इनवेस्टमेंट क्या होती है

बेस्ट सिप (SIP) प्लान्स 2018 और उनका परफॉर्मेंस
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बेस्ट सिप (SIP) प्लान्स 2018 और उनका परफॉर्मेंस
Past performance may or may not be sustained in future (As on 18/11/2022)
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सिप (SIP) की शुरुआत कैसे करें
FundsIndia.com पर हम आपको देते हैं एक ऑनलाइन इनवेस्टमेंट प्लैटफॉर्म, और हम आपको फ्री ऐडवाइसरी सर्विसेज भी देते हैं। हमारे इनवेस्टर्स सबसे ज्यादा जो सवाल हमसे पूछते हैं वो यह है कि 'मैं हर महीने इतने हजार रुपये बचा सकता हूं, मैं म्यूचुअल फंड्स में सिप के जरिए इनवेस्ट करना चाहता हूं। प्लीज मुझे फंड्स बताएं।' हमें ऐसे ई-मेल पाकर खुशी होती है क्योंकि म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान सेविंग को इनवेस्टमेंट में डालने का बेस्ट तरीका है। इस आर्टिकल में एक सिंपल तरीके की बात करेंगे जिससे अच्छा सिप पोर्टफोलियो तैयार किया जा सके।
सबसे पहले यह तय करना होगा कि पैसे को किस तरह से लगाना है- पैसा लगाने से मेरा मतलब है कि हर महीने कितना पैसा किस तरह के म्यूचुअल फंड में जाएगा। बहुत पॉसिबल है कि चीजें इसमें थोड़ी मुश्किल लगें लेकिन इसे आसान बनाने के लिए आप बस तीन तरह के फंड्स पर फोकस कर सकते हैं- लार्ज-कैप ओरिएंटेड फंड्स (large-cap oriented funds), स्मॉल/मिड-कैप फंड्स (small/mid-cap funds) और डेब्ट फंड्स (debt funds). अगर मोटे तौर पर फंड्स में पैसे के डिस्ट्रिब्यूशन की बात करें तो 50% लार्ज कैप ओरिएंटेड फंड्स में, 20-30% स्मॉल- मिड/कैप ओरिएंटेड फंड्स में और बाकी डेब्ट फंड्स ( Debt Funds) में लगेगा। स्टेबल और ज्यादा से ज्यादा रिटर्न्स मिले इसके लिए हर सिप पोर्टफोलियो में कुछ डेब्ट फंड ( Debt Funds) कम्पोनेंट्स होने चाहिए। यह छोटा सा हिस्सा भी हो सकता है जैसे मंथली इनवेस्टमेंट का 20-25 फीसदी हिस्सा, अगर आपका पोर्टफोलियो लॉन्ग टर्म के लिए एग्रेसिव पोर्टफोलियो है तो।
दूसरी चीज, अपने पोर्टफोलियो में स्कीमों की संख्या के बारे में तय करें-यह देखते हुए कि हमारे पास ऊपर बताए गए तीन प्राइम असेट क्लासेज हैं, आपके पोर्टफोलियो में कम से कम तीन स्कीम होनी चाहिए। इसमें 7- 8 स्कीम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा में आपके फोलियो को ट्रैक और मैनेज करने में दिक्कत हो सकती है। एक आइडियल पोर्टफोलियो में पांच स्कीम होती हैं- चार इक्विटी स्कीम, और एक डेब्ट स्कीम।
तीसरा, स्कीम के बारे में तय करें- पोर्टफोलियो डिजाइन करते वक्त यह आखिरी चीज होनी चाहिए न कि पहली। एक बार आपको पता चल जाए कि आप किस तरह की स्कीम चाहते हैं और हर तरह की कितनी (ऊपर दिए गए स्टेप1 और स्टेप 2 से), यह स्टेप एक सिंपल चॉइस बन जाता है। आप valueresearchonline या Mint 50 जैसी वेबसाइट्स पर रीसर्च कर सकते हैं और उनके टॉप रेटेड फंड्स देख सकते हैं। आप सीधे से जिस क्लास में भी इंट्रेस्टेड हों उनमें से एक या दो चुन सकते हैं और आपका पोर्टफोलियो तैयार।
इन्वेस्टमेंट स्कीम में कब शुरू करें निवेश और कैसे चुनें निवेश स्कीम, जानें- यहां
आपकी उम्र 20-30 या फिर 50 साल हो गई है, लेकिन आपको निवेश जरूर करना चाहिए. निवेश के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. निवेश आपके बुरे दिनों में काम आता है. साथ ही, इससे आपके वित्तीय लक्ष्य हासिल होते हैं.
Updated: April 13, 2022 9:32 AM IST
Investment Scheme: निवेश एक यात्रा है, न कि कोई मंजिल. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहां आप एक लक्ष्य के साथ कई वित्तीय निर्णय लेते हैं, रिटर्न अर्जित करते हैं और बहुत अधिक जोखिम उठाए बिना अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करते हैं. जब आप युवा होते हैं तो निवेश करना सबसे अच्छा होता है, लेकिन आप जितनी जल्दी हो सके निवेश शुरू कर सकते हैं. यदि आपको कोई लोन नहीं चुकाना है और पहले से ही एक आपातकालीन कोष बना चुके हैं, तो नौकरी छूट जाने पर कम से कम 3 महीने की आय मिलेगी, तो चाहे आप 20, 30 या 50 वर्ष के हों, तुरंत निवेश शुरू कर दें.
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क्यों करना चाहिए निवेश?
निवेश अपनी बचत को एक प्रयास के लिए प्रतिबद्ध करने की एक योजना है, जिसका उद्देश्य आपके धन में बढ़ोतरी करना और अतिरिक्त आय या लाभ अर्जित करना होता है.
अपने जीवन में तय मंजिल पर पहुंचने के बाद आप यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके परिवार के सपने और आवश्यकताएं पूरी हों, आप योजना बना सकें और छुट्टियां ले सकें, शादी कर सकें, पढ़ाई के लिए विदेश जा सकें, अप्रत्याशित घटनाओं में भाग ले सकें, आदि. इसलिए, आपको योजना बनाने और निवेश करने की आवश्यकता होती है. हमारी बचत जो इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं? ये निवेश आपको उन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगे और अपने पैसे को काम में लगाकर आपको अपनी वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करेंगे.
कैसे चुनें निवेश स्कीम?
एक निवेश योजना चुनने के लिए, आपको अपने उद्देश्यों, तरलता की जरूरतों, निवेश क्षितिज और अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को जानना होगा. एक बार जब आपके पास एक स्पष्ट लक्ष्य हो, तो यह पता लगाना बहुत आसान हो जाता है कि आपको किस योजना में निवेश करना चाहिए. आप या तो वित्तीय संपत्ति जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बैंक जमा, पीपीएफ, आदि या गैर-वित्तीय संपत्ति जैसे सोना या अचल संपत्ति में निवेश कर सकते हैं.
लेकिन निवेश करने से पहले आपको निम्न मापदंडों का पालन करना चाहिए-
पर्याप्त शोध करें
- उन योजनाओं से अवगत रहें जो कम समय में उच्च रिटर्न का वादा करती हैं
- समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें
- रिटर्न और निवेश पर अपने कर प्रभाव पर विचार करें.
- आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करें, उतना अच्छा है.
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Dhanteras 2021 : डिजिटल गोल्ड में निवेश के तरीके, सोने के बाजार भाव पर रिटर्न तथा बाॅन्ड में ब्याज मिले अलग से
चाेरी या मेकिंग चार्च कटने के डर से सोने में पैसा लगाने से कतराते हैं तो डिजिटल गोल्ड में निवेश एक अच्छा तरीका है। आजकल डिजिटल गोल्ड खरीदने के कई तरीके हैं। आइए जानते हैं इनमें इनवेस्टमेंट के तरीके तथा इसके फायदे.
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। फिजिकल गोल्ड के मुकाबले डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट करने के बहुत सारे फायदे हैं। डिजिटल इंडिया के युग में डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के कई तरीके मौजूद हैं। सबसे पहला तरीका है म्यूचुअल फंड के जरिए गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। इसमें आप 100 रुपये से लेकर जितनी मर्जी हर महीने की एसआईपी कर सकते हैं या फिर जब सोने के भाव गिरे निवेश करते जाएं। इसमें आप ग्रोथ या डिविडेंट ऑप्शन चुन सकते हैं। ग्रोथ ऑप्शन में रिटर्न का लाभांश उसी फंड में निवेश कर दिया जाता है, जिससे आपको इनवेस्टमेंट क्या होती है कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। इस ऑशन में लंबी अवधि में तेजी से पैसा बढ़ता है। जबकि डिविडेंट ऑप्शन में हर महीने या नियत समय पर लाभांश का लगातार भुगतान किया जाता है। गोल्ड में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड की एनएवी सोने के डेली भाव पर ही आधारित होती है।
आम के आम गुठलियों के दाम : डिस्काउंट के साथ साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड में निवेश, ब्याज के साथ रिटर्न टैक्स फ्री
दूसरा तरीका साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड (एसजीबी) का है। भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एसजीबी जारी करता है। आरबीआई गोल्ड बाॅन्ड में निवेश करते समय कुछ डिस्काउंट देता है तथा साधारण ब्याज भी देता है। इसके अलावा जब भी आप गोल्ड बाॅन्ड भुनाते हैं तो आपको सोने के मार्केट रेट पर भुगतान किया जाता है। यानी आम के आम गुठलियों के दाम। साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड स्कीम 2021-22 सीरीज के तहत भारत सरकार की ओर से इनवेस्टमेंट क्या होती है आरबीआई 29 नवंबर से 3 दिसंबर, 2021 तक सब्सक्राइब करने का मौका दे रही है। इसके अलावा 10 से 14 जनवरी, 2022 तथा 28 फरवरी से 4 मार्च, 2022 के दौरान भी एसजीबी में निवेश किया जा सकेगा।
साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड के फायदे तथा संबंधित जरूरी बातें
- गोल्ड बाॅन्ड भुनाने पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री
- सोना रखने के लिए लाॅकर के किराए की बचत
- सोने के चोरी होने का डर नहीं
- बाॅन्ड जारी करते वक्त निवेशित राशि पर साधारण वार्षिक ब्याज तय होगा जिसका भुगतान हर छह महीने पर किया जाएगा।
- कम से कम एक ग्राम सोने के लिए बाॅन्ड खरीदना होगा। एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा चार किलोग्राम तक के गोल्ड बाॅन्ड में निवेश कर सकता इनवेस्टमेंट क्या होती है है।
- एसजीबी की अवधि आठ वर्ष की होगी लेकिन पांच वर्ष में भी इसे भुनाया जा सकता है।
- बाॅन्ड डिमेट अकाउंट में रखकर सेबी (स्टाॅक एक्सचेंज बोर्ड) के नियमों के तहत आप स्टाॅक एक्सचेंज में उसकी ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।
- गवर्नमेंट सिक्योरिटीज एक्ट के तहत बाॅन्ड एक से दूसरे को ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
जोखिम कर डर नहीं बिंदास करें इनवेस्टमेंट तथा ट्रेडिंग : गोल्ड ईटीएफ में निवेश मतलब खरीदने-बेचने की आजादी
सोने में डिजिटली निवेश का यह भी एक तरीका है। दरअसल यह म्यूचुअल फंड ही होता है जिसकी आप एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की तरह इसमें भी छोटे निवेशक इनवेस्ट कर सकते हैं। यहां एसजीबी की तरह कम से कम एक ग्राम सोना खरीदने की अनिवार्यता नहीं होती। साथ ही म्यूचुअल फंड की तरह इसे खरीदने बेचने के लिए दो से तीन दिन का वेट नहीं करना पड़ता। इसकी बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज या नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज पर वर्किंग डे में सुबह 9.15 बजे से शाम 3.30 बजे तक करेंट रेट पर ट्रेडिंग यानी खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। इसमें इनवेस्टमेंट क्या होती है आप निवेश करके कई साल तक के लिए छोड़ भी सकते हैं। यानी यह ट्रेडिंग के साथ-साथ इनवेस्टमेंट का भी एक बेहतरीन जरिया है। इसके लिए आपके पास डिमेट तथा ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है।
जोखिम पसंद है तो ही करें गोल्ड ट्रेडिंग : एमसीएक्स पर भी कर सकते हैं डिजिटली गोल्ड की ट्रेडिंग
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर आप डिमेट तथा ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए फ्यूचर गोल्ड की ट्रेडिंग कर सकते हैं। यहां आप एक ग्राम, आठ ग्राम तथा एक किलोग्राम सोने के लाॅट की ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसमें आपको इनवेस्टमेंट क्या होती है सोने के भाव का तकरीबन 10-12 प्रतिशत मार्जिन राशि देकर एक्सपायरी डेट तक ट्रेडिंग की सहुलियत मिलती है। यहां बस इतना ध्यान रखना होता है कि एक्सपायरी से पहले आपको लाभ या हानि जो भी हो उसका सेटलमेंट करना होता है। नहीं तो कुछ मामलों में सोने के बराबर राशि का भुगतान करके फिजिकल गोल्ड की डिलीवरी लेनी पड़ सकती है।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल गोल्ड में डिजिटली निवेश के तरीकों के बारे में जानकारी देने के लिए है। यह लेख रिटर्न की गारंटी नहीं देता। गोल्ड में निवेश बाजार इनवेस्टमेंट क्या होती है जोखिमों के अधीन है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करने, बीएसई तथा एनएसई में गोल्ड ईटीएफ की खरीद-फरोख्त या मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में गोल्ड की ट्रेडिंग से पहले अपने इनवेस्टमेंट अडवाइजर से सलाह जरूर लें।
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) क्या है, इन तरीकों से कर सकते हैं इनवेस्टमेंट
बाजार में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के लिए कई विकल्प इनवेस्टमेंट क्या होती है मौजूद हैं. ऐसे में निवेशकों के लिए कौन सा विकल्प सबसे ज्यादा फायदेमंद होगा. साथ ही निवेश के लिए किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो. AMC (Asset Management Company) के जरिए म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड एजेंट के जरिए भी निवेश का ऑप्शन मौजूद है. इसके अलावा डीमैट अकाउंट (Demat Account), वेब पोर्टल और बैंक (Banks) के जरिए भी निवेश किया जा सकता है.
AMC से बगैर कमीशन दिए खरीद सकते हैं म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के लिए वैसे तो कई विकल्प मौजूद हैं. AMC (एसेस्ट मैनेजमेंट कंपनी) यानि सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी से फंड खरीदने पर कमीशन नहीं देना पड़ता है. मार्केट में मौजूद कई फंड्स ऑनलाइन निवेश की सुविधा भी दे रहे हैं. निवेशक AMC के ऑफिस जाकर भी निवेश कर सकते हैं. दूसरी बार उनकी वेबसाइट से निवेश कर सकते हैं. SIP के जरिए AMC में निवेश अच्छा विकल्प माना जाता है. वहीं म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (AMFI) की वेबसाइट पर जाकर भी एजेंट्स खोज सकते हैं और उनके जरिए म्यूचुअल फंड की खरीदारी की जा सकती है.
एजेंट के जरिए खरीद पर देना पड़ता है टैक्स
एजेंट्स के जरिए निवेश परंपरा पुरानी है. एक्सपर्ट एजेंट से संपर्क करके ही निवेश करना चाहिए. एजेंट को कोई एक्सट्रा कमीशन न दें. बता दें कि एजेंट को म्यूचुअल फंड कंपनी से कमीशन के पैसे मिलते हैं. अलग-अलग MF के बारे में एजेंट्स बताते हैं. कुछ एजेंट के पास कई कंपनियों के लिंक होते हैं. ऐसे एजेंट्स लॉगिन भी कर सकते हैं.
डीमैट खाते के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश
- डीमैट खाते से भी MF में निवेश कर सकते हैं
- डीमैट खाता भी म्यूचुअल फंड में निवेश का अच्छा माध्यम
- डीमैट खाते से निवेश पर ब्रोकर को कमीशन देना होता है
- खाते से MF खरीदने, बेचने का काम एक जगह से संभव
- डीमैट खाते खुलवाने के लिए बाजार में कई ब्रोकर फर्म
वेब पोर्टल के जरिए निवेश
- MF में निवेश करने वाले कई पोर्टल मार्केट में मौजूद
- निवेश के लिए इन पोर्टल पर खाता बनाना जरूरी
- पोर्टल सारी दस्तावेज आपके पास भेज देंगे
- इसके लिए निवेशक को कोई फीस नहीं देनी होती
- पोर्टल को AMC कमीशन देती हैं
- निवेश से पहले एडवाइज पढ़ना जरूरी
बैंक के जरिए भी कर सकते हैं निवेश
- कुछ बैंक म्यूचुअल फंड एजेंट होते हैं
- ऐसे बैंकों के जरिए भी निवेश संभव
- अगर बैंक का फंड हाउस से करार, तो निवेश करें
निवेशकों के लिए म्यूचुअल में निवेश के कई विकल्प इस रिपोर्ट में बताई गई. हालांकि जानकारों के मुताबिक म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए AMC (एसेस्ट मैनेजमेंट कंपनी) यानि सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी से फंड की खरीद ज्यादा फायदेमंद जरिया है. इस तरीके से म्यूचुअल फंड की खरीदारी पर निवेशक कमीशन देने से बच जाते हैं.
(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)
What is Sovereign Gold Bond Scheme : सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है? निवेश के लिए लोगों में रहती है मारामारी
Sovereign Gold Bond Scheme: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,197 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. पहले की तरह ऑनलाइन निवेश करने वाले निवेशकों को सोने की कीमत में प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी.
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What is Sovereign Gold Bond Scheme: अधिकतर लोग भविष्य के लिए आज से ही निवेश करके रखते हैं. यह अच्छी आदत है, इससे आप भविष्य में आने वाली किसी भी जरूरत या परेशानी का आसानी से सामना कर पाते हैं. लोगों के लिए निवेश के अलग-अलग विकल्प होते हैं. कुछ लोग सोना खरीदते हैं तो कुछ प्रॉपर्टी में और कुछ एलआईसी में निवेश करते हैं. वहीं कुछ लोग म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट करते हैं. सरकार की तरफ से भी निवेश की अलग-अलग योजनाएं हैं, उनमें से ही एक है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme). आइए जानते हैं क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और इसमें कैसे निवेश करते हैं?
मौजूदा वित्त वर्ष में दूसरी बार आई योजना
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक तरह से डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का मौका होता है. जो निवेशक डिजिटल गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम है. यह स्कीम मौजूदा वित्त वर्ष में दूसरी बार लॉन्च की गई है. इससे पहले जून के महीने में इस स्कीम की पहली सीरीज लॉन्च की गई थी. 22 अगस्त से शुरू हुई दूसरी सीरीज में 26 अगस्त यानी शुक्रवार तक निवेश किया जा सकेगा.
एक ग्राम सोने के लिए देने होंगे 5,147 रुपये
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत बॉन्ड का इश्यू प्राइस (सोने की कीमत) 5,197 रुपये प्रति यूनिट (ग्राम) तय किया गया है. पहले की तरह इस बार भी ऑनलाइन निवेश करने वाले और ऑनलाइन भुगतान करने वाले निवेशकों को सोने की कीमत में प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी. इस तरह ऑनलाइन निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज के तहत एक यूनिट सोने के लिए 5,147 रुपये का भुगतान करना होगा.
कैसे तय होती है गोल्ड की कीमत?
जून में आई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की पहली सीरीज के तहत सोने की कीमत 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी. इस बार कीमत में प्रति ग्राम 106 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है. इस स्कीम के तहत सोने की कीमत तय करने के लिए आरबीआई लॉन्चिंग डेट (सब्सक्रिप्शन शुरू होने की तारीख) से ठीक पहले के तीन कारोबारी दिनों के दौरान के सोने के बंद भाव को आधार बनाता है. इस सीरीज का इश्यू प्राइस तय करने के लिए 17,18 और 19 अगस्त के सोने के बंद भाव को आधार बनाया गया है.
स्कीम की अवधि 8 साल
इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भारतीय नागरिक, हिन्दू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट्स, यूनिवर्सिटीज और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स पैसा लगा सकते हैं. इस योजना की अवधि 8 साल है. इस दौरान निवेशक को प्रतिवर्ष 2.5 प्रतिशत के फिक्स्ड रेट के हिसाब से ब्याज मिलता है. ब्याज का भुगतान हर 6 महीने के अंतराल पर किया जाता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 8 साल के लिए है, लेकिन जरूरत पड़ने पर 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद भी पैसा निकाला जा सकता है.
कितने ग्राम गोल्ड में कर सकते हैं निवेश
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में कोई भी निवेशक न्यूनतम 1 ग्राम सोने के लिए निवेश कर सकता है. व्यक्तिगत निवेशकों के लिए इस स्कीम इनवेस्टमेंट क्या होती है के तहत निवेश की सीमा एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम तय की गई है. इसी तरह हिन्दू अनडिवाइडेड फेमिली (HUF) के लिए भी निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम तय की गई है. लेकिन ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स जैसी संस्थाएं एक वित्त वर्ष में अधिकतम 20 किलो ग्राम सोने तक के लिए निवेश कर सकती हैं.