ट्रेडिंग प्लेटफार्मों

क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली

क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली

National Herald Case: घंटों हुई पूछताछ में ED के तीन वरिष्ठ क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली अधिकारियों ने Rahul Gandhi के आगे दागे ये सवाल

नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली सामने पेश हुए. बताया जा रहा है कि राहुल से असिस्टेंट डायरेक्टर लेवल के तीन अधिकारियों ने पूछताछ की और उनसे नेशनल हेराल्ड के साथ यंग इंडिया को लेकर सवाल पूछे. पहले राउंड में राहुल गांधी से करीब तीन घंटे पूछताछ हुई. इसके बाद वो लंच ब्रेक के लिए निकले और गंगाराम अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती अपनी मां, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने गए. लौटकर आए तो पूछताछ का दूसरा राउंड शुरू हुआ. इस शो में जानें राहुल से क्या-क्या सवाल पूछे गए.

Congress leader Rahul Gandhi appeared before the Enforcement Directorate on Monday in connection with the National Herald case. Watch this show to know details of Congress leader's interrogation.

Gurukul Gk Word Kotputli

1.बिना विदेशी व्यापार के तथा बिना सरकारी हस्तक्षेप के पूंजीवादी अर्थव्यवस्था पाई जाती है
2.श्रम और वस्तु बाजारों में पूर्ण प्रतियोगिता पाई जाती है
3.श्रम समरूप होता है
4.अर्थव्यवस्था का कुल उत्पादन उपभोग और निवेश पर व्यय हो जाता है
5.मुद्रा की मात्रा दी क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली हुई होती है
6. मुद्रा मजदूरी और क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली वास्तविक मजदूरी का सीधा और समानुपातिक संबंध होता है
7. मजदूरी और कीमतें नमन्यशील (लोचशील) है
8. ब्याज की दर पूर्णतया लोचदार होती है
9. बिना विदेशी व्यापार के एक बन्द ,अबन्ध नीति वाली पूजीवादी अर्थव्यवस्था पाई जाती है
10. पूजी स्टाक और प्रौद्योगिकी ज्ञान दिए हुए हैं
11. बिना स्फीति के पूर्ण रोजगार पाया जाता है

▪प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री यह समझते थे कि यदि पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में कीमत प्रणाली को स्वतंत्र रूप से कार्य करने दिया जाए तो देश में पूर्ण रोजगार होने की प्रवृत्ति होती है

▪प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री समझते थे कि पूर्ण रोजगार के स्तर से जो उतार चढ़ाव होते हैं वे कीमत प्रणाली के कार्य करने के फल स्वरूप स्वयं दूर हो जाते हैं

▪प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के इस रोजगार सिद्धांत को आधुनिक अर्थशास्त्री ठीक नहीं मानते हैं

■ प्रतिष्ठित रोजगार सिद्धांत की धारणाएं

▪ रोजगार का प्रतिष्ठित सिद्धांत दो आधारभूत धारणाओं पर आधारित था

▪प्रथम धारणा यह है कि पूर्ण रोजगार के स्तर पर उत्पादन को क्रय करने के लिए पर्याप्त खर्च होना अर्थात इस सिद्धांत में पूर्ण रोजगार के स्तर पर उत्पादित वस्तुओं को खरीदने के लिए पर्याप्त व्यय के ना होने की संभावना नहीं मानी गई है

▪दूसरा सिद्धांत के अनुसार कुल व्यय में कमी हो भी जाती है तो भी कीमतों और मजदूरी मैं इस प्रकार परिवर्तन हो जाता है जिससे कुल व्यय में कमी होने पर भी वास्तविक उत्पादन रोजगार तथा वास्तविक आयु में कमी नहीं होगी

■ क्लासिकी सिद्धात की आलोचना

रोजगार के क्लासिकी सिद्धात की अवास्तविक मान्यताओं के कारण केन्ज ने इस सिद्धात की कड़ी आलोचना की है

केन्ज ने पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार को अवास्तविक माना है क्योंकि पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में अनेछिक बेरोजगारी का अस्तित्व सिद्ध करता है कि अल्परोजगार एक सामान्य स्थति है और पूर्ण रोजगार संतुलन की स्थिति असाधारण तथा आस्मिक है

2.सामान्य से अधिक उत्पादन सम्भव

से द्वारा प्रतिपादित बाजार नियम की आलोचना की और कहा जब आय अर्जित होती है तो समस्त आय खर्च नही होती कुछ अंश बचा लिया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप कुल मांग में कमी आती है

3.अर्थव्यवस्था में स्वत संयोजन असम्भव -

क्लासिक के अनुसार आर्थिक प्रणाली स्वम समायोजित होती है यह गलत है क्योकि पूंजीवादी समाज मे क्लासिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली दो वर्ग है अमीर व गरीब अमीर सारे धन को व्यय नही करते जबकि गरीब के पास खरिदने के लिए धन का अभाव होता है इस प्रकार कुल पूर्ति कुल मांग की तुलना में अधिक होती है

4.मजदूरी कटौती का खण्डन

मुद्रा मजदूरी में कटौती से अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार लाया जा सकता है इसका खंडन किया

रेटिंग: 4.48
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 454
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *