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निवेशक सुरक्षा क्या है?

निवेशक सुरक्षा क्या है?

सरकारी प्रतिभूतियाँ क्या हैं

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सरकारी प्रतिभूतियों को स्थिर आय और बाजार में अस्थिरता के खिलाफ बचाव की पेशकश करने के लिए स्वीकार किया जाता है। अनुभवी निवेशक अक्सर इन प्रतिभूतियों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और जोखिम भागफल को कम करने की इच्छा से जोड़ते हैं।

भारत में सरकारी प्रतिभूतियां भारत सरकार द्वारा बाजार से पूंजी जुटाने के लिए जारी संप्रभु बांड हैं। चूंकि ये बांड सरकार द्वारा समर्थित हैं , इसलिए उन्हें जोखिम मुक्त माना जाता है। लेकिन समानता के विपरीत , सरकारी बॉन्ड का कार्यकाल होता है और निवेशकों को लॉक – इन अवधि से पहले छोड़ने की अनुमति नहीं देता है। यही कारण है कि कुछ निवेशक इसकी भूमिका को कम कर सकते हैं। अब यदि आप जी – सेक्स में निवेश करना चाहते हैं , जो कि सरकारी प्रतिभूतियों को भी कहा जाता है , तो यहां इसके बारे में कुछ चीजें हैं जिन्हें आप जानना चाहेंगे।

सरकारी प्रतिभूतियां केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा जारी अनिवार्य रूप से व्यापार योग्य वित्तीय साधन हैं जो कर्ज के लिए सरकार के दायित्व को स्वीकार करते हैं। जब सरकार को ऋण की आवश्यकता होती है तो उन्हें शुरू में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा निवेशकों को नीलाम किया जाता है।

कुछ मामलों में सरकारी प्रतिभूतियां बुनियादी ढांचे परियोजनाओं या नियमित संचालन के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं होने पर कर दरों में वृद्धि किये बिना धन जुटाने के लिए सहायता करती हैं। ये प्रतिभूतियां भी एक संप्रभु आश्वासन के साथ आती हैं क्योंकि उनका भारत सरकार द्वारा व्यावहारिक रूप से आश्वासित प्रतिफल के साथ समर्थन किया जाता है। इसका नकारात्मक पक्ष यह है कि जी – सेक्स उनके साथ जुड़े नगण्य जोखिम के कारण अन्य प्रतिभूतियों की तुलना में अपेक्षाकृत कम प्रतिफल देता है। फिर भी , वे अपेक्षाकृत लोकप्रिय हैं और पिछले एक दशक में भारतीय पूंजी बाजार में लगातार वृद्धि देखी है।

सरकारी प्रतिभूति के प्रकार:

उन्हें आम तौर पर उनकी परिपक्वता अवधि के आधार पर लंबी और अल्पावधि जी – सेक्स में वर्गीकृत किया जाता है।

भंडार पत्र (अल्पावधि जीसेक्स)

भंडार पत्र या टी – बिल केंद्र सरकार द्वारा 91, 182 या 364 दिनों की तीन परिपक्वता अवधि के साथ जारी किए गए अल्पावधि ऋण उपकरण हैं। ये बिल ब्याज का भुगतान नहीं करते हैं , रियायती कीमतों पर जारी किए जाते हैं , और परिपक्वता के अंत में उनके वास्तविक मूल्य पर भुनाया जाता है। चूंकि वे वापसी की पेशकश नहीं करते हैं , इसलिए आपको आश्चर्य हो सकता है कि वे क्यों मौजूद हैं।

टी – बिलों के मामले में , आप मूल्य अंतर से लाभ लेते हैं। आइए विस्तार से समझाएं। इसलिए यदि आप 90 रुपये की रियायती कीमत पर 100 रुपये के अंकित मूल्य के साथ 91 दिवसीय टी – बिल खरीदते हैं , तो आपको 91 दिनों के बाद निवेशक सुरक्षा क्या है? सरकार से अपने डीमैट खाते में 100 रुपये मिलेंगे। इसलिए आपका लाभ व्यापार से 10 रुपये है। ऐसे अन्य अल्पावधि बिल भी हैं जिन्हें नकद प्रबंधन बिल या सीएनबी के रूप में जाना जाता है जो 91 दिनों से कम समय के लिए जारी किए जाते हैं।

दिनांकित प्रतिभूति (दीर्घकालिक जीसेक्स)

दूसरा लोकप्रिय रूप दीर्घकालिक जी – सेक्स है।

टी बिल और लंबी अवधि के बांड के बीच मौलिक अंतर में से एक है , टी बिल विशेष रूप से केंद्र सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। राज्य सरकारें केवल बांड और दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कर सकती हैं , इस मामले में उन्हें राज्य विकास ऋण ( एसडीएल ) के रूप में जाना जाता है। इसके अतिरिक्त , बांड में आम तौर पर बड़ी परिपक्वता अवधि होती है और वर्ष में दो बार ब्याज का भुगतान होता है। उनकी प्रकृति चर या निश्चित ब्याज दरों की उपलब्धता , मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा , पुट या कॉल विकल्प , विशेष सब्सिडी , सोने के मूल्यांकन के लिंक , कर छूट और उनके मुद्दे की विधि के आधार पर भिन्न हो सकती है। प्रत्येक बांड का अपना अनूठा कोड होता है , जो इसकी वार्षिक ब्याज दर , वर्गीकरण , परिपक्वता का वर्ष और मुद्दे के स्रोत का संकेत देता है।

भारत में सरकारी प्रतिभूतियों में व्यापार:

भारत में सरकारी प्रतिभूतियां अक्सर नीलामी द्वारा बेची जाती हैं जहां भारतीय रिजर्व बैंक या तो उपज या कीमतों के आधार पर बोली लगाने की अनुमति देता है। यह प्राथमिक बाजार में होता है जहां वे बैंकों , केंद्रीय और राज्य सरकारों , वित्तीय संस्थानों और बीमा कंपनियों के बीच नए जारी किए जाते हैं।

ये सरकारी प्रतिभूतियां तब द्वितीयक बाजार में प्रवेश करती हैं जहां ये संगठन म्यूचुअल फंड , ट्रस्ट , व्यक्तियों , कंपनियों या भारतीय रिजर्व बैंक को बांड बेचते हैं। नीलामी में भुगतान किए गए के आधार पर कीमतें तय की जाती हैं , जिससे इन बॉन्ड की कीमतों का निर्धारण करने में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। वाणिज्यिक बैंकों के पास अतीत में इन बांड के एकल सबसे बड़े हिस्से के स्वामित्व में थे , हालांकि बाजार के उनका हिस्सा हाल के दिनों में नीचे चला गया है।

एक बार आवंटन किया जाता है , बाद में वे बाजार में या आपकी पसंद की किसी भी संस्था या व्यक्ति के लिए सामान्य प्रतिभूतियों की तरह कारोबार किया जा सकता है। यह सबसे अधिक स्टॉक ट्रेडस के समान है सिवाय इसके कि न्यूनतम निवेश 10,000 रुपये है।

सरकारी बॉन्ड उनके अपेक्षाकृत जोखिम मुक्त प्रकृति के लिए पसंद किये जाते हैं। ये बांड बाजार में अस्थिरता से प्रभावित नहीं होते हैं और फिर भी नियमित शेयरों की तरह कारोबार किया जा सकता है , इस प्रकार तरल। हालांकि प्रतिफल कम है , ये जोखिम के खिलाफ बचाव के लिए और पोर्टफोलियो के कम जोखिम संसर्ग के लिए पसंद किये जाते है।

म्यूचुअल फंड को मिली तीन स्तरीय सुरक्षा, निवेशकों के लिए जोखिम होगा कम

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के निवेश को और सुरक्षित बनाने के लिए दो नए नियम लाए हैं। सेबी ने निश्चित आय वाले उत्पादों में निवेशकों के लिए सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर और इक्विटी.

म्यूचुअल फंड को मिली तीन स्तरीय सुरक्षा, निवेशकों के लिए जोखिम होगा कम

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के निवेश को और सुरक्षित बनाने के लिए दो नए नियम लाए हैं। सेबी ने निश्चित आय वाले उत्पादों में निवेशकों के लिए सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर और इक्विटी निवेशकों को अपने जोखिम की प्राथमिकता के अनुसार निवेश करने के लिए एक अतिरिक्त श्रेणी दी है। सेबी ने निश्चित आय वाले प्रतिभूतियों में तरलता जोखिम को मान्यता दी है।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सेबी के इस कदम से निवेशकों को अपने डेट म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला ब्याज और जोखिम को पता लगाना आसान होगा। सेबी ने सभी ओपन-एंडेड डेट फंडों को नकदी, ट्रेजरी बिल और सरकारी प्रतिभूतियों जैसे निवेश माध्यमों में अपनी संपत्ति का 10% कम से कम निवेश करना बाध्य कर दिया है। यह बदलाव म्यूचुअल फंड निवेशकों को तीन स्तरीय सुरक्षा देने का काम करेगा। पहला तरलता जोखिमों से सुरक्षा, कैश बफर, सरकारी प्रतिभूतियों जैसे तरल संपत्ति और एएए-रेटेड प्रतिभूतियां में निवेश की सुविधा प्रदान करेगा। यह निवेशकों को किसी फंड के जोखि को आंकने की की क्षमता प्रदान करेगा। अगर कोई फंड कम-रेटेड पोर्टफोलियो रखता है तो वह अपने 10 प्रतिसत संपत्ति का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही डेट फंडों में जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित रखने के लिए सेबी ने सभी ओपन-एंडेड डेट फंडों को समय-समय पर जोखिम परीक्षण निवेशक सुरक्षा क्या है? करने निवेशक सुरक्षा क्या है? की आवश्यकता को बढ़ाया है। यह शुरू में केवल लिक्विड फंड श्रेणी के लिए अनिवार्य था। जोखिम परीक्षण का उद्देश्य किसी योजना की भेद्यता और उसके शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य को ब्याज दर जोखिम, ऋण जोखिम और तरलता और मोचन जोखिम को निर्धारित करना है।

एसआईपी रोकने वालों को 57% का नुकसान

कोरोना संकट के बीच अपनी एसआईपी की किस्त रोकने वाले निवेशकों को 57 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा है। फरवरी से नवंबर तक लॉर्ज कैप इंडेक्स फंड ने 57.69 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं, मिड कैप फंड का सालाना रिटर्न 51 फीसदी रहा है। इसको उदाहरण से समझ सकते हैं कि अगर आपने फरवरी से नवंबर तक 2000 रुपये प्रति माह एसआईपी के जरिये निवेश किया तो 10 महीने में कुल निवेश 20000 रुपये हुआ। 13 नवंबर तक निवेश पर रिटर्न मिलाकर 23,735 रुपये हो गया। इस तरह कुल रिटर्न 18.7% मिला जबिक एसआईपी पर कुल रिटर्न 51 फीसदी रहा।

मार्च निवेश शुरू करने का सबसे बेहतरीन समय बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए निवेश शुरू करने का मार्च, 2020 सबसे बेहतरीन महीना रहा। ऐसा इसलिए फरवरी के मुकबाले मार्च में बाजार में 35 फीसदी की बड़ी गिरावट आ गई थी। वहीं, मार्च से लेकर अभी तक बाजार 68 फीसदी चल चुका है। इस तरह जिन निवेशकों ने उस समय निवेश किया है उन्हें शानदार रिटर्न मिला है।

अक्तूबर में म्यूचुअल फंड के चार लाख नए खाते खुले

म्यूचुअल फंड उद्योग ने अक्तूबर में चार लाख से अधिक निवेशक खाते जोड़े है। इस तरह से उद्योग के कुल फोलियो का आंकड़ा 9.37 करोड़ पर पहुंच गया है। मुख्य रूप से ऋण या बांड योजनाओं से योगदान बढ़ने से फोलियो की संख्या में इजाफा हुआ है। फोलियो व्यक्तिगत निवेशक खातों को दिया गया नंबर होता है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते हैं। शेयर और शेयरों से जुड़ी बचत योजनाओं के तहत फोलियो की संख्या अक्तूबर में 30,000 बढ़कर 6.39 करोड़ हो गई।

बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि फोलियो की संख्या में बढ़ोतरी से पता चलता है कि निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से परेशान नहीं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अब निवेशक म्यूचुअल फंड योजनाओं से जुड़े बाजार जोखिमों को समझने लगे हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के अंत तक 45 म्यूचुअल फंड कंपनियों के फोलियो की संख्या 4.11 लाख बढ़कर 9,37,18,991 पर पहुंच गई। सितंबर के अंत तक यह आंकड़ा 9,33,07,480 था। सितंबर में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 7.37 लाख निवेशक खाते जोड़े थे। अगस्त में फोलियो की संख्या में 4.25 लाख, जुलाई में 5.6 लाख, जून में 5 लाख, मई में 6.13 लाख और अप्रैल में 6.82 लाख का इजाफा हुआ था। कुल नए फोलियो में से दो लाख से अधिक बांड योजनाओं ने जोड़े।

छंटनी और मंदी के डर के बीच बनाइए 'सुरक्षा कवच', ये 5 कदम आपकी फाइनेंशियल सेहत का रखेंगे खयाल

Financial Planning: मंदी और जॉब कट के चलते आपको भी कुछ कदम उठा लेने चाहिए, जो आपकी इनकम, इन्वेस्टमेंट और फ्यूचर को सुरक्षित रखेंगे. ये वो टाइम है, जब आप अपनी नौकरी और अपने भविष्य के लिए प्लानिंग और खुद को फाइनेंशियल निवेशक सुरक्षा क्या है? सिक्योरिटी दें.

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दुनियाभर में मंदी की आहट सुनाई दे रही है, और पूरा असर दिखे इसके पहले ही जॉब कट्स की शुरुआत हो गई है. मेटा, ट्विटर जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों के अलावा, भारत में भी कई कंपनियां हैं, जहां छंटनी शुरू हो गई है. ऐसे में मंदी और जॉब कट के चलते आपको भी कुछ कदम उठा लेने चाहिए, जो आपकी इनकम, इन्वेस्टमेंट और फ्यूचर को सुरक्षित रखेंगे. ये वो परफेक्ट टाइम है, जब आप अपनी नौकरी और अपने भविष्य के लिए प्लानिंग और खुद को फाइनेंशियल सिक्योरिटी दें. हम यहां ऐसे खास 5 स्टेप्स बताने वाले हैं, जो निवेशक सुरक्षा क्या है? आपको आने वाले वक्त के लिए तैयार करेंगे.

1. सबसे पहले अपना रेज्यूमे मजबूत करें

आपको सबसे पहले अपना रेज्यूमे स्ट्रॉन्ग करना होगा. इसके लिए आपको अपनी अपस्किलिंग करनी होगी, यानी आपको नए और रेलेवेंट स्किल सीखने होंगे, ताकि आपके पास कई तरह के स्किल सेट हों और जरूरत पड़ने पर आपके पास की फील्ड में काम करने का ऑप्शन हो. आपके पास ऐसी स्किल होनी चाहिए, जिनकी मार्केटिंग की जा सके. इसके अलावा अपने रेज्यूमे और लिंक्डइन प्रोफाइल में सॉफ्ट स्किल, जैसे- कस्टमर सर्विस, कम्युनिकेशन, टाइम मैनेजमेंट जैसी चीजें ऐड करें. इसके साथ ही अगर आप हार्ड स्किल, जैसे- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिसिस, डिजिटल मार्केटिंग में भी माहिर हों, तो आपके लिए ऐसे मुश्किल वक्त में भी जॉब के ऑप्शंस हो सकते हैं.

इसके अलावा अपना रेज्यूमे और लिंक्डइन प्रोफाइल अपडेट करके नेटवर्किंग करना शुरू करें.

इनकम के अलग-अलग सोर्स रखें

अब जब निवेश को बहुत तरजीह दी जाने लगी है तो यह सलाह अकसर दी जाती है कि आपको हमेशा एक से ज्यादा इनकम का रास्ता रखना चाहिए. इनकम डाइवर्सिफिकेशन जरूरी है, ताकि एक स्ट्रीम प्रभावित हो तो भी एक स्ट्रीम से पैसा आता रहे.

इमरजेंसी सेविंग्स/फंड में करें बढ़ोतरी

ऐसे वक्त में आप अपने लिए एक अच्छा काम कर सकते हैं वो है अपनी सेविंग्स में बढ़ोतरी करना. आदर्श स्थिति यही होगी कि अगर आप मुश्किल में फंस गए हों तो आपके पास इतनी सेविंग्स हो कि अगले 6 से 3 महीनों तक आपका काम चल सके.

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी को छोड़े नहीं

अगर लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इसे बिल्कुल भी ना छोड़ें. बाजार में निवेशकों को हड़बड़ी में आकर बेचने की सलाह नहीं दी जाती है. हां सही है कि बाजार की टाइमिंग का अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन कुछ वक्त बाद बाजार रिकवरी लेता है. आपको ये देखना होगा कि आपका इन्वेस्टमेंट गोल क्या है, टाइम फ्रेम क्या है और रिस्क लेने की क्षमता कितनी है, इस हिसाब से अपनी स्ट्रेटेजी बनाएं.

हालांकि, आर्थिक स्थिति कैसी है, आपको ऐसा पैसा बाजार में लगाकर नहीं रखना चाहिए, जिसकी आपको अगले पांच सालों में जरूरत पड़ने वाली है.

अपना पोर्टफोलियो बचाएं

अगर आप युवा निवेशक हैं, तो आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्टॉक्स में रखना चाहिए. वहीं, 50 से 60 के ऊपर के निवेशकों को थोड़ा कम अग्रेसिव चलना चाहिए और बॉन्ड्स-कैश जैसे विकल्पों में पैसा डालना चाहिए. टैक्स डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान भी रखना चाहिए.

किसी को किसी म्यूचुअल फंड में कितने समय तक निवेश किए रखने की जरूरत होती है?

आइये एक निवेशक पर विचार करें जिसने एक रीयल इस्टेट ट्रान्जेक्शन में 50 लाख रु.कमाए हैं। पैसे का क्या करना है इस पर अंतिम निर्णय लेने से पहले वह निवेश के लिए एक सुरक्षित स्थान खोज रहा है। इस मामले में आदर्श योजना एक लिक्विड फंड होगी, जिसे पूंजी की सुरक्षा के लिए सामान्यतया उच्च लाभप्रदता के साथ तरलता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अपनी जरूरत के हिसाब से वह कभी भी रिडीम कर सकता है।

इसलिए निवेशित रहने के समय पर निर्णय निवेश उद्देश्य पर निर्भर करता है। निवेशकों को अपने सलाहकारों के साथ निवेश स्थिति और प्रगति की आवधिक समीक्षा करने की जरूरत होती है। ऐसी समीक्षाओं के दौरान ही रिडीम निवेशक सुरक्षा क्या है? करने, स्विच करने, निवेशित रहने या छोड़ देने के निर्णय लिए जाते हैं।

निवेशक सुरक्षा क्या है?

एसयूडी लाइफ धन सुरक्षा प्लस
(UIN: 142L041V01)

इस पॉलिसी में, निवेश पोर्टफोलियो का निवेश जोखिम पॉलिसीधारक द्वारा वहन किया जाएगा. लिंक्ड इंश्योरेंस उत्पादों के साथ संविदा के पहले पांच वर्ष में इनके बदले पैसे मिलने का कोई प्रस्ताव नहीं होता है. पॉलिसीधारक पांचवें वर्ष के अंत तक पूरी तरह से या फिर आंशिक तौर पर लिंक्ड इंश्योरेंस उत्पादों में निवेश किए गए धन को न तो निकाल सकता है/ न ही सरेन्डर कर सकता है.

मुख्य विशेषताएं:

  1. 4 फन्डों में निवेश का मौका
  2. प्रीमियम लौटाने, स्विच करने आदि जैसे कई तरह के विकल्पों के ज़रिए आपके निवेशों को नियंत्रित करने वाली किन्हीं भी अनिश्चितताओं की स्थिति में आपके परिवार की बीमा वित्तीय सहायता के लिए लाइफ कवर करता है
  3. धारा 80 सी और 10 (10डी) के अंतर्गत आय कर लाभ¹

पंजीकृत कार्यालय: 11वीं मंजि़ल, विश्व रूप आईटी पार्क, प्लॉट नंबर 34, 35 और 38, आईआईपी का सेक्टर 30ए, वाशी, नवी मुंबई - 400 703. संपर्क नंबर: 022 39546300 (शुल्क लागू), 1800 266 8833 (नि:शुल्क) I समय: सुबह 8.00 बजे से रात 8.00 बजे तक (सोमवार - शनिवार) I ईमेल आईडी: [email protected]

जोखिम घटकों, शर्तों और निबंधनों के लिए आप विक्रय समाप्त होने से पहले संबंधित उत्पाद का विक्रय ब्रोशर पढें. ¹कर लाभ प्रचलित कर विधियों के अनुसार प्रयोजनीय हैं तथा ये समय-समय पर बदल सकती हैं. बैंक के ग्राहकों द्वारा बीमा करवाना पूर्ण रूप से उनकी अपनी इच्छा पर निर्भर करता है. बैंक की ओर से इसमें ज़रा भी जोखिम नहीं उठाया गया है. आईआरडीएआई पंजीकरण: 142 I
CIN:U66010MH2007PLC174472. संबंधित स्वामियों की ओर से लाइसेन्स के अंतर्गत प्रयुक्त ट्रेडमार्क. यूनियन बैंक ऑफ इन्डिया स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस लाइसेन्सधारी कॉरपोरेट एजेन्ट है जिसका लाइसेन्स नंबर CA0117.
SUD-OTH-05-16-0088

भ्रामक फोन कॉल्स और काल्पनिक/कपटपूर्ण ऑफर्स से सावधान:
आईआरडीएआई जनता के समक्ष स्पष्ट करती है कि

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