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कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए

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Wedgift Registry का दिया उदाहरण
प्रोफेसर ध्रुव नाथ ने कहा कि हमें दूसरों की असफलता से सीखने को ज्यादा मिलता है, न कि अपनी. उदाहरण के तौर पर मैं आपको पश्चिमी देशों के कांसेप्ट Wedgift Registry से जुड़ी एक स्टोरी बताना चाहूंगा. उन्होंने कहा, 'शादियों में सबसे बड़ी समस्या होती है गिफ्ट की. कई बार एक जैसे बहुत से गिफ्ट मिलते हैं. कुछ गिफ्ट ऐसे भी होते हैं, जिनकी कपल को जरूरत नहीं होती. ऐसे मामलों में आमतौर पर लोग उस गिफ्ट को आगे बढ़ा देते हैं. यानी किसी दूसरे को दे देते हैं. पश्चिमी देशों में इसका बहुत अच्छा समाधान है - Wedgift Registry. यह एक तरह की ई-कॉमर्स साइट है. शादी करने जा रहा कपल इस साइट पर जाता है और अपनी विशलिस्ट बनाता है. उस साइट पर सभी संभावित गिफ्ट आइटम्स मौजूद होते हैं. कपल उसमें से अपनी पसंद के आइटम पिक करके विशलिस्ट तैयार करता है. इसका मतलब है कि शादी में आने वाले गेस्ट तय नहीं करते कि उन्हें क्या गिफ्ट देना है, बल्कि कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए कपल बताता है कि उसे क्या चाहिए.

व्यापार घाटा कहीं देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ न दे!

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अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की मानें तो अर्थव्यवस्था में सब अच्छा ही अछा है। हमारी अर्थव्यवस्था के दुनिया में पांचवें स्थान पर होने के उत्साह में वे काफी कुछ दावे करने से नहीं चूकतीं। प्रत्यक्ष करों की वसूली में तीस फीसदी का उछाल और जीएसटी की वसूली के नित बढ़ते आँकड़े अर्थव्यवस्था का हाल ठीक होने के दावे को मजबूत करते हैं।

अब इसमें करखनिया सामानों का उत्पादन गिरने, महंगाई के चलते बिक्री कम होने तथा महंगाई और बेरोजगारी का हिसाब निश्चित रूप से शामिल नहीं है। छोटे और सूक्ष्म उद्योग धंधों की हालत और खराब हुई है जिसने रोजगार के परिदृश्य को ज्यादा खराब किया है। और इसमें अगर विदेश व्यापार की ताजा स्थिति और बढ़ते घाटे को जोड़ लिया जाए कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए तो साफ लगेगा कि वित्त मंत्री सिर्फ अर्थव्यवस्था का उतना हिस्सा ही देखना और दिखाना चाहती हैं जो गुलाबी है।

Sensex Today : शेयर बाजार की 8 दिन की बढ़त पर लगा विराम, सेंसेक्स, निफ्टी गिरकर बंद, डॉलर के मुकाबले रुपया भी 9 पैसे टूटा

Updated: December 2, 2022 4:43 PM IST

Sensex and nifty end down

Sensex Today : मुनाफावसूली और वैश्विक बाजारों से नकारात्मक संकेतों के कारण शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स आठ दिनों की बढ़त को तोड़ते हुए 415.69 अंक या 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 62,868.50 पर बंद हुआ. एनएसई निफ्टी भी 116.4 फीसदी गिरकर 18,696.10 पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा बाजार कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए में रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे कमजोर होकर 81.26 पर बंद हुआ.

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सत्र के दौरान सुबह के कारोबार में सेंसेक्स भी 305.61 अंक गिरकर 62,978.58 पर, जबकि निफ्टी भी 79.65 अंकों की गिरावट के साथ 18,732.85 पर बंद हुआ था. हालांकि शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे की तेजी के साथ 81.08 पर खुला था.

रुपया 9 पैसे गिरकर 81.26 कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए पर आ गया

घरेलू शेयर बाजार के बाद शुक्रवार को रुपया भी नौ पैसे कमजोर होकर 81.26 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. हालांकि, सुबह के कारोबार में यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे की तेजी के साथ 81.08 पर पहुंच गया.

इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, स्थानीय इकाई 81.11 पर खुली, लेकिन बढ़त को कम कर दिया और अपने पिछले बंद भाव से 9 पैसे की गिरावट के साथ 81.35 पर बंद हुई. दिन के दौरान, स्थानीय इकाई ने 81.08 का इंट्रा डे हाई और 81.35 का लो देखा. गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे की मजबूती के साथ 81.26 पर बंद हुआ.

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सर्वाधिक रेमिटेंस रिसीव करने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत, विदेशों में कमा रहे भारतीयों ने 2022 में भेजे 8 लाख करोड़

LagatarDesk : भारतीय दुनिया के कोने-कोन में विज्ञान, तकनीक सहित अन्य क्षेत्रों में देश का नाम रौशन कर रहे हैं. इतना ही नहीं विदेशों में काम कर रहे भारतीय ने डॉलर भेजने के मामले में भी नया रिकार्ड बनाया है. भारत सबसे अधिक रेमिटेंस रिसीव करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. वर्ल्ड बैंक की माइग्रेशन और डेवलपमेंट कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए ब्रीफ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस साल विदेशों से आने वाली रकम में 12 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. साल 2022 में भारतीय अपने देश में 100 अरब डॉलर यानी 8 लाख करोड़ रुपये भेजे चुके हैं. (पढ़ें, दिल्ली शराब घोटाला : तेलंगाना के सीएम की बेटी कविता को CBI का समन, 6 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया)

पिछले साल की तुलना में भारतीयों ने 13 अरब डॉलर ज्यादा पैसे भेजे

बता दें कि किसी भी देश के लिए रेमिटेंस कमाई का महत्वपूर्ण जरिया है. विदेश में रह रहे लोगों के परिजनों को आर्थिक सुरक्षा की गारंटी मिल जाती है. साथ ही देश के डॉलर भंडार को मजबूती मिलती है. वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस साल विदेशी कमाई से भारत में आयी राशि 13 अरब डॉलर ज्यादा है. पिछले साल विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने करीब 87 अरब डॉलर भेजे थे. वहीं साल 2022 में शेयर बाजार में आने वाली फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की तुलना में भारतीयों ने 25 फीसदी ज्यादा रेमिटेंस पैसे भेजे हैं.

भारत सबसे अधिक रेमिटेंस रिसीव करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इस मामले में भारत ने मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और मिस्र को काफी पीछे छोड़ दिया है. डॉलर में विदेशों से रेमिटेंस हासिल करने वाले पांच टॉप देशों में भारत, चीन, मेक्सिको, फिलीपींस और मिस्र शामिल हैं. पिछले साल चीन और मेक्सिको ने 53-53 अरब डॉलर का रेमिटेंस हासिल किया. वहीं फिलीपींस ने 36 अरब डॉलर और मिस्र ने 33 अरब डॉलर का रेमिटेंस रिसीव किया था.

BW IBLF: प्रोफेसर ध्रुव नाथ ने बताया, क्यों जरूरी है असफलता पर चर्चा

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो

by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Saturday, 03 December, 2022

file photo

दिल्ली में चल रहे देश के सबसे बड़े Non Fiction Book Festival-IBLF में Lead Angels Networks के डायरेक्टर प्रोफेसर ध्रुव नाथ ने अपनी दो किताबों Funding Your Startup और The Dream Founder के बारे में बात की. साथ ही उन्होंने बताया कि किसी स्टार्टअप को सफल कैसे बनाया जा सकता है. प्रोफसर नाथ ने कहा कि अक्सर हम सक्सेस कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए स्टोरी की बात करते हैं, लेकिन असफलता पर चर्चा तक नहीं करना चाहते. जबकि यह बेहद जरूरी है. इसलिए मेरी किताबों में आपको सक्सेस और फेलियर दोनों स्टोरी मिलेंगी, ताकि आप दोनों से सीख सकें.

New Delhi: आयातित तेलों कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए के दाम टूटने से बीते सप्ताह खाद्य तेलों के भाव में गिरावट

New Delhi

इंडिया ग्राउंड रिपोर्ट डेस्क
नयी दिल्ली:(New Delhi)
विदेशी आयातित खाद्य तेलों (oil-oilseeds) के भाव टूटने के बीच बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली सहित सभी कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों से आयात होने वाले तेल-तिलहनों के दाम में जोरदार गिरावट रहने से कोई तेल-तिलहन अछूता नहीं रहा और सभी गिरावट में आ गये। स्थिति यह हो गयी कि कई खाद्य तेल मिलों के सामने अस्तित्व बचाने का संकट पैदा हो गया है।

सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल-तिलहन थोड़ा महंगे जरूर बैठते हैं लेकिन इसमें देश को दूसरा फायदा है। उन्होंने अपने तर्क कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए के पक्ष में कहा कि औसतन प्रति व्यक्ति खाद्य तेल की प्रतिदिन की खपत 50 ग्राम होती है लेकिन देश की मुद्रास्फीति पर यह गहराई से असर डालने में सक्षम है। डीओसी, खल आदि के महंगा होने से देश के मुर्गीपालन, मवेशीपालन किसान प्रभावित होते हैं। यानी दूध, मक्खन, अंडे एवं चिकन (मुर्गी मांस) के दाम बढ़ते हैं जिनका सीधा असर मुद्रास्फीति पर होता है। आयातित पाम और पामोलीन से हमें डीओसी या खल नहीं मिल सकता और इसे अलग से आयात करने की जरूरत होगी जिसके लिए विदेशी मुद्रा खर्च करनी होगी।

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