी नीतियां इसमें सबसे अहम भूमिका निभा रही हैं।

विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का मूल्य बढ़कर पहुंचा 560.890 अरब डॉलर पर

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में 7.362 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। इस बढ़त के साथ विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का मूल्य बढ़कर 560.890 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है। बता दें कि एफसीए में डॉलर समेत यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है। इनके मूल्य की गणना भी डॉलर के भाव में ही की जाती है।

बीते 12 माह में सबसे तेज गति से भारत आई विदेशी मुद्रा

विदेशी मुद्रा भंडार में सर्वाधिक तेजी से बढ़ोत्‍तरी होने की सबसे बड़ी बात है, 100 अरब डॉलर का पिछले एक वर्ष के दौरान जुड़ना। इसके पीछे के विकासक्रम को देखें तो यह पहली बार हुआ है कि 12 महिनों में इतनी बड़ी पूंजी भारत अपने यहां संग्रहित करने में सफल रहा है। यहां तुलनात्‍मक रूप से भी देख सकते हैं कि पिछले 15 महिनों का आंकड़ा इस दिशा में किस तरह का रहा है। छह अप्रैल, 2007 को खत्म सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 200 अरब डॉलर के ऊपर पहुंचा था। उसके बाद वर्ष 2014 तक यह 300 अरब डॉलर पर पहुंच सका। यानी कि इसे पूरे सात वर्ष का समय लगा 100 से 300 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने में और इस तरह से विदेशी मुद्रा भंडार आठ सितंबर, 2017 को 400 अरब डॉलर के ऊपर था। इसके बाद जून 2020 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 100 अरब डॉलर बढ़कर 500 अरब डॉलर के ऊपर पहुंचा था।

कोरोना के संकट काल में भी विदेशी निवेशकों ने जताया भारत पर भरोसा

हम सभी जानते हैं कि देश में यह कोरोना का संकट काल था। इस महामारी की पहली लहर अपने चरम पर थी, लेकिन इसके बाद भी भारत को लेकर वैश्‍विक निवेशकों का भरोसा लगातार बना रहा। यही कारण है कि पिछले एक वर्ष में मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में 7.362 अरब डॉलर की बढ़ोत्‍तरी हुई और इस बढ़त के साथ विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का मूल्य बढ़कर 560.890 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है। अत: इसका सबसे अच्‍छा प्रभाव बीते सप्ताह में 6.842 अरब डॉलर का उछाल भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में हम सभी के सामने है।

केंद्र सरकार के प्रभावी कदम और योजनाओं के कारण बना रहा आर्थ‍िक क्षेत्र में वैश्‍विक भरोसा
आर्थि‍क विशेषज्ञ एवं वरिष्‍ठ पत्रकार रंजन श्रीवास्‍तव कहते हैं कि विदेशी मुद्रा भंडार में इस बढ़ोतरी का एक मुख्य कारण यह है कि कोरोना संकट के बावजूद इकोनॉमी की बुनियाद को लेकर विदेशी निवेशकों का भरोसा बरकरार रहना है। सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उनके सकारात्मक नतीजों को लेकर भी अधिकतर विदेशी निवेशकों और विशेषज्ञों ने सहमति जताई है। इसके साथ ही हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर रुपये जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था, लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है।

बढ़े हुए विदेशी मुद्रा भण्‍डार से देश रहेगा मौद्रिक दबाव से दूर

पत्रकार रंजन श्रीवास्‍तव विदेशी मुद्राभण्‍डार के फायदे भी गिनाते हुए कहते हैं कि भारत इस धन से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति सरलता से कर सकेगा। साथ ही मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार का एक फायदा यह भी होगा कि मौद्रिक दबाव की स्थिति में आरबीआई इस भंडार का सदुपयोग करने की स्थिति में होगी। इतना ही नहीं, एक अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है और वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित होतेहैं।

आर्थ‍िक क्षेत्र में केंद्र सरकार की नीतियां सही दिशा में जा रहीं

आपको बता दें, विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभाता है। सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय लेने के साथ में अन्‍य ऐसे आकस्‍मिक खर्च कर सकती है, जो उसे तत्‍काल में बहुत जरूरी लगते हैं। यह तभी होता है जब उसके पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध हो। रंजन श्रीवास्तव कहते हैं कि तथ्‍यों के आधार पर देखें तो इसमें कोई संदेह नहीं, कोरोना के संकट के बीच मोदी सरकार की जो नीतियां आर्थ‍िक क्षेत्र में रही हैं वे देश को आगे ले जानेवाली ही हैं।

मुद्रा लोन जैसी योजनाओं और स्टार्टअप से बना हुआ है भारत का आर्थ‍िक क्षेत्र मजबूत

इसके साथ ही आर्थ‍िक विश्‍लेषण वरिष्‍ठ पत्रकार धीरेन्‍द्र प्रताप सिंह का कहना है कि सिस्‍टम की कमियों को लेकर सरकारों की आलोचना होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन आर्थ‍िक दृष्टि से भारत को देखें तो विश्‍व के कई देशों में हमारे नेतृत्‍व और नीतियों पर भरोसा बना हुआ है। यही कारण है कि देश की कंपनियों में बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश हो रहा है। लोग भरोसा पर पैसा लगा रहे हैं। इसी तरह से आंतरिक स्‍तर पर सरकार की नीतियां उद्योग जगत को आगे ले जानेवाली साबित हो रही हैं।

उनका कहना है कि मुद्रा योजना से लेकर तमाम लोन संबंधी योजनाओं से देश में नए रोजगारों का सृजन तेजी के साथ पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिला है। देखा जाए तो ये सभी कारण संयुक्‍त रूप में देश की अर्थ व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए जिम्‍मेदार हैं और इसलिए आज विदेशी मुद्रा भण्‍डार में बढ़ोत्‍तरी दर्ज होते हुए देखी जा रही है।

India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में कमी से ज्यादा चिंताजनक है डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट!

Rupee-Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से भारत को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. आयात महंगा होता जा रहा है तो रुपये को और कमजोर होने से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है.

By: मनीष कुमार, | Updated at : 25 Oct 2022 05:10 PM (IST)

India Forex Reserves: वैश्विक राजनीतिक उथल-पुथल के बीच दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं घटते विदेशी मुद्रा भंडार की चुनौती से इन दिनों जूझ रही हैं. भारत का भी यही हाल है. भारतीय करेंसी रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है जिसके चलते आरबीआई ( RBI) के डॉलर के खजाने में बड़ा सेंध लगा है.

घट गया विदेशी मुद्रा भंडार
आरबीआई के मुताबिक 14 अक्टूबर, 2022 को विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया है. जबकि पिछले वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर था. करीब एक साल में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 114.08 अरब डॉलर की कमी आई है. और जिस प्रकार रुपये में गिरावट जारी है उसे देखकर लग रहा कि आरबीआई को अपने खजाने से क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? और भी डॉलर बेचना पड़ सकता है जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में और कमी आर सकती है.

9 महीनों तक आयात की क्षमता!
भारत के पास जो विदेशी मुद्रा भंडार है उसके मुताबिक पहले भारत 9 महीनों तक आयात करने की क्षमता रखता है. रुपये में कमजोरी और डॉलर की मजबूती के चलते सरकारी तेल कंपनियों को कच्चे तेल के आयात सुनिश्चित बनाये रखने के लिए ज्यादा डॉलर खरीदना पड़ रहा है क्योंकि कच्चे तेल की खरीदी डॉलर में ही संभव है. प्राकृतिक गैस के अलावा खाने का तेल और सोना भी भारत आयात करता है जिसके लिए डॉलर चाहिए. डॉलर की मांग बढ़ने से रुपये में कमजोरी बढ़ी है तो डॉलर मजबूत होता जा रहा है. एक तरफ कच्चा तेल महंगा है दूसरी तरफ डॉलर की मजबूती से भारत को कच्चा तेल आयात करने के लिए ज्यादा डॉलर खर्च करना पड़ रहा है.

रुपये में कमजोरी है चिंताजनक!
एक तरफ विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट सरकार और आरबीआई की चिंता बढ़ाने का काम कर रहा है. तो रुपये में कमजोरी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाल रहा है. रुपये में एक साल में 11 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे डॉ अरूण कुमार का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार के घटने से ज्यादा चिंताजनक हालात डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही लगातार गिरावट है. उन्होंने कहा कि करेंसी कमजोर हो रही है. करेंसी तेजी से ना गिरे इसलिए आरबीआई डॉलर बेच रहा है. इसलिए कितना विदेशी मुद्रा की रिजर्व है उससे ज्यादा करेंसी की मजबूती ज्यादा मायने रखती है. उन्होंने कहा, 'करेंसी कमजोर हुई इससे महंगाई बढ़ेगी, मेरे हिसाब से करेंसी की मजबूती को देखना चाहिए ना कि विदेशी मुद्रा भंडार को.'

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पर्याप्त है विदेशी मुद्रा भंडार!
फिच रेटिंग्स ने हाल ही में कहा कि भारत के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है और चालू खाते का घाटा भी दायरे में रह सकता है. फिच के मुताबिक अमेरिका के मॉनिटरी पॉलिसी की सख्ती और कमोडिटी के उच्च कीमतों से सामना करने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा का भंडार है.

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Published at : 25 Oct 2022 05:07 PM (IST) Tags: Indian Economy Fitch Ratings RBI Rupee - Dollar Foreign Currency Reserves India Forex Reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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