क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं?

Cryptocurrency Tax: क्या तोहफे में बिटकॉइन मिलने पर भी सरकार को देना होगा टैक्स? जानें 10 अहम सवालों के जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? 30 फीसदी टैक्स और एक फीसदी टीडीएस लगाने का एलान किया। कई विशेषज्ञ इसे क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने की ओर एक कदम मान रहे हैं।
विस्तार
आखिर, क्रिप्टोकरेंसी क्या है? जब ये वैध नहीं है तो भारत में इसका लेन-देन किस तरह होता है? क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है? सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर जो टैक्स लगाने की बात कही है वो लगेगा कैसे? आइये समझते हैं…
1. क्रिप्टोकरेंसी है क्या?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल डिजिटल करेंसी है। चलन के लिहाज से ये रुपया, डॉलर या पाउंड जैसी ही होती है। क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर काम करने वाली ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से यह वर्चुअल करेंसी बनी है। इसी वजह से इसे क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। फर्क ये है कि रुपया, डॉलर या पाउंड को देश के केंद्रीय बैंक जारी और नियंत्रित करते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं होता है। यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं करती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है। यह जिस डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, उसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़ कर सकता है।
2. भारत में अभी किस तरह इसका लेन-देन होता है?
दुनियाभर में कई क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका लेनदेन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और एक्सचेंज पर किया जा सकता है। इनमें सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। अगर आप क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं तो आपको क्रिप्टो वॉलेट खोलना पड़ेगा। यह वैसा ही है, जैसा आप स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं। क्वॉइनस्विच कुबेर, उनोकॉइन, वजीरएक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर कोई भी क्रिप्टो वॉलेट क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? खोल सकता है। इसके लिए KYC समेत अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। इसके बाद आपको क्रिप्टो में निवेश करने के लिए अपने बैंक से पैसा डिपॉजिट करना होगा।
भारत में कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे हैं जो 100 रुपये से वॉलेट खोलने की अनुमति देते हैं। वहीं, कुछ क्रिप्टो वॉलेट फ्री ट्रेडिंग की अनुमति देते हैं, तो कुछ इसके लिए कम से कम 100 रुपये मेंटेनेंस चार्ज वसूल सकते हैं। यह क्रिप्टो एक्सचेंज पर निर्भर करता है।
3. क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। कोई भी मुद्रा 'करेंसी' तभी कहलाती है, जब केंद्रीय बैंक उसे जारी करता है। जो भी केंद्रीय बैंक के दायरे से बाहर है, उसे हम करेंसी नहीं कहेंगे। हम ऐसी 'करेंसी' पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं, जिसे अभी जारी होना बाकी है। डिजिटल रुपये को RBI जारी करेगा, यही डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल दुनिया में जो कुछ है, वो संपत्तियां हैं। इसी तरह वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कहते हैं कि भले ही क्रिप्टो पर टैक्स लेने का नियम बना है, तब भी ये वैध मुद्रा नहीं होगी।
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। वहीं, भारत में जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा।
4. क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगेगा कैसे?
वित्त मंत्री ने मंगलवार को साफ किया कि आरबीआई के डिजिटल रुपये के अलावा क्रिप्टो वर्ल्ड में मौजूद सभी क्वाइन वर्चुअल असेट्स में गिने जाएंगे। इनके लेनदेन में अगर किसी को मुनाफा होता है क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? तो हम उस पर 30 फीसदी टैक्स लगाएंगे। उदाहण के लिए, यदि आपको बिटकॉइन बेचने पर 100 रुपये की कमाई होती है, तो आपको 30 रुपये टैक्स के रूप में सरकार को देना होगा। इसी तरह क्रिप्टो की दुनिया में होने वाले हर लेनदेन पर एक फीसदी TDS भी लगेगा। TDS से सरकार को क्रिप्टो के लेनदेन का पता लग जाएगा और वह टैक्स वसूल सकेगी।
5. तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?
ऐसा नहीं है। आपको केवल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।
6. अगर मैं किसी को क्रिप्टो करेंसी तोहफे में देता हूं तो क्या मुझे भी टैक्स देना होगा?
नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार यानी भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।
7. 1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?
वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।
8. टैक्स लगाकर सरकार क्रिप्टो को मान रही है, इसे बढ़ावा दे रही है या इसे हतोत्साहित कर रही है?
दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
9. क्या मैं एक डिजिटल असेट में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे से कर सकूंगा?
अगर इथेरियम में नुकसान हुआ, तो इसकी भरपाई बिटक्वाइन में हुए लाभ से नहीं कर सकेंगे। हर असेट यानी यूनिट अलग काम करेगी, उस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।
10. क्या यह क्रिप्टोकरेंसी खरीदने का सही समय है?
नहीं। टैक्सेशन की दरें अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। ऐसे क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? में टैक्स से बचने के लिए 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर बिकवाली निकल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिप्टो करेंसी में अस्थिरता आएगी। सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है और रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है। ऐसे में वर्चुअल रुपये को लाकर क्रिप्टो को पूरी तरह बैन करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो में निवेश पर अगर घाटा होता है तो इसकी कोई जवाबदारी सरकार की नहीं होगी।
Cryptocurrency में नुकसान से बचने के तरीके
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच में बहुत ही पॉपुलर इन्वेस्टमेंट का जरिया बन चुका है. इसमें अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव रहने के बावजूद इसमें लगातार निवेश बढ़ रहा है. इसके पीछे कारण है कि क्रिप्टो में निवेश अच्छा रिटर्न भी देता है। इसलिए आज हम बात करेंगे कि क्रिप्टो करेंसी में सुरक्षित निवेश कैसे करें और क्या क्या सावधानियां बरतें जिससे कि हमें नुकसान का सामना ना करना पड़े।
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Crypto currency |
आजकल सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहता है कि शेयर बाजार क्रिप्टोकरंसी और भी जो निवेश के तरीके हैं उन सभी में कितना कितना निवेश करना चाहिए। बहुत लोगों का मानना है कि वर्चुअल करेंसी एक पानी का बुलबुला की तरह है जो कभी फूलता और कभी पटकता है। आपको अपनी कमाई का कितना हिस्सा वर्चुअल करेंसी में लगाना चाहिए आइए जानते हैं।
इस तरह करें वर्चुअल करेंसी में सुरक्षित निवेश
सबसे पहले यह बात दिमाग में रखें कि जब आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने जा रहे हैं तो बहुत ही छोटी राशि से शुरुआत करें. जब मैं छोटी रकम की बात कर रहा हूं तो मेरा मतलब है कुछ सौ रुपये जिससे कि आप बिटकॉइन का कुछ हिस्सा भी खरीद सकते हैं। क्योंकि वर्चुअल करेंसी में निवेश थोड़ा अलग होता है यहां आप किसी से बिटकॉइन रिसीव या भेज भी सकते हैं। और कम पैसे लगाने से आप क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग आसानी से सीख भी जाएंगे। और यह भी ध्यान रहे कि Crypto की दुनिया में एक गलत कदम आपका सारा पैसा डूबा भी सकता है
उतने पैसे ही लगाए जितने का आप नुकसान सहेन कर सकते हैं
मान लीजिए आप सो रहे हो और सुबह जब आप उठे तो आपको पता लगे कि आपने जिस क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया था वह बेकार हो चुकी है उसकी कोई वैल्यू नहीं है तो उस समय आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? हो सकता है आप को झटका लगे आप को बहुत बड़ा दुख हो इसीलिए मेरा मानना यह है कि शुरुआत में क्रिप्टोकरंसी में निवेश बहुत ही छोटी रकम के साथ शुरू करें।
निवेश में नए ज़माने के डिजिटल ट्रेंड्स: वे कैसे काम करते हैं
निश्चित रूप से, इसी वजह से नए जमाने के डिजिटल ट्रेंड्स को भी आसान-ट्रेडिंग के वर्चुअल एसेट की तरह ले लिया गया है जिनका कोई भौतिक प्रारूप नहीं हैं। वे सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा बनाए या जारी नहीं किए गए हैं। इसलिए इन्हें धन या वैध मुद्रा की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मगर कुछ जोखिम हैं जैसे:
- ऐसे डिजिटल एसेट का मूल्य वास्तविक एसेट से जुड़ा नहीं होता है। जिसकी वजह से उनकी वैल्यू— और आपके निवेश में— बड़ी अस्थिरता देखी जा सकती है।
- वर्चुअल एसेट विनियमित नहीं होते हैं। सरकारी नियमों के बिना, निवेशकों के साथ धोखाधड़ी हो सकती है और वे अपना पैसा गंवा सकते हैं।
- फिलहाल, केंद्रीय बजट 2022 के अनुसार, इन वर्चुअल एसेट पर बहुत ज़्यादा टैक्स देना पड़ता है।
इनकी तुलना में, म्युचुअल फंड्स लगभग 1924 से चलन में हैं। पिछली सौ सालों से, निवेशकों की सुरक्षा के लिए म्युचुअल फंड्स को अच्छे से विनियमित और उन पर बारीकी से निगरानी रखी गई है। अलग-अलग तरह के रिटर्न और जोखिम की क्षमता के अनुरूप कई योजनाएं भी उपलब्ध हैं। साथ ही, वे स्वाभाविक रूप से विविधता भरे हैं, इसलिए निवेशक के जोखिम को कम करते हैं। म्यूचुअल फंड्स में अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले सबसे कम टैक्स देने का अतिरिक्त लाभ मिलता है। (म्युचुअल फंड्स पर कैसे टैक्स लगाया जाता है, आप यहाँ पढ़ सकते हैं)क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? ।
नए ट्रेंड की हमेशा एक नई और अलग वैल्यू होती है। इसलिए वे निवेशकों को काफ़ी आकर्षक लग सकते हैं। मगर अपनी मेहनत की कमाई को निवेश करने से पहले जोखिमों की भी तुलना करना ज़रूरी है। अच्छी तरह जाँचें-परखें और तय करें कि क्या कोई खास निवेश विकल्प आपके जोखिम प्रोफाइल और रिटर्न की उम्मीदों के अनुरूप है। निवेश के फैसले जीवन भर के लिए होते हैं और इन विकल्पों को तय करने में थोड़ा समय देना सही है।
Cryptocurrency kya hai hindi mein. How to invest in cryptocurrency in Hindi
हेलो दोस्तों और एक नया लेख में आपका स्वागत है. आजकल जहां भी आप आंख डालोगे तो हर कोई क्रिप्टोकरंसी के बात कर रहे हैं. जो लोग कभी इस आभासी मुद्रा पर विश्वास ही नहीं कर रहे थे उन लोगों ने भी आज बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात कर रहे हैं. आज हम आपको बताने वाले है Cryptocurrency kya hai
पहले पहले लोगों को यह लगता था कि क्रिप्टोकरंसी ऐसा कुछ भी नहीं है जहां से हम कुछ अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं. परंतु समय बदलता रहता है इसके साथ-साथ सारे चीजें भी बदलता रहता है. आज का समय में बिटकॉइन का वैल्यू बहुत ही बढ़ चुका है. जिन लोगों ने पहले से ही बिटकॉइन खरीद के रखा था आज की तारीख में उन लोगों ने एक तरीके का वित्तीय व्यक्ति हो चुके हैं. बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का हिस्सा है जोकि दुनिया में पहले आया था. मतलब आप यह बोल सकते हैं कि बिटकॉइन दुनिया का सबसे पहले क्रिप्टोकरंसी है और अभी के टाइम पर सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है.
अभी हम जितना भी बात किए आप यही सोच रहे होंगे कि आखिर यह cryptocurrency kya hai. आज हम आपको यह बताने वाले हैं कि cryptocurrency kya hai hindi mein. तो बिना समय वेस्ट किए यह देख लेते हैं क्रिप्टोकरंसी क्या होता है.
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क्रिप्टोकरेंसी को हिंदी में आभासी मुद्रा बोला जाता है. दुनिया का कोई भी व्यक्ति आज तक इसी को फिजिकली नहीं देखा है. जैसे कि हर देश के पास अपना-अपना मुद्रा होती है. जैसे इंडिया में रुपया चलता है, अमेरिका में डॉलर चलता है वैसे ही क्रिप्टोकरंसी एक तरह का मुद्राएं होती है. परंतु जिससे कि आप पैसा को देख सकते हैं छू सकते हैं परंतु क्रिप्टोकरंसी को आप वैसे नहीं कर सकते. फिर भी उसी का बहुत ही ज्यादा value है. डॉलर से भी ज्यादा !