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पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है

पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है
⚡️कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश?

Portfolio Management in Hindi

शेयर मार्केट में invest करने का तभी फायदा है यदि आपके द्वारा बनाया गया portfolio strong है। एक अच्छे portfolio के द्वारा ही अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता है और यह तभी संभव है यदि portfolio का management smart तरीके से किया जाए। यह काम बहुत सूझ बुझ का होता है, इसीलिए इसका जिम्मा portfolio manager का होता है।

आज के इस post में हम जानेंगे कि portfolio meaning in hindi क्या होता है? इस article के माध्यम से हम आपको portfolio से संबंधित जानकारी विस्तृत रूप से देने वाले हैं। तो आप हमारे साथ इस post के अंत तक जरूर बने रहे।

Portfolio का क्या मतलब होता है?

  • बिजनेस के मामले में portfolio का अर्थ projects या कार्यक्रम की सूची से है।
  • शेयर बाजार की बात करें तो, शेयर बाजार में portfolio shares के समूह को कहा जाता है।
  • Investment के मामले में portfolio का मतलब invest उपायों की list से होता है।

Portfolio management क्या होता है? (Portfolio management meaning in Hindi)

Business में portfolio management वह होता है जो ऐसे project और कार्यक्रम बनाता है, जिसके द्वारा पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है किसी कंपनी या संस्थान को अधिक से अधिक मुनाफा हो और नुकसान की गुंजाइश काफी कम हो।

ऐसे projects को चुनना, priority तय करना और उनका control वगेरह् भी portfolio management का ही हिस्सा होता है और इस जिम्मेदारी को निभाने वाली संस्था या व्यक्ति को portfolio manager कहा जाता है।

Portfolio manager क्या होता है?

Portfolio manager वह व्यक्ति या संस्था होती है जो किसी निवेशक व्यक्ति या निवेशक कंपनी की financial जरूरतों को समझते हुए, उनकी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, ऐसी रणनीति तैयार करता है, जिससे अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सके और नुकसान की गुंजाइश को काफी कम किया जा सके। इस रणनीति को बनाने वाले व्यक्ति या संस्था को portfolio manager कहा जाता है।

निवेशक के द्वारा portfolio manager को ही रणनीति तैयार करके, उस पर पैसा लगाने की जिम्मेदारी दी जाती है।

Portfolio management के प्रकार

Portfolio management मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:-

  1. Active portfolio management अर्थात क्षत्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन
  2. Passive portfolio management अर्थात निष्क्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन
  3. Discretionary portfolio management अर्थात विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन
  4. Non – Discretionary portfolio management अर्थात गैर विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन

सक्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन (Active portfolio management)

इस प्रकार के पोर्टफोलियो प्रबंधन में portfolio manager के द्वारा मार्केट की चाल को देखते हुए रणनीति बनाई जाती है। ऐसा खासकर तब किया जाता है जब आपकी investment का अधिकतर हिस्सा शेयरों में invest हो। Portfolio manger का उद्देश्य अच्छी रिटर्न प्राप्त करना होता है इसीलिए जब शेयरों के दाम घटते हैं तो वह खरीद लेता है और जब दाम में बढ़ोतरी होती है, तो वह उसे बेच देता है।

निष्क्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन (passive portfolio management)

इस तरह की management long term निवेश के लिए काफी अच्छी साबित होती है। इस प्रकार के पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में बाजार की चाल को देखते हुए शुरू में ही शेयरों की list fix कर दी जाती है और उससे बाद में किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाती। इस तरह से पैसा index funds में लगाया जाता है, जिससे काफी अच्छे return की उम्मीद होती है।

विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन (Discretionary portfolio mangement )

विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन में, portfolio manger को पूरी तरह से छूट होती है कि वह निवेशकों के पैसे को अपनी सूझबूझ के द्वारा निवेश करें। इस प्रकार के management में पोर्टफोलियो मैनेजर निवेशक के लक्ष्य और उसकी risk की क्षमता के अनुसार एक अच्छी रणनीति बनाकर निवेश करता है। इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर को अपने client के शेयर कभी भी खरीदने या बेचने की पूरी छूट होती हैं।

गैर विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन (Non – Discretionary portfolio management )

इस तरह की management में portfolio manger केवल advise दे सकता है अर्थात उसकी भूमिका केवल financial adviser की होती है। इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर अपनी knowledge के मुताबिक पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है investor को उसकी investment choices के अनुसार सलाह देता है। उस सलाह पर अमल करना, उसमें पैसा निवेश करना या फिर खारिज करना यह पूरी तरह से investor पर depend होता है।

Portfolio manage कैसे करें?

हम कुछ तरीके बताने वाले हैं जिनके जरिये आपको अपने पोर्टफोलियो को manage करने में मदद मिलेगी:-

  1. आप किसी पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है professional की मदद ले सकते हैं। प्रोफेशनल market के movment के हिसाब से आपका portfolio manage करता है। कौन सा share कितने टाइम तक रखना है या पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है कब खरीदना और बेचना है, यह सभी चीज़े एक professional ही manage करता है और time to time आपको update करता रहता है। यदि आप ऐसा करते है तो आपको personally अपने portfolio के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती।
  2. यदि आप स्वयं अपना पोर्टफोलियो manage कर रहे हैं तो आपको बाजार की बारीकियों से ज़रूर अवगत होना चाहिए। तभी आप अपने portfolio को strong बना सकते हैं।
  3. यदि आपका portfolio, fund मैनेजर handle कर रहा है तो उससे कम से कम 3 महीने में अपने portfolio की regarding उससे चर्चा करें।
  4. जब भी आप स्वयं पोर्टफोलियो handle करें तो वह बाजार की चाल पर जरूर नजर बनाए रखें। यदि किसी भी कारण से बाजार में अस्थिरता आती है तो वह आपके पोर्टफोलियो को effect करती है।
  5. आप technical और fundamental analysis जरूर सीखें, ताकि आप यह सुनिश्चित कर पाए कि कौन सा सstock कब खरीदना या बेचना है। से updated रहे। Market की खबरों से updated रहे।
  6. यदि आप portfolio मैनेजर से अपना पोर्टफोलियो manage करवाते हैं तो वह आपकी जरूरतों को समझते हुए रणनीति तैयार करता है और उसी हिसाब से पोर्टफोलियो में stock रखता है।

Portfolio management पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है मे ध्यान रखने योग्य बाते

  1. सभी तरह की term and conditions को अच्छे से समझ ले।
  2. जरूरत के हिसाब से रणनीति तैयार करें।
  3. Portfolio की निगरानी रखना जरूरी होता है।
  4. यदि आप एक portfolio मैनेजर है तो कस्टमर की जरूरतों के हिसाब से portfolio की रणनीति तैयार करें।
  5. Market से updated रहे।

निष्कर्ष

दोस्तों, आज के इस post में हमने जाना कि portfolio meaning in hindi क्या होता है। इस पोस्ट में हमने आपको portfolio से संबंधित जानकारी से अवगत करवाया है। आशा करते हैं कि यह post आपको पसंद आया होगा। इस जानकारी को आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी जरूर शेयर करें।

यदि इस post से संबंधित कोई भी सुझाव आप हमें देना चाहते हैं तो हमें कमेंट जरूर करें और यदि इस post से संबंधित कोई भी प्रश्न आप हम से पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं।

Investors की जरूरतों को समझना, invest करने के लिए रणनीति तैयार करना, पोर्टफोलियो का निर्माण करना, portfolio की निगरानी रखना, पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है सुरक्षा विश्लेषण करना इत्यादि।

Finance में portfolio का अर्थ, किसी संस्था या कंपनी के द्वारा किए गए निवेश का एक collection होता है।

Portfolio management मे एक ऐसी निवेश योजना को तैयार करना होता है जिससे किसी संस्था या व्यक्ति की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, उसे अधिक से अधिक फायदा मिल सके और कम से कम जोखिम हो।

portfolio manager हिन्दी में

Portfolio management is a tool that assists management in tracking progress on new products and making trade-off decisions when allocating scarce resources.

पोर्टफोलियो प्रबंधन एक ऐसा उपकरण है, जो नए उत्पादों की प्रगति की निगरानी करने और विरल संसाधनों का आवंटन करते समय दुविधापूर्ण निर्णय लेने में सहायता करता है।

" It ' s a three - way squeeze - declining returns , higher tax outgo and fewer tax - free incomes , " says Gurinder Singh , CEO of portfolio management company Parasmoney .

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी ' पारसमनी ' के सीईओ गुरिंदर सिंह ने कहा , ' ' यह तिहरी मार है - लभ में गिरावट , कर के मद में ज्यादा खर्च , और पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है कर मुक्त आय में कटौती . ' '

Although PLM is mainly associated with engineering tasks it also involves marketing activities such as product portfolio management (PPM), particularly with regards to new product development (NPD).

हालांकि पीएलएम (PLM) मुख्यतः इंजीनियरिंग कार्यों से संबंधित हैं, लेकिन इसमें उत्पाद पोर्टफोलियो प्रबंधन (पीपीएम (PPM)), विशिष्टतः नए उत्पाद की प्रस्तुति (एनपीआई (NPI)) के संदर्भ में, जैसी विपणन गतिविधियां भी शामिल होती हैं।

Many banks, funds, and proprietary trading firms now have entire portfolios which are managed purely by AI systems.

कई बैंकों, फंडों और मालिकाना ट्रेडिंग फर्मों के पास अब पूरे पोर्टफोलियो हैं जो एआई सिस्टम द्वारा पूरी तरह से प्रबंधित किए जाते हैं।

Financial institutions and asset managers that oversee portfolios are subject to what is called "structural" and "contingent" liquidity risk.

वित्तीय संस्थाएं एवं परिसंपत्ति प्रबंधक जो निवेश सूची का निरीक्षण और प्रबंधन करते हैं वे "संरचनात्मक" और "आकस्मिक" चल निधि जोखिम के अधीन हैं।

Save time: Using responsive display ads, you can reduce your overhead for managing ad portfolios within ad पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है groups and campaigns, and dedicate more time to performance improvement.

समय बचाएं: रिस्पॉन्सिव डिसप्ले विज्ञापनों का इस्तेमाल करके, आप विज्ञापन समूहों और कैंपेन के भीतर ही विज्ञापन पोर्टफ़ोलियो को प्रबंधित करने के लिए, अपना काम कम कर सकते हैं. साथ ही, परफ़ॉर्मेंस बेहतर बनाने के लिए और भी ज़्यादा समय दे सकते हैं.

The management of the banks’ asset portfolios also remains a challenge in today's economic environment.

Meanwhile, it does not allow the separation of the performance of the market in which the portfolio is invested from that of the manager.

इस बीच यह बाजार के प्रदर्शन के अलगाव की अनुमति नहीं देता है जिसमें प्रबंधक की तरफ से पोर्टफोलियो का निवेश किया गया है।

एसबीआई हमारा पोर्टफोलियो प्रबंधक है, जो हमारे निवेश के ज्यादातर हिस्से, करीब 35 प्रतिशत का प्रबंधन करता है।

आमतौर पर पोर्टफोलियो प्रबंधन नौकरी की साक्षात्कार के दौरान कौन से प्रश्न पूछे जाते हैं?

The Life of Andy Warhol (documentary - part one) (नवंबर 2022)

आमतौर पर पोर्टफोलियो प्रबंधन नौकरी की साक्षात्कार के दौरान कौन से प्रश्न पूछे जाते हैं?

a: एक पोर्टफोलियो प्रबंधक एक ऐसा व्यक्ति है जो धन का उपयोग करके निवेश निर्णय लेने के लिए ज़िम्मेदार है, जो अन्य निवेशकों के नियंत्रण में है एक पोर्टफोलियो प्रबंधक अपनी रणनीति का कार्यान्वयन करता है और पोर्टफोलियो ट्रेडिंग के दिन-प्रतिदिन के संचालन का प्रबंधन करता है।

अगर आप एक पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो आपको एक साक्षात्कार से पहले तैयार किए जाने वाले प्रश्न हैं। नौकरी की साक्षात्कार के दौरान एक भर्ती प्रबंधक व्यवहार, निवेश और यादृच्छिक प्रश्न पूछ सकता है।

आम व्यवहार प्रश्नों से आपके व्यक्तित्व का आकलन करने के लिए कहा जाता है उदाहरण के लिए, एक भर्ती प्रबंधक पूछ सकता है, "आप एक पोर्टफोलियो प्रबंधक के पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है रूप में काम क्यों करना चाहते हैं?" इससे साक्षात्कारकर्ता आपके लक्ष्यों और आकांक्षाओं का आकलन करने की अनुमति देता है। वह पूछ सकता है, "आपकी सबसे बड़ी ताकत और कमजोरियां क्या हैं?" वह आपके जोखिम प्रोफाइल का आकलन करने के लिए प्रश्न पूछ सकता है, जैसे "क्या आप जोखिम-प्रतिकूल या जोखिम लेने वाले हैं?"

साक्षात्कारकर्ता आपको कंपनी के लिए मुनाफा पैदा करने का मूल्यांकन करने के लिए निवेश के बारे में प्रश्नों के साथ भी संकेत कर सकता है। एक सामान्य सवाल जिसे आप से पूछा जा सकता है, "यदि आपके पास आज निवेश करने के लिए $ 1 मिलियन था, तो आप क्या निवेश करेंगे और क्यों?" यह आकलन करने में मदद करता है कि क्या आप विभिन्न उत्पादों के बारे में जानते हैं और क्या आप दबाव में निर्णय कर सकते हैं। आपको पूछा जा सकता है, "डेल्टा हेजिंग क्या है और डेल्टा-तटस्थ पोर्टफोलियो के लिए सबसे अच्छा समय कब है?" यह मूल्यांकन करता है कि आप वित्त के बारे में कितना जानकार और योग्य हैं।

एक साक्षात्कारकर्ता यादृच्छिक प्रश्न पूछ सकता है जो आपके समस्या को सुलझाने के कौशल का आकलन करने के लिए आपके मस्तिष्क को तंग करता है। एक सवाल जो अक्सर पूछा जाता है, "यदि समय 3: 15 है तो घंटे और मिनट के बीच का कोण क्या है?"

एक नौकरी के साक्षात्कार के दौरान 4 चीजें जो आपको प्रकट नहीं करना चाहिए | इन्वेस्टमोपेडिया

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नौकरी का साक्षात्कार नौकरी से संबंधित कौशल और क्षमताओं का वर्णन करने के लिए एक जगह है, न कि व्यक्तिगत जानकारी साझा करें जो आपको अयोग्य ठहरा सकती है

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एक आरामदायक सेवानिवृत्ति होने पर आपकी कंपनी के 401 (के) का अधिकतम लाभ लेने पर निर्भर करता है, अगर यह पेशकश की जाती है

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5 मिनट में जानें क्या है पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज

पोर्टफोलियो का कस्टमाइजेशन किसी एक स्टॉक में निवेश करने, किसी सेक्टर/स्टॉक में निवेश से बचने आदि के किसी भी स्तर तक जा सकता है

5 मिनट में जानें क्या है पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज

2. पोर्टफोलियो का कस्टमाइजेशन किसी एक स्टॉक में निवेश करने, किसी सेक्टर/स्टॉक में निवेश से बचने आदि के किसी भी स्तर तक जा सकता है. इसमें निवेशक के धर्म या रूचि के हिसाब से नकारात्मक सेक्टर/शेयर में निवेश नहीं किया जाता.

3. निवेशक को इस सेवा के लिए एक बैंक अकाउंट खुलवाने के साथ ही डीमैट अकाउंट भी खुलवाना पड़ता है. साथ ही फंड को मैनेज करने के लिए एक पावर ऑफ एटॉर्नी PMS के नाम देनी पड़ती है, जिससे वह फंड का प्रबंधन बेहतर तरीके से कर सके.

4.अपने विवेक से फैसले लेने वाले पोर्टफोलियो में मैनेजर हर क्लाइंट की जरूरत के हिसाब से निवेश करने और उसे भुनाने जैसे काम करता है. अगर सेवा क्लाइंट के हिसाब से संचालित हो रही है तो उसमें क्लाइंट के निर्देश का पालन कर फंड मैनेजर फंड की खरीद-बिक्री करते हैं.

5.PMS के लिए फीस आपस में तय नियम एवं शर्त के हिसाब से होती है. इसमें एक निश्चित रकम के अलावा रिटर्न पर आधारित कमीशन फीस भी हो सकती है. इसके अलावा इन दोनों के मिले-जुले रूप में भी फंड मैनेजर फीस ले सकता है.

(सेंटर फॉर इन्वेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग के सौजन्य से)

Money Guru: म्यूचुअल फंड या PMS? एक्सपर्ट से जानिए क्या है आपके लिए निवेश का बेहतर विकल्प

Money Guru: आपके इन्वेस्टमेंट के पोर्टफोलियो के हिसाब से Mutual Fund या PMS क्या है बेहतर विकल्प. जानिए एक्सपर्ट की सलाह.

Money Guru: निवेश के लिए म्यूचुअल फंड लोगों के लिए हमेशा से एक बेहतर और आसान विकल्प के रूप में मौजूद रहा है. कोरोना महामारी के बाद से लोगों ने शेयर मार्केट में निवेश करना और तेज कर दिया है. ऐसे में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) को लेकर भी लोगों का रूझान बढ़ा है. आइए जानते हैं आपकी इन्वेस्टमेंट प्रोफाइल के हिसाब से MF या PMS क्या बेहतर है.

म्यूचुअल फंड क्या है?

वह इन्वेस्टर्स जो शेयर मार्केट में खुद ट्रेडिंग नहीं करना चाहते हैं, वह म्यूचुअल फंड के जरिए सिस्टमैटिक तरीके से मार्केट में पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है निवेश कर सकते हैं. MF में कई सारे इन्वेस्टर्स एक कॉमन गोल के साथ मिलकर किसी फंड हाउस की म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करते हैं. यह SIP या एकमुश्त निवेश का भी विकल्प साबित होता है. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप किसी इन्वेटर एडवाइजर की सलाह ले सकते हैं या फिर खुद से भी फंड खरीद सकते हैं.

⚡️कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश?

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PMS क्या है?

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस या PMS एक कस्टमाइज निवेश पोर्टफोलियो होता है, जिसमें बड़े निवेशक भाग लेते हैं. PMS में निवेश करने के लिए आपके पास 50 लाख रुपये तक की राशि होनी चाहिए. इसमें प्रोफेशनल मनी मैनेजर आपके टार्गेट के हिसाब से पोर्टफोलियो बनाते हैं. PMS में निवेश करने के लिए बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट खुलवाना जरूरी होता है.

तीन तरह के होते हैं PMS

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस तीन तरह के होते हैं- डिस्क्रीशनरी, नॉन-डिस्क्रीशनरी, एडवाइजरी. पीएमएस फंड को मैनेज करने के लिए आपको अपने फंड मैनेजर को पावर ऑफ अटार्नी देना होता है. इसमें आपके फंड मैनेजर को निश्चित रकम के अलावा रिटर्न पर आधारित कमीशन फीस भी मिलता है.

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म्यूचुअल फंड में कौन कर सकता है निवेश?

म्यूचुअल फंड में सभी इन्वेस्टर्स निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है. MF में आप अपने लक्ष्य के हिसाब से निवेश कर सकते हैं. Mutual Funds में डेट और इक्विटी में डायरेक्ट या रेगुलर निवेश होता है.

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस में कौन करे निवेश?

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस में सभी तरह के इन्वेस्टर्स निवेश को निवेश नहीं करना चाहिए. इसमें उन्हीं निवेशकों को भाग लेना चाहिए, जिनके पास कम से कम 50 लाख की राशि हो. इसके लिए आपको अपने इन्वेस्ट का अधिकार अपने पोर्टफोलियो मैनेजर को देना होता है. PMS उन्हीं इन्वेस्टर्स के लिए ज्यादा सही होता है, जिन्हें अपने फंड मैनेजर पर पूरा भरोसा हो. यह उन इन्वेस्टर्स के उपयुक्त होता है, जिनके पास निवेश करने के लिए राशि तो हो, लेकिन उन्हें मैनेज करने के लिए कम समय हो.

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